स्टाॅक में लाखों रुपये की हेराफेरी, एक्सपायरी माल देख भड़की मंत्री

(एनएन सर्विस)
टिहरी जिले में स्थित मुनिकीरेती स्थित पशुपालन विभाग के केंद्रीय औषधि भंडारण गृह में उस समय हड़कंप मच गया, जब राज्य मंत्री रेखा आर्य ने औचक निरीक्षण कर छापेमारी की। छापेमारी के बाद रेखा आर्य ने बताया कि गोदाम में लाखों रुपए की ऐसी दवाइयां रखी गई है जो कि एक्सपायर हो चुकी है। वहीं, कुछ लाखों रुपए के बिल ऐसे भी पाए गए हैं, जो कि आर्डर के बाद दवाइयां आई ही नहीं। जबकि इनका भुगतान फर्म को कर दिया गया है।
राज्यमंत्री ने बताया कि स्टॉक रजिस्टर में 2019 के दौरान दिए गए, आर्डर को 2020 में दर्ज किया गया है। और 2020 के आर्डर 2019 में दर्ज किया गया है। जिसे देखने से पता चला कि इस मामले में भी बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है। यह घोटाला विभागीय उच्च अधिकारियों के इशारे पर किया जाना बताया गया है। जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद घोटाले में संलिप्त सभी बड़े से बड़े अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि यह बड़े स्तर पर की गई वित्तीय अनियमितता है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि दवाई खरीदने मे अधिकारियों ने अपनी कमाई ही देखी है। सरकार का फायदा नहीं देखा है। उनका कहना था की यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण लापरवाही है जिसकी गंभीरतापूर्वक जांच की जाएगी। उनका कहना था कि छापेमारी पशुपालकों की शिकायत पर की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी पशुपालक का दवाई खरीदने मे उत्पीड़न नहीं होने देगी। जिसे उनके विभाग द्वारा गंभीरता पूर्वक लिया गया है। छापेमारी के दौरान निजी सचिव लाल सिंह नागरकोटी सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे ।

मंत्री ने दिए एफआइआर के आदेश दिए
राज्य मंत्री रेखा आर्य ने भ्रष्टाचार में लिप्त सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम को एफआइआर के आदेश दिए। उन्होंने बताया कि दवा भंडारगृह में निरीक्षण करने के दौरान कई तरह की अनियमितताएं पाई गई हैं। साफ पता लगता है कि दवाओं को लेकर बड़ा घोटाला हुआ है। मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। फिलहाल रजिस्टर और भंडारगृह को सील किया गया है।

कंस्ट्रक्शन साइट में कल हुई थी मौत, अब रिपोर्ट आई पाॅजीटिव

(एनएन सर्विस)
एम्स ऋषिकेश में देर शाम 2 और लोगों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव मिली है। इनमें पहला मामला रेलवे रोड ऋषिकेश पर गुरुद्वारे के नजदीक स्थित एक निर्माणाधीन होटल में कार्य कर रहे 44 वर्षीय व्यक्ति का है। जो कि बीते बुधवार को कंस्ट्रक्शन साइट पर गिर गया था, जिसे एम्स के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था। सेंट्रल दिल्ली निवासी इस व्यक्ति का पोस्टमार्टम से पूर्व लिया गया कोविड सेंपल आ शाम पॉजिटिव आया है। बताया गया कि यह व्यक्ति 22 जून को दिल्ली से ऋषिकेश आया था। वहीं, दूसरा मामला एम्स की कोविड लैब में कार्यरत 28 वर्षीया लैब टेक्निशियन पिछले दो दिन से शरीर में दर्द की शिकायत के साथ बुधवार को एम्स की ओपीडी में आई थी। जिसका कोविड सेंपल लिया गया था। जो कि आज पॉजिटिव पाया गया है। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि इस बाबत सूचना स्टेट सर्विलांस को दे दी गई है।

बुजुर्ग, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं का डेटा तैयार करने के निर्देश

(एनएन सर्विस)
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने शनिवार को सचिवालय में कोविड-19 के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रवासी की ट्रैवल्स हिस्ट्री की जानकारी प्राप्त करते हुए उनका कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने कम टेस्टिंग रेसियो वाले जनपदों को टेस्टिंग रेशियो बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना संक्रमण को रोकने एवं इसके नियंत्रण में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों को खुद की भी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इस संक्रमण को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को इस कार्य में लगे सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए, उन्हें सुरक्षा किट उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रवासियों का बेहतर ढंग से डाटा तैयार किया जाए ताकि पॉजीटिव पाए जाने पर उसकी टै्रवल हिस्ट्री की जानकारी तत्काल उपलब्ध हो सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने पोर्टल पर लगातार डाटा अपलोड करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए अपने-अपने जनपदों में छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग व गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों का डाटा तैयार करते हुए उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर घूमने-फिरने को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि क्वारंटीन सेंटरों हेतु बनाए गए प्रभारी अधिकारियों के पास अनिवार्य रूप से सुरक्षा किट की उपलब्धता के साथ ही उन्हें निर्धारित प्रोटोकॉल की पूर्ण जानकारी दी जाए। क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों की टै्रवल हिस्ट्री आदि की जानकारी का रजिस्टर भी मेन्टेन किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि क्वारंटीन सेंटरों में काउन्सलरों के माध्यम से प्रवासियों की निरन्तर काउंसिलिंग की जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को क्वारंटीन सेंटरों की व्यवस्थाओं का लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होने सभी जिलाधिकारियों को सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने तथा सभी व्यक्तियों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वालों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को कोरोना संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए गंभीरता एवं उत्साह के साथ बेहतर ढंग से कार्य किये जाने पर बधाई देते हुए आगे भी इसी उत्साह के साथ कार्य करने की बात कही।
सचिव स्वास्थ अमित नेगी ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि जनपद में आने वाले प्रवासियों को बेहतर ढंग से डाटा तैयार हो तथा उनकी निगरानी के लिए एक्टिव सर्विलांस को और अधिक बढ़ाया जाए। उन्होंने आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से होम एवं संस्थागत क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों का सर्विलांस कराते हुए कोविड केयर सेंटरों में सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए।

मरीजों में संक्रमण की दर बढ़ी लेकिन ठीक होने की दर में भी बड़ा सुधार

(एनएन सर्विस)
राज्य में बुधवार को कोरोना के 81 नए मरीज मिले। अब कुल मरीजों की संख्या 2023 हो गई है। वहीं 38 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी भी मिल गई है। कोरोना वायरस को हराकर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 1254 पहुंच गई है। जबकि 717 मरीजों का राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि बुधवार को अल्मोड़ा में 14, देहरादून में 35, नैनीताल में आठ, पौड़ी में एक, टिहरी में नौ, रुद्रप्रयाग में दो और उत्तरकाशी, हरिद्वार में 3, बागेश्वर 5, यू एस नगर 3 मरीज में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। बुधवार को कुल 656 सैंपल की रिपोर्ट आई जिसमें से 81 पॉजिटिव जबकि 613 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अपर सचिव ने बताया कि विभिन्न जिलों के 1254 मरीज ठीक होकर अस्पतालों से घर चले गए हैं। जबकि 717 का इलाज अभी चल रहा है। राज्य में कोरोना मरीजो के दोगुना होने की दर 26 दिन के करीब पहुंच गई है। जबकि रिकवरी रेट भी तकरीबन 62 प्रतिशत हो गया है।
लेकिन देखा जा रहा है कि मरीजों में संक्रमण की दर भी लगातार बढ़ रही है। राज्य में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही कंटेनमेंट जोन भी बढ़ रहे हैं और अब इनकी संख्या 86 हो गई है। अकेले हरिद्वार जिले में सर्वाधिक 51 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। जबकि देहरादून में 21 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।

ऋषिकेश मंडी 24 जून तक के लिए सील

(एनएन सर्विस)
ऋषिकेश क्षेत्र में अब कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर में कोरोना वायरस ने पैर पसार लिए हैं। यहां मंडी समिति अध्यक्ष विनोद कुकरेती सहित छह अन्य लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। प्रशासन इन सभी के प्रथम और द्वितीय संपर्क में आने वाले लोगों की खोजबीन कर रहा है।
देहरादून निरंजनपुर स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कृषि उत्पादन मंडी समिति ऋषिकेश में रैंडम सैंपलिंग ली गई थी। 13 जून को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ऋषिकेश कृषि मंडी समिति में 97 लोगों के सैंपल लिए थे। जिनमें मंडी समिति अध्यक्ष, कर्मचारी, व्यापारी, ट्रांसपोर्टर और पल्लेदार शामिल थे। इन सभी के सैंपल को जांच के लिए चंडीगढ़ लैब भेजा गया था। वहां से जांच रिपोर्ट बुधवार रात 9 बजे पहंुची है। इस रिपोर्ट में मंडी समिति परिसर में सात लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह सभी लोग एसिम्टोमेटिक यानी बिना कोरोना लक्षण वाले पाए गए हैं। इन सात लोगों में मंडी समिति अध्यक्ष विनोद कुकरेती सहित छह अन्य व्यापारी शामिल है। मंडी समिति अध्यक्ष ने फोन पर इस बात की पुष्टि की है।

आरती टिकू सिंह ने ट्वीट कर दी जानकारी, कुछ भारतीय सैनिक और अधिकारी लापता

(एनएन सर्विस-डेस्क)
भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। चीनी सैनिकों द्वारा कल रात लद्दाख की गालवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष में तीन भारतीय सैनिक शहीद हो गये है। सूत्रों की मानें तो विशेषज्ञ इसे एक पूर्ण युद्ध की आशंका मान रहे है।
टेलीग्राफ ने भारतीय सेना के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से बताया कि गलगाव घाटी में भारत और चीन के बीच कल रात आमने-सामने होने के बाद, भारतीय सैनिक भी लापता ह। माना जा रहा है कि यह सैनिक या तो मारे गए या उन्हे हिरासत में लिया गया है।
वहीं आईएएनएस इंडिया की रिपोर्टर आरती टिकू सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि सूत्रों के अनुसार कुछ भारतीय सैनिक और अधिकारी लापता है। उन्हे शायद गलवान घाटी में हिंसक झड़प के दौरान बंदी बना लिया गया है। वहीं चीन की पीपल लिबरेशन आर्मी हताहतों की संख्या बढ़ाने के लिए उन्हे पहाड़ी से फेंकने की धमकी दे रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, सेना ने इस बात की पुष्टि की है कि हिंसक आमना-सामना” में एक भारतीय अधिकारी और सेना के दो जवान शहीद हो गए थे। सेना ने एक बयान में कहा, “गालवान घाटी में डे-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान, कल रात दोनों पक्षों के हताहतों के साथ एक हिंसक सामना हुआ। भारतीय पक्ष पर जानमाल के नुकसान में एक अधिकारी और दो सैनिक शामिल हैं। ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा, “भारतीय सैनिकों ने सोमवार को दो बार सीमा पर अवैध रूप से सीमा पार करने और चीनी सैनिकों पर भड़काऊ हमलों को अंजाम देकर दोनों पक्षों की आम सहमति का गंभीर उल्लंघन किया।”

ओएसडी पंवार पहुंचे क्वारंटीन सेंटर, अधिकारियों में मचा हड़कंप

देहरादून के क्वारंटीन सेंटर में हुई युवक की मौत को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बेहद नाराज बताये जा रहे है। उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को क्वारंटीन सेंटरों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश मिलने पर आज मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी धीरेंद्र सिंह पवार ने बीते रोज हुए मृतक के क्वारंटाइन सेंटर में जाकर निरीक्षण किया और मौके पर मौजूद डाक्टरों व अधिकारियों से जानकारी ली, मौके पर उन्होंने जरुरी निर्देश भी दिये।
धीरेंद्र सिंह पवार ने डोईवाला विधानसभा के ग्राम सभा कालूवाला में प्राथमिक विद्यालय और बड़ोवाला इंटर कॉलेज के साथ ही नगरपालिका डोईवाला के अंतर्गत लच्छीवाला पंचायत घर व केशवपुरी बस्ती के प्राथमिक विद्यालय में बने क्वारंटीन सेंटरों का औचक निरीक्षण किया। वह व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो वहीं अधिकारियों के समय-समय पर क्वारंटाइन सेंटरों में निरीक्षण न करने की शिकायत के बाद अपनी नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई ।
धीरेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि इन क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे उत्तराखंड राज्य के प्रवासी इस राज्य का अभिन्न अंग है और उनकी सुरक्षा खाने पीने की व्यवस्था रहने की व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है जिसके लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। इन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसके लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है जिसके लिए सरकार ने ग्राम सभाओं को एक निश्चित धनराशि भी उपलब्ध कराई है कि जिससे इन क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत पेश न आये ।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अधिकारी इन सेंटरों में समुचित व्यवस्था बनाए रखने में अपना सहयोग दें अगर किसी प्रकार की लापरवाही सामने आती है तो सरकार कार्यवाही करने से पीछे नहीं हटेगी उन्होंने अधिकारियों को समय-समय पर इन क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों के स्वास्थ्य परीक्षण साफ-सफाई व भोजन इत्यादि की व्यवस्था जांचने परखने हेतु समय-समय पर निरीक्षण के निर्देश दिए हैं तो वहीं उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी इन व्यवस्थाओं के लिए लगातार औचक निरीक्षण किया जाता रहेगा जिससे कि किसी को भी किसी प्रकार की दिक्कत पेश न आये।
निरीक्षण के दौरान कालूवाला व बड़ोवाला में ग्राम प्रधान पंकज रावत, पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी, पूर्व प्रधान राजकुमार सिंह पुंडीर सहित केशवपुरी में निरीक्षण के दौरान सभासद प्रतिनिधि अमित कुमार भी मौजूद रहे।

याद है या भूल गए देहरादून की साप्ताहिक बंदी का आदेश इस शनिवार और रविवार को भी है लागू

राज्य सरकार द्वारा देहरादून में कोरोना संक्रमण को देखते हुए नगर निगम क्षेत्र के बाजारों को अगले आदेश तक यानि की शनिवार और रविवार के लिए बंद करने का निर्णय लिया था। साप्ताहिक बंदी के तहत कल शनिवार और रविवार को देहरादून नगर निगम क्षेत्र बंद रहेगा। बतातें चले कि 5 जून को जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी हुए थे। देहरादून नगर निगम क्षेत्र के बाजार पिछली बार की तरह इस बार भी बंद रहेंगे। इसके अलावा बंदी के दौरान वाहनों का भी संचालन नहीं होगा। सिर्फ आवश्यक सेवा से जुड़ी दुकानें, मेडिकल स्टोर और वाहन के संचालन की इजाजत दी गई है।इस दौरान पेट्रोल पंप, फल-सब्जी, मेडिकल स्टोर, डेयरी, गैसएजेंसी, टिफिन सर्विस, लाइसेंस धारक मीट की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां और अस्पतालों की ओपीडी खुली रहेंगी। वहीं स्वास्थ्य, चिकित्सा, पेयजल, नगर निगम और विद्युत विभाग के दफ्तर भी खुले रहेंगे।
वहीं, सभी दुकानें, प्रतिष्ठान, शराब के ठेके, बैंक, सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं निजी कार्यालय बंद रहेंगे। आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहन और एंबुलेंस को छोड़ परिवहन सेवाएं बंद रहेंगी। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने 5 जून को यह आदेश जारी किए थे।

डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर नगर निगम क्षेत्र में संख्या ज्यादा है। जिसे देखते हुए दो दिन की साप्ताहिक बंदी का निर्णय लिया गया है। डीएम ने बताया कि इस दौरान आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले चिंता की बात है। लेकिन, प्रशासन अपनी ओर से इसे रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। लोगों से भी अपील है कि वह लॉकडाउन के नियमों का पालन करें। जनसहयोग और जागरूकता के जरिये ही हम इस पर अंकुश लगा सकते हैं।

उत्तराखंड में 837 संक्रमित मरीज ठीक हुए

राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार इजाफा हो रहा है। आज प्रदेश में 75 और कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। अपर सचिव स्वास्थ्य डॉ. युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की है। अब प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 1637 हो गई है। जबकि 837 संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। अब एक्टिव केस की संख्या 778 हो गई हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, टिहरी जनपद में 30, देहरादून में 16, चमोली में तीन, हरिद्वार में 15, पौड़ी में एक, रुद्रप्रयाग में छह, ऊधमसिंह नगर में तीन केस सामने आए हैं। वहीं, एक प्राईवेट लैब से आई जांच रिपोर्ट में भी संक्रमित केस सामने आया है।
जबकि बीते दस दिनों में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या सक्रिय मामलों से अधिक हो गई है। प्रदेश की रिकवरी दर 51.79 प्रतिशत हो गई है। अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि केंद्र की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों को डिस्चॉर्ज करने के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। जिसमें संक्रमित मरीज को 10 दिन निगरानी में रखा जाएगा। सात दिन के बाद यदि मरीज में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं तो उसे अस्पताल से घर भेजा जाएगा। प्रदेश में रिकवरी दर 51 प्रतिशत पहुंच गई है।   

डॉक्टर समेत तीन में कोरोना की पुष्टि
राजकीय दून मेडिकल अस्पताल की एक और महिला डॉक्टर समेत तीन स्वास्थ्य कर्मियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। कोरोना के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. एनएस खत्री ने इसकी पुष्टि की है। जूनियर रेजिडेंट महिला डॉक्टर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज और देखभाल कर रही थीं। जबकि स्वास्थ्य कर्मी भी लगातार रोटेशन पर कोरोना मरीजों की देखभाल कर रहे हैं।  दून अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के कोरोना संक्रमण की जद में आने से स्वास्थ्य विभाग के साथ ही शासन प्रशासन की भी चिंता बढ़ी हुई है।

घटते संक्रमण के बीच भारत में नए मरीज बढ़ रहे

देशभर में करीब ढाई महीने लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे दी जा रही ढील के बीच संक्रमितों की संख्या 2.67 लाख के पार पहुंच चुकी है। प्रतिदिन करीब 10 हजार संक्रमित मिल रहे हैं। ऐसे में पिछले दो सप्ताह के आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित शीर्ष-5 देशों में अमेरिका, रूस और ब्रिटेन में घटते संक्रमण के मुकाबले भारत और ब्राजील में इसकी गति बहुत तेज रही है।
सबसे ज्यादा पीड़ित देशों में अब भी अमेरिका पहले नंबर पर है, जहां 20 लाख से ज्यादा मामले मिल चुके हैं। वहीं करीब 7 लाख मामलों के साथ ब्राजील दूसरे, जबकि करीब 5 लाख मामलों के साथ रूस तीसरे नंबर पर है। भारत फिलहाल 5वें नंबर पर चल रहा है, लेकिन उसके अगले तीन दिन में करीब 2.88 लाख मामलों के साथ चैथे नंबर पर चल रहे ब्रिटेन को पछाड़ देने की संभावना है।
आंकड़ों के हिसाब से देखें तो दो सप्ताह पहले जहां भारत और ब्राजील में नए मामले मिलने की दर 5 फीसदी से ज्यादा थी, वहीं अन्य तीनों देशों यह दर 2 फीसदी के आसपास थी। दो सप्ताह के दौरान भारत और ब्राजील में यह दर घटकर 5 फीसदी से नीचे आई है, लेकिन अब भी 4 फीसदी से ज्यादा गति से नए मामले मिल रहे हैं। इसके उलट अन्य तीनों देशों में यह दर घटकर 2 फीसदी से भी नीचे पहुंच चुकी है। ब्रिटेन में तो संक्रमण के नए मामले मिलने की गति महज 0.6 फीसदी ही बची है। 

भारत में नए संक्रमण की दर बढ़ी
भारत में संक्रमण की दर जहां दो सप्ताह पहले 5.6 फीसदी थी, वहीं ब्राजील उस समय 5.4 फीसदी की गति से आगे बढ़ रहा था। लेकिन अब ब्राजील में यह दर घटकर 4.3 फीसदी रह गई है, वहीं भारत में घटने के बावजूद नए संक्रमण की दर अब ब्राजील से भी ज्यादा 4.4 फीसदी आंकी जा रही है। हालांकि ब्राजील के आंकड़े संदेहास्पद भी हैं, क्योंकि लगातार बढ़ते मामलों से आलोचना के बाद अब वहां की सरकार ने मासिक आंकड़े देने बंद कर दिए हैं और रोजाना नए मिलने वाले मामलों की ही जानकारी अपनी वेबसाइट पर दे रही है। 

कम टेस्ट के बावजूद ज्यादा ग्रोथ रेट
सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि भारत और ब्राजील में अन्य तीन देशों के मुकाबले कोरोना टेस्ट की संख्या बेहद कम होने के बावजूद नए मामले मिलने की दर उनसे कहीं ज्यादा है। एक तरफ जहां रूस प्रति एक हजार की जनसंख्या पर 87.2 टेस्ट करा रहा है, वहीं भारत का आंकड़ा महज 3.4 टेस्ट का है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के हिसाब से देश में इस समय करीब 1.3 लाख टेस्ट रोजाना कराए जा रहे हैं, जबकि रूस में यह आंकड़ा 3 लाख और अमेरिका में 5.1 लाख टेस्ट प्रतिदिन का है। विशेषज्ञ पहले ही कह चुके हैं कि भारत में रोजाना होने वाली टेस्टिंग की क्षमता बढ़ने पर नए मामले मिलने की गति और ज्यादा तेजी से बढ़ती दिखाई देगी।