युद्ध समाप्ति को लेकर भगवान शिव से करें प्रार्थनाः यूक्रेनी राजदूत


महाशिवरात्रि का पर्व देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। (ukraine ambassador says lord shiva can save from war).एक तरफ देश के तमाम शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन में रूस के हमलों से बर्बादी की आग बरस रही है। भारत मे यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा का मानना है कि भगवान शिव ही इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म कर सकते हैं। आप सभी इसके लिए प्रार्थना करें।
यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि ‘आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है। भारत मे हर इंसान में शिव का निवास है। शिव ही ऐसे विकट हालात से निकाल सकते हैं। प्लीज आप सभी भगवान शिव से प्रार्थना करें कि इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करें।’
इससे पहले यूक्रेन में फंसे भारतीयों के साथ बॉर्डर पर हो रहे दुर्व्यवहार पर जब पोलिखा से सवाल किया गया यो उन्होंने कहा कि यूक्रेन किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है। यूक्रेन के लिए सभी देशों के नागरिक एक समान हैं और सभी भारतीय को सुरक्षित भेजने की कोशिश की जा रही है। जो कुछ घटनाएं सामने आई हैं जिसमें शरणार्थियों के साथ बॉर्डर-गार्ड्स ने बदसूलकी की है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि सभी शरणार्थी अनुशासन का पालन करें। इस सब के लिए रूस जिम्मेदार है। हमारी कोशिश है कि सभी को सुरक्षित निकाला जाए।

उत्तराखंड के 226 लोगों की सूची सरकार ने विदेश मंत्रालय को भेजी

उत्तराखंड सरकार ने यूक्रेन में फंसे 226 राज्यवासियों की लिस्ट विदेश मंत्रालय को उपलब्ध करा दी है। हालांकि राज्य के विभिन्न जिलों से कुछ और लोगों के भी यूक्रेन में फंसे होने की सूचना आ रही है। लेकिन गृह विभाग प्रमाणित नामों को ही केंद्र सरकार के पास भेज रहा है। यह संख्या बढ़नी तय है।

गृह विभाग ने गुरुवार को हेल्पलाइन नंबर जारी करने के साथ ही सभी डीएम, एसएसपी को भी अपने- अपने जिलों से यूक्रेन में फंसे लोगों की जानकारी लेने को कहा था। इस कारण दिनभर जिलों के पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर व्यस्त रहे, सर्वाधिक व्यस्तता देहरादून में 112 के मुख्यालय में रही, यहां 83 कॉल दर्ज की गई।

अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऐसे 226 उत्तराखंडवासियों की लिस्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा और भी लोगों ने अपने परिजनों के युद्धग्रस्त देश में फंसे होने की जानकारी दी है।

हेल्पलाइन नंबर
पी रेणुका देवी (नोडल अधिकारी) : 7579278144
प्रमोद कुमार (सहायक नोडल अधिकारी): 9837788889
आपातकालीन नंबर: 112 (टोल फ्री)
उत्तराखंड सदन : 011-26875614-15

स्पीकर ने तीर्थनगरी के युवक से वीडियो कॉल पर वार्ता की, यूक्रेन से वापसी का दिया भरोसा


स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने यूक्रेन की राजधानी कीव में रंगोली रेस्टोरेंट में कार्यरत ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के गौहरीमाफी निवासी हरि सिंह पुंडीर से वीडियो कॉल कर वार्ता की। उन्होंने हरि सिंह पुंडीर को घर वापसी के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

इस मौके पर उन्होंने हरिसिंह पुंडीर से वहां के हालात भी जाने। साथ ही उनकी कुशलक्षेम भी पूछी। कहा कि सरकार प्रत्येक उत्तराखंड वासियों को घर वापसी के लिए हर तरह का प्रयास कर रही है। उन्होंने पुंडीर को आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द ही उनकी उत्तराखंड वापसी होगी। इस दौरान हरि सिंह पुंडीर के पिता राम सिंह पुंडीर, गौहरीमाफी के प्रधान रोहित नौटियाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने जानकारी दी है कि यूक्रेन में फसे ऋषिकेश की गंगा नगर निवासी तमन्ना त्यागी एवं मधुर विहार गढ़ी रोड श्यामपुर की निशा ग्रेवाल को अन्य भारतीय छात्रों के साथ यूक्रेन से रोमानिया बॉर्डर तक बस में पहुंचा दिया गया है जल्द ही रोमानिया से भारत के लिए उन्हें एयर लिफ्ट किया जाएगा।

219 भारतीय छात्रों का पहला दल रोमानिया से विमान के जरिए मुंबई के लिए रवाना

युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी शुरू हो गई है। रोमानिया से 219 भारतीय छात्रों को लेकर पहला विमान मुंबईआ के लिए उड़ान भर चुका है। यूक्रेन का एयरस्पेस बंद होने के कारण विदेश मंत्रालय ने रोमानिया, (first flight of 219 indians took off from romania as evacuation from ukraine started) हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया के रास्तों से भारतीयों को एय़रसलिफ्ट करने का प्लान बनाया है। पहली फ्लाइट में अधिकतर छात्र मौजूद हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हजारों भारतीय स्टूडेंट्स और नागरिक अपने सपनों को पूरा करने के लिए यूक्रेन गए थे। लेकिन रूस के हमले की वजह से वो भारी संकट में फंस गए हैं। इस मुश्किल घड़ी में भारत सरकार उनके साथ मजबूती के साथ खड़ी है। फ्लाइट टेकऑफ से पहले रोमानिया में भारत के राजदूत राहुल श्रीवास्तव ने लोगों से कहा कि भारत सरकार उन्हे सकुशल भारत पहुंचाने के लिए दिन रात काम कर रही है। और जब तक हम भारतीय को यूक्रेन से नही निकाल लाते तब तक हमारा मिशन चलता रहेगा।

यूक्रेन का एयरस्पेस बंद होने के कारण रोमानिया, हंगरी, पौलैंड जैसे देशों के रास्ते वापस लाने का प्लान बनाया गया है। कल शाम से ही यूक्रेन में फंसे भारतीय विशेष वाहनों से पोलैंड औऱ रोमानिया बॉर्डर पर जा रहे हैं। यहां विदेश मंत्रालय के अधिकारी कैंप लगाकर मौजूद हैं। यूक्रेन से पोलैंड, रोमानिया आने वालों को विशेष हिदायत है कि वे भारत का झंडा अपने वाहन पर लगाकर रखें।

सरकार यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहीः डोभाल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूक्रेन में रह रहे उत्तराखण्ड के लोगों की सुरक्षा के संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से फोन पर वार्ता की। डोभाल ने कहा कि भारत सरकार यूक्रेन में रह रहे सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। देश वापिस लौटने के इच्छुक भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को यूक्रेन में रह रहे उत्तराखण्ड के छात्रों और अन्य लोगों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूक्रेन में निवासरत उत्तराखण्ड के लोगों की सुरक्षा के संबंध में अधिकारियें के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को विदेश मंत्रालय के लगातार सम्पर्क में रहने के निर्देश दिये। यूक्रेन में रह रहे उत्तराखण्ड के छात्रों और नागरिकों के परिजनों से भी लगातार सम्पर्क बनाएं रखें।

यूक्रेन में निवासरत उत्तराखण्ड के लोगों की सुरक्षा के संबंध में उनके परिजनों से प्राप्त हो रही जरूरी सूचनाओं के संकलन के लिये पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती पी. रेणुका देवी (मोबाईल नम्बर 7579278144) और पुलिस अधीक्षक श्री प्रमोद कुमार (मोबाईल नम्बर 983778889) को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। बताया गया कि जारी किये गये टोल फ्री नम्बर 112 पर अभी तक यूक्रेन में निवासरत 95 लोगों के परिजनों ने सम्पर्क स्थापित किया है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूक्रेन में निवासरत लोगों के कुछ परिजनों से भी फोन पर बात की है। मुख्यमंत्री ने परिजनों से धैर्य बनाए रखने की अपील की। कहा कि पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार विदेश मंत्रालय के लगातार सम्पर्क में है। भारत सरकार यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिये हर सम्भव प्रयास कर रही है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन, एडीजी संजय गुन्ज्याल व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

रूस में राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन, युद्ध खत्म करने की मांग

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से पूरे विश्वभर में लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है, स्वयं रूस को अपने ही देश के लोगों का विरोध भी सहना पड़ रहा है। पुतिन की तुलना हिटलर से की जा रही हैं।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा के कुछ ही देर बाद, देश भर के रूसी नागरिक उनके कार्यों की निंदा करने के लिए सड़कों पर उतर आए। गुरुवार शाम मास्को के केंद्र में 1,000 से अधिक लोग “युद्ध नहीं चाहिए” के नारे लगाते हुए इकठ्ठा हुए। लोगों ने सड़को पर पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने युद्ध खत्म करने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने ऐतिहासिक गोस्टिनी ड्वोर शॉपिंग आर्केड के बाहर सेंट पीटर्सबर्ग सहित कई अन्य शहरों में भी सड़कों पर उतरे। भारी पुलिस बल की पृष्ठभूमि में कुछ लोगों ने राष्ट्रपति की कठोर निंदा की।

न केवल रूस, बल्कि यूक्रेन के आक्रमण की निंदा करने के लिए गुरुवार को टोक्यो से तेल अवीव और न्यूयॉर्क तक के शहरों में सार्वजनिक चौकों और रूसी दूतावासों के बाहर प्रदर्शनकारी निकले। स्विस राजधानी बर्न में, सैकड़ों लोग यूक्रेन के झंडे पकड़े हुए और “यूक्रेन के लिए शांति!” का नारा लगाते हुए एकत्र हुए।

अन्य प्रदर्शन बेरूत, तेल अवीव, डबलिन और प्राग में आयोजित किए गए। ओवीडी-इन्फो राइट्स मॉनिटर ने कहा कि गुरुवार को पुलिस ने रूस के 53 शहरों में 1,667 से कम लोगों को हिरासत में लिया था। तास समाचार एजेंसी ने बताया कि अकेले मास्को में छह सौ लोगों को गिरफ्तार किया गया।

यूक्रेन में फंसे उत्तराखंडियों को भारत सकुशल वापस लाने का सिलसिला शुरू


यूक्रेन पर रूस के हमलों के बाद वहा फंसे भारतीयों को वापस लाने का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन यूक्रेन से बेहद सीमित संख्या में फ्लाइट होने के चलते हजारों भारतीयों को वापस लाने में कई दिन लग सकते हैं। इस बीच उत्तराखंड सरकार ने भी यूक्रेन में फंसे उत्तराखंडियों को वापस लाने के लिए कवायद तेज कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क साधा। उन्होंने कहा कि राज्य के एक-एक नागरिक को सकुशल लाया जाएगा।

बुधवार को रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर हवाई हमले किए। हालांकि अभी नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है, लेकिन बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने की चिंता होने लगी है। करीब 20 हजार से ज्यादा भारतीय यूक्रेन के विभिन्न क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें से अधिकतर आईटी सेक्टर औऱ मेडिकल क्षेत्र के हैं। उत्तराखंड के भी 400 से 500 छात्र यूक्रेन में रहते हैं, इनमें से ज्यादातर मेडिकल क्षेत्र के हैं।

इस बीच केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकों को लाने का अभियान शुरू कर दिया है। आज पहली फ्लाइट भारतीयों को लेकर भारत वापस आ गई है। उत्तराखंड के छात्रों के लेकर भी मुख्यमंत्री ने लगातार केंद्र सरकार से संपर्क साधे हैं। इस संबंध में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से भी बात की गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय की ओर से आश्वस्त किया गया है कि भारतीय छात्रों व नागरिकों को सकुशल वापस लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूक्रेन में मौजूद उत्तराखंड राज्य के नागरिकों की जानकारी जुटाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड के कई छात्र यूक्रेन की राजधानी कीव, लिवीव और खारकीव शहरों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए हैं। इनमें राजधानी देहरादून के छात्र भी हैं।

गणेश गोदियाल ने सीएम से की मांग, बोले यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के वासियों की हो वापसी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल नें मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यूक्रेन में फंसे उत्तराखण्ड प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लोगों की घर वापसी सुनिश्चत करने हेतु केन्द्र सरकार से विशेष विमानों की व्यवस्था करवाये जानें कि मांग की।

किसी तीसरे के खिलाफ नहीं होता है भारत का दोस्ती का हाथः मोदी

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। उन्होंने यूएन के स्वरूप को आज के बदलते युग में बदलने की मांग की। उन्होंने कहा कि यूएन में भारत अपनी व्यापक भूमिका देख रहा है। कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष आॅनलाइन आयोजन किया गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी भाषा में अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत जब किसी भी देश से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वह किसी तीसरे देश के खिलाफ बिल्कुल नहीं होती है। भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती। हम विकास की अपनी यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहंीं रहते हैं।

मंगल ग्रह के धरती के समीप आने से 22 सितंबर को दिन-रात होगे समान

22 सितंबर को 12 घंटे का दिन और 12 ही घंटे की रात होगी। यह मंगल ग्रह के धरती के समीप आने के कारण होगा। इन दिनों मंगल ग्रह काफी चमकता दिख रहा है। यह निरंतर धरती की तरफ आ रहा है। छह अक्टूबर को यह धरती के सर्वाधिक करीब होगा। इस बार 22 सितंबर को दिन व रात बराबर होने जा रहे हैं।

साल में दो बार ऐसी स्थिति बनती है, जब दिन व रात का समय बराबर हो जाता है। सितंबर से पहले 20 मार्च में भी दिन व रात की अवधि बराबर रहती है। वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में 23 सितंबर को दिन व रात की अवधि बराबर थी। अगले साल भी 22 सितंबर को दिन व रात बराबर होंगे। इसके बाद 2022 व 2023 में 23 सितंबर को दिन व रात बराबर होंगे। सितंबर माह में दिन रात समान होने की तारीख का दिन अंतर दो साल के अंतराल में आता है। इस बीच साल के दो दिन ऐसे भी होते हैं, जब 20 या 21 जून का दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है और 21 या 22 दिसंबर की रात वर्ष की सबसे लंबी रात होती है।