इमरजेंसी में उपचार को लाभकारी साबित हो रहा एम्स का हैलीपेड

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के हैलीपेड का आपात स्थिति में सुदूरवर्ती क्षेत्रों के मरीजों को सीधा लाभ मिलने लगा है। राज्य के सीमांत क्षेत्रों से पिछले 3 दिनों के भीतर ही आपात स्थिति के 4 मरीज उपचार के लिए एम्स अस्पताल पहुंच चुके हैं। जबकि इससे पूर्व भी एक मरीज को इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर एम्स लाया गया था।
आज दोपहर करीब एक बजे एयर एंबुलैंस के माध्यम से जनपद चमोली के लंगासू क्षेत्र से ब्लडप्रेशर, डायबिटीज और अन्य बीमारियों से ग्रसित 55 वर्षीय एक कोविड पाॅजिटिव मरीज को एयरलिफ्ट कर एम्स लाया गया। जबकि दो दिन पूर्व बीते सोमवार को भी राज्य के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी, उनकी पत्नी रजनी भंडारी को भी हैली एंबुलैंस सेवा के माध्यम से दूरस्थ चमोली गढ़वाल से इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स लाया गया था।

इस बाबत एम्स ऋषिकेश के एविएशन एंड एयर रेस्क्यू इंचार्ज डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि दो महीने पहले पौड़ी जिला मुख्यालय से एक चिकित्सक को हैली एंबुलैंस से एम्स लाया गया था। जो कि स्ट्रोक की वजह से गंभीर स्थिति में थे। लिहाजा एयर एंबुलैंस सेवा के चलते उन्हें समय पर उपचार मिल पाया और स्वास्थ्य होने पर कुछ ही दिनों में उन्हें एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया था। डाॅ. उनियाल ने बताया कि हैली एंबुलैंस सुविधा को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने के लिए एम्स की ओर से राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। जिससे उत्तराखंड के गरीब से गरीब परिवारों को भी इस सुविधा का लाभ मिल सके।

एम्स ऋषिकेश को एयर एंबुलैंस सुविधा से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 11 अगस्त-2020 को एम्स के हैलीपेड का उद्घाटन किया था। भौतिक और तकनीकी तौर पर यहां हैलीपेड संचालन की अनुमति प्रदान करने से पूर्व 28 जुलाई को डीजीसीए की टीम द्वारा 6 सीटर हैलीकाॅप्टर की ट्राॅयल लैंडिंग भी की गई थी। अब एम्स ऋषिकेश में हैलीपेड की सुविधा होने से इमरजेंसी उपचार की आवश्यकता वाले मरीजों को इसका सीधा लाभ होने लगा है। इससे खासतौर से उन गंभीर मरीजों को त्वरित उपचार मिल पा रहा है जिन्हें सीमांत अथवा सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों से एयर लिफ्ट कर एम्स पहुंचाए जा रहे हैं।

यमकेश्वर एक्सप्रेस के नाम से विद्यालय का हुआ लोकार्पण

विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मणझूला तक अब यमकेश्वर एक्सप्रेस पहुंच गई है, मजेदार बात यह है कि यह एक्सप्रेस सिर्फ स्कूली बच्चों के लिए ही है। इसमें बच्चों का न सिर्फ मनोरंजन हो सकेगा, बल्कि शिक्षा भी मिलेगी। जी हां, लक्ष्मणझूला क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय का चार लाख रूपए की विधायक निधि से जीणोद्धार किया गया है, इसे यमकेश्वर एक्सप्रेस का नाम दिया गया है, जिसे आज भाजपा विधायक रितु खंडूरी ने लोकार्पित किया है।

इस स्कूल में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए मनोरंजन का भी ध्यान रखा गया। इसके लिए बकायदा स्कूल की दीवारों को एक ट्रेन का रूप दिया गया है, जो बाहर से बड़ा ही आकर्षण का केंद्र है। इस कक्ष में बैठने पर बच्चों को एक पल के लिए यह तो एहसास जरूर होगा कि वह किसी ट्रेन के भीतर बैठे हों।

विधायक रितु खंडूरी ने लोकार्पण अवसर पर कहा कि यह एक्सप्रेस को वह पूरे यमकेश्वर में घुमाने वाली हैं, यह अब रूकने वाली नहीं है। इस दौरान पूर्व नपां अध्यक्ष शकुंतला राजपूत, मनीष राजपूत, सभासद जितेंद्र सिंह धाकड़ नवीन राणा, विधायक प्रतिनिधि अश्वनी गुप्ता आदि मौजूद रहे।

मेयर अनिता के अभिनव मॉडल पर पर्यटन विभाग का सकारात्मक रूख

मेयर अनिता ममगाईं के अभिनव मॉडल पर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने सकारात्मक कार्रवाई के संकेत दिए हैं। मेयर अनिता ने इस संदर्भ में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के संयुक्त निदेशक विवेक सिंह चैहान को जिला पर्यटन अधिकारी के माध्यम से पत्र लिखा था।

मेयर अनिता ने बताया कि बैराज जलाशय को साहसिक पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजना उनके चुनावी घोषणा पत्र के 11वें बिंदु में शामिल रही है। इसको लेकर विगत 18 नवम्बर वर्ष 2019 में बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। बताया कि योग नगरी के रूप में समूचे विश्व में अपना विशेष स्थान रखने वाले ऋषिकेश के बैराज क्षेत्र में बोटिंग, राफ्टिंग क्याकिंग की गतिविधियां साहसिक खेलों में रुचि रखने वालों के लिए उपहार साबित होगा। पर्यटकों के यहां आने से व्यापार को बल मिलेगा।

सोनिया गांधी के जन्मदिन पर जरूरतमंदों को बांटा फल


अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला के नेतृत्व में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के जन्मदिवस पर गंगा पूजन व जरूरतमंदों को फल व दूध वितरण कर उनकी स्वास्थ्य एंव दीर्घायु की कामना कर सादगी पूर्ण मनाया।

एआईसीसी सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने किसानों की समस्या को देखते हुऐ कार्यकर्ताओं से जन्मदिन को धूमधाम से ना मनाने को कहा है, इस कारण कार्यकर्ताओं ने त्रिवेणी घाट में मॉं गंगा में दुग्धाभिषेक कर जरूरतमंद बच्चों व लोगों को दूध व फल वितरण किये साथ हू मॉं गंगा से उनके दीर्घायु व स्वास्थय के साथ किसानों की समस्याओं का जल्द हल हो ऐसी कामना की।

इस मौके पर महिला कांग्रेस अध्यक्ष मधु जोशी, पूर्व प्रदेश सचिव दीपक जाटव, प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा, पार्षद राकेश सिंह, अजय मनमीत, सहदेव राठौर, पुरंजय राजभर, गौरव राणा, मनोज त्यागी, निशा वर्मा, संजय शर्मा, गुलशन सेवक, गौतम नौटियाल, जयपाल बिट्टू, गौरव यादव, संजय कुमार शर्मा, राजू गुप्ता आदि मौजूद थे।

हाईस्पीड संचार सेवा से जुड़ा राजकीय महाविद्यालय, स्पीकर ने किया उद्धाटन

स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने आज पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय महाविद्यालय में 4-जी संचार सेवा का विधिवत उद्धाघाटन किया। मौके पर एनसीसी कैडेट्स को स्पीकर ने एक लाख 50 हजार रुपये विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से देने की घोषणा भी की। इसके अलावा स्पीकर ने गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाले महाविद्यालय के 2 कैडेट्स को दस-दस हजार रुपये देने की घोषणा की।

स्पीकर ने कहा कि प्रदेश के सभी महाविद्यालयों को 4-जी कनेक्टिविटी से जोड़ने का अभियान जारी है आज इसी श्रृंखला में पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय महाविद्यालय को 4जी कनेक्टिविटी से जोड़ा गया जिससे छात्र छात्राओं को लाभ होगा।

कहा कि उत्तराखंड सरकार ने छात्र छात्राओं को पठन-पाठन में आने वाली समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए प्रत्येक महाविद्यालय को 4जी नेटवर्क से जोड़ने का संकल्प लिया है।

कार्यक्रम में उच्च शिक्षा के पूर्व निदेशक डॉ एनके महेश्वरी, महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सुधा भारद्वाज, भाजपा मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, श्यामपुर के मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, डॉ अंजू भटट, डॉ. सत्येंद्र कुमार, डॉ रूबी तबस्सुम, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप शर्मा, पूर्व छात्र संघ विश्वविद्यालय प्रतिनिधि नितिन सक्सेना, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विवेक शर्मा, बलविंदर सिंह, कौशल बिज्लवान, डॉ बीके गुप्ता, जय कृष्ण, आशीष जोशी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ, दयाधर दीक्षित ने किया।

एक्शन में मुख्यमंत्री, ई-गवर्नेंस को लेकर अब होगी कार्रवाई

उत्तराखंड सरकार ने 2017 के बाद भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के साथ सुशासन को अपने शीर्ष एजेंडे में रखा है। इसके लिए सरकारी कामकाज और सेवाओं को सुधारने को प्राथमिकता दी गई है। उत्तराखंड के जिलों में ई-गवर्नेंस का क्रियान्वयन प्रारंभ किया जा चुका है। राज्य स्तर पर प्रारंभ की गई सुशासन की योजनाओं की अब मुख्यमंत्री खुद मॉनीटरिंग करेंगे। इसके लिए सीएम डैश बोर्ड को ज्यादा दुरुस्त किया जा रहा है। यह पहली बार होगा कि डैश बोर्ड पर विभागों के कामकाज को लेकर जनता की शिकायतों और सुझावों को दोनों को शामिल किया जा रहा है। इसकी बड़ी वजह विभागों में जन समस्याओं के समाधान को लेकर की जा रही कार्यवाही का सच मुख्यमंत्री के सामने रहे। इसमें पहली बार जवाबदेही भी तय की जा रही है।
इसी वजह से सीएम डैश बोर्ड और सीएम हेल्पलाइन को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इस हेल्पलाइन में आम आदमी जन सेवाओं से जुड़े विभागों से संबंधित शिकायतों को दर्ज कराता है। हेल्पलाइन में शिकायतों के निवारण के लिए समयबद्ध व्यवस्था की गई है। डैश बोर्ड से जुड़ने के बाद हेल्पलाइन में दर्ज होने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर विभागों के स्तर पर की जाने वाली तैयारी और सतत रणनीति भी सामने आएगी।
सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने बताया कि सीएम डैश बोर्ड से जुड़े विभागों ने जन सुझावों पर अमल और शिकायतों का त्वरित निराकरण नहीं किया तो उनकी वार्षिक प्रविष्टियों में रेड एंट्री होगी। ऐसे में संबंधित अधिकारियों को जन शिकायतों में देरी या ढिलाई बरतने का दोषी पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डैश बोर्ड पर 50 फीसद से कम प्रगति वाले विभागों को डैश बोर्ड से स्वतः पत्र जारी किए जाएंगे।

1600 किमी सड़कों के निर्माण के लिए धनराशि मंजूर

उत्तराखंड की करीब 1600 किमी सड़कों का उद्धार होने की आस जगी है। शासन ने मरम्मत और सुधारीकरण के अभाव में खराब हो गई सड़कों को चमकाने के लिए 305 करोड़ रुपये मंजूर किए है। इस बजट से 74 मोटर मार्गों पर सुधारीकरण के नए काम होंगे, जबकि सड़कों पर पहले से चल रहे 25 कार्यों को सुधारा जाएगा।
बता दें कि कोविडकाल के दौरान लोनिवि सड़कों की मरम्मत नहीं कर पाया था। रही सही कसर मानसून के दौरान पूरी हो गई। बजट के अभाव में कई मोटर मार्गों पर सुधारीकरण के कार्य शुरू नहीं हो पा रहे थे। लेकिन अब उम्मीद जगी है।
शासन ने 74 सड़कों को चमकाने के लिए 238 करोड़ 47 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई है। इसी तरह 25 चालू कार्यों के लिए 67.43 करोड़ की धनराशि जारी हुई है। ये धनराशि पूंजीगत व्यय के तहत विशेष सहायता योजना में मंजूर की गई है। पिछले दिनों मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस योजना की समीक्षा की थी और लोनिवि व अन्य विभागों को धनराशि 31 मार्च से पहले खर्च करने के निर्देश दिए थे।

15 मार्च तक दुरुस्त कर लें सड़कें
शासन ने सड़कों के निर्माण के लिए बजट जारी करने के साथ इसकी डेडलाइन भी तय कर दी है। सचिव लोनिवि आरके सुधांशु के मुताबिक, 15 मार्च 2021 तक सड़कों के सुधारीकरण के कार्य पूरे होने हैं। साथ ही सुधारीकरण के कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए रैंडम सैंपलिंग भी कराई जाएगी।

आबादी बहुल क्षेत्र में हैं सड़कें
शासन ने जिन सड़कों के लिए बजट को मंजूरी दी है, उनमें अधिकांश सड़कें आबादी बहुल क्षेत्रों में हैं। इन सड़कों पर यातायात का खासा दबाव है। सड़कों में सुधार होने के बाद इससे यात्रियों को सुविधा होगी।

डबल लेन होगा दिवालीखाल-भराड़ीसैंण में मोटर मार्ग, बजट जारी
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को जोड़ने वाली दिवालीखाल-भराड़ीसैंण मोटर मार्ग को डबल लेन बनाने को शासन ने बजट जारी किया है। अभी यह मोटर मार्ग सिंगल लेन है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मोटर मार्ग को डबल लेन की करने घोषणा की थी। संयुक्त सचिव (लोनिवि) श्याम सिंह ने मोटर मार्ग को डबल लेन करने के लिए आठ करोड़ 53 लाख 16 हजार की धनराशि मंजूर करने का आदेश जारी किया।

अटैचमेंट को लेकर डीजीपी सख्त, मूल तैनाती के होंगे आदेश

उत्तराखंड के सभी पुलिसकर्मियों के पास एक माह के भीतर स्मार्ट कार्ड होंगे। इसके लिए डीजीपी ने विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सभी जिला प्रभारी और सेनानायक इस काम को अपने पर्यवेक्षण में करेंगे।
दरअसल, बीते 12 सालों से पुलिस के आईडी कार्ड का काम बेहद धीमा है। फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों के कार्ड दौरान नहीं बन पाए थे। इनकी संख्या तीन से चार के आसपास बताई जा रही है। आईकार्ड न होने से पुलिसकर्मियों को बाहरी जनपदों और राज्यों में दबिश देने में भी समस्या सामने आती थी। लेकिन, अब डीआईजी ने सभी के कार्ड बनाने के लिए एक माह का समय दिया है।

पुलिस में खत्म होगा अटैचमेंट का खेल
पहाड़ की ड्यूटी से बचने के लिए लंबे समय से अटैच चले आ रहे पुलिसकर्मियों को मूल तैनाती पर जाना ही होगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने अटैचमेंट वाले प्रकरणों की समीक्षा करानी शुरू कर दी है। वाजिब कारण वालों को छोड़कर सभी को पहाड़ चढ़ाने की तैयारी की जाएगी।
दरअसल, मैदान में समयावधि पूरी होने के बाद कर्मचारियों का पहाड़ पर ट्रांसफर किया जाता है। लेकिन, बहुत से कर्मचारी कई मजबूरियां बताकर विभिन्न दफ्तरों में अटैच हो जाते हैं। यह अटैचमेंट अग्रिम आदेशों या समस्या हल होने तक किया जाता है।
बावजूद, इसके तमाम कर्मचारी अब भी दफ्तरों से अटैच होकर मैदान में ड्यूटी कर रहे हैं। इस मामले में अब डीजीपी ने मुख्यालय में मौजूद कर्मचारियों का डाटा और उनके अटैचमेंट की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। ताकि, इन कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजा जा सके।

आईजी ने भी दिए थे निर्देश
पिछले दिनों रेंज स्तर पर आईजी अभिनव कुमार ने भी अटैचमेंट की स्थिति साफ करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कई कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने के निर्देश भी दिए थे। उन्होंने नाराजगी जताई थी कि बहुत से कर्मचारी सहूलियत का बेवजह फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अटैचमेंट एक सुविधा होती है, जिसका अनुचित लाभ लिया जाना गलत है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा पहाड़ पर ट्रांसफर हुए लोगों को जल्द ही मूल तैनाती पर भेजा जाएगा। इसके लिए सभी को निर्देशित किया जा चुका है। इसके लिए समितियां भी काम कर रही है। ट्रांसफर, पोस्टिंग को लेकर वर्तमान में नौ समितियां हैं।

हाईकोर्ट ने ईवीएम गड़बड़ी के आरोपों को नकारा, याचिकाएं खारिज

हाईकोर्ट ने विधान सभा चुनाव 2017 में ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा दायर पांचों चुनाव याचिकाओं को खारिज कर दिया है ।
न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने प्रदेश के 2017 में हुए विधान सभा चुनाव में ईवीएम मशीनों में हुई गड़बड़ी के मामले में मंगलवार को अपना निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने पांच चुनाव याचिकाओं को वेरिफाइड नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया है। जिनकी 14 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करते हुए निर्णय सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट के फैसले से ईवीएम को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठा रही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। जबकि भाजपा को विपक्ष पर हमलावर होने का अवसर मिल गया है। हालांकि याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता की ओर से कहा गया है कि हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी व पूर्व मंत्री नवप्रभात, विक्रम सिंह नेगी, राजकुमार, अम्बरीष कुमार, मसूरी की गोदावरी थापली ने बीजेपी के जीते हुए प्रत्याशी मुन्ना सिंह चैहान, खजान दास, आदेश कुमार चैहान और गणेश जोशी व अन्य के निवार्चन को चुनौती दी थी। याचिका में उन्होंने चुनाव आयोग व सरकार पर आरोप लगाया गया था कि इन भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की हुई है, लिहाजा इनके निवार्चन को निरस्त किया जाय, जबकि जीते हुए प्रत्याशियों की तरफ से कहा गया था कि ये याचिकाएं आधारहीन हैं। ईवीएम मशीनों में किसी भी तरह की गड़बड़ी नही हुई है, अभी तक याचिकर्ताओ ने गड़बड़ी होने का कोई सबूत पेश नही किया है लिहाजा सभी याचिकाएं निरस्त किए जाने योग्य है।

किसानों की हर मांग को गंभीरता से लेती है सरकार-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से सचिवालय में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने भेंट की। उन्होंने किसानों की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए उनके निराकरण का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। किसानों को 3 लाख रूपये तक का बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराये जाने के साथ ही उत्पादों के क्रय की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिये टोल फ्री नम्बर 1905 पर अपनी समस्यायें बतायें इससे उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को बिजली, पानी सहित कृषि सम्बन्धी कार्यों में आवश्यक सहयोग के लिये सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हित में देहरादून में किसान भवन बनाया गया है। राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को सहकारी चीनी मिलों के स्तर पर लम्बित सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान ऑनलाइन 24 घण्टे के अन्दर ही बिल प्राप्त होते ही आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में जमा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि नये पैराई सत्र से पहले गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निजी क्षेत्र की इकबालपुर शुगर मिल जो बन्द हो गई थी जिससे 22,500 किसान जुड़े थे, राज्य सरकार ने इस मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के व्यापक हित में खाण्डसारी नीति बनाई गई है ताकि जो भी किसान खाण्डसारी उद्योग शुरू करना चाहे शुरू कर सकता है। मुख्यमंत्री ने किसानों को विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने किसानों से किसान पेंशन निधि का लाभ लेने की भी अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वृद्धावस्था पेंशन भी दी जा रही है। इस योजना का भी लाभ किसान भाई ले सकते हैं।
इस अवसर पर किसान यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा रखी गई समस्याओं में प्रत्येक जनपद में किसान भवन बनाये जाने, किसानों को पेंशन दिये जाने, निजी चीनी मिलों के स्तर पर किसानों को लम्बित गन्ना मूल्य का भुगतान किये जाने, धान क्रय केन्द्रों पर एवं मण्डियों में सुविधायें उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित समस्यायें प्रमुख थी। किसानों का उत्पीड़न न हो इसकी व्यवस्था के निर्देश दिये जाने का भी अनुरोध उन्होंने मुख्यमंत्री से किया।
इस अवसर पर इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार डॉ धन सिंह रावत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी संजीव तोमर, प्रदेश अध्यक्ष सोम दत्त शर्मा, इन्द्रजीत सिंह सांगवान, राममेहर तोमर, चैधरी सुदेश पाल सिंह, चैधरी राजीव मलिक, विकेरा बालियान, पवन त्यागी, अजय त्यागी, श्रवण त्यागी एवं जावेद अली आदि उपस्थित थे।