केदारनाथ यात्रा से महिलाओं का प्रसाद, सोवेनियर, स्थानीय उत्पाद के स्टॉल से लेकर होमस्टे का कारोबार मिला

केदारनाथ यात्रा से इस साल भी रुद्रप्रयाग जनपद के महिला स्वयं सहायता समूहों को काम मिल रहा है। जनपद के करीब डेढ़ सौ समूह, प्रसाद, जौ, तिल, कॉइन सोवेनियर, स्थानीय उत्पादों की बिक्री करने से लेकर होमस्टे और यात्रा मार्ग पर जलपान गृह तक संचालित कर रहे हैं। जिससे सैकड़ों महिलाओं की आजीविका को सहारा मिल रहा है। केदारनाथ प्रसाद की ऑनलाइन भी खरीद की जा सकती है। इसके साथ ही उद्योग विभाग के भटवाड़ीसैंण स्थित ग्रोथ सेंटर में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति सोवेनियर के रूप में तैयार की जाती है। जिसे श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर से स्मृतिचिह्न के रूप में अपने साथ ले जाते हैं। जिला उद्योग केंद्र रुद्रप्रयाग द्वारा संचालित इस ग्रोथ सेंटर का भी स्थानीय महिलाएं ही संचालन करती हैं। इस वर्ष अब तक पांच हजार प्रतिकृतियाँ तैयार की जा चुकी हैं तथा यह क्रम जारी है।

जखोली – जखोली ब्लॉक में करीब 50 महिला स्वयं सहायता समूह यात्रा से जुड़ा कारोबार कर रहे हैं। इसमें 30 समूह प्रसाद तैयार कर रहे हैं, जबकि 10 समूह धूपबत्ती बनाने और 10 अन्य समूह पहाड़ी उत्पादों को बेचने का काम कर रहे हैं। इसके लिए प्रशासन ने इन्हें दुकानें भी आवंटित की हुई हैं, जहाँ बद्री गाय का घी 1200 रुपए प्रति किलो की दर पर उपलब्ध है।

अगस्त्यमुनि -अगस्त्यमुनि ब्लॉक में करीब 38 महिला समूह यात्रा कारोबार से जुड़े हैं। समूह सोवेनियर बनाने से लेकर, प्रसाद पैकेजिंग और स्थानीय उत्पाद यात्रा मार्ग पर बेच रहे हैं। कुछ समूह यात्रा मार्ग पर जलपान गृह भी संचालित कर रहे हैं। इससे करीब 90 महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है।

उखीमठ -उखीमठ ब्लॉक में करीब 60 महिला समूह यात्रा से संबंधित व्यवसाय कर रहे हैं। 48 महिलाएं सीधे तौर पर प्रसाद तैयार कर रही हैं, जबकि शेष सोवेनियर निर्माण, जलपान गृह, यात्रियों को ठहराने के लिए टेंट संचालन, होमस्टे और स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं।

चारधाम यात्रा महिला समूहों की आर्थिकी का आधार बन रही है। सरकार इसके लिए महिला समूहों को यात्रा मार्ग पर स्टॉल उपलब्ध कराने से लेकर हर तरह की सहायता दे रही है। महिलाएं स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर वोकल फॉर लोकल के नारे को भी चरितार्थ कर रही हैं। सभी तीर्थ यात्रियों से अपील है कि वे स्थानीय समूहों के गुणवत्तापरक उत्पादों को खरीदने का प्रयास करें।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री’

उत्तराखंडः मंत्र उच्चारण के बीच विधि-विधान से खुले ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट

रुद्रप्रयाग स्थित विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को विधि-विधान से खुल गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कपाट खुलने के साक्षी बने। मुख्यमंत्री ने कपाट खुलने पर केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। केदारनाथ धाम में सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम सम्पन्न हुई। मंत्र उच्चारण, हर हर महादेव के उदघोष एवं सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच बाबा केदार के कपाट सुबह 7 बजे खुले।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा राज्य के साथ ही संपूर्ण देश को इस पल की प्रतीक्षा रहती है। केदारनाथ धाम सनातन धर्मावलंबियों की धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। हमारे राज्य के लिए यह उत्सव का समय है। मुख्यमंत्री ने बाबा केदार से सभी यात्रियों के मंगलमयी यात्रा की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा केदार के धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। बाबा केदार के आशीर्वाद से इस वर्ष भी चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनायेगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के सुव्यस्थित और सफल संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा सुरक्षा और सुगमता के लिए सरकार ने सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा हम सभी उत्तराखंडवासियों का कर्तव्य है कि हम देश और दुनिया से आने वाले अतिथियों का स्वागत आत्मीयता और सेवा भाव से करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदारनाथ के अनन्य भक्त हैं। 2013 आपदा के बाद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केदार नगरी के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ। उन्हीं के मार्गदर्शन में आज केदारनाथ परिसर का दिव्य और भव्य निर्माण कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ की इसी भूमि से 21वी सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। उनके शब्दों को सच करने के लिए राज्य सरकार निरंतर विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है।

108 क्विंटल से ज्यादा फूलों से सजाया गया बाबा केदार का धाम।
कपाट उद्घाटन के लिए केदारनाथ मंदिर की भव्य सजावट की गई। मंदिर को 108 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया है। भव्य सजावट के बीच कपाट खुलते ही हेली से पुष्प वर्षा भी की गई, जिसे देख श्रद्धालु अभिभूत नज़र आए।

धार्मिक परम्परा अनुसार कपाट खुलते ही हुई विशेष पूजा अर्चना।
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकाल गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से होते हुए गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड जैसे विभिन्न पड़ावों से श्री केदारनाथ धाम पहुंची। कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह पांच बजे से शुरू हुई यद्यपि। 6 बजे श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, विधायक केदारनाथ आशा नौटियाल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, धर्माचार्यों वेदपाठीगणों भैरव नाथ के अरविंद शुक्ला ने पूरब द्वार से मंदिर में प्रवेश किया तथा मंदिर के गर्भगृह के द्वार की पूजा-अर्चना में शामिल हुए। देवी देवताओं का आव्हान कर जन कल्याण की कामना तथा संकल्प के साथ ही ठीक प्रातः सात बजे श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिये गये। इसी समय मंदिर का मुख्य दक्षिण द्वार भी खुल गया।

कपाट खुलने के अवसर पर गीता धामी, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, मुख्य कार्याधिकारी बीकेटीसी विजय प्रसाद थपलियाल, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी/सहायक अभियंता गिरीश देवली, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी धर्माधिकारी औंकार शुक्ला वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पुजारी बागेश लिंग,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी, देवानंद गैरोला, विपिन तिवारी कुलदीप धर्म्वाण, प्रकाश पुरोहित,उमेश शुक्ला सहित बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहितगण, हकहकूकधारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मुख्य सचिव बर्द्धन ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों का किया निरीक्षण

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन अपने तय कार्यक्रमानुसार बद्रीनाथ पहुंचे। मुख्य सचिव ने बद्रीनाथ में चल रहे मास्टर प्लान कार्यों निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एराइवल प्लाजा, सिविक एनीमिटी सेंटर, बद्रीश व शेष नेत्र झील, रिवर फ्रंट और हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उन्होने कार्यदायी संस्था को सिविक एमिनिटी सेंटर, एराइवल प्लाजा और टूरिज्म मैनेजमेंट सेंटर का मई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।उन्होने कार्यदायी संस्था को हॉस्पिटल को अगस्त तक हैंडओवर करने और रिवर फ्रंट के एफ व जी फेस के कार्य को जल्द ही पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस दौरान जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान कार्यों की प्रगति की जानकारी दी जिलाधिकारी ने बताया कि पेयजल, बिजली आपूर्ति, शौचालयों का कार्य पूरा कर लिया गया है साथ ही कहा कि मास्टर प्लान के तहत ब्रह्म कपाल, रिवर फ्रंट, आस्था पथ, अराइवल प्लाजा, दर्शन लाइन का कार्य कपाट खुलने तक पूरा कर लिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि धाम में पहुंचे व्यापारियों और अन्य लोगों के बिजली और पानी के कनेक्शन का संयोजन भी शुरू कर लिया गया। उन्होंने बताया कि धाम में सुलभ इंटरनेशनल की ओर से शौचालयों को दुरुस्त कर लिया गया है।

जिलाधिकारी ने मुख्य सचिव को जानकारी देते हुए बताया कि धाम के आंतरिक मार्गों का सुधारीकरण भी तेजी से किया जा रहा है। नगर सफाई की व्यवस्था को लेकर पर्यावरण मित्रों की तैनाती की गई है। साथ ही धाम में क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों का सुधारीकरण किया जा रहा है। जिसका कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। पुलिस की ओर से सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि धाम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस के जवानों के साथ साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम तैनात की गई है।

इस दौरान पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, उपजिलाधिकारी जोशीमठ सीएस वशिष्ट, अधीक्षण अभियंता पीडब्लूडी राजेश चन्द्रा, बीकेटीसी सीईओ विजय थपलियाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिषेक गुप्ता, पीआईयू के सहायक अभियंता सन्नी पालीवाल सहित यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारी मौजूद थे।

केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों और यात्रियों की सुविधाओं का सीएस ने किया निरीक्षण

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केदारनाथ धाम पहुंचकर आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। अपने इस दौरे में उन्होंने सबसे पहले केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर बनाए गए बेली ब्रिज का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जानकारी दी कि इस पुल का कार्य पूरा हो चुका है, जिससे यात्रियों को आने-जाने में और अधिक सुविधा और सुगमता प्राप्त होगी। उन्होंने आस्था पथ पर बने रेन शेल्टरों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए इन रेन शेल्टरों में एलईडी साइनेज लगाए जाने चाहिए, ताकि यात्रियों को यह स्पष्ट जानकारी मिल सके कि शौचालय, मेडिकल सहायता और अन्य जरूरी सुविधाएं किस स्थान पर उपलब्ध हैं।

मुख्य सचिव ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि कतार में खड़े यात्रियों को गर्म पानी की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि वे ठंडे मौसम में भी आरामदायक अनुभव प्राप्त कर सकें। उन्होंने मंदिर परिसर से लेकर सरस्वती नदी के किनारे बने आस्था पथ तक की स्वच्छता व्यवस्था का भी निरीक्षण किया और वहां स्थापित शौचालयों की स्थिति को परखा। इसके साथ ही उन्होंने गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में बने सभी कॉटेजों की मरम्मत समय पर पूरी की जाए और उनकी साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को असुविधा न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध और सुचारू रूप से पूरी कर ली जाएं।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने रुद्र प्वाइंट और घोड़ा पड़ाव का भी निरीक्षण किया। इन स्थलों पर उन्होंने यात्रियों की भीड़ प्रबंधन, पेयजल, चिकित्सा, विश्राम और सफाई व्यवस्था की समीक्षा की।

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि केदारनाथ यात्रा से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। यात्रा मार्ग से लेकर धाम क्षेत्र तक सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली गई हैं। जो कुछ शेष कार्य हैं, उन्हें भी यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि पैदल मार्ग, ठहरने की व्यवस्था, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, संचार सुविधा एवं आपातकालीन व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया गया है। तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए सभी पड़ावों पर मूलभूत सुविधाओं को भी सुनिश्चित कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि सुरक्षा दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। यात्रा मार्ग पर पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित कर दी गई है। अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को नियमित रूप से यात्रा मार्ग की चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा अवधि के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए पूर्व से ही विस्तृत ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है, ताकि किसी भी स्थान पर जाम की स्थिति न बने।पुलिस एवं प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन से जुड़ी टीमें भी यात्रा मार्ग पर सक्रिय रहेंगी, ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

यात्रा मार्गों में संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे की पर्याप्त व्यवस्था होगीः सीएम

सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए यात्रा शुरू होने से एक सप्ताह पहले सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था ऐसे स्थानों पर की जाए जिनके निकट, होटल, धर्मशाला, होमस्टे और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों। धामों के दर्शन के लिए स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम और बेहतर बनाया जाए। यात्रा मार्गों में संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अधिक ट्रैफिक वाले क्षेत्रों की रियल टाइम निगरानी की जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों के दृष्टिगत यातायात प्रबंधन की बैठक के दौरान दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन की चुनौतियों का सामना करने के लिए पुलिस द्वारा बेहतर प्लान के साथ कार्य किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा प्रबंधन में पिछले साल जो समस्याएं आई थी उनकी पुनरावृत्ति न हो। जाम की स्थिति वाले स्थानों की रियल टाइम जानकारी सोशल मीडिया पर और अन्य माध्यमों साझा की जाए। पुलिस व प्रशासन के सोशल मीडिया हैंडल्स पर यातायात और मौसम की जानकारी नियमित अपडेट की जाए। यात्रा मार्गों पर पार्किंग स्थलों की जानकारी श्रद्धालुओं को गूगल मैप से मिल जाए, इसकी व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा पर आयें, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। चारधाम यात्रा के लिए 60 प्रतिशत ऑन लाइन और 40 प्रतिशत ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई। सुव्यवस्थित यात्रा संचालन के लिए यात्रा मार्गों से जुड़े सभी हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय बनाया जाए और उनके सुझावों को गंभीरता से लिया जाए। सरकार द्वारा चारधाम यात्रा के लिए की गई तैयारियों की जानकारी भी हितधारकों के साथ साझा किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा के वैकल्पिक मार्गों को भी सुदृढ़ किया जाए। यात्रा मार्गों पर अस्थाई पार्किंग विकसित करने के लिए भुगतान के आधार पर स्थानीय लोगों से भी संपर्क किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत यात्रा मार्ग पर पुलिस सहायता डेस्क स्थापित किये जाएं। यात्रा मार्गों पर आपदा संभावित क्षेत्रों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। यात्रा मार्गों पर आवश्यकतानुसार क्रैश बैरियर लगाए जाएं। पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए और वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए। यात्रा मार्गों पर विभिन्न जानकारियों के लिए साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

डीजीपी दीपम सेठ ने चारधाम यात्रा को लेकर की गई तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले साल लगभग 48 लाख श्रद्धालुओं ने सकुशल यात्रा की। इस साल की सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा के लिए 50 थाने, 79 रिपोर्टिंग पुलिस चौकी, 5850 पुलिस बल, 38 सीजनल (अस्थाई) चौकियां रहेगी। ट्रैफिक के बेहतर प्रबन्धन हेतु तीन प्लान तैयार किए गए जिन्हें वाहनों के दबाव एवं जाम की स्थिति को देखते हुए लागू किया जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल रेंज के अधीन चारधाम कंट्रोल रूम की स्थापना की गयी है, जिसके प्रभारी एसपी ट्रैफिक देहरादून लोकजीत सिंह रहेंगे। पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था के अधीन पुलिस मुख्यालय स्तर पर चारधाम सेल गठित होगा, जो कि लगातार नियंत्रण एवं मॉनिटरिंग की व्यवस्था करेगा। सम्पूर्ण यात्रा मार्ग को 15 सुपर जोन, 41 जोन और 137 सेक्टर में बांटा गया है। चारधाम यात्रा के साथ ही लंबे वीकेंड के लिए भी विस्तृत यातायात प्लान तैयार किया गया है।

डीजीपी ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग के 54 बॉटलनेक्स, 198 दुर्घटना संभावित स्थल, 49 ब्लैक स्पॉट और 66 लैंड स्लाइडिंग क्षेत्रों को पुलिस विभाग ने चिन्हित कर लिया है। जिसमें सम्बन्धित विभाग द्वारा यात्रा से पूर्व समस्त उपाय कर लिए जाएंगे। पिछले साल 113 पार्किंग स्थल चिन्हित थे जिनमें 33295 छोटे और 3554 बड़े वाहनों की व्यवस्था थी। इस साल 17 पार्किंग स्थलों को और चिन्हित किया गया है। कुल 130 चिन्हित पार्किंग स्थलों में 43416 छोटे और 7855 बड़े वाहनों के पार्क की व्यवस्था रहेगी।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, सचिन कुर्वे, डा. बी.वी.आर पुरुषोत्तम, डा. पंकज पांडेय, बृजेश कुमार संत, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी वी मुरुगेशन, ए पी अंशुमन, आई जी गढ़वाल राजीव स्वरूप, आईजी नीलेश आनंद भरणे और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंडः खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने हरित चारधाम यात्रा थीम पर शुरू किया अभियान

चारधाम यात्रा मार्ग के होटल- ढाबों में इस बार तीर्थयात्रियों को ना सिर्फ स्वच्छ और शुद्ध भोजन मिलेगा, बल्कि होटल कारोबारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुसार भोजन में तेल, नमक और चीनी का प्रयोग भी कम करने का प्रयास करेंगे। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक रोकथाम के लिए भी तीर्थ यात्रियों को प्रोत्साहित करेंगे। इसके लिए खाद्य संरक्षा औषधि प्रशासन विभाग ने यात्रा प्रारंभ होने से पहले ही यात्रा मार्ग के होटल और खाद्य कारोबारियों के साथ व्यापक स्तर संवाद और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार सभी विभागों को हरित चारधाम यात्रा की थीम पर, यात्रा संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में खाद्य संरक्षा औषधि प्रशासन विभाग, यात्रा मार्ग के प्रमुख शहरों में होटल और खाद्य कारोबारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर रहा है। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इन कार्यशालाओं में होटल कारोबारियों से अपने भोजन में तेल, नमक और चीनी का उपयोग कम करने की अपील की जा रही है। इससे खासकर मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित यात्रियों को सुविधा रहेगी। साथ ही ईट राइट अभियान के क्रम में होटलों को खाद्य तेल को तीन बार से अधिक इस्तेमाल करने के बजाय इसे बायोफ्यूल बनाने के लिए उपलब्ध कराने के लिए कहा जा रहा है। डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि होटल कारोबारियों को पानी की बोतल, रैपर जैसे सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को भी हतोत्साहित करते हुए, पर्यावरण संरक्षण में सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उपायुक्त मुख्यालय गणेश कंडवाल ने बताया कि विभागीय निर्देशों के क्रम में अब तक ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग में होटल कारोबारियों के साथ ही संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किया जा चुका है। यात्रा शुरु होने से पहले उत्तरकाशी, चंबा और हरिद्वार सहित कुछ और स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किया जाएगा। साथ ही मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय खाद्य उत्पादों को भी उपलब्ध कराने को कहा जा रहा है।

इस बार हम हरित चारधाम यात्रा का संकल्प लेकर तैयारी कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ना सिर्फ तीर्थ यात्रियों को शुद्ध भोजन और स्वच्छ वातावरण मिले, बल्कि यात्रा के चलते हमारे पवित्र तीर्थस्थलों पर सिंगल यूज प्लास्टिक की समस्या भी पैदा न हो, हम सिंगल यूज प्लास्टिक का रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। इसमें हमें तीर्थ यात्रियों- खाद्य कारोबारियों से लेकर स्थानीय लोगों तक सभी का सहयोग चाहिए।

चारधाम की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ने हरिद्वार में की अधिकारियों की बैठक

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने हरिद्वार पहुंचकर आगामी 2027 कुंभ और चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने हरिद्वार में आगामी कुंभ-2027 के मेले को लेकर मेला अधिकारी कर्मेन्द्र सिंह से मायापुर स्थित कैंप कार्यालय में विचार विमर्श किया। उन्होंने जिलाधिकारी एंव जनपदीय अधिकारीयों को आगामी कुंभ-2027 की तैयारियों के सम्बंध में निर्देश दिए कि शासन स्तर पर भी आगामी सात-आठ दिन में बैठक की जाएगी जिसमें कुंभ- 2027 में सरकार द्वारा सुचारू व्यवस्था की जाएगी, साधु संतों और महात्माओं को साथ में लेकर और उनके मार्गदर्शन व विचार विमर्श कर आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। आगामी कुंभ-2027 को लेकर हमारी योजनाएं गतिशील है जो भी योजनाएं बनेगी वह हरिद्वार शहर कुंभ नगरी के हित में होगी।

मुख्य सचिव ने चार धाम यात्रा को लेकर अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा व्यवस्थाएं सुचारू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है, जिला प्रशासन के स्तर और शासन के स्तर पर भी जहां-जहां जो आवश्यकताए है, वह पूरी की जा रही है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी चालू हो चुकी हैद्य सभी हितधारकों के साथ भी विचार विमर्श शुरू हो चुका है और जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा मौके पर निरीक्षण किया जा रहा है द्य चारों धाम पर जहां-जहां उनके यात्रा मार्ग पर जो आवश्यकता होगी वो पूरी करने की कोशिश की जाएगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा के आरंभ में अधिक से अधिक दर्शनार्थी पहुँते हैं, अतः हम सभी राज्यों, प्रमुख व्यक्तियों और अति विशिष्ट व्यक्तियों से अनुरोध करते हैं कि इस दौरान यात्रा न करे, लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा समुचित व्यवस्थाएं की जाएगी, जिससे चार घाम यात्रा सकुशल सम्पन्न हो सके।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि 2027 में होने वाले कुंभ को लेकर सभी योजनाओं की रूपरेखा बनाई जा रही है और समस्त योजनाएं हरिद्वार के हित में होंगी। गौरतलब है कि मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन पूर्व में हरिद्वार जनपद के जिलाधिकारी/ उपाध्यक्ष भ्त्क्।, और वर्ष 2010 में हुए कुंभ के मेलाधिकारी भी रहे हैं। हरिद्वार में पत्रकारों से अनौपचारिक संवाद के दौरान सीएस ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर शासन स्तर से कई अधिकारी फील्ड में गए हुए हैं और ग्राउंड जीरो पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो। मीडिया द्वारा पूर्ण कुंभ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पूर्ण कुंभ के लिए साधु- संत और महात्मा लोगो से विचार विमर्श के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

इसके पश्चात मुख्य सचिव ने जूना अखाड़ा स्थित माया देवी मंदिर, कनखल स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर के बाद गंगा आरती में प्रतिभाग किया।

इस दौरान जिलाधिकारी, एसएसपी मुख्य विकास अधिकारी सहित सभी जनपद स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

चारधाम यात्रा को धामी सरकार ने 12 भाषाओं में जारी की स्वास्थ्य सुरक्षा को एडवायजरी जारी

उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे, जिसके साथ यात्रा की विधिवत शुरुआत हो जाएगी। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई व बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे। इस बार राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को पहले से बेहतर बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों में चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित और स्वास्थ्य-संबंधी दृष्टि से बेहतर बनाने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए गए हैं, जो तीर्थ यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य सरकार ने विभिन्न भौगोलिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए 12 भाषाओं में स्वास्थ्य परामर्श एवं एसओपी जारी कर दी है। डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य जांच, सतर्कता और चिकित्सकीय तैयारियों पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। विशेषकर, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री जैसे ऊँचे-चढ़ते क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों को कठोर जलवायु, निम्न ऑक्सीजन स्तर एवं कठिन मार्ग स्थितियों का सामना करना पड़ता है, अतः तीर्थयात्री जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण व आवश्यक तैयारियों के साथ आयें।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि स्क्रीनिंग प्वाइंट, आपातकालीन सेवाएं और हेलीपैड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर तीर्थयात्रियों की सहायता सुनिश्चित की जाएगी। इस व्यापक परामर्श को सभी राज्यों में पत्र भेजकर संभावित तीर्थयात्रियों तक आवश्यक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया गया है। राज्य सरकार की यह प्रतिबद्धता चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित, सुगम एवं सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं सर्वाेच्च प्राथमिकता

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों पर चारधाम यात्रा को पूरी तरह सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। यात्रियों की सुविधा और स्वास्थ्य की देखभाल सर्वाेच्च प्राथमिकता है, इसलिए डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयों की पूरी व्यवस्था की गई है। चारधाम यात्रा 2025 के दौरान किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कोई परेशानी न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

तीर्थयात्रियों के लिए एडवाइजरी

यात्रा से पूर्व अनिवार्य स्वास्थ्य जांच कराएं।
कम से कम दो माह पूर्व पैदल चलने, प्राणायाम एवं हृदय संबंधी व्यायाम अपनाएं।
आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त मात्रा साथ रखें।
स्वास्थ्य एवं पर्यटन पंजीकरण ऐप पर अनिवार्य पंजीकरण करें।
पर्याप्त जल, संतुलित आहार एवं हल्के गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।
स्क्रीनिंग केंद्र एवं चिकित्सा राहत पोस्ट का लाभ उठाएं।
हल्की परतों वाले कपड़े, गरम वस्त्र, दस्ताने एवं ऊनी सामग्री साथ रखें।

चिकित्सा विशेषज्ञों की स्वैच्छिक सेवा

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि इसके अतिरिक्त, राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों से यह भी कहा गया है कि वे अपने राज्य से चिकित्सा विशेषज्ञों, विशेषकर हृदय रोग, अस्थि रोग, सर्जन जैसे चिकित्सकों को स्वैच्छिक रूप से चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित चिकित्सालयों में योगदान देने के लिए प्रेरित करें। विशेषज्ञों से अपेक्षित योगदान कम से कम 15 दिनों के लिए होगा, जिससे तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें और चिकित्सकों को मानव सेवा का अवसर मिल सके।

जागरूकता अभियान के तहत प्रचार सामग्री

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा से संबंधित स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए क्या करें, क्या न करें और अन्य स्वास्थ्य देखभाल सामग्री भी तैयार की है। ये सामग्री सभी राज्यों में साझा की गई है, ताकि तीर्थ यात्री यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर स्थित सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे इस सामग्री को स्थानीय स्तर पर वितरित करें, ताकि आम तीर्थयात्री यात्रा के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

यात्रा मार्गों पर स्क्रीनिंग प्वाइंट

स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल सहित 28 पैरामीटर की जांच के लिए स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। यह सभी प्वाइंट रजिस्ट्रेशन प्वाइंट के साथ जोड़े गए हैं ताकि यात्रा शुरू करने से पहले यात्रियों की पूरी स्वास्थ्य जांच हो सके। यात्रा मार्ग पर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट की संख्या बढ़ाई गई है और वहां पर डॉक्टरों के साथ प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती की जाएगी।

तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सलाह

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच कराएं और यात्रा की योजना कम से कम सात दिन पहले बनाएं। केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा के दौरान हर एक से दो घंटे में 5-10 मिनट का विश्राम करें। यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, रेनकोट, छाता, पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर साथ रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री अपनी जरूरी दवाइयां और डॉक्टर का नंबर साथ रखें। यदि यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, चक्कर या उल्टी महसूस हो तो तुरंत निकटतम मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर जाएं।

हेल्थ एटीएम और टेलीमेडिसिन की सुविधा

यात्रियों की स्वास्थ्य जांच को आसान बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे। यहां पर ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल, वजन, लंबाई और शरीर का तापमान मापा जा सकेगा। साथ ही, टेलीमेडिसिन सेवा के तहत 24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श की सुविधा भी दी जाएगी।

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विशेष ध्यान

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें केदारनाथ यात्रा मार्ग के दौरान आती हैं। इसलिए केदारनाथ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया गया है। यात्रा मार्ग पर 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट और दो पीएचसी सेंटर स्थापित किए गए हैं। गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड और नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे, जहां यात्रियों की फ्री हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी।

उत्तराखंड चारधाम यात्राः पीएम के ग्रैंड प्रमोशन और बढ़ी हुई यात्रा अवधि से हर कोई उत्साहित

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए हर स्तर पर तैयारी तेज हो गई है और उत्साह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखवा और हर्षिल आने के बाद से यात्रा के पक्ष में जबरदस्त माहौल बना है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार चार धाम यात्रा दस दिन पहले शुरू हो रही है। यानी कि इस बार यात्रा के लिए ज्यादा दिन उपलब्ध होंगे। यात्रियों के स्तर पर पंजीकरण के लिए दिखाए जा रहे उत्साह को देखते हुए सरकार ने भीड़ प्रबंधन को भी ध्यान में रखते हुए तैयारी शुरू कर दी है।

ग्रैंड प्रमोशन, देवभूमि है लोगों की पहली पसंद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मां गंगा के शीतकालीन गद्दी स्थल मुखवा और पर्यटन स्थल हर्षिल के दौरे से यात्रा के लिए अच्छा माहौल तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री छह मार्च को उत्तराखंड आए थे। ऐसा पहली बार हुआ, जब कि चार धाम यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री का उत्तराखंड आना हुआ। भले ही औपचारिक कार्यक्रम शीतकालीन यात्रा को लेकर था, लेकिन प्रधानमंत्री ने चार धाम यात्रा की भी भरपूर ब्रांडिंग की। देश को यह तक बतलाया कि पिछले दस वर्षों में चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कितना बड़ा अंतर आ गया है।

30 अप्रैल से यात्रा, इस बार ज्यादा दिन चलेगी

वर्ष 2024 में चार धाम यात्रा का शुभारंभ दस मई को हुआ था। इस बार उसकी शुरुआत 30 अप्रैल से हो रही है। वर्ष 2023 में यात्रा 22 अप्रैल को शुरू हो गई थी और रिकॉर्ड 56,18497 यात्री उत्तराखंड पहुंचे थे। वर्ष 2024 में कम दिन मिलने और प्राकृतिक आपदा की घटनाओं के बावजूद यात्री संख्या के आंकड़े ने सबको चौंका दिया था। इस वर्ष यात्रा में कुल 48,04215 यात्री उत्तराखंड पहुंचे थे।

चार धाम यात्रा, कब कहां के कपाट खुलेंगे
30
अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री
02
मई को केदारनाथ धाम
04
मई को बद्रीनाथ धाम

सरकार चारधाम यात्रा की तैयारी में जुटी हुई है। उत्तराखंड की यात्रा व्यवस्था ने देश दुनिया के श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है और उनका भरोसा बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी ने चारधाम यात्रा का भरपूर प्रमोशन किया है। हम यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने की तैयारी में सरकार, दिए आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने त्रियुगी नारायण में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ ही वहां हेलीपैड के निर्माण का आदेश दिया।

राज्य में नई वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए नए स्थानों की पहचान की जाए और उनके विकास पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देशवासियों से उत्तराखण्ड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।

राज्य की आर्थिकी को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौंदर्य और आधुनिक सुविधाएं इसे एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने में सहायक होंगी। उन्होंने पर्यटन विभाग को “डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड“ के लिए शीघ्र गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए।

बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद

इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरूगेशन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय और आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप उपस्थित रहे।