सीएम ने गंगोत्री धाम के लिये 32 श्रद्धालुओं को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सरकार की मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना के तहत 32 श्रद्धालुओं के एक दल को हरी झंडी दिखाकर गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया।

हल्द्वानी सर्किट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुखद एवं मंगलमय यात्रा की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए संचालित मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना का उद्देश्य उन्हें धार्मिक स्थलों के दर्शन का अवसर प्रदान करना और उनके जीवन में आध्यात्मिक शांति एवं आनंद का संचार करना है।

पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुआ श्रद्धालुओं के इस दल में 19 महिला एवं 13 पुरुष यात्री शामिल हैं। इस दल में सम्मिलित श्रद्धालु गंगोत्री धाम सहित मार्ग के विभिन्न पवित्र धार्मिक स्थलों के दर्शन करेंगे। इन यात्रियों के आवास, भोजन आदि की व्यवस्था गढ़वाल मंडल विकास नियम के पर्यटक आवास केन्द्रों में की गई है।

इस अवसर पर विधायक बंशीधर भगत (कालाढूंगी) एवं राम सिंह कैड़ा (भीमताल), भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, राज्य सरकार में विभिन्न दायित्वधारी, कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या 16.56 लाख के पार

चारधाम यात्रा फिर रफ्तार पकड़ गई है। बारिश और बर्फबारी के बावजूद यात्रियों में भारी उत्साह बना हुआ है। केदारनाथ यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है। आज बुधवार को यहां श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 52 हजार के पार पहुंच गई, जबकि अभी धाम कपाट बंद होने में 14 दिन का समय बचा है। वर्ष 2024 में पूरे यात्रा काल में 16 लाख 52 हजार 76 यात्री केदार दर्शन के लिए पहुंचे थे।

बुधवार को केदारनाथ धाम में 5614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। केदार धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैया दूज के अवसर पर बंद होंगे। अभी यात्रा 15 दिन और चलेगी। इस प्रकार यहां यात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी अब यात्रियों की संख्या बढ़ी है। प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यात्रा मार्ग में सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है। यात्रा मार्ग पर यातायात सुचारू बना रहे, इसके लिए भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है।

बता दें कि इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया था। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे। मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया। मार्ग बुरी तरह तहस-नहस हो जाने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को रोकना पड़ा था।

बारिश थमने पर भी यहां यात्रा को बहाल करना बड़ी चुनौती था, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्धस्तर पर कार्य कर आम जनजीवन की बहाली के साथ ही यात्रा मार्गों को सुचारू किया। दोनों धामों की यात्रा भी सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू हो गई। प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। यात्रियों को बार-बार आगाह किया गया है कि मौसम खराब होने पर यात्रा करने से बचें। यदि यात्रा मार्ग में हैं, तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा जाए। आपातकालीन स्थिति में बिना किसी देरी के राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाए।

मुख्यमंत्री निर्देश के बाद अब पर्यटन विभाग बनाएगा मास्टर प्लान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव, आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, प्रवेश- निकास व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

गत 27 जुलाई को हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद दुर्घटना के तत्काल बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मौका मुआयना कर, स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विस्तृत मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में मंगलवार को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी करते हुए, जल्द से जल्द इस दिशा में कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैँ। इसमें खासकर ऐसे तीर्थ स्थलों को शामिल किया जाएगा, जहां ज्यादा तीर्थयात्री आते हैं। मास्टर प्लान के निर्माण और इसके क्रियान्वयन में दोनों मंडलों के मंडलायुक्तों का विशेष तौर पर सहयोग लेने के लिए कहा गया है। साथ ही स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि यदि तीर्थ स्थलों के मार्गों पर अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए।

मास्टर प्लान में शामिल होगा
भीड़ नियंत्रण व्यवस्था
धारण क्षमता का विकास
पृथक प्रवेश एवं निकास मार्ग
प्रतीक्षा के लिए अतिरिक्त स्थान
आपातकालीन निकासी व्यवस्था
स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार
सुगठित सूचना एवं मार्गदर्शन प्रणाली
पार्किंग व्यवस्था
पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती

उत्तराखंड में प्रति वर्ष करोड़ों तीर्थ यात्री आते हैं। इसलिए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी तीर्थ स्थलों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। तीर्थ स्थलों के आस पास जनसुविधाएं विकसित करते हुए, यात्रा को ज्यादा सुव्यवस्थित किया जाएगा।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान के लिए एंकर विभाग पर्यटन विभाग होगाः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में चंपावत में गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान के लिए एंकर विभाग पर्यटन विभाग होगा। उसमें आने वाले कम्पोनेंट के लिए सम्बन्धित विभाग कार्यदायी संस्था होंगे। उन्होंने अगले 15 दिन में गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान को फाइनल किए जाने के निर्देश पर्यटन विभाग को दिए।

मुख्य सचिव ने गोल्ज्यू देवता कॉरिडोर मास्टर प्लान में आने वाले समय में पीक टाईम का अधिकतम पर्यटकों की संख्या के अनुसार पार्किंग एवं रूकने की व्यवस्था आदि का आंकलन करते हुए प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सेंट्रल प्लाजा को ओपन एरिया की तर्ज पर बनाया जाए। उन्होंने प्रत्येक शहर में सेंट्रल प्लाजा बनाए जाने की भी बात कही। उन्होंने इसके लिए सचिव शहरी विकास को शहरी निकायों में सेंट्रल प्लाजा की तर्ज पर ओपन एरिया विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि लोहाघाट एवं चम्पावत को ट्विन सिटी के रूप में विकसित किए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने चम्पावत और लोहाघाट के आसपास के सम्भावित पर्यटन स्थलों को भी तलाशकर विकसित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोहाघाट के पास श्यामलाताल सहित अन्य पर्यटन क्षेत्रों को साथ-साथ विकसित किए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि चम्पावत में बनायी जा रही साइंस सिटी का कार्य भी तेजी से पूर्ण किया जाए। उन्होंने प्रत्येक जनपद में एक-एक साइंस सिटी बनाए जाने की बात कही। कहा कि प्रत्येक साइंस सिटी के लिए एक-एक मेंटर भी निर्धारित किया जाए, ताकि साइंस सिटी को रखरखाव एवं अपग्रेडेशन का कार्य नियमित रूप से चलता रहे।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव नितेश कुमार झा, धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, नवनीत पाण्डेय एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार उपस्थित थे।
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सीएस ने ली शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स के सम्बन्ध में बैठक
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स को पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि अभी तक 44 विभागों ने लगभग 15000 करोड़ की लागत के 1020 शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स पोर्टल पर अपलोड किए हैं।

मुख्य सचिव ने सभी विभागीय सचिवों को अपने प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रोजेक्ट्स की स्क्रूटनी के लिए वित्त एवं नियोजन सहित प्रशासकीय विभाग द्वारा संवीक्षा करते हुए स्वीकृति दी जाएगी और प्राथमिकता निर्धारित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यथार्थवादी प्रस्तावों को ही स्वीकृति दी जाएगी।

मुख्य सचिव ने पोर्टल के माध्यम से ही इन प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग किए जाने की बात कही। कहा कि प्रोजेक्ट किस स्टेज में है, यह विभाग और शासन सभी को जानकारी मिलती रहेगी। उन्होंने सचिव आईटी को ई-ऑफिस और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग दोनों पोर्टल को शीघ्र इंटीग्रेट किए जाने की बात भी कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ.बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, श्रीधर बाबू अद्दांकी, दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

हरिद्वार में सीएम धामी ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर बरसाये फूल, किया स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुॅचकर ओम पुल के निकट गंगा घाट पर आयोजित प्रतिभाग किया तथा देशभर से आए शिवभक्त कांवड़ियों के चरण धोकर स्वागत किया व उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने आयोजित भजन सन्ध्या में भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि शिव भक्त कांवड़ियों का पैर पखार कर उनका आशीर्वाद लेने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने सफल आयोजन के लिए हरिद्वार पुलिस सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों, एचआरडीए को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जल अर्पित करने मात्र से ही भगवान शिव अपने सभी भक्तों की मनोकामनायें पूरी कर देते है, और श्रावण मास में तो भगवान शिव की भक्ति का प्रभाव अत्यधिक बढ़ जाता है। देशभर से सैकड़ो-हजारों किलोमीटर की यात्रा करके शिव भक्त कांवड़िये धर्म नगरी हरिद्वार से गंगा का जल लेकर जाते है और जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने कहा कि कांवड यात्रा न केवल श्रद्धा एवं आस्था का प्रतीक है बल्कि यह हमें सेवा में पुण्य का भागीदार बनने का भी अवसर देती है। इस वर्ष की अभी तक कांवड यात्रा पर एक करोड़ से अधिक शिव भक्त कांवड़ियों ने अपने-अपने गंतव्य को प्रस्थान कर लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के साथ-साथ संस्कृति के संरक्षण के लिए बहुत पुनरोत्थान के कार्य भी चले रहे है, चाहें काशी विश्वनाथ कोरिडोर, अयोध्या में भव्य राम मन्दिर बनने की बात करें या उज्जैन में बनने वाला महाकाल, हमारे देवभूमि उत्तराखण्ड में केदारनाथ का नवनिर्माण या बद्रीविशाल का मास्टर प्लान हो, इन सभी पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हमारे राज्य में प्रथम ध्वज वाहक बनकर आदि कैलाश यात्रा को पूरे विश्व में प्रसिद्धि दिलाने का काम किया है। वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री है जिन्होंने साढे़ 17 हजार फुट की ऊँचाईं पर जाकर सीमांत क्षेत्र में भगवान आदि कैलाश व पार्वती कुण्ड के दर्शन किये। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में मां गंगा के तट पर हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हरिद्वार धर्मनगरी का भी काशी, अयोध्या की भाँति अपने भव्य स्वरूप में दर्शन हो जाया करेंगें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पवित्र धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। इसके लिए हमने पहली बार एक विशिष्ट मोबाइल एप के साथ स्वास्थ्य केन्द्र, शौचालय, पार्किंग, टिन शेड विस्तार, विश्राम स्थलों की पर्याप्त व्यवस्था की है। आपकी यात्रा में कोई असुविधा न हो साथ ही प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग एवं हरिद्वार क्षेत्रों में होटल एवं ढाबों में गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने की मॉनिटरिंग भी की जा रही है। यात्रा के दौरान सुरक्षा के मजबूत इंतजाम किये गये है, धर्मनगरी हरिद्वार में सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही हैं। लगभग तीन सौ से ज्यादा कैमरे कांवड़ क्षेत्र में लगाये गये है। कांवड़ मेला क्षेत्र में वाटर एंबुलेंस की व्यवस्था भी की है, जाम में फंसे गंभीर मरीजों को गंगा नदी और गंगनहर के जरिये जल्द से जल्द निकटवर्ती अस्पतालों तक पहुँचायें जा सके। कांवड मेंला केवल एक धार्मिक आयोजन ही नही हमारी आस्था श्रृद्धा और सनातन संस्कृति का प्रतीक है। हमारा सौभाग्य है कि हर साल करोंड़ों-करोंडों शिव भक्तों का सेवा करने का सुअवसर प्राप्त होता है। जहां भक्ति है वहां मर्यादा की भी आवश्यकता है, जहां आस्था है वहां अनुशासन भी जरूरी है, और जहां शिव है वहां शान्ति भी स्वाभाविक है। लेकिन हाल ही में कुछ घटनाएं भी सामने आई है, जहां कुछ स्थानों पर कांवड़ यात्रा के दौरान उपद्रव और अनुशासनहीनता भी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि शिव शक्ति कोई प्रदर्शन नहीं बल्कि एक आंतरिक साधना है। उन्होंने कहा कि भगवान महादेव को जलाभिषेक करने, जल अर्पित करने एवं उनकी आराधना करने की पवित्र यात्रा एवं अनुष्ठान है। उन्होंने कहा कि महादेव को प्रसन्न करने के लिए, अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए, अपना शोधन करने लिए इस यात्रा को करते हैं।

मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि आपकी यात्रा के कारण किसी को भी पेरशानी न हो, यात्रा में किसी भी प्रकार का विघ्न एवं बाधा न हो, कावंड़ यात्रा के नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्ति कावड़ यात्रा के उद्देश्यों को भुलाकर अशान्ति, एवं उपद्रव की राह पर चलने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे भी विनम्र अपील की कि वह सच्चे शिव भक्त की भांति विनम्रता पूर्ण आचरण करें, क्योंकि जब भक्त विनम्र और सहनशील होता है तब आत्मिक शान्ति प्राप्त होती है। उन्होंने भगवान आशुतोष से प्रार्थना की कि इस बार की कांवड़ यात्रा आपके भीतर शिव तत्व को जागृत करें, इसके लिए आपको प्रसन्न रहकर शान्तिपूर्ण आचरण करना होगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की यह पुण्य भूमि केवल आप सभी का स्वागत ही नहीं करती है, बल्कि आपकी सेवा को अपना शौभाग्य मानती है। इसलिए संरकार, शासन एवं प्रशासन, स्वयं सेवी संगठन, डॉक्टर्स, सफाई कर्मी, व्यापार मण्डल, श्री गंगा सभा, जनप्रतिनिधिगण, सन्तगण सभी मिलकर कांवड़ यात्रा का संयोजन करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने के लिए हमने विकल्प रहित संकल्प के साथ हम निरन्तर कार्य कर रहे हैं, उसका परिणाम भी आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी दिशा बिल्कुल सही लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, नीति आयोग भारत सरकार ने इण्डेक्स में पूरे देश के अन्दर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में देवभूमि उत्तराखण्ड ने देश के अन्दर पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही बेरोजगारी दर राष्ट्रीय स्तर से कम हुई है। उन्होंने कहा कि हमने नकल विरोधी कानून बनाया है, इसके बनने के बाद 24 हजार से अधिक नियुक्तियां बिना किसी नकल व बिना भ्रष्टाचार के सम्पन्न हो गई हैं। उन्होंने कहा कि नकल माफिया जेल की सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ प्रदेश की संस्कृति के संरक्षण के लिए भी काम किया है, सख्त धर्मान्तरण विरोधी कानून लागू किया है, दंगा विरोधी कानून, समान नागरिकता कानून लागू किया है, वहीं लव जिहाद, लैण्ड जिहाद और थूक जिहाद के खिलाफ भी कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सनानत की आड़ में विधर्मियों द्वारा छद्म वेष बनाकर भोले भाले लोगों को ठगने के खिलाफ भी ऑपरेशन कालनेमि चला रहे हैं। इस ऑपरेशन के माध्यम से छद्म वेशधारियों को पकड़ने का काम कर रहे है, जोकि सनातन धर्म को नुकसान पहुॅचाने एवं हिन्दु धर्म को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में श्रीमद् भागवत गीता के पाठ को भी अनिवार्य कर दिया है। पिछले दो दिनों से सभी स्कूलों में विद्यार्थी गीता का पाठ कर रहे हैं, जिससे हमारे प्रदेश के बच्चे शिक्षा के साथ-साथ जीवन जीने की कला को भी सीख पायें, शिक्षा के साथ-साथ अपने अध्यात्म के प्रति भी उत्सुकता भी जागृत हो। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि यात्रा की सफलता एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जो भी दिशा-निर्देश जारी किये हैं, उनका अनुपालन करें, यात्रा को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें।

इस दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी, राज्यसभा सासंद कल्पना सैनी, राज्यमंत्री ओमप्रकाश जमदग्नि, शोभाराम प्रजापति, देशराज कर्णवाल, हरिद्वार मेयर किरण जैसल, रुड़की मेयर अनीता देवी, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, मदन कौशिक, जिलाध्यक्ष हरिद्वार आशुतोष शर्मा, जिलाध्यक्ष रुड़की मधु, श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, सभापति कृष्ण कुमार ठेकेदार, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, प्रणव सिंह चौंपियन, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, आईजी राजीव स्वरूप, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

नजरियाः श्री कैंचीधाम मंदिर ट्रस्ट ने सीएम आपदा राहत कोष को दिए 2.5 करोड़

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंची धाम मन्दिर ट्रस्ट द्वारा प्रदेश में आपदा पीड़ित परिवारों को मदद के लिये मुख्यमंत्री राहत कोष में 2.50 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए ट्रस्ट के प्रयासों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम मन्दिर ट्रस्ट द्वारा आपदा पीड़ितों की मदद के साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में किया जाने वाला सहयोग मानवता की बड़ी सेवा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम में प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत यातायात की सुगमता के लिये कैंची धाम बाईपास के लिए वन भूमि प्रस्ताव को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद उक्त सड़क का तेजी से निर्माण किया जा सकेगा, जिससे क्षेत्रीय लोगों एवं पर्यटकों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी साथ ही कैंची धाम और भवाली के पास लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये अन्य कई योजनायें भी क्रियान्वित की जा रही हैं।

ज्ञातव्य है कि गुरुपूर्णिमा के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध कैंचीधाम मंदिर में आयोजित एक सूक्ष्म कार्यक्रम में मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रभावित परिवारों को मदद प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष में आर्थिक मदद हेतु 2.5 करोड़ (ढाई करोड़ ) की धनराशि का चौक जिले की मुख्य विकास अधिकारी अनामिका को प्रदान किया गया।

कैंचीधाम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ओमप्रकाश बिंद्रा ने कहा कि कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट सामाजिक क्षेत्र में लंबे समय से कार्य व योगदान करते आ रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट द्वारा शिक्षा स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन इन क्षेत्रों में हर संभव सहयोग किया जा रहा है। ट्रस्ट द्वारा प्रत्येक वर्ष 3000 बच्चों को दी जा रही छात्रवृत्ति को बढ़ाकर 5000 किया गया है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मुख्य रूप से शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग हेतु हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने विगत 15 जून को आयोजित कैंची धाम मंदिर स्थापना दिवस को सफलतापूर्वक संपन्न कराए जाने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा जिला प्रशासन का सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया है।

कांवड़ यात्रा के दौरान सीसीटीवी व ड्रोन से निरंतर निगरानी और अभिसूचना तंत्र को सक्रिय किया जाएगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आगामी कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों को लेकर प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने पूर्व वर्षों की व्यवस्थाओं की समीक्षा कर कानून व्यवस्था की दृष्टि से उत्पन्न हुई चुनौतियों का विश्लेषण कर सुधारात्मक कदम सुनिश्चित करने को कहा, ताकि इस वर्ष किसी भी प्रकार की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कह कि इस विशाल धार्मिक आयोजन में किसी भी प्रकार की तोड़फोड़, उपद्रव या अन्य अवांछनीय घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। शिविर संचालकों, कार्यरत व्यक्तियों, वॉलंटियर और होटल/धर्मशालाओं में ठहरने वाले व्यक्तियों का पूर्ण सत्यापन कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रमुख स्थलों पर एक्सरे सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, फायर टेंडर एवं कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही खाद्य व पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी और जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम करने को कहा। भीड़ प्रबंधन में वॉलंटियर्स की मदद लेने, सीसीटीवी व ड्रोन से निरंतर निगरानी और अभिसूचना तंत्र को सक्रिय रखने पर बल दिया। बेहतर यातायात व्यवस्था अलग से प्लान बनाकर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। आतंकवादी खतरों को मद्देनजर रखते हुए एटीएस और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार के घाटों, नीलकंठ महादेव मंदिर अन्य प्रमुख स्थलों पर एम्बुलेंस व बैकअप की व्यवस्था करने, सादे वस्त्रों में महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त तैनाती करने और आपदा राहत उपकरणों से युक्त गोताखोरों व जल पुलिस को अलर्ट मोड पर रखने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे व लाउडस्पीकर के उपयोग को नियमबद्ध किया जाए। दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधारात्मक कार्य किए जाएं। कांवड़ यात्रियों को ‘क्या करें और क्या न करें’ की जानकारी पेम्फलेट, होर्डिंग, पब्लिक अनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के माध्यम से दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कांवड़ियों को लाठी, डंडा, नुकीली वस्तुएं आदि ले जाने से रोकने हेतु प्रचार अभियान चलाने को कहा। यात्रा मार्गों में मादक पदार्थों, शराब एवं मांस की बिक्री पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने और समुचित बिजली, पानी, चिकित्सा जैसी आधारभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। महिला कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए महिला घाटों और धर्मशालाओं में विशेष पुलिस प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा गया। अंतर्राज्यीय समन्वय बढ़ाकर सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान करने, सोशल मीडिया पर निगरानी रखते हुए अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने और संबंधित पोस्टों का तत्काल खंडन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों को आगामी तीन दिनों में कांवड़ मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा करने व अपने-अपने विभागों की कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।

बैठक में गृह सचिव शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल व कुमाऊं आयुक्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो, रेट लिस्ट भी लगेः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आगामी कांवड़ मेले को सरल, सुखद व सुरक्षित संपन्न कराने हेतु इंटरस्टेट समन्वय समिति की बैठक सीसीआर सभागार हरिद्वार में संपन्न हुई। जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान के उच्चाधिकारियों द्वारा ऑफलाइन व ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया गया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि कांवड़ मेला आस्था एवं श्रद्धा का बहुत बड़ा उत्सव है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा सकुशल एवम् सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने हेतु जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य सम्बन्धित विभाग चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने सभी राज्यों से रियल टाइम कॉर्डिनेशन व रियल टाइम डाटा साझा किए जाने की बात भी कही। सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक इनपुट्स साझा किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं में आधुनिक तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ मेले को दृष्टिगत रखते हुए सभी तैयारियों को अंजाम दिया जाए ताकि मेले के अनुभव कुंभ में भी काम आएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि कांवड़ मेले के दौरान कानून व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था के लिए चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर भेल पार्किंग का भी उपयोग किए जाने के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए। यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो, साथ ही रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा की जाए।

डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि हर आयोजन नई चुनौतियां प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि आस्था एवं श्रद्धा के इस मेले को सुरक्षात्मक रूप से संपन्न कराने हेतु रियल टाइम सूचनाएं साझा की जाए, किसी भी प्रकार की अफवाह का यूनिफाइड खंडन किया जाए। अपने कार्यों में दक्षता रखने वाले कर्मी ही एक-दूसरे स्टेट भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं के लिए क्या करें और क्या नहीं करें की जानकारी यात्रा मार्गों पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए। इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन की अपेक्षाएं पूर्ण हों तथा मेला शांतिपूर्वक संपन्न हो।

बैठक में सचिव गृह शैलेश बगौली ने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, यातायात व्यवस्था सरल सुगम व सुरक्षित हो तथा श्रद्धालुओं की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित तथा एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कांवड़ यात्रा अवधि, विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रतिशत, ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सहित कांवड़ यात्रा हेतु की जा रही तैयारियों का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उत्तर प्रदेश की ओर से डीआईजी अभिषेक ने यात्रा प्लान सहित चल रही तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक सूचनाएं तथा इनपुट्स रियल टाइम साझा किए जाएं, सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जाए और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही के लिंक भी साझा किया जाए। कांवड़ 10 फीट से अधिक ऊंचाई के न हों। शराब तथा मीट से संबंधित एसओपी का सख्ती से अनुपालन हो, सभी चिन्हित डीजे संचालकों को नियमानुसार नोटिस देते हुए बाउण्ड ऑफ किया जाए। उत्तराखंड द्वारा समय-समय पर हरिद्वार में पार्किंग की स्थिति से उत्तर प्रदेश को अवगत कराया जाए।

बैठक में उत्तर प्रदेश से एडीजे भानु भास्कर, सचिव गृह मोहित गुप्ता, कमिश्नर मेरठ डिवीजन ऋषिकेश भास्कर यशोद, कमिश्नर बरेली सौम्य अग्रवाल, कमिश्नर सहारनपुर एके राय, डीआईजी सहारनपुर अभिषेक सिंह, आईजी आरपीएफ पंकज गंगवार, उत्तराखंड से आईजी निलेश आनंद भरणे, एनएस नपलच्याल, डीआईजी धीरेन्द्र गुंज्याल, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, मेलाधिकारी सोनिका, सहित पांचों राज्यों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंडः चारों धाम के साथ ही अन्य मंदिरों में भी पहुंच रहे हैं श्रद्धालु

चारधाम यात्रा में इस बार अब तक करीब 32 लाख यात्री पहुंच चुके हैं। अच्छी बात यह है तीर्थयात्री अब चार धामों के साथ ही अन्य मंदिरों/तीर्थ स्थलों में भी पहुंच रहे हैं। जिससे चारधाम यात्रा मार्ग की तरह, अन्य स्थानों पर भी आर्थिक गतिविधियां तेज हो रही हैं।

उत्तराखंड में स्थित चारों धामों में प्रतिवर्ष यात्रा काल के दौरान लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस यात्रा सीजन में ही चारधाम और हेमकुंड के लिए कुल पंजीकरण की संख्या 44 लाख से अधिक हो चुकी है। इसमें यमुनोत्री धाम के लिए 713456, गंगोत्री के लिए 780554, केदारनाथ के लिए 1443513, बद्रीनाथ के लिए 1336923 और हेमकुंड के लिए 169180 पंजीकरण हुए हैं, जिसमें से अब तक करीब 32 लाख तीर्थयात्री यात्रा पूरी कर चुके हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर इसका सकारात्मक आर्थिक प्रभाव नजर आ रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार, अन्य तीर्थ स्थलों और धामों के भी प्रचार-प्रसार पर जोर देते रहे हैं, ताकि तीर्थयात्रियों के आने से इन क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधियां तेज हो सके। इसका सकारात्मक असर रुद्रप्रयाग स्थित कार्तिकेय स्वामी मंदिर, उत्तरकाशी स्थित जगन्नाथ मंदिर के साथ ही अन्य मदिंरों में आने वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या के रूप में नजर आने लगा है। आंकड़ों के मुताबिक कार्तिकेय स्वामी मंदिर में गत वर्ष करीब चार लाख तीर्थ यात्री पहुंचे थे, जबकि इस बार यह संख्या जून मध्य तक ही 10 लाख के पार पहुंच गई है। उत्तरकाशी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी इस वर्ष अब तक 25 हजार तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। जिस कारण अब चारधाम यात्रा मार्ग की तरह अन्य स्थानों पर भी होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन, प्रसाद सहित तमाम तरह की गतिविधियां बढ़ रही हैं। जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका को सहारा मिल रहा है।

उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए, सभी क्षेत्रों में तीर्थाटन, पर्यटन की गतिविधियां तेज होना जरूरी है। उत्तराखंड देवभूमि है, यहां प्रत्येक देवालय का अपना महत्व है। सरकार सभी तीर्थ स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं का विकास करने का प्रयास कर रही है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

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मुख्यमंत्री ने दी विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय स्वीकृति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य योजना के अंतर्गत जनपद नैनीताल के विधान सभा नैनीताल के विकासखण्ड बेतालघाट में दूनीखाल से रातीघाट (पाडली) तक मोटर मार्ग के निर्माण कार्य हेतु 505.71 लाख, जनपद रुद्रप्रयाग के विधानसभा क्षेत्र रुद्रप्रयाग के विकासखण्ड अगस्तमुनि में खांकरा छातीखाल मोटर मार्ग के कि०मी० 01 से 05 में डीबीएम व बी०सी० द्वारा सुदृढीकरण एवं सड़क सुरक्षा कार्य हेतु 444.66 लाख, जनपद नैनीताल के विधानसभा क्षेत्र कालाढूंगी के विकासखण्ड हल्द्वानी के अन्तर्गत रामनगर-कालाढुंगी- हल्द्वानी-काठगोदाग-चोरगलिया-सितारगंज-बिजटी राज्य मार्ग सं0 41 किमी 36 में निहाल नदी पर 24 मी० विस्तार आर०सी०सी० सेतु का नवनिर्माण कार्य हेतु 319.20 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों/निकायों में, जहां सातवां वेतनमान लागू है, के कार्यरत नियमित कार्मिकों एवं पेंशनरों को राजकीय कार्मिकों की भांति दिनाक 01.01.2025 से वर्तमान दर 53 प्रतिशत से बढ़ाकर 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत अनुमन्य किये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोड़ा में थाना देघाट के प्रशासनिक भवन के निर्माण कार्य हेतु 475.25 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

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इन विकास योजनाओं को भी मिली वित्तीय स्वीकृति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य योजना के तहत पौड़ी गढ़वाल के विधान सभा क्षेत्र पौड़ी के विकास खंड पाबो में तुगडुण्डा भैंसवाडा मोटर मार्ग का सुदृढीकरण एवं डामरीकरण के कार्य हेतु 344.98 लाख, जनपद चमोली के विधानसभा क्षेत्र कर्णप्रयाग के विकासखण्ड गैरसैण में मालकोट कालीमाटी सेरा तिवाखर्क मोटर मार्ग में रागगंगा नदी के ऊपर 48 मी० स्पान स्टील गर्डर सेतु का निर्माण कार्य हेतु 512.46 लाख, जनपद नैनीताल के विधानसभा क्षेत्र कालाढूंगी के निगम नाला वाला मार्ग का पी०सी० द्वारा पुनर्निर्माण कार्य एवं सोबन राम के घर से सुरेश भट्ट के घर तक मार्ग का नवनिर्माण कार्य हेतु 183.47 लाख, विधान सभा क्षेत्र गंगोलीहाट में चौडमन्या-कमतोली मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य हेतु रू0 528.91 लाख की धनराशि का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने सैनिक स्कूल, घोडाखाल नैनीताल को सुचारू रूप से संचालन एवं विद्यालय की वित्तीय स्थिति को सुधारने हेतु वार्षिक स्वीकृत बजट को रू0 5 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड किये जाने के लिए अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में अग्निशमन सेवाओं का विस्तार एवं आधुनिकीकरण हेतु 23.667 करोड़ व्यय हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया।

कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सीएम धामी ने दिए समुचित प्रबंधन के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान कैंचीधाम मेले की व्यापकता और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि तात्कालिक उपायों से मेले के वर्तमान संचालन को बेहतर बनाया जाए, वहीं मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के माध्यम से स्थायी एवं सुदृढ़ प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप से आगे तक लगभग 3 किलोमीटर मार्ग पर हो रही कटिंग कार्य को युद्धस्तर पर पूर्ण करने के निर्देश भी दिए, ताकि यातायात व्यवस्था को और बेहतर किया जा सके।

जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने जानकारी दी है कि प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कैंची धाम मेले में श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिवर्ष तेजी से बढ़ रही है। एक साल में लगभग 24 लाख श्रद्धालुओं ने कैंची धाम में दर्शन किए, जबकि पूर्व वर्षों में यह संख्या औसतन 8 लाख के आसपास रही थी। इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में और अधिक वृद्धि की संभावना है।

जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि कैंची धाम की धारण क्षमता कम है, जबकि मेले के दौरान क्षमता से अधिक कई गुना श्रद्धालु आते है। इस वर्ष 2.5 लाख से 03 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिससे ट्रैफिक प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के लिए व्यवस्थित प्लान तैयार किया गया है। उन्होंने भविष्य में कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व्यवस्था लागू करने एवं अधिकतम सीमा निर्धारित करने का सुझाव दिया, जिससे यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुगम बनाया जा सके।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी अंशुमान, वर्चुअल माध्यम से आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल, एस.एस.पी नैनीताल पी. एस. मीना उपस्थित थे।