पुलिस ने दिखया सीसीटीवी फुटेज, प्रदर्शन करने आए परिजन हुए शांत, लौटे घर

(एनएन सर्विस)
शनिवार रात ऋषिकेश कोतवाली के सामने मिले किशोर के शव को हत्या बताकर परिजन कोतवाली पहुंचे। जहा पर परिजनों ने हत्या होने की बात कहकर आरोपियों को पकड़ने की मांग की। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए परिजनों को सीसीटीवी फुटेज दिखाई। जिसमें किशोर को एक तेज रफ्तार से जा रही कार के द्वारा टक्कर मारना दिख रहा है। पुलिस ने कार को ट्रेस करने और अभी अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात कही। जिस पर घटना की सत्यता जानने के बाद परिजन घर की ओर लौटे।
रविवार की सुबह दो दर्जन से अधिक महिलाओं का दल कोतवाली परिसर पहुंचा। यहां मृतक के परिजनों ने काफी विलाप किया और मृतक की हत्या की आशंका जताकर पुलिस ने न्याय दिलाने की मांग की। इस पर पुलिस टीम ने उन्हें कोतवाली क्षेत्र के करीब आधा दर्जन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज दिखाई। इस फुटेज में मध्य रात्रि को एक तेज रफ्तार से आ रही कार किशोर को टक्कर मारती दिखी। कोतवाल रितेश शाह ने परिजनों को बताया कि शुक्रवार की मध्यरात्रि किशोर शराब के नशे में कोतवाली पहुंचा। यहां वह अपनी महिला मित्र के संबंध में कुछ बताना चाहता था। मगर, नशे में होने के चलते स्पष्ट तौर पर बता पाने में असमर्थ था। इस पर कोतवाली में तैनात पुलिस ने किशोर को अगली सुबह कोतवाली आने को कहा। इसके बाद किशोर कोतवाली से बाहर गया और कुछ ही देर में तेज आवाज आई। पुलिस मौके पर पहुंची तो युवक लहुलूहान अवस्था में पड़ा मिला। पुलिसकर्मियों ने व्हील चेयर पर बैठाकर किशोर को राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। मगर, यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि उक्त समस्त घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो रखा है। कोतवाल के समझाने के बाद परिजन शांत हुए और घर की ओर लौटे। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि घटना के संबंध में कार को जल्द ही ट्रेस कर लिया जाएगा।

मोदी रिट्रीट योगा होटल की महिला यात्री की ट्रेवल हिस्ट्री छुपाई, निकली पाॅजीटिव

(एनएन सर्विस)
ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने प्रशासन को गुमराह करने पर होटल मोदी रिट्रीट योगा के मैनेजर और महिला यात्री पर आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के नियमों का उल्लंघन पाते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि होटल मोदी रिट्रीट योगा में एक महिला दिल्ली रेड जोन से आई। लेकिन महिला यात्री सहित होटल के मैनेजर ने रेड जोन से आने की सूचना स्थानीय प्रशासन और पुलिस को नहीं दी। पुलिस को जब इस मामले का पता चला तो होटल मैंनेजर सतीश से दिल्ली से ऋषिकेश आने का ई-पास मांगा गया तो वह उचित जवाब नहीं दे सका। मैंनेजर की ओर से न ही महिला यात्री शीतल को क्वारंटीन किया गया। बता दें कि उक्त महिला की कोविड रिपोर्ट दो जुलाई को पॉजीटिव आई है।
इस बावत जिला मजिस्ट्रेट के आदेशों की अवहेलना करने पर होटल के मैनेजर और महिला यात्री के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाल ने आरोपियों की पहचान मैनेजर सतीश पुत्र धर्मपाल निवासी अमर एंटा पंचरुखी तहसील पालमपुर कांगड़ा हिमाचल प्रदेश और महिला यात्री शीतल के रूप में कराई है।

पोस्टमैन रामदेव से था प्रेरित, स्टंट के चक्कर में गई जान

(एनएन सर्विस)
बीते दिनों पेट के नीचे गहरे जख्म होने से अत्यधिक मात्रा में रक्त निकलने से जिस पोस्टमैन की मौत हो गई। वह मौत, दरअसल स्टंट करने के चक्कर में हुई। इस बात को परिजनों ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है। परिजनों ने पुलिस को पत्र लिखकर मृतक पोस्टमैन की वास्तविकता से भी रूबरू कराया है।
बता दें कि रविवार को मृतक अधेड़ पोस्टमैन गंगाराम कुकरेती की पत्नी संगीता और उनके भाई भगतराम कुकरेती ने श्यामपुर चैकी में पुलिस को पत्र लिखा। उन्होंने पुलिस को बताया कि मृतक पोस्टमैन अपने पेट को स्वामी रामदेव के पेट के समान स्ट्रांग बताया करता था। इसके चलते उन्होंने पूर्व में एक शादी समारोह और एक अन्य कार्यक्रम में भी पेट में चाकू से वार किया था। मगर, उस वक्त हल्की चोट आई थी। इस कारण कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। मगर, शनिवार को पोस्टमैन को स्टंट महंगा साबित हो गया। ओवर कॉन्फिडेंस की वजह पोस्टमैन की मौत का कारण बनी।

साथी के साथ भी नहीं हुई कोई कहासुनी
चैकी इंचार्ज श्यामपुर आशीष गुसांई ने बताया कि शनिवार को रेस्टोरेंट में पोस्टमैन के साथ ‌उनके साथी ‌पूर्ण प्रकाश पैंयूली भी पहुंचे थे। पूर्ण प्रकाश छिद्दरवाला पोस्ट आफिस में डाक राइडर के पद पर कार्य कर रहे है। पुलिस पूछताछ में पूर्ण प्रकाश ने बताया कि उनकी मृतक के साथ कोई कहासुनी नहीं हुई थी। मृतक ने उनसे पेट पर चाकू से वार कर स्टंट करने की बात कही। यह सुन वह घबरा गए। देखते ही देखते उन्होंने रेस्टोरेंट के कारीगर से चाकू लिया और स्वयं पर वार कर दिया। यह देखकर वह घबरा गये और पोस्ट आफिस चले गए।

मुख्यमंत्री ने किसके लिए कहा, सोशल मीडिया के नाम पर कलंक है, पढ़े पूरी खबर

(एनएन सर्विस)
राज्य में अब सोशल मीडिया की गतिविधियां पर खुफिया विभाग की नजर होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने खुफिया तंत्र से जुड़ी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वह सोशल मीडिया पर निगाह रखे। यह जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत से बातचीत के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार सोशल मीडिया असामाजिक हो जाता है। उसमें तमाम तरह के ऐसे लोग आ गए हैं जिन्हें देखकर कई बार लगता है कि वो सोशल मीडिया के नाम पर कलंक हैं। वे अपराध कर रहे हैं। इसलिए खुफिया विभाग को सोशल मीडिया पर निगाह रखने को कहा गया है। वे ये देखेंगे कि कहीं किसी का कोई खास एजेंडा तो नहीं है। खुफिया विभाग की उन पर लगातार नजर लगी रहनी चाहिए। जो अच्छे लोग हैं, उन्हेें शाबाशी मिलनी चाहिए।
वहीं, मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामलों की समयबद्ध जांच की वकालत की। विजिलेंस विभाग को गोपनीय के स्थान पर खुले रूप से जांच करने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जांच का फायदा तभी होता है, जब वह समयबद्ध हो। अगर वह समयबद्ध नहीं होती है तो कई बार उसके परिणाम भी प्रतिकूल हो जाते हैं। जो अपराधी होता है, वो अपने बचने के तमाम तौर तरीके निकाल लेता है। इसलिए जांच समयबद्ध होनी चाहिए, तभी उस पर प्रभावी कार्रवाई हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि करप्शन को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि जब मैंने शपथ ली थी, तभी मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कह दिया था कि हम जीरो टालरेंस की नीति पर काम करेंगे। यह तब तक रहेगी जब तक हम हैं। अगर हमारे पास कोई भी तथ्यात्मक जानकारी आती है, उस पर एक्शन करेंगे। हमने एक्शन किए हैं, आगे भी करेंगे।

संदिग्ध अवस्था में युवक की मौत, परिजनों ने हत्या की आशंका जताई

(एनएन सर्विस)
संदिग्ध अवस्था में कोतवाली ऋषिकेश के सामने एक युवक की लाश मिली है। पीड़ित पक्ष ने हत्या की आशंका जताते हुए सीओ ऋषिकेश से मामले की जांच करने की गुहार लगाई है। वहीं सीओ ऋषिकेश ने पीड़ित पक्ष को मामले में सहयोग करने वह सत्यता की जांच का आश्वासन दिया है।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार रात करीब एक बजे शांति नगर परशुराम चैक निवासी 17 वर्षीय सुधीर पुत्र रामकुमार घर से बिना बताये कहीं बाहर निकल गया। मृतक की बड़ी बहन सोनम ने बताया कि सुबह करीब 12 बजे उन्हें सूचना मिली कि उनका भाई कोतवाली के सामने मृत अवस्था में मिला है। यह सुनकर परिजन मौके पर पहंुचे। बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
वही पीड़ित पक्ष ने हत्या की आशंका जताई और जांच की मांग को लेकर पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र सिंह धोनी से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि मृतक का घर से निकलने से पूर्व एक व्यक्ति से झगड़ा हुआ था। उन्होंने मामले की कानूनी कार्रवाई की मांग की। वही पुलिस क्षेत्राधिकारी ने मामले पर सहयोग करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि घटना के आसपास के समय की सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रही है। घटनाक्रम के समय के अनुसार एक तेज रफ्तार से कार जाती हुई दिखाई दे रही है।

रेस्टोरेंट में शराब के सेवन को पहुंचा पोस्टमैन की संदिग्ध परिस्थिति में मौत

(एनएन सर्विस)
ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्रांतर्गत एक पोस्टमैन की संदिग्ध परि‌स्थिति में मौत हो गई। आसपास मौजूद लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल अवस्था में पोस्टमैन को राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त ही पोस्टमैन ने अपना दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार, शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे श्यामपुर चैकी क्षेत्र में स्थित पोखरियाल फास्टफूड एंड रेस्टोरेंट में पोस्टमैन गंगाराम कुकरेती अपने अन्य साथी के साथ पहुंचा। बताया जा रहा कि यहां उसने शराब का सेवन किया। इस दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसी ‌बीच गंगाराम के चिल्लाने की आवाज आई। आवाज सुन रेस्टारेंट में कार्यरत कारीगर वहां पहुंचा तो पोस्टमैन को लहुलुहान हालत में मिला। उसने देखा कि पोस्टमैन के साथ आया व्यक्ति मौके पर मौजूद नहीं है। रेस्टोरेंट के कारीगर ने पोस्टमैन को उठाकर बाहर रख दिया। इसी ‌बीच खून को देखकर आसपास मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही मौके पर चैकी इंचार्ज श्यामपुर आशीष गुंसाई पुलिस टीम के साथ पहुंचे और इमरजेंसी सेवा 108 को फोन कर पोस्टमैन को घायल अवस्था में राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। काफी खून बह जाने के कारण रास्ते में ही पोस्टमैन ने अपना दम तोड़ दिया। वहीं, पुलिस ने घटना के बाद रेस्टोरेंट संचालक और कारीगर को हिरासत में लिया है। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि पोस्टमैन की उम्र करीब 50 वर्ष है वह नंबरदार फार्म श्यामपुर के निवासी है। कोतवाल के अनुसार प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पोस्टमैन ने स्वयं ही किसी धारदार हथियार से अपने शरीर पर वार किया है। उन्होंने कहा कि विवेचना के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी।

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शक के दायरे में साथी और कारीगर
दोपहर ढाई बजे यह घटना हुई। मगर, मौके पर मौजूद उनका साथी वहां से फरार हो गया। मौके पर मौजूद कारीगर ने भी पोस्टमैन को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाने की बजाए रेस्टोरेंट के बाहर रख दिया। यह दोनों की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा है। यदि पोस्टमैन ने स्वयं को चोटिल किया तो उसके साथी ने रोका क्यो नही। साथ ही घटना की जानकारी पुलिस को क्यों नही दी गई और अस्पताल ले जाने के बजाए मौके से फरार क्यों हो गए।

संवेदनहीनता दिखी
बताया जा रहा कि मौके पर घायल अवस्था में पोस्टमैन करीब 20 मिनट तक तड़पते रहे। कारीगर ने जब उन्हें लहुलुहान अवस्था में रेस्टोरेंट के बाहर रख दिया तो मौजूद लोग वीडियो और फोटो खिंचने लगे। किसी ने भी उन्हें अस्पताल ले जाने की हिम्मत नही दिखाई।

आर्थिक घेराबंदी देख चीन घबराया, जल्द ही प्ले स्टोर से हटेंगी सभी एप

(एनएन सर्विस)
भारतीय क्षेत्र लद्दाख में घुसपैठ कर रहे चीन को सीमा में सबक सिखाने के साथ ही भारत ने अब उसे आर्थिक मोर्चे पर घेरते हुए 59 चीनी ऐप पर बैन लगा दिया है और गूगल को अपने प्ले स्टोर से उस सभी ऐप को हटाने का आदेश भी दे दिया है। भारत की इस कार्रवाई से चीन घबरा गया है और इसपर दुख जताते हुए स्थिति पर नजर रखने की बात कर रहा है। अभीतक गलवान में रौब दिखा रहे चीन भारत के इस ऐक्शन के बाद अब अंतरराष्ट्रीय कानून की दुहाई तक देने लग गया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने भारत के चीनी ऐप्स पर बैन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, चीन को काफी चिंता है और वह स्थिति की समीक्षा कर रहा है। बता दें कि दोनों देशों के बीच लद्दाख में एक महीने से ज्यादा वक्त से तनाव चल रहा है। गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 जवान मारे गए थे।
उन्होंने कहा, हम कहना चाहते हैं कि चीनी सरकार हमेशा से अपने कारोबारियों को अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय नियमों को पालन करने को कहती रही है। भारत सरकार को चीनी समेत सभी अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के कानूनी अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है।
बता दें कि केन्द्र सरकार ने सोमवार को 50 से ज्यादा चाइनीज ऐप्स को बैन करने का बड़ा फैसला लिया था। बैन किए गए ऐप्स की लिस्ट में ढेरों पॉप्युलर ऐप्स शामिल हैं और TikTok, UC Browser और Shareit जैसे नाम हैं। ऐप्स को बैन किए जाने की वजह इनका चाइनीज होना ही नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा और एकता को बनाए रखने के लिए जरूरी कदम मानते हुए ऐसा किया गया है। केन्द्र सरकार के आदेश के बाद करीब 59 ऐप्स को जल्द ही गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से हटाने की कार्रवाई की जा रही है।

वन भूमि हस्तांतरण के मामलों में समय के साथ तेजी लाने के निर्देश

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बैठकों में लिए गए निर्णयों की अनुपालना समयबद्धता के साथ सुनिश्चित की जानी चाहिए। कार्यवाही केवल पत्राचार तक ही सीमित न रहे बल्कि इसका आउटपुट दिखना चाहिए। मुख्यमंत्री, सचिवालय में उत्तराखण्ड राज्य वन्य जीव सलाहकार बोर्ड की 15 वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी बैठक का कार्यवृत्त उसी दिन बन जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएच 72-ए उत्तराखण्ड के लिए बहुत अधिक महत्व का है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, स्वीकृतियों के लिए आवश्यक औपचारिकताओं में किसी प्रकार की देरी न हो। कार्बेट रिजर्व व राजाजी टाईगर रिजर्व में गैण्डे के रिइन्ट्रोडक्शन का काम टाईमबाउंड तरीके से हो। राजाजी टाईगर रिजर्व के अंतर्गत चैरासी कुटिया का विकास इंटीग्रेटेड एप्रोच के आधार पर किया जाए। इसकी कार्ययोजना में वन्यजीवन, आध्यात्मिकता, संस्कृति सहित सभी पहलुओं का समावेश किया जाए। गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में स्थित गरतांग गली ट्रेल के मार्ग का पुनरूद्धार, इसकी मौलिकता को परिरक्षित रखते हुए किया जाए। आरक्षित वन क्षेत्रों में टोंगिया ग्रामों को राजस्व ग्रामों का दर्जा देने और संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के विस्थापन के बाद वन भूमि पर बसाये गए नए स्थलों के नवीनीकरण और डिनोटिफिकेशन का काम शीघ्र किया जाए।
बैठक में गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण विभिन्न मार्गों के निर्माण के लिए प्रस्तावों को अनुमति के लिए राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को भेजे जाने पर सहमति दी गई। इसी प्रकार सौंग बांध परियोजना के निर्माण से संबंधित वन भूमि हस्तांतरण और जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए वन भूमि हस्तांतरण के लिए अनुमति का प्रस्ताव भी राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को भेजा जाएगा।
बैठक में बताया गया कि कार्बेट टाईगर रिजर्व व राजाजी टाईगर रिजर्व में बाघों और जंगली हाथियों की धारण क्षमता का अध्ययन भारतीय वन्यजीव संस्थान से कराने के लिए प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। इसी प्रकार गैण्डे के रिइन्ट्रोडक्शन के लिए साईट सूटेबिलिटी रिपेर्ट मिल गई है। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की सीमा के रैशनलाईजेशन के लिए संबंधित जिलाधिकारियों, प्रभागीय वनाधिकारियों और भारतीय वन्यजीव संस्थान के प्रतिनिधि की एक समिति का गठन कर लिया गया है।
बैठक में जानकारी दी गई कि 6 जून से 8 जून तक तीन दिन उत्तराखण्ड में हाथियों की गणना की गई। इसमें पाया गया कि राज्य में कुल 2026 हाथी हैं। वर्ष 2012 में 1559 जबकि 2017 में 1839 हाथी थे। इस प्रकार वर्ष 2017 से हाथियों की संख्या में 10.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इसी प्रकार 22 से 24 फरवरी 2020 में जलीय जीवों की गणना की गई। इसमें पाया गया कि राज्य में 451 मगरमच्छ, 77 घड़ियाल और 194 ऊदबिलाव हैं। बताया गया कि वर्ष 2020 से 2022 तक राज्य में स्नो-लैपर्ड की जनसंख्या का आंकलन भी किया जाएगा। राज्य के 23 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में स्नो-लैपर्ड हैं।
बैठक में वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत, विधायक धन सिंह नेगी, दीवान सिंह बिष्ट, सुरेश राठौर, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, सचिव दिलीप जावलकर, सौजन्या, डीजीपी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार सहित बोर्ड के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

निर्मल ब्लॉक और वीआईपी कॉलोनी में एमडीडीए ने की कार्रवाई

(एनएन सर्विस)
मसरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने शुक्रवार को निर्मल ब्लॉक में दो बहुमंजिला भवन और वीआईपी कॉलोनी में निर्मित दो भवनों के छह फ्लेटों को सील किया है। अवैध निर्माणों के खिलाफ हुई एमडीडीए की कार्रवाई से बिल्डरों में भगदड़ मची रही।
शुक्रवार को एमडीडीए के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर श्याममोहन शर्मा के नेतृत्व में टीम निर्मल ब्लॉक पहुंची। यहां पर दो अवैध निर्माणाधीन भवनों की सीलिंग के आदेश पूर्व में ही जारी हुए थे। इस पर अमल करते हुए एमडीडीए टीम ने निर्मल ब्लॉक बी प्लॉट गली नंबर एक में नीरज अग्रवाल का पांच मंजिला भवन, त्रिलोकीनाथ यादव का आमबाग ब्लॉक प्लॉट नंबर एक गली नंबर दो पशुलोक में पांच मंजिला भवन को सील किया। इसके बाद टीम वीआईपी कॉलोनी पहुंची। यहां टीम ने किरण सुनेजा पत्नी दीपक सुनेजा का श्री रेजीडेंसी में अवैध रूप से निर्मित तीन फ्लैट्स को सील किया, जबकि शेष छह फ्लैट्स में रिहाइश होने के कारण सील नहीं किये। टीम ने यहां अन्य व्यक्ति संजय कुमार अग्रवाल 29 फ्लैट और एक स्टोर के तीन फ्लैट्स को सील किया है, जबकि शेष 26 फ्लैट्स जो कि वन रूम सेट हैं सील नहीं किए। टीम ने बताया कि रिहायश होने के चलते नोटिस देकर इन्हें खाली करवाया जायेगा फिर सील की कार्रवाई पूरी की जायेगी।
प्राधिकरण की टीम में अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा, सहायक अभियंता मनोज जोशी, अवर अभियंता प्रेमपाल सिंह व पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

डेंगू से बचाव कार्यो की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग, दिए जिलाधिकारियों को निर्देश

(एनएन सर्विस)
कोविड-19 के साथ ही डेंगू की रोकथाम के लिए भी प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। सचिव अमित सिंह नेगी ने सभी जिलाधिकारियों को डेंगू निरोधात्मक गतिविधियों का संचालन करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारियों को जारी निर्देशो में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोविड-19 के नियंत्रण के लिए बनाए गए क्वारेंटाईन फैसिलिटी और कोविड केयर सेंटरों में जलभराव की समस्या न हो। इसी प्रकार जिला चिकित्सालयों और अन्य चिकित्सा इकाईयों में भी पानी इकट्ठा न होने पाए। यहां जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए पीआरडी के कार्मिकोंध्स्वयंसेवकों को तैनात किया जा सकता है। जिन स्थानों पर भी पानी की निकासी अवरुद्ध रहती है, वहां समस्या का निराकरण समय से कर लिया जाए। जन जागरूकता व जनसहभागिता के लिए आई०ई०सी० संसाधनों का समुचित व समयान्तर्गत उपयोग हो। स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि में अंतर्विभागीय समन्वय किया जाए। सभी जिलाधिकारी, डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा भी करें।

डेंगू की रोकथाम के लिए ब्लॉकवार माइक्रो प्लान
डेंगू रोग पर रोकथाम और नियंत्रण के लिए ब्लाक वार, माइका्रे प्लान बनाकर कार्यवाही की जाए। जनपदों के चिकित्सालयों (जिला/बेस व मेडिकल कालेज) में भारत सरकार की गाईडलाइन के अनुसार आवश्यक कार्यवाही जैसे पृथक डेंगू आईसोलेशन वार्ड तैयार कर मच्छरदानी युक्त पर्याप्त बेड की उपलब्धता, स्टेंडर्ड केस मैनेजमेंट आदि सुनिश्चित किया जाए और डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाए।

प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो
डेंगू पीड़ित गंभीर रोगियों के लिए प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। डेंगू जांच केन्द्रों में समय से आवश्यक सामग्री जैसे एलिसा जांच किट व अन्य जांच सामग्री की उपलब्धता अवश्य हो। डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण में पहचान के लिए फीवर सर्वे किये जाए, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाये। डेंगू रोगी पाये जाने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से स्पेस/फोकल स्प्रे कराने के साथ-साथ जनपदीय आर0आर0टी0 द्वारा क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलेन्स एवं लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) कराई जाएं। स्वास्थ्य विभाग व आई0एम0ए0 प्रतिनिधियों/निजी चिकित्सालयों/पैथोलॉजी लैबों के मध्य समन्वय बैठक की जाये ताकि आमजन में डेंगू रोग के प्रति व्याप्त भ्रान्ति/भय को दूर किया जा सके। किसी भी प्रकार की आकस्मिक/आपातकालीन आवश्यकता के दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिला कार्ययोजना में भी डेंगू के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाये।

डेंगू के लिए हेल्पलाईन 104
आमजन को डेंगू सम्बन्धी जागरूकता और समुचित जानकारी प्रदान करने के लिये राज्य मुख्यालय पर इंटीग्रेटेड हेल्पलाईन क्रियाशील है जिसका टोल फ्री नं 104 है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह जून से नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित कर उक्त दूरभाष न० से राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी0 यूनिट को अवगत कराया जाए।

नगर क्षेत्रों में पार्षदों के सहयोग से हो साफ-सफाई
सचिव अमित सिंह नेगी ने सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को नगर क्षेत्रों में जन सहयोग से डेंगू की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। समस्त पार्षदों के सहयोग से लोगों को जागरूक किया जाए और साफ-सफाई की मॉनिटरिंग की जाए। निगम और नगर पंचायतों में ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए जहां मच्छर पनपने का खतरा बना रहता है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ परिसीमांत उप नगरीय क्षेत्रों में डेंगू निरोधात्मक गतिविधियों जैसे सोर्स रिडक्शन (डेंगू मच्छर के पैदा होने के स्थान को नष्ट करना), फागिंग आदि कार्य सुनिश्चित किए जाएं।

ऑनलाइन कक्षाओं में डेंगू से बचाव की जानकारी दी जाए
सचिव नेगी ने शिक्षा विभाग से भी अपेक्षा की है कि विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से डेंगू रोग से बचाव के लिए जागरूक किया जाए। अभिभावकों को भी जागरूक किया जाए। सभी विभागाध्यक्षों को भी निर्देशित किया गया है कि राजकीय कार्यालयों में नियमित रूप से परिसर में साफ सफाई की जाए। पानी की टंकियों को ढक कर रखा जाए। परिसर में कहीं भी जलभराव की समस्या न हो।