कुंभ मेला के तहत साधुओं का पुलिस ने किया सत्यापन

ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने कुंभ मेला को देखते हुए त्रिवेणी घाट पर रह रहे साधुओं की हिस्ट्री जानी। अपराध की रोकथाम को लेकर उच्चाधिकारियों से पुलिस को निर्देश मिले थे। इसके तहत आज त्रिवेणी घाट पर पुलिस की एक टीम सभी साधू बाबाओं को घाट परिसर में ही एकतित्र किया, इसके बाद सभी के आधार कार्ड एवं अन्य आईडी जांची गईं। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि सभी 165 साधु बाबाओं की पहचान कर मूल पते पर सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। बताया कि सत्यापन की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की पहचान की जा सके।

रेस्टोरेंट में शराब के सेवन को पहुंचा पोस्टमैन की संदिग्ध परिस्थिति में मौत

(एनएन सर्विस)
ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्रांतर्गत एक पोस्टमैन की संदिग्ध परि‌स्थिति में मौत हो गई। आसपास मौजूद लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल अवस्था में पोस्टमैन को राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त ही पोस्टमैन ने अपना दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार, शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे श्यामपुर चैकी क्षेत्र में स्थित पोखरियाल फास्टफूड एंड रेस्टोरेंट में पोस्टमैन गंगाराम कुकरेती अपने अन्य साथी के साथ पहुंचा। बताया जा रहा कि यहां उसने शराब का सेवन किया। इस दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसी ‌बीच गंगाराम के चिल्लाने की आवाज आई। आवाज सुन रेस्टारेंट में कार्यरत कारीगर वहां पहुंचा तो पोस्टमैन को लहुलुहान हालत में मिला। उसने देखा कि पोस्टमैन के साथ आया व्यक्ति मौके पर मौजूद नहीं है। रेस्टोरेंट के कारीगर ने पोस्टमैन को उठाकर बाहर रख दिया। इसी ‌बीच खून को देखकर आसपास मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही मौके पर चैकी इंचार्ज श्यामपुर आशीष गुंसाई पुलिस टीम के साथ पहुंचे और इमरजेंसी सेवा 108 को फोन कर पोस्टमैन को घायल अवस्था में राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। काफी खून बह जाने के कारण रास्ते में ही पोस्टमैन ने अपना दम तोड़ दिया। वहीं, पुलिस ने घटना के बाद रेस्टोरेंट संचालक और कारीगर को हिरासत में लिया है। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि पोस्टमैन की उम्र करीब 50 वर्ष है वह नंबरदार फार्म श्यामपुर के निवासी है। कोतवाल के अनुसार प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पोस्टमैन ने स्वयं ही किसी धारदार हथियार से अपने शरीर पर वार किया है। उन्होंने कहा कि विवेचना के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी।

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शक के दायरे में साथी और कारीगर
दोपहर ढाई बजे यह घटना हुई। मगर, मौके पर मौजूद उनका साथी वहां से फरार हो गया। मौके पर मौजूद कारीगर ने भी पोस्टमैन को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाने की बजाए रेस्टोरेंट के बाहर रख दिया। यह दोनों की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा है। यदि पोस्टमैन ने स्वयं को चोटिल किया तो उसके साथी ने रोका क्यो नही। साथ ही घटना की जानकारी पुलिस को क्यों नही दी गई और अस्पताल ले जाने के बजाए मौके से फरार क्यों हो गए।

संवेदनहीनता दिखी
बताया जा रहा कि मौके पर घायल अवस्था में पोस्टमैन करीब 20 मिनट तक तड़पते रहे। कारीगर ने जब उन्हें लहुलुहान अवस्था में रेस्टोरेंट के बाहर रख दिया तो मौजूद लोग वीडियो और फोटो खिंचने लगे। किसी ने भी उन्हें अस्पताल ले जाने की हिम्मत नही दिखाई।

लाॅकडाउन में आपसी रंजिस भारी पड़ी मासूम पर, मौत

ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र में दो पक्षों के बीच हुई पत्थरबाजी में सात माह के मासूम बच्चे की मौत हो गई। मासूम के पिता की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने दो पक्षों के चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, शिवाजी नगर गली नंबर 38 निवासी विजय पुत्र महेश चंद शर्मा ने कोतवाली में तहरीर दी है। उन्होंने बताया कि बीते शुक्रवार की रात करीब आठ बजे शिवाजी नगर की गली नंबर 36 में दो पक्षों के बीच पुरानी रंजिश के तहत पत्थरबाजी चल रही थी। उस वक्त उनकी पत्नी अपनी गोद में सात माह के बच्चे को लेकर मार्ग से गुजर रही थी। इसी दौरान एक पत्थर गोद में बच्चे के लग गया। आननफानन में वह बच्चे को लेकर राजकीय चिकित्सालय गए। यहां चिकित्सकों ने बच्चे को जौलीग्रांट अस्पताल रेफर कर दिया। जौलीग्रांट अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वहीं, पुलिस ने तहरीर के आधार पर राजेंद्र पुत्र जगपाल निवासी गली नंबर 38 शिवाजी नगर, कुशाल व राहुल दोनों पुत्र संजय निवासी बापू ग्राम गली नंबर एक आईडीपीएल और रोहित उर्फ राजा पुत्र राजेंद्र निवासी बी ब्लॉक जहांगीरपुरी दिल्ली के खिलाफ गैर इरादातन हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।

दोषी होने की सजा सुनकर आरोपी ने कोर्ट में गटका जहर

न्यायालय में लूट व हत्या के प्रयास के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर सजा सुनकर एक आरोपी ने जहरीला पदार्थ गटक लिया। इससे न्यायालय परिसर में हड़कंप मच गया। आनन फानन में कोर्ट मोहरिल ने आरोपी को अन्य पुलिस कर्मियों की मदद से उसे राजकीय अस्पताल पहुंचाया। यहां से चिकित्सकों ने उसे एम्स रेफर कर दिया। एम्स के चिकित्सकों के अनुसार युवक की हालत स्थिर है।
12 अक्टूबर 2016 को सहारनपुर के एक सराफा कारोबारी के मुनीम को दिनदहाड़े गोली मारकर लूट के मामले में मंगलवार को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश की अदालत में सुनवाई की तारीख थी। सुनवाई के बाद मामले में पुलिस की ओर से बनाए गए आठ आरोपियों में से दो को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया। दोषमुक्त आरोपियों के नाम सौरभ रस्तोगी और नवीन हैं। इसी क्रम में न्यायालय ने अन्य छह आरोपियों सतेन्द्र रस्तोगी उर्फ बिट्टू, रूप किशोर रस्तोगी, जुगल किशोर रस्तोगी, सतेन्द्र जैन, सुमित रस्तोगी, अनश को दोषी करार दिया। इन सभी छह आरोपियों पर सजा का फैसला सुरक्षित रखते हुए न्यायालय ने बुधवार की तिथि तय घ्की है।
दोपहर करीब एक बजे न्यायालय में जैसे ही सतेन्द्र रस्तोगी उर्फ बिट्टू निवासी दिल्ली को दोष सिद्घ होने का पता चला। दोषी साबित होने का फैसला सुनते ही उसने जेब से फेश वॉश की सीसी में रखा जहरीला पदार्थ निकाला और गटक लिया। यह मंजर देख वहां मौजूद पुलिस कर्मियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में कोर्ट मोहरिल अमित ने तुरंत अन्य पुलिस कर्मियों की मदद से उसे राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। मगर, यहां से उसे एम्स रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों के अनुसार उसकी हालत स्थिर है। उसे फिलहाल चिकित्सकों की निगरानी में इमरजेंसी के यलो-1 वार्ड में रखा गया है। बुधवार को डिस्चार्ज करने की संभावना है।

एक को छोड़ जमानत पर थे सभी आरोपी
न्यायालय में मंगलवार को तारीख के लिए पहुंचे आठ आरोपियों में से छह जमानत पर बाहर थे। इसके अलावा एक पुलिस अभिरक्षा में था। देहरादून जेल से मंगलवार को पुलिस मामले के आरोपी अनिश को लेकर पहुंची थी।

कब और क्या है मामला
वर्ष 2016 दिनांक 12 अक्टूबर को सहारनपुर के सराफा कारोबारी राजकुमार जैन उर्फ गप्पी का मुनीम जोगेंद्र कुमार (40) उर्फ इंदर निवासी देवबंद बुधवार को आभूषणों की डिलीवरी देने ऋषिकेश आया था। जोगेंद्र सुबह सवा दस बजे के करीब आशुतोष नगर चैराहे पर उत्तराखंड रोडवेज की बस से नीचे उतरा। वह कुछ कदम पैदल चला ही था कि पीछे से भागकर आए दो बदमाशों में से एक ने उस पर पिस्टल से फायर झोंक दिया। गोली जोगेंद्र की गर्दन के पीछे बाएं हिस्से में लगी। घायल होने के बाद भी मुनीम बैग छीनने का प्रयास कर बदमाश से भिड़ गया। छीना-झपटी में बदमाश के हाथ से पिस्टल छूटकर जमीन पर गिर गई। बाद में दूसरे बदमाश ने आभूषण से भरा बैग छीन लिया। बिना देर किए दोनों बदमाश पहले से ही बाइक स्टार्ट किए खड़े तीसरे साथी की मदद से फरार हो गए। घबराहट में बदमाश पिस्टल मौके पर ही छोड़ गए। लहूलुहान मुनीम को स्थानीय लोगों ने ऑटो से सरकारी अस्पताल में पहुंचाया।

कोर्ट में दोष सिद्ध होने का फैसला होते ही आरोपी को पुलिस अपनी अभिरक्षा में ले लेती है। यदि सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी ने जहरीले पदार्थ का सेवन किया तो इसमें पूरी तरह पुलिस का लापरवाही का मामला है। सजा सुनने के बाद आरोपी ने यदि अपत्तिजनक हरकत की है तो इसका मतलब है कि पुलिस अपनी ड्यूटी के प्रति मुस्तैद नहीं थी।

—–विकेश नेगी, अधिवक्ता, क्रिमिनल केस

न तहरीर रिसीब की और न लिखी एफआईआर, ऊपर से ले लिए एक हजार

गुमशुदा बेटे का पता लगाने के लिए कोतवाली ऋषिकेश में एफआईआर दर्ज कराने पहुंची बुजुर्ग महिला ने एक पुलिसकर्मी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि रुपये देने के बावजूद भी न तो उनकी तहरीर रिसीब की और ना ही एफआईआर दर्ज की है। बीते माह 21 सितंबर को वाल्मीकि बस्ती ऋषिकेश निवासी बिट्टू उर्फ ब्रजपाल पुत्र इलम सिंह बिना बताए घर से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। बेटे की तलाश में बुजुर्ग मां प्रकाशी देवी ने छोटे बेटे के साथ अमृतसर सहित हर संभावित जगहों की खाक छान डाली। जब बेटे का कोई सुराग नहीं लगा तो वह कोतवाली पहुंची।

महिला ने बताया कि कोतवाली परिसर में बैठे एक पुलिसकर्मी ने उनके छोटे बेटे से कहा कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए एक हजार रुपये देने पड़ते हैं। मजबूरन एक हजार रुपये पुलिसकर्मी को दे दिए। इसके बाद पुलिसकर्मी ने कहा कि वह अपने गुमशुदा बेटे के 60 पोस्टर भी छपवाकर लाएं। पैसों की कमी के कारण वह 50 पोस्टर छपवाकर ले आई। प्रकाशी देवी का आरोप है कि पुलिस ने पोस्टर छपवाने के नाम पर पैसे खर्च करवाए, ऊपर से एक हजार रुपये भी लिए। इसके बावजूद न तो तहरीर रिसीव की गई और न ही मुकदमा दर्ज किया गया।

ग्राम प्रहरियों ने सीखें आपदा के गुर

ऋषिकेश।
मंगलवार को पुलिस महानिरीक्षक गढवाल के निर्देश पर कोतवाल वीसी गोसाईं के नेतृत्व में ग्रामीण चौकिदारों को आपदा बचाव के बारे में जानकारी दी। चौकीदारों को आपदा के समय बचाव व उसके तरीके बताए। पुलिस टीम ने प्रोजेक्टर व टेली फिल्म के अलावा उन्हें प्रैक्टिकली तरीके से बचाव के गुर सीखाए। उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान कई लोग संयम खोकर अपने आप को ही मुसीबत में डाल देते हैं। लेकिन ऐसे समय में संयम व साहस से ही बचाव किया जा सकता है। आपदा के समय घायल लोगों का बचाव किया जाना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। ऐसी स्थिति में रस्सी व प्लास्टिक के कट्टों को स्ट्रैचर नुमा बनाकर घायल को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा सकता है। कोतवाल वीसी गोसाईं ने चौकीदारों को बताया कि बरसात के समय ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा की घटनाएं अधिक होती हैं। जिसमें चौकीदारों को संयम व सूझबूझ के साथ कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर एसएसआई गजेंद्र बहुगुणा, एसआई योगेश कुमार, राजेश सिंह, हरीश सती, का. राजाराम डोभाल, नवनीत सिंह, सचिन मलिक, देवेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे