मुख्यमंत्री ने राज्य में योग नीति का किया औपचारिक शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण, गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण एवं 8 देशों के डेलिगेट्स के साथ योग किया। योग कार्यक्रम का शुभारंभ शंखनाद एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने योग नीति पर आधारित पुस्तिका का विमोचन करते हुए राज्य में योग नीति का औपचारिक शुभारंभ भी किया। उन्होंने “एक वृक्ष, योग के नाम“ कार्यक्रम के अंतर्गत विधानसभा परिसर में सेब का पौधा भी लगाया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा हम राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में दो नए नगर बसाने जा रहे हैं, जो योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के केंद्र बनकर वैश्विक मानचित्र पर राज्य की विशेष पहचान स्थापित करेंगे। जिसमें सम्पूर्ण विश्व से वेलनेस के क्षेत्र में काम करने वाले बड़े ग्रुप्स, आध्यात्मिक गुरुओं, संस्थानों को यहाँ आमंत्रित किया जायेगा।

सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र है भराड़ीसैंण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी विदेशी मेहमानों के सान्निध्य ने इस आयोजन को वैश्विक पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा भराड़ीसैंण, ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र भी है। उन्होंने कहा 8 मित्र राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के साथ किया गया सामूहिक योगा- अभ्यास, देवभूमि उत्तराखंड को योग और अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाएगी योग नीति

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड देवभूमि के साथ योग और अध्यात्म की भूमि भी है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार ने देश की पहली योग नीति 2025 को राज्य में लागू किया है। योग नीति उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। जिसके तहत प्रदेश में योग एवं ध्यान केंद्र विकसित करने पर अधिकतम 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। प्रदेश में योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने हेतु 10 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार का संकल्प है कि 2030 तक राज्य में पाँच नए योग हब की स्थापना की जाए और मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में योग सेवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी।

योग करता है एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग हमारे मन, आत्मा और शरीर के बीच पूर्ण सामंजस्य स्थापित करता है। योग हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ मानव जीवन को आंतरिक शांति, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक स्थिरता प्रदान करता है। योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम से शरीर और मन को तनाव से मुक्त कर सकते हैं। योग मन की एकाग्रता बढ़ाने के साथ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है।

योग ने किया विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा विश्व, योग को जीवन दर्शन के रूप में भी अपना रहा है। योग ने पूरे विश्व में जाति, भाषा, धर्म और भौगोलिक सीमाओं को पार कर मानव समाज को जोड़ने का काम किया है। योग वैश्विक एकता, समरसता और बंधुत्व का सेतु बनकर समस्त विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच और प्रेरणादायक नेतृत्व ने योग को ग्लोबल कनेक्टिविटी और मानवता की सेहत का मंत्र बनाकर विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाई है।

पलायन की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है राज्य सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में रोजगार सृजन और पलायन की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अधिक से अधिक साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी कमेटी का भी गठन किया है। ये कमेटी प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। हम युवाओं को उनके कौशल के अनुरूप पहाड़ में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं।

विद्यार्थियों से मिलने उनके बीच पहुंचे मुख्यमंत्री

भराड़ीसैंण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होने से पहले मुख्यमंत्री विद्यार्थियों और स्थानीय लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने लोगों से संवाद कर उनका हालचाल जाना और छात्रों से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर छात्रों में विशेष उत्साह और उमंग देखने को मिला । मुख्यमंत्री ने सभी को योग के महत्व से अवगत कराया और स्वस्थ जीवन के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संदेश दिया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास में आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डाे डेनियल डेलगाडो, भारत में फिजी उच्चायोग के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, भारत में नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, भारत में सूरिनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, भारत में मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, भारत में लातविया दूतावास में डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, भारत के श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास में प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना एवं तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा, विधायक अनिल नौटियाल, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. विनय रुहेला, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने विदेशी मेहमानों का भराड़ीसैंण में किया स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण, गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सभी विदेशी राजनयिकों और सुप्रसिद्ध योगाचार्य का स्वागत किया। उन्होंने इस दौरान सभी को प्रतीक चिन्ह और उत्तराखंडी टोपी देकर सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के उपस्थित राजदूत व अन्य उच्चधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड योग और आयुष की वैश्विक राजधानी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और आग्रह पर पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। 2014 में प्रधानमंत्री जी के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र संघ में 177 से ज्यादा देशों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की धरती से यह दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। उन्होंने कहा उनके शब्द हमारे लिए प्रेरणा, दिशा और संकल्प का उदघोष है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री का आयुष और वेलनेस सेक्टर के प्रति विशेष दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड को योग के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड का हिमालयी वातावरण, शुद्ध जलवायु, और आध्यात्मिक ध्यान और योग के लिए उपयुक्त है। हमारा राज्य वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन बनने की संपूर्ण क्षमता रखता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में सदियों से योग और आयुर्वेद गहराई से समाहित है। यह धरती ऋषियों, योगियों और वैद्यों की साधना स्थली रही है। उत्तराखण्ड से औषधियों कच्चे जड़ी-बूटियों की आपूर्ति देश के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी की जा रही है। दुनिया के प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि निर्माता भी उत्तराखण्ड में अपने निर्माण कार्य कर रहे हैं। यहाँ की जैव विविधता में कुटकी, जटामांसी और तिमूर जैसी दुर्लभ और विशिष्ट औषधीय वनस्पतियों पाई जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड में 100 वर्ष से भी अधिक पुराने आयुर्वेदिक संस्थान संचालित है, जैसे ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेद महाविद्यालय, जिनके माध्यम से हम पीढ़ियों से आयुर्वेदिक ज्ञान का विस्तार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद, योग और पंचकर्म के क्षेत्र में उत्तराखण्ड के पास अत्यंत प्रशिक्षित मानव संसाधन है। हमारा राज्य गुणवत्ता युक्त हिमालयी जड़ी-बूटियों की आपूर्ति एवं उनके एक्सट्रैक्ट का उत्पादन, प्रसंस्करण और साझा व्यापार किया जा सकता है। उत्तराखण्ड के पारंपरिक सुपर फूड्स जैसे मंडुवा, झंगोरा, भट्ट, बिच्छुघास, किलमोडा आदि का मूल्य वर्धन, पैकेजिंग कर वैश्विक आदान किया जा सकता है। उन्होंने कहा जीवनशैली जनित विकारों, रोग निवारण और स्वास्थ्य संरक्षण पर संयुक्त अनुसंधान एवं नवाचार कार्य हम मिलकर कर सकते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिखी पूरे उत्तराखंड की झलक
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में संपूर्ण उत्तराखंड की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम की शुरुआत नंदा देवी राज जात से हुई, इसके बाद उत्तराखंड की विभिन्न लोकनृत्य प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। इनमें झोड़ा-छपेली लोकनृत्य, नाटी व अन्य लोकप्रिय नृत्य रहे, जिन्होंने गढ़वाली, कुमाऊनी, व जौनसारी संस्कृतियों से सभी को रूबरू कराया।

इस अवसर पर भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास में आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डाे डेनियल डेलगाडो, भारत में फिजी उच्चायोग के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, भारत में नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, भारत में सूरिनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, भारत में मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, भारत में लातविया दूतावास में डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, भारत के श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास में प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना एवं तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा, योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण, विधायक अनिल नौटियाल, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. विनय रुहेला, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

पीएम के नेतृत्व में 11 वर्षों में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र से कार्य हुएः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के 11 साल पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यालय में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में अलग पहचान बनाई है। विकसित भारत के संकल्पों को सिद्धि तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 11 वर्षों में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के साथ कार्य किये जा रहे हैं। यह कालखंड हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी महत्वपूर्ण रहा। विकास और नवाचार की दिशा में देश में अनेक कार्य हो रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में वरदान साबित हो रही है। मेक इन इंडिया की ताकत से निर्यात के क्षेत्र में भारत की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-धन योजना, उज्जवला योजना, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छता अभियान, किसान सम्मान निधि और निशुल्क राशन योजना जैसी अनेकों जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देश के करोड़ों नागरिकों को मिल रहा है, जिसका परिणाम है कि आज भारत की गरीबी दर में 80 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। पिछले 11 साल में 27 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में धारा 370 की समाप्ति, तीन तलाक पर प्रतिबंध जैसे साहसिक निर्णय लिये गये। उन्होंने कहा कि भारत न केवल स्वदेशी रक्षा उपकरण बना रहा है, बल्कि दुनिया को निर्यात भी कर रहा है। भारत के रक्षा निर्यात में तेजी से वृद्धि हुई है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग वैश्विक स्तर पर 142 से सुधरकर 63 पर पहुंची है। मध्यम वर्ग को राहत देते हुए नई कर व्यवस्था में 12.75 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स से छूट दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को एक नई रफ्तार दी है। 99 प्रतिशत गांव सड़क कनेक्टिविटी से जुड़ चुके हैं। देश में प्रतिदिन 34 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हो रहा है। रेल और हवाई कनेक्टिविटी का भी तेजी से विस्तार हुआ है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। स्टार्टअप इंडिया योजना ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण कार्य बहुत तेजी से हो रहा है। दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड पर भी तेजी से कार्य हो रहे हैं। केदारनाथ और हेमकुंट साहिब रोपवे निर्माण के बाद श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी।

पीएम का राष्ट्र को संबोधन भारतीयों के मन में गर्व और आत्मविश्वास का संचार करता हैः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज राष्ट्र के नाम दिए गए संदेश को आतंकवाद के विरुद्ध देश के दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आज का राष्ट्र के नाम संबोधन प्रत्येक भारतीय के मन में गर्व और आत्मविश्वास का संचार करता है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस प्रकार से पाकिस्तान द्वारा दी जाने वाली परमाणु धमकियों को दृढ़ता से खारिज किया और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के संकल्प को दोहराया है, वह नए भारत की वैश्विक स्थिति को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों से यह सिद्ध होता है कि भारत अब किसी भी प्रकार की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की वीर भूमि के लोग राष्ट्र की रक्षा और समृद्धि के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। प्रधानमंत्री का यह संबोधन न केवल हमारी सुरक्षा नीति को स्पष्ट करता है, बल्कि प्रत्येक नागरिक को एकजुट होकर देश की रक्षा में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।

भारत सरकार, उत्तराखण्ड शासन एवं यूरोपियन निवेश बैंक के बीच हुई नेगोशिएशन में 1910 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर बनी सहमति

उत्तराखण्ड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी के अंतर्गत पिथौरागढ़, सितारगंज, रुद्रपुर व काशीपुर नगरों के लिए प्रस्तावित परियोजनाओं पर यूरोपियन निवेश बैंक के साथ लगभग 1910 करोड़ रुपये के वित्तपोषण हेतु प्रोजेक्ट नेगोशिएशन हुआ। यूरोपियन निवेश बैंक ने इन परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण की सहमति दे दी है।

प्रस्तावित राशि के अंतर्गत पिथौरागढ़ में पेयजल एवं सीवरेज तथा सितारगंज, रुद्रपुर और काशीपुर में पेयजल व्यवस्था से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पहले ही तैयार की जा चुकी हैं।

इस अवसर पर आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय की ओर से अपर्णा भाटिया, यूरोपियन निवेश बैंक से मैक्सीमीलियन और उत्तराखण्ड शासन से सचिव चन्द्रेश कुमार के मध्य वर्चुअल माध्यम से वार्ता हुई। आर्थिक कार्य विभाग ने सभी डीपीआर की समीक्षा कर यूरोपियन निवेश बैंक को साझा किया था। बैठक में यूरोपियन निवेश बैंक द्वारा इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

बैठक में यूरोपियन निवेश बैंक एवं आर्थिक कार्य विभाग ने परियोजना की तैयारी और प्रस्तुति के लिए यूयूएसडीए की प्रशंसा की। यह भी निर्णय लिया गया कि जून 2025 में परियोजना अभिलेखों पर हस्ताक्षर होंगे और निविदा प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।

कार्यक्रम निदेशक चन्द्रेश कुमार ने बताया कि पिथौरागढ़ जैसे सीमांत नगर में पेयजल एवं स्वच्छता सेवाओं की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। इन मूलभूत सुविधाओं से जीवन स्तर में सुधार आता है, जिससे राज्य के समग्र विकास को गति मिलती है।

बैठक में अपर सचिव वित्त अमीता जोशी, अपर कार्यक्रम निदेशक विनय मिश्रा, वित्त नियंत्रक बीरेन्द्र कुमार, वैभव बहुगुणा तथा विशेषज्ञ राजीव कुमार एवं अमीताब बासू सरकार उपस्थित रहे।

प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। प्रस्तावित योजना से लाभान्वित होने वाले शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के साथ स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड।

सीएम धामी से मिला नेपाल का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह के नेतृत्व में 10 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और नेपाल के मित्रतापूर्ण संबधों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक सुदृढ़ करने पर बल दिया। सीमावर्ती जिलों में आपसी समन्वय से विकास कार्यों को गति देने, सांस्कृति और धार्मिक संबंधों को बढ़ावा देने, पर्यटन विकास एवं आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड और नेपाल की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत साझा हैं और दोनों क्षेत्रों के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र में व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में सहयोग के लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत के मंत्री वीर बहादुर थापा, सदस्य घनश्याम चौधरी, नरेश कुमार शाही, झपत बहादुर सौद, शेर बहादुर भण्डारी, प्रमुख सचिव सुदूर पश्चिम प्रांत डॉ. कमल प्रसाद पोखरेल शर्मा, सचिव सूरत कुमार बम, राजनीतिक सलाहकार डॉ. जितेन्द्र उपाध्याय मौजूद थे। उत्तराखंड सरकार से प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु और सचिव विनोद कुमार सुमन इस दौरान मौजूद थे।

देहरादून में जयडे हैकेट ने की मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात

एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध संस्था ए.जे. हैकेट इंटरनेशनल के मुख्य परिचालन अधिकारी COO जयडे हैकेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान प्रदेश में विश्व स्तरीय बंजी जंपिंग प्रोजेक्ट्स को स्थापित करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर के एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने को लेकर गहन चर्चा की गई।

जयडे हैकेट, जो स्वयं 12 वर्षों से एडवेंचर टूरिज्म से जुड़े हुए हैं, और सिंगापुर स्थित स्काईपार्क सेंटोसा के संचालन व प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं, वर्तमान में ए.जे. हैकेट इंटरनेशनल के COO के रूप में कार्यरत हैं। वे अब उत्तराखंड में कुमाऊँ और गढ़वाल दोनों मंडलों में संभावित स्थानों पर बंजी जंपिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों की स्थापना की योजना पर कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उत्तराखंड में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने परियोजना के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
उत्तराखंड में इन प्रोजेक्ट्स की शुरुआत से न केवल पर्यटन को वैश्विक पहचान मिलेगी, बल्कि राज्य को एडवेंचर टूरिज्म का अंतरराष्ट्रीय हब बनाने में भी मदद मिलेगी।

जयडे हैकेट, विश्व प्रसिद्ध एडवेंचर स्पोट्र्स आइकन एलेन जॉन ए.जे. हैकेट के पुत्र हैं। ए.जे. हैकेट ने 1987 में एफिल टावर से बंजी जंप कर पूरी दुनिया को रोमांचित कर दिया था और 1988 में विश्व का पहला वाणिज्यिक बंजी जंपिंग साइट शुरू किया। उनके इस योगदान के लिए उन्हें न्यूज़ीलैंड ऑर्डर ऑफ मेरिट (ONZM) से सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने भारतीय दूतावास ताशकंद में व्यापार निवेश पर किया वर्चुवली संबोधित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के परिपेक्ष में भारतीय दूतावास ताशकन्द में आयोजित व्यापार निवेश तथा पर्यटन संवर्द्धन से संबंधित कार्यक्रम को वर्चुवली सम्बोधित किया।

मुख्यमंत्री ने ताशकंद में भारतीय दूतावास द्वारा उत्तराखंड में व्यापार, निवेश और पर्यटन के अवसरों को उजागर करने के लिए उत्तराखण्ड दिवस के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि पहली बार उत्तराखंड की उज्बेकिस्तान में इस प्रकार का अभिनव मंच मिल रहा है। एक ऐसा देश जिसके साथ भारत 2011 से आपसी संबंध साझा करता आ रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों से विभिन्न क्षेत्रों में निवेश का आह्वान करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के प्रवासी बंधुओं की सुविधा के लिए राज्य में प्रभावी व्यवस्था बनाई गई है। उत्तराखण्ड में हाल ही में देश व विदेश में रह रहे उत्तराखण्ड वासियों का सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें बड़ी संख्या में प्रवासी बंधुओं के द्वारा प्रतिभाग कर राज्य के विकास में सहयोगी बनने का आश्वासन दिया गया।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत, आध्यात्मिक स्थलों, वेलनेस टूरिज्म आयुर्वेद और एडवेंचर टूरिज्म के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। भारत के प्रमुख शहरों के साथ अच्छी हवाई कनेक्टिविटी, विश्व स्तरीय सड़कों का नेटवर्क, अच्छी कानून व्यवस्था और स्थिर राजनीतिक नेतृत्व, उत्तराखण्ड को देश विदेश के निवेशकों के लिये एक आदर्श राज्य बनाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते वे उज्बेकिस्तान के पर्यटकों और निवेशकों को उत्तराखण्ड की इन विशेषताओं का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करते है। विशेष रूप से, उत्तराखंड का आयुष एवं वेलनेस टूरिज्म जिसकी ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। निवेश की दृष्टि से उत्तराखंड में पर्यटन हॉस्पिटेलिटी आयुर्वेदिक चिकित्सा, जैविक कृषि और हर्बल दवाओं में अपार संभावनाएं है।

उन्होंने कहा कि आज विश्वमर में पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद को लेकर लोगों में रुचि बढ रही है, और इस क्षेत्र में दोनों देशों के मध्य सहयोग के अनेकों अवसर मौजूद है। हमारी सरकार इस संबंध को और मजबूत बनाने के लिए दोनों देशों के युवाओं को भी शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, यही नही शैक्षणिक साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड में संचालित आईआईटी रुड़की पहले से ही समरकंद विश्वविद्यालय के साथ जल विज्ञान, जल प्रबंधन पर साझा कार्यक्रम चला रहा है। भविष्य में भी राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों को शामिल करते हुए. इस तरह के शैक्षणिक आदान-प्रदान को सशक्त बनाने के लिए भी हमारे प्रयास जारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्बेकिस्तान की हस्तशिल्प कलाएं और उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरे हस्तशिल्प, बांस कला और ऊन बुनाई जैसे पारंपरिक शिल्पकारों के बीच आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करती है। यह कार्यक्रम दोनों पक्षों के बीच व्यापार पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने उज्बेकिस्तान के सभी नागरिकों को उत्तराखंड आने और यहां की प्राकृतिक सुंदरता एवं समृद्ध संस्कृति को अनुभव करने के लिए भी आमंत्रित किया।

अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का तृतीय सत्र

अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के तीसरे सत्र में कौशल विकास और विदेश में रोजगार की संभावना पर विचार विमर्श किया गया।

उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सत्र की विषय वस्तु रखते हुए बताया कि सरकार उत्तराखंड के युवाओं के कौशल विकास पर जोर दे रही है। आईटीआई में उद्योगों की जरूरत के अनुसार रोजगार परख कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही राज्य में नई शिक्षा नीति भी लागू कर दी गई है। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम, में हेड एकेडमिक क्वालिटी प्रोफेसर डॉ ज्योत्सना घिल्डियाल बिजल्वाण ने कहा कि हमारे युवा आज भी उच्च शिक्षा के लिए बाहर जा रहे हैं, यह एक तरह से प्रतिभा पलायन है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा में आगे होने के बावजूद, हमारे युवा भाषा के स्तर पर पिछड़ रहे हैं, साथ ही हमारे शिक्षण संस्थान अब भी ग्लोबल स्टैंडर्ड से पीछे हैं। इसे ठीक किया जाना होगा। आईआईटी दिल्ली के प्रो एसके साहा ने कहा कि तकनीकी का प्रयोग, गांवों के विकास में किया जाना चाहिए। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम में एआई के प्रोफेसर अंचित बिजल्वाण ने कहा कि ज्यादातर विदेशी शिक्षण संस्थान प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण करवा रहे हैं, भारत में भी शिक्षण प्रणाली को बदलना होगा।

विदेश के नियम कायदे भी बताएं

यूएई से आए प्रवासी उत्तराखंडी गिरीश पंत ने कहा कि विदेश में रोजगार के लिए स्किल के साथ ही युवाओं को संबंधित देश के नियम कायदों की भी सही जानकारी देनी चाहिए। खासकर जालसाजों के जरिए, विदेश जाने की प्रवृत्ति के खतरों के प्रति हमें लोगों को उजागर करना होगा। कौशल विकास विभाग में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ की कॉर्डिनेटर चंद्रकांता ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को विदेश में रोजगार प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है। इसके तहत जापान में कई युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा चुका है। अब जर्मनी और ब्रिटेन में रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) अहमदाबाद के डॉ अमित द्विवेदी ने कहा कि संस्थान युवाओं में उद्यमिता विकास के लिए हर तरह से प्रशिक्षण और सहायता दे रहा है।

स्टार्टअप में निवेश करें प्रवासी

आईआईटी रुड़की के प्रो. आजम खान ने कहा कि आज उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए बहुत संभावना हैं। इसमें प्रवासी समुदाय मदद कर सकता है। खासकर स्टार्टअप के मैंटोरशिप में प्रवासी मददगार हो सकते हैं सनफौक्स टेक्नोलॉजी के सह संस्थापक रजत जैन ने कहा कि उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए शानदार ईको सिस्टम है, युवाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए। सत्र का संचालन दून विवि की वीसी प्रो सुरेखा डंगवाल ने किया।

प्रवासी सम्मेलन में बोले विशेषज्ञ, पर्यटन में नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा उत्तराखंड

अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन के द्वितीय सत्र में पर्यटन विशेषज्ञों और प्रवासी उत्तराखंडियों ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड असीमित संभावनाओं से भरा हुआ है। कहा गया कि उत्तराखंड पर्यटन विकास के क्षेत्र में नित नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा है।

उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग के अपर सचिव अभिषेक रोहेला ने दूसरे सत्र मेें चर्चा करते हुए सरकार की तमाम पर्यटन योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की महामारी के बावजूद उत्तराखंड पर्यटन विकास के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा में रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। सरकार ने इस बार से शीतकालीन यात्रा भी शुरू की है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने साहसिक पर्यटन, पर्यटन सर्किट, होम स्टे, उत्तराखंड टूरिस्ट पालिसी का जिक्र किया और सरकार के स्तर पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

ताज ग्रुप के आईएचसीएल के जीएम मनोज मिश्रा ने बताया कि उनके ग्रुप के 17 होटल इस वक्त उत्तराखंड में हैं और बहुत जल्द देहरादून का प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका ग्रुप विरासत का सम्मान, सतत विकास के लिए सहभागिता, पर्यावरणीय हितों का ध्यान, स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर और कौशल विकास जैसे पहलुओं को ध्यान में रखकर काम कर रहा है।

स्टारकैप्स के मेंटर व एकेडमिक हेड अमिताभ पांडेय ने एस्ट्रो टूरिज्म पर बात की। उन्होंने कौसानी में नक्षत्र सभा की स्थापना से जुडे़ अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पहुंचना आसान है। वनों की सघनता है। दूरस्थ में अति दर्शनीय स्थान है। ये सारे पहलु एस्टो टूरिज्म को बढ़ावा देने के मजबूत आधार हैं।

राजस एरो स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मनीष सैनी ने हेली सेवा के माध्यम से उत्तराखंड को जोड़ने पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि हिमालय दर्शन के माध्यम से हेली सेवा देने का अनुभव बहुत अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमालय में कई ऐसी जगह है, जहां तक आप नहीं पहुंच सकते। ऐसी स्थिति में हेली सेवा कारगर साबित हो सकती है। उन्होेंने अपनी प्रस्तावित जायरो एक्सपडीसन का भी जिक्र किया और कहा कि बहुत जल्द इस पर काम शुरू किया जाएगा।

ईको ग्लैंपस कानाताल के फाउंडर व सीईओ संजीव शर्मा ने कहा कि पर्यावरण का ध्यान में रखते हुए ग्लैंपिंग पर्यटन का ऐसा माध्यम है, जिसके कई लाभ है। सीमित संसाधनों से स्थानीय लोगों के रोजगार के बडे़ जरिये इससे बनाए जा सकते हैं। उन्होंने अपनी संस्था के स्तर पर किए जा रहे कार्यों और उसमे महिलाओं की भागीदारी का खास तौर पर जिक्र किया।

जापान से आए प्रवासी उत्तराखंडी भुवन तिवारी ने बताया कि जापान में पर्यटन के क्षेत्र में भारत की 16 कंपनियां काम कर रही हैं, जिसका संचालन करने वाले 50 फीसदी उत्तराखंडी हैं। उन्होंने कहा कि जापान से आने वाले पर्यटक ज्यादातर हरिद्वार व ऋषिकेश ही आते हैं। उन्हें पहाड़ के अन्य स्थानों तक लाने के प्रयास होने चाहिए।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एके त्रिपाठी ने कहा कि आयुष व वैलनेस पर देश दुनिया की कितनी रूचि है, इसका पता पिछले दिनों आयोजित वर्ल्ड आयुष कांग्रेस से चल सकता है। इस आयोजन में रिकार्ड रजिस्ट्रेशन हुए हैं। उन्होंने कहा कि वैलनेस का मतलब है कि किन नियमों का पालन करके स्वस्थ रहा जा सकता है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड आयुष राज्य है। यहां पर दुर्लभतम मेडिकल प्लांट मौजूद हैं। इनके बेहतर उपयोग करके देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम आगे बढ़ाने के लिए काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश को वर्ल्ड कैपिटल योगा घोषित किया गया है। यह वर्ल्ड सिटी ऑफ वैलनेस भी है। उन्होंने आयुष व वैलनेस के संबंध में प्रदेश सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए उनके बारे में विस्तार से बताया। पर्यटन विभाग की अधिकारी पूनम चंद्र ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर सचिव पर्यटन श्री सचिन कुर्वे भी मौजूद थे, इस मौके पर प्रवासी उत्तराखंडियों और मेहमानों का सम्मान किया गया। संचालन आरजे काव्य ने किया। संचालन आरजे काव्य ने किया।