मुख्यमंत्री तीरथ ने वर्चुअली प्रेसवार्ता कर दी शाही स्नान को लेकर अपडेट

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ 2021 के दूसरे शाही स्नान का आयोजन भी कोविड 19 की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए दिव्यता व भव्यता के साथ संपंन हो गया है। सुरक्षित और सफल आयोजन में सहयोग के लिए सभी सहयोगियों का आभार।

सचिवालय में पत्रकारों से वर्चुअली बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हुए शाही स्नान में अखाड़ों के संत समाज से लेकर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने हरिद्वार कुंभ 2021 में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। उन्होंने प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बताया सोमवती अमावस्या पर हुए दूसरे शाही स्थान को लेकर श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह रहा। सुबह आठ बजे तक ही 15 लाख श्रद्धालू स्नान कर चुके थे। वहीं सायं 6 बजे जो आंकड़ा आया है उसमें स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 28 लाख पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि शाही स्नान के समापन तक करीब 35 लाख श्रद्धालु स्नान कर लेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की विपरीत परिस्थितियों में हो रहे कुंभ के आयोजन में चुनौतियां बहुत हैं। लेकिन हमारी सरकार ने उस चुनौती का स्वीकार किया है और कुंभ को दिव्यता और भव्यता के साथ सुरक्षित ढंग से संपंन कराया जा रहा है। कहा कि मेले में संत समाज की हर सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उनके स्वागत में कोई कमी नहीं है। किसी श्रद्धालू को भी कहीं परेशानी का सामना ना करना पड़े इसका अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ में व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के लिए हर अखाड़े के स्नान का समय निर्धारित है। और श्रद्धालुओं के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में टीका उत्सव के लिए व्यवस्थाएं पूरी की गई हैं। और टीकाकरण को जनपद से लेकर ब्लाक व न्याय पंचायत स्तर पर कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कहा कि टीकाकरण को लेकर अन्य प्रांतों की अपेक्षा हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं। इसके लिए भारत सरकार की ओर से मिल रहे सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने उन्होंने हृदय से आभार जताया।

स्किल इंडिया पैवेलियन कौशल मेला का हुआ वर्चुअल शुभारंभ

Need to link skill development program with self-reliant India and vocal for local: CM

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक व कौशल विकास व उद्यमशीलता मंत्री भारत सरकार, डॉ महेंद्र नाथ पाण्डेय ने हरिद्वार कुम्भ मेले में स्किल इंडिया पैवेलियन-कौशल मेला का वर्चुअल उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री भारत सरकार डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, भारत सरकार आरके सिंह, उत्तराखण्ड के कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत एवं विधायक व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने वर्चुअल उपस्थिति दर्ज कराई। इसमें कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में स्किल इंडिया पैवेलियन का डिजिटल लॉन्च कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने स्किल इंडिया के मेले में प्रतिभाग कर रहे युवाओं से बातचीत कर युवाओं को कौशल विकास के लिए अन्य लोगों को प्रेरित करने एवं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिये जाने और कौशल विकास कार्यक्रम को आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल से जोड़ने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने हरिद्वार कुम्भ मेले में स्किल इंडिया पैवेलियन-कौशल मेला के वर्चुअल उद्घाटन के अवसर पर कहा कि इस स्किल इंडिया पैवेलियन के द्वारा देश के युवाओं का कौशल विकास होगा और वे एक नए भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सम्पूर्ण विश्व में यह कुम्भ मेला भारत की आध्यात्मिक ताकत का बोध कराता है उसी प्रकार हम सभी का एकजुट प्रयास हो कि स्किल इंडिया पैवेलियन देश के युवाओं को आने वाले भविष्य के अनुरूप कौशल का निर्माण करने में एक दिशा दे और हम सभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कुम्भ मेले में केंद्र सरकार से बहुत महत्वपूर्ण सहयोग मिला है। हमारे कुशल कार्यबल की ही लगन और मेहनत का फल है कि इस महाकुम्भ का आयोजन ऐसी कठिन परिस्थितियों में भी किया जा सका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों से देश को एक नई दिशा दी है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है कौशल विकास कार्यक्रम। भारत युवाओं का देश है। हमारे युवाओं में देश को आगे ले जाने की योग्यता और क्षमता है। आज का विश्व प्रतिस्पर्धा का विश्व है। हमें अपने युवाओं को इस प्रतिस्पर्धा में जीतने योग्य बनाना है। इसके लिए बाजार की मांग के अनुरूप युवाओं के कौशल विकास पर खास ध्यान देना है। कोरोना की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कौशल विकास कार्यक्रम को आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल से जोङने की जरूरत है। इसके लिए जरूरत है, स्थानीय संसाधनों की उपलब्धता और भविष्य के बाजार की मांग के अनुसार रूपरेखा तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कृषि, उद्यानिकी, फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन विशेष तौर पर साहसिक पर्यटन और आईटी पर फोकस किया जा सकता है। इन क्षेत्रों में कौशल विकास के कार्यक्रम चलाए जाएं। इनकी मार्केटिंग पर भी ध्यान देना होगा। प्रदेश में स्थानीय स्वयं सहायता समूहों और इनमें भी महिला स्वयं सहायता समूहों को कौशल विकास से जोड़ें तो बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 में उत्तराखंड को अधिक लक्ष्य आवंटित किये जाने का अनुरोध किया।

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री, भारत सरकार डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि कुंभ मेला हमारे संस्कारों का अभिन्न अंग रहा है। कुभ में आने का लोगों का मुख्य उद्देश्य धर्म एवं मोक्ष से होता है, वहीं स्किल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य अर्थ और काम की प्राप्ति करना है। उन्होंने कहा कि मेलों का आयोजन भारतीय परम्पराओं का अभिन्न अंग रहा है। मेलों में खेती एवं कारोबार से संबंधित यंत्रों की प्रदर्शनी की भारत में पहले से ही परंपरा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कौशल विकास एवं आत्मनिर्भर भारत की दिशा आगे बढ़ने के लिए जो देशवासियों से आह्वाहन किया है, आज देश उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश को शीर्ष स्तर पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री जी प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जरूरतों के हिसाब से राज्य में कौशल विकास के लिए योजनाएं बनाई जा रही है। एडवेंचर, आर्गेनिक खेती, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में कौशल विकास के प्रशिक्षण के लिए उत्तराखण्ड को केन्द्र की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कुंभ दुनिया का आकर्षण का केन्द्र होता है, कुंभ के समय कौशल विकास की दृष्टि से लोगों में जागृति फैलाने का यह सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, कौशल विकास से उनकी प्रतिभाएं उजागर होंगी। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कौशल विकास विभाग द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।

कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, भारत सरकार आरके सिंह ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट विकास का मुख्य आधार रहा है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एवं लोगों में कार्य करने के हुनर को विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कौशल विकास एवं उद्यमशीलता नया मंत्रालय बनाया। उन्होंने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। व्यवस्थाओं में सुधार की गुंजाइश हमेशा होती है। इसके लिए राज्यों से जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, उन पर गम्भीरता से विचार किया जायेगा।

प्रदेश के कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री के कौशल भारत एवं कुशल भारत के संकल्प को लेकर हरिद्वार कुंभ के दौरान यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। युवाओं के हाथों में हुनर देकर हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से राज्य में युवाओं को स्किल से जोड़ा जा रहा है। एडवेंचर, ईको टूरिज्म, आर्गेनिक खेती और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में युवाओं का कौशल विकास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के साथ ही राज्य सरकार द्वारा युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव अतुल कुमार तिवारी, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सीईओ डॉ. मनीष कुमार, सचिव कौशल विकास, डी. सेंथिल पांडियन एवं निदेशक कौशल विकास आर राजेश कुमार आदि उपस्थित थे।

श्रृंगेरी मठ के पीठाधीश्वर ने जाना श्री भरत मंदिर का प्राचीन इतिहास

श्रृंगेरी मठ के पीठाधीश्वर का श्री भरत मंदिर आगमन पर भरत मंदिर परिवार एवं ऋषि कुमारों ने वेद मंत्रों द्वारा भव्य स्वागत हुआ। अनंत विभूषित शंकराचार्य योगानंन्दइसबना महाराज द्वारा ऋषिकेश नारायण श्री भरत महाराज के दर्शन किए गए। साथ ही सनातन धर्म की रक्षा के लिए नवी शताब्दी में उत्तर भारत प्रवास की यादें ताजा की गईं।

प्रातः स्मरणीय स्वामी की ओर से मुख्य मंदिर में स्थित विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियों के बारे में अपने शिष्यों को विस्तार से बताया। श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज द्वारा शंकराचार्य को मंदिर परिवार का भ्रमण कराते हुए श्री भरत मंदिर के प्राचीन इतिहास के बारे में बताया। आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित ऋषिकेश नारायण श्री भक्त भगवान की मूर्ति को देखकर स्वामी जी भाव विह्वल हुए एवं समस्त भरत मंदिर परिसर की अच्छी देखभाल करने के लिए साधुवाद दिया। तत्पश्चात शंकराचार्य का काफिला हरिद्वार के लिए रवाना हो गया।

इस अवसर पर हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, हरि नारायणाचार्य, बंशीधर पोखरियाल, आईडी जोशी, पंडित रवि शास्त्री, धीरेंद्र जोशी आदि उपस्थित रहे।

हरिद्वारः नेपाल के राजा ने की हरिद्वार महाकुंभ में शिरकत

हरिद्वार महाकुंभ में नेपाल के राजा ज्ञानेन्द्र बीर बिक्रम शाह के आगमन पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने राजा साहब को संदेश में कहा कि “देवभूमि उत्तराखंड और हरिद्वार कुंभ में आपका स्वागत है। आप साधु-संतों के सान्निध्य में गंगा स्नान कर कुंभ का पुण्य लाभ अर्जित करें।“

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के प्रतिनिधि के रूप में सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक रणवीर सिंह चैहान ने हरिद्वार जाकर राजा ज्ञानेन्द्र बीर बिक्रम शाह को मुख्यमंत्री की ओर से पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। राजा साहब ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और उत्तराखंड में निवास कर रहे नेपाली समुदाय के लोगों को संदेश भी दिया।

महंत रामकृपालु को श्रद्धांजलि देकर नए महंत बने श्याम चरण महाराज

श्री भरत मिलाप आश्रम में आज ब्रह्मलीन महंत रामकृपालु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं, श्याम चरण दास महाराज नए महंत बनाए गए।

मायाकुंड में श्री भरत मिलाप आश्रम में आयोजित पट्टाभिषेक कार्यक्रम के शुभारंभ में सभी आगन्तुकों ने ब्रह्मलीन महंत रामकृपालु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री विरक्त वैष्णव षड्दर्शन संप्रदाय के महामंडलेश्वर रामानंद आश्रम के महंत स्वामी अभिराम दास महाराज की अध्यक्षता एवं महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज के संचालन में श्याम चरण दास महाराज का पट्टाभिषेक किया गया। उन्हें महंताई की चादर ओढ़ाकर श्री भरत मिलाप आश्रम के महंत की जिम्मेदारी सौंपी गई। ब्रह्मलीन राम कृपालु दास महाराज के शिष्य गोपाल बाबा ने बताया कि श्याम चरण दास महाराज उनके गुरु भाई हैं और उन्हें आश्रम की जिम्मेदारी मिली है।

मौके पर महामंडलेश्वर अभिराम दास महाराज, रामेश्वर दास महाराज, महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, रामानुजाचार्य गोपाल आचार्य महाराज, डॉ. नारायण दास महाराज, महंत दुर्गादास, महंत विष्णु दास, महामंडलेश्वर राम नरेश आचार्य, लोकेश दास महाराज, पुजारी वृंदावन दास महाराज, सुरेश दास महाराज, केदारनाथ श्रीनिवास, विजयानंद महाराज, मां साध्वी वंदना मिश्रा, मेयर अनीता मंमगाईं, अरविंद पांडे, परमानंद दास महाराज, पंडित रवि शास्त्री, राम चैबे, अभिषेक शर्मा, गुरविंदर सलूजा, आईडी जोशी, रमाकांत भारद्वाज, धीरेंद्र जोशी, अमित गांधी, मनोज तिवारी आदि उपस्थित रहे।

हरिद्वार की तरह भव्य होगा ऋषिकेश का देवय स्नान व शोभायात्रा

ऋषिकेश। में 24 अप्रैल 2021 को त्रिवेणी घाट ऋषिकेश व 25 अप्रैल को कुंभमेला सभा मंडप पंतदीप हरिद्वार में समिति द्वारा आयोजित होने वाले देवस्नान एवं शोभायात्रा कार्यक्रम हेतु यथासंभव सहयोग की अपेक्षा करते हुए उन्हें सपत्नी कार्यक्रम में निमंत्रित किया।

कृषि मंत्री ने कहा कि हम ऋषिकेश के देवय स्नान व शोभायात्रा के कार्यक्रम को हरिद्वार कार्यक्रम से भी अधिक भव्य बनायेगे उन्होंने कहा कि यहां पर्व भारत की देव संस्कृति व लोक संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के साथ ही ‘सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयाः’ की भावना को पुष्ट करता है।

केंद्रीय प्रवक्ता डॉ धीरेंद्र रांगड़ ने कृषि मंत्री को देवडोलियों के रूट की जानकारी देते हुए बताया कि देहरादून परिक्षेत्र की समस्त देवडोलियां वाया नटराज चैक तथा रुद्रप्रयाग,पौड़ी, चमोली, श्रीनगर आदि क्षेत्रों की डोलियां वाया तपोवन तथा टिहरी उत्तरकाशी की देवडोलियां वाया नरेंद्रनगर भद्रकाली मंदिर ढालवाला में एकत्र होंगी। जहां भोजन-प्रसाधन के पश्चात दो बजे सभी देवडोलियां एक साथ अपने वाहनो के द्वारा इन्द्रमणि बडोनी चैक, देहरादून रोड, आई.एस.बी.टी.से होते हुए केवलानंदआश्रम चैक, मायाकुंड से होकर त्रिवेणी घाट पहुंचेंगी। सभी वाहन श्रद्धालुओं को वहीं छोड़कर भरत बिहार (डिग्री कॉलेज के सामने)बनी पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करेंगे। त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में देवडोलियों, नेजा निशान, व छतोलियों का भव्य स्वागत-सम्मान, पूजन व सामुहिक दिव्य स्नान का कार्यक्रम होगा।

3 बजकर 30 बजे पारम्परिक वाद्ययंत्रों के साथ सभी देव डोलियां व श्रद्धालुगण नगर शोभायात्रा के लिये प्रस्थान करेगे। घाट रोड, भरत मंदिर झंडा चैक, देहरादून रोड, रेलवे रोड, तिलक रोड, हरिद्वार रोड से होते हुए शोभायात्रा भरत विहार में पहुंचेगी, जहां से सूक्ष्म जलपान के पश्चात 6 बजे सभी देवडोलिया हरिद्वार के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा मार्ग में अमित ग्राम, गुमानीवाला, श्यामपुर, नेपाली क्षेत्र, सत्यनारायण, रायवाला, हरिपुर कलां व शांतिकुंज में देवडोलियों पर पुष्प वर्षा के साथ श्रद्धालुजनों द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा।
इस अवसर पर आशाराम व्यास, विशालमणि पैन्यूली, घनश्याम नौटियाल आदि उपस्थित थे।

पुलिस सर्विलांस के कंट्रोल सेंटर को अल्प समय में बनाना सराहनीयः सीएम

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मेला नियंत्रण भवन (सी0सी0आर0) में आपदा राहत दल, 40वीं वाहिनी पी0ए0सी0 के आदर्श बैरक, कुम्भ मेला-2021 के अन्तर्गत निर्मित पुलिस सर्विलांस सिस्टम के कमाण्ड कण्ट्रोल सेण्टर का लोकार्पण किया।

मेला नियंत्रण भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस सर्विलांस सिस्टम के कमाण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को अल्प समय में ही जो आधुनिक रूप दिया है, वह सराहनीय है। इसके लिये उन्होंने सभी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट कण्ट्रोल रूम समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसका डिजीटलीकरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप किया गया है। पुलिस स्मार्ट, आधुनिक तथा संवेदनशील होनी चाहिये।

मुख्यमंत्री ने आपदा राहत दल, 40वीं वाहिनी पी0ए0सी0 के 70 बेड वाले आदर्श बैरक में दी गयी सुविधाओं और व्यवस्थाओं, साफ-सफाई आदि की प्रशंसा करते हुये कहा कि अच्छा वातावरण व अच्छी सुविधायें मिलने से जवानों का मनोबल भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि पुलिस के आधुनिकीकरण पर कोई कोर-कसर नहीं रखी जायेगी। हम सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाते हुये महाकुम्भ को सफल बनायेंगे। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे प्रयास करने हैं कि उत्तराखण्ड की पुलिस का नाम देश में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में गर्व के साथ लिया जायेगा, क्योंकि महाकुम्भ में पूरे विश्व से श्रद्धालु आते हैं। उन्होंने कोविड के नियमों का पालन सुनिश्चित करने को कहा।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि हमने उत्तराखण्ड पुलिस को स्मार्ट बनाया है। यह कण्ट्रोल रूम इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हम महाकुम्भ में ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं कि स्थानीय लोगों को कम से कम दिक्कतों का सामना करना पड़े।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने देवभूमि रक्षक पत्रिका, दो प्रमुख गीतों-’’ये व्योम कुम्भ, धर्म ध्वजा का एवं गायक कैलाश खेर द्वारा गाया गया ’’ये धर्म कुम्भ, ये कर्म कुम्भ …. ये मानवता का कुम्भ तथा कौन सा स्नान घाट आपके नजदीक है आदि की जानकारी देने वाले एप का विमोचन किया। मेलाधिकारी दीपक रावत ने इस एप के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी सी0 रविशंकर, पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुम्भ मेला जनमेजय खण्डूरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, सहित मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने श्री गंगा सभा की ओर से आयोजित गंगा पूजन में की पूजा-अर्चना


महाकुंभ के इतिहास में पहली बार हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर 151 आचार्यों की ओर से किये गए शंखनाद से चहुं दिशाएं गूंज उठी। श्री गंगा सभा की ओर से महाकुंभ 2021 के सफल और शांतिपूर्ण आयोजन के लिए हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर आयोजित महापूजन में धार्मिक आस्था का माहौल रहा। ब्रह्मकुंड पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ ही श्रीगंगा सभा के पदाधिकारी, 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी अलग-अलग अपने अपने स्थान पर कलश, शंख, घंटी एवं पूजन सामग्री के साथ बैठकर मां गंगा का ध्यान कर रहे थे।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री महंत हरि गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव रविन्द्रपूरी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, नगर विकास मंत्री वंशीधर भगत, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव शहरी विकास शैलेश भगोली, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी मेला संजय गुंज्याल, डीएम सी. रविशंकर, एसएसपी हरिद्वार सैंथिल अबुदई कृष्ण राज एस, एसएसपी कुंभ जन्मजेय खंडूरी सहित अन्य अधिकारियों ने मंगलवार को हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर श्रीगंगा सभा की ओर से आयोजित मां गंगा के पूजन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने मां गंगा की पूजा-अर्चना की। इसके बाद श्रीगंगा सभा के आचार्य अमित शास्त्री ने मंत्रोउच्चारण के साथ मुख्यमंत्री से मां गंगा की पूजा-अर्चना ओर आरती कराई।

इसके साथ ही 151 आचार्यों ने मंत्रों का जाप किया तो साक्षात् देवों के आगमन जैसा माहौल निर्मित हुआ। मंत्रोउच्चारण के बाद माँ गंगा का पूजन, नैवेद्य अर्पण के साथ महाकुंभ 2021 के सफल आयोजन की कामना की गई।

इसके बाद आरती के बाद 151 आचार्यो ने जब शंखनाद किया तो पूरा हरकी पैड़ी परिसर इस ध्वनि से गूंज उठा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मां गंगा से कुम्भ के सफल आयोजन और सभी के कल्याण की कामना की। इसके बाद श्रीगंगा सभा कार्यालय में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल का श्री गंगा सभा के सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणी, उज्ज्वल पंडित सहित अन्य पदाधिकारियों ने गंगाजलि, चुनरी व प्रसाद भेंट किया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हर की पैड़ी हरिद्वार में श्री गंगा सभा द्वारा आयोजित गंगा महापूजन कार्यक्रम में भाग लिया। महापूजन का आयोजन कुंभ मेले के सफल आयोजन के उद्देश्य से किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्य और भव्य के साथ ही सुरक्षित कुंभ का आयोजन करने के लिए सरकार संकल्पित है। हरिद्वार के तीन संस्कृत महाविद्यालयों से आए 151 आचार्यों ने महापूजन के दौरान चारों ओर से मंत्रोच्चारण और शंखनाद किया। विधानसभाध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, डीएम हरिद्वार सी रविशंकर, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी समेत पुलिसदृप्रशासन के अधिकारी इस मौके पर मौजूद रहे।

देव डोलियों के अभिनंदन से देंगे विश्व बंधुत्व का संदेशः अनिता ममगाई

मेयर अनिता ममगाईं ने कहा कि उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों से आने वाली देव डोलियों का ऋषिकेश आगमन पर ऐतिहासिक अभिनंदन किया जाएगा। दिव्य भव्य आयोजन का उद्देश्य श्रद्धा और विश्वास के साथ सनातन संस्कृति का संवर्धन एवं संरक्षण करना और विश्व बंधुत्व की भावना का विकास करना है।

आज मेयर अनिता ममगाईं के कैंप कार्यालय में श्री देव भूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति की बैैठक हुई। इसमें मेयर अनिता ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ में देवडोलियों का ऋषिकेश आगमन पर भव्य और ऐतिहासिक स्वागत किया जाएगा। इस दौरान लोक संस्कृति के रंगों से देवभूमि सराबोर रहेगी। समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह ग्राम वासी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मेयर ने कहा कि महाकुंभ को लेकर तीर्थ नगरी में देश केे विभिन्न राज्यों से देव डोलियों का पहुंचना एक ऐतिहासिक अवसर होगा। इसके लिए कई जगहों पर तरुण द्वार सजाए जाएंगे।

24 अप्रैल को गंगा स्नान के पश्चात प्राचीन भरत मंदिर में भगवान भरत का आशीर्वाद लेकर भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी। जिसका कुम्भ नगरी हरिद्वार रवाना होने से पूर्व नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह स्वागत और अभिनंदन किया जायेगा। बैठक में संजय शास्त्री, बंशीधर पोखरियाल, रवि शास्त्री, ज्योति सजवाण, त्रिलोकी नाथ तिवारी, पार्षद मनीष बनवाल, विजेंद्र मोघा, कमलेश जैन, विजय बडोनी, गंबीर मेवाड़ आदि उपस्थित रहे।

पिथौरागढ़ के दो शहीद आश्रितों का सरकारी सेवा में हुआ समायोजन

उत्तराखंड में शहीदों के आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी में समायोजन योजना के तहत प्रदेश सरकार ने पिथोरागढ़ जनपद में दो आश्रितों को सरकारी सेवा में समायोजन कर दिया है। जिला प्रशासन ने इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया। लाभार्थियों में एक शहीद की धर्मपत्नी व दूसरी बहन हैं।

प्रदेश में शहीदों की विधवाओं व आश्रितों को सरकारी सेवा में समायोजन करने की योजना है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने पिथोरागढ़ जनपद में दो महिलाओं को नौकरी पर समायोजित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें पिथोरागढ़ तहसील के मूनाकोट गांव निवासी शहीद लॉसनायक गोविंद प्रकाश चंद्र की धर्मपत्नी सुनीता चंद तथा गंगोलीहाट तहसील के ग्राम बड़ेना निवासी शहीद सिपाही राजेंद्र सिंह की सिंह बहन खीमा का समायोजन किया गया है। शासन स्तर से इसके लिए संबधित जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए गए हैं। पिथोरागढ़ प्रशासन के मुताबिक शासन के निर्देशों के मुताबिक उक्त महिलाओं को राजस्व विभाग में समायोजन किया गया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि देश रक्षा में अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों के बलिदान को भी नहीं भुलाया जा सकता। शहीदों की विधवाओं व आश्रितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास सरकार की ओर से किए जा रहे हैं। पिथोरागढ़ में दोनों शहीदों के आश्रितों को सरकारी सेवा में समायोजन के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। शहीद परिवारों की सेवा के लिए हमारी सरकार कृत संकल्पित है।

शहीदों के आश्रितों को सेवायोजित करने के लिए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का आभार जताया। कहा कि देश रक्षा में प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों का पूरा देश ऋणी रहेगा। बलिदान के इस ऋण को कभी नहीं चुकाया जा सकेगा। हमारी सरकार ने आश्रितों को सेवायोजित करने की जो योजना संचालित की है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम ही होगी।