फूड सैंपल की टेस्टिंग सही से हो सके इसके लिए टेस्टिंग लैब बढ़ायी जाएंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सुरक्षित भोजन एवं स्वस्थ आहार पर राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की 5वीं बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों में मिलावट को रोकने के लिए राज्य एवं राज्य के बाहर से आने वाले दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों के परीक्षण के लिए संबंधित राज्यों के एफडीए के साथ संयुक्त अभियान संचालित किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एफडीए से सूचनाएं साझा कर आपसी सहयोग से खाद्य उत्पादों की संयुक्त निगरानी एवं प्रवर्तन कराया जाए।

मुख्य सचिव ने नियमित रूप से मिलावटखोरी में संलिप्त व्यक्तियों पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि मिलावटखोरी से सम्बन्धित न्यायालयों में चल रहे मामलों पर मजबूत पैरवी की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में फूड टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि फूड सैंपल की टेस्टिंग सही से हो सके इसके लिए टेस्टिंग लैब बढ़ायी जाएं, साथ ही, फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स को शीघ्र से शीघ्र धरातल पर उतारा जाए।

मुख्य सचिव ने ईट राईट कैम्पस सर्टिफिकेशन को और अधिक बढ़ावा दिए जाने की बात भी कही। साथ ही निर्देश दिए कि मिड डे मील और आंगनवाड़ी केन्द्रों में दी जाने वाली टेक होम राशन में भी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने प्रयुक्त खाना पकाने के तेल को फूड चेन से बाहर करने हेतु यूज्ड कुकिंग ऑयल कलेक्शन के लिए मैकेनिज्म तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक कलेक्शन मैकेनिज्म मजबूत नहीं होगा, यूज्ड कुकिंग ऑयल को फूड चेन से बाहर कर पाना मुश्किल होगा। उन्होंने इसके लिए शीघ्र योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव आर. राजेश कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1684 खाद्य पद्वार्थों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 1509 का विश्लेषण किया जा चुका है। इसमें 62 सैंपल असुरक्षित पाए गए एवं 78 सैंपल घटिया अथवा गलत ब्रांड वाले पाए गए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा के दौरान भी यात्रा मार्गों पर सैंपल लिए गए थे। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (07 जून 2025) के अवसर पर शुरू किए गए सर्व सेफ फ़ूड कार्यक्रम के अंतर्गत, कुमाऊँ क्षेत्र में कुल 1000 स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित करने के लिए अब तक 18 प्रशिक्षण आयोजित किए जा चुके हैं। रुद्रपुर और काशीपुर में 540 स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया गया है। शेष 460 स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं को चंपावत, रानीखेत, अल्मोड़ा और बागेश्वर में प्रशिक्षित किया जाएगा।

रजत जयंती वर्ष में स्वतंत्रता दिवस का हो भव्य आयोजनः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के रजत जयंती वर्ष में स्वतंत्रता दिवस का भव्य आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य एवं जनपद स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन के साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप, हाई एल्टीट्यूड साहसिक गतिविधियां, मैराथन, साईकिल, बाईक या कार रैली जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि रन फॉर यूनिटी की तर्ज पर विषय आधारित रन और वॉक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं।

प्रदेशभर के मुख्य शहरों में पुलिस, आर्मी, पैरामिलिट्री के बैण्ड द्वारा संगीतमय कार्यक्रम होगा आयोजित

मुख्य सचिव ने प्रदेशभर के मुख्य शहरों के महत्त्वपूर्ण स्थलों में पुलिस, आर्मी, पैरामिलिट्री और एनसीसी के बैण्ड द्वारा संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किए जाने की भी बात कही। कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित करनी है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग को भी संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को इस आयोजन में शामिल करने के लिए आगे आना होगा।

मुख्य सचिव ने गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘एक पेड़ माँ के नाम‘, जल संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु निर्मित अमृत सरोवरों में ध्वजारोहण एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को यह भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए कि सरकारी एवं गैर-सरकारी भवनों में ध्वजारोहण के दौरान ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002‘ के प्राविधानों का उल्लंघन न हो।

महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को सुबह 10 बजे परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण किया जाएगा। मुख्य सचिव द्वारा सचिवालय में प्रातः 9 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा। देहरादून को छोड़कर अन्य सभी जनपदों के जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रातः 9ः30 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा। देहरादून स्थित सभी सरकारी, गैर सरकारी भवनों पर प्रातः 9 बजे विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा।

महानिदेशक सूचना ने बताया कि प्रदेश मुख्यालयों/जनपद मुख्यालयों के प्रमुख चौराहों पर 14 अगस्त 2025 को सायं 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक और 15 अगस्त को प्रातः 6 बजे से पूर्वान्ह 11 बजे तक देशभक्ति के गीत लाउडस्पीकर के माध्यम से बजाए जाएंगे। प्रदेश मुख्यालय पर 14 अगस्त 2025 को कवि सम्मेलन/मुशायरा का आयोजन किया जाएगा। सरकारी भवनों और ऐतिहासिक इमारतों को कम वोल्टेज के एलईडी बल्ब से प्रकाशमान किया जाएगा। समस्त शिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रातः 07.00 बजे प्रभात फेरी निकाली जाएगी। तदोपरान्त अपने शिक्षण संस्थानों एवं निर्धारित स्थानों पर झण्डारोहण, राष्ट्रगान, खेलकूद, विचार गोष्ठी प्रदर्शनी, वाद-विवाद एवं निबन्ध प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

बैठक में प्रमुख सचिव एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, एडीजी डॉ. वी. मुरूगेशन, सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, वी. षणमुगम, नीरज खैरवाल, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत एवं जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस की अध्यक्षता में यूपीसीएल के ऊर्जा भवन में निदेशक मंडल की 124वीं बैठक आयोजित

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में देहरादून स्थित यूपीसीएल के ऊर्जा भवन में निदेशक मंडल की 124वीं बैठक आयोजित की गई।

बैठक में विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित प्रोजेक्ट के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई तथा ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों और समस्याओं के समाधान पर भी मंथन किया गया।

मुख्य सचिव ने ऊर्जा विभाग को निर्देशित किया कि विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित जितनी भी परियोजनाएं गतिमान हैं उनको समय से पूरा करें और उपभोक्ताओं को विश्वसनीय और किफायती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सभी कार्यों का बेहतर तरीके से इंप्लीमेंट करें।

उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रोजेक्ट से संबंधित तकनीकी बिंदुओं के बेहतर क्लेरिफिकेशन और स्टडी के लिए निदेशक मंडल में एक तकनीकी मेंबर की नियुक्ति की जाए। उन्होंने निदेशक मंडल की बैठक में यूईआरसी (उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग) द्वारा पारित टैरिफ ऑर्डर को भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कंपनियों के बढ़े हुए ऑथराइजेशन कैपिटल की सूचना सरकार से भी साझा करने को कहा। साथ ही सितंबर 2025 तक ईआरपी (उद्यम संसाधन योजना) को पूरी तरीके से स्थिर करने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सीमांत जनपदों के ऐसे सीमांत गांव जो अभी तक सोलर विद्युत से आच्छादित हैं उनको ग्रिड आधारित विद्युत आपूर्ति से भी आच्छादित करें।

ट्रांसफार्मर में कैपेसिटर बैंक लगाने का निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदन

वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार के लिए पूरे प्रदेश में ट्रांसफार्मर में 76 हजार से अधिक कैपेसिटर बैंक लगाए जाने हैं जिसका निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदन किया गया।

बीईएसएस (बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम) लगाने की सहमति

उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन 100 मेगावाट की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम स्थापित करने जा रहा है जिसका निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदन किया गया। यह परियोजना उत्तराखंड के नवीनीकरण ऊर्जा के एकीकरण को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट से संबंधित धनराशि सस्ती ब्याज दरों पर उपलब्ध हो सके इसके लिए विभिन्न वित्तीय संस्थानों से प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों का आकलन करने के पश्चात ही निर्णय लिया जाए।

उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने अपनी उपलब्धियां को साझा करते हुए कहा कि विगत 3 वर्षों से निगम के राजस्व संग्रह में लगातार वृद्धि हुई है। विद्युत उपभोक्ता रैंकिंग में सुधार हुआ है तथा एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉसेज में विगत 3 वर्षों में कमी आई है।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, स्वतंत्र निदेशक मंडल से बीपी पांडेय व पराग गुप्ता, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार, पिटकुल पीसी ध्यानी व यूजेवीएनएल संदीप सिंहल उपस्थित थे।

राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में कुमायूं के दो प्रकरणों पर हुई चर्चा

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद नैनीताल के रामनगर में स्थित गर्जिया देवी मंदिर के मुख्य टीले के सुरक्षात्मक कार्याे तथा गोला नदी से सटे आपदा प्रबंधन से संबंधित बाढ़ सुरक्षात्मक व सड़क सुधार कार्यों के दो प्रकरणों पर चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने नैनीताल के रामनगर में स्थित गार्जिया देवी मंदिर के कार्यों की प्रगति प्राप्त करते हुए अवशेष सुरक्षात्मक कार्यों को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जनपद नैनीताल के लालकुआं के बनभूलपूरा रेलवे क्रॉसिंग से गोला पुल तक गोला नदी के अत्यधिक पानी के बहाव के चलते क्षतिग्रस्त मार्ग तथा विभागों से जुड़ी हुई सभी परिसंपत्तियों की आईआईटी रुड़की से हाइड्रोलॉजिकल स्टडी कराते हुए सुरक्षात्मक कार्यों को तत्काल पूरा करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव सचिन कुर्वे, श्रीधर बाबू अदांकी, विनोद कुमार सुमन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

हल्द्वानी में जू एण्ड सफारी के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन्यजीव बोर्ड की 21वीं बैठक के दौरान वन विभाग के अधिकारियों को वनों के संरक्षण के साथ ही वन संपदाओं को लोगों की आजीविका से जोड़ने की दिशा में विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईकोलॉजी और ईकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए आगामी 10 सालों के लिए विस्तृत प्लान करते हुए वन क्षेत्रों के आस-पास ईको-टूरिज्म की गतिविधयों को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कम करने के साथ ही ऐसी घटनाओं में त्वरित मुआवजा वितरण के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि हल्द्वानी में जू एण्ड सफारी के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि वन विश्राम भवनों का रख-रखाव पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राजस्व बढ़ाने के प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के जीर्णाेधार से संबंधित कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने नवाचार पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड वनों की बहुलता वाला प्रदेश है, इसलिए वन संपदाओं को आर्थिकी से जोड़ने के प्रयास किये जाए, इसके लिए वन विभाग और वित्त विभाग बैठक करें। महासीर के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संरक्षित क्षेत्रों के अन्तर्गत एवं संरक्षित क्षेत्रों के 10 किमी. परिधि में आने वाले वन भूमि हस्तान्तरण एवं अन्य प्रकरणों पर कुल 25 निर्णयों पर अनुमोदन दिया गया। जिन्हें राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजा जायेगा। बैठक में श्री रूद्रनाथ यात्रा मार्ग को ई.डी.सी के माध्यम से संचालित किये जाने एवं केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग, गोपेश्वर के क्षेत्रान्तर्गत मिनी ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना के लिए भी सैद्धांतिक सहमति दी गई।

बैठक में जानकारी दी गई कि 20वीं बोर्ड बैठक से अब तक राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा उत्तराखंड की महत्वपूर्ण 22 परियोजनाओं पर सहमति दी जा चुकी है। बैठक में जानकारी दी गई कि विगत 03 वर्षों में 75 हजार से अधिक बंदरों का बंध्याकरण किया जा चुका है। इस वर्ष 27 वन प्रभागों में 40 हजार बंदरों के बंध्याकरण का लक्ष्य रखा गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा गत बैठक में दिये गये निर्देश के क्रम में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना के बाद प्रभागीय वनाधिकारी मौके पर पहुंचते हुए और पीड़ित परिवार को तत्काल अनुमन्य राशि प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 19.55 करोड़ रूपये का मुआवजा प्रदान किया गया। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024 के अन्तर्गत राज्य में चार नये ईको पर्यटन जोन प्रारंभ किये गये हैं।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। वन संपदाओं के सही उपयोग और इसे लोगों की आजीविका से जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें नये डेस्टिनेशन विकसित करने की दिशा में कार्य करने होंगे।

बैठक में विधायक बंशीधर भगत, दीवान सिंह बिष्ट, प्रमुख सचिव वन आर. के सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव आर.के. मिश्रा, सचिव बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, नीरज खैरवाल और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड में सामाजिक विकास के क्षेत्रों में कार्य के लिए किया गया समझौता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उपस्थिति में सचिवालय में तीन महत्वपूर्ण समझौते किये गये। उत्तराखंड सरकार, सेतु आयोग और टाटा ट्रस्ट ने सामाजिक विकास के क्षेत्रों में कार्य के लिए समझौता किया गया। उत्तराखंड को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत का प्रमुख कौशल केंद्र बनाने की दिशा में सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और नैस्कॉम/आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल काउंसिल के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। राज्य को उभरती टेक्नोलॉजी और छात्रों के रोजगार परक व्यक्तित्व विकास के लिए कौशल विकास केंद्र बनाने के लिए भी सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग और वाधवानी फाउंडेशन के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

उत्तराखंड में सामाजिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए टाटा ट्रस्ट के साथ 10 साल के लिए किए गए समझौते के तहत जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम किया जाएगा।

उत्तराखंड को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रमुख कौशल केंद्र बनाने के लिए नैस्कॉम के साथ हुए समझौते के तहत राज्य के सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में कोर्सेस को शैक्षणिक क्रेडिट के साथ शामिल किया जाएगा और प्रत्येक जिले में एक मॉडल कॉलेज को ‘मेंटर संस्थान’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्य के लगभग 1.5 लाख छात्रों को फ्यूचर स्किल्स प्राइम प्लेटफॉर्म के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, पायथन, जनरेटिव जैसे क्षेत्रों में जानकारी और कौशल विकास करना है।

उत्तराखंड को उभरती टेक्नोलॉजी और छात्रों के रोजगार परक व्यक्तित्व विकास के लिए कौशल विकास केंद्र बनाने हेतु वाधवानी फाउंडेशन के साथ तीन वर्षों के लिए किये गये समझौते के तहत राज्य के सभी सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में कोर्सेस को अगले सत्र से शैक्षणिक क्रेडिट के साथ शामिल किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य राज्य के लगभग 1.20 लाख छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित व्यक्तित्व विकास और स्वरोजगार सम्बंधित कौशल विकास में सहायता प्रदान करना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सामाजिक विकास, राज्य को डिजिटल टैलेंट का केंद्र बनाने और एआई आधारित व्यक्तित्व विकास के आधुनिक कोर्स प्रारंभ करने के लिए आज हुए तीनों समझौते राज्य के लोगों के लिए अत्यधिक उपयोगी होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा समाज के अंतिम छोर के लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राज्य के समग्र विकास के लिए हर क्षेत्र और वर्ग के लोगों को साथ लेकर अनेक नई पहल की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये समझौते उत्तराखण्ड में आधुनिक कौशल से परिपूर्ण मानव संसाधन को तैयार करने और राज्य को आधुनिक एआई व साइबर सिक्योरिटी हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। एआई अधारित पाठ्यक्रम उत्तराखंड को युवा छात्रों को रोजगार परक कौशल बढ़ाने और 21वीं सदी के लिए सॉफ्ट स्किल विकास की दिशा में कारगर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में किये गये इन तीन महत्वपूर्ण समझौतों के लिए टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउन्डेशन का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सीईओ सेतु आयोग शत्रुघ्न सिंह, टाटा ट्रस्ट के सीईओ सिद्धार्थ शर्मा, नैस्कॉम स्किल काउंसिल की सीईओ अभिलाषा गौड़, वाधवानी फाउन्डेशन के एक्जीक्यूटिव वीपी सुनील दहिया, उच्च शिक्षा सचिव रंजीत सिन्हा, सचिव राधिका झा, नितेश झा, चन्द्रेश यादव, वी षणमुगम, सी. रविशंकर उपस्थित थे।

सीएस ने सचिवालय में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा की

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने दोनों विभागों की प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी ली। समीक्षा बैठक के दौरान सचिव आर. राजेश कुमार ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग की बड़ी परियोजनाओं के कार्य निर्धारित तिथि के भीतर पूर्ण किया जाए। उन्होंने सभी कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित किए जाने की बात कही। कहा कि जिन क्षेत्रों में सिंचाई एवं जल संरक्षण की अत्यधिक आवश्यकता है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि कार्य शुरू होने से लेकर पूर्ण होने तक के प्रत्येक कार्य की तिथि पूर्व से निर्धारित की जाए एवं तय समय-सीमा के भीतर कार्यों को पूर्ण करने हेतु सचिव एवं विभागाध्यक्ष के स्तर पर लगातार अनुश्रवण किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सिंचित एवं असिंचित क्षेत्र की माप के लिए आधुनिक तकनीक को प्रयोग किया जाए। उन्होंने नहर, नलकूप एवं लिफ्ट नहर आदि को ग्राम पंचायत समितियों के माध्यम से संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रदेश में सिंचाई क्षमता एवं अच्छी खेती वाले क्षेत्रों को चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नहरों के मरम्मत कार्यों के लिए प्राथमिकताएं निर्धारित की जाएं। ऐसे क्षेत्र जहां सिंचाई की आवश्यकता अधिक है उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए योजनाएं तैयार की जाएं।

मुख्य सचिव ने नलकूप एवं लिफ्ट नहर जैसी योजनाओं के लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई विभाग की खाली पड़ी जमीनों पर अपनी क्षमता के अनुसार सौर ऊर्जा संयंत्रों को स्थापित किए जाने की बात कही। उन्होंने विभाग के लिए इस वर्ष 01 मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य निर्धारित किया। कहा कि इससे विभाग के विद्युत बिलों में कमी आएगी।

लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने ड्रिप एवं स्प्रिंकल योजना पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भूजल की कमी वाले स्थानों में पानी की बचत के लिए ड्रिप एवं स्प्रिंकल योजना अत्यधिक लाभप्रद होगी। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली लघु सिंचाई योजनाओं को बढ़ाए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि जमरानी, सौंग एवं बलियानाला लैंडस्लाईड ट्रीटमेंट जैसे बड़ी एवं महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए सचिव स्तर पर मासिक एवं विभागाध्यक्ष स्तर पर साप्ताहिक अथवा पाक्षिक अनुश्रवण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक योजनाओं के लक्ष्य बढ़ाए जाने की बात भी कही। कहा कि लक्ष्य बढ़ाने के साथ ही कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराए जाना भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय के निर्माण के लिए वन एवं पर्यावरण आदि की क्लीयरेंस में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव आर. राजेश कुमार ने कहा कि जल संचयन, संवर्धन, पेयजल, सिंचाई हेतु बांध, बैराज, जलाशय एवं चौकडैम आदि का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना का कार्य जून, 2024 को शुरू हुआ था, जिसे मार्च, 2030 तक पूर्ण किए जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि परियोजना की अनुमानित लागत ₹ 3808.16 करोड़ है। उन्होंने बताया कि सौंग बांध पेयजल परियोजना का कार्य नवम्बर, 2024 को शुरू हुआ। परियोजना को दिसम्बर, 2029 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना की अनुमानित लागत ₹ 2491.96 करोड़ है। उन्होंने कहा कि आई.आर.आई, रूड़की को जलागम विभाग के द्वारा स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों में वर्षा आधारित नदियों, जलधाराओं के पुनर्जीवीकरण एवं उपचार कार्यों से इन नदियों, जलधाराओं के प्रवाह में आए प्रभावों का सतत् आकलन करने हेतु कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।

इस अवसर पर सिंचाई विभाग से सुभाष चंद्र पाण्डेय एवं लघु सिंचाई से बृजेश कुमार तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

भारत दर्शन योजना में इस वर्ष छात्रों की संख्या का लक्ष्य 1000, अगले वर्ष के लिए दिया 5000 का लक्ष्य

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने विभाग के क्रियाकलापों पर अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परीक्षा पैटर्न एवं अन्य प्राविधानों को समाहित करने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

मुख्य सचिव ने माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत भारत दर्शन योजना को विस्तारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कम से कम 1 हजार बच्चों को भारत दर्शन यात्रा करायी जाए, जिसे अगले वर्ष बढ़ाकर 5000 करने का लक्ष्य रखा जाए। यह बच्चों के अन्वेषण एवं कौशल के लिए एक महत्त्वपूर्ण योजना है। उन्होंने भारत दर्शन यात्रा के दिवसों को बढ़ाकर 7 दिन किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि भारत के प्रतिष्ठित विज्ञान एवं तकनीकी संस्थानों के साथ ही सैन्य प्रतिष्ठानों के भ्रमण कार्य आयोजित कराए जाएं।

क्लस्टर स्कूल भवनों के लिए डीपीआर एक माह में तैयार करने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने प्रस्तावित 559 क्लस्टर विद्यालयों के निर्माण में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने अगले एक माह में सभी चिन्हित क्लस्टर विद्यालय भवनों की डीपीआर तैयार कर प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक के दौरान ही फोन के माध्यम से शिक्षा विभाग द्वारा चयनित कार्यदायी संस्थाओं के विभागाध्यक्षों को एक माह में डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्मार्ट क्लासेज एवं कम्प्यूटर लैब निर्माण कार्यों की डीपीआर भी एक माह में तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यों में तेजी लाए जाने के लिए विभागीय निदेशकों को जिलाधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं से समन्वय के लिए जनपदों का दौरा किये जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जनपदों के भ्रमण कार्यक्रमों के दौरान क्लस्टर स्कूलों में वाहन भाड़ा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समितियों की बैठकें शीघ्र आयोजित कर ऐसे मामलों के निस्तारित किए जाने के भी निर्देश दिए।

प्रत्येक कार्य के लिए की जाए टाइम लाइन निर्धारितः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने विद्यालयों के लिए सभी प्रस्तावित हॉस्टल फैसिलिटी की डीपीआर भी एक माह में तैयार किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्मार्ट क्लासेज हेतु कम्प्यूटर लैब के लिए एक समर्पित हैड खोले जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में देरी न हो इसके लिए प्रत्येक कार्य की समयसीमा निर्धारित की जाए, साथ ही सचिव, अपर सचिव एवं महानिदेशक स्तर पर लगातार कार्यों की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भीतर आवासीय विद्यालयों को बढ़ाए जाने पर भी फोकस किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आवासीय विद्यालयों में एक वाहन उपलब्ध कराया जाए, ताकि मेडिकल इमरजेंसी एवं अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में होने वाली समस्याओं से बचा जा सके।

इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन एवं अपर सचिव रंजना राजगुरू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सिंचाई विभाग प्रदेशभर में चेक डैम की बनाए जाने की दिशा में कार्य करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में सिंचाई विभाग द्वारा जल संरक्षण हेतु बनाये जा रहे चेक डैम की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण के अंतर्गत प्रदेश में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे चेक डैम प्रस्तावों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि चेक डैम्स की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में चेक डैम की बनाए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ से कम धनराशि वाले प्रस्तावों को जिला स्तर पर ही निस्तारित किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि पेयजल की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल निगम एवं जल संस्थान को इसमें शामिल किया जाए। जल संस्थान एवं पेयजल निगम से भी पानी की कमी वाले स्थानों को चिन्हित कर उन स्थानों के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने इसकी जॉइन्ट रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन प्रस्तावों की डीपीआर तैयार हो गयी है उनके शासनादेश शीघ्र जारी किए जाएं। प्रत्येक प्रस्ताव के लिए ईसी, एफसी, टीएसी एवं ईएफसी आदि संस्तुतियों के लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए कैलेण्डर भी तैयार किया जाए एवं निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण कराए जाएं।

सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश की विभिन्न जनपदों में बैराज एवं चौक डैम बनाए जाने का कार्य गतिमान है। उन्होंने कहा कि नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी में जलाशयों का निर्माण कार्य गतिमान है। कहा कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश में प्रथम वरीयता के कुल 111 स्रोतों को प्राथमिकता पर लिया गया, जिनमें से 105 पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है, 06 स्रोतों पर कार्य गतिमान है। वर्ष 2025-26 के लिए 124 कार्य प्रस्तावित हैं, जिनकी डीपीआर तैयार करने के साथ ही प्राक्कलन गठन की कार्यवाही गतिमान है।

इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण नीना ग्रेवाल, सिंचाई विभाग से जयपाल सिंह एवं लघु सिंचाई से बृजेश कुमार तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने सचिवालय परिसर में 6 मंजिला वैकल्पिक नए भवन निर्माण कार्यों का किया शिलान्यास

सीएम धामी ने सरकारी कर्मियों को आमजन के हित में संवेदनशीलता जिम्मेदारी, पूर्ण निष्ठा व सरलीकरण से कार्य करने की नसीहत देते हुए कहा कि शासकीय कार्मिको की कलम से निकले शब्द केवल शासकीय आदेश नहीं होते, बल्कि दूर-दराज़ के गाँवों में बसे प्रत्येक नागरिक के जीवन में आशा की किरण बनकर उजियारा करते हैं। कार्मिको के परिश्रम, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा ही उत्तराखंड की प्रगति की दिशा और दशा निर्धारित करने वाली प्रमुख धुरी है।

सचिवालय में उत्तराखण्ड सचिवालय संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड की समस्त जनता की ओर से भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शित किए जा रहे अद्वितीय शौर्य और पराक्रम के लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिकों के अदम्य साहस और पराक्रम पर हम सभी को गर्व है। युद्ध जैसे हालातों के बीच वीर भूमि उत्तराखंड का बच्चा-बच्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने जवानों के साथ है।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय परिसर में 6 मंजिला वैकल्पिक नए भवन निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सचिवालय केवल ईंट-पत्थरों से बना एक भवन नहीं, बल्कि ये हमारे प्रदेश की शासन व्यवस्था की आत्मा है। यह प्रदेश के नीति-निर्माण का वो केंद्र है, जहां से राज्य के प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक क्षेत्र और प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण हेतु निर्णय लिए जाते हैं। उत्तराखंड सचिवालय में कार्यरत हमारे अधिकारी और कर्मचारीगण शासन और जनता के बीच की वो महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जिनके माध्यम से सरकार की नीतियां जन-जन तक पहुँचती हैं।

शासन तथा कर्मचारी संगठनों के बीच विश्वास, सहयोग और संवाद का सेतु अधिक मजबूत हुआ

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याएं केवल फाइलों और कागजों में नहीं सुलझतीं, बल्कि उन्हें दिल से सुनकर और ज़मीनी सच्चाई के साथ समझकर ही परस्पर संवाद द्वारा समाधान तक पहुँचाया जा सकता है। आज शासन तथा कर्मचारी संगठनों के बीच विश्वास, सहयोग और संवाद का सेतु पहले से कहीं अधिक मजबूत हुआ है। हमारी सरकार ने सचिवालय कर्मियों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लेकर उनके कल्याण हेतु अनेकों कार्य किए हैं। जहां एक ओर हम सचिवालय भवन को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं सचिवालय के कार्मिकों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाओं और निर्णयों के माध्यम से उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए भी निरंतर प्रयासरत हैं।

सचिवालय में आधुनिक सुविधाओं का विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सचिवालय परिसर में 6 मंजिला नए भवन के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की है, जिससे अनुभागों को बेहतर कार्य सुविधा मिल सकेगी। साथ ही, अनुभागों एवं निजी सचिवों के कार्यालय हेतु फर्नीचर और कंप्यूटर क्रय के लिए 3 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इसके साथ ही, सचिवालय संघ भवन का जीर्णाेद्धार, सचिवालय कैंटीन का सौंदर्यीकरण और बैडमिंटन कोर्ट का जीर्णाेद्धार जैसे विभिन्न कार्यों के द्वारा सचिवालय को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने का प्रयास किया है। यहीं नहीं, पार्किंग की समस्या के समाधान हेतु हमने लगभग 70 कारों की क्षमता वाली पार्किंग का निर्माण भी कराया है।

सरकारी कर्मियों के हित में कल्याणकारी निर्णय

मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय कर्मियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए हमारी सरकार ने ब्लड कलेक्शन सेंटर की स्थापना की है, जहां लगभग 270 प्रकार की जाँचें निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। हमने एक ओर जहां कार्मिकों के बच्चों के लिए वातानुकूलित क्रेच सेंटर की स्थापना की है, वहीं अत्याधुनिक फिजियोथेरेपी सेंटर की व्यवस्था भी की है। हमारी सरकार द्वारा प्रदेश की महिला कार्मिकों को एक वर्ष के उपरांत भी पूरे दो वर्षों तक सवैतनिक बाल्य देखभाल अवकाश (सी.सी.एल.) की सुविधा प्रदान की जा रही है। साथ ही, कर्मचारियों के हित में 25 लाख रुपये की राशि कर्मचारी कल्याण कोष में स्वीकृत की गई है, जिससे अनेक कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। इसके साथ ही, हमने कर्मचारियों की मांग के अनुरूप जीआईएस की राशि को दोगुना करने के साथ-साथ कार्मिकों के लिए कॉर्पाेरेट सैलरी पैकेज की सुविधा भी लागू की है, जिसमें निःशुल्क इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में कार्यरत कर्मियों को ए.सी.पी. और समयबद्ध पदोन्नति जैसे लाभ भी सुनिश्चित कराए गए हैं। हमने सेवानिवृत्त कर्मियों को विदाई के समय मोमेंटो और अंगवस्त्र प्रदान करने की परंपरा भी शुरू की है साथ ही, सेवानिवृत्ति की ग्रैज्युटी राशि को भी 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है। हमारी सरकार केवल समस्याओं के समाधान तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारा प्रयास है कि हम एक ऐसा सचिवालय बनाएं, जहां कार्यप्रणाली डिजिटल, पारदर्शी और कार्यकुशल हो और हर निर्णय में जनहित को सर्वाेपरि रखा जाए। हमने सचिवालय की कार्यप्रणाली को ई-गवर्नेंस के माध्यम से अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाया है। हम फाइल मूवमेंट को सुव्यवस्थित और ट्रैक करने के लिए फाइल मूविंग मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं, जिससे कार्यों में अनावश्यक विलंब समाप्त हो रहा है और कार्यप्रणाली दक्ष बन रही है। कर्मचारियों की डिजिटल सर्विस बुक की प्रक्रिया भी तीव्र गति से आगे बढ़ रही है, साथ ही कार्यालय को पेपरलेस बनाने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इन सभी प्रयासों के माध्यम से हम जहां एक ओर सचिवालय कर्मियों के बोझ को तकनीकी साधनों द्वारा कम करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं उनकी कार्यक्षमता को और अधिक सहज, सरल और प्रभावशाली बना रहे हैं। हमारी सरकार उत्तराखंड को देश का “सर्वश्रेष्ठ राज्य” बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प’’ को साकार करने हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है।

इस अवसर पर विधायक खजानदास, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, आर के सुधांशु, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, सैन्य अधिकारी, समस्त सचिवालय कार्मिक व सचिवालय संघ के पदाधिकारी मौजूद रहे।