निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की जारी की अधिसूचना

राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। इस बार हरिद्वार जनपद को छोड़कर प्रदेश के अन्य 12 जनपदों में पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। आयोग ने पूरी चुनावी प्रक्रिया की रूपरेखा तय कर दी है।

चुनाव की शुरुआत नामांकन प्रक्रिया से होगी, जो 25 जून से 28 जून तक चलेगी। नामांकन पत्र प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक दाखिल किए जा सकेंगे। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच 29 जून से 1 जुलाई तक की जाएगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 2 जुलाई निर्धारित की गई है।

निर्वाचन दो चरणों में संपन्न होगा। पहले चरण के लिए चुनाव चिन्ह 3 जुलाई को वितरित किए जाएंगे और मतदान 10 जुलाई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। वहीं, दूसरे चरण में चिन्हों का वितरण 8 जुलाई को होगा और मतदान 15 जुलाई को कराया जाएगा।

चुनाव परिणामों की मतगणना 19 जुलाई को की जाएगी। जिलों में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी स्थानीय स्तर पर विस्तृत सूचना जारी करेंगे।

प्रदेश की प्रमुख नदियों पर होंगे ‘नदी उत्सव’

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में शिक्षा व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अभिनव पहल करते हुए दो महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के मेधावी टॉपर्स को एक दिन के लिए सांकेतिक जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक की भूमिका दी जाएगी। इस प्रेरणादायी कार्यक्रम का उद्देश्य मेधावी छात्रों को प्रशासनिक अनुभव देना, उनमें आत्मविश्वास जगाना और उच्च लक्ष्य की ओर प्रेरित करना है। यह योजना जल्द ही जिलों में लागू की जाएगी और इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ‘नदी उत्सव’ आयोजित करने के निर्देश भी दिए हैं। राज्य की प्रमुख नदियों के नाम पर यह उत्सव जनसहभागिता के माध्यम से आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन का उद्देश्य नदियों की सफाई, स्वच्छता, पुनर्जीवन और संरक्षण को जन अभियान का रूप देना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नदियां केवल जलस्रोत ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और जीवनशैली का हिस्सा हैं। ‘नदी उत्सव’ के माध्यम से आम जन को जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा।

धामी सरकार की यह पहल न केवल मेधावी विद्यार्थियों को सम्मान देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की ओर भी एक सशक्त प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने आवास पहुंचे मौली का किया स्वागत, बोले मौली की सक्रियता ने जीता सभी का दिल

38वें राष्ट्रीय खेल में लोगों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहा शुभंकर ‘मौली’ राष्ट्रीय खेलों के समापन के बाद सीएम आवास पहुंचा। मुख्यमंत्री ने सीएम आवास में मौली का स्वागत किया। राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर प्रतीक ’मौली’ (मोनाल पक्षी) देशभर में चर्चा का केन्द्र रहा है।

उत्तराखण्ड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर मौली राज्य के हर जनपद में भव्य स्वागत हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेल के दौरान मौली की सक्रियता ने सबका दिल जीतने का कार्य किया। उत्तराखण्ड का राज्य पक्षी मोनाल की विशिष्टता से देशभर के लोग परिचित हुए।

38वें राष्ट्रीय खेल ने उत्तराखण्ड को देवभूमि और वीरभूमि के साथ ही खेल भूमि के रूप में नई पहचान दिलाई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास और नई खेल नीति के परिणाम स्वरूप राज्य के खिलाड़ियों द्वारा 38वें राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन कर 103 पदक हासिल कर देशभर में शीर्ष सात राज्यों की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया है। 37वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड 25वें स्थान पर था। उत्तराखण्ड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेल ग्रीन गेम्स, ई-वेस्ट से बनाये गये मेडल और पदक विजेता खिलाड़ियों के नाम से पौध रोपण के लिए भी याद किया जायेगा।

कथा श्रवण कर सीएम ने साध्वी कालिन्दी भारती को फूल-माला व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काशीपुर रामलीला मैदान पहुंचकर दिव्य ज्योति संस्थान द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथामृत सुना। दिव्य ज्योति संस्थान द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन मुख्यमंत्री ने काशीपुर पहुंचकर बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित किया व कथा वाचक साध्वी कालिन्दी भारती को फूल-माला व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। इसके उपरांत उन्होने श्रीमद् भागवत कथा को सुना।

मुख्यमंत्री ने कथा में सम्बोधित करते हुए कहा कि दिव्य कथा वाचक व सुन रहे श्रद्धालुओं का हृदय की गहराइयों स्वागत करता हूं। उन्होंने आशुतोष महाराज को नमन करते हुए कहा कि उनके ज्ञानामृत से हम सब आज कृतार्थ हो रहे है। उन्होंने कहा कि सभी सन्तगणों व जनता का साथ प्राप्त होता है, इससे हमें नयी ऊर्जा मिलती है। उन्होने कहा कि सन्तो का समागम व हरि कथा दुर्लभ होते है ये बड़े सौभाग्य से ही प्राप्त होते है। उन्होने स्वामी उमेशानन्द का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मै स्वंय को सौभाग्यशाली मानता हूं कि हमे आप सभी पूज्य संतो का आर्शीवाद मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशीपुर की भूमि धर्म, आध्यात्म की ऐतिहासिक भूमि है। पुरातत्व विभाग ने भी सर्वे कर काशीपुर की भूमि को ऐतिहासिक माना है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व आशीर्वाद से सरकार देवभूमि के संरक्षण व विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। केदारखण्ड व बदरीनाथ धाम में कई ऐतिहासिक विकास कार्य हुऐं है, मानसखण्ड मंदिर माला के अन्तर्गत मन्दिरों को जोड़ने व उनके सौर्न्दयीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिसमें काशीपुर मां बालसुन्दरी मन्दिर को भी रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार डैमोग्राफी, अतिक्रमण हटाने का कार्य कर रही है ताकि उत्तराखण्ड का मूल स्वरूप बना रहे। उन्होने कहा कि सरकार ने यूसीसी लाकर सभी को समान अधिकार व न्याय सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक कार्य किया है। उन्होने कहा कि विकल्प रहित संकल्प पर सरकार पूरी दृढ़ता से कार्य कर रही है। उन्होने सभी संतो व श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी संतो व जनमानस का हमेशा आर्शीवाद व मार्गदर्शन यूं ही मिलता रहे।

इस दौरान विधायक शिव अरोरा, मेयर दीपक बाली, दर्जा मंत्री सुरेश भट्ट, मुकेश कुमार, शैलेन्द्र मोहन सिंघल, राम महरौत्रा, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकान्त मिश्रा, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, एएसपी डॉ उत्तम सिंह नेगी, नगर आयुक्त विवेक राय, सीओ आरडी मठपाल, उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, चतर सिंह चौहान सहित अनेक गणमान्य व श्रद्धालु उपस्थित थे।

सीएम धामी स्वयं पिछले 72 घंटों से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की कर रहे हैं मॉनिटरिंग

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को लगातार सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जा रहा है। सीईओ बीकेटीसी योगेंद्र सिंह ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन केदारनाथ धाम में फंसे हुए यात्रियों 373 यात्रियों, स्थानीय लोगों एवं मजदूरों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की मदद से लिनचोली तक पहुंचाने के लिए रवाना कर दिया गया है। लिनचोली से एयरलिफ्ट कर इन सभी को रेस्क्यू किया जाएगा। वहीं केदारनाथ हैलीपैड पर अभी 570 यात्री, स्थानीय लोग और मजदूर एयर लिफ्ट होने का इंतजार कर रहे हैं। केदारनाथ में सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन, बीकेटीसी और तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा फूड पैकेट्स, पानी की बोतलें, फल उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

उधर, रामबाड़ा चौमासी ट्रैक से एनडीआरएफ एव एसडीआरएफ द्वारा 110 यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचा दिया गया है। ट्रैक पर सुरक्षा बलों द्वारा यात्रियों को लगातार फूड पैकेट्स, पानी सहित चिकित्सा उपचार उपलब्ध करवाया गया। अब तक इस मार्ग से 534 से अधिक यात्रियों एव स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने ड्रग्स माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्यवाही के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि यदि राज्य में ड्रग्स माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए नकल विरोधी कानून की तरह कड़े से कड़े कानून को लाने की जरूरत पड़ी तो, यह भी लाया जा सकता है। सीएम श्री धामी ने उत्तराखण्ड में नशे की सप्लाई चौन तोड़ने के लिए पुलिस विभाग को नशे का व्यापार करने वाले अपराधियों व ड्रग्स माफिया पर ताबड़तोड़़ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएम ने आगामी 26 जून को वर्ल्ड एन्टी ड्रग्स डे के अवसर पर प्रदेशभर के युवाओं के एण्टी ड्रग ई प्लज के आंकड़े को 55300 से बढ़ाकर नया रिकॉड बनाने का लक्ष्य पुलिस विभाग को दिया है। उन्होंने कहा कि योग दिवस की भांति ही आगामी 26 जून को राज्यभर में वर्ल्ड एन्टी ड्रग्स डे मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि राज्य में नशा मुक्ति केन्द्रों की स्थापना, संचालन, उपचार एवं चिकित्सकों की व्यवस्था हेतु स्पष्ट गाइडलाइन्स एवं वर्किंग प्लान को जल्द से जल्द कार्यान्वित करने में आ रही बाधाओं के समाधान हेतु मुख्यमंत्री स्तर पर सीधा सम्पर्क किया जाए। वर्तमान में राज्य में निजी प्रयासों से 43 निजी नशा मुक्ति केंद्र संचालित है।
आज सचिवालय में एनसीओआरडी (स्टेट लेवल नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन मीटिंग) की चौथी राज्य स्तरीय बैठक में उन्होंने एण्टी ड्रग्स टास्क फोर्स को मजबूत करने की भी बात की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि 2025 तक ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अधिकारियों को मात्र बैठकों तक सीमित न रहकर कार्याे कों धरातल पर उतारने के लिए ऑनरशिप लेने की कार्य संस्कृति विकसित करनी होगी। यह अधिकारियों के कर्तव्य के साथ ही मानवता की सेवा का भी कार्य है।

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड पुलिस विभाग के अधिकारियों व जवानों को नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो में प्रतिनियुक्ति व प्रशिक्षण हेतु भेजने हेतु कार्ययोजना पर गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश भी दिए हैं।

बैठक में नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरों के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने जानकारी दी कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 में 238 किलोग्राम चरस, 30 किलोग्राम डोडा, 12 किलोग्राम अफीम, 19.11 किलोग्राम स्मैक, 1.57 किलोग्राम हिरोइन, 1232.55 किलोग्राम गांजा, 105390 कैप्सूलस, 17506 इंजेक्शन, 32110 टैब्लेट्स सीज की गई। इसके साथ ही वर्ष 2022 में 141.5 एकड़ भांग तथा 108.5 भांग की फसल नष्ट की गई। इस वर्ष मई 2023 तक तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 586 केस रजिस्टर्ड हो चुके हैं जिनमें 742 आरोपी गिरफतार हो चुके हैं।

समाज कल्याण विभाग उत्तराखण्ड द्वारा जानकारी दी गई कि एडीक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी (एटीएफ) हेतु भारत सरकार द्वारा श्रीनगर, उत्तरकाशी, चम्पावत एवं अल्मोड़ा का चयन किया गया है। इसके तहत मादक पदार्थाे के दुष्प्रभावो के उपचार हेतु राजकीय चिकित्सालय/स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार सहायता उपलब्ध करायी जाती है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव आर के सुधांशु, नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरों तथा उत्तराखण्ड शासन के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।

आर्यन कंपनी का हेलीकॉप्टर केदारनाथ जाते वक्त दुर्घटनाग्रस्त, सात यात्रियों की मौत

केदारनाथ धाम में हेली सर्विस में शामिल आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर आज अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 7 लोगों की मौत की सूचना है। मारे गए लोगों में चॉपर के पायलट औऱ यात्री शामिल हैं। बताया जा रहा है कि खराब मौसम के कारण ये हादसा हुआ। 7 people died as chopper crash in kedarnath route

मिली जानकारी के अनुसार आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर-VTRPN गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम के लिए 6 यात्रियों के साथ उड़ान भर रहा था। लेकिन बीच में बेहद खराब मौसम औऱ घने कोहरे के कारण पायलट का आगे जा पाना संभव नहीं था। इसी दौरान करीब 12 बजे पायलट ने वापस गुप्तकाशी में लैंडिंग की सोची। लेकिन गरुड़चट्टी के पास जैसे ही पायलट टर्न लेने की कोशिश कर रहा था, चॉपर का नियंत्रण बिगड़ गया और पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया। हादसे में चॉपर के पायलट कैप्टन अनिल समेत 6 अन्य यात्रियों की मौत हो गई है।

हादसे की सूचना के बाद रेस्‍क्‍यू के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान चलाया। क्रैश होने से हेलीकॉप्टर कई हिस्सों में टूट गया है और बीच का हिस्सा जलकर राख हो गया। मृतकों की पहचान अनिल कुमार (हेलीकॉप्टर के पायलट) उर्वी बरार (25), कुर्ती बरार (30), पूर्वा रामानुज (26), प्रेम कुमार वी (63), सुजाता (56) कला (60) के तौर पर हुई है।

2019 में भी केदारनाथ में हेलीकॉप्‍टर क्रैश हुआ था। केदारनाथ से यात्रियों को लेकर फाटा के लिए उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने से पायलट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी और इस दौरान हेलीकॉप्‍टर क्रैश हो गया था। इससे पहले 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान भी रेस्क्यू करते हुए वायु सेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर समेत तीन हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए थे। इन दुर्घटनाओं में 23 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।