संतों का आशीर्वाद लेकर मिशन 2022 के लिए जुटे कर्नल कोठियाल

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल मिशन 2022 के लिए संतों की शरण पहुंचे। हरिपुर कलां क्षेत्र में विभिन्न संत, महंतो और महामंडलेश्वरों से मुलाकात कर उनका आर्शीवाद प्राप्त किया। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाए जाने के लिए संतों से सुझाव भी लिए।

इस अवसर पर कनर्ल कोठियाल ने सभी महात्माओं को केदारनाथ धाम त्रासदी के प्रतीक चिन्ह के रूप में बनाये गए शिवलिंग एवं त्रिशूल भेंट किये।

हरिपुर कला पहुँचकर सबसे पहले कर्नल कोठियाल ने भारतमाता मंदिर के महंत एवं पंचायती निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज से भेंटवार्ता की। उसके बाद वह हरिसेवा आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, भारत साधु समाज के अध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती महाराज से भी मिले और उनसे उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाए जाने को लेकर मंत्रणा की। इस मौके पर महामण्डलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज एवं महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कर्नल कोठियाल को दोशाला ओढ़ाकर एवं रुदाक्ष की माला पहनाकर सम्मानित किया।

कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि उत्तराखंड को विश्व के हिंदुओ की आध्यत्मिक राजधानी बनाना श्आपश् का सपना है जिसे मिशन 2022 के पूर्ण होते ही साकार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश का संत समाज सनातन परंपराओं का बखूबी निर्वहन कर रहा है। राष्ट्र के निर्माण में संतों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। समाज में भटके हुए लोगों को सदमार्ग संत ही दिखाते हैं। सामाजिक विकृतियों को दूर करने के लिए संतों को आगे आना होगा तभी समाज से कुरीतियां साफ होंगी। उन्होंने कहा जब -जब समाज में कुरीतियां बढ़ी हैं ऐसे समय में सामाजिक समरसता के लिए संत समाज ही आगे आया है। संत सेवा करते हैं और उसका फल सभी को मिलता है।हमें अपने महापुरुषों, ऋषियों व संतों द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलकर राष्ट्र व समाज को ओर अधिक मजबूत बनाना है व उनके दिखाये गये पदचिन्हों पर चलने के लिए स्वयं तथा दूसरों को भी प्रेरणा देनी है। इस दौरान आप के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी, दिल्ली आप उत्तराखंड प्रकोष्ठ अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती, विनोद कपूरवान, सत्यव्रत पंत, महंत विनायक गिरी, विक्रांत भारद्वाज, नरेंद्र सिंह हिमांशु रावत, आलोक पटेल नीरज कश्यप आदि उपस्थित रहे।

विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश का हुआ अंतिम संस्कार, सीएम सहित विभिन्न संगठनों ने दी श्रद्धांजलि


विधानसभा में विपक्ष की नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश आज पंचतत्व में विलीन हो गई। चित्रशिलाघाट रानीबाग में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र बॉबी हृदयेश, सौरभ हृदयेश और सुमित हृदयेश ने चिता को मुखाग्नि दी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सहित कई राजनेताओं और गणमान्य लोगों ने उनके आवास में जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि एक दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर डॉ. इंदिरा हृदयेश विकास के लिए लड़ती रही है। उन्हें इसलिए हमेशा याद किया जाएगा। उनका निधन एक बड़ी क्षति है।

सुबह से ही नैनीताल रोड स्थित उनके आवास संकलन में उनके अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस नेताओं, उनके समर्थकों और स्थानीय नेताओं का तांता लगा रहा। वहीं, सांसद अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, यशपाल आर्य और अरविंद पांडेय सहित कई भाजपा नेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सुबह करीब 10 बजे इंदिरा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के स्वराज आश्रम लाया गया। यहां भी समर्थकों का तांता लगा रहा। यहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल श्रद्धांजलि देने पहुंचे। स्वराज आश्रम से इंदिरा की शवयात्रा नैनीताल रोड होते हुए चित्रशिला घाट पहुंचीं। यहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने चित्रशिला घाट पहंुचकर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की।

वहीं, उनके बेटे सुमित हृदयेश ने डॉ. इंदिरा हृदयेश को याद कर उनके द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मां हमेशा हर जरुरत मंद लोगों की मदद किया करती थी। जब वह घर पर होती थी तो भी उनसे मिले बिना कोई वापस नही जाता था।

आपको बता दें कि रविवार को नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से नेता विपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश का निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं। कल देर रात उनका पार्थिव शरीर हल्द्वानी पहुंचा था।

ऋषिकेशः दिवंगत नेता प्रतिपक्ष इंदिरा को कांग्रेसियों ने दी श्रद्धांजलि

उत्तराखण्ड प्रदेश कॉंग्रेस की शीर्ष नेता व आयरन लेडी इंदिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन पर महानगर कॉंग्रेस कमेटी ऋषिकेश ने कॉंग्रेस भवन रेलवे रोड पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि कर श्रधांजलि अर्पित की।

मौके पर अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत, प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला, पूर्व कबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, ललित मोहन मिश्र, एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, सुधीर राय, प्यारे लाल जुगरान, रामकुमार भतौलिया, सरोज देवराडी, विजय पाल सिंह, चंदन सिंह पंवार, ,शोभा भट्ट, रुकम सिंह पोखरियाल, अभिषेक शर्मा, अशोक शर्मा, विजय लक्ष्मी शर्मा, पार्षद, लल्लन राजभर, कमलेश शर्मा, इमरान सैफी, सोनू पांडे, नंद किशोर जाटव, राजकुमार तलवार, प्यारेलाल जुगरान, पुरँजय राजभर, राजेश शाह, सतेन्द्र पंवार, विक्रम भंडारी, धनंजय राजभर, संजय भारद्वाज, चंद्र कांता जोशी, मालती तिवारी, योगेश शर्मा, पुरँजय राजभर, ज्ञानेश मिश्र, ज्योति आदि उपस्थित रहे।

’एयर एम्बुलेंस से पूर्व सीएम हरीश रावत को दिल्ली एम्स के लिये रवाना’

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। हरीश रावत को चिकित्सकों द्वारा दिल्ली एम्स के लिये रैफर किये जाने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। ताकि हरीश रावत दिल्ली एम्स में उपचार हेतु जा सकें।

मुख्यमंत्री ने दिल्ली स्थित राज्य के स्थानिक आयुक्त को दिल्ली में एम्स प्रबंधन और चिकित्सकों से समन्वय कर सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर से उनकी यही प्रार्थना है कि हरीश रावत शीघ्र स्वस्थ होकर सार्वजनिक जीवन में अपना योगदान दे सकें।

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ली पद व गोपनीयता की शपथ

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत ने पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई। तीरथ छात्र राजनीति से ही सक्रिय रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद खंडूरी के सबसे करीबी लोगों में शामिल तीरथ सिंह को 2012 के विधानसभा में चुनाव में चैबट्टाखाल सीट से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने जीत हासिल की। फरवरी 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और 2015 में उन्हें प्रदेश की राजनीति से हटाकर राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व दे दिया गया।

एक नजर में तीरथ सिंह रावत

पिता का नामः कमल सिंह रावत
जन्मतिथिः नौ अप्रैल 1964
निवासीः ग्राम सीरों, पट्टी असवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल।
शिक्षाः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र में परास्नातक।

राजनीतिक सफर

1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे। उसके बाद अभाविप के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री, गढ़वाल विवि में छात्र संघ अध्यक्ष व छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। भाजयुमो (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे।

1997 में पहली बाद उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित।
2000 में राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री का दायित्व।
2007 में भाजपा के प्रांतीय महामंत्री बने।
2012 के विस चुनाव में चैबट्टाखाल से जीत हासिल की।
2013 में उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे।
वर्ष 2013 में ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद खंडूरी के सबसे करीबी लोगों में शामिल तीरथ सिंह को 2012 के विधानसभा में चुनाव में चैबट्टाखाल सीट से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने जीत हासिल की। फरवरी 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और 2015 में उन्हें प्रदेश की राजनीति से हटाकर राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व दे दिया गया।

मैंने कभी भी यहां पहुंचने की कल्पना नहीं की

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मुझ पर भरोसा करने के लिए लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी चीफ का धन्यवाद करता हूं। मैं पार्टी का ऐसा कार्यकर्ता हूं जो एक छोटे गांव से आता है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं यहां पहुंचूंगा। मैं जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा।

जानिए तीरथ सिंह रावत के बारे में खास बातें…
राज्य के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत 2000 में उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे।
वर्ष 1997 में वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य के सदस्य निर्वाचित हुए।
इसके बाद 2007 में उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए थे। उसके बाद वह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद भी हैं।
पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था।
तीरथ ने गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर श्रीनगर से छात्र राजनीति शुरू की।
वर्ष 1992 में वह सबसे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से गढ़वाल विवि बिड़ला परिसर श्रीनगर के छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े और जीते।
इसके बाद वे अभाविप के प्रदेश संगठन मंत्री, भाजयुमो में प्रदेश उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे।
2019 के लोकसभा चुनाव में तीरथ ने गढ़वाल संसदीय सीट से संसदीय राजनीति में पहला कदम रखा था।
पौड़ी-गढ़वाल सीट पर भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी को हराया था। तीरथ को 506980 और मनीष खंडूरी को 204311 वोट मिले थे।
वर्ष 2012 में विधानसभा चैबट्टाखाल से विधायक चुने जाने के बाद वर्ष 2013 में उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।
वर्ष 2017 में सिटिंग विधायक होते हुए टिकट कटने के बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपी।
वर्तमान में तीरथ हिमाचल प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। रामजन्मभूमि आंदोलन में दो माह तक जेल में रहे तीरथ ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
नवनिर्वाचित गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और प्रत्याशी के रुप में शत-प्रतिशत परिणाम दिए।
तीरथ को 2013 में भाजपा के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में गईं।
लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी ने तीरथ को गढ़वाल सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के साथ ही हिमाचल प्रदेश के प्रभारी का दायित्व भी सौंपा।
उन्होंने अपनी जीत के साथ हिमाचल प्रदेश की चारों सीटें जिताकर पार्टी में खुद के कद को और मजबूत किया।

गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत संभालेंगे उत्तराखंड के सीएम की कमान


उत्तराखंड की राजनीति में पौड़ी जिले की एक बार पुनः धमक रही। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रस्ताव पर पार्टी हाईकमान ने अपनी मंजूरी दी है। इसके अनुसार अब गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। तीरथ का राजनीति में बहुत ईमानदार, स्वच्छ और सभी वर्ग को साथ लेकर चलने वालों में होती है। देखना यह है कि तीरथ सिंह रावत एक वर्ष के कार्यकाल में क्या वह करिश्मा भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में कर पाएंगे। जिसके लिए उनके कंधों पर हाईकमान ने जिम्मेदारी दी है।

भाजपा की विधानमंडल दल की बैठक आज भाजपा प्रदेश पार्टी कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को चुना गया। तीरथ सिंह रावत का नाम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही प्रस्तावित किया था।

जनपद पौड़ी से तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के पांचवें सीएम बने हैं। इसके बाद एक बार फिर प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पौड़ी जिले की धमक देखने को मिली है
तीरथ सिंह का राजनीतिक करियर
1. वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे।
2. इसके बाद 2007 में उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए थे।
3. यह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।

षड्यंकारियों के खिलाफ उत्तराखंड के हितैषियों को आना होगा आगे

आज उत्तराखण्ड गर्म है शायद राज्य से सर्दी ने मुंह मोड़ लिया है। आज हर ओर मुख्यमंत्री बदलवाने की दुकानें सजी थी। शायद जब उत्तराखंड बना तब हमारे शहीदों और माताओ ने ये नहीं सोचा था कि जिस राज्ये को बनाने के लिए उन्होंने संघर्ष किया है। वहाँ बाहरी लुटेरे आकर लूट करेंगे और हमारे लोग तमाशा देखेंगे। काश हर बार राज्ये में इस तरह से दुकाने न सजती तो हम भी बहुत आगे निकल गए होते।

…आखिर क्यों इस तरह की हवा चली क्या, किसी का भी दिल्ली से आना ये संकेत है कि मुख्यमंत्री बदलेगा। आखिर क्यों बदले जाए त्रिवेंद्र रावत, क्या इसलिए कि उन्होंने भ्रष्टाचार कम कर दिया या बाहरी लुटेरो की दुकान बंद करदी या यूं कहें कि चंद लोगो की जो भीड़ सचिवालय में दलाली करने की दलालो की फौज खत्म कर दी। इसलिए मुख्यमंत्री बदल दे या गैरसैण को राजधानी बना दी। इसलिए मुख्यमंत्री बदला जाए या सादगी गलत है हर ओर झुठे वादे और बातें होनी चाहिए। इसलिए मुख्यमंत्री बदला जाए।

आखिर दलालो का प्रवेश खोल दिया जाए उत्तराखंड को लूटने दिया जाए, शायद तब सबको सही लगेगा। ये जो मुख्यमंत्री बदलने की दुकान है ये चंद दलालो की है आखिर क्या जनता ने कोई मांग की है या कोई बड़ा घोटाला सामने आया हो। ये अलग है कि कुछ नासमझ अधिकारी गलती कर रहे है तो उनको हटाने की जगह सीधा निसाना मुख्यमंत्री क्यों ? क्या उन अधिकारियों की जांच की मांग नहीं होनी चाहिए कि कहीं वो ही तो ये खेल नहीं खेल रहे। आखिर ऐसा ईमानदार मुख्यमंत्री जिस पर कोई आरोप नहीं है जिसको जनता भी सज्जन ओर ईमानदार कहती हो। जिसको माताओं ओर बेटियों की चिंता हो। जिसको यहाँ के युवाओं का दर्द हो। उसको इन चंद गलत अधिकारियों और दलालो की भेट नहीं चढ़ने दिया जाना चाहिए।

उत्तराखंड के वो चिंतक और लोग जो वास्तव में उत्तराखंड का हित चाहते है उनको आगे आना चाहिए। नही तो चंद बाहरी लोग जो आजकल परेशान हैं वो वापस आकर राज करेंगे और आप सब तमाशा देखेंगे। ’जागो उत्तराखंड जागो’

त्रिवेंद्र के खिलाफ षड्यंत्रकारी फिर हुए बेनकाब

देहरादून। उत्तराखंड राज्य बने हुए 20 वर्ष गुजर गए। मगर, राजनीति के मामले में यहां कभी स्थिरता नहीं ठहरती है। पुराना रिकाॅर्ड खंगाला जाए तो यह साफ तौर पर सामने आ जाता है कि जब भी किसी भी पार्टी का मुख्यमंत्री बना है, उसे हटाने के नित नए षड्यंत्र गढ़े जाते है। किसी न किसी बहाने राजनीतिक चर्चाएं गर्म रहती है, ताकि सरकार को अस्थिर किया जा सके। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिला। जब तेजी से सोशल मीडिया और कुछ चैनलों में प्रायोजित खबरे चलाई गई कि सीएम त्रिवेंद्र बदले जा सकते है। मगर, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हर बार की ही तरह इस बार भी विरोधियों को पराजित कर दिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भले ही गली-गली में जाकर भुट्टे न खाते हो, किसी दुकान पर जाकर जलेबी न खाते हो। मगर, वह कभी अपने लोगों को झूठे वादे करके बेवकूफ नहीं बनाते है। सीएम की छवि बेहद ही सरल और स्पष्टवादी रही है। शायद यही कारण है कि कुछ लोग उन्हें पसन्द न भी करते हों। इसके बावजूद सीएम त्रिवेंद्र अपनी माटी और राज्य के विकास के लिए वचनबद्ध है। जब से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम का पद ग्रहण किया है। तभी से उनके विरोधी उन्हें सत्ता से बाहर करने में लगे हुए है। जिसके लिए समय-समय पर ऐसी अफवाहें चलाई जाती रही है, की सीएम अब हटे तब हटे। अब जबकि त्रिवेंद्र सरकर अपने चार साल पूरे करने जा रही है और एनडी तिवारी के बाद त्रिवेंद्र ही ऐसे सीएम होंगे। जो पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, तब फिर से ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। जो कि शर्मनाक है।

अब उत्तराखंड की जनता भी समझ चुकी है कि राज्य में प्रचंड बहुमत की त्रिवेंद्र सरकार ही मजबूत नेतृत्व दे सकती है। बीते रोज देहरादून में केवल कोर ग्रुप की बैठक आयोजित हुई, जिस पर त्रिवेंद्र के विरोधी सक्रिय हुए और खूब अफवाहें फैलाई गई। लेकिन फिर वही हुआ, जो इन 4 सालों में हुआ, त्रिवेंद्र अजेय है और उनके विरोधी पस्त है। अजेय त्रिवेंद्र फिर से राज्य में भाजपा की सरकार बनाने जा रहे है।

मुख्यमंत्री ने अपने जन्म दिवस के कार्यक्रम में वर्चुअली किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जन्म दिवस पर देहरादून के बालावाला में आयोजित कार्यकम में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मुख्यमंत्री ने कोविड से बचाव के नियमों का अनुपालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरा स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है। आप भी अपना ध्यान रखें। बता दें कि गत दिवस मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत जी कोरोना पाजिटिव आ गए थे और अब होम आइसोलेशन में हैं। आवास से ही उन्होंने अपने शुभचिंतकों को संबोधित किया।
अपने वर्चुअल संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में हमने जो वादे किए थे हम उन पर खरे उतरे हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार मिटाने का जो हमने संकल्प लिया था उस पर पूरी ताकत के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार ने उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। प्रदेश में महिलाओं की आर्थिकी मजबूत करने के लिए उन्हें स्वरोजगार की दिशा में अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश में कई ग्रोथ सेंटरों में महिलाएं बहुत अच्छा काम कर रही हैं। ग्रोथ सेंटर में बेहतर कार्य करने वाली लोहाघाट की महिलाओं का सीएम ने उदाहरण दिया तो पहाड़ी रसोई के जरिए पचास लोगों को रोजगार देने वाली पूजा तोमर की भी बात कही। वहीं प्रदेश की उर्गम घाटी में संचालित महिला समूह का भी मुख्यमंत्री ने जिक्र किया। कहा कि लीसा और प्लास्टिक के बेहतर उपयोग पर भी काम हो रहा है। सरकार का लक्ष्य शहर से लेकर दूरस्थ गांवों का भी विकास करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मां बहनों का आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना जरूरी है। सरकार ने स्वामित्व योजना के जरिए महिलाओें को पति की सम्पत्ति में सहभागी बनाया है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रसोई गैस कनेक्शन देकर महिलाओं के सिर से लकड़ी की गठरी हटा दी है। हमने प्रदेश में महिलाओं की सिर से घास की गठरी हटाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। स्वरोजगार अपनाकर महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी। तो घास इकट्ठा करने के सभी जोखिम खत्म हो जायेगे। कहा कि राज्य में 40 फीसद बजट स्वरोजगार के क्षेत्र में खर्च किया जा रहा है।
कोरोना से बचाव का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करें। अगर किसी को लक्षण महसूस होते हैं तो डाक्टर का परामर्श लें। और नियमों का पालन करें। तभी जाकर हम कोरोना को हरा पायेंगे।

जो हमारे विचारों का जन्मजात विरोधी है, उनकी चिंता न करेः नड्डा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल राज किया। लेकिन जितने काम पीएम मोदी ने छह साल में किए, कांग्रेस सपने में भी नहीं सोच सकती है।

उत्तराखंड के दौरे के तीसरे दिन नड्डा ने सोशल मीडिया वॉलंटियरों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया वॉलंटियर परिवर्तन के वाहक हैं। भाजपा ही पहली पार्टी है, जिसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। इसका लाभ पार्टी को मिला है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जो हमारे विचारों का जन्मजात विरोधी है, उनकी चिंता न करें।

इनकी अपने घर में भी नहीं बनती है। कार्यकर्ता को बुरी बातों से दूर रहना चाहिए। भाजपा देश के उज्ज्वल भविष्य की यात्रा में लगी हुई है। हमारी सोच में भारत के हर वर्ग के नागरिकों के उत्तम जीवन की होनी चाहिए। लाल सलाम बोलने वाले समाप्ति के कगार पर है और वंदे मातरम बोलने वाले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। विदेशों में भी वंदे मातरम वालों का गुणगान हो रहा है।

सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं से कहा कि जिन लाभार्थियों को हमारी योजनाओं का लाभ होता है। उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर साझा करें। हर कार्यकर्ताओं को अपना लक्ष्य तय करना है।

बैठक में प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी शेखर वर्मा ने कार्यकर्ताओं को आने वाली विभिन्न प्रकार की सोशल मीडिया की कठिनाइयों के बारे में जानकारी दी। बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

रिद्धिमा ने बढ़ाया उत्तराखंड का मानः राजे नेगी

विश्व की 100 प्रेरक और प्रभावशाली महिलाओं में शामिल होकर उत्तराखंड को गौरवान्वित करने वाली रिद्विमा पांडे को आम आदमी पार्टी ने सम्मानित किया है। पार्टी के नेता डॉ. राजे सिंह नेगी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने मोतीचूर हिमालयन कॉलोनी स्थित उनके आवास पर जाकर उत्तराखंड की बेटी को सम्मानित किया।
इस अवसर पर आप के नेता डॉ नेगी ने कहा कि महज 13 वर्ष की छोटी सी उम्र में रिद्धिमा पांडे ने दुनिया की 100 प्रेरक और प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल होकर दुनियाभर में देवभूमि उत्तराखंड का मान बड़ाया है। उनकी इस उपलब्धि से राज्यवासी स्वंय को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। बीबीसी द्वारा जारी की गई लिस्ट में रिद्विमा सहित देश में कुल 3 ही भारतीय महिलाओं को इस लिस्ट में शुमार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह देवभूमि के लिए गर्व की बात है कि रिद्धिमा पांडे उन तीनों महिलाओं में से एक है और सबसे कम उम्र की है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण इस समय एक ऐसा विषय है जिसके बारे में हम सभी को गंभीरता से सोचना चाहिए और ऐसा हो भी रहा है।
प्रकृति के लगातार हो रहे हनन और मानवीय गतिविधियों से हमारे पर्यावरण को जो चोट पहुंच रही है उसके लिए युवा वर्ग अपनी आवाज बुलंद कर रहा है और एक स्वर में प्रकृति के संरक्षण की बात कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण जैसे गंभीर विषय को समझते हुए छोटे बच्चे लगातार आगे बढ़ रहे हैं। प्रकृति को बचाने हेतु वे लगातार काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में रिद्धिमा पांडे भारत की पहली ऐसी लड़की थी जिन्होंने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में जाकर पर्यावरण संरक्षण को लेकर दमदार भाषण भी दिया था। देवभूमि की यह बेटी लगातार जंगलों के कटने, जलवायु परिवर्तन की ओर अपनी आवाज बुलंद करती रही हैं और अब उनको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में काम करने और जागरूकता फैलाने के लिए सम्मान मिल रहा है जोकि प्रत्येक उत्तराखंडवासी के लिए गौरव की बात है।
इस दौरान रिद्धिमा के पिता दिनेश भट्ट, माता विनीता भट्ट, भाई शुभ भट्ट, आप कॉर्डिनेटर दिनेश असवाल, अमित विश्नोई, विक्रांत भारद्वाज, सीमा रावत, चेतन चैबे, संजय नेगी, सुनील कुमार, ज्योत्सना पांडेय उपस्थित थे।