पीएम मोदी के विजन को साकार क्रियान्वित करेंगे धामीः निशंक

देहरादून। पूर्व केंद्रीय मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा कि धामी निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड के विकास के लिए विजन को क्रियान्वित करने में सफल होंगे।

उन्होंने कहा कि कम समय के बाद भी धामी ने अथक प्रयास कर केंद्र सरकार के सहयोग से विकास योजनाओं को धरातल पर उतारा और जनता से संवाद स्थापित किया। उसका लाभ भी पार्टी को मिला और भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला। विकास कार्यों को लेकर केंद्र से सामंजस्य बनाने मे उनकी कार्यकुशलता के कारण सभी विधायकों ने सहमति से उन पर दोबारा भरोसा जताया। डॉ निशंक ने कहा कि राज्य को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प धामी ने नेतृत्व मे निश्चित रूप से पूरा होगा।

हरीश रावत ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाले गलत बयान को छापने वाले समाचार पत्र पर कह दी यह बड़ी बात… आप भी जाने

अभी परसो मैंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर बोले गए झूठ के प्रकरण को हमारे तर्कपूर्ण खंडन के बाद समाप्त मान लिया जाए। हमने इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र साइबर क्राइम देहरादून में एफआईआर दर्ज करने हेतु दिया है।

भाजपा संगठित तौर पर इस झूठ को आज भी फैलाने में लगी है। यह झूठ धामी की धूम फेसबुक पेज जो राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री जी का पेज है, जिसमें उनके साथ प्रधानमंत्री जी का चित्र भी लगा है। पेज में जिस समाचार पत्र के आधार पर इस झूठ को फैलाकर विद्वेष पैदा किया गया है, वो कहीं से भी प्रचारित-प्रकाशित नहीं है।
वह कहां से मुद्रित है, इसको खोजना तो असंभव है। इस समाचार पत्र का कोई नाम भी नहीं है। किसी एजेंसी को उद्धृत नहीं किया गया है। इस झूठे समाचार को गढ़ने व प्रचारित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के डर्टीट्रिक्स विभाग अर्थात सोशल मीडिया में यह सब षड्यंत्रकारी कूट रचा गया है।
यदि कोई व्यक्ति इस तरीके के समाचार पत्र की 10 प्रर्तियां जिसमें संपादक, मुद्रक, वितरक और समाचार पत्र संवाददाता का नाम सहित मुझे उपलब्ध करवा दे तो मैं ₹50,000 उस व्यक्ति को देने को तैयार हूं।

पुष्कर धामी जो राज्य के पुनः मुख्यमंत्री बन सकते हैं, को इस अनैतिक कृत्य/झूठ का खण्डन करने के लिए स्वयं आगे आना चाहिए।

विस चुनाव 2022ः 281 उम्मीदवारों को 500 वोट तक नहीं मिले

उत्तराखंड में विधायक बनने का सपना संजोये कई प्रत्याशियों को 500 वोट भी नहीं नसीब नही हो पाये। राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर इस बार 632 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इसमें 47 सीटों पर भाजपा, 19 पर कांग्रेस, 2 पर बसपा और 2 पर निर्दलियों ने जीत का हासिल की। विधानसभा चुनाव में विधायक बनने का सपना लेकर उतरे 281 उम्मीदवारों को 500 सौ वोट भी नहीं मिले। यानि 44 प्रतिशत से अधिक प्रत्याशी पांच सौ वोट भी हासिल नहीं कर पाए। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार तो थे ही। साथ ही कई सीटों पर आम आदमी पार्टी, बसपा, यूकेडी समेत अन्य क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवार भी शामिल हैं।

उत्तराखंड की राजनीति में खुद को तीसरा विकल्प मान रही आम आदमी पार्टी ने पहली बार 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन जिस रणनीति के साथ आप चुनावी रण में उतरी थी, इसका असर नतीजों पर नहीं दिखा। आप प्रदेश में खाता तक नहीं खोल पाई। वहीं, 33 सीटों पर आप के उम्मीदवार एक हजार मत भी नहीं हासिल कर सके। पर्वतीय जिलों की सीटों पर आप का प्रदर्शन बेहतर कमजोर रहा। देहरादून जिले की धर्मपुर विधानसभा सीट पर 20 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। इनमें ले 14 प्रत्याशियों को 500 सौ से कम वोट पड़े। इसी तरह रायपुर सीट पर नौ प्रत्याशियों का प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा।

सीएम पद के लिए धामी ही है आधा दर्जन विधायकों की पहली पसंद

देहरादून। मुख्यमंत्री की रेस में पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे आगे चल रहा है। अब तक करीब 6 विधायक पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने को तैयार हो गए हैं। इसमें कैलाश गहतोड़ी, जागेश्वर से विधायक मोहन सिंह मेहरा, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा, बागेश्वर जिले के कपकोट से सुरेश गड़िया औऱ खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा का भी नाम शामिल है।

साक्षी महाराज का बड़ा बयान, धामी पहली पंसद
वहीं 2022 अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चाओं में रहने वाले उन्नाव सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। शनिवार को उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ऋषिकेश रेलवे रोड स्थित अपने भगवान आश्रम में पहुंचे। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैजिक चल रहा है। यह मैजिक अगले 50 वर्षों तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित चार राज्यों में भाजपा की बड़ी जीत इस बात का प्रमाण है।

साक्षी महाराज ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने सुशासन स्थापित किया है। जिसका नतीजा यह रहा कि इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई मिथक टूटे हैं। सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि वह पहले ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा की स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाने का दावा कर चुके थे, जो आज सच साबित हुआ है। इतना जरूर है कि उत्तराखंड में जिस चेहरे को लेकर भाजपा विजई हुई वह चेहरा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए।

उन्होंने अपनी व्यक्तिगत राय जाहिर करते हुए कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी को ही देखना चाहते हैं, शेष निर्णय पार्टी संगठन को लेना है। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव पर किसान आंदोलन ने कोई प्रभाव नहीं डाला। उन्होंने कहा कि हम पहले ही कहते आए हैं कि यह आंदोलन किसानों का नहीं, बल्कि कुछ डिजाइनर किस्म के हैं व्यक्तियों का है। उन्‍होंने कहा कहा कि जो गाजीपुर बार्डर इस कथित किसान आंदोलन का केंद्र रहा, उसके आसपास की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा ने बड़े अंतराल से जीत दर्ज की है। ऐसे में कोई भी किसान आंदोलन की सच्चाई का अंदाजा लगा सकता है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने ली राज्य में हार की जिम्मेदारी

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणामों के सामने आने के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस की झोली में 19 सीटें आई। जिसके बाद आज शनिवार को पत्रकारवार्ता कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने विधानसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी ली।
उन्होंने कहा कि पार्टी मंथन करेगी और हार की समीक्षा भी करेगी। शनिवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने राजधानी में पत्रकारवार्ता में कहा कि अगर हाईकमान कहेगा तो वह अपना पद छोड़ने को भी तैयार हैं। गणेश गोदियाल खुद भी पौड़ी की श्रीनगर सीट से बेहद कम मुकाबले में चुनाव हारे हैं।

विपक्ष ने सिर्फ प्रधानमंत्री के नाम पर वोट मांगे
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आए, लेकिन हम मंथन करेंगे। सभी कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि हम जनता के हितों के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे। गोदियाल ने बताया कि मैंने पूरे प्रदेश में जब दौरा किया तो बेरोजगारी की बहुत बुरी स्थिति देखी। उसके बावजूद परिणाम ऐसे देखने को मिले। मैं खुद भी नहीं समझ पाया। इसलिए हम भी मंथन करेंगे कि क्या कारण रहे। उन्होंने कहा कि विपक्षी केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर वोट मांग रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और विधायक की जगह नहीं आएंगे। विपक्ष को सरकार बनाने पर बधाई। फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया, लेकिन हम राज्य के हित में काम करते रहेंगे।

उमेश शर्मा काऊ ने बनाए रखा अपना दबदबा

देहरादून। रायपुर विधानसभा सीट पर भाजपा से उमेश शर्मा काऊ का दबदबा बरकरार है। रायपुर विधानसभा क्षेत्र देहरादून में आता है, यहाँ भारतीय जनता पार्टी से उमेश शर्मा काऊ ने 30052 वोटों से जीत हासिल किया है। उत्तराखंड में काऊ दूसरी बार सबसे अधिक वोटों से जीतने वाले विधायक बने। वहीँ दूसरे नंबर पर कांग्रेस के हीरा सिंह विष्ट रहे। यहां उमेश के सामने कांग्रेस से हीरा सिंह बिष्ट, आप से नवीन पिरशाली, बसपा से सर्मिष्ठा प्रालियम और सपा से नरेन्द्र सिंह वर्मा भी मैदान में थे।

पत्रकारों से बात करते हुए विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि मुझे मिटाने वाले आज खुद ही मिट गए। जनता जानती है लंबे समय तक मेरा उत्पीड़न किया गया। अगर मेरी सीट पर भितरघात न होती तो जीत का मारजन 45 हजार से अधिक होता। विरोधी ताकतों ने पूरा प्रयास किया लेकिन उनके नापाक मंसूबे कामयाब नहीं हुए। आने वाले पांच सालों में अधूरे कामों को पूरा करेंगे। युवाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास करेंगे। हर वर्ग का विकास करेंगे।

आपको बता दें कि यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्‍तित्‍व में आई थी। इस सीट पर उमेश शर्मा काऊ का दबदबा है। अब तक हुए दोनों चुनाव उन्‍होंने जीते हैं। 2012 में कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे, तब भाजपा के दिग्‍गज नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हराया था। 2017 में पाला बदलकर भाजपा से चुनावी मैदान में कूदे और दोबारा जीत दर्ज की। 2017 विधानसभा चुनाव में उमेश शर्मा काऊ को रिकॉर्ड 59764 वोट मिले थे। उन्‍होंने कांग्रेस के प्रत्‍याशी प्रभु लाल बहुगुणा को 36771 वोट से हराया था। बहुगुणा को 22993 वोट ही मिल सके थे। वहीं 2012 में उमेश शर्मा काऊ को 29900 वोट मिले थे। भाजपा के त्रिवेंद्र सिंह रावत को मात्र 474 वोट से पीछे रह गए थे, उन्‍हें 29426 मत प्राप्‍त हुए थे।

प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी ने की सीएम धामी की प्रशंसा, दिया जीत का श्रेय

सीएम पुष्कर सिंह धामी भले ही खुद अपना चुनाव हार गए हैं। लेकिन भाजपा की नजरों में उनकी कीमत कम नहीं हुई है। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने पार्टी की सत्ता में वापसी का पूरा श्रेय सीएम धामी को ही दिया है। धामी की इस तरह की सार्वजनिक तारीफ से साफ लग रहा है कि पार्टी की नजरों में उनकी कीमत कम नहीं हुई है। जोशी के इस बयान के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि आने वाले दो-चार दिनों में इस तारीफ का मकसद सामने आ जाएगा। एक विधायक कैलाश गहतौड़ी ने धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने का एलान भी कर दिया है।
खटीमा सीट पर अपना चुनाव कुछ हद तक फंसे होने की जानकारी के बाद सीएम धामी ने पूरे प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार और जनसभाएं कीं। सीएम धामी प्रदेश भाजपा के अकेले ऐसे नेता रहे जिन्होंने पूरे उत्तराखंड का दौरा किया और भाजपा को वोट देने की अपील की। बाकी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और अन्य मंत्रीगण तो अपनी सीट से बाहर झांक भी नहीं सके। मतदान के बाद भी धामी भाजपा की बहुमत से सरकार बनाने का लगातार दावा करते रहे। गुरुवार को नतीजा सामने आया तो साफ हुआ कि भाजपा ही सरकार बनाने जा रही है।
अपनी हार की सूचना के बाद भी धामी सक्रिय रहे। भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई प्रेस कांफ्रेंस में भी उन्होंने शिरकत की। इस मौके पर प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने धामी के हार के घाव पर अपने लफ्जों से मरहम लगाई। उन्होंने कहा कि धामी की मेहनत और उनके छह माह के अल्प कार्यकाल की बदौलत ही भाजपा एक मिथक को तोड़ते हुए फिर से सरकार बनाने जा रही है।
सीएम धामी की इस तारीफ के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या इस ताऱीफ में कोई संदेश छुपा है। भाजपा अपनी दम पर सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में उसे बसपा या किसी निर्दलीय विधायक की जरूरत नहीं है। ऐसे में भाजपा हाईकमान मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी निर्णय आसानी से ले सकता है। अब यह आने वाले चंद रोज में ही साफ होगा कि भाजपा ने सीएम धामी के लिए क्या सोचा है।
इधर, चंपावत से चुनाव जीतने वाले विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि चुनाव में जीत धामी की वजह से ही हुई है। उनके विधायक बनने के लिए वे अपनी सीट से इस्तीफा देने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि विधायक का यह बयान भी भाजपा की रणनीति का ही एक हिस्सा है।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल से मिले पूर्व स्पीकर कुंजवाल, हरीश रावत को लेकर कही ये बड़ी बात


पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। इस दौरान बातचीत में कुंजवाल ने कहा कि पूर्व सीएम और कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के पास राज्य के विकास को लेकर सोच और ठोस विजन है।

उत्तराखंड के हित के लिए वह हमेशा आगे रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश की जनता भी उन्हें ही चाहती है। आम लोगों से लेकर कार्यकर्ताओं तक की नजर में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर हरदा ही पहली पसंद हैं। चुनाव से पूर्व हुए तमाम सर्वे में वह सबसे आगे दिखे। इसलिए कांग्रेस की सरकार बनने पर उत्तराखंड की कमान हरीश रावत को ही मिलनी चाहिए।

पोस्टल बैलेट संबंधी वीडियो की शिकायत भाजपा पहले ही कर चुकी है, कांग्रेस भ्रम न फैलायेः डॉ. देवेंद्र भसीन

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने वाली है इसलिए कांग्रेस जिसे विपक्ष में ही बैठना ह। नेता प्रतिपक्ष चुनने पर ध्यान दे तो बेहतर होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि हरीश रावत पोस्टल बैलट संबंधी जिस वीडियो को वायरल कर रहे हैं उसके बारे में भाजपा पहले ही डीडीहाट में कर चुकी है। अतः कांग्रेस इस मामले में भ्रम न फैलाए।

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र भसीन ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की भारी बहुमत से विजय होना तय है और सारे मिथक तोड़ते हुए प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने वाली है। ऐसे में कांग्रेस का विपक्ष में बैठना तय है। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि वह मुख्यमंत्री पद को लेकर आपस में लड़ने के बजाय नेता प्रतिपक्ष को लेकर विचार करें तो बेहतर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वैसे कांग्रेस के लिए यह काम भी मुश्किल है, क्योंकि कांग्रेस के कई बड़े नेता अपने विधानसभा क्षेत्रों में हारने की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में चल रहा अंतर्द्वंद फिर एक बार जनता के बीच में आ गया है।

उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की विजय और कांग्रेस की पराजय को कांग्रेस नेता भी इस बात को अंदर से महसूस कर रहे हैं। इसीलिए अब कांग्रेस चुनाव में हार को लेकर बहाने खोज रही है। इसी के चलते कांग्रेस द्वारा कभी ईवीएम पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं तो कभी पोस्टल बैलट पर। जनता अपने निर्णय दे चुकी है जो भाजपा के पक्ष में रहने वाला है।

यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी ने चुनाव में किया भ्रामक, खुद पर हमले की झूठी कहानी रची

14 फरवरी को हुए मतदान से दो दिन पहले आई एक खबर ने सबको चौंका दिया। 12 फरवरी की रात ये खबर आई की रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) से उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशी मोहित डिमरी पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया है। इसमें मोहित डिमरी को चोटें भी आई औऱ उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। लेकिन इस मामले की (Police says attack on Mohit Dimri was fake and scripted) जांच के बाद पुलिस का कहना है कि हमले की यह पूरी कहानी फर्जी है औऱ मोहित डिमरी द्वारा चुनाव में फायदा लेने के लिए यह स्वांग रचा गया।

रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि 12 फरवीर को हमले की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई थी। पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाकर उनके बयान लिए गए और मामले की जांच शुरू हुई। कॉल डिटेल्स, सीसीटीवी फुटेज खंगालने और तमाम जांच के बाद ये सामने आया कि हमले की कहानी फर्जी थी। मोहित डिमरी और उनके साथियों ने चुनाव में फायदा लेने के लिए ये स्वांग रचा था।

पुलिस के मुताबिक विवेचनात्मक कार्यवाही में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आयी है कि, उस दिन पुलिस को जो भी सूचना दी गयी थी, भ्रामक दी गयी थी, वास्तव में ऐसी कोई घटना घटित ही नहीं हुई थी। विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान सीसीटीवी फुटेज एवं कॉल डिटेल्स इत्यादि का गहरायी से विश्लेषण किया गया, जो लोग उस समय वहां पर मौजूद थे या जो भी इनके साथ कार में थे, तथा जो इनको लेकर निजी चिकित्सालय ले गये थे, सभी के बयानों के आधार पर यह बात सामने आयी है कि, इनके द्वारा चुनाव में फायदा लेने व सहानुभूति प्राप्त करने के इरादे से झूठी सूचना पुलिस को दी गयी थी, और एक ऐसा अपराध का घटनास्थल एवं वातावरण तैयार किया गया था, जिसमें इनके द्वारा खुद ही अपने वाहन के शीशे पत्थर से तोड़े गये तथा अपने पर कुछ हल्की चोटें लगवाईं गयी। और उस दिन इस घटनाक्रम को काफी बढ़ा-चढ़ा कर विभिन्न सोशल मीडिया एवं मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से प्रस्तुत कराया गया था। इस सम्बन्ध में पुलिस के स्तर से रिपोर्ट न्यायालय में प्रेषित की जा रही है तथा न्यायालय के आदेश से इस सम्पूर्ण घटनाक्रम में संलिप्त लोगों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।