राहत एवं बचाव कार्यों के लिए धनराशि की पर्याप्त व्यवस्था-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली। सचिव आपदा प्रबंधन को उन्होंने निर्देश दिये कि जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाये रखें। अतिवृष्टि के कारण राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगे जाने पर यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने बालगंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र के प्रभावित गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया को भी शीघ्र से शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी जनपदों को इस वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 315 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर जनपदों को और भी धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिलाधिकारी हरिद्वार, टिहरी, देहरादून, चमोली, नैनीताल, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी से बारिश की स्थिति, जानमाल के नुकसान, जलभराव की स्थिति, सड़कों, पुलों, पेयजल और विद्युत की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अगले 24 घण्टे सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रखें। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए और उनके रहने खाने की पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी जाए। सुरक्षित स्थानों पर लाये जा रहे बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती माताओं को रहने के साथ दवाइयों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़के बाधित होने की स्थिति में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए। उन्होंने पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को पेयजल और विद्युत की सूचारू आपूर्ति हो। चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं रखने के उन्होंने निर्देश दिये हैं। यात्रा मार्ग में अतिवृष्टि के कारण यदि कहीं पर मार्ग बाधित होते हैं या आगे कोई खतरा प्रतीत होता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए। अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराये जाने के साथ ही फसलों और मवेशियों को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिए हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विनय कुमार रूहेला, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन राजकुमार एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

29.76 करोड़ की लागत से सीएम ने किया एकीकृत भवन का लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.टी पार्क देहरादून में लेखा परीक्षा विभाग, रजिस्ट्रार चिट्स फर्म्स एवं सोसायटी तथा अर्थ एवं संख्या के नव निर्मित एकीकृत भवन का लोकार्पण किया। इस भवन का निर्माण ब्रिटकुल द्वारा 29.76 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है।

मुख्यमंत्री ने तीनों विभागों को अपना भवन मिलने पर विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सबके प्रयासों से यह भवन जल्द बनकर तैयार हुआ। विभागों को अपना भवन मिलने से कार्यों के संचालन में आ रही कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण राज्य सरकार का मूल मंत्र है। तीन विभाग एक ही भवन पर संचालित होने से लोगों को आसानी होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि तीनों विभागों को अपना भवन मिलने से विभागों की कार्यक्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यहां पर आने वाले आगंतुकों की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से कार्य कर रही है। हर विभाग को लक्ष्य दिया गया कि राज्य और जनहित में कोई महत्वपूर्ण योजना और कार्यों पर कार्य करें, जो प्रदेश की जनता के लिए समर्पित हो। उन्होंने कहा कि हर विभाग को अपने कार्य व्यवहार में नवाचार लाने होंगे। सभी अधिकारी और कर्मचारी जिस विभाग में भी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें अपने विभाग में अपना अहम योगदान देना होगा, जिससे उनके योगदान को हर कोई लंबे समय तक याद रख सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह सभी विभागों का दायित्व है कि उनके सभी कार्यालय स्वच्छ हों।

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि तीनों विभागों को अपना भवन मिलने के बाद कार्य करने में सुगमता होगी। इससे विभागीय कार्मिकों में कार्यों के प्रति दक्षता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रयोजन से तीनों विभागों के लिए एकीकृत भवन बनाया गया है, उसका आम आदमी को पूरा लाभ मिलना जरूरी है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, एस.एन. पाण्डेय एवं तीनों विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

प्लास्टिक को ना कहने की आदत ही पर्यावरण को बचाएगी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आईटी पार्क देहरादून स्थित गौरा देवी पर्यावरण भवन में उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट कार्यशाला को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की पहली वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, काशीपुर ईकाई का वर्चुअल एवं प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर आधारित लघु फिल्म का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर आधारित स्टॉलों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस कार्यशाला में प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाली चुनौतियों के निस्तारण के सबंध में की जाने वाली चर्चा निश्चित रूप से राज्य में पर्यावरण के मानक व स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि आज हमारे घरों, उद्योगों, होटलों, रेस्टोरेंट, प्रतिष्ठानों से निकलने वाला प्लास्टिक वेस्ट हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। इस चुनौती से निपटने के लिए हमें आधुनिक तकनीक से प्लास्टिक कचरे के रिसाइक्लिंग तकनीक को विकसित करने की दिशा में जागरूक और संवेदनशील बनने की आवश्यकता है। सिंगल यूज प्लास्टिक को हमारे जीवन की उपयोगिता से बाहर करने की दिशा में हम सबको सामूहिक रूप से अधिक गंभीर होने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्लास्टिक उत्पादन से संबंधित उद्योगध्इकाई द्वारा ई.पी.आर रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में उत्तर भारत में उत्तराखण्ड वर्तमान में अग्रणी है, जो निश्चित रूप से एक गौरव का विषय है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला में किया जाने वाला मन्थन निश्चित रूप से हमारे उद्यमियों और आम जनता को अपने प्रतिष्ठान, घर, शहर और गांव के साथ ही पूरे राज्य को स्वच्छ बनाने में सहयोग करेगा। अब समय आ गया है कि हमें उत्तराखण्ड में वेस्ट टू वैल्थ और वेस्ट टू एनर्जी की दिशा में काम करने की ओर अग्रसर होना होगा। अब सर्कुलर इकोनॉमी का कॉन्सेप्ट आ चुका है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में कारगर साबित होगा। कचरे को सिर्फ कचरा न समझ कर एक संसाधन के तौर पर देखने की आवश्यकता है। इससे आम लोगों को आजीविका के साथ-साथ रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे। आज देश में कई स्टार्टअप इस दिशा में नई तकनीक व उत्पाद के साथ सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान, शौचालय निर्माण, नमामि गंगे अभियान जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत करके सम्पूर्ण विश्व को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा तथा अन्य स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से प्लास्टिक हटाओ अभियान में तेजी आयी है। प्लास्टिक व अन्य प्रकार के वेस्ट मैनेजमेंट हेतु रिड्यूस, रियूज और रीसाइकिल के सिद्धान्त को अपनाते हुए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा नीति, गाईडलाईन्स व एसओपी बनाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में शुरू किया गया मिशन लाईफ हर व्यक्ति के जीवन से जुड़ा विषय है। यदि हम अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करे तो आज पर्यावरण प्रदूषण की जो बड़ी चुनौती हमारे सामने खड़ी है, उससे निपटा जा सकता है और धरती को एक बड़े खतरे से बचाया जा सकता है। पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित जीवनशैली व दिनचर्या को अपनाते हुए हम पूरे विश्व को यह सन्देश दे सकते हैं कि हमारे प्रदेश व देश के नागरिक पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग व प्रतिबद्ध हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आर.के सुधांशु, निदेशक पर्यावरण एस. पी सुबुद्धि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक, संयुक्त निदेशक पर्यावरण नितेश मणि, वर्चुअल माध्यम से विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर युगल किशोर पंत एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।