उत्तराखंडः पहली बार आयोजित एशियन कैडेट फेंसिंग कप में 17 देशों से हल्द्वानी पहुंचे खिलाड़ी

आज हल्द्वानी पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम गौलापार में एशियाई कैडेट कप फेंसिंग प्रतियोगिता का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया।

इस महत्वपूर्ण आयोजन में सभी प्रतिभागियों को बधाई देते अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी खिलाड़ी अपने अनुशासन, परिश्रम और सकारात्मक सोच से न केवल खेलों में नई ऊंचाइयाँ हासिल करेंगे, बल्कि समाज के समक्ष भी आदर्श प्रस्तुत करेंगे तथा उत्तराखंड को सभी क्षेत्रों में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में भी इसी प्रकार कार्य करती रहेगी। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से कहा कि वह पर्यावरण संरक्षण के प्रति सदैव सजग रहें और पौधारोपण, जल-संरक्षण व स्वच्छता के प्रति न केवल स्वयं का योगदान सुनिश्चित करें, बल्कि समाज को भी इसके लिए जागरूक करें, साथ ही नशे के दुष्प्रभावों के प्रति स्वयं भी सजग रहें और युवा पीढ़ी को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जब एक फिट व्यक्ति नशा मुक्ति का संदेश देता है, तो वो संदेश हर युवा तक जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना तथा खेल किट योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है, साथ ही उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार और हिमालय खेल रत्न पुरस्कार प्रदान कर खिलाड़ियों की योग्यता को भी सम्मानित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त राज्य की राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू कर दिया है, जिससे राज्य के खिलाड़ियों के परिश्रम और उत्कृष्टता को उचित अवसर और सम्मान मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी दौरान राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50-50 लाख रुपए की सम्मान राशि से भी पुरस्कृत किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेलों के समग्र विकास और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार ने नई खेल नीति लागू की है। जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तार की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं साथ ही, माननीय रेल मंत्री जी से यहाँ नई ट्रेनें देने के लिए भी आग्रह किया है, जिससे यहां आने वाले यात्रियों, पर्यटकों और खिलाड़ियों को बेहतर यातायात सुविधाएँ उपलब्ध हो सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हल्द्वानी में उत्तराखंड के प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने के अपने संकल्प को साकार करने हेतु तत्परता से कार्य कर रही है। विश्व विद्यालय की स्थापना के बाद खेल शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी एक अलग पहचान बनाएगा। यहाँ बढ़ती स्पोर्ट्स एक्टिविटी को देखते हुए यहाँ के कारोबारियों को भी भविष्य में लाभ प्राप्त होगा। और पर्यटकों की सुविधा में भी बढ़ोत्तरी होगी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर पहली बार राष्ट्रीय खेलों में 7 वां स्थान प्राप्त कर एक नया इतिहास रचा है। राज्य में 517 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया है। इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड केवल राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। जिसका एक उदाहरण ये एशियन कैडेट कप भी है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में शीघ्र ही एक स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान भी लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। उनके मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक स्वरूप में भारत में फेंसिंग खेल की शुरुआत काफी देर से हुई और अन्य खेलों की तुलना में फेंसिंग को उतना प्रोत्साहन भी नहीं मिल पाया। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में फेंसिंग ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित भवानी देवी के राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलो में मेडल के बाद अब युवाओं का इसके प्रति रुझान और अधिक बढ़ा है। आज युवा न केवल इस खेल में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आज जिस प्रकार शूटिंग, आर्चरी और जैवलिन थ्रो जैसे खेलों में पूरे विश्व में भारत का परचम लहराता है। आने वाले समय में फेंसिंग में भी हमारे युवा अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन से नए-नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे। फेंसिंग यानि तलवारबाजी की कला मानव सभ्यता के आरंभ से ही अस्तित्व में रही है। प्राचीन भारत में शस्त्र और शास्त्र दोनों के ज्ञान को ही पूर्ण शिक्षा माना जाता था और प्राचीन काल में शस्त्रविद्या हमारी शिक्षा का अनिवार्य अंग हुआ करती थी। हमारे गुरुकुलों में युवाओं को केवल वेद-पुराण और शास्त्रों का अध्ययन ही नहीं कराया जाता था, बल्कि आत्मरक्षा और समाज की रक्षा हेतु तलवार चलाने, गदा एवं धनुष-बाण चलाने और युद्धकला का प्रशिक्षण भी दिया जाता था। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि देश में प्रथम बार आयोजित हो रही इस अंतर्राष्ट्रीय फेंसिंग प्रतियोगिता के आयोजन की मेजबानी का सुअवसर देवभूमि उत्तराखंड को प्राप्त हुआ है।

इससे पहले, मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय फेंसिंग महासंघ के महासचिव राजीव मेहता ने आयोजन के संबंध में विभिन्न जानकारियां दी उन्होंने अवगत कराया कि खेल एशियाई फेंसिंग परिसंघ की ओर से आयोजित 5 दिन स्पर्धा के मुकाबले आगामी 23 सितंबर तक खेले जाएंगे जिसमें देश-विदेश के लगभग 250 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं जिसमें भारत से लगभग 150 खिलाड़ी प्रतिभा कर रहे हैं बालक बालिका वर्ग में होने वाले होने जा रही इस स्पर्धा में तजाकिस्तान सीरिया मलेशिया श्रीलंका थाईलैंड इंडोनेशिया आदि देशों के खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, प्रमोद नैनवाल, उत्तरांचल ओलंपिक संघ के अध्यक्ष महेश नेगी, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, उत्तराखंड सरकार में दायित्वधारी डॉ अनिल कपूर डब्बू, शंकर कोरंगा, नवीन वर्मा, दीपक महरा, मेयर काशीपुर दीपक बाली, आयुक्त कुमाऊं मंडल व सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत, जिलाधिकारी वंदना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, अन्य देशों से आए खिलाड़ी, खेल प्रेमी आदि उपस्थित रहे।

सीएम धामी ने सिंगटाली पुल के लिए 57 करोड़ रुपए की स्वीकृत दी

गढ़वाल और कुमांऊ को जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित सिंगटाली पुल के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 57 करोड़ की वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। इससे पुल निर्माण जल्द प्रारंभ होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पूर्व की घोषणा के क्रम में पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा में प्रस्तावित इस पुल के लिए अहम वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंगलवार को शासन द्वारा प्रमुख अभियंता लोनिवि को इस बारे में विधिवत आदेश जारी कर दिए गए हैं। कौडियाला- व्यासघाट मोटर मार्ग के किमी 01 में गंगानदी पर प्रस्तावित सिंगटाली पुल की कुल लंबाई 150 मीटर है, इस पर कुल लागत 57 करोड़ 5 लाख 25 हजार की लागत आनी है। मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित व्यय दृ वित्त समिति पहले ही इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे चुकी है। इस तरह इस बहुप्रतीक्षित पुल के निर्माण की सभी बाधाएं अब दूर हो चुकी है, जिससे शीघ्र पुल निर्माण प्रारंभ हो सकेगा।

सिंगटाली पुल की मांग जनता लंबे समय से कर रही थी। इस पुल के निर्माण से गढ़वाल- कुमांऊ के मध्य सड़क सम्पर्क और मजबूत हो सकेगा। अब तेजी से निमार्ण कार्य प्रारंभ करते हुए, तय समय में इसे पूरा किया जाएगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड।

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर सीएम ने किया काशीपुर में वर्चुअल प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर काशीपुर, ऊधमसिंहनगर में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विभाजन स्मृति स्मारक स्थल का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने देश के विभाजन का दंश झेलने वालों को नमन करते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन हम कभी नहीं भूल सकते, जब मजहब की आड़ में भारत को दो हिस्सों में बाँट दिया गया। जहां एक ओर 15 अगस्त 1947 को पूरा देश आजादी का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा था वहीं, उससे ठीक एक दिन पहले ही, देश को दो टुकड़ों में बाँट दिया गया। करोड़ों लोगों को विभाजन की विभिषिका से गुजरते हुए अपने घर, गाँव, खेत-खलिहान, दुकान-व्यापार और अपनों से बिछड़कर शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर होना पड़ा। आज भी उन लोगों की आँखों में वो पीड़ा है, जिनके माँ-बाप इतिहास के उस काले दौर में उन्हें छोड़ कर इस दुनिया से चले गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के लिए यह समझ पाना भी कठिन है कि देश की स्वतंत्रता के समय विभाजन की विभीषिका से गुज़रने वाले लोगों ने उस दौर में किस अकल्पनीय पीड़ा, भय और संघर्ष को सहा था। देश की आजादी के बदले किये गये उनके त्याग और बलिदान की भरपाई कर पाना असंभव है। उनके इस त्याग, बलिदान और पीड़ा के महत्त्व को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने पूर्वजों द्वारा किए गए त्याग और बलिदान को हमेशा याद रख सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विभाजन केवल एक भूभाग का बँटवारा नहीं था, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगियों और उनकी सांस्कृतिक पहचान का भी विभाजन था। मानव विस्थापन का इतना भयानक और विकराल रूप इतिहास ने पहले कभी नहीं देखा था। मुख्यमंत्री ने उस वैमनस्य और दुर्भावना का डटकर सामना करने वाले लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की जिन्होंने विभाजन की त्रासदी झेलने के बाद भी अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति अटूट विश्वास को बनाए रखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का समग्र विकास हो रहा है। हमारी सांस्कृतिक धरोहरों, परंपराओं और मूल्यों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में अनेक कार्य किए जा रहे हैं। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण, बद्रीनाथ और केदारनाथ धामों का पुनर्निर्माण, बाबा विश्वनाथ के गलियारे का विस्तार, महाकाल लोक का निर्माण और करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण कार्यों के माध्यम से हमारी धार्मिक विरासत को दिव्यता और भव्यता के साथ पुनर्स्थापित कर देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की नई धारा प्रवाहित की जा रही है। कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति, ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा का अंत, सीएए एवं वक्फ संशोधन कानून लागू करने तथा 1984 के दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने जैसे निर्णयों के माध्यम से एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को भी साकार रूप प्रदान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित कर रहा है। राज्य में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी निरंतर कार्य किया जा रहा है। केदारखंड की भांति ही मानसखंड के पौराणिक मंदिरों के भी पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। काशीपुर के चौती मंदिर को मानसखंड कॉरिडोर का हिस्सा बनाया है। हेमकुंड साहिब आने वाले सिख श्रद्धालुओं की यात्रा को और अधिक सुरक्षित और सहज बनाने के लिए गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.5 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला राज्य है। देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद लगभग 24 हजार से अधिक युवा सरकारी नौकरियां पाने में सफलता प्राप्त की है। राज्य सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिये पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है। प्रदेश में सात हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद अजय भट्ट, मेयर काशीपुर दीपक बाली, मेयर रुद्रपुर विसा शर्मा, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा,स्वामी हरि चौतन्या महाराज, अजय मौर्य एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

रुद्रपुर में आयोजित उत्तराखंड निवेश उत्सव 2025 में केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में रुद्रपुर में आयोजित, उत्तराखंड निवेश उत्सव-2025 में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने, उत्तराखंड में दिसंबर 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद निवेश के रूप में हुए, एक लाख करोड़ रुपए की सफल ग्राउंडिंग का उत्सव मनाया। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार के प्रयासों की जमकर तारीफ करते हुए, केंद्र सरकार से भरपूर सहायता का आश्वासन दिया।

टीम धामी ने दिखाया पराक्रम

स्पोर्ट्स स्टेडियम रुद्रपुर में आयोजित, उत्तराखंड निवेश उत्सव – 2025 को संबोधित करते हुए, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वो जब भी चार धामों और गंगा यमुना की भूमि उत्तराखंड आते हैं तो नई चेतना लेकर लौटते हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने पूरी दुनिया को आध्यात्मिक ऊंचाई पर ले जाने का काम किया है। यहां की नदियां आधे भारत की पेयजल, सिंचाई की जरूरतों को पूरा करती हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने दिसंबर 2023 में आयोजित उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के समापन समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि तब उन्हांेने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कहा था कि, राज्य सरकार का असल पराक्रम समिट में हुए तीन लाख 56 हजार करोड़ के एमओयू को धरातल पर उतारने का होगा, लेकिन अब उन्हें खुशी है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की टीम ने तमाम चुनौतियों के बावजूद, आज एक लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट धरातल पर उतार दिया है। इससे 81 हजार नए रोजगार सृजन का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही सहायक उद्योगों के जरिए भी ढाई लाख से अधिक नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद जगी है।

पारदर्शिता, तीव्रता और दूरदर्शिता

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, उत्तराखंड के दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में भी उद्योग लग रहे हैं। राज्य सरकार विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करते हुए, नीति में पारदर्शिता, क्रियान्वयन में तीव्रता और विजन में दूरदर्शिता के साथ विकास का नया खाका खींचने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने उत्तराखंड के साथ ही झारखंड और छत्तीसगढ़ के रूप में तीन नए राज्य बनाने का काम किया। आज ये तीनों राज्य अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं। 2014 के बाद केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से उत्तराखंड में तो लगातार डबल इंजन की सरकार चल रही है।

2027 तक दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में विकास का खाका खींचते हुए हर क्षेत्र में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई दस साल में 60 प्रतिशत बढ़ी है, इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में आठ लाख किमी सड़कें बनी हैं। 333 जिलों में सुविधाजनक वंदे भारत ट्रेन पहुंच चुकी है। दस सालों में 45 हजार किमी रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया, 88 नए हवाई अड्डे बने साथ ही इनलैंड वाटर वे कारगो में 11 गुना बढ़ोत्तरी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अटल जी देश की अर्थव्यवस्था को 11वें नंबर पर छोड़ गए थे, मोदी जी इसे चौथे नंबर पर ले आए हैं। अब 2027 में हम दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक समय में कहा जाता था कि आधारभूत सुविधाएं विकसित करते हुए, देश के गरीबों का कल्याण संभव नहीं है। लेकिन मोदी जी ने इस मिथक को तोड़ते हुए 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर पहुंचा दिया है। मोदी सरकार गरीबों को पांच किलो मुफ्त अनाज देकर खाद्य सुरक्षा प्रदान कर रही है, साथ ही 55 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपए तक निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान कर रही है। इस दौरान 16 करोड़ घरों में पहली बार नल से जल पहुंचा, 12 करोड घरों में शौचालय, 13 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर की सुविधा प्रदान की गई। मोदी सरकार के कार्यकाल में तीन करोड़ घरों में पहली बार बिजली पहुंची, चार करोड़ लोगों को पक्के मकान दिए गए।

विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा मोदी ने 2047 तक विकसित भारत की कल्पना की है, लेकिन विकसित उत्तराखंड के बिना विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है। देश के समग्र विकास के लिए, छोटे राज्यों सहित उत्तर पूर्व के राज्यों का विकास भी जरूरी है। इस पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड तो वैसे भी ज्योर्तिलिंग, शक्तीपीठ, पर बद्री, पंच केदार और पंच प्रयाग की भूमि है, इस राज्य का विकास कोई नहीं रोक सकता। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ दिन रात काम कर रही है। राज्य में वर्ष भर पर्यटक आएं, इसके लिए 360 डिग्री पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी उत्तराखंड के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं, यही कारण है कि जब कुछ लोगों ने ऑलवेदर रोड का विरोध किया तो केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी कर ऑलवेदर रोड को चारधामों तक पहुंचाने का काम किया। इसी तरह सरकार हेमकुंड साहिब के साथ ही केदारनाथ के लिए रोपवे परियोजना पर काम कर रही है। उन्होंने पुष्कर सिंह धामी सरकार के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा किस तरह इस छोटे से राज्य में निवेश का बढ़ावा देने के लिए पयर्टन, एमएसएमई, स्टार्टअप, फिल्म नीति सहित कई प्रयास किए गए, जिससे राज्य में निवेश का वातावरण बना है। आने वाले समय में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक उपचार और जैविक खेती उत्तराखंड के विकास का आधार बनेंगे।

चार गुना अधिक सहायता दी

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में उत्तराखंड को साढ़े तीन गुना से अधिक एक लाख 86 हजार करोड़ रुपए प्रदान किए गए। इसके अलावा 31 हजार करोड़ सड़कों के लिए, चालीस हजार रेलवे प्रोजेक्ट के लिए, सौ करोड़ एयरपोर्ट के लिए प्रदान किए, इस तरह कुल केंद्रीय सहायता, पिछली सरकार के मुकाबले चार गुना अधिक हो जाती है। उन्होंने एक लाख करोड़ रुपए की सफल ग्राउंडिंग के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा करते हुए कहा कि शेष निवेश लक्ष्य को बिना थके जमीन पर उतारने का काम किया जाए, केंद्र सरकार इस काम में पूरा सहयोग देने को तैयार है।

सीएम बोले, निवेश, नवाचार और औद्योगिक विकास की ऊंचाइयों को छू रहा उत्तराखंड

इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का स्वागत करते हुए कहा कि आज हम उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की सफलतापूर्वक ग्राउंडिंग का उत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का उत्सव केवल आर्थिक निवेश नहीं, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध संभावनाओं, उद्यमिता की भावना और जन भागीदारी पर आधारित समावेशी विकास का प्रतिबिंब है, जो राज्य को आत्मनिर्भरता और औद्योगिक समृद्धि की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। आज 1342 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023 के अंतर्गत 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौतों में से 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में सफलता प्राप्त हुई है। आज उत्तराखंड निवेश, नवाचार और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के लिए देश में योजनाबद्ध तरीके से कार्य किये जा रहे हैं। आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो चुका है। ’’वोकल फॉर लोकल’’, ’’मेक इन इंडिया’’, ’’स्किल इंडिया’’ और ’’स्टार्टअप इंडिया’’ जैसी पहलों के माध्यम से देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश बन गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति, एमएसएमई नीति सहित 30 से अधिक नीतियों को लागू कर राज्य में उद्योगों को बेहतर माहौल उपलब्ध कराया जा रहा है। स्टार्टअप के लिए 200 करोड़ रुपए के वेंचर फंड की स्थापना की गई है। राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिये ’’निवेश मित्र’’ की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर, पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना की है। करीब 13 सौ करोड़ रूपए की लागत से खुरपिया में स्थापित होने वाली इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी भी उत्तराखंड के औद्योगिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। प्रदेश में 260 से अधिक व्यावसायिक सेवाओं में ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखंड निवेशकों के मध्य, विश्वसनीय, प्रतिस्पर्धात्मक और भविष्य के लिए तैयार गंतव्य के रूप में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निवेशकों को शांतिप्रिय वातावरण के साथ ही कुशल प्रशासन के जरिए हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।

इस मौके पर पतंजलि समूह के संस्थापक बाबा रामदेव ने कहा कि उत्तराखंड राज्य भारत माता का मुकुट है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रकृति और पर्यावरण के साथ आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। उत्तराखंड ने वेलनेस की र्स्वश्रेष्ठ नीति घोषित की है। राज्य सौर ऊर्जा, हाइड्रो पावर के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। बाबा रामदेव ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा की।

यूपीईएस शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष डॉ सुनील राय ने कहा कि उत्तराखंड के ज्यादातर शिक्षण संस्थान, किसी ना किसी संस्था से मान्यता प्राप्त हैं, इससे यहां शिक्षण की गुणवत्ता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि उनका संस्थान, उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर राज्य के विकास में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अब कनेक्टिविटी काफी सुधर गई है, इससे यहां निवेश के अवसर और भी लाभप्रद हो जाते हैं। राज्य में 10 से अधिक रिसर्च संस्थान होने से भी, शिक्षण संस्थानों को इसका फायदा मिलता है।

नैनी पेपर्स के प्रबंध निदेशक पवन अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी अपना नया अत्याधुनिक प्लांट से उत्पादन शुरु कर चुकी है, जिससे 300 नए रोजगारों का सृजन हुआ है। उन्होंने कहा कि वो गन्ने की खोई से कागज बना रहे हैं, साथ ही प्लांट में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी भी शत प्रतिशत कृषि उपज है। कृषि उपज के रूप में पेड़ उगाने से ना सिर्फ पर्यावरण को फायदा पहुंच रहा है, बल्कि किसानों की भी आय बढ़ रही है।

समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, सांसद अजय भट्ट, महेंद्र भट्ट, विधायक शिव अरोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक सहित राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक उपस्थित हुए। इससे पहले सांस्कृतिक टीमों ने मंगलगान के जरिए अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर गृह मंत्री ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास करने के साथ ही प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा कुल 1342.84 करोड़ रूपये की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जिसमें 1263.5 करोड़ के 16 योजनाओं का शिलान्यास और 79.34 करोड़ की 04 योजनाओं का लोकार्पण किया गया।

लोकार्पण

01. उत्तराखण्ड गृह विभाग जिला कारागार पिथौरागढ़ (लागत रू0 34.49 करोड़)
02. तकनीकी शिक्षा विभाग जनपद चम्पावत के अन्तर्गत राजकीय पॉलीटेक्निक चम्पावत का भवन (लागत रू0 18.00 करोड़)
03. तकनीकी शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड जनपद चम्पावत के अन्तर्गत राजकीय पॉलीटेक्निक टनकपुर का भवन (लागत रू0 16.00 करोड़)
04. उत्तराखण्ड गृह विभाग उत्तराखण्ड के अन्तर्गत पुलिस विभाग के आवासीय भवनों (लागत रू0 10.85 करोड़)

शिलान्यास

01. उत्तराखण्ड शहरी विकास विभाग केन्द्रपोषित योजना के अन्तर्गत हल्द्वानी नगर में प्रशासनिक भवन सहित बस टर्मिनल सम्बन्धित विकास कार्य (लागत रू0 378.35 करोड़)
02. उत्तराखण्ड शहरी विकास विभाग केन्द्रपोषित योजना के अन्तर्गत हल्द्वानी नगर में वर्षाजल प्रबन्धन प्रणाली एवं सड़क निर्माण सम्बन्धित विकास कार्य (लागत रू0 217.82 करोड़)
03. उत्तराखण्ड शहरी विकास विभाग केन्द्रपोषित योजना के अन्तर्गत टनकपुर नगर क्षेत्रान्तर्गत पेयजल आपूर्ति प्रणाली सम्बन्धित विकास कार्य (लागत रू0 171.54 करोड़)
04. महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास निगम उत्तराखण्ड जनपद-ऊधमसिंह नगर में केन्द्र पोषित योजना के अन्तर्गत काम काजी महिला छात्रावास (लागत रू0 126.00 करोड़)
05. उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, हर्रावाला देहरादून परिसर में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना (लागत रू0 71.58 करोड़)
06. उत्तराखण्ड गृह विभाग 31वीं वाहिनी पीएसी रूद्रपुर जनपद-ऊधमसिंह नगर के अन्तर्गत टाईप-2 के 108 आवासों (लागत रू0 47.79 करोड़)
07. उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड केन्द्र पोषित योजना च्ड-न्ैभ्। (डम्त्न्) के अन्तर्गत कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल में विभिन्न विभागों के आधुनिकीकरण जीर्णाेद्वार, उच्चीकरण एवं अन्य सुविधाओं आदि के निर्माण (लागत रू0 45.68 करोड़)
08. उत्तराखण्ड आवास विभाग जनपद-नैनीताल के अन्तर्गत मेट्रो पोल होटल परिसर (शत्रु सम्पति) में सरफेस पार्किंग (लागत रू0 42.77 करोड़)
09. उत्तराखण्ड गृह विभाग 40वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार के अन्तर्गत टाईप-2 के 108 आवासों (लागत रू0 42.66 करोड़)
10. उत्तराखण्ड गृह विभाग उत्तराखण्ड के अन्तर्गत पुलिस विभाग के आवासीय भवनों (लागत रू0 35.66 करोड़)
11. उत्तराखण्ड गृह विभाग उत्तराखण्ड के अन्तर्गत पुलिस विभाग के अनावासीय भवनों (लागत रू0 26.52 करोड़)
12. उत्तराखण्ड गृह विभाग उत्तराखण्ड के अन्तर्गत पुलिस विभाग के नये कानूनों के क्रियान्वयन हेतु वी०सी० कक्षों (लागत रू0 18.56 करोड़)
13. उत्तराखण्ड गृह विभाग उत्तराखण्ड के अन्तर्गत पुलिस विभाग के अनावासीय भवनों (लागत रू0 14.90 करोड़)
14. उत्तराखण्ड आवास विभाग के अन्तर्गत जनपद-चम्पावत के नगर पालिका परिसर चम्पावत में लकड़ी के टाल के पास की भूमि पर मल्टी लेबल कार पार्किंग एवं कॉपलैक्स (लागत रू0 9.99 करोड़)
15. जिला विकास प्राधिकरण जनपद-ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर शहर के आंतरिक मार्ग के अन्तर्गत एन.एच.-87 में डीडी चौक से इंदिरा चौक तक बांई एवं दायीं ओर सड़क का चौड़ीकरण (लम्बाई 0.900 किमी) कार्य (लागत रू0 8.13 करोड़)
16. जिला विकास प्राधिकरण जनपद-ऊधमसिंह नगर के अन्तर्गत शहर रूद्रपुर में गांधीपार्क का सौन्दर्गीकरण / विकास कार्य (लागत रू0 5.55 करोड़)

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान हुए एमओयू और ग्राउंडिंग
ऊर्जा – कुल 1,03,459 करोड़ के 157 एमओयू (रोजगार 8,472) में ग्राउंडिंग 40341 करोड़ रुपए
उद्योग – कुल 78,448 करोड़ के 658 एमओयू, (रोजगार 44,663) में ग्राउंडिंग 34086 करोड़ रुपए
आवास – कुल 41,947 करोड़ के 125 एमओयू, (रोजगार 5,172) में ग्राउंडिंग 10055 करोड़ रुपए
पर्यटन – कुल 47,646 करोड़ के 437 एमओयू, (रोजगार 4694) में ग्राउंडिंग 8635 करोड़ रुपए
उच्च शिक्षा – कुल 6,675 करोड़ के 28 एमओयू, (रोजगार 4428) में ग्राउंडिंग 5116 करोड़ रुपए
अन्य- कुल 79,518 करोड़ के 374 एमओयू, (रोजगार 13898) में ग्राउंडिंग 3292 करोड़ रुपए।

जागेश्वर धाम देवभूमि उत्तराखंड की पौराणिक सांस्कृतिक विरासत का प्रतीकः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जागेश्वर मंदिर समिति द्वारा आयोजित श्रावणी मेले 2025 के शुभारंभ अवसर पर वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग करते हुए सभी श्रद्धालुओं एवं आयोजकों को मेले की शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर धाम देवभूमि उत्तराखंड की पौराणिक सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि श्रावणी मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह हमारी लोक आस्था, परंपराओं एवं सांस्कृतिक मूल्यों का जीवंत प्रतीक भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सांस्कृतिक विरासत के पुनरुत्थान का अमृत काल चल रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक तथा केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम के पुनर्निर्माण इसके उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं के प्रमुख धार्मिक स्थलों के संरक्षण एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जागेश्वर मास्टर प्लान के प्रथम चरण में ₹146 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है। दूसरे चरण की विकास परियोजनाएं भी स्वीकृत हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद अल्मोड़ा में कोसी नदी के किनारे 40 किमी का साइकिल ट्रैक, शीतलाखेत को ईको टूरिज्म, द्वाराहाट और बिनसर को आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए कार्यरत है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्यों में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। राज्य में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से कम हुई है। पिछले चार वर्ष में 24 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा धार्मिक व सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा हेतु सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता और ऑपरेशन कालनेमी जैसे कठोर कदम भी उठाए गए हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक मोहन सिंह मेहरा, उपाध्यक्ष मंदिर प्रबंधन समिति नवीन भट्ट, जिलाधिकारी अल्मोड़ा आलोक कुमार पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा मौजूद थे।

नजरियाः श्री कैंचीधाम मंदिर ट्रस्ट ने सीएम आपदा राहत कोष को दिए 2.5 करोड़

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंची धाम मन्दिर ट्रस्ट द्वारा प्रदेश में आपदा पीड़ित परिवारों को मदद के लिये मुख्यमंत्री राहत कोष में 2.50 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए ट्रस्ट के प्रयासों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम मन्दिर ट्रस्ट द्वारा आपदा पीड़ितों की मदद के साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में किया जाने वाला सहयोग मानवता की बड़ी सेवा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम में प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत यातायात की सुगमता के लिये कैंची धाम बाईपास के लिए वन भूमि प्रस्ताव को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद उक्त सड़क का तेजी से निर्माण किया जा सकेगा, जिससे क्षेत्रीय लोगों एवं पर्यटकों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी साथ ही कैंची धाम और भवाली के पास लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये अन्य कई योजनायें भी क्रियान्वित की जा रही हैं।

ज्ञातव्य है कि गुरुपूर्णिमा के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध कैंचीधाम मंदिर में आयोजित एक सूक्ष्म कार्यक्रम में मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रभावित परिवारों को मदद प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष में आर्थिक मदद हेतु 2.5 करोड़ (ढाई करोड़ ) की धनराशि का चौक जिले की मुख्य विकास अधिकारी अनामिका को प्रदान किया गया।

कैंचीधाम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ओमप्रकाश बिंद्रा ने कहा कि कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट सामाजिक क्षेत्र में लंबे समय से कार्य व योगदान करते आ रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट द्वारा शिक्षा स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन इन क्षेत्रों में हर संभव सहयोग किया जा रहा है। ट्रस्ट द्वारा प्रत्येक वर्ष 3000 बच्चों को दी जा रही छात्रवृत्ति को बढ़ाकर 5000 किया गया है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मुख्य रूप से शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग हेतु हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने विगत 15 जून को आयोजित कैंची धाम मंदिर स्थापना दिवस को सफलतापूर्वक संपन्न कराए जाने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा जिला प्रशासन का सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया है।

कुमाऊं में हाई अल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन गुंजी से आदि कैलाश और गढ़वाल में नीति माणा से लेकर मलारी तक होगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्चस्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाई अल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन की शुरुआत करने के निर्देश दिए। कुमाऊं क्षेत्र में यह मैराथन गुंजी से आदि कैलाश और गढ़वाल में नीति माणा से लेकर मलारी तक आयोजित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस आयोजन को वार्षिक पर्यटन कैलेंडर में शामिल किया जाए और हर वर्ष निर्धारित तिथि पर इसका नियमित आयोजन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आपदा प्रबंधन तंत्र को अधिक सशक्त बनाने के साथ ही तय समय पर प्रभावितों को सहायता राशि उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। सीमांत एवं पर्वतीय क्षेत्रों में फसलों की सुरक्षा के लिए घेरबाड़/सोलर फेंसिंग के संबंध में विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली और अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

टनकपुर से कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को सीएम ने किया रवाना, दिखाई हरी झंडी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर स्थित पर्यटन आवास गृह से कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यात्रियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया तथा उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्मृति चिह्न भेंट किए।

मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों से आए सभी श्रद्धालुओं से संवाद कर उनका देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता, यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है। उन्होंने कहा श्रद्धालु इस अद्वितीय यात्रा के सहभागी बनकर केवल यात्रा नहीं, बल्कि समर्पण की अनुभूति लेकर जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र धरती के कण-कण में भगवान शिव का वास है। यह यात्रा अब केवल भौगोलिक मार्ग नहीं रही, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का सशक्त माध्यम बन गई है। पहले जिस यात्रा में सात दिन या उससे अधिक का समय लगता था, अब वह कुछ ही घंटों में संभव हो सकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार इस यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। प्रत्येक पड़ाव पर स्वास्थ्य, आवास, भोजन, सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुदृढ़ की गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने भगवान भोलेनाथ से सभी यात्रियों की सफल, मंगलमय और सुरक्षित यात्रा की कामना की।

इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं ने चम्पावत वासियों के आत्मीय व्यवहार के लिए आभार व्यक्त किया और यात्रा को स्मरणीय व सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की सराहना की।

इस दौरान आयुक्त कुमाऊं मंडल दीपक रावत, आईजी आईटीबीपी और जन सम्पर्क अधिकारी कैलाश मानसरोवर यात्रा संजय गुंजियाल, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं मंडल रिद्धिम अग्रवाल,प्रबंध निदेशक कुमाऊं मंडल विकास निगम विनीत तोमर, जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक चम्पावत अजय गणपति मौजूद थे।

राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में कुमायूं के दो प्रकरणों पर हुई चर्चा

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद नैनीताल के रामनगर में स्थित गर्जिया देवी मंदिर के मुख्य टीले के सुरक्षात्मक कार्याे तथा गोला नदी से सटे आपदा प्रबंधन से संबंधित बाढ़ सुरक्षात्मक व सड़क सुधार कार्यों के दो प्रकरणों पर चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने नैनीताल के रामनगर में स्थित गार्जिया देवी मंदिर के कार्यों की प्रगति प्राप्त करते हुए अवशेष सुरक्षात्मक कार्यों को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जनपद नैनीताल के लालकुआं के बनभूलपूरा रेलवे क्रॉसिंग से गोला पुल तक गोला नदी के अत्यधिक पानी के बहाव के चलते क्षतिग्रस्त मार्ग तथा विभागों से जुड़ी हुई सभी परिसंपत्तियों की आईआईटी रुड़की से हाइड्रोलॉजिकल स्टडी कराते हुए सुरक्षात्मक कार्यों को तत्काल पूरा करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव सचिन कुर्वे, श्रीधर बाबू अदांकी, विनोद कुमार सुमन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

नैनीताल में पार्किंग के लिए शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल परिसर अस्थायी रूप से उत्तराखंड सरकार को आवंटित

भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा नैनीताल स्थित शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल परिसर को अस्थायी रूप से, आगामी आदेश तक, पार्किंग के रूप में उपयोग के लिए उत्तराखंड सरकार को आवंटित कर दिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र द्वारा इसकी जानकारी दी है। मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नैनीताल में पार्किंग की गंभीर समस्या को देखते हुए शत्रु संपत्ति – मेट्रोपोल होटल परिसर के खुले स्थान को पार्किंग हेतु अस्थायी रूप से आवंटित करने का अनुरोध किया था।

मुख्यमंत्री के अनुरोध को स्वीकार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नैनीताल स्थित शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल होटल परिसर को अस्थायी रूप से, आगामी आदेश तक, पार्किंग के रूप में उपयोग के लिए उत्तराखंड सरकार को आवंटित कर दिया गया है।

इस निर्णय से नैनीताल जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल में आने वाले पर्यटकों एवं स्थानीय नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। पार्किंग की बढ़ती समस्या से निजात मिलने के साथ-साथ यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे नैनीताल में पार्किंग की समस्या को दूर करने में काफी सुविधा होगी।