वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ कर सीएम ने की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को लच्छीवाला नेचर पार्क में राज्य वन्यजीव सप्ताह 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राजाजी नेशनल पार्क की ऑफिशियल वेबसाइट लॉच की एवं राजाजी नेशनल पार्क के लिए 2 रैपिड रिस्पांस वाहन का लोकार्पण भी किया। वन्यजीवों से हुई मवेशी एवं फसल क्षति के लिए 16 लोगों को मुआवजा चेक भी मुख्यमंत्री ने प्रदान किये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य वन्यजीव सप्ताह 2022 के शुभारंभ के अवसर पर घोषणा की कि वन्यजीवों द्वारा वयस्क एवं अवयस्क की मृत्यु पर देय अनुग्रह राशि की दर को 4 लाख रूपये से बढ़ाकर 5 लाख रूपये किया जायेगा। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को देय अनुग्रह राशि को 50 हजार रूपये से बढ़ाकर 1 लाख रूपये किया जायेगा। प्रदेश में राजकीय ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले वन कर्मियों के परिजनों को सम्मान स्वरूप 15 लाख रूपये अनुग्रह राशि के रूप में भुगतान किया जायेगा। प्रदेश में जिम कॉर्बेट हैरिटेज ट्रेल की स्थापना की जायेगी। जिसमें कॉर्बेट के जीवन से जुड़े स्थानों को चिन्हित कर वहां पर ईको पर्यटन की विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा। इसमें चम्पावत, तल्लादेश, मंच, बूम, कालाढूंगा, चूका, दूर्गा पीपल, देवीधूरा, चौगढ़, कालाढूंगी, नैनीताल, मोहान, काठ की नाव, कांडा, मुक्तेश्वर एवं रूद्रप्रयाग जैसे स्थानो पर विशेष पट्टिका का निर्माण किया जायेगा, इसके साथ ही ट्रैक मार्गों का जीर्णाेद्धार किया जायेगा और होम स्टे को बढ़ावा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वन विभाग द्वारा शिक्षा विभाग के सहयोग से प्रदेश के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के बीच मानव-वन्यजीव संघर्ष के निवारण की जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण में सकारात्मक सहयोग एवं त्वरित कार्यवाही के लिए 10 संवेदनशील वन प्रभागों में त्वरित कार्यवाही दल का गठन किया जायेगा, 5 स्थानों पर त्वरित कार्यवाही दल का गठन पहले ही किया जा चुका है। भारत सरकार से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में गर्जिया पर्यटन जोन को प्रारम्भ करने के लिए अनुमति प्रदान हो चुकी है, इसे शीघ्र ही प्रारंभ किया जायेगा। शिवालिक एलीफेंट रिजर्व की पुनर्स्थापना की जायेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक जिले में प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक-एक नए पर्यटन स्थल को विकसित किए जाएं। नये पर्यटन स्थलों का निर्माण में विशेष ध्यान रखा जाए कि उनके प्राकृतिक स्वरूप से अधिक छेड़छाड न हो। उन्होंने कहा कि वन्यजीव हमारी आस्था और संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। हमारी संस्कृति में देवताओं के साथ वन्यजीवों को भी पूजनीय माना गया है। वन्यजीवों के संवर्धन एवं संरक्षण की जिम्मेदारी सबकी है। मानव एवं वन्य जीव संघर्ष को कम करने की दिशा में तेजी से कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से राज्य में इकोनॉमी और ईकोलॉजी में सामंजस्य स्थापित करने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आज संपूर्ण विश्व का वन्यजीव संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान गया। उन्होंने कहा क्लाइमेट चेंज जैसे गंभीर मुद्दों पर आज विश्व चिंता कर रहा है एवं इन मुद्दों पर दूरदर्शी सोच के साथ कठोर नीति बनाए जाने की आवश्यकता है। पर्यावरण एवं विकास में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की परंपराओं में वनों एवं वन्यजीवों का महत्वपूर्ण स्थान है। हमारी आर्थिकी को बढ़ावा देने में भी वनों का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे राज्य के लोग जंगलों वन्य जीव के संरक्षण हेतु बेहद संवेदनशील एवं जागरूक हैं। आर्थिक मजबूती के साथ पर्यावरण की रक्षा हमारी प्राथमिकता है। वनों एवं वन्यजीव को संरक्षित करने का संदेश हमारी संस्कृति में गानों के माध्यम से भी दिया गया है।
इस अवसर पर विधायक बृजभूषण गैरोला, प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ डॉ. समीर सिन्हा, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व डॉ. साकेत बडोला एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत रचनात्मक प्रतियोगिताएं आयोजित हुई

वन विभाग के वन्यजीव सप्ताह के तहत विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। चित्रकला में नालंदा शिक्षण संस्थान के आयुष राणा और निबंध में आकाश जेठूड़ी प्रथम स्थान पर रहे।
बुधवार को वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत श्यामपुर स्थित नालंदा शिक्षण संस्थान में रचनात्मक प्रतियोगिताएं हुई। इनमें छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। निर्णायक मंडल ने प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किए। निबंध लेखन में प्रियंका नेगी ने बाजी मारी। जबकि शिखा बडोला, तनुश्री रावत, सृष्टि पैन्यूली क्रमशः द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ स्थान पर रहे। चित्रकला में पल्लवी भारती द्वितीय, शुभम तृतीय, आयुष पैन्यूली ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत पर्यावरण प्रमुख विनोद जुगलान एवं वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश महेंद्र सिंह रावत ने वन्यजीव के समापन से पहले वन्यजीवों एवं पर्यावरण संरक्षण के संबंध में जानकारी दी। प्रतियोगिता में अव्वल रहे छात्र-छात्राओं को लेखन सामग्री देकर सम्मानित किया। मौके पर वन दरोगा स्वयंबर दत्त कंडवाल, वन बीट अधिकारी राजेश बहुगुणा, नालन्दा शिक्षण संस्थान प्रमुख महावीर उपाध्याय, प्रधानाध्यापिका राम प्यारी कलूड़ा, टेक सिंह राणा, वीरेंद्र रयाल, विक्रम नेगी, रुचिका चौहान, प्रवेश सकलानी, अरविंद बडोनी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुनीता उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

राज्य के सभी वन्यजीव पार्क में 18 साल तक के बच्चों का नही लगेगा शुल्क

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मालसी डियर पार्क स्थित देहरादून-जू में 1-7 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले वन्य जीव सप्ताह का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखण्ड के टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क, वन्यजीव अभ्यारण्य, कन्जर्वेशन रिजर्व, चिड़ियाघर, नेचर पार्क में देशभर के 18 साल तक के बच्चों हेतु निःशुल्क प्रवेश दिया जायेगा, इससे देश के 45 करोड़ युवा छात्रों एवं युवाओं को पर्यटन से जोड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ये युवा प्रदेश के पर्यटन एवं ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने में हमारे ब्राण्ड एम्बेस्डर भी बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की, कि उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र है। यहां के स्थानीय लोगों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण करने हेतु, वन, वन्यजीव एवं पर्यावरण के क्षेत्र अत्यंत महत्पूर्ण है। यहां के लोगों को वनों एवं वन्यजीवों के आर्थिकी से जोड़ने हेतु सी.एम. यंग-ईकोप्रिन्योर स्कीम की शुरुआत की जायेगी। इस स्कीम के अन्तर्गत 1 लाख युवाओं को ईको-प्रिन्योर बनाया जायेगा। इस स्कीम के अन्तर्गत नेचर गाइड, ड्रोन पाइलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ईकोटूरिज्म, वन्यजीव टूरिज्म आधारित कौशल के उद्यम में परिवर्तित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने वन्य जीव संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले, वन कार्मिकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिये शीघ्र नीति निर्धारण की भी बात कही है।
मुख्यमंत्री ने इस प्रकार के प्रकृति एवं वन्य जीवों से संरक्षण एवं संवर्धन से जुड़े कार्यक्रमों में छात्रों की भी भागीदारी सुनिश्चित किये जाने पर बल देते हुए कहा कि राज्य का 71 प्रतिशत भू भाग वनों से आच्छादित है, इसमें हमारा प्रकृति से जुड़ाव स्वाभाविक से रहता है। राज्य के 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्य जीव विहार, 4 संरक्षण आरिक्षित तथा 2 टाइगर रिजर्व राज्य की पहचान हैं। वनों एवं वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन में राष्ट्रीय स्तर पर हमारी निरंतर पहचान बनी रहे इसके लिये सभी को सहयोगी बनना होगा। संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में भी वन्य जीवों का बड़ा महत्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अवधारणा के मूल में ऊर्जा एवं पर्यटन को राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार माना गया था। हम इस दिशा में प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने सभी से राज्य के विकास में सहयोगी बनने की अपेक्षा करते हुए कहा कि हमें जो भी जिम्मेदारी मिली है। हम उसे पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ निभाये ताकि हमें इसमें पछतावा न हो, पूरे मनोयोग से बेहतर ढ़ंग से कार्य करने वालों की ईश्वर भी मदद करता है। इससे आत्म सन्तुष्टि भी मिलती है, मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य समाज के अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुचाना है सभी के सहयोग से हम इसमें अवश्य सफल होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सांप, तितली एवं बांज वृक्ष पर आधारित तीन पोस्टर, कामन वर्ड ऑफ उत्तराखण्ड कॉफी टेबल बुक तथा स्कूलों के लिये दी जाने वाली ई-बुक का भी लोकार्पण किया।
अपने सम्बोधन में वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड से सभी की आस्था जुड़ी है। कार्बेट नेशनल पार्क उत्तराखण्ड की पहचान है। उन्होंने कहा कि वन एवं वन्य जीवों के संवर्धन मे भी देश मे उत्तराखण्ड का अपना महत्व है। देवभूमि के साथ ही यह गंगा यमुना की धरती है। हमारे राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव विहार, नेचर पार्क, चिडिया घर टाइगर रिजर्व के साथ ही बढ़ती टाइगरों व हाथियों एवं सैंकड़ो पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां समृद्ध जैव विविधता की परिचायक तथा पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि वनों एवं वन्य जीवों के संरक्षण में उत्तराखण्ड देश की धरोहर है। उन्होंने मुख्यमंत्री को युवा एवं ऊर्जावान मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनकी युवा सोच प्रदेश को विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ायेगी। प्रदेश का समग्र विकास ही हम सबका संकल्प भी है।
इस अवसर पर उन स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया गया जिनमें इको क्लब का गठन किया गया है।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जे.एस. सुहाग, अपर प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा आदि उपस्थित थे।