हरदा की फेसबुक पोस्ट के क्या मायने, सीएम धामी में देख रहे बड़ी संभावना

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गाहे बगाहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ करते रहते हैं। आज उन्होंने जो फेसबुक पोस्ट की है, उसके मायने निकाले जाए तो हरदा सीएम धामी में बडी संभावना देखते हैं। अब जोशीमठ के मुद्दे पर सीएम धामी को अपरोक्ष रूप से विपक्ष के सबसे बड़े नेता हरीश रावत का साथ मिला है। दरअसल, बीते रोज पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेसी सीएम से मिलने गए थे। इस दौरान जोशीमठ को लेकर कांग्रेस नेताओं ने तमाम शंकाओ को सीएम के समक्ष रखा जिन्हें मुख्यमंत्री ने काफी गंभीरता पूर्वक सुना।

अब, आज पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर सीएम के रवैये की जमकर तारीफ की है।
पूर्व सीएम ने कहा कि “भविष्य के प्रतिद्वंद्वियों को सावधान रहना चाहिये। राज्य के मुख्यमंत्री जी बहुत अच्छे सुनने वाले व्यक्ति हैं। कल हम जोशीमठ आपदा पर ढेर सारे सुझाव देने के लिए गये। जिसमें कई सुझाव आलोचनात्मक भी थे, तीक्ष्ण सवाल भी थे, मगर मुख्यमंत्री जी ने पूरे धैर्य के साथ उनको सुना। अब कितना समाधान निकालेंगे, इस पर भविष्य की नजर रहनी चाहिए। देखते हैं प्रीफैबरीकेटेड घर कब बनने शुरू होते हैं, टेंट कॉलोनी यदि हो तो कब तक लगती है, सुरक्षित स्थानों का चयन कब होता है, मुआवजे की राशि लोगों को कब तक बता दी जाती है, कितना मुआवजा मिलेगा और किस तरीके से साधारण लोग जिनकी आजीविका जोशीमठ पर है उनके लिए क्या होता है! गाय के लिए क्या होता है, गाय के दूध पर जिनकी आर्थिकी है उनके लिए क्या होता है, तो बहुत सारी चीजें हैं, जिनकी हम सबको प्रतीक्षा रहेगी। मगर एक बात सत्य है कि सुना मुख्यमंत्री जी ने पूरे धैर्य से।”
विपक्ष के सबसे बड़े नेता के मुँह से निकली ये तारीफ भले उनकी पार्टी के नेताओं को असहज करे लेकिन मुख्यमंत्री धामी के लिए हरदा के मुँह से निकली यह तारीफ यह जाहिर कर रही है कि अनुभवी हरदा को सीएम धामी में रख लंबी रेस का घोड़ा नजर आता है। इससे पहले हाल ही में सीएम की देहरादून के एक स्कूल में बच्चे के जूते के फीते बांधने और रुद्रप्रयाग में जनता से मिलने की फोटो शेयर करके हरीश रावत सीएम धामी की अक्सर तारिफ करते रहे हैं।

भर्ती घोटाले पर हरीश रावत के बयान पर भटट ने किया पलटवार

भर्ती घोटाले मे पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने उन्हे आधा सच बोलने मे माहिर बताया। उन्होंने सीएम पर की गयी टिप्पणी को आपत्तिजनक करार देते हुए कहा कि धामी आज विकास के पर्याय हो गए है और पार्टी तथा जनता को उन पर फक्र है, लेकिन आरोप लगाने वालों को आत्म अवलोकन करने की जरूरत है कि वह दोनो स्थानों मे कहां खड़े है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश मे सुचिता भ्रष्टाचार की बात करने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल मे भी या तो पूर्व मे हुए भृष्टाचार को परंपरा मान कर आगे बढ़ाया गया और कुछ नई शुरुआत की गयी। उनके कार्यकाल मे विधान सभा मे निकटस्थ रहे तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष के द्वारा की गयी नाते रिश्तेदारों की नियुक्ति पर भी वह आधा सच बोल पाए। उन्होंने यह कहकर पल्ला छुड़ा लिया कि उन्होंने तब तत्कालीन विस अध्यक्ष को इसके नतीजो को लेकर चेताया था, लेकिन फिर भृष्टाचार को समर्थन देते नजर आये। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल मे दर्जनों घपले सामने आये और वह भूल गए कि उन्होंने अपनी सरकार की गलतियों को स्वीकार करते हुए माफी भी मांगी थी।
भट्ट ने कहा कि रावत भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा पर टिप्पणी कर रहे है, लेकिन धामी सरकार उन घपले घोटालों पर कार्यवाही कर रही है जो कि दबा दिये गए थे। कांग्रेस के कार्यकाल मे हुए ऐसे घपलों की लंबी फेरहिस्त है। उन्होंने पूछा कि पटवारी घोटाले में उन्होंने क्या कार्यवाही की। दरोगा भर्ती घोटाला, उद्यान, छात्रवृति, एन एच, 2016 की बीडीओ भर्ती और अन्य घोटालों में भी वह मौन क्यों रहे। अगर, कुछ मामलों मे दिखावे के लिए कुछ किया भी गया तो वह भी भाजपा के द्वारा विरोध प्रदर्शन और जन दबाव मे की गयी। जबकि धामी सरकार ने बिना काल खंड को देखते हैं नैतिक साहस दिखाया। हैरानी की बात है कि तब न नैतिक साहस था और न ही विपक्ष के विरोध प्रदर्शन का असर और सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार मे लिप्त रही।
भ्रष्टाचार के दलदल मे डूबी कांग्रेस अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर ही आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे है। जबकि पूर्व मे हरीश रावत खुद धामी की शान मे कशीदे भी गढ़ते रहे। हरीश रावत अपने कार्यकाल मे हुए तमाम स्टिंग के बाद कंफ्यूज हो गए है और कभी भी पूरा सच नही बोल पाए। कभी राजनीति से विरक्ति, कभी विकास न कर पाने का मलाल और कभी अपने सहयोगियों से उपेक्षा की पीड़ा सुनाकर समय व्यतीत कर रहे है। राज्य यशस्वी मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व मे पार्टी के विकास के एजेंडे पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं और वह धाकड़ धामी की उपमा के साथ पूरी तरह न्याय कर रहे है। जनता और पार्टी को उन पर फक्र है, लेकिन उनके मामले मे यह बात कहीं से भी फिट नही बैठती है जो उन पर लगातार दुर्भावनावश टिप्पणी कर रहे है।

एक रावत का दूसरे रावत पर पलटवार, कहा-अपने कार्यकाल में की होती कार्रवाई तो आज धामी की नहीं रावतों की धूम होती

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग-यूकेएसएसएससी के गठन पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के सवाल उठाने पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने उनकी खिंचाई की। दो टूक सवाल किया कि क्यों गड़बड़ी सामने आने पर तत्काल कार्रवाई नहीं की? यदि उसी समय कार्रवाई कर दी होती, तो आज धामी की धूम नहीं हो रही होती। बल्कि रावतों की धूम हो रही होती।
सोशल मीडिया पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने त्रिवेंद्र रावत पर कटाक्ष किया। कहा कि उन्हें समझ आते आते बहुत देर हो गई है। जब कांग्रेस सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती की जांच की। इसके बाद आपकी सरकार आ गई। आपके मंत्री ने विधानसभा के पटल पर स्वीकार किया था कि जांच में गड़बड़ियां पाई गई हैं। जांच रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है। यदि उसी समय इतना गुस्सा दिखाया होता तो आज फिर धामी की धूम नहीं होती। कहा कि दरवाजे की चौखट पर सर टकराने से घर नहीं गिराए जाते। विधानसभा में भर्तियों में धांधलियां हुई तो विधानसभा भवन ही गिरा देंगे क्या?

माफी मांगकर फंसे हरदा, सोशल मीडिया यूजर्स का हरीश पर वार

उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ)े में पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत की संलिप्तता के मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी गलती स्वीकारी है। उन्होंने कहा कि वह रावत को नहीं पहचान पाए। उन्होंने इसके लिए खुद को दोषी बताते हुए सोशल मीडिया में माफी मांगी है। सोशल मीडिया पर माफी मांगने की पोस्ट वायरल होने के बाद हरदा तमाम यूर्जस के निशाने पर भी हैं। कुछ फैसले की सराहना कर रहे हैं तो कुछ लोग कई तरह के सवाल खड़े रहे हैं।

हरदा की पोस्ट पर अशोक मेहरा लिखते हैं कभी तारीफ़ करते हो कभी आलोचना.. चिट भी मेरी पट भी मेरी…अब ऐसी बेवकूफ़ बनाने वाली राजनीति को जनता समझ गयी है।

सुदंर लाल नौटियाल खिलते हैं रावत जी जनता ने आपको भी बहुत मौका दिया लेकिन तब आपने कुछ भी नेक या पुण्य कार्य नही किया उल्टा आपके समय के भ्रष्टाचार के मामले अभी ओपन हो रहे है आपने भी भ्रष्टाचारियों को पूरी सय दे रखी थी। जिसका जीता जागता उदाहरण आज भी देहरादून के बललूपुर चौक पर स्थित फ्लाई ओवर और बल्ली वाला फ्लाई ओवर जो कैसे बने हैं।वह जनता को चिढाते हुए मौजूद हैं।

प्रताप प्रकाश पंवार लिखते हैं दाल में कुछ तो काला है, आर.बी. एस रावत की गिरफ्तारी के बाद के संकेत कुछ और ही इशारा कर रहे है। ये डर बेवजह नहीं है, कुछ तो बात है।

वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश डिमरी लिखते हैं कि हरदा एक बात की शक शंका मन में है कि आरबीएस रावत जिन्हें आपने आयोग का अध्यक्ष बनाया था उसके द्वारा की गई भर्तियों में घपले घोटाले को लेकर आपके ही कार्यकाल में एक विजिलेंस जांच हो गयी थी। जिसमें संभवतया आरबीएस रावत के सारे कच्चे चिठ्ठे दर्ज हुए होंगे, लेकिन आपने उस जाँच को कभी सर्वाजनिक करने की बात नहीं की आपने भर्ती घोटालों पर तमाम हो हल्ले के बाद भी कभी उस विजिलेंस रिपोर्ट का जिक्र नहीं किया, क्यों….? अब बात आपके उस बयान की कि कोई अफसर बाद में अकर्मण्य हो जाये इसकी भविष्यवाणी नहीं कि जा सकती तो हरदा जिस दूसरे अफसर को आपने आयोग का अध्यक्ष बनाया उस पर तो इस देश के माननीय सर्वाेच्च न्यायालय की स्पष्ट टिप्पणी है जिसे आपने नजरअंदाज किया। यहाँ तक कि उस उसके इस्तीफे के बाद आपका सबसे आश्चर्यजनक बयान आया कि उसकी प्रतिष्ठा की रक्षा नहीं हो पायी। भविष्य तो छोड़िए भूतकाल और वर्तमान को देख कर भी आप उसके अध्यक्षीय काल में छले गये युवाओं के बजाय उसकी प्रतिष्ठा की चिंता में मायूस हुए जा रहे थे। आज जब सूबे के नौजवानों के साथ भर्तियों के नाम पर हुआ अन्याय स्प्ष्ट दिख रहा है, दोषी अंदर किये जा रहे हैं तो आप सोशल मीडिया पर माफी मांग रहे हैं….? हुजूर आपका ये अंदाज भी आपको मुबारक लेकिन हमें अंदाजा है कि माफी मांगने और तारीफ करने के पीछे आपका असल मकसद क्या है…?

वहीं यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में एसटीएफ की जांच जारी है। कई बड़े नाम एसटीएफ की रडार पर हैं। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में 30 से ज्यादा लोगों को सरकारी गवाह बनाया गया है ताकि केस को और मजबूत बनाया जा सके। इनमें कुछ अभ्यर्थी और अधिकारी शामिल हैं। सभी अभ्यर्थियों ने कन्याल, आरबीएस रावत और आरएमएस के अधिकारियों के नाम लिए हैं। इनमें से कई छात्रों और अधिकारियों को सरकारी गवाह भी बनाया जा चुका है। सूत्र के मुताबिक तमाम वीआईपी लोग और अधिकारियों को इन तीनों के खेल के बारे में पता था। यह भी जानकारी थी कि किस तरह से पैसा इन लोगों के पास आता है और नकल के सिंडीकेट के ये किस तरह से संपर्क में रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इनमें एक मंडी समिति का पूर्व अध्यक्ष भी शामिल है। इससे जब एसटीएफ ने पूछताछ की तो सारा राज उगल दिया। एसटीएफ ने एक पूर्व अधिकारी को सरकारी गवाह बना लिया है। इससे पूछताछ के आधार पर एसटीएफ के सामने एक पूर्व सीएम के ओएसडी का नाम भी सामने आया।

पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी से साढ़े तीन घंटे पूछताछ
ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती परीक्षा धांधली में एक पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी पर भी एसटीएफ शिकंजा कस सकती है। सोमवार को एसटीएफ ने कुछ अभ्यर्थियों के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी को पूछताछ के लिए बुलाया। बताया जा रहा है कि उनसे एसटीएफ ने करीब साढ़े तीन घंटे पूछताछ की। इसके बाद उनके बयान दर्ज किए गए। सूत्रों की मानें तो एसटीएफ उन्हें इस मामले में सरकारी गवाह बना सकती है। उन्होंने वीडीपीओ भर्ती में एक अभ्यर्थी की सिफारिश आरोपितों से की थी। बताया जा रहा है कि अभ्यर्थी लेकर आए एक पूर्व मंडी समिति के अध्यक्ष को एसटीएफ सरकारी गवाह बना चुकी है। वीपीडीओ भर्ती धांधली में एसटीएफ ने 2016 के तत्कालीन आयोग के अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव एमएस कन्याल और परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र पोखरिया को बीते शनिवार को गिरफ्तार किया था। इसके बाद एसटीएफ ने कई अभ्यर्थियों से पूछताछ की है। इनमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। यह वह अधिकारी हैं जिन्होंने अपने संपर्क वाले अभ्यर्थियों की नौकरी के लिए इनसे सिफारिश की थी। तमाम अभ्यर्थियों से पूछताछ के बाद एक पूर्व सीएम के ओएसडी का नाम भी सामने आया। एसटीएफ ने सोमवार को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया।

बीडीसी की बैठकों में डीएम, सीडीओ सहित उच्च अधिकारी अनिवार्य रूप से करें प्रतिभाग-धामी

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान देर शाम को रुद्रप्रयाग स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस बहुदेश्य भवन में विभागों के अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा ली।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा बच्चों, वृद्धजन और दिव्यांगों के लिए तैयार महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ’कवच’ भी लांच किया।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जनपद में संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। वहीं पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल द्वारा जनपद में यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मूल मंत्र पर काम कर रही है। सभी विभागों का दायित्व होना चाहिए कि जनता को किसी तरीके की परेशानी ना हो अगर किसी काम में कोई व्यावहारिक दिक्कत है तो उसका रास्ता निकाला जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तहसील दिवसों को नियमित आयोजित किया जाए। तहसील दिवसों को और अधिक प्रभावशाली बनाने के साथ-साथ बीडीसी की बैठकों में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य उच्च अधिकारी को अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम सभा में चौपाल की व्यवस्था भी की जाए इसके साथ ही हर गांव में साल में एक विशेष आयोजन कर स्थापना दिवस के तौर पर ग्राम दिवस के रूप में आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि हम सबका दायित्व है कि बेहतर कार्य संस्कृति के साथ काम किया जाए।
मुख्यमंत्री ने विभागों की जनपदीय समीक्षा में पौराणिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन करने, नेशनल हाईवे और अन्य मुख्य मार्गों के आसपास वृक्षारोपण करने के साथ ही चार धाम यात्रा मार्ग पर बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कीवी उत्पादन, हथकरघा व हस्तशिल्प के उत्पादों को और बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ धाम में न्यूनतम 15 से 20 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था की जाए इसके साथ ही सरकार की योजनाओं एवं सरकारी अभियान में जनता को सहभागी बनाकर आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर भी आने वाले 25 वर्षों के रोड मैप तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के बाद अब अमृत काल में हम सब प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए इस अमृत काल में विशेष कार्य योजना के साथ हम सब कार्य करें। उन्होंने कहा कि केदारनाथ तीर्थ यात्रियों को बाबा केदार के दर्शन हेतु पंक्तियों में खड़े होकर इंतजार ना करना पड़े इसके लिए ठोस कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार भारत सरकार में नीति आयोग थिंक टैंक के रूप में अहम भूमिका निभाता है उसी प्रकार जनपद स्तर पर विकास विभाग भी थिंक टैंक की भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरलीकरण, समाधान और निस्तारण को कार्यशैली में शामिल करते हुए जनता की समस्याओं के निराकरण की पहल शुरू करें।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष सुमंत तिवारी, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, केदारनाथ शैला रानी रावत, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, जिलाध्यक्ष भाजपा दिनेश उनियाल, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, अपर जिला अधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, डीएफओ रुद्रप्रयाग अभिमन्यु, डीएफओ केदारनाथ इंद्र सिंह नेगी, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, परियोजना निदेशक ग्राम विकास रमेश चंद्र, उप जिलाधिकारी परमानन्द राम, उप जिलाधिकारी अपर्णा ढोंडियाल, अधीक्षण अभियंता सिंचाई सुधीर कुमार, अधिशासी अभियंता लोनिवि जीत सिंह रावत, जिला बचत अधिकारी सूरत लाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

विस चुनाव में सीएम उम्मीदवार रहे कर्नल कोठियाल ने भाजपा की सदस्यता ली

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे कर्नल अजय कोठियाल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। कर्नल सीएम पुष्कर धामी औऱ प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की मौजूदगी में भगवा कैंप का हिस्सा बने। कर्नल कोठियाल ने हाल ही में आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। कर्नल के साथ भूपेश उपाध्याय, नवीन पिरशाली समेत दर्जनों नेता आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।

कर्नल अजय कोठियाल और पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय को पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसके बाद आप छोड़कर करीब 700 कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा की शरण ली। कर्नल कोठियाल ने ।।च् छोड़ते वक्त कहा था कि पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते वे पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।

बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल कोठियाल ने कहा कि वे भाजपा की विचारधारा को जनमानस तक पहुंचाएंगे। कर्नल ने माना कि आम आदमी पार्टी में जाने का फैसला गलत था। लेकिन अब फैसला सुधारते हुए भाजपा में आए हैं। कर्नल ने कहा कि चंपावत उपचुनाव में सीएम धामी की बंपर जीत होगी। कर्नल ने कहा कि सीएम धामी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मैं उनसे बहुत प्रभावित हूं। उन्होंने मेरा हमेशा हौसला बढ़ाया है।

कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमाया था. हालांकि इस दौरान उनकी करारी हार हुई थी और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे। उन्हें केवल 6161 वोट मिले थे, जो कि कुल मतों के केवल 10.33 प्रतिशत थे। अजय कोठियाल के आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वे बीजेपी में शामिल होंगे।

कई भाजपा दिग्गजों की मौजूदगी में पुष्कर धामी ने किया नामांकन दाखिल


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव के लिए सोमवार को नामांकन करा दिया है। आरओ और टनकपुर एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने सीएम के नामांकन की प्रक्रिया पूरी की। यहां उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत केंद्रीय मंत्री और कैबिनेट मंत्री के अलावा विभिन्न विधानसभाओं के विधायक मौजूद रहे। नामांकन के बाद सीएम ने गोलज्यू के दरबार में पूजा अर्चना की।

सीएम धामी इसके बाद जनसभा के लिए मोटर स्टेशन को रवाना हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है। विकास से जुड़ी कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। कह कि पर्वतीय जिलों में बुनियादी सुविधाओं के विकास सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल आदि मुद्दों पर विशेषतौर से फोकस किया जा रहा है।

सीएम धामी ने कहा कि समाज के हर वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। चारधाम यात्रा रूट पर ऑल वेदर रोड और हर नल जल योजना से ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराया जा रहा है।

पुष्कर धामी बनाम गहतोड़ी हुआ चंपावत का उपचुनाव

चंपावत विधानसीट के उपचुनाव में सीएम पुष्कर सिंह धामी का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी से होगा। कांग्रेस ने शुक्रवार दोपहर अपने प्रत्याशी की घोषणा की। दोपहर राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक ने उनके नाम का पत्र जारी किया। चंपावत की पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला राज्य महिला सशक्तिकरण परिषद की उपाध्यक्ष भी रहीं हैं। हालांकि टिकट की दौड़ में पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल समेत चार लोग और भी थे।

प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने निर्मला को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से गंभीर है। कांग्रेस जीत के लक्ष्य के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। माहरा ने कहा, श्भाजपा सरकार का पिछले पांच साल और नए दो महीने का कार्यकाल भी बेहद निराशाजनक है। प्रदेश की जनता सभी का आंकलन कर रही है। उपचुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। जिस प्रकार खटीमा की जनता ने ऐतिहासिक फैसला दिया है, उसी प्रकार चंपावत की जनता भी एक मील का पत्थर स्थापित करेगी।

आयोग ने तेज की तैयारी

चंपावत सीट पर उपचुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग एक्शन में है। आयोग ने यहां अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पोलिंग पार्टियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा सेक्टर मजिस्ट्रेट की भी नियुक्ति कर दी गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि 11 मई तक नामांकन किए जाएंगे। 31 मई को मतदान होगा और तीन जून को वोटों की गिनती की जाएगी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं।

जानें चंपावत का चुनावी इतिहास

चंपावत विधानसभा सीट पर 2002, 2017 और 2022 में बीजेपी को जीत मिली। हालांकि दो बार कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल ने जीत का स्वाद चखा। वे 2002 और 2012 में यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं 2007 में बीजेपी की बीना महाराणा यहां से विधायक चुनी गई थी। इसके बाद 2017 और 2022 में लगातार दो बार कैलाश गहतोड़ी विजयी बने।

जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने किया कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला के नेतृत्व में नवनियुक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व उपनेता भुवन कापड़ी सहित कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का एयरपोर्ट पहुंचने पर भव्य स्वागत किया।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस की नई टीम से कांग्रेसजनों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है जिससे कांग्रेस पार्टी आने वाले नगरीय, त्रिस्तरीय पंचायत व लोकसभा चुनाव में सफलता हासिल करेगी। रमोला ने कहा कि विधानसभा चुनाव हार के बाद जल्द ही कांग्रेस नये प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में कांग्रेस कांग्रेस का परचम लहराने का काम करेंगे।

स्वागत कार्यक्रम में प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा, प्रदेश सचिव विजयपाल रावत, प्रदेश सचिव मनोज गुसाँई, संजय पोखरियल, पार्षद राकेश मियाँ, पार्षद देवेंद्र प्रजापति, जगमोहन भटनागर, अलका क्षेत्री, दीपा चमोली, लक्ष्मी उनियाल, गौरव राणा, सुमित त्यागी, जतिन जाटव, मुकेश जाटव, परमेश्वर राजभर, वीरबहादुर, मनोज त्यागी, राजेश शाह, राकेश वर्मा, अजय राजभर, नागेन्द्र सिंह, रवि राणा, विकाश कोहली, नंदलाल यादव , जयपाल बिट्टू, यश अरोरा, हिमांशु जाटव, हिमांशु कश्यप, कार्तिक, आशीष कटारिया, ममता राणा, यशोदा राणा, राजू गुप्ता, बप्पी अधिकारी, बलदेव नेगी, सतीश कौशिक, सुनीता देवी, पार्वती,गिंदोरि पयाल, दीपा नेगी, रेखा नेगी आदि मौजूद थे।

हजारों कार्यकर्ताओं, दिग्गजों की मौजूदगी में हुआ राज्य के 12वें सीएम का शपथ ग्रहण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देशभर से बड़े दिग्गजों, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, संतों, हजारों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में उत्‍तराखंड के 12वें मुख्‍यमंत्री के रूप में पुष्‍कर सिंह धामी ने आज शपथ ग्रहण की। उनके साथ ही नए मंत्रिमंडल ने भी शपथ ग्रहण की। नई कैबिनेट में दो नये चेहरों को भी स्थान मिला है, जबकि तीन को रिपीट करने से परहेज किया गया है। वहीं मंत्रिमंडल के तीन पदों को रिक्त रखा गया है।

इन्होंने ली शपथ
सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, रेखा आर्य, चंदन रामदास, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, गणेश जोशी, प्रेमचंद अग्रवाल ने शपथ ग्रहण की।

इन चेहरों को नहीं मिली जगह
धामी सरकार में मंत्री रहे बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल, अरविंद पांडे को धामी रिटर्न की सरकार में जगह नहीं दी गई है।

यह पुराने चेहरे जगह बना पाने में रहे कामयाब
धामी सरकार में मंत्री रहे सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, रेखा आर्य, सुबोध उनियाल, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी पुनः धामी रिटर्न की सरकार में जगह बनाने में कामयाब रहे है।

यह हैं नए चेहरे
धामी रिटर्न में नये चेहरे में सितारगंज से विधायक सौरभ बहुगुणा, बागेश्वर से चंदन रामदास पहली बार मंत्रिमंडल में जगह मिली है।