खुशखबरीः कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरु

कैलाश मानसरोवर यात्रियों के लिए खुशखबरी है। बादल फटने और रास्ते अवरुद्ध होने के चलते कैलाश मानसरोवर यात्रियों को अपनी यात्रा पूरी न होने की शंका थी। तीन दिनों से रुकी कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरु हो गई। आज 13वें दल के सदस्यों को गुंजी से धारचूला और पिथौरागढ़ नैनी-सैनी हवाई पट्टी मे सेना के हैलीकाप्टर द्वारा पहुंचाया गया।
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ का कहना है कि 13वां दल जो यात्रा पूरी करके लौट गया था उसके यात्रियों को आज गुंजी से धारचूला और 15 यात्रियों को पिथौरागढ़ नैनी-सैनी पहुचाया गया है। 14वां और 15वां दल इस समय कैलाश की परिक्रमा कर रहा है। वही 16वां दल सिर्खा से वापस धारचूला पहुंचाया गया है। जिसे हैलीकाप्टर द्वारा गुंजी ले जाया जायेगा। वही 17वां जत्था आज दिल्ली से यात्रा के लिसे रवाना हुआ है। इन यात्रा दलों को हैलीकाप्टर से पहुंचाया जायेगा।
इस बीच प्रशासन ध्वस्त हुये रास्तो को ठीक करने मे लगा हुआ है। प्रशासन का दावा है कि जल्द ही पूरी व्यास घाटी के टूटे रास्ते ठीक हो जायेगे।

जीएसटी में हिमालयी राज्यों को छूट देने पर सीएम ने जताया आभार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में ऐसे उद्योगों को जिन्होने जीएसटी लागू होने के पूर्व केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में छूट का फायदा उठाया था वर्ष 2027 तक बजटीय सहायता दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इससे ऐसे उद्योग जो राज्य से बाहर जा रहे थे, उनको राज्य में ही रोकने में सहायता तो मिलेगी ही, साथ ही नये उद्योग की स्थापना के लिये और अनुकूल वातावरण तैयार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग बढ़ने से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की जनता की ओर से केन्द्र सरकार का आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास पर नमामि गंगे परियोजना के एक कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता के दौरान यह बयान दिया।
पिथौरागढ़ में प्राकृतिक आपदा से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगातार राहत कार्य कर रही है। मौसम खराब होने के कारण हैलीकाॅप्टर नहीं उड़ पा रहे हैं। एक हैलीकाॅप्टर को धारचूला में ही रखा गया है ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में हैलीकाॅप्टर की सुविधा उपलब्ध करायी जा सके। एनडीआरएफ, एसडीआआरएफ, आईटीबीपी, सेना एवं स्थानीय लोग लगातार राहत कार्यों में लगे हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में रहने एवं खाने की निशुल्क सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में चिकित्सा टीम द्वारा मेडिकल कैम्प के माध्यम से प्रभावितों के साथ ही स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क एवं पैदल मार्ग की मरम्मत आदि का कार्य किया जा रहा है। दो चिकित्सा टीमों द्वारा मालपा तथा सिमखोला में चिकित्सा कैंप लगाकर कर स्वास्थ्य परीक्षण तथा दवा वितरित की जा रही है। भ्रष्टाचार से जुड़े प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई में काम कर चुके पूर्व अधिकारियों को लेकर एक टीम बनायी जाएगी, ताकि भ्रष्टाचार से जुड़े मसलों की जांच समय से पूरी की जा सके। इससे भ्रष्टाचार से जुड़े मसलों के निस्तारण में तेजी आएगी।

शिया बोर्ड के हलफनामे से राम जन्म भूमि विवाद में नया मोड़ आने के संकेत

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का हल निकलने की उम्मीद प्रबल होती जा रही है। शुक्रवार सेे सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ मामले की सुनवाई करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लंबित चुनौतियों के साथ यूपी शिया वक्फ बोर्ड की ओर से दायर हलफनामे पर विशेष पीठ सुनवाई करेगी। साथ ही बोर्ड द्वारा विवादिल स्थल पर मालिकाना हक जताने की अपील पर साथ में सुनवाई कर सकती है।
रामलला विराजमान, हिन्दू महासभा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत तमाम पक्षकारों हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ के 30 सितंबर 2010 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने दो-एक के बहुमत से फैसला सुनाते हुए राम जन्मभूमि को तीन बराबर हिस्सों में रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी बोर्ड मे बांटने का आदेश दिया था। सर्वोच्च अदालत ने 9 मई 2011 को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाएं विचारार्थ स्वीकार की थीं और हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। साथ ही कहा था कि मामला लंबित रहने तक संबंधित पक्षकार विवादित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखेंगे। इसके बाद भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दर्शनार्थियों के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की जिसका विरोध मुख्य याचिकाकर्ता मोहम्मद हाशिम ने की थी। लेकिन अदालत ने स्वामी की मांग को मुख्य मामले के साथ सुनवाई करने का निर्णय लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तीन न्यायाधीशों जस्टिस दीपक मिश्रा, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की विशेष पीठ का गठन मामले पर सुनवाई के लिए किया। शुक्रवार, 11 अगस्त को दोपहर दो बजे से इस मामले पर नियमित सुनवाई होगी या फिर अंतरिम राहत की मांग वाले आवेदनों पर विचार किया जाएगा। यह सुनवाई के दौरान ही विशेष पीठ स्पष्ट करेगी। दरअसल इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन करते हुए अदालत ने यह स्पष्ट नहीं किया है और रजिस्ट्री ने संबंधित पक्षकारों को ऐसी कोई सूचना दी है जिससे यह साफ हो कि विशेष पीठ मामले के किस पहलू पर गौर करेगी। साथ ही अदालत से स्वामी ने भी आवेदन में जल्द सुनवाई की मांग कई बार की है और अदालत ने उन्हें जल्द सुनवाई करने का भरोसा भी दिलाया था।
सुनवाई की तिथि से कुछ दिन पहले ही शिया बोर्ड ने हलफनामा दाखिल कर मामले में समुचित समझौते का रुख व्यक्त किया। उसने कहा कि विवादित स्थल से समुचित दूरी पर मुस्लिम बहुल इलाके में एक मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है। इसके बाद ठीक अगले दिन शिया बोर्ड ने ढहाए जा चुके विवादिल स्थल की जमीन के मामले में 1946 में दिए गए ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दे दी। सात दशक बाद दायर याचिका में उसने विवादित स्थल पर मालिकाना हक जताते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले में खामी बताई और सुप्रीम कोर्ट से मामले पर विचार कर फैसला करने की गुजारिश की। इस अपील में कहा गया है कि मस्जिद बाबर ने नहीं, मीर बाकी ने बनवाई थी जो एक शिया था।
खास बात ये है कि हलफनामे में शिया वक्फ बोर्ड ने यह भी कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड शांतिपूर्ण तरीके से इस विवाद का हल नहीं चाहता। इस मसले को सभी पक्ष आपस में बैठकर सुलझा सकते हैं जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट उन्हें समय दे। बोर्ड ने कहा कि इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई जाए। सर्वोच्च अदालत इस मामले को बातचीत के जरिए हल करने को पहले ही कह चुका है। ऐसे में शिया बोर्ड का हलफनामा इस मामले का अदालत का रुख बदल सकता है और सभी पक्षकारों से समझौते को लेकर अदालत सवाल कर सकती है।

चीन से उत्तराखंड को कोई खतरा नहीं: सीएम

अगस्त क्रांति की वर्षगांठ पर देहरादून के एमकेपी गर्ल्स पीजी कॉलेज में स्वाधिनता समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छात्राओं को देशभक्ती का पाठ पढ़ाया। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में भारत की चीन सीमा पर किसी भी तरह का खतरा नहीं है।
अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि अगस्त क्रांति में उत्तराखंड का भी अहम योगदान रहा है। राज्य अभिलेखागार में प्रदेश के लोगों के त्याग, कुर्बानी, समर्पण और संघर्ष की कहानी संजोयी हुई है। उन्होंने कहा कि अगस्त क्रांति की 75वीं वर्षगांठ पर सभी को एक मजबूत एवं समृद्ध उत्तराखंड तथा भारत निर्माण का संकल्प लेना चाहिए। कहा कि चीन से उत्तराखंड को कोई खतरा नहीं है। भारतीय सेना मजबूत है और किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने में सक्षम है। केंद्र सरकार से लगातार चीन सीमा को लेकर समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सीएम ने कॉलेज में शौर्य दीवार का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, विधायक खजान दास आदि मौजूद रहे।

लायंस क्लब से जुड़ी महिलाओं ने आईटीबीपी जवानों की राखी बांधी

रक्षाबन्धन भाई-बहिन के प्यार का त्यौहार है जिसमें भाई बहिन की हर परिस्थिति में रक्षा करने का वचन देता है। सीमा पर तैनात जवान पूरे देश की रक्षा करते है लेकिन रक्षाबन्धन समेत तमाम त्यौहारों में अपनी बहिनों से उन्हे दूर रहना पड़ता है। ऐसे में लायंस क्लब ऋषिकेश रॉयल की महिला इकाई द्वारा आईटीबीपी के जवानों के साथ रक्षा बंधन का त्योहार मनाया गया। लायंस क्लब रॉयल की महिलाओ ने राखियॉ लेकर आईटीबीपी कैम्प में फौजी भाइयो को हाथों से बनाई राखी बांधी। लायंस क्लब रॉयल की महिला इकाई की क्लब कॉर्डिनेटर लायन कोमल मखीजा का कहना है कि राखी के त्योहार में बहन अपने भाई को राखी बांधती है। बदले में उनसे यह उम्मीद करती है कि वह उसकी हर बुराई से रक्षा करे और हमारे देश के सैनिक ही सही मायनों में हमारे रक्षक है। जो कि हमारी व भारत माता की रक्षा सीमा पर रह कर कर रहे है। वह अधिकतर त्योहार में अपने घर परिवार से दूर होते है। इस लिए उनके क्लब के द्वारा इस वर्ष रक्षा बंधन का त्योहार उनके साथ मनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दी राहत, शराब की दुकानें होंगी बहाल

राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में हाईवे पर शराब के ठेके और बार खुल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने नौ पहाड़ी जिलों में हाईवे पर 500 और 220 मीटर दूरी की बाध्यता खत्म कर दी है। देहरादून और नैनीताल की सात तहसीलों को भी इस छूट का लाभ दिया गया है।
शुक्रवार को इसके आदेश मिलने के बाद आबकारी विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने सिक्कम में हाईवे पर दुकान खोलने के लिए दूरी में दी जा रही छूट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। जिसमें कहा गया था कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों की परिस्थितियां भी सिक्किम की तरह हैं। ऐसे में यहां भी उसी आधार पर हाईवे में शराब की दुकानें, ठेके और बार खोलने में दूरी की छूट दी जाए।
इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार के पक्ष में फैसला दिया। जिसमें कहा गया कि सिक्कम के लिए मार्च में दी गई छूट के आधार पर ही उत्तराखंड के नौ पहाड़ी जिलों में दुकानें या बार खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर और 220 मीटर दूरी की बाध्यता नहीं रहेगी। आबकारी आयुक्त युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की है।

इन जिलों में मिलेगी छूट
कोर्ट के इस फैसले से चमोली, चंपावत, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में अब ठेके खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर या 220 मीटर की दूरी नहीं रखनी पड़ेगी। इससे विभाग को राजस्व का भी फायदा होगा।

अयोध्या रामजन्म भूमिः देश दुनिया की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकेगी

देश विदेश में अयोध्या का नाम सुनते साथ ही हिन्दूओं की आस्था के प्रतीक श्रीराम की तस्वीर उभर कर सामने आ जाती है। इस मामले में नया घटनाक्रम यह है कि अब अयोध्या रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 11 अगस्त से करने का फैसला किया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 3 जजों की स्पेशल बेंच तैयार की है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने का सुझाव दिया था। ये एक ऐसा विवाद है, जिसकी आंच में भारतीय राजनीति आजादी के बाद से ही झुलसती रही है। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी, जिसका मुकदमा आज भी लंबित है।
आपकों बताते चले कि देश की आजादी से पूर्व इस स्थान को लेकर दोनों पक्षों में विवाद है। एक ओर हिन्दू इसे श्री राम की जन्म स्थली बताकर राम मंदिर का निर्माण करना चाहते है वहीं मुस्लिम इसे बाबरी मस्जिद बताकर अपना पक्ष रख रहे है। दोनों के दावे अब तक कई कोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गये है। पूर्व में इलाहाबाद कोर्ट ने उक्त स्थान की खुदाई करवाकर जिस पक्ष के अवशेष मिलेंगे, उसका दावा पुख्ता माना जायेगा कहा था। जिस पर खुदाई के दौरान हिन्दूओं से संबधित अवशेष मिले जिस पर कोर्ट ने इस स्थान को हिन्दुओं का माना। मुस्लिम पक्ष के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे किये।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने का सुझाव भी दिया। लेकिन कोई ठोस निर्णय सामने नही आ सका। अब फिर सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई 11 अगस्त से करने का फैसला किया है। अब देश दुनिया की नजरें फिर से हिन्दुस्तान की ओर होंगी। सुप्रीम कोर्ट के ट्रायल और फैसले से देश की राजनीति में इसका सीधा असर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

उत्तराखंड की राजनीति में जीना का नाम अमरः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौसम की खराबी के कारण शुक्रवार को सोमेश्वर, अल्मोडा में प्रस्तावित स्व.श्री सोबन सिंह जीना की जयंती के अवसर पर उनकी मूर्ति अनावरण कार्यक्रम एवं जनसभा में सम्मिलित नही हो पाए। परन्तु इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दूरभाष पर वहां आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जन समुदाय को संबांधित करते हुए कहा कि स्व.जीना जी की राजनीति में एक आदर्श पुरूष के रूप में गणना होती है। स्व.जीना ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण एवं सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य निर्माण से पूर्व उत्तराखण्ड कैसा होना चाहिए, उसके चिंतन की दिशा में जो काम स्व.जीना जी ने किया वह इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व.जीना जी का राजनीतिक जीवन साफ-सुथरा रहा है। इसके साथ ही उनकी पहचान नई पीढ़ी के लिए एक आदर्श पुरूष के रूप में सदैव बनी रहेगी। मुख्यमंत्री स्व. सोबन सिंह जीना की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने सोमेश्वर विधानसभा के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने तालुका में 33/11 के.वी. उपसंस्थान निर्माण का कार्य, राजकीय जूनियर हाईस्कूल भटूली का पुर्ननिर्माण कार्य, जनपद अल्मोड़ा के विकासखण्ड तालुका में सोमेश्वर में स्थित पुलिस थाना भवन की सांई नदी से बाढ़ सुरक्षा का कार्य, दौलाघाट ग्राम समूह पेयजल योजना का कार्य एवं शीतलाखेत को पर्यटन सर्किट से जोड़ने की स्वीकृति प्रदान की।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोडा के विकासखण्ड ताडीखेत में कोसी नदी पर वृहद श्रोत संवर्धन कार्य के अन्तर्गत काकडीघाट के पास प्रस्तावित झील निर्माण हेतु सर्वेक्षण, अनुसंधान एवं डी.पी.आर. तैयार करने के कार्यों का प्राक्कलन बनाने, सोमेश्वर के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करना, सोमेश्वर में पार्किंग का निर्माण, सोमेश्वर में आधुनिक शौचालय निर्माण का कार्य, जनपद अल्मोडा के विधान सभा सोमेश्वर के अन्तर्गत नैनी जाना गिनाई मोटर मार्ग का डामरीकरण एवं सुधारीकरण (लगभग 8 किमी) के कार्य की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोडा के विधानसभा सोमेश्वर के अन्तर्गत कालिका दलमोटी मोटर मार्ग का डामरीकरण एवं सुधार (5.40किमी) का कार्य, जनपद अल्मोड़ा के विधान सभा सोमेश्वर के अन्तर्गत मजखाली-सुन्दरखाल-बिटुलिया मोटर मार्ग के अवशेष भाग के पार्ट-1 एवं पार्ट-2 का निर्माण (लगभग 1.750 किमी) का कार्य, सोमेश्वर में पेयजल पम्पिंग योजना की स्वीकृति एवं काकडीघाट में मेडिटेशन सेंटर बनाने की भी घोषणा की।

लाल चौक पर तिरंगा फहराने में इसबार मिलेगी कामयाबी!

गुजरात मे अहमदाबाद की 14 साल की मुस्लिम बच्ची ने ऐलान किया है कि इस राखी के दिन वह श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा लहराएंगी। एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए तंजीम मेरानी ने कहा कि मैं राखी का त्योहार जवान भाइयों के साथ मनाने वाली हूं और जवानों को राखी भी बांधूंगी।
तंजीम ने बताया, पिछले साल उसे एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया था और जिस पर उसने वहीं पर तिरंगा फहराया था। तंजीम का कहना है कि इस साल वह लाल चौक पर तिरंगा फहराकर ही रहेगी। उसका कहना है कि इस बार मैंने रक्षाबंधन का दिन इसलिए चुना है क्योंकि यह भाई-बहन का त्योहार है। राखी का यह त्योहार मैंने सेना के जवान भाइयों के साथ मनाने का संकल्प लिया है।
तंजीम की इस कोशिश में परिवार का भी पूरा समर्थन है। तंजीम के पिता बताते है कि मुझे भी लगता है कि कश्मीर जाने के लिए यह सही वक्त नहीं है, लेकिन सही वक्त के लिए हम कब तक इंतजार करें? किसी न किसी को तो इस दिशा में पहल करनी ही होगी जैसे इस बार मेरी बेटी ने यह शुरुआत की है। मैं अपनी बेटी की कोशिश के साथ खड़ा हूं। यह एक त्योहार है और इसें हिंदू-मुस्लिम के चश्मे से नहीं देखना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले साल भी तंजीम श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराना चाहती थीं। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के कारण सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी थी। इस वजह से तंजीम को लाल चौक पर तिरंगा लहराने की अनुमति नहीं मिल सकी थी।

भद्रा काल और चन्द्र ग्रहण में न बांधे राखी

रक्षा बंधन का यह पवित्र पर्व इस बार सिर्फ पौने तीन घंटे तक ही मनाया जा सकता है। यानी आप पौने तीन घंटे के बीच ही अपने भाई की कलाई को अपनी प्यारी-प्यारी राखियों से सजा सकते हैं। सुबह भद्रा और फिर चंद्रगहण का सूतक लगने से यह स्थिति बन रही है।
दरअसल इस बार रक्षा बंधन का यह त्योहार सात अगस्त को पड़ रहा है और इसी दिन चंद्रगहण भी है। सुबह भद्रा होने और इसके बाद चंद्र ग्रहण का सूतक लगने से रक्षाबंधन पर यह स्थिति बन रही है। चंद्र ग्रहण लगभग एक घंटे 57 मिनट रहेगा। आचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी बताते हैं कि रक्षाबंधन के लिए सुबह 11.05 बजे तक भद्रा है। भद्रा में भाई को राखी नहीं बांधी जाती है।
दोपहर 1.52 बजे चंद्र ग्रहण का सूतक चल रहा है और सूतक में भी रक्षाबंधन पर्व नहीं मनाया जा सकता। इसलिए सुबह 11.05 बजे से दोपहर 1.52 बजे तक यानी लगभग पौने तीन घंटे ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकेगा।
वहीं माना जा रहा है कि इस ग्रहण के चलते समुद्र में भी उथल-पुथल आदि के योग बन रहे हैं, जिससे समुद्री इलाकों में जन-धन की हानि हो सकती है। इसका असर ग्रहण के दिन या उसके एक-दो दिन में देखने को मिल सकता है।

ग्रहण में क्या करें
ज्योतिष गणित के मुताबिक ग्रहण काल के दौरान ईष्ट देवता की आराधना, जप, धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन, भजन-कीर्तन, आदि कार्य करना चाहिए। इनका विशेष फल प्राप्त होता है। ग्रह पीड़ा होने पर इसके निवारण के लिए जप, दान आदि करें।

किस राशि के लिए शुभ, किस राशि के लिए अशुभ
इसबार पड़ने वाला चंद्र ग्रहण मेष, सिंह, वृश्चिक, मीन राशि वालों के लिए शुभ है, जबकि वृष, कर्क, कन्या और धनु के लिए सामान्य और मिथुन, तुला, मकर, कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ है। उनका कहना है कि जिनके लिए यह अशुभ है वह ग्रहण ना देखें, वैसे तो ग्रहण देखने से सभी को बचना चाहिए।

क्या ना करें, क्या करें
गर्भवती स्त्री ग्रहण काल में घर से बाहर न निकलें। बुजुर्ग, बच्चे और रोगी को छोड़ ग्रहण काल के दौरान भोजन न करें। मन में किसी प्रकार का दुर्विचार न आने दें साथ ही रात्रि में भ्रमण ना करें।