खेल प्रतियोगितायें अनुशासन की भावना के साथ शारीरिक व मानसिक स्वस्थता को बढ़ावा मिलता हैः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में स्कूल गेम्स फेड़रेशन ऑफ इण्डिया से सम्बद्ध विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित 35वें राष्ट्रीय खेल कूद टेबल टेनिस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाली सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज ज्योतिर्मठ चमोली के छात्रों की टीम ने भेंट की।

मुख्यमंत्री ने विजेता टीम के सदस्य छात्रों को बधाई देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल प्रतियोगितायें छात्रों में अनुशासन की भावना के साथ शारीरिक व मानसिक स्वस्थता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक छात्र खेलों के प्रति जागरुक होकर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी बनें, इसके लिये राज्य की खेल नीति तैयार की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

इस अवसर पर रतनगढ़ राजस्थान में आयोजित 35वें राष्ट्रीय खेल कूद टेबल टेनिस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 14 छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावक तथा टी.टी. कोच विजय कुमार अग्रवाल सीनियर वेटरन खिलाडी देवेन्द्र कांडपाल आदि उपस्थित थे।

प्रतियोगी छात्रों में केशव चौहान, प्रियांशु नेगी, अनमोल, शार्दुल नेगी, सिद्धार्थ नेगी, समीर, शौर्य भट्ट, आयुष राणा तथा छात्राओं में अदिति नेगी, जोया पंवार, खुशी नेगी, विभूति चौहान, दिया, एवं अंशिका नेगी शामिल थी।

सीएम ने वंदना कटारिया इंडोर स्टेडियम रोशनाबाद में युवा ऑल स्टार्स प्रतियोगिता के समापन में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में उत्तराखंड कबड्डी एसोसिएशन के तत्वाधान में वन्दना कटारिया इण्डोर स्टेडियम रोशनाबाद में आयोजित युवा ऑल स्टार्स चौम्पियनशिप -2025 के समापन समारोह में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री इण्डोर स्टेडियम/हॉल को एसी हॉल बनाने की घोषणा करते हुए राष्ट्रीय स्तर की इस कबड्डी चौम्पियनशिप में प्रतिभाग करने हेतु देश के कोने-कोने से पधारे सभी ऊर्जावान खिलाड़ियों, तथा खेल प्रतियोगिता में विजय होकर मेडल प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि जिन टीमों के खिलाड़ी जीत से कुछ कदम दूर रह गए हैं, वे इसे अपनी खेल क्षमताओं में सुधार लाने का एक अवसर के रूप में देखें।

उन्होंने कहा कि कबड्डी हमारे देश का प्राचीन खेल है। कबड्डी में सफलता के लिए जहां एक ओर खिलाड़ी की स्फूर्ति, ताकत और गति महत्वपूर्ण होती है वहीं दूसरी ओर खिलाड़ियों में धैर्य और टीम भावना की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य रहा कि लंबे समय तक कबड्डी को वह सम्मान नहीं मिल पाया था जिसका वह हकदार हैं, उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में कबड्डी ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। 2014 में प्रारंभ हुई प्रो-कबड्डी लीग जैसी प्रतियोगिता के जरिये न केवल खिलाड़ियों को एक बड़ा मंच मिला है बल्कि कबड्डी को टेलीविजन पर भी काफी लोकप्रियता मिली है। युवा ऑल स्टार्स चौम्पियनशिप कबड्डी प्रतियोगिता को एक नया आयाम प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार इस चौम्पियनशिप का 100 से अधिक देशों में लाइव प्रसारण किया गया है, इसके साथ ही इस चौम्पियनशिप में उत्तराखंड के लिए अलग से एक 10 दिवसीय लीग आयोजित कर हमारे स्थानीय खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया गया है। जिसके लिए उन्होंने उत्तराखंड कबड्डी एसोसिएशन एवं आयोजकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज हमारा राज्य देश में देवभूमि के साथ ही खेल भूमि के रूप में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है। अभी हाल में 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन के दौरान हमने जिस प्रकार देशभर में आए खिलाड़ियों को खेल सुविधा उपलब्ध कराई वह एक बेंचमार्क रहा।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 517 करोड रुपए की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम बनाने के साथ ही लगभग 100 करोड रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल उपकरण लाकर उत्तराखंड में विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है। उन्होंने कहा कि आज यह विश्व स्तरीय स्टेडियम और खेल सुविधाएं प्रदेश के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग का एक मजबूत आधार बन चुके हैं। इसके साथ ही हमारे विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर बड़ी-बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के लिए आयोजक अब उत्तराखंड की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिता जो पहले से अन्य राज्यों में होती थी, वह अब उत्तराखंड में आयोजित की जा रही है जिसका एक उदाहरण यह युवा ऑल स्टार्स चौम्पियनशिप है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को खेलभूमि के रूप में स्थापित करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए राज्य सरकार शीघ्र ही एक स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान लागू करने जा रही है जिसके अंतर्गत प्रदेश के 08 शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी, जिनमें प्रत्येक वर्ष 920 विश्व स्तरीय एथलीट और 1000 अन्य एथलीट उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, इन अकादमियों में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के साथ ही स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर्ट, फिजियोथैरेपिस्ट, कंडीशनिंग कोच, डाइट स्पेशलिस्ट और साइकैट्रिस्ट भी तैनात किए जाएंगे इसके साथ ही हल्द्वानी में उत्तराखंड का प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, आयोजकों, खेल प्रेमियों को बधाई देते हुए कहा कि इस बार राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल जीतकर इतिहास रचने का कार्य किया है, जिसमें दो पदक कबड्डी के खिलाड़ियों ने भी जीते हैं, आने वाले समय में उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेडल लाकर उत्तराखंड के साथ संपूर्ण भारत को गौरांवित करेंगे।

इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, विधायक मदन कौशिक, शिवालिक नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष उत्तराखंड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद ओम प्रकाश जमदग्नि, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, देशराज कर्णवाल, सुरेश राठौर, कुॅवर प्रणब चौम्पियन, सहित अन्य व्यक्ति व खिलाड़ी आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने आवास पहुंचे मौली का किया स्वागत, बोले मौली की सक्रियता ने जीता सभी का दिल

38वें राष्ट्रीय खेल में लोगों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहा शुभंकर ‘मौली’ राष्ट्रीय खेलों के समापन के बाद सीएम आवास पहुंचा। मुख्यमंत्री ने सीएम आवास में मौली का स्वागत किया। राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर प्रतीक ’मौली’ (मोनाल पक्षी) देशभर में चर्चा का केन्द्र रहा है।

उत्तराखण्ड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर मौली राज्य के हर जनपद में भव्य स्वागत हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेल के दौरान मौली की सक्रियता ने सबका दिल जीतने का कार्य किया। उत्तराखण्ड का राज्य पक्षी मोनाल की विशिष्टता से देशभर के लोग परिचित हुए।

38वें राष्ट्रीय खेल ने उत्तराखण्ड को देवभूमि और वीरभूमि के साथ ही खेल भूमि के रूप में नई पहचान दिलाई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास और नई खेल नीति के परिणाम स्वरूप राज्य के खिलाड़ियों द्वारा 38वें राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन कर 103 पदक हासिल कर देशभर में शीर्ष सात राज्यों की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया है। 37वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड 25वें स्थान पर था। उत्तराखण्ड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेल ग्रीन गेम्स, ई-वेस्ट से बनाये गये मेडल और पदक विजेता खिलाड़ियों के नाम से पौध रोपण के लिए भी याद किया जायेगा।

नेशनल गेम्स के उद्घाटन समारोह की तरह ही होगा समापन का भव्य व विराट आयोजन

38 वें राष्ट्रीय खेलों का समापन शुक्रवार 14 फरवरी को हल्द्वानी में होने जा रहा है। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि होंगे। 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ किया था। हल्द्वानी के अंर्तराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में आयोजित होने वाले समापन समारोह को भी उसी स्तर का भव्य व विराट बनाने की तैयारी है।

राष्ट्रीय खेलों में इस बार 35 खेलों की स्पर्धाएं आयोजित की गईं, जिनमें से दो को छोड़कर बाकी सभी मेडल टेली के खेल थे। देहरादून राष्ट्रीय खेलों का प्रमुख आयोजन स्थल रहा। इसके बाद हल्द्वानी, हरिद्वार, रूद्रपुर जैसे शहरों में सबसे ज्यादा खेल स्पर्धाएं आयोजित की गईं। आयोजन की खूबसूरती यह भी रही कि खटीमा, टनकपुर, अल्मोड़ा, टिहरी जैसे ठेठ पर्वतीय क्षेत्रों में भी खेल गतिविधियां संचालित की गईं।

राष्ट्रीय खेलों का समापन समारोह शुक्रवार 14 फरवरी को हल्द्वानी के अंर्तराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में दोपहर दो बजे से शुरू होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि बतौर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मेघालय के मुख्यमंत्री कोंगकल संगमा, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा, केंद्रीय खेल एवं युवा मामले की मंत्री रक्षा निखिल खडसे, खेल मंत्री उत्तराखंड रेखा आर्या, नैनीताल सांसद अजय भट्ट, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष व सांसद डा पीटी ऊषा इस मौके पर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में उत्तराखंड ने छुआ 101 का शुभ आंकड़ा

38 वें राष्ट्रीय खेलों के समापन से कुछ घंटे पूर्व ही उत्तराखंड ने पदकों का शतक लगाकर इतिहास रच दिया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। कभी इतने पदक उत्तराखंड की झोली में आकर नहीं गिरे थे। उत्तराखंड का यह प्रदर्शन चमत्कारिक है और खेलों की दुनिया में असल वसंत खिलने का आभास करा रहा है। गोवा में आयोजित 37 वें राष्ट्रीय खेलों में सिर्फ 24 पदक उत्तराखंड ने जीते थे और पदक तालिका में वह 25 वें स्थान पर रहा था। इस बार पदकों की संख्या और पदक तालिका में उत्तराखंड की स्थिति दोनों में ही जबरदस्त उछाल आ गया है। गुरूवार की शाम को पदक तालिका में उत्तराखंड कुल 101 पदकों के साथ सातवें नंबर पर नजर आया।

अपने घरेलू मैदान में मेजबान उत्तराखंड के खिलाड़ियोें ने शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले राष्ट्रीय खेलों में जहां सिर्फ तीन स्वर्ण पदक उत्तराखंड ने देखे थे, वहीं इस बार स्वर्णिम सफलता की बयार चली है। उत्तराखंड ने 24 स्वर्ण पदक झटके हैं। इसके अलावा, 35 रजत और 42 कांस्य पदकों के साथ कुल 101 पदक अपने खाते में डाल दिए हैं। पदकों के मामले में देखा जाए, तो तालिका में उत्तराखंड से सिर्फ सर्विसेज, महाराष्ट्र, हरियाणा ही आगे हैं। इस लिहाज से उत्तराखंड का चौथा नंबर है, लेकिन स्वर्ण पदकों की कुल संख्या से होने वाले आंकलन के चलते उसका सातवां नंबर बना है। स्वर्ण पदक ज्यादा होने के कारण कर्नाटक, मध्य प्रदेश व तमिलनाडू जैसे राज्य पदक तालिका में उत्तराखंड से आगे हैं।

इस प्रदर्शन से उत्तराखंड का उत्साह सातवें आसमान पर है। खिलाड़ियों की अथक मेहनत और सरकार के प्रयासों ने मिलकर ऐसा रंग जमाया, कि उत्तराखंड में खेलों का असल वसंत अब दिखाई दे रहा है। पदकों के लिहाज से उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड के खिलाड़ियों को उसके घरेलू मैदान के अलावा सरकार की तमाम उन योजनाओं ने आगे बढ़ने में मदद की, जो उनके कल्याण से सीधे जुड़ी हैं।

खिलाड़ियों के दमदार प्रदर्शन ने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। 101 पदक जीतकर उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है। इससे पहले कभी उत्तराखंड पदकों के शतक तक नहीं पहुंचा था। निश्चित तौर पर यह उत्तराखंड के खेलभूमि बनने की तरफ ऊंची छलांग है। हम खेल विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं देशभर से आए खिलाड़ियों और अन्य मेहमानों के प्रति भी आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान किया है।

– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत होने वाले मौली संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आईटीडीए कैल्क के ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स (ड्रोन दीदी) में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली युवतियों को पुरस्कार स्वरूप ड्रोन देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खेल के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा यह आयोजन प्रदेश के विभिन्न 11 अलग अलग स्थानों पर किया जा रहा है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से राज्य भर में खेल सुविधाओं का विस्तार हुआ है, खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर किया गया है। प्रदेश के विभिन्न खेल परिसरों में परमानेंट इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है जिससे आने वाले समय में राज्य के युवा खिलाड़ियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि राष्ट्रीय खेलों का कोई भी खेल राज्य के बाहर, अन्य राज्यों में नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा वो स्वयं राज्य भर में जारी खेलो के अवलोकन हेतु विभिन्न स्थानों पर गए, कई स्थानों पर खिलाड़ियों के साथ मिलकर संवाद एवं भोजन भी किया। अन्य राज्यों से आए खिलाड़ियों ने स्वयं से व्यवस्थाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा 37 वे राष्ट्रीय खेल के मुकाबले 38वे खेलों में उत्तराखंड ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हमारा राज्य वर्तमान समय पर 80 से अधिक पदकों के साथ 6वें स्थान पर आ गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों को लेकर राज्य भर में खिलाड़ियों में नया जोश है। इससे राज्य में खेल कल्चर को बढ़ावा मिलेगा। अब हमारा राज्य देवभूमि के साथ खेल भूमि के रूप में भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा टिहरी में वाटर स्पोर्ट्स का आयोजन हुआ, टनकपुर में पहली बार रात्रि में राफ्टिंग की प्रतियोगिता हुई है, चकरपुर क्षेत्र में मल्लखंब का आयोजन किया गया। राज्य के हर क्षेत्र में इस तहर के आयोजनों से खेल में प्रति आम जन का भी रुझान बढ़ा है।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मौली संवाद कार्यक्रम के तहत कई महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिससे खिलाड़ियों को नई प्रेरणा मिली है। हमने खेल के साथ पर्यावरण संरक्षण और क्लाइमेट चेंज जैसे विषयों पर भी कार्य किया है। उन्होंने युवाओं से खेलने, पढ़ने के साथ प्रकृति का संरक्षण के लिए भी समय देने की बात कही। उन्होंने कहा नेशनल गेम्स का आयोजन में वेस्ट से इनकम और रीसायकल इकोनामी को भी बढ़ावा गया है।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

राष्ट्रीय खेलः जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस से लेकर हेली एंबुलेंस तक की व्यवस्था रहेगी उपलब्ध

38 वें राष्ट्रीय खेल के दौरान खिलाड़ियों और मेहमानों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए 141 टीमों का गठन किया गया है। 28 जनवरी से लेकर 14 फरवरी तक यह टीमें अलर्ट मोड में रहेंगी। इस दौरान जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस से लेकर हेली एंबुलेंस तक की सुविधा तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने बड़े स्तर पर राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां की हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के अनुसार-राज्य स्तर पर राज्य नोडल अधिकारी, उप नोडल अधिकारी व सह नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। जनपद स्तर पर जिला नोडल अधिकारी मुख्य चिकित्साधिकारी और सह नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी बनाए गए हैं। एंबुलेंस हेतु जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप स्टेडियम, रायपुर, देहरादून के धनवन्तरी ब्लॉक में 10 बैडेड अस्पताल खिलाड़ियों हेतु संचालित किया जाएगा। इसी तरह, आईजीआईसीएस स्टेडियम, गोला पार हल्द्वानी में दो बैडेट अस्पताल संचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त मात्रा में औषधियां, उपकरण क्रय किए जा रहे हैं।

डॉ टम्टा कुमाऊं और डॉ नेगी गढ़वाल के नोडल अफसर

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के अनुसार-डॉ० तरूण टम्टा, प्रमुख अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, नैनीताल को कुमाऊं मंडल का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। डॉ टम्टा ने स्पोर्ट्स मेडिसन में शिक्षा प्राप्त की है। निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, गढ़वाल मंडल पौड़ी गढ़वाल के स्तर पर डॉ केएस नेगी को गढ़वाल मंडल का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। नोडल अफसरों को स्थलीय निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।

इस तरह की हैं विभाग की तैयारियां

1-प्राइमरी हेल्थ केयर, सेकेंड्री हेल्थकेयर व टर्रसियरी हेल्थ केयर के नोडल अधिकारी और सह नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। सेकेंड्री हेल्थ केयर, जो जिला चिकित्सालय है, उनमें चिकित्सा विशेषज्ञ जैसे-न्यूरो, कार्डिक, हैड इंजरी एवं स्पाइन इंजरी को उक्त अवधियों में ऑन-कॉल (24Û7) रखे गए हैं।

2-प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 03 ऑन कॉल (24Û7) एंबुलेंस मय आवश्यक औषधि सहित तैनात है। खेल स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के रहने के स्थान के निकटतम चिकित्सा ईकाईयों में ऑन-कॉल (24Û7) टीमें तैनात की गई हैं। प्रत्येक जनपद में सूचीबद्ध चिकित्सालयों की व्यवस्था की गई है।

3-प्रत्येक खेल व शिफ्ट में एक टीम बनाई गई है, जिसमें डॉक्टर-01, नर्सिंग स्टॉफ-02, फिजियोथेरेपिस्ट-02(महिला/पुरुष) व वार्ड ब्वाय-01 को टीम में रखा गया है और 01 टीम को स्टैंड बाय रखा गया है।

4-सभी खेल स्थलों में 01-एएलएस एंड 01-बीएलएस एंबुलेंस की तैनाती चिकित्सकीय दल के साथ की गई है। 01 बीएलएस एंबुलेंस को स्टैंड बाय रखा गया है।

5-प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 03 ऑन-कॉल (24Û7) एंबुलेंस मय आवश्यक औषधि सहित तैनात है। खेल स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के रहने के स्थान के निकटतम चिकित्सा इकाईयों में ऑन-कॉल (24Û7) टीमें तैनात की गई है।

तैयारियों का ये भी लेखा-जोखा

150 डॉक्टर, 300 नर्सिंग स्टॉफ, 25 फिजियोथेरेपिस्ट, 30 फार्मासिस्ट व 50 वार्ड ब्वाय तैनात किए गए हैं।

115 एंबुलेंस राष्ट्रीय खेलों के दौरान तैनात रहेंगी। ये एंबुलेंस विभागीय और 108 सेवा की हैं।

05 बैड एम्स ऋषिकेश के ट्रामा विभाग में दिनांक 28 जनवरी 2025 से दिनांक 14 फरवरी 2025 तक) रिजर्व रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर एयरलिफ्ट की सुविधा हेली एंबुलेंस के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।

50 चिकित्साधिकारियों को एम्स ऋषिकेश में कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। यह चिकित्साधिकारी समस्त जनपद के हैं।
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“राष्ट्रीय खेल हमारे राज्य के लिए गौरव का क्षण है। खिलाड़ियों और मेहमानों को उच्चतम स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है। हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखा गया है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

राष्ट्रीय खेलः नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया के माध्यम से मिलेंगे खेल स्वयंसेवक

राष्ट्रीय खेलों में 1200 विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों की भी तैनाती की जाएगी। नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया के स्तर पर उत्तराखंड को यह स्वयंसेवक उपलब्ध कराए जाएंगे। उत्तराखंड अपने स्तर से भी करीब 2300 सामान्य स्वयंसेवकों को चयनित करने जा रहा है। विशिष्ट खेल स्वयंसेवक इनसे अलग होंगे। हालांकि सामान्य स्वयंसेवकों के साथ ही इन्हें भी व्यवहार और शिष्टाचार की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।

उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों के 38 वें संस्करण की मेजबानी कर रहा है। यह आयोजन 28 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। तमाम तरह की व्यवस्थाओं को बनाने के लिए दो तरह के स्वयंसेवक अपना योगदान करेंगे। इसमें से सामान्य स्वयंसेवकों की भर्ती की प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। 30 हजार से ज्यादा लोगों ने स्वयंसेवक बनने के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। इन सभी को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई है। ऑनलाइन परीक्षा भी ली गई है। इसके परिणाम के आधार पर ही स्वयंसेवक भर्ती किए जाएंगे।

राष्ट्रीय खेल सचिचालय के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत आर्या के अनुसार-सामान्य स्वयंसेवकों के अलावा विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों की भी तैनाती की जाएगी। नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया के माध्यम से ये स्वयंसेवक उत्तराखंड को प्राप्त होंगे, जिनकी विभिन्न स्थानों पर तैनाती की जाएगी।

विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों की ये है विशिष्टता

नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया इन विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों को उपलब्ध कराता है। खेल पृष्ठभूमि वाले इन स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का अनुभव होता है। सामान्य स्वयंसेवकों को जहां पार्किंग, मेहमानों को लाने-ले जाने संबंधी अन्य सामान्य व्यवस्थाओं में उपयोग किया जाता है, वहीं विशिष्ट स्वयंसेवकों को खेल से सीधे जुड़ी व्यवस्थाओं में जिम्मेदारी दी जाती है। स्वयंसेवकों से संबंधित कार्य देख रहे प्रतीक जोशी के अनुसार-विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों को प्रतिदिन एक हजार रूपये मानदेय दिया जाएगा। सामान्य स्वयंसेवक का प्रतिदिन का मानदेय पांच सौ रूपये तय किया गया है।

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड पूरी तरह से तैयार है। यह खुशी की बात है कि हर वर्ग राष्ट्रीय खेलों से किसी न किसी रूप में जुड़ने के लिए तैयार है। खेलों का यह बहुत बड़ा उत्सव है, जो कि उत्तराखंड में खेल विकास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होगा।
– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार।

राष्ट्रीय खेलों के लिए पांडवाज बैंड ने तैयार किया मोटिवेशनल सॉंग हल्ला धूम धड़क्का

अडग अडग अगवाड़ी हिट/प्रीत बढ़ा, रीत बढ़ाश् (अडिग होकर कदम आगे बढ़ा/प्यार, सौहार्द बढ़ा/परंपरा रीत बढ़ा)। राष्ट्रीय खेलों के मोटिवेशनल सांग हल्ला धूम धड़क्का की यह शुरूआती पंक्तियां हैं। इसे उत्तराखंड के प्रख्यात पांडवाज बैंड ने तैयार किया है। अपने नाम के अनुरूप हल्ला धूम धड़ाका गीत धूम मचाने के लिए तैयार है। इसे रिलीज कर दिया गया है।

जाहिर तौर पर तीन मिनट के इस गीत का मिजाज खेलों और युवाओं को समर्पित है। चूंकि इसे राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार किया गया है, इसलिए इसका फलक बड़ा है। बावजूद इसके, उत्तराखंड की लोक संस्कृति की झलक पूरी शान से गीत में मौजूद है। खास तौर पर, जब पारंपरिक वेशभूषा में गाते और ढोल-दमाऊ बजाते पांडवाज ग्रुप के कलाकार दिखाई देते हैं। इस गीत को शिवानी भागवत, ईशान डोभाल और सुशांत भट्ट ने गाया है। विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा मानते हैं कि बहुत कम समय में पांडवाज ने एक बेहतरीन गीत तैयार किया है। राष्ट्रीय खेलों के लिए यह गीत युवाओं को प्रेरित करेगा।

वोकल फॉर लोकल के लिए पांडवाज को मौका
-पांडवाज बैंड ने उत्तराखंडी लोक संगीत के क्षेत्र में खास जगह बनाई है। लोक और आधुनिक संगीत का तालमेल इस बैंड की सबसे बड़ी खासियत है। राष्ट्रीय खेलों के प्रचार-प्रसार में पांडवाज बैंड की सरकार ने विशेष भूमिका निर्धारित की है। राष्ट्रीय खेलों की मशाल के विभिन्न स्थानों पर भ्रमण के दौरान पांडवाज ग्रुप के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, मोटिवेशन सांग के लिए पांडवाज को अवसर दिया गया। सरकार ने पांडवाज को अवसर देकर लोकल फॉर वोकल का उदाहरण पेश किया है।

ये हमारा परम सौभाग्य है कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में पांडवाज बैंड की भूमिका रखी गई है। यह गीत दस दिनों में तैयार किया गया है। शूटिंग देहरादून स्टेडियम और आस-पास ही की गई। इस गीत को तैयार करते वक्त हमें कलात्मक स्वतंत्रता दी गई है। इसलिए और भी अच्छा लगा। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड के लिए बहुत बड़ा अवसर है।
ईशान डोभाल, पांडवाज बैंड के संस्थापक सदस्य।

राष्ट्रीय खेलों का आयोजन न सिर्फ खेल प्रतिभाओं, बल्कि उत्तराखंड के स्थानीय कलाकारों व अन्य क्षेत्रों से जुडे़ लोगों को भी आगे आने का अवसर प्रदान करेगा। उत्तराखंडी लोक संस्कृति का भी इस आयोजन के जरिये प्रचार-प्रसार होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर हमारी सरकार वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रही है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित कोच सुभाष राणा बोले, नेशनल गेम्स बहुत बड़ा अवसर

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित कोच सुभाष राणा मानते हैं कि 38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी हमारे लिए किसी सौगात से कम नहीं है। इस आयोजन के दौरान खेलों के लिए इतना बड़ा आधारभूत ढांचा उत्तराखंड में तैयार हो जाएगा, कि खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षण के लिए बाहर नहीं जाना पडे़गा। स्थिति ऐसी बदलेगी कि अन्य प्रदेशों के खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए यहां आने शुरू हो जाएंगे। राणा का यह भी कहना है कि सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ियों के अन्य प्रदेशों से खेलने पर भी रोक लग जाएगी। इस तरह से यह आयोजन खेल पलायन को भी रोकेगा। श्री राणा ने राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी को शुभकामनाएं भी दी।

द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने पर राणा का कहना है-जब आपके काम को मान्यता मिलती है, तो स्वाभाविक तौर पर उत्साह बढ़ता है और खुशी मिलती है। 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड की मेजबानी को वह खेल विकास के लिए बहुत बडे़ अवसर के तौर पर देखते हैं। राणा के अनुसार-राष्ट्रीय खेल जहां भी होते हैं, वहां खेल का बड़ा आधारभूत ढांचा तैयार हो जाता है। इससे खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने और निखरने का अवसर मिलता है। खेल का जो आधारभूत ढांचा उत्तराखंड में दस-बीस वर्षों बाद तैयार होना था, वह राष्ट्रीय खेलों की वजह से कुछ दिनों में ही तैयार मिलेगा। नई प्रतिभाओं को आगे आने में इससे बहुत लाभ मिलेगा। उत्तराखंड खेलों में नई ऊंचाइयां प्राप्त करेगा।

उत्तराखंड से खेलने के लिए कर रहे संपर्क

विभिन्न खेलों में अन्य प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर रहे कई खिलाड़ी अब उत्तराखंड से खेलने के इच्छुक हैं। सुभाष राणा ने एक बातचीत में इस बात की पुष्टि की है। उत्तराखंड की शूटिंग फेडरेशन से जुडे़ सुभाष राणा के अनुसार-ऐसे कई खिलाड़ियों ने उनसे संपर्क किया है। कई खिलाड़ी खेलों की अन्य फेडरेशन से भी संपर्क कर रहे हैं।

खिलाड़ी/कोच बतौर ये हैं उपलब्धियां

जाने-माने शूटर रहे सुभाष राणा के खाते में चार अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण और दो रजत पदक शामिल हैं। उन्होंने वर्ष 1994 में इटली और वर्ष 1998 में स्पेन में हुई विश्व शूटिंग चौंपियनशिप में भाग लिया था। एक कोच के तौर पर उनकी उपलब्धियों की चर्चा करें, तो वर्ष 2020 में टोक्यो पैरालंपिक में शामिल हुई शूटिंग टीम को उन्होंने प्रशिक्षित किया था। इस टीम ने पैरालंपिक में पांच मेडल जीते थे। भारतीय पैरा शूटिंग टीम के वह लंबे समय तक प्रशिक्षक रहे हैं।
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द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित होने पर सुभाष राणा को हार्दिक बधाई। उन्होंने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। खेल क्षेत्र में उत्तराखंड दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रहा है। अब राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खेल विकास में एक नई इबारत लिखेगा। खेलों में उत्तराखंड और देश का नाम आगे बढ़ान वाले सभी खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों से मेरी अपील है कि वे राष्टीय खेलों में अपनी भागीदारी निभाएं।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री