मुख्यमंत्री धामी ने ठाणे क्षेत्र में भाजपा और महायुति संगठन के लिए की वोट अपील

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तहत मिरा भायंदर ठाणे विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्रलाल चंद मेहता के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया साथ ही उन्होंने वर्तक नगर ठाणे (ईस्ट) में आयोजित जनसभा के दौरान संयुक्त रूप से कोपरी-पचपखड़ी विधानसभा क्षेत्र से महायुति संगठन एवं शिवसेना प्रत्याशी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, ओवला मजीवाड़ा सीट से शिवसेना प्रत्याशी प्रताप सरनाइक और ठाणे शहर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी संजय केलकर के पक्ष में जनता से वोट की अपील की।

जनसभाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि महाअघाड़ी गैंग परिवारवाद एवं भ्रष्टाचार में सबसे आगे है। ’महाअघाड़ी के नेता खुलेआम वीर सावरकर का अपमान करते हैं और इस पर बाला साहेब ठाकरे का उत्तराधिकारी बताने वाले उद्धव ठाकरे चुप्पी साधे बैठे रहते हैं।’ कांग्रेस में चाचा नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक ने दलितों और बाबा साहेब का अपमान किया है। महाअघाड़ी गैंग के नेताओं ने महाराष्ट्र को तुष्टिकरण की प्रयोगशाला बनाया हुआ है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह चुनाव महाराष्ट्र की जनता के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। इस चुनाव में हम सभी को एकजुट होकर ऐसी सरकार का गठन करना है जो सनातन संस्कृति में आस्था रखती हो और राष्ट्रवाद एवं विकास को प्राथमिकता देते हुए महाराष्ट्र को विकास के पथ पर तेजी से आगे ले जाने का कार्य करे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि महाअघाड़ी ने कभी भी महाराष्ट्र के विकास को प्राथमिकता नहीं दी। इस गठबंधन को अपने व्यक्तिगत विकास की चिंता है। इनके नेताओं ने हमेशा सनातन का विरोध किया। राजनीतिक स्वार्थ के चलते जनकल्याणकारी योजनाओं को रोकने जैसे कुकृत्य किए। इसके विपरीत, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महायुति का गठबंधन राष्ट्रवाद और विकास को प्राथमिकता दे रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देश में जहां भी डबल इंजन की सरकार बनी है, वहां विकास की गति तेज हुई है। डबल इंजन सरकार के नेतृत्व में ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का कानून बन सका है। इसके अलावा, हमने कड़ा धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया है और श्लैंड जिहादश् से मुक्ति के लिए मिशन स्तर पर कार्य करते हुए 5,000 एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया है।

सीएम धामी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में आस्था के केंद्रों का पुनर्स्थापन और वैभव का पुनर्निर्माण संभव हुआ है। यह समय है कि महाराष्ट्र की जनता भी भाजपा के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार बनाने में सहयोग करे।

उन्होंने जनता से भाजपा प्रत्याशियों से भाजपा को विजयी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जनता में भाजपा के प्रति उत्साह और विश्वास दिखाई दे रहा है, यह स्पष्ट है कि ’ठाणे क्षेत्र की सभी विधानसभा क्षेत्रों में महायुति संगठन की जीत तय है।

इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष किशोर शर्मा, पूर्व राज्य मंत्री अमरजीत मिश्रा, पूर्व महापौर डिंपल मेहता, प्रदेश संयोजक उत्तराखंड सेल महेंद्र सिंह गुंसाई, संजय बागुले, अरविंद टोनी, प्रकाश शिंदे, शैलेश पांडेय, प्रवक्ता रविंद्र दत्ता, मंडल अध्यक्ष हयात सिंह राजपूत, जेडी तिवारी, अनिल, ललिता दलवीर रौतेला, अर्जुन रावत मौजूद रहे।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति पुरस्कार से सम्मानित हुए सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को दादर, वेस्ट मुंबई में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस एवं उत्तराखण्ड में सर्वप्रथम यू.सी.सी. लागू किए जाने के उपलक्ष्य में आयोजित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने अपना पूरा जीवन भारत की एकता, अखंडता को समर्पित किया है। वह एक अच्छे विचारक थे। उन्होंने भारतीय जन संघ के रूप में जो बीज बोया वह आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने है। उनका जीवन हमें देश सेवा में समर्पण की याद दिलाता है। उन्होंने हमेशा समानता, एकता, न्याय का समर्थन किया, उन्होंने देश को एक विधान, एक प्रधान और एक निशान का मंत्र दिया। अपने विचारों से एक शक्तिशाली समृद्ध भारत के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, वीर सावरकर और डॉ मुखर्जी को एक साथ स्मरण करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कार्यक्रम हेतु आयोजकों का भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा होते सभी देशवासी देख रहे हैं। आज देश में समान नागरिक अधिकार पर कार्य हो रहा है, देश की आज़ादी के बाद अब जाकर कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर दिया गया हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड सरकार ने भी डॉ. मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए संविधान के अनुसार समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर महामहिम राष्ट्रपति की मंजूरी ले ली है। देश में उत्तराखंड राज्य सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू करने वाला राज्य बन गया है। विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तराखंड की जनता ने पुनः लगातार दूसरी बार हमारी सरकार बनाई। सत्ता में आते ही हमने सबसे पहले जनता से लिए वादे अनुसार समान नागरिक संहिता लाने का काम किया। उन्होंने कहा राज्य में सभी के विचारों को एकत्र कर समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट को तैयार किया गया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का मानना था कि मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए समाज में रह रहे सभी लोगों हेतु समान कानून की आवश्कता है। उन्होंने इसे समाजिक और नैतिक आवश्यकता बताया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता किसी से पक्षपात करने के लिए नहीं अपितु प्रधानमंत्री का सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास को धरातल में उतारने हेतु लाए हैं। उन्होंने कहा यूसीसी से महिलाओ, बुजुर्गों, बच्चों, आम नागरिकों को उनका अधिकार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में शक्तिशाली समाज की स्थापना के लिए निरन्तर कार्य हो रहा है। मोदी के नेतृत्व में ही देश में अनेकों ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। तीन तलाक को समाप्त कर दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राम मंदिर बनने का सपना पूरा हुआ है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य सरकार ने कई कार्य किए हैं। देवभूमि उत्तराखंड के मूल स्वरूप, इसकी पवित्रता और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रभावी कार्य हुए हैं।
इस अवसर पर मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार, लोकसभा सांसद प्रताप चंद सारंगी, पद्मश्री मनोज जोशी, राज्य दर्जा मंत्री विनय रोहेला, अमर जीत मिश्र, भाजपा नेता दीनानाथ तिवारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

महाराष्ट्र के अधिकारी का ई रिक्शा में छूटा बैग, पुलिस ने बरामद किया

कोतवाल रवि सैनी के मुताबिक ने बताया कि मंगलवार को 2019 बैच के भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षण अधिकारी आईएफएस शुभम सुशील मिश्रा मुंबई, महाराष्ट्र ने श्यामपुर चौकी में बताया कि वे अपना जन्मदिन मनाने के लिए केदारनाथ गए थे।

सोमवार को वापस आते हुए ई-रिक्शा में सवार हुए। इस दौरान ई- रिक्शा में उनके दो बैग छूट गए हैं। इसमें लैपटॉप आदि सामान था। पुलिस टीम ने जहां से वे ई रिक्शा में बैठे और उतरने वाले मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की। चालक की पहचान कर उससे मिले और आईएफएस अधिकारी का बैग वापस लौटा दिया।

महाराष्ट्र सरकार का अभाविप ने फूंका पुतला, पत्रकार अर्णब को रिहा करने की मांग


पत्रकार व संपादक अर्णब गोस्वामी को बिना वारंट हिरासत में लेने की घटना का विरोध एबीवीपी की स्वर्गाश्रम व लक्ष्मणझूला इकाई ने किया। कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र सरकार का पुतला दहन कर प्रदर्शन किया और अर्णब गोस्वामी को जल्द ही रिहा कर निष्पक्ष जांच करने की मांग भी की। विद्यार्थी परिषद महाराष्ट्र सरकार और उसके पुलिस द्वारा प्रेस फ्रीडम की धांधली की निंदा करता है।

नगर मंत्री राहुल बडोनी ने कहा जो लोग भारत तो अघोषित आपातकाल के तहत होने की बात करते हैं उसके पास आज की पेशकश के लिए मुक बधिरता है जब महाराष्ट्र में राजनीति के लिए प्रेस स्वतंत्रता को बंधक बना लिया गया था। लोकतंत्र का चैथा स्तंभ महाराष्ट्र खतरे में है और हम लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए खड़े हैं।

प्रदर्शन के दौरान विभाग संयोजक विनोद चैहान, पूर्व नगर मंत्री शुभम झा, नगर सह मंत्री सुमित भंडारी, कॉलेज इकाई अध्यक्ष अनिरुद्ध शर्मा, अरुण, विवेक भारती, अंकित, उमेश यादव आदि उपस्थित रहे

अभिनेत्री कंगना के दफ्तर तोड़फोड़ मामले में संजय राउत को पार्टी बनाने पर कोर्ट से मिली सहमति

अभिनेत्री कंगना रौनत के दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले के बांबे हाईकोर्ट ने शिवसेना प्रवक्ता व सामना के संपादक संजय राउत को अभियोजित पार्टी बनाने की इजाजत दी हैं। अभिनेत्री को कोर्ट ने बीएमसी के अधिकारी भाग्यवंत लाते को भी पार्टी बनाने के लिए सहमति दी है।

बता दें कि संजय राउत ने कथित तौर पर अभिनेत्री को उखाड़ के रख दूंगा और उखाड़ दिया जैसे वाक्य कहे थे और कंगना ने इसे उन्हें धमकाने की कोशिश बताया था। पिछले नौ सितंबर को बीएमसी ने कंगना के बांद्रा स्थित ऑफिस के कुछ हिस्सों को अवैध बताकर तोड़ दिया था। हाई कोर्ट में कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई को रोकने की मांग की थी, लेकिन यथास्थिति बनाए रखने का फैसला आने से पहले ही उनके ऑफिस में तोड़फोड़ की कार्रवाई कर दी गई। इसलिए कंगना ने अपनी याचिका में संशोधन करके बीएमसी से 2 करोड़ रुपये के मुआवजा की मांग की। इसके बाद बीएमसी ने अपने जवाब में दावा किया कि कंगना की याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है, इसीलिए अभिनेत्री की याचिका खारिज करके उन पर जुर्माना लगाना चाहिए।

हाई कोर्ट की डिविजन बेंच में सुनवाई के दौरान मंगलवार को बीएमसी के वकीलों ने कहा कि अभिनेत्री ने बीएमसी के हलफनामे के जवाब में जो प्रत्यत्तर (रिजॉइन्डर) दिया है, उसका जवाब देने की हमें मोहलत दी जाए। बीएमसी की वकीलों की अपील को जस्टिस एस जे कथावाला और जस्टिस आर आई चागला की बेंच ने स्वीकार कर लिया। कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी और बीरेंद्र सराफ ने हालांकि बीएमसी के वकीलों द्वारा अतिरिक्त समय मांगे जाने का विरोध किया। सराफ ने कहा कि तोड़फोड़ में शामिल अधिकारियों ने कथित अवैध निर्माण की कुछ और फोटो मंगलवार को कोर्ट में जमा किए हैं, यह केस को लटकाने की रणनीति है।

अपने रिजॉइन्डर में कंगना ने कहा कि नोटिस में बीएमसी ने उनके बंगले में चल रहे हुए कथित अवैध निर्माण की एक ही तस्वीर दी थी, जिससे साफ है कि बीएमसी का आरोप झूठा है। संजय राउत द्वारा मौखिक रूप से श्धमकानेश् के सबूत जो कंगना ने कोर्ट में जमा किए थे, उसकी ओर इशारा करते हुए जस्टिस कथावाला ने पूछा कि क्या वह शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता को भी अभियोजित करना चाहती हैं?

शुरू में सराफ, संजय राउत को अभियोजित करने को लेकर इच्छुक नहीं दिखे और कहा कि वह चाहते हैं कि शिवसेना प्रवक्ता को आरोपों पर खुद को डिफेंड करने का मौका मिलना चाहिए, पर बाद में उन्होंने सहमति दे दी। इसके बाद कोर्ट ने बीएमसी अधिकारी भाग्यनवंत लाते को भी पार्टी बनाने की इजाजत दे दी, जिन्होंने बीएमसी की तरफ से हलफनामा दाखिल किया था। कोर्ट ने बीएमसी से यह भी पूछा कि तोड़फोड़ के लिए वर्ष 2012 का सर्कुलर लागू करने की जरूरत क्यों पड़ी। इस सर्कुलर के मुताबिक, 24 घंटे में किसी अवैध निर्माण में तोड़फोड़ तभी की जा सकती है, जब इसमें रहने वाले या किसी अन्य की जिंदगी खतरे में हो।

हाई कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में किसकी जिंदगी खतरे में थी, जो 8 सितंबर को नोटिस भेजने के बाद बीएमसी के अधिकारियों ने 9 सितबंर को तोड़फोड़ की कार्रवाई कर दी। कोर्ट ने बीएमसी से पूछा कि डिजायनर मनीष मल्होत्रा को भी उसी दिन मुंबई नगरपालिका कानून के 354(ए) के तहत नोटिस भेजा गया था, उस मामले की क्या स्थिति है। दरअसल, कंगना ने अपने रिजॉइन्डर में कहा था कि मनीष मल्होत्रा को जवाब देने के लिए सात दिनों की मोहलत दी गई, जबकि उनके साथ ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि बीएमसी की कार्रवाई दुर्भावना से ग्रसित थी।