केंद्रीय मंत्री नड्डा ने सीएम धामी को हर सम्भव सहयोग के प्रति किया आश्वस्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से उत्तराखण्ड में एम्स ऋषिकेश से संचालित एयर एम्बुलेंस सेवा के विस्तार के साथ ही राज्य के पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाओं के लिए एक अतिरिक्त हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति एसईसीसी परिवार केंद्रीय योगदान को ₹ 1,052 से बढ़ाकर ₹ 1,500 करने का आग्रह करने के साथ ही चार धाम यात्रा में एम्स के विशेषज्ञों के योगदान और स्नातकोत्तर डॉक्टरों के रेजिडेंसी (क्त्च्) में यात्रा ड्यूटी सम्मिलित करने के लिए आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में दो नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इसी क्रम में जगजीवन राम मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ और पं. राम सुमेर शुक्ल मेडिकल कॉलेज, रुद्रपुर, शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से शिक्षण कार्य प्रारंभ करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन/भारत सरकार के पास आवेदन करेंगे। मुख्यमंत्री ने इन दोनों मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए आवश्यक मंजूरी प्रदान करने के साथ ही टीएचडीसी के सहयोग से निर्माणाधीन टिहरी मेडिकल कॉलेज की भी आवश्यक अनुमतियां शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर की स्थापना और उसके सुचारू संचालन के लिए भारत सरकार से तत्काल सहायता का विनम्र अनुरोध है। उन्होने कहा कि यह पहल न केवल स्थानीय आबादी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि चार धाम यात्रा मागों और आसपास के पर्वतीय क्षेत्रों से गुजरने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए भी जीवन रक्षक साबित होगी।

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

पीएम से सीएम ने किया 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति देने का आग्रह

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखण्ड विकसित भारत 2047 के विजन में अपनी प्रभावी भूमिका निभाने को तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के 27 देशों द्वारा प्रधानमंत्री को अपने देश का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए जाने से सभी भारतवासी गौरवान्वित हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर के प्रतिरूप और आदि कैलाश यात्रा पर कॉफ़ीटेबिल बुक के साथ ही उत्तराखण्ड के उत्पाद कनार (धारचूला) का घी, लाल (पुरोला) चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और स्थानीय शहद भेंट किये।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम की भांति ही हरिद्वार गंगा कॉरिडोर, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और चम्पावत में शारदा कॉरिडोर के मास्टर प्लान के अनुरूप अवस्थापना विकास के लिए सीएसआर के माध्यम से वित्त पोषण के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमी कन्डक्टर हब के रूप में विकसित करने लिए सेमी कन्डक्टर उद्योग लगाए जाने, दिल्ली व मेरठ के मध्य रीजनल रैपिड ट्रान्जिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तारित करने और टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण का प्रावधान भी शामिल किये जाने के लिए संबंधित मंत्रालयों को निर्देशित किये जाने का प्रधानमंत्री से आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में होने जा रही नंदा राजजात यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि इसके संचालन के लिए व्यापक रूप से पर्यावरण अनुकूल अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जानी हैं। मुख्यमंत्री ने अगस्त 2026 में आयोजित इस पर्वतीय महाकुंभ नंदा राजजात यात्रा के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया और साथ ही यात्रा में अवस्थापना सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने के लिए 400 करोड़ की धनराशि केंद्र से उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में दिव्य और भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जाना है। राज्य सरकार द्वारा इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इसके सफल आयोजन के लिए हरिद्वार में पुलों की मरम्मत, पार्किंग, विद्युत, पेयजल, शौचालय, परिवहन, श्रद्धालुओं के लिए पैदल मार्ग सहित अन्य कार्य कराए जाने हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 3500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दिये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश और हरिद्वार शहरों में एचटी व एलटी विद्युत लाईनों को भूमिगत करने के साथ ही विद्युत प्रणाली को स्वचालित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भेजी गई 1015 करोड़ की डीपीआर को आरडीएसएस योजना के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश के निकट स्थित अनोखी धरोहर चौरासी कुटिया को अपने पुराने रूप में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। इसके लिए अपेक्षित धनराशि की व्यवस्था भी कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के प्रस्ताव का अनुमोदन राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से कराए जाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने के लिए प्रथम चरण में पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना का प्रारम्भिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। ग्लेशियर आधारित पिंडर नदी के पानी को वर्षा आधारित कोसी, गगास, गोमती व गरूङ नदियों में मिलाया जाये तो बागेश्वर, अल्मोड़ा व नैनीताल जिलों के 625 गांवों की लगभग 2 लाख जनसंख्या पेयजल व सिंचाई से लाभान्वित होगी। साथ ही गरुड़, कौसानी, द्वाराहाट, रानीखेत और अल्मोड़ा नगरों की लगभग सवा लाख आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति बेहतर हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत लिये जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कैबिनेट सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के क्रम में कुल 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति प्रदान किये जाने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा, हरिद्वार में होने जा रहे कुम्भ के साथ ही प्रदेश में जल जीवन मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड के विकास के लिए केंद्र सरकार से हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

अनामिका, मैत्री व क्रियांश ने साउथ एशियन कराटे चैंपियनशिप में जीते पदक, सीएम ने सम्मानित किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में राज्य के तीन होनहार कराटे चौंपियन्स को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मानित किए जा रहे सभी प्रतिभाशाली खिलाड़ी राज्य के उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं। उन्होंने कहा, इन खिलाडियों ने अपनी खेल प्रतिभा से अपने माता-पिता के साथ ही उत्तराखंड का मान भी बढ़ाया है। तीनों खिलाड़ियों अनामिका, मैत्री व क्रियांश ने 5-6 जुलाई 2025 को कोलंबो, श्रीलंका में आयोजित 9वीं साउथ एशियन कराटे चौंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रजत, कांस्य व कांस्य पदक जीते है, मुख्यमंत्री ने इन खिलाडियों के उज्जवल भविष्य की कामना की तथा भविष्य के आयोजनों में सफलता के लिये शुभकामनाएं भी दी।

इन खिलाड़ियों का चयन कराटे इंडिया ऑर्गेनाइजेशन द्वारा देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय कराटे चौंपियनशिप में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर किया गया था। जिसमें अनामिका बिष्ट, पुत्री हरीश बिष्ट, जिला चंपावत – रजत पदक, मैत्री बलूनी, पुत्री कैलाश बलूनी, डोईवाला, जिला देहरादून – कांस्य पदक तथा क्रियांश कौशिक, पुत्र सुमंता शर्मा, जिला देहरादून – कांस्य पदक प्राप्त किया गया है।

नई दिल्ली में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ आउटलेट का सीएम ने किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड निवास परिसर में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के आउटलेट का उद्घाटन किया। यह आउटलेट उत्तराखण्ड की पारंपरिक धरोहर और जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय राजधानी में संगठित रूप में प्रस्तुत करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। इसके माध्यम से न केवल राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को देश के सामने लाया जाएगा, बल्कि स्थानीय उत्पादों को नए बाजार भी प्राप्त होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य सरकार की उस दूरदृष्टि का परिणाम है, जिसका उद्देश्य पर्वतीय अंचलों में उत्पादित प्राकृतिक और हस्तनिर्मित वस्तुओं को वैश्विक पहचान दिलाना है। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और साथ ही स्थानीय कारीगरों व शिल्पकारों को नए अवसर प्रदान करेगा।

चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादों की ब्रिकी को बढ़ावा देने हेतु 13 से अधिक प्रमुख स्थानों पर आकर्षक फ्लोर स्टैंडिंग यूनिट्स और रिटेल कार्ट्स नैनी सैनी एयरपोर्ट, पंतनगर एयरपोर्ट, देहरादून हेलीपैड, जीएमवीएन श्री केदारनाथ, बद्रीनाथ, हर्षिल, गुप्तकाशी, कौडियाला, मसूरी, परमार्थ निकेतन (ऋषिकेश), स्नो क्रेस्ट (बद्रीनाथ), एटीआई (नैनीताल) एवं सेंट्रिया मॉल जैसे तीर्थ और पर्यटक स्थलों पर स्थापित किए गए हैं। ये रिटेल कार्ट्स श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके अतिरिक्त, मैरियट मसूरी, ताज देहरादून, एफआरआई व एलबीएसएनएए एवं राष्ट्रीय राजधानी स्थित दिल्ली हाट जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी रिटेल कार्ट्स की स्थापना प्रक्रिया प्रगति पर है। यह पहल न केवल स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिला रही है, बल्कि उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शिल्प कौशल को भी सशक्त रूप से प्रस्तुत कर रही है।

सचिव ग्रामीण विकास राधिका झा ने बताया कि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड ने कम समय में अपनी गुणवत्ता के बल पर विशेष पहचान बनाई है। इसके उत्पाद ीवनेमवीिपउंसंलंे.बवउ के साथ-साथ अमेज़न और ब्लिंकिट जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं। अब यह ब्रांड प्रमुख होटल श्रृंखलाओं में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को बढ़ावा देने तथा उच्च श्रेणी के पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों से जोड़ने के उद्देश्य से ताज (ऋषिकेश, रामनगर), हयात सेंट्रिक, हयात रीजेंसी (देहरादून), मैरियट (रामनगर), वेस्टिन (नरेन्द्रनगर) और जेपी ग्रुप (मसूरी) जैसे प्रतिष्ठित होटलों के साथ रणनीतिक साझेदारी की गई है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न प्रमुख होटलों में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के रिटेल कार्ट्स स्थापित किए गए हैं, जो पर्यटकों को उत्तराखण्ड के विशिष्ट हस्तनिर्मित एवं जैविक उत्पादों की सीधी उपलब्धता प्रदान कर रहे हैं। यह कदम न केवल स्थानीय उत्पादकों और कारीगरों को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि सतत पर्यटन और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की ओर भी एक महत्वपूर्ण पहल है।

‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड की अवधारणा को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान प्रस्तुत किया गया था। इस ब्रांड के अंतर्गत उत्तराखण्ड के विशिष्ट उत्पाद जैसे बुरांश का शरबत, जंगली शहद, पहाड़ी दालें, पारंपरिक मसाले, हस्तनिर्मित वस्त्र एवं अन्य जैविक सामग्री अब एक सुव्यवस्थित रूप में देश के प्रमुख शहरों तक पहुंच सकेंगी।

इस अवसर पर सचिव ग्रामीण विकास राधिका झा, उत्तराखण्ड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

विद्युत परिसंपत्तियों को एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के तहत क्षतिपूर्ति के दायरे में लाने का आग्रह

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर राज्य के समग्र विकास से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों के दृष्टिगत केंद्रीय गृह मंत्री से देहरादून में “साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना के लिए 63.60 करोड़ रुपये की धनराशि की स्वीकृति का अनुरोध किया है। यह सेंटर डिजिटल अपराधों की रोकथाम, विशेषज्ञ प्रशिक्षण, साइबर फोरेंसिक और आधुनिक संसाधनों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को राज्य की विद्युत अधोसंरचना को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति पर चर्चा करते हुए अवगत कराया कि छोटे हिमालयी राज्यों की भौगोलिक विषमताओं को ध्यान में रखते हुए विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण परिसंपत्तियों को एनडीआरएफ/एसडीआरएफ के तहत क्षतिपूर्ति के दायरे में लाया जाए। इससे राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र और अधिक प्रभावी व सशक्त होगा।

मुख्यमंत्री ने सितारगंज केंद्रीय कारागार के विस्तार के प्रस्ताव पर 150.16 करोड़ रुपये की लागत से शीघ्र स्वीकृति देने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से सफलतापूर्वक आयोजित उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर समिट-2023 का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य ने 3.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस उपलब्धि को राज्य के लिए गर्व का विषय बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया कि इसे उत्सव के रूप में मनाते हुए ‘उत्तराखण्ड निवेश उत्सव’ का आयोजन प्रस्तावित है, जिसे पंतनगर-रुद्रपुर के औद्योगिक क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री के सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘नए भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार का निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग राज्य के विकास को नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है।

राष्ट्रीय स्तर पर शहरी क्षेत्रों में टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने को विशेष योजना बनाने का किया अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की दसवीं बैठक में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से हो रहे शहरीकरण के चलते शहरों में ड्रेनेज की समस्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने के लिए विशेष योजना बनाई जाए।

मुख्यमंत्री ने “पीएम कृषि सिंचाई योजना“ की गाइडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को सम्मिलित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वर्तमान में पर्वतीय क्षेत्र का मात्र 10 प्रतिशत भूभाग ही सिंचित हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हिमनद आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोडने की दिशा में “नदी जोड़ो परियोजना“ के साथ ही चेक डैम्स और लघु जलाशयों के निर्माण के माध्यम से वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2026 में उत्तराखंड में पर्वतीय महाकुंभ के रूप में प्रसिद्ध “मां नन्दा राजजात यात्रा“ तथा वर्ष 2027 में हरिद्वार में “कुंभ“ का आयोजन होना है। इन दोनों आयोजनों को “भव्य एवं दिव्य“ बनाने के लिए सहयोग मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में “डेमोग्राफिक डिविडेंड“ की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस लाभ को प्राप्त करने के लिए एक निश्चित समय सीमा में इसका दोहन करना आवश्यक है। इस दृष्टि से आने वाले दस वर्ष हमारे प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन्हीं वर्षों में हम “डेमोग्राफिक डिविडेंड“ का सर्वाधिक लाभ उठा सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य में विशेषरूप से स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जीडीपी में प्राथमिक सेक्टर का योगदान जहां मात्र 9.3 प्रतिशत है, वहीं इस कार्य में लगभग 45 प्रतिशत आबादी लगी है। इस समस्या को देखते हुए हमने प्रदेश के काश्तकारों को “लो वैल्यू एग्रीकल्चर“ की बजाए “हाई वैल्यू एग्रीकल्चर“ अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया है, जिनमें एप्पल मिशन, कीवी मिशन, ड्रैगन फ्रूट मिशन, मिलेट मिशन तथा सगंध कृषि को प्रोत्साहन शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व में भारत वर्ष 2047 तक “विकसित एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए उत्तराखंड सरकार भी दृढ ़संकल्पित होकर वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रहे हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था में पिछले तीन वर्षों में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रैंकिंग में जहां हमारे राज्य ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, वहीं इस वर्ष जारी हुई “केयरऐज रेटिंग रिपोर्ट“ में सुशासन एवं वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में छोटे राज्यों की श्रेणी में हमें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में “समान नागरिक संहिता“ कानून लागू किया गया। पिछले साढ़े तीन साल में राज्य के 23 हजार से अधिक युवा सरकारी नौकरी पाने में सफल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों में प्रधानमंत्री के नेट जीरो के विजन को ध्यान में रखते हुए “ग्रीन गेम्स“ की थीम पर आयोजित किया गया। इन खेलों में “इलैक्ट्रॉनिक्स वेस्ट“ सामग्री की “रीसाइक्लिंग“ से 4000 पदक तैयार किए। “सौर ऊर्जा“ के माध्यम से संपूर्ण ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति की गई। इस आयोजन में लगभग 4000 से 5000 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकने में सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में “शीतकालीन यात्रा“ के सफल परिणाम सामने आए हैं। प्रधानमंत्री के हर्षिल और मुखबा की यात्रा से राज्य के पर्यटन क्षेत्र को काफी लाभ हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों को साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म और हाई-एंड टूरिज्म के माध्यम से आकर्षित करने के लिए वृहद नीति बनाकर जमीनी स्तर पर कार्य शुरू किये गये हैं। उत्तराखंड में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित “सतत एवं समावेशी विकास“ पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी अर्थात “ग्रोस एनवायरमेंट प्रोडक्ट इंडेक्स“ जारी करने की शुरुआत की है, इसके आंकलन द्वारा अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के मध्य बेहतर सामंजस्य स्थापित हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “जियोथर्मल ऊर्जा नीति“ शीघ्र लागू किया जायेगा। राज्य में “मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना“ प्रारंभ की गई है। इस योजना के लाभार्थी प्रतिमाह एक लाख रूपए से अधिक की आमदानी प्राप्त कर रहे हैं।

मुख्य सचिव ने की रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से भेंट, प्रदेश में संचालित विभिन्न रेल परियोजनाओं के संबंध में की चर्चा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार से मुलाकात कर राज्य में रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने, नई रेल परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन, तथा पूर्ववर्ती प्रस्तावों की प्रगति के सम्बंध में विस्तृत चर्चा की। मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी भेंट कर राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को अवगत कराया कि राज्य में कुल पांच रेल परियोजनाएं हैं जिनमें तीन प्रस्तावित एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग सहित दो परियोजनाएं वर्तमान में संचालित की जा रही है। गंगोत्री यमुनोत्री रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 121.76 किमी है तथा 10 स्टेशन हैं। इसका सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है तथा डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर अनुमोदन प्रतीक्षित है। टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 170.70 किमी है तथा 12 स्टेशन हैं। इसका सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है तथा डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर अनुमोदन प्रतीक्षित है। देहरादून -सहारनपुर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 92.60 किमी0 है तथा इसमें 8 स्टेशन है। इसका सर्वेक्षण कार्य गतिमान है।

इस अवसर पर देहरादून-सहारनपुर रेल परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाइन के दोहरीकरण एवं देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन के विकास पर भी चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त मेरठ से हरिद्वार तक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के विस्तार की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखण्ड में दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों का रेल नेटवर्क से संयोजन, राज्य के औद्योगिक आर्थिक एवं सामाजिक विकास, विश्व प्रसिद्ध धामों, तीर्थ में वर्ष भर श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन तथा सामरिक महत्व के दृष्टिगत रेलवे का अवसंरचना की दृष्टि से विकास राज्य हेतु अत्यंत आवश्यक है।

मुख्य सचिव ने केन्द्रीय वित्त सचिव सहित विभिन्न मंत्रालयों के उच्चाधिकारीयों से की मुलाकात

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास सुदृढीकरण एवं सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र सरकार से सहयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्रीय वित्त सचिव अजय सेठ, व्यय सचिव डॉ. मनोज गोविल, तथा अपर सचिव संजन सिंह यादव से भेंट कर राज्य के लिए विशेष सहायता एवं अनुदान की मांग की। साथ ही, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर से मुलाकात कर देहरादून आउटर रिंग रोड की डीपीआर पर चर्चा की। यह परियोजना लगभग 51.59 किलोमीटर लंबी है, जिसे भविष्य में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, मुख्य सचिव ने मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के लिए अतिरिक्त सहायता, मंदिरों के उच्चीकरण एवं संरक्षण हेतु अनुदान, तथा राज्य सरकार द्वारा भेजे गए लंबित प्रस्तावों पर शीघ्र कार्यवाही का अनुरोध किया।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन सचिव वी. वुलनम से भी भेंट कर देहरादून स्थित जौलीग्रांट हवाई अड्डे के विस्तार कार्यों में तेजी लाने तथा देहरादून एवं पंतनगर हवाई अड्डों पर रात्रिकालीन (नाईट लैंडिंग) उड़ानों की सुविधा शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध किया, जिससे प्रदेश में हवाई संपर्क व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ की जा सके। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि केदारनाथ एवं सहस्त्रधारा में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सुविधाओं की व्यवस्था की जा चुकी है, जिससे चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन अधिक सुरक्षित एवं सुचारु रूप से किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

मुख्य सचिव ने कौशल विकास सचिव अतुल तिवारी से मुलाकात कर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के युवाओं को विदेशों में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हुनरमंद नौजवानों को वैश्विक मंच पर पहचान मिले और वे आत्मनिर्भर बन सकें इसके लिये युवाओं को देश विदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाना राज्य के युवाओं के हित में है। प्रदेश के युवा विभिन्न तकनीकी एवं व्यावसायिक क्षेत्रों में दक्ष हैं और उनके कौशल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए उपयुक्त मार्गदर्शन एवं अवसर प्रदान करना आवश्यक है।

मुख्य सचिव ने विदेश सचिव अरुण कुमार चटर्जी से भी मुलाकात कर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की भर्ती एजेंसियों के माध्यम से उत्तराखंड के युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर प्रदान करने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को बेहतर करियर के लिए विकल्प मिलेंगे। दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल से मुलाकात कर मुख्य सचिव ने टनकपुर क्षेत्र में नेटवर्क कनेक्टिविटी सुधारने एवं मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्य में बीएसएनएल 4जी सेवा के कार्यान्वयन को गति देने का भी आग्रह किया।

आज भारत की मातृशक्ति प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहीः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित डायरेक्ट सेलिंग महिला उद्यमिता समिट 2025 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आयी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत की मातृशक्ति प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। सेना, राजनीति, खेल, विज्ञान, कृषि, शिक्षा, उद्योग जैसे अनेक क्षेत्रों में मातृशक्ति द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश की मातृशक्ति के उत्थान एवं सशक्तिकरण के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले लगभग 11 वर्षों में देशभर में 30 करोड़ से अधिक महिलाओं के जन-धन के बैंक खाते खोले गए। देश में लखपति दीदी योजना के माध्यम से 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का संकल्प पूरा करने के साथ ही 30 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन देकर सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए देश की संसद ने लोकसभा एवं विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण देने का कानून पास किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भी महिला सशक्तिकरण के लिए हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। सरकारी नौकरियों में राज्य की बेटियों को 30 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देकर हर विभाग में उनका उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। लखपति दीदी योजना के अंतर्गत उत्तराखंड 01 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। वर्ष 2025 पूर्ण होने तक डेढ़ लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार द्वारा ‘सशक्त बहना उत्सव योजना’ और ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना’ जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।

इस अवसर पर दिल्ली से सांसद प्रवीण खंडेलवाल, उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति विनय रोहिला एवं डॉ. संजीव कुमार मौजूद थे।

नेशनल गेम्स के आयोजन के लिये सीएम ने केंद्रीय खेल मंत्री का जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की तैयारियों के बारे में जानकारियां साझा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के 38वें संस्करण की मेजबानी का सौभाग्य उत्तराखण्ड को प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय खेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 28 जनवरी से 14 फरवरी, 2025 तक चलने वाले राष्ट्रीय खेलों के इस महापर्व में भारत के विभिन्न प्रान्तों से आए लगभग 10 हजार से अधिक कुशल खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए काफी तैयारियां की गई हैं। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से उत्तराखंड में खेल संस्कृति का विकास होगा। प्रदेश में खेल अवस्थापनात्मक सुविधाओं का इस प्रकार विकास किया जा रहा कि राज्य के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिल सकें।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से जनपद अल्मोड़ा के डीनापानी में उच्च स्तरीय खेल सुविधाओं (हाई एल्टीट्यूट सेन्टर) के निर्माण और प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किए जाने हेतु एक-एक बहुद्देशीय स्पोर्ट्स हॉल की स्थापना के लिए आवश्यक धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज परिसर में स्थित आईस स्केटिंग रिंग के संचालन के लिए पूर्व में प्रेषित प्रस्ताव पर स्वीकृति के साथ ही राज्य सरकार द्वारा जनपद नई टिहरी स्थित शिवपुरी में संचालित साहसिक प्रशिक्षण केन्द्र के उच्चीकरण के लिए भी धनराशि की स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से जिला चम्पावत में महिला स्पोर्ट्स कालेज की भूमि पर इण्डोर आर्टिफिशियल रॉक क्लाइबिंग वाल के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता का आग्रह किया।

अतः आपसे सादर अनुरोध है कि राज्य के खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय खेल सुविधाओं हेतु उपरोक्त प्रस्तावों पर स्वीकृति निर्गत करने का कष्ट करें। आपकी इस सहृदयता से प्रदेश के खिलाड़ियों के मनोबल एवं उत्साह को नई ऊर्जा प्रदान होगी। केंद्रीय खेल मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में खेल अवस्थापनात्मक सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।