सीएम धामी ने राज्य स्थापना दिवस पर दी प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बलवीर रोड स्थित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की रजत जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में रजतोत्सव समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदेशभर में 01 नवम्बर को इगास पर्व से 11 नवम्बर 2025 तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्मरण कर उन्हें नमन किया और कहा कि उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान ही हमें नया राज्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए गर्व का विषय है कि उत्तराखण्ड 25 वर्षों की उल्लेखनीय यात्रा पूर्ण कर विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प देशवासियों के सामने रखा है। वर्ष 2050 उत्तराखण्ड राज्य स्थापना का स्वर्ण जयंती वर्ष होगा। आने वाले इन 25 वर्षों के लिए राज्य सरकार एक नया रोडमैप बनाकर आगे बढ़ेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देश की सीमाओं पर बलिदान देने वाले जवानों और राज्य आंदोलन के बलिदानियों को भी नमन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के रजतोत्सव समारोह के अंतर्गत 03 और 04 नवम्बर को देहरादून में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 03 नवम्बर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु विशेष सत्र को संबोधित करेंगी, जो राज्य के लिए गौरव का विषय है। इस विशेष सत्र में राज्य को आगे ले जाने की दिशा में विचार-विमर्श होगा तथा बीते 25 वर्षों के अनुभवों पर चर्चा की जाएगी। 09 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस पर मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। रजतोत्सव समारोह का केंद्रबिंदु संस्कृति, पर्यटन, युवाशक्ति, प्रवासी उत्तराखण्डी तथा राज्य आंदोलनकारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि जनभागीदारी का उत्सव है। प्रत्येक नागरिक और जनपद को इस उत्सव से जोड़ने का उन्होंने आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रजत जयंती वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्ममंथन और संकल्प का अवसर है। इसी क्रम में अगले 25 वर्षों के लिए खाका भी प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका लक्ष्य समृद्ध, आत्मनिर्भर और सशक्त उत्तराखण्ड का निर्माण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में राज्य सरकार द्वारा अनेक उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता लागू की है। साथ ही भूमि कानून, धर्मांतरण विरोधी, नकल विरोधी और दंगारोधी कानून लागू कर सुशासन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत और महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जबकि सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 3.56 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। राज्य का बजट पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्तुत किया गया है। स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि राज्य में 58 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए हैं, मातृ मृत्यु अनुपात में उल्लेखनीय कमी आई है, लखपति दीदी योजना से 1 लाख 65 हजार से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं और वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना बढ़ा है और प्रति व्यक्ति आय में 17 गुना वृद्धि हुई है। धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के पुनरोद्धार के लिए केदारनाथ पुनर्निर्माण और बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान और मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत कार्य प्रगति पर हैं। दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन जैसी परियोजनाएं राज्य के विकास को नई दिशा देंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पलायन रोकथाम और सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप और मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना जैसी पहलें संचालित कर रही है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा बैठक के लिये पीएम कल पहुंचेंगे उत्तराखंड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण एवं समीक्षा बैठक के लिए पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचकर प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों का जायजा लिया।

उन्होंने अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं को समयबद्धता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव है, यही कारण है कि आपदा के इस कठिन समय में हमें निरंतर उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन मिलता रहा है। प्रधानमंत्री के आगमन से उत्तराखंड में आपदा राहत कार्यों को और बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन के साथ शीतकालीन साहसिक खेलों को दिया बढ़ावा, अपील भी की

राज्य में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने एवं गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद़्दी स्थल उत्तरकाशी के मुखवा गांव में मां गंगा के दर्शन करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हर्षिल, उत्तरकाशी में शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम के तहत 2 मोटर बाइक रैली एवं 2 ट्रैक रूट दलों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने धार्मिक पर्यटन के साथ शीतकाल के समय उत्तराखंड में होने वाले साहसिक खेलों को भी बढ़ावा दिया। जिसके तहत उन्होंने नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पीडीए घाटी के अद्भुत और अनछुए पर्यटन गंतव्यों के लिए साहसिक पर्यटन अभियानों का फ्लैग ऑफ किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल से पी.डी.ए मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली के 21 सदस्यों (भारतीय सेना) के दल एवं हर्षिल-जादुंग मोटर बाइक रैली के 18 सदस्यों ( उत्तराखंड पर्यटन) के दल को फ्लैग ऑफ किया। साथ ही उन्होंने नीला पानी-मुलिंग ला पास ट्रैक के 15 सदस्यों (आई.टी.बी.पी) के दल एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक पर जा रहे 22 सदस्यों ( एन.आई.एम ) के दल का भी फ्लैग ऑफ किया।

मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली (हर्षिल – पी.डी.ए), मोटर बाइक रैली (हर्षिल-जादुंग) मोटर बाइक रैली नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पी.डी.ए वैली में आयोजित की जा रही है। इन घाटियों की भौगोलिक स्थिति लद्दाख की भांति है। जिसका उद्देश्य लद्दाख वैली की तर्ज पर उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र को देश का बड़ा मोटर बाईक डेस्टिनेशन बनाया जाना है।

नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक रूट गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित है तथा भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना बाईब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सम्मिलित है। जो ईनर लाईन क्षेत्र में पड़ते है, जहाँ पर आवागमन हेतु ईनर लाईन परमिट की आवश्यकता होती है। उक्त क्षेत्र को पुनः बसायत किये जाने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा जादंग में होमस्टे बनाये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों के रोजगार एवं आजीविका के विकास का सृजन किया जाना है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड में कोई ष्ऑफ-सीजनष् नहीं होना चाहिए और पर्यटन को हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के कारण उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक ठहराव बना रहता है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा सर्दियों के दौरान उत्तराखंड की यात्रा करने से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है। उन्होंने कहा विंटर टूरिज्म में यहां, लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए सर्दियां विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्होंने मुखवा गांव में होने वाले धार्मिक समारोहों को क्षेत्र की प्राचीन और महत्वपूर्ण परंपराओं का अभिन्न अंग बताया।

तीन दिन की लंबी धार्मिक यात्रा को माना जा रहा है प्रचार से राहुल गांधी का पलायन

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम पर है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तीन दिन की धार्मिक यात्रा पर केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं। उनकी इस यात्रा को भाजपा चुनाव प्रचार से उनके पलायन के रूप में देखा रही है। प्रचार युद्ध में भाजपा के सामने लगभग घुटने टेक चुकी कांग्रेस अब ‘सॉफ्ट हिन्दुत्व’ का कार्ड खेलने की फिराक में है। लेकिन राहुल गांधी को केदारनाथ में देखकर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने जमकर मोदी, जय श्री राम के नारे लगाए। इससे साफ है कि चुनाव से ऐन पूर्व राहुल गांधी के सॉफ्ट हिन्दुत्व के प्रपंच को जनता सिरे से खारिज कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं। केदारनाथ धाम से उनकी गहरी आस्था जुड़ी हुई है। भगवान शिव के प्रति उनकी अगाध श्रृद्धा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह अभी तक छह बार (3 मई 2017, 20 अक्तूबर 2017, 7 नवंबर 2018, 18 मई 2019, 5 नवंबर 2021 और 21 अक्टूबर 2022) केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ चुके हैं। वह हर साल केदारनाथ धाम की शरण में आते हैं सिर्फ 2020 में कोरोना प्रकोप के चलते वह केदारनाथ धाम की यात्रा पर नहीं आ सके थे। इसके अलावा मोदी देश और विदेश में हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों में पूजा अर्चना करते रहे हैं। अब तक भाजपा के हिन्दुत्व प्रेम पर कटाक्ष करने वाले राहुल अब प्रधानमंत्री मोदी की राह पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। वह अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को केदारनाथ धाम पहुंचे लेकिन उनकी कोशिशों पर उस वक्त पलीता लग गया जब केदारनाथ में पहुंचते ही राहुल गांधी को देखकर लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। सवाल यह है कि जब पांच राज्यों में चुनाव का प्रचार चरम पर है तो ठीक उसी वक्त राहुल ने केदारनाथ धाम की तीन दिन की यात्रा का लम्बा कार्यक्रम क्यों बनाया। क्या हर बार ही तरह राहुल ने इस बार भी चुनावी प्रचार में ताकत झोंकने के बजाए पलायन किया है।
दरअसल, हर बार राहुल गांधी चुनाव प्रचार के वक्त कभी विदेश तो कभी अन्य स्थानों की यात्रा पर चले जाते हैं। वो स्टार प्रचारक के रूप में जिम्मेदारी उठाने से भागते रहे हैं। उनका फण्डा यह है कि कांग्रेस जीत गई तो वह जीत का श्रेय खुद ले लेंगे और हार गई तो उनकी जवाबदेही तय नहीं होगी। इससे पहले कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भी राहुल प्रचार से नदारद थे। जबकि प्रियंका मोर्चे पर डटी रही।