मसूरी में यातायात संकुलन की समस्या को कम करने के लिए अन्य वैकल्पिक मार्गों को दुरूस्त किया जाना आववश्यकः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में मसूरी में आधारभूत संरचनाओं एवं सुविधाओं में सुधार के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने रोड कनेक्टिविटी, यातायात संकुलन और नागरिक सुविधाओं के विकास जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

मुख्य सचिव ने कहा कि मसूरी में आधारभूत संरचनाओं एवं सुविधाओं के विकास के लिए शहरी विकास विभाग नोडल विभाग होगा। उन्होंने कहा कि मसूरी के लिए यातायात संकुलन एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि मसूरी में यातायात संकुलन की समस्या को कम करने के लिए अन्य वैकल्पिक मार्गों को दुरूस्त किया जाना आववश्यक है। उन्होंने आरटीओ एवं पुलिस के द्वारा मसूरी के लिए ट्रेफिक प्लान को सख्ती से प्रवर्तन कराए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने झड़ीपानी रोड, कैमल्स बैक रोड, लंढौर एवं खट्टापानी रोड के चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण कार्य किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि नगर पालिका को इन सड़कों के सुधारीकरण कार्यों के लिए सरकार द्वारा फंडिंग उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने मसूरी के लिए इंटरनल कनेक्टिविटी प्लान तैयार किए जाने की भी बात कही। कहा कि इंटरनल कनेक्टिविटी के लिए रोपवे विकास पर सर्वेक्षण करा लिया जाए। उन्होंने मसूरी के मॉल रोड पर यातायात का दबाव कम करने तथा स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को आंतरिक यातायात सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूर्व में संचालित गोल्फ कार्ट को पुनः सुचारू किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने मसूरी में नए गन्तव्यों को चिन्हित कर विकसित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि झड़ीपानी फॉल, शिखर फॉल, मॉसी फॉल आदि क्षेत्रों के विकास के लिए योजना तैयार की जाए। उन्होंने मसूरी क्षेत्र के आसपास ट्रेक रूट्स विकसित किए जाने की भी बात कही। कहा कि मसूरी क्षेत्र में अन्य टूरिस्ट डेस्टिनेशन तैयार किए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। इसके लिए लगातार नए गंतव्यों की तलाश की जानी चाहिए। उन्होंने ऐसे गंतव्यों की सूची तैयार किए जाने के निर्देश दिए जिन्हें पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि मसूरी में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए क्षेत्र में नए पार्किंग स्थल भी चिन्हित किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पार्किंग स्थलों के निर्माण से न तो क्षेत्र की सुन्दरता प्रभावित हो, न ही दृश्यावलोकन बाधित हो। उन्होंने किंग क्रेग पार्किंग का संचालन भी शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने मसूरी शहर में स्ट्रीट लाईटों के बीच-बीच में सोलर स्ट्रीट लाईट्स लगाए जाने की भी बात कही। कहा कि इससे लाईट जाने की स्थिति में भी मार्गों पर प्रकाश की उपलब्धता रहेगी। उन्होंने मसूरी मार्ग पर पड़ने वाले ईको-टोल टैक्स को फास्टैग के माध्यम से लिए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री धामी ने दी विभिन्न विकास योजनाओं की स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद पिथौरागढ़ में बरड़ बैंड से पांखू कोकिला देवी मंदिर तथा पांखू से धरम घर होते हुए कोटमनिया तक सडक सुधारीकरण व डामरीकरण किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पूर्व में मसूरी स्थित शहीद स्थल पर शेड के निर्माण किये जाने की घोषणा को मसूरी शहीद स्मारक समिति द्वारा किये गये अनुरोध पर संशोधित करते हुए मसूरी शहीद स्थल से लगी भूमि पर उत्तराखण्ड आंदोलन में शहीदों के नाम पर संग्रहालय बनाए जाने की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोड़ा के विधानसभा क्षेत्र जागेश्वर में ग्राम पंचायत पीतना में बहुउद्देशीय भवन के निर्माण किये जाने हेतु 95.84 लाख तथा गांधी इंटर कॉलेज पनुआनौला में 04 कक्षों के निर्माण किये जाने हेतु 99.95 लाख की स्वीकृति प्रदान की है।

अनियंत्रित कार खाई में गिरी, पांच की मौत, एक घायल

मसूरी देहरादून मार्ग पर आज सुबह दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। झड़ीपानी रोड पर पानी वाले बैंड के मसूरी घूमने गए देहरादून के आईएमएस व डीआईटी कॉलेज के छात्रों की कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में 4 छात्रों व 1 छात्रा की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। दुर्घटना की सूचना मिलते ही मसूरी पुलिस फायर सर्विस, एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू कार्य शुरू किया।

जानकारी के मुताबिक देहरादून के आईएमएस कॉलेज के चार युवक और दो युवतियां देहरादून मसूरी घूमने के लिए गए थे। शनिवार सुबह देहरादून वापस लौटते समय चूनाखान के पास उनकी कार एंडेवर न्ज्ञ- 07 ठक्/8600 अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में गिर गई। हादसे की खबर लगते ही आसपास के लोग दुर्घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। इसी बीच पुलिस, एसडीआरएफ की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू शुरू किया। खाई बहुत गहरी होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी मशक्कत करनी पड़ी। रेस्क्यू टीम ने कार सवार चार युवकों के शवों को खाई से निकाला, जबकि गंभीर रूप से घायल दो युवतियों को इलाज के लिए देहरादून हायर सेंटर ले जाया गया। रास्ते में एक और युवती ने दम तोड़ दिया। दूसरी युवती का इलाज चल रहा है।

मृतकों के नाम

1- आशुतोष तिवारी, पिता का नाम- वीरबहादुर तिवारी, पता-थाना नागफनी रामलीला मैदान पैरामाउंट एक्सपोर्ट के पास, मुरादाबाद

2- तनुजा रावत, पिता का नाम- सोहन सिंह, पता- जे 84 दुर्गा कॉलोनी रुड़की, उम्र 22 वर्ष आईएमएस

3- अमन सिंह राणा, पिता का नाम- राजेश सिंह राणा, पता- शंकरपुर डिम्स कॉलेज गेट के पास 1 सहसपुर, उम्र 22 वर्ष आईएमएस

4- दिगांश प्रताप भाटी, पिता का नाम- देवेन्द्र सिंह भाटी, पता- फ्लैट नंबर 302 तीसरी मंजिल पेटलवुड्स अपार्टमेंट ज्वालापुर हरिद्वार, उम्र 23

5 दृ हृदयांश चन्द्र, पिता का नाम- हरिश्चन्द्र, पता- टाइप 3तक-723 एटीपी कॉलोनी अनपरा सोनभद्र, आयु 24 वर्ष

जबकि नयनश्री, पुत्री- संजय कुमार, पता- 159/3 न्यू विकास एन्क्लेव रोहटा रोड मेरठ, उम्र 24 साल आईएमएस घायल हैं।

मसूरी पुनगर्ठन जल आपूर्ति योजना को केंद्र से मिली 56.46 करोड़ रूपये का अनुदान


भारत सरकार ने उत्तराखण्ड राज्य को मसूरी शहर के लिए मसूरी पुनगर्ठन जल आपूर्ति योजना हेतु 56.46 करोड़ रूपये की विशेष सहायता अनुदान स्वीकृत किया है। इस योजना से मूसरी क्षेत्र के लोगों की पेयजल की समस्या का समाधान हो पाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार द्वारा मसूरी पुनगर्ठन जल आपर्ति योजना हेतु 56.46 करोड़ रूपये की विशेष सहायता अनुदान स्वीकृति मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही मसूरी पुनगर्ठन जल आपूर्ति योजना के पूरे होने से मसूरी वासियों की पेयजल की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा।

मुख्य सचिव ने ली मसूरी की धारण क्षमता की प्रथम बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा मसूरी की धारण क्षमता एवं सुरक्षा उपायों को लेकर गठित 9 सदस्यीय समिति की प्रथम बैठक संपन्न हुई।

बैठक के दौरान मसूरी क्षेत्र के हिमालयी क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय, वाहन, यातायात प्रबन्धन, ठहरने, फ्लोरा फौना सहित पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों के वहन क्षमता आदि का समग्र अध्ययन पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान बताया गया कि विभिन्न संस्थानों द्वारा पिछले कुछ समय में मसूरी को लेकर कुछ अध्ययन किए गए हैं।

मुख्य सचिव द्वारा समिति के सभी सदस्यों से मसूरी क्षेत्र के लिए उनके स्तर पर किए गए अब तक के सभी अध्ययनों का समिति के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान अब तक किए गए सभी अध्ययनों को संकलित रिपोर्ट तैयार करेगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि एनजीटी द्वारा मांगे गए सभी प्रकार के अध्ययनों की रिपोर्ट्स को निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि समिति के अंतर्गत सभी संस्थानों द्वारा इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर लिए जाएं।

इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य सचिवएम.सी. घिल्डियाल, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी, देहरादून, गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, कुमाऊं विश्वविद्यालय, अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉ मैकेनिक्स, बेंगलुरु सहित केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे।

पर्यटकों को आकर्षिक करने को निकली साइकिल रैली, सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से मसूरी विंटर कार्निवाल के अंतर्गत साइकिल रैली का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी विंटर कार्निवाल पर्यटन को बढ़ावा देने वाला उत्सव है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए साइकिल रैली का आयोजन किया जा रहा है। यह साइकिल रैली देहरादून से मसूरी तक होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में सड़क, हवाई एवं रेल कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। राज्य में नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, अपर जिलाधिकारी के के मिश्रा, जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान, जिला कमांडेंट होमगार्ड डॉ. राहुल सचान उपस्थित थे।

हिमाचल विदेशी पर्यटकों एवं एडवेंचर टूरिज्म में उत्तराखंड से आगे, हमें सुधार की आवश्यकता

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में चल रहे सशक्त उत्तराखंड/25 चिंतन शिविर के द्वितीय सत्र में पर्यटन, नागरिक उड्डयन एवं पब्लिक फाइनेंस पालिसी एंड मैनेजमेंट विषयों पर प्रस्तुतिकरण हुआ।

पर्यटन सचिव सचिन क़ुर्बे ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया कि राज्य में पर्यटन सालाना 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। हालांकि हमारे यहां अधिकांश पर्यटक धार्मिक पर्यटन हेतु आ रहा है जबकि हिमाचल विदेशी पर्यटकों एवं एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में हमसे आगे है। इसमें सुधार की जरूरत है।

यात्रा मार्गों पर शौचालय निर्माण के कार्य में तेजी लाई जा रही है। 52 नए शौचालय स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में बर्ड वाचिंग के क्षेत्र में तमाम संभावनाएं हैं। आसन बैराज इस लिहाज से उभरता हुआ डेस्टिनेशन है। औली के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। आईडीपीएल ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेन्टर निर्माण के लिए भूमि पर कब्जा लेने का कार्य शुरू किया जा रहा है। चारधाम में विंटर टूरिज्म को विकसित करने के लिए नए स्पॉट विकसित किये जा रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों। चंपावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा में पर्यटन को बढ़ाने के लिए विशेष फोकस किया जा रहा है। रोपवे के लिहाज से सुरकंडा में यह प्रारंभ हो चुका है जिसके चलते यहां श्रद्धालु 32 प्रतिशत तक बढे हैं। देहरादून मसूरी-रोपवे, यमुनोत्री रोपवे पर आगे बढ़ा जा रहा है। केदारनाथ और हेमकुंड में रोपवे की आधारशिला रखी जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि राज्य में होमस्टे के क्षेत्र में होमस्टे नीति गेम चेंजर का काम कर रही है। इसके सुखद नतीजे मिले हैं। पर्यटन क्षेत्रों की ब्रांडिंग के लिए असाइनमेंट आधारित एजेंसी को इंगेज किया जा रहा है। एंगलिंग राज्य में नए क्षेत्र के रूप में उभरा है। इस क्षेत्र में चंपावत में काफी संभावना है।

अपर सचिव नागरिक उड्डयन सी रविशंकर ने बताया कि सिविल एविएशन का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उन गिने चुने राज्यों में शुमार है जहां लोग हेली का काफी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पीछे चारधाम यात्रा अहम वजह है। उन्होंने कहा कि हमें ट्रैवल अनुभव के क्षेत्र में सुधार करने की जरूरत है।

वित्तीय रिसोर्सेज को बढ़ाना होगा
सत्र के दौरान पब्लिक फाइनेंस पालिसी एंड मैनेजमेंट पर बोलते हुए वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि हमें अपने वित्तीय रिसोर्सेज को बढ़ाना होगा। अभी 50 प्रतिशत वैट और हेज से प्राप्तियां आती हैं जबकि 10 प्रतिशत स्टाम्प से आता है। बाकी 40 प्रतिशत विभागों से प्राप्त होता है। अन्य विभागों को इनका इनकम जेनरेशन की दिशा में ठोस काम करने की जरूरत है। खनन, आबकारी और वन विभाग को इस लिहाज से उन्होंने महत्वपूर्ण बताया।
ग्रुप डिस्कशन सत्र का हुआ आयोजन
सत्र के दौरान सभी अधिकारियों को चार टीमों में बांटकर ग्रुप डिस्कशन एवं राइट अप एक्टिविटी का आयोजन हुआ।

चिंतन शिविर के दूसरे दिन कृषि बागवानी, पर्यटन, वन विषयों पर हुआ मंथन

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के द्वितीय दिन आज कृषि-बागवानी, पर्यटन, वन आदि विषयों पर मंथन हुआ। इस दौरान मुख्य सचिव एसएस संधू ने सत्र के शुरुआती उद्धबोधन में सभी अधिकारियों से कहा कि तीन दिन तक चलने वाले इस मंथन शिविर की प्रत्येक को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करनी होगी। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में होने वाला ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन की असली चिंतन शिविर है। उन्होंने कहा कि इस शिविर में जो भी नए एवं इन्नोवेटिव विचार सामने आ रहे हैं उन पर हमें व्यापक विचार करना होगा।

इसके उपरांत सर्वप्रथम सचिव कृषि बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के अंतर्गत कृषि एवं बागवानी के अलावा एनिमल हसबेंडरी, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन पर प्रस्तुतिकरण पेश किया गया। इस दौरान उनके द्वारा बताया गया कि आज हमें कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में रिफार्म लाने की जरूरत है। पर्वतीय जिलों में बीज की गुणवत्ता सुधार की जरूरत है। पर्वतीय क्षेत्रों में जमीन की सेहत सुधार पर भी जोर दिया गया। आर्गेनिक के क्षेत्र को और आगे ले जाने पर जोर देते हुए बताया कि इससे कम से कम 50 हजार कृषकों को लाभ पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हमें रिसोर्स, टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन पर ध्यान देना होगा। साथ ही यह भी बताया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में कई विभाग काम कर रहे हैं, इसके लिए हमको सबको साथ लाने का प्रयास करना होगा। अलग-अलग विभागों की ओर से होने वाले जीओ के बजाय हमको कॉम्प्रीहेन्सिव जीओ लाने होंगे। इसके अलावा क्लस्टर फार्मिंग पर जोर देने के साथ ही लैंड रिफार्म दोबारा किये जाने पर बल दिया गया। इससे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में मदद मिलेगी। यह भी बताया कि अगले पांच वर्षों में 5 फलों के क्षेत्र में 5 सेंटर फार एक्सेलेन्स बनाने का लक्ष्य है। इस दौरान रुद्रप्रयाग में स्टेट ऑफ आर्ट होमस्टे के अलावा नैनीताल जनपद में जिलाधिकारी धीराज गबर्याल द्वारा क्लस्टर बेस्ड कृषि प्रयासों की विशेष सराहना की गई।

प्रस्तुतिकरण में जोर दिया गया कि लाइवस्टॉक में सुधार के लिए हमें बाहर से भी इन्हें लेना चाहिए और बद्री गाय को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ऐसा करके रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा 13 जिलों में गोट वैली विकसित किये जाने पर बल दिया गया। इस अवसर पर बिसन जी द्वारा सक्सेस स्टोरीज पर प्रस्तुतिकरण (पीएम गतिशक्ति) दिया गया।

कैंपटी पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण, सरकार पयर्टन को दे रही बढ़ावाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैम्पटी में खेलकूद एवं सांस्कृतिक मेले में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कैम्पटी में लगने वाले इस मेले के लिए 02 लाख रुपए का अनुदान देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कैम्पटी क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए इसे नगर पालिका बनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेलों की सांस्कृतिक धरोहरों को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उत्तराखण्ड में गौचर एवं जौलजीवी मेला अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मेले हैं। कैम्पटी क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बागवानी एवं जल विद्युत परियोजनाओं के क्षेत्र में भी राज्य में अनेक संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी प्रदेशवासियों के सहयोग से उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में आयोजित चिंतन शिविर में उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मंथन चल रहा है। अधिकारियों को इसके लिए सुनियोजित योजना बनाने के लिए कहा गया है। अन्य राज्यों में जो अच्छे कार्य हो रहे हैं, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से ऐसे कुछ कार्यों को राज्य में बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में अपनाया जाय।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की भूमि से कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। इस बार चारधाम यात्रा में लगभग 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

इस अवसर पर विधायक प्रीतम सिंह पंवार, क्रीडा समारोह के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह पंवार, मसूरी के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल, ब्लॉक प्रमुख जौनपुर सीता रावत, क्रीडा समिति के संयोजक राजेश नौटियाल, जिलाधिकारी टिहरी सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

2025 तक श्रेष्ठ राज्य की बात कहने से नहीं बनेगा, करके दिखाना होगाः मुख्यमंत्री

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी मसूरी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन दिवसीय सशक्त उत्तराखंड / 25 चिंतन शिविर के प्रथम सत्र का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस चिंतन शिविर के आयोजन को लेकर हम बहुत दिनों से सोच रहे थे। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों तक हमें चिंतन के साथ चिंता भी करनी है कि प्रदेश का विकास कैसे हो? मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान ने आप सभी को बहुत विशिष्ट बनाया है। आईएएस हमारे देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा है और आप देश-प्रदेश की नीतियों को तय करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें चीजों को नोट करने की आदत डालनी चाहिए। एक दिन में हमारे अंदर हजारों विचार आते हैं। ऐसे में हर चीज याद नहीं रखी जा सकती। उन्होंने कहा कि आप के लिए कोई काम मुश्किल नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया है कि विभाग अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने की कोशिश करते हैं, इस प्रवृत्ति को हमें त्यागना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरलीकरण का मंत्र दिया है। हमें यहां सोचना होगा कि कितने विभागों ने कार्य का सरलीकरण किया। प्रक्रियाओं सरलीकरण कर के समाधान का रास्ता निकलना है। उन्होंने कहा कि आज पूरी सरकार यहां है। इन तीन दिनों में यहां मन से चिंतन करना होगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी अधिकारी अच्छा काम करते हैं और फीडबैक भी आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच रहने की कोशिश करता हूं। अभी कुछ दिनों से आदत बनाई है कि जिलों में भ्रमण के दौरान सुबह 6 से 8 बजे तक लोगों से बात करता हूँ और फीडबैक लेता रहता हूं और इस दौरान सबके बारे में पता चलता रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देखने में आता है कि कई अधिकारी फ़ाइल को ठीक से आगे नहीं बढ़ाते। ये आदर्श स्थिति नहीं है। कई दफा हम अपने स्तर से फैसले नहीं लेते। फ़ाइल नीचे से चलते हुए कई बार मेरे पास तक आ जाती है जिस पर सभी की एक ही टिप्पणी होती है कि उच्च अनुमोदन हेतु प्रेषित। जबकि जरूरत यह है कि हम अपना निर्णय भी उस पर लिखें। उन्होंने कहा कि हमारी जो काम करने की प्रणाली है। इसमें बदलाव की जरूरत है। हमें बेस्ट प्रैक्टिस करने की आदत डालनी होगी और 10 से 5 वाले कल्चर से बाहर आना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सरलीकरण, समाधान और संतुष्टिकरण के मंत्र पर कार्य करना होगा। हमारा फ़ोकस समाधान पर होना चाहिए। एसीआर भरे जाने के समय यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जो टास्क दिया गया था वो हुआ या नहीं। हम इस कार्य को इसी वर्ष से प्रारम्भ करेंगे।

उन्होंने कहा कि अभी यह आम धारणा है कि जो योजना हम बनाते हैं वो योजनाएं देहरादून बेस्ड बन रही हैं। हमें पर्वतीय जिलों को विकास के खाके में शामिल करना ही होगा। राज्य की हकच में जिन ज़िलों योगदान कम है, उनके लिए योजनाएँ बनाई जानी चाहिए। वर्तमान में भारत सरकार-नीति आयोग आदि सब हमें सहयोग करने को तैयार हैं। हिमाचल और हमारी जलवायु बहुत मिलती जुलती है। लेकिन हमें यह मंथन करना होगा कि कैसे वे बागवानी के क्षेत्र में हमसे बेहतर कर रहे हैं । हमारी स्थिति हिमाचल से बेहतर है। हम बाग़वानी को कैसे बढ़ायें। इस पर कार्यवाही होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में देहरादून और आसपास के इलाके पहले से कहीं ज्यादा कंजस्टेड हो जाएंगे। हमें उसके अनुरूप सुविधाओं को विकसित करना होगा।स्मार्ट सिटी को लेकर शिकायतें आती हैं।इसको ठीक करना है। हम यह नहीं कह सकते यह काम हमारे। समय का नहीं है।अच्छा ख़राब जो भी है अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है।इसको ठीक करना है।
उन्होंने कहा कि हमारा चिंतन व्यवहारिक होना चाहिए। प्रदेश के हित में होना चाहिए। वर्ष 2025 तक केवल श्रेष्ठ राज्य की बात कहकर कुछ नहीं होने वाला बल्कि इसे हमको करकर दिखाना है। हमें 2025 तक एक सशक्त उत्तराखंड बनाना है। हमें विकास की योजनाएं अपने भूगोल के अनुसार बनानी होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कहाँ जाना है?हम कहाँ पर हैं?रुकावटें क्या हैं? अगर हम यह समझ पाए तो समस्या का समाधान आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि घोषणाएँ सुनियोजित होनी चाहिए। यह धारणा बदलनी चाहिए कि सरकार में काम नहीं होते। काम करने का रास्ता निकाला जाना चाहिए। हम नहीं बल्कि हमारा काम बोलना चाहिए। हमें अपने काम को मन-वचन-कर्म से करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सभी का काल खंड उसके द्वारा किए गए कामों के लिए जाना जाएगा।