भारत सरकार में संयुक्त सचिव विशाल चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक, होगी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर

स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने हेतु अलग कैडर बनाए राज्य सरकार यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार में संयुक्त सचिव विशाल चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान कही। संयुक्त सचिव द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति हेतु कुछ ऐसे प्रावधान करें जिसमें मानदेय, पदोन्नति संबंधी, आदि का प्रावधान कर इन पदों को भरा जा सके।
बैठक के दौरान संयुक्त सचिव द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत हो रहे स्वास्थ्य इकाइयों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने की बात कही तथा विभागों में रिक्त पदों को शीघ्र भरने हेतु निर्देश दिए। साथ ही टीबी उन्मूलन, वित्तीय स्थिति, क्वालिटी अनुसरण, अंधता निवारण, आदि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यक्रमों की समीक्षा की व आश्वासन दिया कि भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को स्वास्थ्य संबंधित हर तरह का सहयोग प्रदान किया जाएगा।
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड में खर्च का विवरण, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन, 15वें वित्त आयोग, आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज (ई.सी.आर.पी.) कार्यान्वयन व अन्य विषयों पर भी समीक्षा की गई।
बैठक में सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, वित्त नियंत्रक (प्रभारी) एनएचएम जेसी जोशी, उप निदेशक पंचायती राज मनोज कुमार तिवारी, सहायक निदेशक शहरी विकास अशोक पांडेय, प्रभारी अधिकारी डॉ. अजय कुमार नगरकर, डॉ. फरीदुजफर, डॉ. अर्चना ओझा, डॉ. पकंज सिंह, डॉ. मुकेश राय, राज्य लेखा प्रबंधक एनएचएम आरके भट्ट आदि अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

कोविड 19 के नए वैरिएंट के मुकाबले को हम तैयारः स्वास्थ्य सचिव

कोविड 19 के नए वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है यह बात स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों के चिकित्सा इकाइयों में मॉकड्रिल के दौरान कही। मंगलवार को कोरोना के दृष्टिगत उत्तराखंड में स्वास्थ्य इकाइयों में आईसीयू वार्ड, इमरजेंसी, ऑक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सीलेंडर, आइसोलेशन बेड, एम्बुलेंस, कोविड टेस्टिंग लैब, दवाईयों की उपलब्धता आदि की तैयारियां मॉकड्रिल में परखी गई।
मॉकड्रिल के मौके पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा देहरादून स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय कोरोनेशन अस्पताल का जायजा लिया गया। उन्होंने सर्वप्रथम पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का जायजा लिया जहां उन्होंने प्लांट में ऑक्सीजन प्रेशर, ऑक्सीजन प्यूरिटी का निरीक्षण किया साथ ही मेडिकल गैस मैनिफोल्ड रुम, गैस स्टोर का जायजा लिया।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा इमरजेंसी वार्ड का मुआयना किया गया, उन्होंने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य उपकरणों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को इलाज के दौरान गुणवत्ता बनाए रखने को लेकर निर्देशित किया।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि जनपदों में मौजूद स्वास्थ्य इकाइयों में तैनात चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए गए हैं और किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। कोविड की स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग समयबद्ध तरीके से तैयारी कर चुका है व आम जनमानस को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, कि विभाग की अपील है कि कोविड को लेकर कोई भी अफवाह ना फैलाएं साथ ही घबराने की जरुरत नही है। हमारी आमजन से अपील है कि कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करें और सावधानी बरतें। स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना इलाज कराएं।

कोरोना वायरसः सभी के लिए एहतियात और वैक्सीनेशन अनिवार्य

कोरोना वायरस के लिए ओमिक्रॉन BF.7 वैरिएंट के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग सतरर्कता बरत रहा है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने आज जिलों के सीएमओ केसाथ वर्चुअल मीटिंग की और कोविड के नए वैरिएंट से संभावित हालातों पर चर्चा की। विभाग ने नई एसओपी जारी करते हुए सभी एहतियात बरतने और वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने की सलाह दी है। इसके लिए जागरुकता अभियान पर जोर देने की बात कही गई है। Uttarakhand health depatt issues sop regarding new covid 19 variant

नई एसओपी के अनुसार

1. अस्पतालोंमें आने वाले सभी Influenza like illness (ILI) / Severe Acute Respiratory illness ( SARI) के रोगियों की कोविड-19 जांच की जाये एवं उक्त सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।

2. आम जनमानस में कोविड-19 से बचाव हेतु कोविड एप्रोप्रियेट व्यवहार के प्रति जागरूकता हेतु विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। त्योहारों के सीजन में भीड-भाड़ वाले स्थानों पर लोगो को मास्क का उपयोगकिये जाने हेतु प्रेरित किया जाये।

3. भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार कोविड-19 टीकाकरण कवरेज को बढ़ाया जाये। पूर्ण कोविड़ 19टीकाकरण के लिए आम जनता को नियमित रूप से प्रेरित करने हेतु जागरूकता की जाये हाई रिस्क आबादी में अनिवार्य रूप से टीकाकरण पूर्ण किया जाये।

4. चिकित्सा ईकाइयों में कोविड़ – 19 संक्रमित रोगियों के उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलेण्डर, आक्सीजन कसंनट्रेटर, आक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, आई०सी०यू० बेड एवं आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। सम्बन्धित चिकित्सा इकाईयों में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाये।

5. दैनिक रूप से राजकीय एवं निजी चिकित्सा इकाईयों में कोविड-19 संक्रमित भर्ती रोगियों की सूचना प्राप्त की जाये एवं रोगियों के स्वास्थ्य दशा की निरन्तर निगरानी करते हुये समीक्षा की जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि कोविड- 19 संक्रमित रोगियों को ससमय पूर्ण उपचार प्राप्त हो

6. हल्के लक्षण वाले कोविद्ध-19 संक्रमित रोगियों को होम आईसोलेशन में ही उपचार प्रदान किया जाये एवं निरन्तर उनके स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी की जाये। ऐसे रोगियों में किसी भी प्रकार के गम्भीर लक्षण होने पर शीघ्र हीं उन्हें सम्बन्धित चिकित्सालय में संदर्भित किया जाये।

7. कोविड-19 जॉच हेतु आई०सी०एम०आर०, भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया जाये।

8. समुदाय स्तर पर यदि किसी जगह कोविड- 19 फीवर अथवा ILI / SARI कैस की क्लस्टरिंग मिलती है तो वहां पर त्वरित जांच सुविधा की उपलब्धता एवं निरोधात्मक कार्यवाही की जाये।

9. कोविड- 19 जॉच में RTPCR द्वारा पॉजिटिव पाए गए सभी रोगियों के सैंपल Whole Genome Sequence (WGS) जांच हेतु राजकीय दून मेडिकल कॉलेज को प्रेषित किये जाएं एवं wGs जांच हेतु प्रेषित सभी सैंपलों की सूचना अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।

निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना का लाभ उठा रहे राज्यवासी

स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं सुढृढ़िकरण को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार द्वारा ‘निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना’ चलाई जा रही है, जिसके तहत आम जनता को 266 पैथोलॉजी जांच निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इस महत्वकांक्षी योजना के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में हर प्रकार की पैथोलॉजी जांचे जिसमें बायोप्सी, कैंसर मार्कर, हार्माेन प्रोफाइल, विटामिन स्तर नापने जैसी तमाम महंगी जांचें शामिल है। अब तक प्रदेशभर में 6.72 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं जबकि अबतक 23 लाख से अधिक पैथोलॉजी जांचे हो चुकी हैं। निःशुल्क योजना के तहत प्रत्येक दिन औसतन 1500 लोगों की 5 हजार से अधिक पैथोलॉजी जांचे निःशुल्क की जा रही हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। डॉ रावत ने बताया कि सरकार ने आम लोगों की विकट परिस्थिति को देखते हुये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना’ संचालित की है, जिसके तहत लोगों के विभिन्न रोगों से संबंधित 266 पैथोलॉजी जांच मुफ्त में की जा रही है, जो कि प्रदेशभर के सभी राजकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध है। विभागीय मंत्री ने बताया कि ‘निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना’ 12 अगस्त 2021 को शुरू की गई थी तब से लेकर अब तक प्रदेशभर में 6 लाख 72 हजार 154 लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इस योजना के तहत अबतक कुल 23 लाख 10 हजार 305 पैथोलॉजी जांच मुफ्त में की जा चुकी है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 38344 मरीजों की 128518 पैथोलॉजी जांचे मुफ्त में की गई जबकि बागेश्वर में 16382 मरीजों की 64307 जांचे, चमोली में 23246 मरीजों की 70944 जांचे, चम्पावत में 25685 मरीजों की 92226, देहरादून में 165016 मरीजों की 513920 जांचे, हरिद्वार में 90829 मरीजों की 324567 जांचे, नैनीताल में 60786 मरीजों की 177295 जांचे, पौड़ी जनपद में 32904 मरीजों की 115710, पिथौरागढ़ में 45008 मरीजों की 180797 जांचे, रूद्रप्रयाग में 11462 मरीजों की 45272 जांचे, टिहरी गढ़वाल में 28680 मरीजों की 98872 जांचे, ऊधमसिंह नगर में 112523 मरीजों की 428805 जांचे, उत्तरकाशी में 21289 मरीजों की 69072 जांचे की जा चुकी हैं। डॉ रावत ने बताया कि प्रदेशभर के सभी राजकीय चिकित्सा इकाईयों में प्रत्येक दिन में औसतन 1500 लोगों की 5 हजार से अधिक पैथोलॉजी जांचे मुफ्त में की जा रही है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना के अंतर्गत ऐसी पैथोलॉजी जांचे जो प्रदेश के चिकित्सालयों में उपलब्ध नहीं हो पा रही थी ऐसी जांचे निजी क्षेत्र के सेवा प्रदाता के माध्यम की उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना के तहत हर प्रकार की पैथोलॉजी जांचे जिसमें बायोप्सी, कैंसर मार्कर, हार्माेन प्रोफाइल, विटामिन स्तर नापने जैसी तमाम महंगी जांचें भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, यह सम्पूर्ण कार्यप्रणाली ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित की जा रही है, साथ ही रोगियों को एस0एम0एस0 के माध्यम से रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि निःशुल्क जांच सैम्पल का टी0ए0टी0 (टर्न अराउण्ड टाइम) निर्धारण किया गया है जिससे रोगियों की जांच रिपोर्ट ससमय उपलब्ध करायी जा रही है।
डॉ रावत ने कहा कि निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना प्रदेश के आम लोगों को खासकर पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्र के लोगों के लिये वरदान साबित हो रही है। इस योजना से जहां लोगों को अस्पताल में ही निःशुल्क जांच की सुविधा मिल रही है वहीं उन्हें निजी पैथोलॉजी सेंटरों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ रहे हैं। जिससे उनका समय और पैसा बच रहा है।

राज्य में प्रथम चरण में छह जनपदों में सरकार टीबी रोगियों की करेगी पहचान

प्रधानमंत्री टीबी उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में अब घर-घर जाकर टी0बी0 मरीज खोज कर उनका उपचार किया जायेगा। इसके लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। प्रथम चरण में सूबे के 6 जनपदों में एक्टिव टी0बी0 केस फाइन्डिग कैम्पेन चलाई जायेगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा0धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2024 तक टी0बी0 मुक्त प्रदेश बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी अभियान के तहत 21 नवम्बर 2022 से 20 दिसम्बर 2022 तक प्रदेश के 6 जनपदों में घर-घर जाकर टी0बी0 रोगियों की पहचान की जायेगी तथा इस अभियान के दौरान सामने आये एक्टिव टी0बी0 मरीजों का सम्बन्धित क्षेत्र के अस्पतालों के जरिये उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के आवाह्न पर पूरे देश में टी0बी0 उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत भारत में वर्ष 2025 तक टी0बी0 उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एन0एच0एम0 के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अभियान के प्रथम चरण में जनपद अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ, ऊधमसिंहनगऱ तथा उत्तरकाशी में घर-घर जाकर टी0बी0 मरीजों की खोज की जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस अभियान के तहत शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्तियों, संवेदनशील जनसंख्या वाले क्षेत्रों यथा एच0आई0बी0 एवं मधुमेह से ग्रसित रोगी, सब्जी एवं फल मण्डी निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईट भट्टे, स्टोन क्रेशर, नदियों में चुगान करते मजदूरों, साप्ताहिक बाजार, अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा एवं कारागार में व्यापक जन-जागरूकता अभियान के साथ ही एक रणनीति के तहत टी0बी0 लक्षणों से ग्रसित व्यक्तियों को चिन्हिंत कर उनकी जांच करायी जायेगी।

डॉ रावत ने बताया कि राज्य ने इस वर्ष टी0बी0 उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत अनेक उपलब्धियां प्राप्त की हैं। प्रधानमंत्री टी0बी0 मुक्त भारत अभियान में उत्तराखण्ड ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुये राष्ट्रीय स्तर पर नि-क्षय मित्र पंजीकरण में लगातार द्वितीय स्थान पर बना हुआ है जो कि राज्य में टी0बी0 उन्मूलन के लिए आमजन भागीदारी एवं विभागीय प्रयासों का प्रतिफल है कि टी0बी0 उन्मूलन की दिशा में राज्य अग्रणीय भूमिका में नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 में उत्तराखण्ड राज्य को 28 हजार टी0बी0 को खोजे जाने का लक्ष्य दिया है जिसके सापेक्ष माह अक्टूबर तक लक्ष्य की शतप्रतिशत प्राप्ति की गयी है जिसमें प्रदेश के जागरूक समाज के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों, अधिकारियों एवं रेखीय विभागों का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है। इसके लिए उन्होंने सभी का आभार व्यक्त करते हुये उत्तराखण्ड में वर्ष 2024 तक टी0बी0 उन्मूलन हेतु अपना सहयोग बनाये रखने की अपेक्षा की है।

उत्तराखंड के सभी वेलनेस सेंटरों पर नियुक्त किये जायेंगे सीएचओ

प्रदेशभर में संचालित सभी वैलनेस सेंटरों पर आम लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिये शीघ्र ही वेलनेस सेंटरों पर 664 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती की जायेगी। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश भर के सभी वैलनेस सेंटरों पर और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिये शीघ्र ही 664 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) की विभिन्न वैलनेस सेंटरों पर नियुक्ति की जायेगी। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश भर में सीएचओ के 1604 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 940 पदों पर सीएचओ कार्यरत हैं, जबकि 664 पद रिक्त हैं। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 88 पद, बागेश्वर में 23, चमोली में 26, चंपावत में 21, देहरादून में 26, हरिद्वार में 10, नैनीताल में 29, पौड़ी गढ़वाल में 125, पिथौरागढ़ में 104, रुद्रप्रयाग में 19, टिहरी गढ़वाल में 145, ऊधमसिंह नगर में 7 और उत्तरकाशी में 41 पद रिक्त हैं।

विभागीय मंत्री ने कहा कि शासन ने सीएचओ के रिक्त 664 पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को दी है, विश्वविद्यालय ने रिक्त पदों पर भर्ती के लिये विज्ञप्ति जारी कर दी है। शीघ्र ही विश्वविद्यालय चयनित अभ्यर्थियों की सूची विभाग को उपलब्ध करा देगा। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य सरकार का मकसद सूबे में मजबूत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है जिसके लिये सरकार निरंतर प्रयासरत है।

नि-क्षय मित्र पंजीकरण में लगातार दूसरे पायदान पर उत्तराखंड

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत नि-क्षय मित्र पंजीकरण में उत्तराखंड देशभर में दूसरे स्थान पर है। राज्य में अबतक 5221 नि-क्षय मित्रों द्वारा पंजीकरण किया गया है स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन सभी नि-क्षय मित्रों को स्थानीय स्तर पर तपेदिक रोगी उपलब्ध करा दिये गये हैं। सूबे में शत-प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लिया जायेगा। जिसके लिये विभिन्न संस्थाओं, विभागों के साथ-साथ सामुदायिक सहयोग लिया जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान जोर-शोर से चल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य हैं जहां टीबी रोगियों को गोद लेने के लिये सर्वाधिक नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में अबतक 5221 नि-क्षय मित्रों ने अपना पंजीकरण किया है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 428, बागेश्वर में 84, चमोली में 197, चम्पावत में 140, देहरादून में 458, पौड़ी में 356, हरिद्वार में 886, नैनीताल में 8843, पिथौरागढ़ में 242, रूद्रप्रयाग में 78, टिहरी गढ़वाल 261, ऊधम सिंह नगर में 1095 और उत्तरकाशी में 153 शामिल है। उन्होंने बताया कि ये सभी नि-क्षय मित्र गोद लिये गये टीबी रोगियों के उपचार एवं देखभाल में सहयोग करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य में 14536 टीबी रोगी पंजीकृत हैं जिसमें से 12766 रोगियों ने सामुदायिक सहायता प्राप्त करने के लिये अपनी सहमति प्रदान कर दी है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद के 367, बागेश्वर के 159, चमोली के 316, चम्पावत के 175, देहरादून के 2398, पौड़ी के 460, हरिद्वार के 3330, नैनीताल के 1909, पिथौरागढ़ के 291, रूद्रप्रयाग के 213, टिहरी गढ़वाल के 426, ऊधम सिंह नगर के 2351 और उत्तरकाशी के 401 मरीज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शत-प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लिया जायेगा। इसके लिये प्रदेशभर के निजी शिक्षण संस्थानों, विभिन्न विभागों के सचिवों एवं निदेशकों, समस्त जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों, विभिन्न संगठनों, व्यापारिक घरानों, एनजीओ सहित प्रतिष्ठित व्यक्तियों से नि-क्षय मित्र बनकर टीबी रोग उन्मूलन में सहयोग लिया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रत्येक नि-क्षय मित्र कम से कम एक और अधिकतम पांच टीबी मरीज गोद लेकर उनके उपचार में सहयोग प्रदान कर सकता है। गोद लिये गये टीबी रोगियों की नि-क्षय मित्र द्वारा समय-समय पर देखभाल की जायेगी साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत प्रत्येक माह अतिरिक्त पोषण हेतु फूड बास्केट भी उपलब्ध कराना होगा।

मुख्यमंत्री ने आयुष्मान आरोग्य रथ को फ्लैग ऑफ कर किया रवाना


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों, चिकित्सकों एवं आरोग्य मित्रों आदि को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस योजना के लाभार्थियों से संवाद कर उनके विचार सुने। उन्होंने लाभार्थियों से जन स्वास्थ्य सुविधा से जुड़ी इस योजना को जन-जन तक पहुंचाने में मददगार बनने की अपील की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुष्मान आरोग्य रथ को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना देश की ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है जिसमें 5 लाख प्रति परिवार प्रतिवर्ष चिकित्सा उपचार की व्यवस्था है। समाज के 90 प्रतिशत लोगों को इस योजना की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य बेहतर भविष्य का मार्ग बनाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना दी है। देश की आजादी के बाद किसी ने इस दिशा में नहीं सोचा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश स्वास्थ्य के साथ ही हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है। आयुष्मान योजना का आम जनमानस को सीधे लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पदचिन्हों पर चलकर राज्य में विकास के कार्य आगे बढ़ाये जा रहे हैं। प्रदेश के सभी परिवारों को राज्य में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से आच्छादित किया गया है। इस योजना के तहत अभी तक प्रदेश में लगभग 5.68 लाख लोग अपना उपचार करा चुके हैं, जिस पर 980 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले यदि परिवार में कोई बीमार होता था तो कई परिवार बिलों का भुगतान करने में असमर्थ होते थे। इसलिए मरीज इलाज करवाने में असहज महसूस करते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में हताशा व निराशा का वातावरण था। श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश व दुनिया में भारत का मान व सम्मान बढ़ा है। हर क्षेत्र में नेतृत्व करने वाला भारत बना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का जीवन बचाने वाले चिकित्सक ईश्वर का वरदान है। हमें अच्छे कार्यों का फल अवश्य प्राप्त होता है। असहायों की सहायता हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को संतुष्टि के भाव के साथ मिले। यह सुनिश्चित करना चिकित्सकों एवं चिकित्सा संस्थानों का है। इसके लिये भुगतान की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं के निराकरण में सरलीकरण समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के भाव के साथ कार्य करने से ही समस्याओं के समाधान का मार्ग प्रशस्त होगा।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत पिछले चार सालों में 5.68 लाख लोगों को लाभान्वित कर लगभग 980 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है। उन्होंने कहा कि अब इस योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति के इलाज पर होने वाले व्यय की उसे भी जानकारी दी जाने की व्यवस्था की गई है। राज्य में शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बने इसके लिये आशा कार्यकत्रियों को भी जिम्मेदार दी गई है। योजना के क्रियान्वयन में आरोग्य मित्रों की सेवा ली जा रही है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्याधिकारी अरुणेन्द्र सिंह चौहान ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना राज्य में दिनांक 23 सितम्बर 2018 को एसईसीसी 2011 की जनगणना के आधार पर चिन्हित 5.24 लाख परिवारों को एवं अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना दिनांक 25 दिसम्बर, 2018 को शेष 10.46 लाख परिवारों को निःशुल्क कैशलेस उपचार उपलब्ध कराने हेतु लागू की गयी जबकि कर्मचारियों एवं पेंशनरों को गोल्डन आयुष्मान कार्ड की व्यवस्था की गयी है।

कार्यक्रम में प्रभारी सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना सहित योजना के लाभार्थी, संस्थानों के प्रतिनिधि, चिकित्सक एवं आरोग्य मित्र आदि उपस्थित थे।

कोरोना से आज राज्य में कोई बुरी खबर नहीं

राज्य से आज कोविड-19 के संबंध में कोई बुरी खबर नहीं है। आज कोविड से होने वाली मौतों पर विराम लगा है। कोविड की तीसरी लहर के बाद से पहली बार ऐसा हुआ है कि आज के दिन कोई मौत नहीं हुई है, जबकि राज्य में 16 जनवरी के बाद से हर दिन किसी न किसी मरीज की मौत हो रही थी। लेकिन शनिवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य के किसी भी अस्पताल में किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई है। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार शनिवार को राज्य में कुल 96 नए मरीज मिले और 86 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया।

इसके बाद अब राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 942 रह गई है। शनिवार को अल्मोड़ा में आठ, चमोली में आठ, चम्पावत में चार, देहरादून में 29, हरिद्वार में 16, नैनीताल में आठ, पौड़ी में 12, रुद्रप्रयाग में एक, टिहरी में दो, यूएस नगर में तीन जबकि उत्तरकाशी जिले में पांच नए संक्रमित मिले हैं।
शनिवार को राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 1.01 प्रतिशत जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 95 प्रतिशत से अधिक चल रही है। राज्य में कोरोना की तीसरी लहर में अभी तक कोरोना के 91 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को 11 हजार से अधिक लोगों ने कोरोना रोधी टीके की डोज लगाई है।

स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के लिए हो जाएं तैयार, स्टाफ नर्स की भर्ती को 14 दिसंबर से करें आवेदन

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने स्टाफ नर्स के 1238 पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी कर दी है। लंबे समय से भर्ती का इंतजार करने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह सुनहरा मौका है। भर्ती के लिए 14 दिसंबर सोमवार से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो रहे हैं, जबकि 11 जनवरी को आवेदन और परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख घोषित की है। इसके अलावा 12 जनवरी को आवेदन पत्र को प्रिंट आउट कर सकत है। 25 जनवरी को ऑनलाइन स्कूटनी के बाद रिजेक्ट किए गए आवेदन पत्रों की सूची अपलोड की जाएगी। 30 जनवरी को रिजेक्ट किए गए आवेदन कर्ताओं द्वारा संबंधित प्रमाण पत्र वेबसाइट पर अपलोड करने की अंतिम तारीख है। 20 फरवरी को लिखित परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन जारी होंगे, जबकि 7 मार्च को स्टाफ नर्स भर्ती की लिखित परीक्षा होगी।