मुख्यमंत्री ने 15 रक्षकों की नियुक्ति पत्र सौंपे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित सचिवालय सुरक्षा दल के 15 रक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है तथा आशा व्यक्त की सचिवालय सुरक्षा दल के चयनित रक्षक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए हम सबको अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सराहनीय कार्य कर प्रदेश के समग्र विकास में योगदान देना होगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी उपस्थित थी।

मुख्यमंत्री धामी ने 57 एपीओ को दिया ज्वाइनिंग लेटर, की उज्जवल भविष्य की कामना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग से चयनित 57 सहायक अभियोजन अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
मुख्यमंत्री ने चयनित सभी सहायक अभियोजन अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर ने आपको ऐसा कार्यक्षेत्र दिया है, जिसमें कार्य करने की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की सभी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ करेंगे। कार्यक्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना जिम्मेदारी पूर्वक करेंगे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की सेवा का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों में अभिभावकों, गुरुजनों और मार्गदर्शकों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की सफलता के लिए इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी चयनित अभ्यर्थियों पर जन सेवा की अहम जिम्मेदारी है। अपने कार्यक्षेत्र में मन में पूर्णतः जिम्मेदारी का भाव होना जरूरी है। सच्चे और अच्छे मन से कार्य हों, तो इससे बड़ी आत्म संतुष्टि मिलती है। उन्होंने सभी चयनित अभ्यर्थियों को अपने कार्य क्षेत्र में नवाचार एवं तकनीकि के बेहतर उपयोग के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए हम सबको अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सराहनीय कार्य कर प्रदेश के समग्र विकास के लिए अपना योगदान देना है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूलिस महानिदेशक अशोक कुमार, निदेशक अभियोजन पी.वी.के प्रसाद, सचिव एस.एन पाण्डेय, डीआईजी जन्मेजय खण्डूड़ी, अपर सचिव अतर सिंह एवं चयनित सहायक अभियोजन अधिकारियों के परिवारजन उपस्थित थे।

सीएम ने पीएम के जन्मदिन पर लाभार्थियों को चेक वितरित किये

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर ‘प्रधानमंत्री की सौगात-आपके लिए’ कार्यक्रम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत 11 लाभार्थियों को आवास स्वीकृति पत्र, चाबी एवं घर के लिए बर्तन और सामान क्रय के लिए 5-5 हजार रुपये के चेक प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थियों को अब घर के बर्तन और सामान के लिए 6-6 हजार रुपये दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान एन.आर.एल.एम योजना के 25 लाभार्थियों को चेक प्रदान किये। 10 समूहों को 75-75 हजार के सामुदायिक निवेश फण्ड (सीआईएफ) के चेक प्रदान किये गये। 5 समूहों को 10-10 हजार रुपये के रिवाल्विंग फण्ड के चेक और 10 समूहों को 1.50 लाख से 6 लाख रुपये तक के चेक प्रदान किये गये। राज्य में एन.आर.एल. एम योजना के तहत 5.01 लाख महिलाओं को संगठित कर 64 हजार 686 समूहों, 6 हजार 551 ग्राम संगठनों एवं 392 क्लस्टर स्तरीय संगठनों का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए भगवान केदारनाथ और भगवान बद्रीविशाल से उनके सुदीर्घ जीवन की कामना की। अपने जन्मदिन के सुअवसर पर देवभूमि की बहनों को पक्के मकान के रूप में विशेष उपहार देने पर उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बीच अनेकों ऐसे परिवार हैं जिनके लिए अपना खुद का घर मिलना किसी सपने के पूर्ण होने से कम नहीं है। गरीबों को अपना पक्का घर देना योजना मात्र नहीं है, यह प्रदेश के एक-एक वंचित को इस बात का विश्वास देने की प्रतिबद्धता है कि सरकार उनके सशक्तिकरण के लिए दृढ़ संकल्पित है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार हर गरीब तक पहुंचने का काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में पिछले 9 वर्षों में करीब 4 करोड़ से अधिक पक्के घर गरीब परिवारों को मिल चुके हैं। इनमें से करीब 70 प्रतिशत घर महिलाओं के नाम पर हैं। जब कोई सरकार अंत्योदय को अपना ध्येय मानकर कार्य करती है तो उसके परिणाम अलग होते हैं। राज्य में इस योजना के अंतर्गत प्रारम्भ से अब तक कुल 36229 आवासों का निर्माण पूर्ण करते हुए 609.24 करोड़ की धनराशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में हस्तान्तरित की जा चुकी है। देश में जिस स्तर पर शोषितों और वंचितों का आज सशक्तिकरण हो रहा है वैसा आज से पहले कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में भी विकास के एक नए युग का सूत्रपात हो चुका है। प्रदेश के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अनेकों कार्य किये जा रहे हैं।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी योजनायें गरीबों, वंचितों एवं मातृ शक्ति को ध्यान में रखते हुए चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत राज्य में अभी तक 62 हजार 932 लाभार्थियों को आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं तथा 609 करोड़ की धनराशि लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जा चुकी है। अब तक 36229 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं। अवशेष 12079 लाभार्थियों की आवास स्वीकृति की प्रक्रिया गतिमान है। समूहों को सशक्त बनाने हेतु वित्तीय समावेशन कर 44255 समूहों को रिवाल्विंग फण्ड के रूप में 53.67 करोड़ रुपये, 27079 समूहों को 174.27 करोड़ रू0 का सामुदायिक निवेश निधि एवं 55257 समूहों हेतु 443.27 करोड़ बैंक लिंकेज कर विभिन्न आजीविका संवर्धन गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। 2025 तक राज्य में 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान समय तक 40272 महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है।
इस अवसर पर सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, अपर सचिव ग्राम्य विकास नितिका खण्डेलवाल, सीडीओ देहरादून झरना कमठान सहित अन्य उपस्थित रहे।

सीएम ने किया दो मोबाइल लर्निंग स्कूल बसों का फ्लैग ऑफ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज राजपुर रोड, देहरादून से कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत उत्तराखण्ड के सात जनपदों में औषधालयों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री के जन्म दिवस के अवसर पर राज्य के जिन सात जनपदों में कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत औषधालयों का उद्घाटन किया गया उनमें पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चम्पावत, बागेश्वर, चमोली, रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी शामिल हैं। उन्होंने श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों व आश्रितों को शिक्षा प्रदान करने हेतु दो मोबाइल लर्निंग स्कूल बसों का फ्लैग ऑफ भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्रमिकों की पुत्रियों को विवाह उपरांत आर्थिक सहायता के चेक भी प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केक काटकर स्कूली बच्चों के साथ अपना जन्मदिन मनाया।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सात जनपदों में कर्मचारी राज्य बीमा औषधालयों के शुभारंभ होने पर इन जनपदों के वासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार, श्रमिकों के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अच्छी शिक्षा प्रदान करने के साथ ही बेटियों के विवाह के लिए आर्थिक सहायता और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्रमिकों की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए श्रम कानूनों में अनेक बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा कि अब राज्य के सभी 13 जनपदों में कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत औषधालय बनाये जा चुके हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, श्रमायुक्त दीप्ति सिंह उपस्थित रहे।

मोबाईल लर्निंग स्कूल वैन के जरिए बस्तियों में दी जाएगी क्वालिटी एजुकेशन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्यों में कार्यरत श्रमिकों को पंजीकृत करते हुए निर्माण श्रमिकों हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी के विजन के अनुरूप श्रम बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को चिन्हित करते हुए उनके बच्चो/आश्रितों को मुख्य धारा से जोड़ने की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं।
कामगार श्रमिकों के बच्चों क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करने एवं उनके उज्जवल बनाये जाने के सम्बन्ध में मोबाईल लर्निंग स्कूल के माध्यम से शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु 2 बसों की व्यवस्था की गई है। निर्माण श्रमिकों के बच्चो/आश्रितों, स्कूल ड्राप आउट बच्चों को निर्माण श्रमिकों के कार्यस्थल/निवास स्थल पर मोबाईल वेन के माध्यम से उक्त संस्थाओं द्वारा बच्चों को हिन्दी माध्यम से शिक्षा प्रदान की जायेगी तथा अन्य विषयों के साथ-साथ अंग्रेजी विषय का ज्ञान भी बच्चो को प्रदान किया जायेगा साथ ही कम्प्यूटर का ज्ञान भी मोबाईल लर्निंग स्कूल के माध्यम से बच्चो को प्रदान किया जायेगा।
समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत मोबाईल लर्निंग स्कूल के संचालन हेतु गढ़वाल मण्डल के जनपद देहरादून में 1 लाख 38 हज़ार एवं कुमाऊँ मण्डल स्थित हल्द्वानी में 40 हज़ार से अधिक श्रमिक पंजीकृत है। सभी के लिए शिक्षा परिषद् (शिक्षा विभाग) एवं आसरा ट्रस्ट/बटरफ्लाई संस्था के माध्यम से शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु मोबाईल लर्निंग स्कूल के संचालन की कार्यवाही बोर्ड स्तर से की जा रही है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनायें मॉडल वेल्फयर स्कीम, शिक्षा सहायता, प्रसूति सहायता, मृत्योपरान्त, विवाहोपरान्त, आरपीएल/ईडीपी प्रशिक्षण, जयानन्द भारती कौशल विकास योजना, टूल किट सहायता, साईकिल, सिलाई मशीन, छाता आदि सहायता बोर्ड द्वारा संचालित की जा रही है।
उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में कुल 4 लाख 69 हज़ार श्रमिक पंजीकृत है, जो कि विभिन्न निर्माण स्थल/रेलवे लाईन/प्रोजेक्ट साईटों पर तथा दूरस्त क्षेत्रों में कार्य कर रहें हैं जिस कारण उनके बच्चे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहें है।

सीएम धामी से मिलकर आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के करटेन रेजर के मौके पर आज आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार को दिया। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड के साथ 1000 करोड़ और ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू किया गया। पहले ही दिन इतने बड़े निवेश प्रस्ताव पर सहमति यह दिखाती है कि निवेशक उत्तराखण्ड को लेकर कितने ज़्यादा उत्सुक हैं और सरकार भी कितनी तत्पर है। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड उत्तराखण्ड में अगले तीन महीने में 1000 करोड़ के निवेश के साथ विभिन्न स्थानों पर 4/5 रिजोर्ट स्थापित करने जा रहा है। इससे 1500 लोगो के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। पूरे देश में यह महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड का किसी भी राज्य में सबसे बड़ा निवेश है।
उत्तराखंड में आगामी दिसम्बर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर नई दिल्ली स्थिति होटल ताजमहल में कर्टेन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है जहां उद्योगों के लिए अपार सम्भानाएं हैं। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है। उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असन्तोष की घटनायें ना के बराबर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन के साथ सरकार काम कर रही है। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिये विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्राकृतिक विरासत के साथ राष्ट्र में सबसे तेजी से बढती अर्थ व्यवस्था के रूप में विकसित करने के लिए सरकार संकल्पवद्ध है। राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉच किया गया है, जिसके तहत अगले 5 वर्षों में राज्य की एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 1200 से अधिक ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया है, जो वर्तमान में अनुपयोगी हैं और इनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु उपलब्ध है। राज्य में रेल, रोड एवं एयर कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है। देहरादून एयरपोर्ट से विभिन्न शहरों के लिये सीधी वायु सेवा उपलब्ध हो गई है। देहरादून एवं पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है। रेलवे नेटवर्क के विकास एवं उन्नयन के तहत ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। राज्य में चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी सम्भव है, जब उद्योग संघों से निरन्तर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि काशीपुर में अरोमा पर्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्वालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है निर्यात् को बढ़ावा देने के लिये भी नीति निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पौराणिक स्थलों के विकास का हमारा लक्ष्य ह। चारधाम आदिकैलाश की भांति कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों का मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत सर्किट बनाया जा रहा है। इसमें राज्य में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में कर्म करना हम सबका सौभाग्य है। राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्यमियों के अनुकूल है। उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित हैं। हेल्थ वेलनेस के साथ ऊर्जा का भी यह श्रोत है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद आज भव्य केदार बन गया है। शीघ्र ही केदारनाथ एवं हेमकुण्ड साहिब के लिए रोपवे का निर्माण हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में गढ़वाल व कुमाऊं मण्डलों में एक-एक शहर बसाया जाएगा। हरिद्वार ऋषिकेश में गंगा कॉरीडोर का निर्माण के साथ हरकी पैड़ी की भांति महाभारत काल की भांति यमुना की भी आरती हेतु कालसी के पास हरिपुर में घाट निर्माण का शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 9 उत्पादों में जीआई टैग हासिल किये हैं। इन जीआई टैगों में कुमांऊ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, ऐपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा, तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा नेटल (बिच्छू घास). पिछौड़ा, आर्टिस्टिक कैण्डल मुखौटा एवं मन्दिर प्रतिकृत आदि कुछ अन्य उत्पादों में जीआई टैग के लिये आवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में ( 8वें स्थान पर) शामिल है। जबकि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की LEADS रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य अचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल की स्थापना की है, जो निवेशकों / व्यवसायियों के लिये ‘वन स्टॉप शॉप’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट उपलबध करा रहा है। रू0 5.00 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाईन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है।
मुख्य सचिव डॉ एस.एस.संधु ने बताया कि उत्तराखण्ड निवेश के लिये उद्यमियों के लिए बेहतर डेस्टिनेशन हैं। दिल्ली एनसीआर के नजदीक होने के नाते बेहतर सड़क सुविधाओं के विकास द्वारा यह दूरी शीघ्र ही ढाई घण्टे में पूरी होने वाली हैं। इसी प्रकार हरिद्वार, कोटद्वार, रूद्रपुर, काशीपुर, टनकपुर के लिए भी सड़क सुविधाओं से यहां की दूरी भी कम समय में तय हो सकेगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड उद्योगों के अनुकूल है। हमारे प्रदेश में पानी का कोई विवाद नही हैं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य के बेहतर इकोसिस्टम से लोग राज्य के प्रति आकर्षित हो रहे है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में देश के विभिन्न राज्यों की उद्योग एवं निवेश से संबंधित नीतियों का अध्ययन कर नीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमी राज्य से जुड़े, इसके लिए उद्योगों के अनुकूल नीतियां एवं सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।

लंदन, सिंगापुर, ताइवान में आयोजित किए जाएंगे इंटरनेशनल रोड शो
उत्तराखण्ड ग्लोबल इंवेस्टर समिट की तैयारियों को उत्तराखण्ड सरकार ने पूरी तरह से तैयार है। समिट को लेकर विदेश में पहला अंतरराष्ट्रीय रोड शो 25 सितंबर से 28 सितंबर तक लंदन में होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसमें शामिल होंगे। इसके बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में सिंगापुर और ताइवान में रोड शो होंगे। वहीं दुबई और अबू धाबी में 16 से 20 अक्टूबर तक रोड शो के जरिये विदेशी निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा।

विदेश में होने वाले रोड शो में राज्य सरकार की ओर से अधिकारियों की टीम भी जाएगी। इसके बाद देश में 3 अक्टूबर को पहला रोड शो दिल्ली में आयोजित होगा, उसके बाद 6 और रोड शो होंगे, जो अहमदाबाद, चंडीगढ़, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद में आयोजित होंगे। राज्य सरकार द्वारा निवेशक सम्मेलन के माध्यम से कम से कम ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य में दिसंबर माह में होने वाली इन्वेस्टर समिट को लेकर उद्योग जगत में उत्साह का माहौल

उत्तराखंड में दिसंबर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर उत्तराखंड सरकार की तैयारियों व नीतियों से देश के बड़े उद्योग घराने खासे प्रभावित हैं। महिंद्रा हॉलीडेज, आईटीसी, ई-कुबेर जैसी नामी कंपनियों ने इन्वेस्टर समिट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किए जा रहे कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दिल्ली में आयोजित करटेन रेजर कार्यक्रम के मौके पर आज आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया जबकि उत्तराखंड सरकार ने ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ और महिंद्रा हॉलीडेज के साथ एक हजार करोड़ के निवेश पर एमओयू किया।
महिंद्रा हॉलीडेज एन्ड रिसोर्ट इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सीईओ कविंदर सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिए गए सक्रिय समर्थन, राज्य के लोगों के आतिथ्य के प्रति आकर्षण और एक मजबूत पर्यटन नीति से प्रोत्साहित होकर, हमारा लक्ष्य अपने सबसे बड़े निवेश के साथ उत्तराखंड सरकार के साथ साझेदारी करना है। आईटीसी कंपनी ने भी राज्य में पांच हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है, जो यह दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार की आकर्षक नीतियों के मद्देनजर यह ग्रुप भी राज्य में बड़े निवेश हेतु तैयार हैं।
इसी तरह से, जुबिलेंट फार्माेवा लिमिटेड व ओबेरॉय समूह के अधिकारियों ने उत्तराखंड में अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की और राज्य में निवेश के प्रति अपनी योजनाओं के बारे में चर्चा की।

सीएस ने हितधारकों से वार्ता कर व्यवसाय में आ रही दिक्कत को दूर करने कहा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में प्रदेश में जड़ी बूटी, ईको टूरिज्म, हर्बल और एरोमा पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु सम्बन्धित विभागों एवं हितधारकों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने हितधारकों से वार्ता कर उन्हें इस व्यवसाय में आ रही समस्याओं और सरकार द्वारा दिये जाने वाले सहयोग के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की। कहा कि प्रदेश को प्रकृति ने जड़ी बूटियों से भरपूर वन सम्पदा और इसके उत्पादन के लिए उचित प्राकृतिक वातावरण दिया है, जिसे प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने एवं प्रदेश की आर्थिकी बढ़ाने में उपयोग किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने इसकी पॉलिसी तैयार करते समय सभी हितधारकों के अच्छे सुझावों को शामिल करते हुए एक ऐसी पॉलिसी तैयार किए जाने के निर्देश दिए जिससे एक सकारात्मक माहौल तैयार हो। उन्होंने आमजन में जड़ी बूटियों और औषधीय पादपों के सम्बन्ध में छोटे छोटे वीडियोज के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। अधिक से अधिक वन मेलों का आयोजन कर अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों में जड़ी बूटी उत्पादन के साथ ही वैल्यू एडीशन एवं अन्य प्रकार के कार्यों के लिए स्थानीय स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल किया जाए। उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएं। प्रदेशभर में खाली बंजर पड़ी जमीनों में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जड़ी बूटी, ईको टूरिज्म, हर्बल और एरोमा पर्यटन को बढ़ावा देने, इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को शामिल करते हुए शोध एवं विकास की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में स्टार्टअप को भी बढ़ावा दिए जाने हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने उत्पादन से लेकर मार्केटिंग आदि से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी तैयार कर सभी को प्रशिक्षित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ड्रग मैनुफैक्चरिंग लाईसेंस की प्रक्रिया को भी सरलीकृत किया जाए एवं मार्केटिंग और रिटेल आउटलेट को भी अधिक से अधिक बढ़ाया जाए।
बैठक के दौरान हितधारकों की ओर से भी अच्छे सुझाव प्राप्त हुए, जिन्हें मुख्य सचिव ने पॉलिसी में भी शामिल किये जाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एपीसीसीएफ जी.एस. पाण्डे, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, निदेशक सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट डॉ. निर्पेन्द्र चौहान सहित हिमालयन हील, डॉबर इण्डिया लिमिटेड, पतंजलि, मुल्तानी फार्मासियूटिकल्स एवं इस व्यवसाय से जुड़े विभिन्न हिताधारक एवं प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहे।

जी-20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी में उत्तराखंड के उत्पादों को मिलीं सराहना

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित “जी 20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी“ में उत्तराखंड के स्टॉल में यहां के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। इस संबंध में उत्तराखण्ड के स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा ने बताया कि सचिव वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार सुनील बर्थवाल ने स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित उत्पादों की जानकारी प्राप्त कर सराहना की। रेजिडेन्ट कमिश्नर केरला सौरभ जैन ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर अन्य उत्पादों के साथ बिच्छू घास की बनी जैकेट की विशेष रूप से सराहना की। प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल के साथ विभिन्न प्रदेशों के रेजिडेन्ट कमिश्नरों ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित राज्य के उत्पादों की सराहना की।
उपनिदेशक उद्योग विभाग एवं नोडल अधिकारी डॉ एम एस सजवाण ने बताया कि उत्तराखंड के उद्योग विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल में उत्तराखंड राज्य के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। यहां अल्मोड़ा ट्वीड ऊनी स्कार्फ, डूंडा शॉल, पिथौरागढ़ के ऊनी कार्पेट, केदारनाथ व अन्य धार्मिक स्थलों की काष्ठ प्रतिकृति, नैनीताल ऐपण, उधमसिंहनगर की मूंज घास के उत्पाद, बागेश्वर के ताम्र उत्पाद, प्राकृतिक फाइबर जैकेट, प्रदर्शित किए गए हैं।

संसदीय कार्य मंत्री हुए भावुक, राज्य आंदोलन के दिनों को किया याद

सदन में राज्य आंदोलनकारियों/आश्रितों के आरक्षण के विषय पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल भावुक हो उठे। इस दौरान उनकी ऑखें आसूओं से नम हो गई। डॉ अग्रवाल ने राज्य आंदोलन के दौरान विकट परिस्थतियों में सक्रिय सहभागिता को याद करते हुये सदस्य विनोद चमोली एवं भुवन कापड़ी आदि की भावनाओं से स्वयं को सम्बद्ध किया तथा बहुमत होते हुये भी राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं को सम्मान करने के लिये प्रस्तावित विधेयक को प्रवर समिति को सन्दर्भित करने का अनुरोध किया।
सदन के भीतर संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि वह भी स्वयं राज्य आंदोलनकारी रहे हैं। उन्होंने आंदोलन के दिनों को याद करते हुए बताया कि उन दिनों महिलाओं के साथ जो अत्याचार हुआ, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इतिहास के पन्नों में वह दिन सबसे दर्दनाक रहा। उन्होंने डोईवाला में स्वयं के द्वारा राज्य आंदोलन में प्रतिभाग करते हुए तत्कालीन सत्ताधारी सपा पार्टी के द्वारा किये गए अत्याचारों को भी सदन के भीतर रखा। उन्होंने बताया कि आंदोलन में प्रतिभाग करने पर उन्हें डोईवाला चौक पर घसीट कर ले जाया गया।
डॉ अग्रवाल ने सदन के भीतर कहा कि वह मुजफ्फरनगर कांड के प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं, उसे दौरान उत्तराखंडवासियों के साथ अनहोनी हो गई थी। उन्होंने कहा कि उन दिनों को याद कर आज भी आंखें नम हो जाती हैं। डॉ अग्रवाल ने सदन के भीतर उन राज्य आंदोलनकारी को याद करते हुए उस दौरान हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।