केदारनाथ में नेपाल भवन को संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में किए जा रहे अवस्थापना स्थापना संबंधी कार्यों की प्रगति का जायजा लेने सचिव संस्कृति, भारत सरकार राघवेंद्र सिंह तथा सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने आदि शंकराचार्य की समाधि, नेपाल भवन तथा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का निरीक्षण किया।

सचिव पर्यटन जावलकर ने सचिव, भारत सरकार को केदारनाथ में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति से रूबरू कराया। कहा कि आदि शंकराचार्य की समाधि पर चल रहे कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश कार्यदाई संस्था को दिए गए। इस दौरान उनके साथ प्रसिद्ध उद्योगपति सज्जन जिंदल भी उपस्थित रहे। ज्ञातव्य है कि जिंदल स्टील वक्र्स द्वारा केदारनाथ विकास कार्यों के लिए बड़ी मात्रा में सहयोग राशि उपलब्ध करवाई गई है जिसके माध्यम से शंकराचार्य समाधि स्थल पर निर्माण कार्य संचालित किए जा रहे हैं। भारत सरकार के संस्कृति सचिव द्वारा इस अभूतपूर्व योगदान के लिए उद्योगपति जिंदल का विशेष आभार व्यक्त किया गया।

मौके पर अधिकारियों ने नेपाल भवन का भी निरीक्षण किया और स्थान स्वामी से वार्ता कर इसे संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव दिया। सचिव, भारत सरकार की ओर से कुछ स्थानीय घरों का भी निरीक्षण किया गया, इसमें अस्थाई तौर पर संग्रहालय को संचालित किया जा सके। भारत सरकार के संस्कृति सचिव द्वारा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का भ्रमण किया गया। जिसमें उनके द्वारा किन्ही चार स्थलों (पडावौं) को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ध्यान केंद्र के रूप में विकसित करने का विश्वास दिलाया गया।

देवस्थानम बोर्ड को शासन से पूर्ण सहयोग मिल रहाः सचिव पर्यटन

पर्यटन सचिव जावलकर ने कहा कि राज्य में पर्यटकों के लिए आवाजाही खोल दी गई है। देशभर के श्रद्धालुगण अब देवस्थान पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर चार धामों की यात्रा पर आ सकते हैं। कहा कि देवस्थानम बोर्ड को अपना कार्य केवल पूजा अर्चना तक सीमित न रखते हुए यात्रियों की सेवा के लिए अतिरिक्त कार्य करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को शासन की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। बोर्ड के अधिकारी- कर्मचारियों से इस बात की अपेक्षा है कि वे वृहद स्तर पर उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु अपने विजन को विशाल करेंगे।

30 हजार श्रद्धालु कर चुके हैं बाबा केदार के दर्शन
उन्होंने बताया कि अब तक 30,000 श्रद्धालुओं द्वारा बाबा केदार के दर्शन किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए राज्य के द्वार खोले जाने से चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है इससे स्थानीय होटल एवं रिजॉर्ट व्यवसायी, घोड़ा व्यवसाई, छोटे कारोबारियों तथा पर्यटन क्षेत्र के अन्य हित धारकों को लाभ पहुंचेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

दर्जाधारी राज्यमंत्री ने पारम्परिक लोक गीत ’झुमका’ का किया लोकार्पण

उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाता प्रसिद्ध लोक नृत्य गीत झुमैला का अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा की ओर से लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया। वीडियो गीत को दर्जाधारी राज्यमंत्री भगतराम कोठारी व महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजे नेगी ने संयुक्त रूप से किया।

गीत में अपनी आवाज लोकगायक अजय नौटियाल और गायिका पूनम सती ने दी है। महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने बताया कि युवा गीतकार कमल जोशी व अजय नोटियाल द्वारा इस लोकगीत को पुनर्रचित कर और परिष्कृत व रुचिकर बनाने का प्रयास किया है। निर्माता दौलत राणा व एसडीई प्रोडक्शन के बैनर तले बने इस गीत का निर्देशन अंकुश सकलानी फिल्मांकन एवं सम्पादन रज्जी गोसाईं ने किया है। अभिनय फौजी जवान तारा सिंह व अभिनेत्री शालिनी सुंदरियाल ने किया है। लोक गायक अजय ने बताया कि यह गीत उत्तराखण्डी संस्कृति को गौरवपूर्ण रूप से दर्शाता है इसमें नायक नायिका के बीच बेहद दिलचस्प संवाद हैं कि नायिका झुमैला खेलना (पारंपरिक सामूहिक नृत्य करना) तो चाहती है लेकिन क्योंकि उनके जेठ भी झुमैला देख रहे हैं तो वो नृत्य में प्रतिभाग नही कर सकती। आज भी उत्तराखंड के गांवों में पति के बड़े भाई यानी जेठ से बहुओं का पर्दा करने की परंपरा है जिसे गढ़वाली में छौं भचना कहते हैं, यह संयुक्त परिवारों के ताने बाने को बनाये रखने के लिए परिवार के बड़ों को छोटों द्वारा सम्मान देने का एक बेहतरीन तरीका था। मौके पर लोक गायक कमल जोशी, समाजसेवी नरेंद्र मैठाणी, जगदीश कोठारी, प्रियांशु कोठारी, मयंक भट्ट आदि मौजूद रहे।

अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी बदरीनाथ के मास्टर प्लान में शामिल किया जाएः मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। साथ ही श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव दिलीप जावलकर आदि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिये कि श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। मिनी स्मार्ट, स्पिरीचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए। होम स्टे भी विकसित जा सकते हैं। निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोङा जाए। बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था हो जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो। बद्रीनाथ का मास्टर प्लान का स्वरूप पर्यटन पर आधारित न हो बल्कि पूर्ण रूप से अधात्मिक हो। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की।

बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में स्थानीय लोगों को मिल रहा सहयोग
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी 12 महीने कार्य किए जाएंगे।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी।

बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। नर्सरी के लिए बीज एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है।

सोशल मीडिया में चली ढोल वादक धूमलाल की तबियत खराब की खबर, सीएम ने संज्ञान लेकर एम्स में कराया भर्ती

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर जनपद चमोली के ग्राम उर्गम निवासी ढोल वादक धूमलाल को उपचार हेतु एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री ने धूम लाल की चिकित्सा पर होने वाला व्यय मुख्यमंत्री राहत कोष से किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।

ज्ञातव्य है कि मुखोटा नाटकों एवं नंदा राज जात यात्राओं के ढोल वादक धूमलाल की अस्वस्थता के बारे में सोशल मीडिया से पता चलने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने त्वरित संज्ञान लेकर धूमलाल को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराने के निर्देश दिये तथा इलाज पर होने वाला व्यय मुख्यमंत्री राहत कोष से किये जाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने धूमलाल को ढ़ोल वादक के रूप में दी जाने वाली पेंशन के अविलम्ब भुगतान हेतु निदेशक संस्कृति को भी निर्देश दिये हैं।

प्रीतम भरतवाण का नया गढ़वाली गीत हिट बसंती हो रहा लोकप्रिय

पद्मश्री जागर सम्राट डॉ प्रीतम भरतवाण के नये गीत हिट बंसती ने रिलीज होने के साथ ही सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। मधुर गीत-संगीत और प्रीतम की आवाज का जादू सुनने वालों के सिर चढ़कर बोल रहा है। उत्तराखंड ही नहीं देश विदेश के लोगों द्वारा हिट बंसती गीत को काफी पसंद किया जा रहा है। अब तक सोशल मीडिया पर इस गीत को बड़ी संख्या में लोगों द्वारा देखा और शेयर किया जा चुका है। यह गीत सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस प्रणय गीत के अंदर उत्तराखंड के गांवो की प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरती, रहन-सहन को बहुत करीब से दिखाया गया है।

पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण जिनकी गायिकी और ढोल दमो की आवाज देश-विदेशो में भी गूंजती है। प्रीतम भरतवाण एक ऐसा नाम जिन्होंने विदेशियों तक को अपने गीतों पर थिरकने को मजबूर कर दिया, और पहाड़ी संस्कृति को विदेशो के कोने कोने तक पहुँचाया। आज हम बात कर रहे है प्रीतम भरतवाण के नए गढ़वाली गीत ‘हिट बंसती’ की जिसको रिलीज कर दिया गया है।

पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने कहा कि गढ़वाली गीत हमें अपनी संस्कृति से जोड़े रखते हैं। इन गीतों में हमारी बोली, हमारी विरासत संरक्षित रहती है। उन्होंने युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति अपनाने और उसे सँजोए रखने का आह्वान किया।

हिमाद्री फिल्मस प्रोडक्शन के बैनर तले इस गीत को यूटूब पर रिलीज करने के साथ ही हिट हो गया है। बता दे की हिट बंसती में गीत संगीत डॉ प्रीतम भरतवाण, का है। वहीं वीडियो निर्देशन कोरियोग्राफर डोनसेंडी गुंसाई, कैमरा निर्देशन देवेन्द्र नेगी, एडिटिंग-देवेन्द्र नेगी व नवी बर्थवाल, कलर ग्रेडिंग-नवी वर्थवाल, संगीत संचालन-सागर शर्मा, प्रबधन-अकिंता चौहान, सहयोग-सोनू वर्मा ने किया है। इस गीत में मुख्य कलाकार शैलेन्द्र पटवल व मिनी उनियाल हैं, वही गीत के निर्माती नीलिमा मिश्रा व सह निर्माता प्रकाश मिश्रा हैं।

हिट बंसती गीत एक प्रणय गीत है। पूरा गीत दोनों प्रेमी युगलो के बीच वार्ता पर ही बनाया गया है। प्रीतम भरतवाण ने गीत को अपने शब्दो में काफी सुंदर तरीके से पिरोया है। बेहद खूबसूरत संगीत ने गीत में चार चाँद लगा दिए। अगर बात करे अभिनय की तो शैलेन्द्र पटवल व मिनी उनियाल ने गीत के हर एक स्टेप को खूबसूरती से अपने अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया है।