तीर्थनगरी के संत समाज ने धर्मान्तरण कानून बनाने पर सरकार को दिया साधुवाद

उत्तराखंड विधानसभा में धर्मांतरण पर सख्त कानून बनने से तीर्थनगरी के संत-समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई है। साधु-संतों की ओर से इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को शुभकामनाएं दी हैं।
बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में श्री राम तपस्थली आश्रम ब्रम्हपुरी के महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कानून से पूरे देश का संत समाज आनंदित और आह्लादित है। धर्मांतरण रोकने के लिए मुख्यमंत्री धामी एक कठोर कानून लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में धामी जी ने यह बहुत सुंदर निर्णय लिया है। यह उत्तराखंड सरकार की बहुत अच्छी पहल है।
स्वामी जगन्नाथ आश्रम के महंत लोकेश दास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है यह देश एवं समाज हेतु बेहद हितकारक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी और मंत्री डॉ अग्रवाल को हम हृदय से धन्यवाद देते हैं और प्रभु से प्रार्थना करते हैं वे समाज हित में इसी प्रकार से कार्य करते रहें।
स्वामी धर्मदास महाराज ने कहा कि जो लोग बल से या कपट से धर्मांतरण करते हैं वह सबसे बड़ा पाप है। उत्तराखंड सरकार ने यह कानून पास करके नया उदाहरण दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री धामी और मंत्री डॉ अग्रवाल को साधुवाद। कहा कि मुख्यमंत्री धामी के दूरदर्शी कदम की सराहना करता हूं।
इस मौके पर मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को संत समाज ने आशीर्वाद देकर शुभकामनाएं दी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा, ब्रम्हपुरी आश्रम से प्रमोद दास, मण्डल अध्यक्ष ऋषिकेश भाजपा दिनेश सती, मंडल अध्यक्ष श्यामपुर भाजपा गणेश रावत आदि उपस्थित रहे।

सदन में धामी सरकार ने रखा अनुपूरक बजट

वित्त व संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आज शीतकालीन विधानसभा सत्र के प्रथम दिन पहला अनुपूरक बजट 2022-23 पेश किया।
मंगलवार को सदन में प्रथम अनुपूरक बजट 2022-23 पेश करते हुए वित्त व संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि 2022-23 का मूल बजट 65 हजार 571 करोड़ का था। मुख्यतः मूल बजट के उपरान्त कुछ केन्द्रपोषित योजनाओं में केन्द्र सरकार से धनावंटन होने अथवा धनावंटन की प्रत्याशा के कारण तद्विषयक धनराशि का समावेश करने हेतु वचनबद्ध मदों में वर्ष के शेष माहों में धनराशि कम पड़ने की सम्भावना के दृष्टिगत राज्य अकस्मिकता निधि से स्वीकृत अग्रिमों की प्रतिपूर्ति करने तथा कुछ नई योजनाओं के कारण अनुपूरक बजट की आवश्यकता हुई है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि 5440.43 करोड़ रुपए के इस अनुपूरक बजट में लगभग रू0 3226.46 करोड़ मतदेय तथा 2213.97 करोड़ भारित से संबंधित प्रावधान है। भारित के अन्तर्गत पूंजीगत मद में वेज एण्ड मीन्स एडवांस (ॅड।) तथा ऋणों का भुगतान तथा राजस्व मद में श्री राज्यपाल के कार्यालय, ऋण शोधन निधि तथा न्याय प्रशासन से संबंधित योजना है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र पोषित योजनाओं हेतु लगभग रू0 727 करोड़ के केन्द्रांश तथा लगभग रू0 301 करोड़ राज्यांश सहित कुल लगभग रू0 1028 करोड़ का प्रावधान है। वाह्य सहायतित परियोजनाओं हेतु लगभग रू0 106 करोड तथा नाबार्ड से सम्बन्धित योजनाओं हेतु लगभग रू0 40 करोड का प्रावधान है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि अनुपूरक बजट में लगभग रू0 2276.43 करोड़ राजस्व मद से संबंधित तथा रू0 3164 करोड़ पूँजीगत मद से संबंधित है। राजस्व की प्रमुख मद वेतन पारिश्रमिक पेंशन व अन्य सेवानिवृत्तिक लाभ, उपयोगिता बिल, सामाजिक पेंशन एवं अनुरक्षण आदि है जबकि पूंजीगत के अन्तर्गत प्रमुखतः बृहद निर्माण एवं वेज एण्ड मीन्स एडवांस सम्मिलित है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि अनुपूरक बजट में लगभग 60 प्रतिशत धनराशि संसाधन सम्बद्ध है। संसाधन सम्बद्ध योजनाओं में संसाधन सुनिश्चित होते है तथा उपलब्ध संसाधनों से ही व्यय होता है। केन्द्रपोषित योजना तथा वेज एण्ड मीन्स एडवांस को रिसोर्स लिंक्ड कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि शेष लगभग 40 प्रतिशत धनराशि का व्यय मूल बजट में अनुमानित मुख्यतः वेतन आदि के सापेक्ष हो रही बचत से है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि प्रमुख राजस्व मदों में वेतन आदि मद में लगभग रू0 160 करोड़ तथा मजदूरी हेतु लगभग रू0 114 करोड़, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन की मद में लगभग रू0 230 करोड़ का प्राविधान किया गया। है। सामाजिक सुरक्षा से सम्बन्धित पेंशन हेतु लगभग रू0 58 करोड़ का प्राविधान किया गया है। राज्य आन्दोलनकारी पेंशन मद में लगभग रू0 20 करोड़ का अतिरिक्त प्राविधान किया गया है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि हमारी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं अंत्योदय की भावना से प्रेरित होकर सामाजिक कल्याण की योजनाओं हेतु यथाआवश्यकता व विभागीय मांग के अनुरूप प्राविधान किया है। सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांग पेंशन, तीलू रौतेली पेंशन, निराश्रित विधवा पेंशन, परित्यक्त/निराश्रित महिला किसान पेंशन आदि विभिन्न पेंशन योजनाओं हेतु कुल मिलाकर लगभग रुपये 58 करोड़ की धनराशि का प्राविधान किया जा रहा है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि देश की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए हमारे सैनिक भाई सदैव तैयार रहते है। उनके आवागमन को सुगम बनाने के लिए विभिन्न सैन्य विश्राम गृहों के अनुरक्षण हेतु भी समुचित प्राविधान किये गये है। इसी प्रकार सैनिक कल्याण से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की पेंशन व पुरस्कार हेतु प्रावधान किये गये है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि जनकल्याण की भावना के साथ महिला एवं बाल विकास हेतु विभिन्न योजनाओं में आवश्यक प्राविधान किया गया है। नंदा गौरा योजना हेतु लगभग रू0 131 करोड़ मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान के तहत रू0 13 करोड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत रु0 18 करोड़ का प्राविधान किया जा रहा है। चिकित्सा व उपचार हेतु अटल आयुष्मान योजना के अन्तर्गत रु० 151 करोड़ का अतिरिक्त प्राविधान किया जा रहा है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि युवा कल्याण हेतु न केवल स्टाइफण्ड/छात्रवृति हेतु प्राविधान किया गया है अपितु स्टेडियम निर्माण आदि के लिए आवश्यक प्राविधान किये गये है। लेब ऑन व्हील्स, सांइस सिटी आदि के क्षेत्र में प्रावधान करके भी युवाओं के उज्वल भविष्य के मार्ग को प्रशस्त करने का प्रयास किया गया है। एनडीए में चयनित छात्रों को पुरस्कार एवं संघ लोक सेवा आयोग एवं उत्तराखण्ड राज्य लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षाओं की कोचिंग हेतु मेधावी छात्र/छात्राओं को विशेष आर्थिक सहायता हेतु समुचित प्रावधान किये गये है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना के लिये रू0 1.50 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि हम पूँजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन के लिए प्रयत्नशील है। इसी क्रम में इस अनुपूरक मांग में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना हेतु लगभग रू0 350 करोड़, लोक निर्माण विभाग में रू० 220 करोड़, शहरी विकास के क्षेत्र में लगभग रुपये 210 करोड़, पेयजल क्षेत्र में लगभग रूपये 130 करोड़, न्याय प्रशासन क्षेत्र में लगभग रूपये 56 करोड़, खेल और युवा कल्याण क्षेत्र में लगभग रूपये 40 करोड़ कृषि के क्षेत्र में लगभग रूपये 17 करोड़, पशुपालन के क्षेत्र में लगभग रू0 20 करोड़, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में लगभग रूपये 10 करोड़, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगभग रूपये 4 करोड़ को सम्मिलित करते हुए इन विभागों सहित पूंजीगत परिव्यय (केपिटल आउटले) हेतु समग्र रूप से लगभग रूपये 1154 करोड़ का प्राविधान किया गया है। इस में अनुरक्षण की धनराशि सम्मिलित नहीं है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन से सम्बन्धित अधिकांश योजनाएं केन्द्रपोषित होने के कारण संसाधन सम्बद्ध है अर्थात सम्बन्धित योजनाओं में केन्द्र सरकार से धनराशि प्राप्त हो गयी है या प्राप्त होने की प्रत्याशा है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि महालेखाकार द्वारा दिए गए परामर्श के अनुसार वेज एण्ड मीन्स एडवांस हेतु पहली बार अनुपूरक के माध्यम से अतिरिक्त मांग की जा रही है। रू० दो हजार करोड़ का प्रस्ताव वेज एण्ड मीन्स एडवांस के अंतर्गत है। वेज एण्ड मीन्स एडवांस पूंजीगत मद है। ऐसा करते हुए न केवल महालेखाकार द्वारा दिये गये सुझावों का अनुपालन होगा अपितु राज्य के कैश फ्लो के प्रतिकूल होने की स्थिति में वेज एण्ड मीन्स एडवांस एडवांस के अन्तर्गत पूर्व की अपेक्षा रू० दो हजार करोड़ अधिक धनराशि नितान्त अस्थाई व्यवस्था के अन्तर्गत रिजर्व बैंक से लिया जा सकेगा।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि कृषि व सहायक गतिविधियों के विकास हेतु राजस्व पूँजीगत दोनों मदों में प्राविधान किया गया है। कृषि विभाग के अर्न्तगत जल पम्प, स्प्रिंकलर सेट, पाली हाउस विधिकरण योजना हेतु लगभग रु० 30 करोड़, जलवायु अनुकूल बरानी कृषि परियोजना हेतु लगभग रू0 12 करोड़ का प्राविधान किया जा रहा है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए एम.एस.एम.ई. पॉलिसी से अपने उद्यमी भाईयों को लाभान्वित करने के लिए रू० 25 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि परिवहन के क्षेत्र में सुचारू सेवाओं हेतु उत्तराखण्ड परिवहन निगम को पर्वतीय क्षेत्रों में संचालन हो रहे नुकसान (हिल लॉस) को संज्ञान लिया गया है तथा लगभग रू0 20 करोड का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि ग्राम्य विकास के अर्न्तगत मनरेगा हेतु लगभग रू0 191 करोड, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान हेतु लगभग रू0 48 करोड़ का प्राविधान किया जा रहा है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि शहरी विकास हेतु मलिन बस्ती विकास/नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लगभग रू0 15 करोड़ स्मार्ट सिटी हेतु लगभग रू0 114 करोड़ तथा वाह्य सहायतित परियोजना नगरीय अवस्थापना का सुदृढीकरण हेतु लगभग रू0 81 करोड़ का प्रविधान किया गया है।

त्योहारी सीजन में विशेष अभियान चलाने के मंत्री ने दिये निर्देश

त्योहारी सीजन को देखते हुये खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिये विभागीय अधिकारियों को विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये गये हैं। मिलावटखारों पर नकेल कसने के लिये खाद्य पदार्थों की सैम्पलिंग बढ़ाने, उत्तर प्रदेश से लगी सीमाओं पर सघन चेकिंग अभियान चलाने व खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने त्योहारी सीजन को देखते हुये अधिकारियों को खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिये विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये। विशेष कर दीपावली के मध्यनजर उत्तर प्रदेश से लगे जनपदों की सीमाओं पर नकली मावा एवं नकली पनीर सहित अन्य दुग्ध उत्पादों की विशेष जांच के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने कहा कि खाद्य पदार्थों की जांच के साथ ही आम लोगों को मिलावटखोरी के प्रति जागरूक करने के लिये जनजागरूकता अभियान चलाया जाय साथ ही विभिन्न माध्यमों से विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाय। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि खाद्य पदार्थों एवं खाद्य तेलों में मिलावटखोरी रोकने के लिये उत्तराखंड हेल्प डेस्क का गठन कर टोल फ्री नम्बर 18001804246 जारी किया गया है। जिस पर कोई भी व्यक्ति मिलावटखोरी के संबंध में शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके अलावा विभाग की वेबसाइट fda.uk.gov.in इन तथा विभागीय ईमेल fdc-uttarakhand@uk.gov.in पर किसी भी प्रकार की शिकायत एवं सुझाव भेज सकते हैं। समीक्षा बैठक के दौरान खाद्य संरक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विगत तीन दिनों में चलाये गये चेकिंग अभियान के दौरान प्रदेशभर के 140 खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर विभिन्न खाद्य पदार्थों के 104 नमूने लेकर जांच के लिये प्रयोगशाला भेज दिये गये हैं।
बैठक में प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं आयुक्त एफडीए डॉ0 आर0 राजेश, उपायुक्त अरूणेन्द्र सिंह चौहान, उप सचिव स्वास्थ्य के0के0 शुक्ल, ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह, उपायुक्त खाद्य जी.सी. कण्डवाल, आर0एस0 रावत, मनीष सयाना, पी0सी0 जोशी, रमेश सिंह, मंजू सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सुरक्षा के बीच उत्तराखंड पहुंची राष्ट्रपति निर्वाचन की सामग्री

भारत निर्वाचन आयोग ने नई दिल्ली से मंगलवार को राष्ट्रपति निर्वाचन से संबंधित मतपत्र, मतपेटियां, विशेष कलम और अन्य सीलबंद सामग्री उत्तराखण्ड राज्य विधानसभा सचिवालय के लिए प्रेषित की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय के पर्यवेक्षण में यह निर्वाचन सामग्री सभी राज्यों में प्रेषित की गई।
उत्तराखण्ड राज्य के लिए सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास ने यह निर्वाचन सामग्री प्राप्त की। सीलबंद निर्वाचन सामग्री अधिकारियों की देखरेख में हवाई मार्ग से देहरादून पहंुची। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बैलेट बॉक्सों की सुरक्षा के लिए विशेष एयर टिकट की व्यवस्था करते हुए निर्वाचन अधिकारी के बगल की सीट आरक्षित की गई थी।
जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से उक्त सामग्री निर्वाचन अधिकारी द्वारा विधानसभा सचिवालय में बनाये गए स्ट्रांग रूम में जमा की गई है। आयोग द्वारा प्राप्त मतपेटियों एवं महत्वपूर्ण निर्वाचन सामग्री को विधानसभा सचिवालय भवन स्थित स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख दिया गया है। उपरोक्त पूर्ण प्रकिया की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी भी करायी गई है।
इस अवसर पर रिटर्निंग आफिसर/सचिव विधान सभा मुकेश सिंघल, सहायक रिटर्निंग आफिसर/संयुक्त सचिव चन्द्रमोहन गोस्वामी, उप सचिव नरेंद्र रावत, उप सचिव लक्ष्मीकांत उनियाल और निजी सचिव विजयपाल सिंह जरधारी मौजूद रहे।

लोगों के सुझाव पर बजट में हर वर्ग का रखा गया है ध्यान-प्रेमचन्द अग्रवाल

उत्तराखंड के बजट में साल भर में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य का कुल बजट 57400 करोड़ था। जिसे इस बार बढ़ाकर 65571.49 करोड़ कर दिया गया है। एक साल के अंतराल पर बजट में आठ हजार करोड़ से अधिक का इजाफा हुआ है जो करीब 12 प्रतिशत बैठता है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बजट को तैयार करते समय समाज के हर वर्ग की जरूरत को ध्यान में रखा गया है। कहा कि उत्तराखंड के विकास को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है। कृषि, रोजगार, पलायन, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मुद्दों पर विशेषतौर से फोकस किया गया।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सामूहिक प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था कोरोना के प्रभावों से उभर गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से समाज के हर वर्ग को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन पिछले दो सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए सुधारात्मक कदमों से अर्थव्यवस्था के हर वर्ग में सुधार हुआ है।
वित्त मंत्री प्रेमंचद अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने राज्य का बजट तैयार करने से पहले समाज के हर वर्ग से राय मशविरा करने के साथ ही सुझाव लिए थे। गढ़वाल और कुमाऊं में बजट पर हर वर्ग की राय जानने के लिए अलग-अलग बैठकें बुलाई गई जिसमें 200 से अधिक सुझाव मिले थे। उन्होंने कहा कि इन सभी सुझावों को बजट में समाहित करने के प्रयास किए गए। इसके आधार पर ही राज्य का बजट तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा के सदन में 65571.49 करोड़ का बजट पेश किया। बजट में कई नई योजनाओं के साथ ही पहले से चल रही विकास योजनाओं के लिए भी वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि सरकार का यह बजट सर्व समावेशी है। इसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों, वंचितों समेत समाज के सभी तबकों का ख्याल रखा गया है।
मंगलवार को सदन के पहले दिन अपराह्न चार बजकर पांच मिनट पर वित्त मंत्री प्रेमचंद ने अपना और धामी टू सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस दौरान सीएम पुष्कर धामी भी सदन में मौजूद रहे। वित्त मंत्री ने बजट भाषण की शुरूआत कोरोना के योद्दाओं को आभार जताने के साथ शुरूआत की।
धामी सरकार के बजट में 2460.96 करोड़ का राजस्व सरप्लस, जबकि राजकोषीय घाटा 8503.70 करोड़ अनुमानित है। राजस्व मद में 49013.31 करोड़ जबकि पूंजी मद में 16558.18 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इससे पहले मार्च माह में चार महीनों के लिए 21 हजार करोड़ का लेखानुदान पेश किया था। पहले चार महीनों के लिए लाए गए आय व्यय को भी इस पूर्णकालिक बजट में समाहित किया गया है। बजट पेश करने के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक बार-बार मेजें थपथपा रहे थे।

एक नजर में बजट
आय-
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल प्राप्तियां 63774.55 करोड़ अनुमानित
करेत्तर राजस्व से राज्य को 5520.79 करोड़ प्राप्त हुए
राज्य का स्वयं का कर राजस्व 15370.56 करोड़

व्यय-
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजस्व लेखे का व्यय 49013.31 करोड़
वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूंजी लेखे का व्यय 16558.18 करोड़
राज्य कर्मियों के वेतन भत्तों पर 17350.21 करोड़ व्यय का प्रावधान
पेंशन मद में 6703.10 करोड़ का व्यय अनुमानित
ब्याज भुगतान के लिए बजट में 6017.85 करोड़ का प्रावधान

आय बढ़ाने के प्रयासों को अमलीजामा पहनाये अधिकारी-वित्त मंत्री

प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल द्वारा विधान सभा स्थित सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग की समीक्षा बैठक की गई।
इस अवसर पर वित्त मंत्री ने अधिकारियों के साथ विभाग की कार्यप्रणाली तथा आगामी कार्य योजनाओं के बारे में विस्तृत चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में अधिकारियों ने वित्त मंत्री को अवगत कराया कि राज्य में राजस्व प्राप्ति में स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग महत्वपूर्ण है।
इस पर वित्त मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तर प्रदेश के समय के अभिलेखों का डिजिटलीकरण कर संरक्षित किया जाय। उन्होंने 100 दिन की कार्ययोजना का रोडमैप तैयार करने को कहा। इसके साथ ही विभागीय कार्यालयों को पूर्णरूप से कम्प्यूटराईज करने के भी निर्देश दिये।
वित्त मंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश में राजस्व बढ़ाने के विकल्पों पर कार्य करने को कहा। उन्होंने कार्यालयों में कार्मिकों/आगंतुकों के लिए मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने और स्टाम्प चोरी को रोकने के लिए सभी आवश्यक प्रावधान करने पर जोर दिया।
बैठक में सचिव वित्त सुरेन्द्र पाण्डेय, आयुक्त कर अहमद इकबाल, ए.आई.जी. अरुण प्रताप सिंह, सयुक्त सचिव विक्रम सिंह राणा, अरूणा चौधरी, हरीश चन्द्रा तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

70 विधानसभाओं में हुआ 62.5 प्रतिशत मतदान

प्रदेश में 70 विधानसभाओं में 62.5 प्रतिशत मतदान प्रतिशत रहा जो पिछली बार से कम हैं पिछली बार 65 प्रतिशत से ज्यादा था आकड़ा मुख्य निर्वाचन अधिकारी सोजान्या ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज दिनांक 14 फरवरी, 2022 को राज्य की सभी 70 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के 11,697 मतदेय स्थलों, पर मतदान शान्तिपूर्वक सम्पन्न हो चुका है। विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूचना के अनुसार राज्य में राज्य में लगभग 62.5 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान समाप्ति के पश्चात मतदान पार्टियों के संग्रह केन्द्र पर लौटने के पश्चात की मतदान के प्रतिशत वास्तविक आंकड़े जारी किए जा सकेंगें।

राज्य में लगभग 80 हजार अधिकारियों/कर्मचारियों तथा लगभग 40 हजार सुरक्षा कर्मियों, जिसमें केन्द्रीय अद्धसैनिक बल सहित लगभग 1.20 लाख कार्मिकों को निर्वाचन प्रक्रिया के सफल सम्पादनार्थ मतदान कार्मिक आदि के रूप में निर्वाचन संबंधी विभिन्न दायित्वों के लिए तैनात किया गया था।

܀ आज मतदान के दिनांक को मॉकपोल से मतदान की समाप्ति तक लगभग- 137 बी.यू. तथा 155 सी.यू. एवं 294 वीवीपैट में कुछ तकनीकी खराबी की सूचना प्राप्त हुई थी जिन्हें तत्काल सेक्टर मजिस्ट्रेटों के द्वारा रिजर्व मशीनों से बदल दिया गया था। मतदान पार्टियों के वापस संग्रह केन्द्र पर लौटने के पश्चात ही इस संबंध में अंतिम आंकड़े जारी किए जा सकेंगें।

मतदान की समाप्ति के पश्चात दिनांक 14 फरवरी, 2022 की देर रात्रि तक 11 697 मतदान पार्टियों में से 9,385 मतदान पार्टियां दिनांक 14 फरवरी, 2022 को ही संग्रह केन्द्रों पर लौट जायेंगी और शेष दूरस्थ क्षेत्र की कुल- 2,312 मतदान पार्टियां दिनांक 15 फरवरी, 2022 को संग्रह केन्द्रों पर लौटेंगी।

܀ मै राज्य के उन सभी संभ्रान्त नागरिको/ मतदाताओं का आभार व्यक्त करना चाहती हूँ जिन्होंने कोविड के प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए मतदान में प्रतिभाग कर, मतदाता के रूप में अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्य का निर्वहन किया। मै निर्वाचन ड्यूटी में तैनात उन सभी अधिकारियों / कर्मचारियों तथा सुरक्षा कर्मियों का भी आभार व्यक्त करना चाहूँगी जिन्होंने पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी एवं स्वतंत्र तथा निष्पक्ष पारदर्शिता के साथ अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करते हुए शांतिपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया में अहम भूमिका निभायी। मै सभी राजनैतिक दलों तथा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की भी बहुत-बहुत आभारी हूँ जिन्होंने राज्य की आपसी भाईचारे की परम्परा को कायम रखते हुए शांतिपूर्ण निर्वाचन में अपना विशेष योगदान दिया गया।

हरवंश कपूर ने हमेशा अभिभावक की तरह मार्गदर्शन किया-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरूवार को जीएमएस रोड़ स्थित फार्म हाउस में आयोजित पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक स्व. हरवंश कपूर की श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। स्व. हरबंस कपूर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर मुख्यमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे तो उस समय भी स्व. हरबंस कपूर बहुत सारे कार्यक्रमों में एक कार्यकर्ता की भांति हमारे साथ जाते थे, उन्होंने हमेशा अभिभावक की तरह मेरा भी मार्गदर्शन तो किया ही जीवन के विभिन्न पहलुओं में सामंजस्य बैठाना भी उन्होंने उनसे सीखा। उनका अचानक इस तरह से जाना परिवार के साथ ही समाज, पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कपूर साहब हमेशा हमारे स्मरण में रहेंगे। उनका व्यक्तित्व बड़ा सहज एवं सरल था। वे हमेशा आने वाली पीढ़ियों के स्मरण में भी रहेंगे, और उनके व्यक्तित्व से हमारी आने वाली पीढ़ियां भी प्रेरणा लेगी, हम सब उनके बताये मार्ग पर चलकर कार्य करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनके शोकाकुल परिवार जनों, उनके चाहने वालों, पार्टी कार्यकर्ताओं को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से कामना की।

एनसीसी कैडेट्स ने विधानसभा में कार्यवाही का संचालन देखा

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन 32 एनसीसी कैडेट्स ने दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखी। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में पीठ से सदस्यों को एनसीसी कैडेट्स का परिचय करा कर कैडेट्स का उत्साह वर्धन भी किया।
ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के 32 एनसीसी कैडेट्स को आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही देखने का मौका दिया। एनसीसी कैडेट्स एवं उनके साथ 4 अध्यापकों को दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्रवाई से रूबरू होने का मौका मिला। सदन की कार्रवाई देखने के बाद सभी एनसीसी कैडेट्स में गजब का उत्साह देखने को मिला। सभी में लोकतंत्र के मंदिर को इतने पास से देखने एवं सदन के भीतर माननीय सदस्यों द्वारा विभिन्न विषयों पर की जा रही चर्चा को लेकर उत्सुकता भी पैदा हुई।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अपने सभाकक्ष में सभी एनसीसी कैडेट से बातचीत की। वहीं अग्रवाल ने एनसीसी कैडेट्स के सदन संचालन को लेकर पूछे गए प्रश्नों का जवाब भी दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें भी प्रसन्नता है कि देश के आने वाले भविष्य को अपने लोकतंत्र एवं सविधान को जानने की जिज्ञासा है। इस दौरान अग्रवाल ने एनसीसी कैडेट्स को प्रश्नकाल, शून्य काल एवं विभिन्न नियमों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान एनसीसी कैडेट्स ने भी उत्साह पूर्वक विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया।

विधानसभा में सत्ता और विपक्ष के लोगों ने जनरल को दी श्रद्धांजलि

सीडीएस जनरल बिपिन रावत के युद्ध कौशल से चीन और पाकिस्तान घबराते थे। आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी बहादुरी के किस्से सदियों तक लोगों के जेहन में रहेंगे। गुरुवार को बिपिन रावत के गृह राज्य में उत्तराखंड में हर कोई दुखी था। शोक सभाओं को दौर जारी था। उत्तराखंड के कई इलाकों में बाजार बंद रखे गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत सभी मंत्री, विधायकों और राजनीतिक दलों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। इस दौरान लोग भावुक दिखाई दिए। सीडीएस रावत के निधन को राज्य और देश की बड़ी क्षति करार दिया। देहरादून स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में, श्रीनगर गढ़वाल विवि में, कोटद्वार, उत्तरकाशी और पौड़ी सहित पूरे राज्य में सीडीएस स्व. बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी गई। उनके पैतृक गांव में भी शोक सभा का आयोजन किया गया। जहां आसपास के गांव के लोग भी पहुंचे।
वहीं उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो गया है। आज पहले दिन सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। जिसके बाद मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हो गए। वह दिल्ली में जनरल बिपिन रावत की अंत्येष्टि में शामिल होंगे। सत्र का पहला दिन सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक संवेदना और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित रहा। इस क्रम में शीतकालीन सत्र के प्रथम दिवस पर आज सदन में प्रवेश करने से पूर्व उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व अन्य मंत्री विधायकों ने जनरल बिपिन रावत के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इसके अलावा सत्र की अवधि एक दिन बढ़ाई गई है। 11 दिसंबर को भी सदन संचालित किया जाएगा। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सदन की कार्यवाही का एजेंडा तय किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पहले दिन श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर समिति के सदस्यों ने सहमति प्रकट की। बुधवार को विधानसभा भवन स्थित सभागार में स्पीकर अग्रवाल की अध्यक्षता में दलीय नेताओं और कार्य मंत्रणा की बैठक में निर्णय लिया गया कि शोक संवेदना के साथ ही सदन पूरे दिन के लिए स्थगित रहेगा। सदन की गैलरी में सभी सदस्यों की ओर से स्व.विपिन रावत के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। पहले दिन शोक संवेदना व्यक्त कर सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और भारतीय सेना के अधिकारियों व सैनिकों की हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु बेहद दुखद और पीड़ादायी है। जनरल रावत के निधन से देश ने वीर सपूत खो दिया। वह भारत राष्ट्र और उत्तराखंड के गौरव थे। गुरुवार को सदन में जनरल रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर प्रदेश में तीन दिन (9 से 11 दिसंबर) का राजकीय शोक घोषित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड निवासी सीडीएस जनरल रावत अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम, अदम्य साहस व शौर्य के बल पर सेना के सर्वाेच्च पद पर पहुंचे। जनरल रावत ने देश की सुरक्षा व्यवस्था और भारतीय सेना को नई दिशा दी। सीमाओं की सुरक्षा और देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा कई साहसिक निर्णय लिए गए। साथ ही सैन्य बलों के मनोबल को हमेशा ऊंचा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल रावत के आकस्मिक निधन से न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश की अपूरणीय क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर हमेशा गर्व रहेगा। उन्होंने दुर्घटना में दिवंगतों की आत्मा की शांति और शोक संतप्त स्वजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट थे। सैम मानेक शॉ के बाद वह दूसरे ऐसे जनरल थे जो युद्ध रणनीति में माहिर थे और स्वयं युद्ध क्षेत्रों में पहुंचते थे। उनके रणनीतिक कौशल के चलते चीन और पाकिस्तान की सेनाएं भी उनसे घबराती थीं। यह कहना है कि सेना के ले. कर्नल (रिटायर्ड) एसपी गुलेरिया का। कर्नल गुलेरिया ने कहा कि चीन ने भूटान और सिक्किम के बॉर्डर पर गतिविधियां बढ़ाईं लेकिन जनरल बिपिन रावत की रणनीति ने चीन को भूटान के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोके रखा।
सीमा पर चल रहीं गतिविधियों को रोकने के लिए उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक भी कराई। मेजर जनरल रहने के दौरान यूएनओ में शांति सेना का भी उन्होंने नेतृत्व किया था। उनका युद्ध करने का जो तरीका था, वह अपने आप में अनूठा था। वे दुर्गम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध का विशेष अनुभव रखते थे। सेनाध्यक्ष रहने के दौरान उन्हीं की रणनीति से पाकिस्तान की सीमा से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई और सीमा पर जवानों की मौतों में कमी आई। उनके अनुभव और कौशल से ही पाकिस्तान और चीन को डर था कि उनकी सेनाएं जनरल बिपिन की रणनीति के सामने नहीं टिक पाएंगी।
कर्नल गुलेरिया ने कहा कि जनरल रावत ने सुरक्षा के क्षेत्र में देश के लिए बहुत कुछ किया। उनका निधन देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। देश को उनकी कमी हमेशा खलेगी। सीडीएस जनरल बिपिन रावत वर्ष 2017 में थल सेनाध्यक्ष रहने के दौरान सीमांत पिथौरागढ़ जिले में भी आए थे। तब उन्होंने पूर्व सैनिकों की समस्याओं को भी सुना था और उन्हें समस्याओं के समाधान करने का भरोसा भी दिया था। सेना ब्रिगेड में अधिकारी, जवानों और सेवानिवृत्त सैनिकों को संबोधित करने के दौरान उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं का पूरा ध्यान रखने का आश्वासन दिया था। उन्होंने इसके लिए सेना के अधिकारियों को भी पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों से पूरा मेल-मिलाप रखने के निर्देश दिए थे।