उत्तराखंड में 15 दिसंबर से खुलने जा रहे विश्व विद्यालय

देहरादून। आज उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। कैबिनेट में 29 प्रस्ताव आए, एक अगली कैबिनेट में प्रस्ताव रखा गया। एक में कमेटी बनाई गई। कुल 27 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई।

– कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर कैबिनेट के सामने प्रेजेंटेशन रखी गई।
– पहले फेस में 20 प्रतिशत लोगों को उत्तराखंड में कोविड-19 लगाई जाएगी, 55 साल से ऊपर के लोगों, फ्रंट लाइन में काम करने वाले कर्मचारियों को भी लगाया जाएगा टीका,
– उत्तराखंड पेजयल संसाधन एवं निर्माण नियमावली में संशोधन
– देहरादून मेडिकल कॉलेज में 44 सुपर स्पेशलिटी पदों को कैबिनेट ने दी मंजूरी
– रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज में 927 पदों को मिली स्वीकृति
– नैनीताल में सेंचुरी पल्प मिल की भूमि लीज को लेकर भी लिया गया फैसला
– देहरादून में अमृत कौर रोड देहरादून पर स्थित नर्सिंग होम को मार्ग शिथिलता प्रदान किए जाने के संबंध में मंजूरी मिली
– निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए राज्य के आदर्श नियमावली 2020 में संशोधन किया गया
– उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नियमावली में संशोधन किया गया।
– उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के लेखा वर्ग के पदों में चार पद खत्म
– उत्तराखंड शहीद आश्रितों अनुग्रह अनुदान अधिनियम 2020 कानून बना
– उत्तराखंड लोक सेवा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण संशोधन अध्यादेश को मंजूरी मिली,
– उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अधिनियम 2014 में संशोधन, पुलिस की भर्ती भी अधीनस्थ सेवा आयोग करेगा,
– आबकारी नीति में संशोधन किया गया,
– राज्य के निवासियों के लिए ट्रस्ट शोसायटी एक्ट बनाने को लेकर हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में बनी कमेटी को मिली मंजूरी,
– राज्य के अंदर 15 दिसंबर से कॉलेज यूनिवर्सिटी डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे, कोविड-19 के सभी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा,
– उत्तराखंड अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली 2020 कैबिनेट में दोबारा प्रस्ताव आएगा

कोरोना कोष को नहीं कटेगा सरकारी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन

सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के एक दिन के वेतन में की जा रही कटौती को अब नहीं काटा जाएगा। यह निर्णय देहरादून में आयोजित कैबिनेट की बैठक में लिया गया। सीएम त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में त्योहारों को देखते हुए कर्मचारियों के वेतन से एक दिन की कटौती न करने का फैसला लिया गया।

इनके वेतन से कटौती जारी रहेगी
कैबिनेट ने फैसला हुआ कि कोरोना कोष के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस, व आईएफएस अफसरों के वेतन से एक दिन की वेतन कटौती होती रहेगी।

सचिवालय में सीएम के समक्ष विधायकों व अधिकारियों ने ली कोरोना की रोकथाम संबंधी प्रतिज्ञा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु जन जागरूकता अभियान के तहत विधायकगणों एवं अधिकारियों को प्रतिज्ञा-शपथ दिलाई। उन्होंने कोविड-19 से बचाव हेतु कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सावधानियां बरतने, कोविड से जुड़े आचार व्यवहार का अनुसरण करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करने की शपथ दिलाई। मास्क, फेस कवर पहनने एवं दूसरों से 02 गज की दूरी बनाकर रखने, नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोने, कोविड के लक्षण महसूस होने पर तत्काल चिकित्सा सलाह लेने एवं मिलकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतने की भी शपथ दिलाई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जनप्रतिनिधयों, अधिकारियों एवं कार्मिकों को कोराना से बचाव के लिए जन जागरूकता पर विशेष ध्यान देना होगा। त्योहारों एवं शीतकाल का समय शुरू होने वाला है। इसके दृष्टिगत मास्क की अनिवार्यता, सोशल डिस्टेंसिंग एवं स्वच्छता से सबंधित नियमों के पालन के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता जरूरी है। सर्दी के समय में कोविड से बचाव के लिए और सतर्कता की जरूरत है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जब तक राज्य में कोविड पूर्ण रूप से समाप्त नहीं होता, तब तक जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोविड के कोई लक्षण दिखाई दे,तो शीघ्र इसकी सूचना टोल फ्री नम्बर या स्वास्थ्य विभाग को दी जाय।

उन्होंने कहा कि सुरक्षात्मक उपायों से इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य विभाग की गाईडलाईन का पूरा पालन जरूरी है। अधिकारी बैठकों को अधिकतम वर्चुअल माध्यम से करें। सतर्कता से राज्य में कोविड संक्रमण की दर में कमी आयी है, लेकिन इस समय किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय।

मौके पर वर्चुअल माध्यम से विधायकगण, सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आरके सुधांशु, अमित नेगी, नितेश झा, शैलेष बगोली, डॉ. पंकज पाण्डेय, डॉ. रणजीत सिन्हा, महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।

राज्य कैबिनेट-कोविड की रोकथाम और स्वरोजगार पर रही केन्द्रित, लिए कई निर्णय

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक आयोजित हुई जिसमें 16 बिंदुओं पर चर्चा हुई। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार कार्मिकों के विभिन्न भत्तों पर हर महीने 63.11 करोड़ खर्च कर रही है। इसमें सबसे अधिक मकान किराया भत्ते पर 44.09 करोड़, पर्वतीय विकास भत्ता मद में 5.29 करोड़ व सीमांत क्षेत्र भत्ता मद में 1.32 करोड़, सचिवालय भत्ता मद में 50 लाख रुपये, पुलिस कार्मिकों को अनुमन्य प्रोत्साहन भत्ते की मद में 66.55 लाख समेत अन्य भत्तों पर प्रतिमाह 13.04 करोड़ का खर्च बैठ रहा है।

मदन कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि-
1. कोविड सैंपलिंग, टैस्टिंग की प्रक्रिया को गति दी जाएगी। प्राइवेट लैब को टैंडर प्रक्रिया से लेने के लिए 4 दिन का अवधि निर्धारित किया गया।
2. किसी भी कार्मिक के किसी भी रूप में भत्ते में कटौती नहीं की जाएगी, मुख्य सचिव से लेकर नीचे के सभी कार्मिकों का प्रत्येक माह में, एक दिन का वेतन वर्तमान वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा। पेंशनरों से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी। दायित्वधारियों का प्रत्येक माह में 5 दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा, वर्तमान वित्त वर्ष तक।
3. मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में राहत प्रदान की गयी है। बागवानी मिशन में सब्जी, बीज, पुष्प पर दिया जाने वाला 50 प्रतिशत का अनुदान शेष सभी कृषकों को दिया जाएगा। बागवानी मिशन से अलग फल, बीज, आलू, अदरक 50 प्रतिशत राज्य सहायता अनुदान के रूप में दिया जायेगा तथा कोल्ड स्टोर और ए.सी. वैन पर भी अनुदान दिया जायेगा। 15 लाख रुपये लागत के कोल्ड स्टोरेज पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा 26 लाख रुपये एसी वैन की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
4. श्रम विभाग के श्रम अधिनियम के अंतर्गत दुकान, प्रतिष्ठान के नियोजकों को संदिग्ध कोविड कर्मचारियों को 28 दिन के क्वॉरंटीन अवधि का वेतन भुगतान करना होगा। सभी दुकानों, कारखानों जहां 10 से अधिक कर्मचारी हैं, कोविड को रोकथाम के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी।
5. उत्तराखंड उपखनिज 2016 चुगान नीति में परिवर्तन करते हुए निगम के पट्टे की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दी गई है। यदि अन्य क्षेत्र में टेंडर के बाद कोई फर्म नहीं मिलता है तो इसका संचालन निगम करेगा।
6. कोविड स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उपकरण क्रय का अधिकार 03 माह से बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दिया गया है। अग्रिम धनराशि को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया। निदेशक के 03 करोड़ के अधिकार को अब प्राचार्य भी उपयोग कर सकेंगे।
7. श्रम सुधार अधिनियम में यूनियन बनाने के लिए कर्मचारियों के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की संख्या कर दी गयी।
8. रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्री की डिजिटल नकल दो रुपये प्रति पृष्ठ और न्यूनतम 100 रुपये की गयी।
9. आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिए तीन माह की निर्धारित अवधि बढ़ाकर 20 फरवरी 2021 किया गया।
10. मेगा इंडस्ट्री एवं इंवेस्टमेंट पालिसी में संसोधन करते हुए वैधता अवधि 31 मार्च 2020 से 30 जून 2020 किया गया।
11. उत्तरकाशी में 1000 मि.टन क्षमता को बनाने के लिए मंडी परिषद को 10 करोड़ से बढ़ाकर 13 करोड़ 46 लाख में बनाने का अधिकार दिया गया।
12. जिला योजना समिति के चुनाव के संबंध में अध्यादेश लाते हुए जिलाधिकारी प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से कार्य करा सकते है।
13. पंचायती राज अध्यादेश लाते हुए जहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं हो पाया है एवं अन्य पदों का चुनाव हो गया है वहां जिलाधिकारी के माध्यम से शेष पदों पर मनोनीत किया जा सकता है।
14 प्रदेश के भीतर वाहनों की आवाजाही होगी, लेकिन संबंधित जिले में जिलाधिकारी कार्यालय में करना होगा ऑनलाइन आवेदन, सिर्फ आवेदन ही पर्याप्त, उसके बाद पास लेने की आवश्यकता नहीं।

युवाओं को तरजीह देगी सरकार, युवा आयोग का गठन करने की तैयारी में सरकार

राज्य सरकार ने युवा वर्ग के हितों का संरक्षण करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत राज्य में युवा आयोग का गठन किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो आयोग के गठन का मकसद युवा शक्ति के सर्वांगीण विकास के साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। प्रस्तावित युवा आयोग का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इसे कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
बताया जा रहा कि उत्तराखंड में युवाओं की संख्या काफी ज्यादा है। अगर मतदाताओं के लिहाज से आकलन करें तो 18 से 39 वर्ष तक के युवा वर्ग का हिस्सा 55 फीसद से ज्यादा है। राजनीतिक नजरिये से देखे तो युवा तबका उत्तराखंड में एक बड़े वोट बैंक की भूमिका में है। राज्य में दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा सरकार अब इन्हें लक्ष्य कर भावी योजनाओं को आकार दे रही है। युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार ही है, इसलिए आने वाले दो वर्षों में सरकार का फोकस ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने पर है। प्रस्तावित युवा आयोग का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण उद्देश्य भी यही है।
यूं तो उत्तराखंड में युवा नीति वर्ष 2011 से ही वजूद में है लेकिन अब इसमें कुछ अहम संशोधन किए जाने की तैयारी है। दरअसल, पिछले साल संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) का एक प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड आया था। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं और सिविल सोसायटी के सदस्यों से विचार-विमर्श किया। इसकी रिपोर्ट के आधार पर अब प्रदेश में संशोधित युवा नीति पर काम चल रहा है। अब नीति में युवा कल्याण विभाग को नोडल विभाग बनाने की तैयारी है। सभी विभाग अपने यहां युवा विकास की कार्ययोजना बनाने के साथ ही इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। इनके बीच आपसी समन्वय बनाने का काम युवा कल्याण विभाग करेगा।
संशोधित युवा नीति के मुताबिक ही अलग युवा आयोग का गठन किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक आयोग में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के अलावा लगभग आधा दर्जन सदस्य शामिल किए जाएंगे। इनमें विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों को तरजीह दी जाएगी। यह भी संभव है कि स्वयं मुख्यमंत्री युवा आयोग के पदेन अध्यक्ष हों। युवा आयोग के गठन से पहले सभी विभागों को युवाओं के विकास के लिए अलग-अलग कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। युवा आयोग के जरिये रोजगार के साथ ही विकास में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित की जाएगी।
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार युवा आयोग के गठन के संबंध में गंभीरता से विचार कर रही है। संभवतया इस तरह के आयोग का गठन करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा। युवाओं के चहुंमुखी विकास और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।