अब उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा होगीं ऑनलाइन परीक्षाए

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा राज्य में ऑनलाइन परीक्षाएं (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) के लिए प्रशिक्षण हेतु वीडियो-मॉकटेस्ट का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ऑनलाईन जो परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, अभ्यर्थी को इसके लिए व्यापक स्तर पर विभिन्न माध्यमों से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि ऑनलाइन परीक्षा होने से पूर्व अभ्यर्थियों को ऑनलाइन परीक्षा से संबंधित सभी नियमों की जानकारी हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऑनलाइन परीक्षाओं से संबंधित सभी जानकारियों एवं मॉकटेस्ट के लिए अभ्यर्थियों-छात्रों को महाविद्यालयों, जिन माध्यमिक स्कूलों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था है, विकासखण्ड, तहसील एवं जनपद स्तर पर भी वर्चुअल एवं अन्य माध्यमों से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। अभ्यर्थियोंध्छात्रों के फीडबैक भी अवश्य लिये जाए।

उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने जानकारी दी कि पिछले साढ़े तीन सालों में आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में में 5700 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की गई। पिछले चयन वर्ष में लगभग 5000 नये पदों पर चयन हेतु भर्ती विज्ञापन जारी किये गये हैं व 2500 पदों पर विज्ञापन जारी किये जाने हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षाएं (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) आयोग द्वारा प्रथम बार शुरू की जा रही हैं। 19 दिसम्बर 2020 से 03 ऑनलाइन परीक्षाएं प्रारम्भ हो रही हैं। ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है। इस प्रशिक्षण मॉड्यूल में ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश, परीक्षा पूर्व, परीक्षा के दौरान तथा परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को ध्यान में रखने की मुख्य बातों को दर्शाने वाला वीडियो एवं 30 प्रश्नों का मॉकटेस्ट जो वास्तविक परीक्षा देने के समान होगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा में सुचिता एवं पारदर्शिता लाने की दृष्टि से ऑनलाइन परीक्षाएं एक उचित विकल्प है। कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक बार में एक प्रश्न प्रदर्शित होगा, प्रत्येक अभ्यर्थी का अलग प्रश्न पत्र होगा एवं सम्पूर्ण परीक्षा व सभी अभ्यर्थी सीसीटीवी कैमरे से कवर्ड होंगे। अभ्यर्थियों को परीक्षा के उपरांत पूर्व की भांति उनका प्रश्न पत्र एवं उनका उत्तर उपलब्ध कराया जायेगा। अभ्यर्थियों को प्रश्नों पर चुनौती का अवसर भी दिया जायेगा।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, सदस्य उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग डा. प्रकाश थपलियाल, सचिव संतोष बडोनी, अनुसचिव राजन नैथानी, आशीष कौल आदि उपस्थित थे।

भर्ती परीक्षाओं का आयोजन समयबद्धता के साथ करने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में भर्ती प्रक्रियाओं की समीक्षा की। उन्होंने भर्ती प्रक्रियाओं को निर्धारित टाईम टेबल में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के लिए जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भर्ती परीक्षाओं का आयोजन समयबद्धता से किया जाए। इसमें किसी भी स्तर पर शिथिलता न की जाए। मुख्यमंत्री ने सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में भर्ती प्रक्रियाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि विभागों से चयन आयोगों को अधियाचन भेजने में विलम्ब न हो, इसके लिए एक ऑनलाईन व्यवस्था बनाई जाए।

समान प्रकृति के पदों की एक ही परीक्षा हो
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एक जैसी प्रकृति के पदों के लिए एक ही परीक्षा आयोजित की जाए। इससे परीक्षार्थियों के समय व धन की बचत होगी और भर्तियों में भी अनावश्यक विलम्ब नहीं होगा। राज्य लोक सेवा आयोग जब एक बार डीपीसी की तिथि निर्धारित कर देता है तो यह संबंधित अधिकारियों की अनुपलब्धता के कारण स्थगित नहीं होनी चाहिए।

अधियाचन पर चयन आयोग की आपत्तियों का जवाब अधिकतम तीन दिन में
चयन आयेग द्वारा की जाने वाली पृच्छाओं व आपत्तियों पर जवाब अधिकतम तीन दिनों में चला जाना चाहिए। कार्मिक विभाग प्रत्येक माह विभागों की भर्ती प्रक्रियाओं की समीक्षा करे और विभागों व चयन आयोगों में समन्वय स्थापित करे।

लक्ष्य निर्धारित कर हो काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण भर्ती प्रक्रियाओं में विलम्ब हुआ है। इसकी भरपाई अगले 6 माह में किस प्रकार की जा सकती है, इसकी कार्ययोजना बना ली जाए। टार्गेटेड तरीके से काम करते हुए चयन आयोगों के साथ ही शासन स्तर पर भी इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया जाए।

उत्तराखण्ड राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (से.नि.) श्री आनंद सिंह रावत ने बताया कि वर्ष 2017 से वर्तमान तक राज्य लोक सेवा आयोग से 3047 पदों पर चयन किया गया। जबकि 1145 पदों पर चयन प्रक्रिया गतिमान है जो कि इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण कर ली जाएगी। आयोग ने इस वर्ष विभिन्न पदों के लिए टाईम टैबल बना लिया है। इसके अनुसार चयन सुनिश्चित किया जा रहा है। वर्ष 2017 से वर्तमान तक डीपीसी द्वारा कुल 2647 पदों पर चयन किया गया है जबकि 219 पदों पर डीपीसी की प्रक्रिया गतिमान है।

उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष श्री एस.राजू ने बताया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा वर्ष 2017 से 2020 तक कुल 6 हजार पदों पर चयन पूर्ण किया गया। जबकि 2014 से 2017 तक 801 पदों पर चयन किया गया था। वर्तमान में 9 परीक्षाएं कोविड-19 के संक्रमण के कारण लंबित हैं। इनमें से 7 परीक्षाएं अक्टूबर से दिसम्बर तक आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। चयन वर्ष 2019-20 व 2020-21 में लगभग 7200 पदों पर अधियाचन प्राप्त हुए हैं इनमें से लगभग 2500 पदों पर विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है जबकि 4 हजार पदों पर विज्ञापन की कार्यवाही प्रगति पर है।

उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा.डीएस रावत ने बताया कि 2017 से अभी तक कुल 1282 का चयन किया गया। बोर्ड को वर्तमान में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, चिकित्साधिकारी, एक्स-रे टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्नीशियन, रेडियोग्राफिक्स, राजकीय मेडिकल कालेजों में विभिन्न तकनीशियन के पदों सहित कुल 1351 पदों के अधियाचन प्राप्त हैं। इन पर चयन प्रकियाएं निश्चित टाईमफ्रेम में पूरा कर लिया जाएगा।

कार्यों की पारदर्शिता के लिए कार्यों का ऑडिट होना जरूरीः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रायपुर, देहरादून में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उत्तराखण्ड के लोकार्पण के अवसर पर कहा कि 2017 में सरकार बनने के बाद से ही हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ हमने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी। सचिवालय एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को हमने भ्रष्ट व माफिया तत्वों से मुक्त किया है। कार्यों की पारदर्शिता के लिए कार्यों का ऑडिट होना जरूरी है। आवश्यकता पड़ने पर थर्ड पार्टी ऑडिट होना चाहिए। सरकार के प्रति जनता का विश्वास होना जरूरी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि चावल घोटाले का जो मसला है, वह वर्ष 2016-17 की तत्कालीन सरकार के समय का मामला है। भाजपा सरकार बनने के बाद हमने इस मामले की जांच करवाई। केवल कागजों में राशन दिखाई जा रही थी, जरूरतमंदों तक राशन पहुंचती नहीं थी। आज गरीबों को जो राशन मिल रही है, वह उच्च गुणवत्ता की राशन है। प्रधानमंत्री जी का आह्वाहन रहता है कि हमारी नजर गरीबों पर होनी चाहिए। जब तक गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा, तब तक देश का उत्थान नहीं हो सकता।

लोक सेवा आयोग से पीएस की भर्ती के लिए प्रक्रिया चल रही है। लोक सेवा आयोग में अधिक वर्कलोड होने के कारण भर्ती प्रक्रिया मे समय अधिक लगता है। लोक सेवा आयोग को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया है। कोविड-19 की वजह से भी भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन के उपायों को सुझाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकोष्ठ गठन किया गया।

समूह ग श्रेणी के 300 पदों पर आवेदन का मौका, करें ऑनलाइन आवेदन

सरकारी नौकरी की राह देख रहे हैं युवाओं के लिए खुशखबरी है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने समूह ग श्रेणी के 300 पदों पर आवेदन का मौका दिया है। आयोग ने शहरी विकास विभाग और अन्य विभागों में लेखा लिपिक और वैयक्तिक सहायक व आशुलिपिक के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
युवा 31 जुलाई से इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तारीख 14 सितंबर निर्धारित की गई है। चयन आयोग की ओर से सोमवार को समूह ग श्रेेणी के 300 पदों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी गई है।
इन पदों में शहरी विकास विभाग के तहत स्थायी निकायों में लेखा लिपिक के 142 और अन्य विभिन्न विभागों में वैयक्तिक सहायक के 158 पद शामिल हैं। आयोग की वेबसाइट पर 31 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन करने से पहले उम्मीदवारों को वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) करना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही वे आवेदन कर सकेंगे।
आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि वैयक्तिक सहायक व आशुलिपिक पदों के लिए पहली बार अलग से विज्ञप्ति जारी की गई है। अभी तक इन पदों को कनिष्ठ सहायक पदों के साथ ही निकाला जाता था। जिससे शार्टहैंड की अर्हता न रखने वाले उम्मीदवार भी संयुक्त रूप से आवेदन करते थे। 
वहीं, आयोग के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को समूह ग पदों की भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है। इस वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 150 रुपये तय है। इस आरक्षण का लाभ उन्हीं उम्मीदवारों को मिलेगा जो जिन्हें अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण का लाभ नहीं ले रहे हैं।

राहतः सरकार ने कहा-किसी भी गेस्ट टीचर नही निकाला जायेगा

उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण समाप्त होने के बाद शिक्षा विभाग में दो हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। अधिकतर प्रमोशन सहायक अध्यापक से लेक्चरर के पदों पर होने हैं। जबकि सरकार की ओर से हाल ही में इन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है। ऐसे में नियमित लेक्चरर मिलने के बाद गेस्ट टीचरों को उन पदों से हटाने को लेकर गेस्ट टीचरों में भय बन रहा है। लेकिन राहत देने वाली बात है कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी गेस्ट टीचर को विभाग से बाहर न किया जाए। प्रमोशन से जो पद खाली होंगे उन पदों पर गेस्ट टीचरों को तैनाती दी जाए।
शिक्षा विभाग में शिक्षकों के चार हजार से अधिक पद खाली हैं। लोक सेवा आयोग से लेक्चरर और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से सहायक अध्यापक समय पर न मिलने से शिक्षकों की कमी बनी थी। सरकार की ओर से शिक्षकों के खाली पदों पर खासी कवायद के बाद गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है। जिन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है वे अधिकतर लेक्चरर के पद हैं। लेकिन अब प्रमोशन में आरक्षण समाप्त होने के बाद सहायक अध्यापक से लेक्चरर के 1949 पदों पर प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। विभाग को नियमित तैनाती के 1949 लेक्चरर मिलने से उन स्कूलों से गेस्ट टीचरों को हटना होगा, जिन स्कूलों में इनकी तैनाती की गई है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के प्रमोशन से जितने पद खाली होंगे उन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की जाएगी। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी गेस्ट टीचर को बाहर न किया जाए। प्रदेश के दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में गेस्ट टीचरों को तैनाती दी गई है।

फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षाः कोचिंग सेंटर का संचालक गिरफ्तार

फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस से नकल कराने का झांसा देकर युवकों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना कोचिंग सेंटर संचालक मुकेश सैनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से एक ब्लूटूथ, ईयर फोन, मोबाइल और अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
पुलिस ब्लूटूथ की बारीकी से जांच कर रही है। साथ ही फरार चल रहे गिरोह के सात आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। पुलिस ने सरगना को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
एसएसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना युवाओं को परीक्षा में नकल कराने के लिए ईयर फोन और ईयर पिक डिवाइस का प्रयोग कराता था। ईयर पिक से परीक्षार्थी फोटो खींचकर आरोपी को भेजते थे। इसके बाद उधर से ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से पेपर साल्व करवाया जाता था। ब्लूटूथ के माध्यम से ये लोग मात्र दो घंटे में ही पूरा पेपर सॉल्व करवा देते थे। उन्होंने बताया कि मुकेश के पास जो ब्लूटूथ डिवाइस मिला है, उसकी बारीकी से जांच की जा रही है। उम्मीद है कि ब्लूटूथ से कई अन्य जानकारियां मिलेंगी, जिसके आधार पर आगे की जांच की जाएगी।
एसएसपी डी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने प्रेसवार्ता कर बताया कि देहरादून एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस को शिकायत मिल रही थी कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और प्राविधिक शिक्षा परिषद में पेपर लीक कराने के साथ ही ब्लूटूथ के माध्यम से नकल कराई जा रही है। 16 फरवरी को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती के लिए लिखित परीक्षा थी। मंगलौर क्षेत्र स्थित कुआंहेड़ी निवासी आलोक हर्ष पुत्र शिवलोक हर्ष ने पुलिस से शिकायत कर बताया था कि वह गुरुकुल नारसन स्थित ओजस्व कॅरियर इंस्टीट्यूट से परीक्षा की तैयारी कर रहा था। कोचिंग सेंटर के संचालक मुकेश सैनी ने बताया कि था कि वह चार लाख रुपये में परीक्षा का पेपर उपलब्ध करा सकता है। साथ ही पास करवाकर नौकरी भी लगवा देगा।
इसी बीच मुकेश सैनी के दोस्त कपिल से उसकी मुलाकात हुई। कपिल ने भी बताया कि मुकेश ने उससे भी चार लाख रुपये मांगें हैं और वह रुपये दे रहा है। झांसे में आकर उसने मुकेश को एक लाख रुपये दे दिए थे। मुकेश ने बताया था कि परीक्षा से पहले उसे कॉलेज के बाहर ही पेपर उपलब्ध करा दिया जाएगा।
ऐसे संज्ञान में आया मामला
बताया कि कपिल को उसने एक ब्लूटूथ डिवाइस दी है, जो वह उसे उपलब्ध करा देगा और ब्लूटूथ के जरिये पेपर साल्व करवा देगा। परीक्षा वाले दिन आलोक ज्वालापुर स्थित परीक्षा केंद्र के बाहर खड़ा था, लेकिन उसे पेपर और ब्लूटूथ उपलब्ध नहीं करवाया गया था। इस चक्कर में उसकी परीक्षा भी छूट गई थी। एसएसपी ने बताया कि मंगलौर पुलिस ने शिकायत के आधार पर गिरोह के सरगना मुकेश सैनी, निवासी ग्राम हरचंदपुर हाल निवासी गुरुकुल नारसन, कुलदीप राठी, गुरु वचन, हाकम सिंह जसोल निवासी उत्तरकाशी हाल निवासी ज्ञान आईएएस कोचिंग सेंटर, पंकज, अश्वनी, निवासी नारसन कलां, सुधीर, अशोक ग्राम बूढ़पुर जट्ट के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। तभी से आरोपी फरार चल रहे थे। एसएसपी ने बताया कि शुक्रवार को कोचिंग सेंटर पर छापा मारकर गिरोह के सरगना मुकेश सैनी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि मामले में आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा भी बढ़ाई गई है।
एसएसपी के अनुसार, जांच में सामने आया है कि गिरोह का सरगना मुकेश सैनी प्रदेश स्तरीय और एसएससी की प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक या फिर ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से नकल कराता था। वह नकल से पास कराने के बाद नौकरी भी लगवाता था। साथ ही युवाओं को नकल का झांसा देकर एडवांस में रकम लेता था। कई ऐसे युवाओं के बारे में जानकारी मिली है, जिनकी गहनता से जांच की जा रही है।
फॉरेस्ट गार्ड की कमी से जूझ रहा महकमा
वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड केे करीब 3650 पद हैं। इनमें से 1218 पद खाली हैं। इन पदों पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से जल्द भर्ती होने की उम्मीद वन विभाग को थी। इसी के चलते वन विभाग ने कई-कई साल से फॉरेस्ट गार्ड के पद पर काम कर रहे कई वन कर्मियों को प्रमोट कर वन दरोगा बना दिया। नई भर्ती होने तक इनमें से कइयों को फॉरेस्ट गार्ड की ड्यूटी अब भी निभानी पड़ रही है। कारण यह भी है कि प्रदेश में अब फायर सीजन शुरू हो गया है। विभाग में फॉरेस्ट गार्ड की कमी है। ऐसे में प्रमोट होने वाले कर्मियों को प्रभारी के रूप में काम करना पड़ रहा है।