सीएम से मुलाकात कर परीक्षा जांच आयोग ने सौंपी अंतरिम रिपोर्ट

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 21 सितंबर, 2025 को आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच हेतु राज्य सरकार द्वारा गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी द्वारा की गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयोग ने अल्प समय में अधिक से अधिक जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों एवं संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार रिपोर्ट का परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेगी। उन्होंने बताया कि प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति की जा चुकी है, जिससे मामले की पूरी निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी भर्ती परीक्षा में अनियमितता की कोई संभावना न रहे और अभ्यर्थियों तथा उनके अभिभावकों का विश्वास राज्य की परीक्षा प्रणाली पर बना रहे।

उत्तराखंड सीएम ने परेड ग्राउंड में आंदोलन कर रहे युवाओं से की मुलाकात, सीबीआई जांच की संस्तुति दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड में आंदोलन कर रहे युवाओं के बीच पहुंचकर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की गत सप्ताह आयोजित परीक्षा प्रकरण की सीबीआई जांच कराने पर सहमति दे दी है।

आज दोपहर बाद सीएम धामी अचानक, परेड ग्राउंड में आंदोलनरत युवाओं के बीच पहुंच गए। यहां सीएम ने युवाओं का पक्ष सुनने के बाद कहा कि युवा इस त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी के बीच आंदोलन कर रहे हैं, इससे खुद उन्हें भी अच्छा नहीं लग रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का एक ही संकल्प है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। विगत चार साल में सरकार ने इसी संकल्प के अनुसार काम किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि वो जानते हैं कि उत्तराखंड के युवा और छात्र पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करते हैं। इसी आधार पर उनके पास जीवन के लिए खूबसूरत सपने होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद ऐसी परिस्थितियों को देखा है, छात्रों और युवाओं के बीच काम करते हुए, इसका अनुभव लिया है।

युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विगत दिनों सामने आए प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी द्वारा की जा रही है। कमेटी ने काम भी शुरु किया है, लेकिन फिर भी युवा सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, इस कारण सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति करेगी। इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी।

मैं भी आया हूं धरना स्थल पर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो चाहते तो ये बातचीत कार्यालय में भी हो सकती थी, लेकिन युवाओं के कष्ट को देखते हुए, उन्होंने खुद धरना स्थल पर आने का निर्णय लिया है, वो पूरी तरह युवाओं के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले चार साल में पारदर्शी तरीके से 25 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां की है, इसमें कहीं कोई शिकायत नहीं आई है। सिर्फ एक प्रकरण में यह शिकायत आई है, इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका को मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीएम धामी ने कहा कि विगत सप्ताह भी जब युवा उनसे मिले थे तो उन्होंने तब ही स्पष्ट कर दिया था कि सरकार चाहती है कि युवाओं के मन में कोई अविश्वास, संदेह या शंका न रहे। इसलिए वो बिना किसी को बताए सीधे यहां परेड ग्राउंड में चले आए हैं।

मुकदमें वापस होंगे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आंदोलन के दौरान यदि युवाओं पर कहीं कोई मुकदमें दर्ज हुए हैं तो उन्हें वापस लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृतकाल के विकसित भारत में उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने, इसमें युवाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

पेपरलीक मामले में गठित एसआईटी को सूचना देने में न करें संकोच

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अंतर्गत आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा 2025 में कथित नकल संबंधी आरोपों पर शासन, प्रशासन सख्ती से कार्यवाही कर रहा है, एवं नकल संबंधी आरोपों की गंभीरता से जांच हो रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिनांक 24.09.2025 को मुख्यमंत्री के निर्देशों पर विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

‎विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) ने अपनी जांच आगे बढ़ा दी है। जिसके संबंध में एस.आई.टी द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के लिए दिनांक 27 सितंबर 2025 को हरिद्वार जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में दोपहर 12ः00 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक एवं 29 सितंबर 2025 को टिहरी गढ़वाल जिले के कलेक्टर सभागार में दोपहर 12ः00 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक विशेष जन संवाद बैठक का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।

‎इन संवाद बैठकों में इच्छुक प्रतियोगी अभ्यर्थी एवं उनके अभिभावक प्रतिभाग कर स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा, 2025 से संबंधित अपनी शंकाओ एवं प्रश्नों सहित, यदि उनके पास कोई सूचना हो, तो उसे एस०आई०टी० के समक्ष साझा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त जन संवाद बैठकों में परीक्षा में प्रतिभाग करने वाले अनेक अभ्यर्थी एवं उनके अभिभावक, कोचिंग संस्थान व जनसरोकार से सम्बन्धित कोई भी व्यक्ति उपरोक्त प्रकरण से संबंधित प्रश्नों, शंकाओं एवं सूचनाओं के संबंध में स्पष्टता चाहने के साथ ही एसआईटी से प्रत्यक्ष रूप से संवाद भी कर सकता है।

सीएस ने कहा, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा प्रकरण की जांच एसआईटी करेगी

बीते रविवार को सम्पन्न उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एसआईटी करेगी। यह जांच हाईकोर्ट के रिटायर जज के पर्यवेक्षण में सम्पन्न की जाएगी।

मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और शुचिता के साथ ही अभ्यर्थियों का हित सर्वाेपरी है। इसी क्रम में गत रविवार को सम्पन्न परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी द्वारा कराई जाएगी। उक्त एसआईटी का कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जांच निष्पक्ष ढंग से हो इसके लिए यह भी एसआईटी जांच की निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज के द्वारा की जाएगी। सेवानिवृत्त जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे, इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है।

उन्होंने बताया कि जांच एक माह में सम्पन्न की जाएगी, तब तक के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि एसआईटी जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही विवादों के केंद्र में स्थित हरिद्वार के परीक्षा केंद्र पर जिस भी व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए छात्रों का हित सबसे ऊपर है। साथ ही यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि छात्रों और आमजन का परीक्षा प्रणाली पर भरोसा बना रहे।

मुख्यमंत्री ने कनिष्ठ सहायक के पदों पर चयनित 16 अभ्यर्थियों को प्रदान किये नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कनिष्ठ सहायक के पद पर चयनित 16 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इनमें महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के 12 तथा संस्कृति विभाग के 4 अभ्यर्थी शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से आपके जीवन का नया अध्याय प्रारम्भ हो रहा है। आप सबकी कड़ी मेहनत तथा माता पिता एवं गुरूजनों के आशीर्वाद से आपको यह सफलता मिली है। इस सफतला के बाद आपको नये जीवन में मानक तय करने होंगे। अपनी प्रतिभा, क्षमता तथा योग्यता के बल पर अपनी कार्य पद्धति में अपना सर्वाेत्तम देने का प्रयास करना होगा। अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ नये जीवन की शुरुआत आत्म अनुशासन और नियमित दिनचर्या के साथ करें। जन सेवा करने का आप सबको जो अवसर मिला है, इसमें अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य का जीवन अमूल्य है। कई जन्मों के बाद मनुष्य जीवन प्राप्त होता है। इसे ईश्वर का वरदान समझे तथा अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा के साथ करें। इससे आप सभी को आत्म संतोष भी प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अच्छे एवं बुरे कार्यों का पूरा हिसाब ईश्वर रखते है इसलिये अपने कार्यक्षेत्र में भूलकर भी गलत कार्य न करें। आपके अच्छे कार्यों का लाभ आपको तो मिलेगा ही इससे समाज भी लाभान्वित होता है।

इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास हरिचन्द सेमवाल, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशान्त आर्य, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित अन्य अधिकारी एवं नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी उपस्थित थे।

कनिष्ठ सहायकों को धामी ने सौंपे नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में परिवहन विभाग के अन्तर्गत कनिष्ठ सहायक के पद पर उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 10 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके परिश्रम और ईश्वर की कृपा से सेवा के क्षेत्र में कार्य करने का जो अवसर मिल रहा है, अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ करें। कार्य क्षेत्र में नये जीवन की शुरुआत आत्म अनुशासन और नियमित दिनचर्या के साथ करें। जन सेवा करने का जो अवसर मिला है, इसमें अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग करें।
सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकी ने कहा कि परिवहन विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत विगत 2 वर्षों में 1 सम्भागीय निरीक्षक और 59 परिवहन आरक्षियों को सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्ति प्रदान की गई। कनिष्ठ सहायक के 39 और सहायक लेखाकार के 17 पदों पर चयन प्रक्रिया गतिमान है। परिवहन विभाग के अंतर्गत सीधी भर्ती के विभिन्न पदों के लिए 147 पदों का अधियाचन आयोग के लिए भेजा गया है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

पेपर लीक मामले में यूपी का अधिकारी गिरफ्तार

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक (UKSSSC paper leak case) मामले में एसटीएफ ने बड़े दिनों बाद एक और गिरफ्तारी की है। मामले में मास्टरमाइंड माने जाने वाले केंद्रपाल के सहयोगी मनोज कुमार चौहान को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी मनोज सहारनपुर में पशुधन प्रसार अधिकारी के पद पर तैनात है। पेपर लीक मामले में एसटीएफ की 43वीं गिरफ्तारी है।

कुछ दिनों पहले पेपर लीक मामले में 19 आरोपियों ने जमानत ले ली थी, इससे केस के कमजोर होने की बात उठने लगी थी। लेकिन मंगलवार को एसटीएफ ने यूपी से एक और गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार पशुधन प्रसार अधिकारी मनोज चौहान पूर्व में अरेस्ट किए गए मास्टरमाइंड केंद्रपाल का सहयोगी है।

एसटीएफ द्वारा पेपर लीक मामले सभी अभियुक्तों की आगे की कड़ियों की लगातार तलाश जारी रखी हुई है। इस दौरान अभियुक्त केन्द्रपाल ने जिन अभ्यर्थियों को नकल करायी गयी है, उनका चिन्हीकरण किया जा रहा है। नकल करने वाले अभ्यर्थियों से पूछताछ में पता चला कि करीब 8 से 10 अभ्यर्थियों ने नकल करने बाद अपनी पेमेन्ट मनोज कुमार चौहान को दी थी। जिसने उन सभी को केन्द्रपाल व ललितराज शर्मा के नकल सेन्टर में परीक्षा कराने हेतु भेजा गया था। इस कड़ी में अभी अन्य अभ्यर्थियों को भी चिन्हित किया जा रहा है जिनके द्वारा परीक्षा में किसी न किसी के माध्यम से धांधली कर नकल की गयी है।

एक रावत का दूसरे रावत पर पलटवार, कहा-अपने कार्यकाल में की होती कार्रवाई तो आज धामी की नहीं रावतों की धूम होती

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग-यूकेएसएसएससी के गठन पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के सवाल उठाने पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने उनकी खिंचाई की। दो टूक सवाल किया कि क्यों गड़बड़ी सामने आने पर तत्काल कार्रवाई नहीं की? यदि उसी समय कार्रवाई कर दी होती, तो आज धामी की धूम नहीं हो रही होती। बल्कि रावतों की धूम हो रही होती।
सोशल मीडिया पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने त्रिवेंद्र रावत पर कटाक्ष किया। कहा कि उन्हें समझ आते आते बहुत देर हो गई है। जब कांग्रेस सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती की जांच की। इसके बाद आपकी सरकार आ गई। आपके मंत्री ने विधानसभा के पटल पर स्वीकार किया था कि जांच में गड़बड़ियां पाई गई हैं। जांच रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है। यदि उसी समय इतना गुस्सा दिखाया होता तो आज फिर धामी की धूम नहीं होती। कहा कि दरवाजे की चौखट पर सर टकराने से घर नहीं गिराए जाते। विधानसभा में भर्तियों में धांधलियां हुई तो विधानसभा भवन ही गिरा देंगे क्या?

एसटीएफ ने सीएम के निर्देश मिलने पर की बड़ी कार्रवाई, मचा हड़कंप

राज्य में भर्ती परीक्षाओं में हुई धाँधलियों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत का पालन करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है।
यूकेएसएसएससी द्वारा 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जाँच में आज आरबीएस रावत पूर्व चेयरमैन, सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह भर्ती परीक्षा प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है। 2016 के मामले में लंबे समय से जाँच चल रही थी लेकिन मुख्यमंत्री के कड़े रुख़ के बाद जाँच एजेंसियों ने भी तेज़ी दिखाई। मुख्यमंत्री धामी पिछले कई अवसरों पर बार बार कह रहे हैं कि वो अपने युवा भाई बहनों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे, सरकारी नौकरियों की भर्ती में भ्रष्टाचार का जो दीमक लगा है उसे वे जड़ से मिटा देंगे।
इस क्रम में वीपीडीओ भर्ती में 6 वर्ष बाद विधिसम्मत कार्यवाही कर सीएम ने एक बड़ी लकीर खींच दी है।
मुख्यमंत्री धामी ने एसटीएफ की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि “ जाँच एजेंसिया अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक़ मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएँ स्वच्छ और पारदर्शी हो। आज की कार्रवाई इस बात की मिसाल है कि भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके “

क्रमवार विवरण-
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा दिनांक 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई।
उक्त परीक्षा 6 मार्च 2016 को समस्त 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी
उक्त परीक्षा में कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया गया था
30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था
उक्त परीक्षा में धांधली के मद्देनजर विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई थी।
जांच समिति द्वारा प्रेषित आख्या के आधार पर सम्यक विचारोपरांत , एवं माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में उक्त परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण उक्त परीक्षा परिणाम को निरस्त किया गया
वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं के संबंध में  जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को प्राप्त हुई
वर्ष 2020 में सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून द्वारा खुली जांच में पुष्टि होने पर उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं की पुष्टि होने पर  सतर्कता अधिष्ठान देहरादून में मुकदमा अपराध संख्या 01/20 धारा 420/468/467/120 B ipc व धारा 13 (1) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोग शासन की अनुमति उपरांत पंजीकृत कराया गया
अभियोग पंजीकृत होने के बाद वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक उक्त प्रकरण की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान देहरादून द्वारा की जा रही थी
वर्ष 2022 माह अगस्त में माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार उक्त प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित हुई
एसटीएफ द्वारा विवेचना को आगे बढ़ाते हुए साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई
पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को  FSL भेजा गया था एवं FSL से उक्त OMR शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी
विवेचना के दौरान यह भी पाया गया कि उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग / फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था
विवेचना के दौरान अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए
विवेचना के दौरान कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जो केस की अहम साक्ष्य है
विवेचना के दौरान पूर्व में तीन अभियुक्त 1 मुकेश कुमार शर्मा 2 मुकेश कुमार 3 राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है
एसटीएफ द्वारा पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर आज दिनांक 8 अक्टूबर 2022 को तत्कालीन अध्यक्ष  UKSSSC डॉ रघुवीर सिंह रावत पुत्र स्वर्गीय दुर्गा सिंह रावत निवासी 188/1 ऑफिसर सोसायटी वसंत विहार देहरादून
तत्कालीन सचिव UKSSSC मनोहर सिंह कन्याल पुत्र प्रताप सिंह कन्याल निवासी वन 169/2 वन  विहार शिमला बायपास देहरादून, वर्तमान पद- सँयुक्त सचिव लेखा सचिवालय देहरादून
तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक UKSSSC राजेंद्र सिंह पोखरिया पुत्र स्वर्गीय प्रेम सिंह पोखरिया निवासी 1/29 कृष्ण पुरम माजरी माफी आईआईपी मोहकमपुर देहरादून को पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

एक्शन में धामी सरकार-समूह ग के 1500 पदों पर फिर निकलने जा रही भर्तियां

उत्तराखंड में विभिन्न विभागों के 1500 से अधिक समूह ग पदों पर भर्तियां होंगी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए इसी सप्ताह भर्तियों का विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जाएगा।
पिछले दो माह के भीतर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने अलग-अलग विभागों के करीब ढाई हजार समूह ग के पदों पर भर्तियां निकाली हैं। इनकी आवेदन प्रक्रिया चल रही है। कुछ की आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस बीच विभागों से धड़ाधड़ सिफारिश (अधियाचन) आ रहे हैं।
आयोग ने इनमें से आईटीआई धारकों के लिए कर्मशाला अनुदेशक, ड्राईवर, फॉरेस्ट गार्ड और कृषि विभाग में उद्यान पर्यवेक्षक व सहायक कृषि अधिकारी की भर्तियों का नोटिफिकेशन तैयार कर लिया है। आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि इन सभी पदों के लिए सप्ताहभर के भीतर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

इन पदों पर होगी भर्तियां
कर्मशाला अनुदेशक-120 पद
ड्राईवर-150 पद
फॉरेस्ट गार्ड-890 पद
कृषि उद्यान पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी-300 पद

500 से अधिक पदों के लिए अलग से भर्ती
आयोग के पास तमाम अधियाचन ऐसे आए हैं, जिनमें अलग-अलग विभागों में बेहद कम संख्या के पद हैं। पदवार भर्तियां निकालने में मुश्किल है। इसलिए आयोग ने सरकार से अपील की है कि बायलॉज में संशोधन किया जाए ताकि इन सभी पदों के लिए अलग से एक विज्ञापन प्रकाशित कर एक सामान्य अध्ययन की परीक्षा कराकर भर्ती की जा सके। आयोग सचिव संतोष बडोनी के मुताबिक, इन पदों की संख्या करीब 500 है।

प्रश्नों के चैलेंज, आयोग के लिए बन रहे मुसीबत
विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में आंसर की जारी करने के बाद आयोग उम्मीदवारों को प्रश्नों को चैलेंज करने का मौका देता है। चूंकि, इसका कोई शुल्क नहीं है, इसलिए यह चैलेंज बड़ी संख्या में आ रहे हैं। उम्मीदवार जरा सा संदेह होने पर भी सीधे आयोग को अपनी चुनौती भेज रहे हैं। जबकि देश में तमाम ऐसी परीक्षाएं होती हैं, जिनमें सवाल को चैलेंज करने पर शुल्क देना होता है। चैलेंज सही होने पर यह शुल्क लौटा दिया जाता है। इसी तर्ज पर अब भर्ती परीक्षाओं की आंसर की चैलेंज करने पर आयोग भी शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है।