राजधानी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नितांत आवश्यकता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाये जाने के साथ ही हैलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पूरे प्रदेश में अधिक से अधिक हेलीपैड बनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनसे प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों को आपातकालीन परिस्थितियों में बहुत मदद मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय निवेश को बढ़ाने के लिए राजधानी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय बनाए जाने हेतु तेज़ी से प्रयास किए जाएं। एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा यदि दिलचस्पी नहीं दिखाई जाती है तो राज्य सरकार को अपने स्तर से भी जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय बनाया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन सभी हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स को बनाये जाने हेतु डेडिकेटेड टीम लगाई जाए ताकि इन प्रोजैक्ट्स पर प्रतिदिन कार्य हो साथ ही मॉनिटरिंग भी हो सके। उन्होंने कहा कि मसूरी, ऋषिकेश, हरिद्वार और पर्यटन स्थलों पर तेजी से कार्य किया जाए। उन्होंने आईडीपीएल भूमि पर भी एक हैलीपैड तैयार किए जाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर सचिव ी सचिन कुर्वे एवं अपर सचिव सी. रविशंकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

हिन्डन एयरपोर्ट से मुख्यमंत्री ने किया गाजियाबाद से पिथौरागढ़ हवाई सेवा का शुभारंभ

उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थानों को हवाई कनेक्टिविटी से जोड़ने के प्रयासों में एक और सफलता मिली है। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरपोर्ट से पिथौरागढ़ के लिए नियमित हवाई सेवा प्रारम्भ कर दी गई है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हिन्डन एयरपोर्ट पर आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में हिन्डन- पिथौरागढ़ -हिन्डन हवाई सेवा का औपचारिक शुभारम्भ किया।

हेरिटेज एविएशन कम्पनी का 9-सीटर विमान, सप्ताह में 6 दिन (गुरूवार को छोड़कर) उड़ान भरेगा। प्रतिदिन पिथौरागढ़ से सुबह 11.30 बजे प्रस्थान कर विमान 12.30 बजे हिंडन एयरपोर्ट पहुंचेगा। जबकि हिंडन एयरपोर्ट से अपराह्न 1 बजे प्रस्थान कर अपराह्न 2 बजे विमान पिथौरागढ़ पहुंचेगा।

गाजियाबाद से पिथौरागढ़ के लिए हवाई सेवा शुरू होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इससे प्रदेश के पिथौरागढ़ के अलावा अल्मोड़ा, चम्पावत, बागेश्वर से देश की राजधानी तक पहुंचने में समय की काफी बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली से पिथौरागढ़ तक सड़क मार्ग से जाने में काफी समय लगता था, जो मंहगा भी था। इस हवाई सेवा के शुरू होने से जहां लोगों के समय की बचत होगी, वहीं आर्थिक दृष्टि से भी लोगों को फायदा होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़, सीमान्त जनपद होने के कारण यह हवाई सेवा सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उत्तराखण्ड, आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। कई बार गम्भीर स्थिति होने के कारण मरीजों को हायर सेंटर रैफर करना होता है। कम समय में दूरस्थ क्षेत्रों से हायर सेंटर तक पहुंचाने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में हवाई सेवाएं बहुत जरूरी हैं। कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्रियों को भी इस हवाई सेवा से लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिथौरागढ़ में एक ट्यूलिप गार्डन बनाया जा रहा है। ट्यूलिप गार्डन बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पर्यटक यहां आयें और यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द भी ले सकें। पर्वतारोहण के लिए पिथौरागढ़ आने वाले पर्यटकों को भी इस हवाई सेवा के शुभारम्भ होने से आसानी होगी।

उत्तराखण्ड में पिछले कुछ वर्षों से हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार किया गया है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। हाल ही में मुम्बई-देहरादून-वाराणसी हवाई सेवा शुरू की गई है। देहरादून को मुम्बई, वाराणसी, जम्मू, लखनऊ, हैदराबाद, पटना, रायपुर, बंगलौर, दिल्ली, कलकत्ता, अमृतसर, जयपुर गुवाहाटी सहित दर्जनों शहरों से जोड़ा जा चुका है। टिहरी झील में सी-प्लेन के लिए एमओयू किया जा चुका है। देहरादून से पंतनगर व पिथौरागढ़ के लिए भी हवाई सेवा संचालित की जा रही है।