‘‘ईजा-बोई शगुन योजना‘‘ मां और बच्चें के लिए वरदान-स्वास्थ्य सचिव

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को मनाया जाता है जिसके माध्यम से सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक देखभाल, चिकित्सा जांच, स्वास्थ्य सहायता और सरकारी पहल के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देष्य से ही प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म से पहले, जन्म के दौरान और बाद में देखभाल के बारे में जागरूक कराना है।
सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा बताया गया कि प्रदेश में विभिन्न जन स्वास्थ्य प्रयासों के उपरान्त मातृ स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न आंकड़ों में प्रगति दर्ज की गई है। हाल ही में जारी नेशनल फैमली हैल्थ सर्वे 2020-21 रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को प्रथम तीमाही में पंजीकृत किए जाने में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी (68.8 प्रतिशत), 04 प्रसव पूर्व जांचों में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी (61.8 प्रतिशत) एवं संस्थागत प्रसवों में 18 प्रतिशत बढ़ोतरी (83.2 प्रतिशत) दर्ज की गई है।
सचिव स्वास्थ्य द्वारा जानकारी साझा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में मनाया गया है। साथ ही इस दिवस पर गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय जांच, खान-पान तथा गर्भावस्था के दौरान एवं प्रसव के उपरान्त होने वाले जटिलताओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गई।
डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड ने मातृ एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य बेहतर करने हेतु जनपद हरिद्वार में 200 बेड एम.सी.एच. विंगचेनराय महिला चिकित्सालय, 50 बेड एम.सी.एच. विंग हल्द्वानी एवं 30 बेड अर्बन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मेहुवाला जनपद देहरादून में शीघ्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने जानकारी दी कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार करना सरकार का प्राथमिक फोकस बना हुआ है इसी के दृष्टिगत प्रदेश में प्रसूता के लिए ईजा-बोई शगुन योजना लागू की गई है, जिसके अन्तर्गत सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु प्रसव उपरान्त सरकारी अस्पताल में 48 घण्टे तक रूकने वाली सभी पात्र प्रसूताओं को रू. 2000/- की एक प्रोत्साहन धनराशि के रूप में दी जानी है। जो कि जननी सुरक्षा योजना में दी जाने वाली प्रोत्साहन धनराशि रू. 1400/- (ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) एवं रू. 1000/- (शहरी क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) के अतिरिक्त है। यह नीति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करने और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से लागू की गई है।
डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा बताया कि सुरक्षित प्रसव हेतु उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को जिला चिकित्सालय / स्वास्थ्य इकाइयों के नजदीक आश्रय प्रदान करने के लिए शीघ्र ही बर्थ वेटिंग होम वन स्टॉप सेन्टर में संचालित कर दिया जायेगा
उन्होंने आम जन से आवाहन किया है कि हम सब मिलकर सुरक्षित मातृत्व के सन्देश को जन-जन तक पहुॅचाकर जननी एवं शिशु को स्वस्थ एवं सुरक्षित भविष्य देने में अपना योगदान दें।

बिना प्रार्थना पत्र ड्यूटी से नदारद कर्मचारियों का स्पष्टीकरण लेने के दिए निर्देश

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने राजकीय चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल परिसर में पड़ी गंदगी देख मंत्री डा. अग्रवाल ने अस्पताल के अधिकारियों को फटकार लगाई। डा. अग्रवाल ने बिना प्रार्थना पत्र दिए ड्यूटी से नदारद चिकित्सकों व कर्मचारियों का स्पष्टीकरण लेने के लिए भी सीएमएस डा. प्रदीप कुमार चंदोला को निर्देशित किया। इस दौरान डा. अग्रवाल ने मरीजों का हाल भी जाना। साथ ही चिकित्सकों को दवाई अस्पताल से ही लिखने के लिए निर्देशित किया।

मंत्री डा. अग्रवाल ने अचानक राजकीय चिकित्सालय पहुंचे। यहां उन्होंने सर्वप्रथम साफ सफाई का निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल परिसर पर पड़े कूड़े-करकट को देख मंत्री डा. अग्रवाल ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने नियमित सुबह व रात्रिकाल में सफाई करने के निर्देश दिए।

डा. अग्रवाल ने इसके बाद चिकित्सकों व कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका जांची। इसपर चिकित्सक व कर्मचारी ड्यूटी पर बिना प्रार्थना पत्र दिए नदारद दिखे। इस पर मंत्री डा. अग्रवाल ने सीएमएस को स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।

डा. अग्रवाल ने सीएमएस को कहा कि चारधाम यात्रा सिर पर है, इसके लिए व्यापक इंतजाम किए जाएं। उन्होंने कहा कि साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी।

डा. अग्रवाल ने कहा कि रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में रोगियों को दवा अस्पताल से ही दी जाएं। बाहर से दवा लिखने की शिकायत पर कार्यवाही की जाएगी।

इस मौके पर सीएमएस डा. प्रदीप कुमार चंदोला, मंडल अध्यक्ष सुमित पंवार, मंडल प्रभारी राजकुमार राज, पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र मोंगा, जिला उपाध्यक्ष प्रतीक कालिया, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बृजेश शर्मा, जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा सतीश सिंह, मंडल अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा मनोज जैन, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष जगावर सिंह आदि उपस्थित रहे।
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कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील

विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सचिव/आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर राजेश कुमार ने राज्य के स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए प्रदेशवासियों से कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा विश्व स्वास्थ्य दिवस हमको को स्वस्थ रखने के लिए दिन रात काम करने वाले सभी लोगों के प्रति हमारी कृतज्ञता और उनकी प्रशंसा करने का दिन है। डॉ आर राजेश कुमार ने राज्य के आम जनमास से हेल्थ फॉर ऑल की अपील की है। डॉ आर राजेश कुमार ने कहा आजकल लोगों की जिंदगी आराम दायक होती जा रही है, जो शरीर के लिए कष्टकारी है। लोगों को रेग्यूलर एक्सरसाइज और मॉर्निंग वॉक करना चाहिए। आराम दायक जिंदगी जीने से शुगर, बल्डप्रेशर और मोटापा बढ़ता है। आजकल ये बीमारियां आम हो गई हैं। इसका मुख्य कारण काम न करना और नियमित दिनचर्या से हटकर कार्य करना है।
डॉ आर राजेश कुमार ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि गैर संक्रामक रोगों से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव बदलाव बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा उचित खान पान, नियमित व्यायाम अपनाने व भोजन में तेल,चीनी नमक व ट्रांसफैट से निर्मित खाद्य पदार्थाे का उपभोग कम करके हम शरीर को काफी हद तक स्वस्थ्य रख सकते हैं। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि हमें दैनिक उपयोग में लाये जाने. वाले भोज्य पदार्थ (पैकेट बंद आटा, तेल, चीनी, नमक एवं दूध) क़ो खरीदते समय प्लस एफ का निशान अवश्य देखें।
आयुक्त खाद्य सरक्षा द्वारा अवगत कराया गया कि सुरक्षित आहार के संबंध में जन जागरूकता बढ़ाने व मोटे अनाज आधारित उत्पादों क़ो प्रचलन में लाने हेतु विस्तृत स्तर पर जण जागरूकता कार्यक्रम ई ट्राइड मेला व कार्यशालाये आयोजित की जा रही हैं। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड द्वारा यह भी अवगत कराया गया की प्रदेश में खाद्य एवं औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु संस्थागत प्रयास किये जा रहे हैं, साथ हीं आमजन मानस से अपील की है कि सुरक्षित आहार हीं स्वास्थ्य का आधार है अतः सुरक्षित आहार हेतु जागरूक उपभोक्ता बने व जिसे खाद्य जनित रोगों से बचा जा सकें। उन्होंने कहा जीवन में स्वास्थ्य नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम के बल पर हम अपने स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल कर सकते हैं। सचिव/आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कोरोना टीकाकरण से वंचित लोगों को कोरोना टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित करने तथा बेहतर शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए सदैव नशे से दूर रहने का संकल्प लेने की बात कही।
आपको बता दें कि हर साल, विश्व स्वास्थ्य दिवस को एक अनूठी थीम के साथ मनाया जाता है। डब्ल्यूएचओ ने इस साल हेल्थ फॉर ऑल थीम के साथ इसे मनाने का फैसला किया है। इस बार का विषय इस सोच को दर्शाता है कि स्वास्थ्य एक बुनियादी मानव अधिकार है और हर किसी को बिना किसी वित्तीय कठिनाइयों के जब और जहां इसकी आवश्यकता हो उसे स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए। इस साल डब्ल्यूएचओ अपनी 75वीं वर्षगांठ भी मना रहा है, इसलिए इस दिन खास बनाने के लिए, डब्ल्यूएचओ उन सार्वजनिक स्वास्थ्य सफलताओं को भी देखेगा, जिन्होंने पिछले सात दशकों के दौरान जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है।

72 तरह के हैल्थ टेस्ट आमजन के लिए निःशुल्क

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में जे के टायर लिमिटेड कम्पनी तथा यस बैंक द्वारा सीएसआर के तहत लगाये गये हैल्थ एटीएम का लोकार्पण किया। यस बैंक द्वारा सचिवालय डिसपेंसरी, विधान सभा डिसपेंसरी तथा टनकपुर चिकित्सालय में एक-एक हैल्थ एटीएम स्थापित किये गये हैं। इसके साथ ही जे0 के0 टायर कम्पनी द्वारा पुलिस लाइन, जे0एल0एन0 जिला चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय नैनीताल, सयुंक्त चिकित्सालय टनकपुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जसपुर, उप जिला चिकित्सालय, रानीखेत, अल्मोड़ा में एक-एक हैल्थ एटीएम स्थापित किये गये हैं। इन 9 हैल्थ एटीएम के माध्यम से आम जनमानस द्वारा स्वयं अपने विभिन्न स्वास्थ्य परीक्षण किए जा सकेंगे, इनमें हीमोग्लोबिन, टीएलसी एण्ड डीएलसी, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, युरिक ऐसिड, कॉलेस्ट्रॉल, एचबीएसी, ब्लड ग्रुप, लिपिड प्रोफाइल, ट्राईगिलसाइड, लाइकोप्रोटिन, प्रेगनेन्सी टेस्ट तथा किडनी टेस्ट आदि सहित कुल 72 टेस्ट किए जा सकते हैं। इन हैल्थ एटीएम पर यह जाँच सुविधा निःशुल्क रहेगी। इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनमानस से अपील की गई है कि इन हैल्थ एटीएम की जाँच के नतीजे के आधार पर स्वयं औषधि न लें। परिणाम सामान्य न होने पर चिकित्सक का परामर्श अवश्य लें।
इसके साथ ही इस अवसर पर सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग तथा आईओसीएल, यस बैंक तथा जेके टायर के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में महानिदेशक स्वास्थ्य तथा उक्त कम्पनियों के मध्य स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग हेतु एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये गये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के सौजन्य से सीएसआर के तहत राज्य के सभी ब्लॉकों में उपलब्ध कराई जाने वाली 40 ट्रू नेट मशीनों का भी लोकार्पण किया। इन ट्रू नेट मशीनों की सहायता से टी0बी0, कोविड तथा अन्य रोगों की जांच में सहायता मिलेगी। यह मशीनें राज्य के 40 दूरस्थ स्थानों में क्रियाशील रहेंगी।
बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा यस बैंक, आईओसीएल व जे के टायर इन हैल्थ एटीएम तथा ट्रू नेट मशीनों के इस पहल के लिए बधाई के पात्र हैं। आईओसीएल द्वारा प्रदेश के सभी ब्लॉकों के लिए 40 ट्रू नेट मशीनों की उपलब्धता से हमारे राज्य में इस दिशा में 100 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा हो गया है। इन सुविधाओं से आमजन की न केवल समय की बचत होगी बल्कि धन की भी बचत होगी। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। इन हैल्थ एटीएम के माध्यम से जनमानस स्वयं समय-समय पर अपनी जाँच कर अपने स्वास्थ्य की देखभाल बेहतर ढंग से कर सकेंगे। हर वर्ष लाखों की संख्या में आने वाले पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी इन सुविधाओं से लाभ होगा। देशभर के निजी संगठनों व कम्पनियों से कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वच्छता के क्षेत्र में मदद की अपील करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में जन्म लेना सौभाग्य की बात है परन्तु देवभूमि में सेवा करना उससे भी बड़े सौभाग्य व गौरव का विषय है। जिन लोगों को भी यहाँ सेवा का अवसर मिल रहा है, वह भाग्यशाली हैं। निजी कम्पनियों से अपील है कि क्योंकि उत्तराखण्ड एक छोटा राज्य है, कम्पनियां उत्तराखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी मदद देकर एक मॉडल स्थापित कर सकते हैं। सीएम ने आईओसीएल से विशेष रूप से राज्य में रोजगार सृजन के क्षेत्र में योगदान की अपील की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा0 धन सिंह रावत, सचिव स्वास्थ्य डा0 आर0 राजेश कुमार, डीजी हैल्थ डा0 विनिता शाह, यस बैंक के स्टेट हेड अजय मिश्रा, क्लस्टर हेड निशांत अहूजा, हरेन्द्र बिष्ट, आईओसीएल से भानु प्रकाश सेमवाल, उदित जैन, जे के टायर से अजय कुमार, गरिमा पंत व स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने के निर्देश, आज 45 केस मिले

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। चिंता की बात है कि कोरोना संक्रमण अब 13 में से पांच जिलों में फैल गया है। विभिन्न जिलों में बढ़ते कोरोना केसो की वजह से अब एक्टि व केसों की संख्या भी 100 के करीब पहुंच गई है। कोरोना के बढ़ते केसों के बीच स्वास्थ्य विभाग की अलर्ट मोड पर आया गया है।
उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 45 नए मरीज मिले। अकेले राजधानी देहरादून में 35 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को देहरादून में 35, नैनीताल जिले में छह, हरिद्वार में दो जबकि पिथौरागढ़ और यूएस नगर जिले में एक-एक कोरोना संक्रमित मिले हैं। मंगलवार को कुल 45 नए मरीज मिलने के बाद राज्य में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा सौ के करीब पहुंचते हुए 96 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य में एक ही दिन में 45 कोरोना संक्रमित कई महीनों बाद मिले हैं। हालांकि, राहत की बात रही कि मंगलवार को राज्य में किसी भी कोरोना संक्रमित की मौत नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग की हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेशभर में मंगलवार को 322 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। स्वास्थ्य विभाग को 238 संदिग्धों की रिपोर्ट मिली।

सभी जिलों को सतर्कता के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में कोरोना के मामलों में इजाफे को देखते हुए सभी जिलों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एडवायजरी जारी कर सभी अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सभी अस्पतालों और आम लोगों को कोविड गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

कोविड जांच एवं वैक्सीनेशन में लाई जायेगी तेजीः डॉ. धन सिंह रावत

देश के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुये सूबे में कोविड जांच व वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। चार धाम यात्रा को देखते हुये प्रदेश में भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोविड गाइडलाइन को सख्ती से लागू किया जायेगा। चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिये विभागीय अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के निर्देश दे दिये गये हैं, साथ ही यात्रा मार्गों पर डाक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती 15 अप्रैल से पहले सुचिश्चित करने को भी कहा गया।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। डा. रावत ने बताया कि देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसको देखते हुये राज्य में कोविड जांच व वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाई जायेगी। इसके साथ ही प्रदेश में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोविड गाइडलाइन को सख्ती से लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो बस अड्डे, रेलवे स्टेशन एवं एयर पोर्ट सहित सार्वजनिक स्थानों पर वैक्सीनेशन कैंप लगाये जायेंगे, ताकि कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमण की चपेट में न पाये। डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में आगामी 22 अप्रैल से चार धाम यात्रा भी शुरू होने वाली है जिसमें देशभर से लाखों तीर्थ यात्री शामिल होंगे। चार धाम यात्रा मार्गों पर तीर्थ यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक को चार धाम यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले सभी चिकित्सा इकाईयों व अस्थाई मेडिकल रिलीव प्वाइंटों का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्हें चार धाम यात्रा में विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल के स्टॉफ की तैनाती 15 अप्रैल से पहले सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमचन्द्र, निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डा. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, डा. भारती राणा, डॉ. मीतू शाह, संयुक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. एम.के. पंत, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. भागीरथी जंगपांगी, निदेशक गढ़वाल मंडल स्वास्थ्य डा. विरेन्द्र बनकोटी, डा. विजय जुयाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रदेश सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। यही नहीं सुरक्षित जननी विकसित धारिणी की अवधारणा को भी साकार किया जा रहा है इसी के दृष्टिगत महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखण्ड द्वारा केंद्र पोषित महत्त्वकांक्षी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत 4944 गर्भवती/धात्री महिलाओं को रु. 1.15 करोड़ की धनराशि डी. बी. टी. के माध्यम से डिजिटली सीधे बैंक खाते मे भेजी गयी है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके आराम और उचित पोषण को सुनिश्चित करना है। यह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत निम्नलिखित तीन किस्तों मे किया जाता है। जिसमें पहली किस्त 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय, दूसरी किस्त 2000 रुपये, यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं, जबकि तीसरी किस्त 2000 रुपए, जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है, दी जाती है।

धामी सरकार की सौगात, स्वास्थ्य सुविधाओं में 182 करोड़ की चार परियोजनाएं जनता समर्पित

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य से संबंधित लगभग 182 करोड़ रूपये की चार परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें 124.10 करोड़ की लागत से दून मेडिकल कॉलेज में 500 शैय्या के नवीन ब्लॉक का निर्माण, रूद्रप्रयाग में 20.38 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 18.80 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण एवं हल्द्वानी (नैनीताल) में 19.48 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य शामिल है। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जोशीमठ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

प्रदेश को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार देगी पूरा सहयोग- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि आज राज्य में 180 करोड़ से अधिक कार्यों का शिलान्यास हुआ है। उत्तराखण्ड विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यदि राज्य सरकार केन्द्र द्वारा दिये गये लक्ष्य को प्राप्त करती है, तो राज्य को धन की कोई कमी न हो, इसका हमारा प्रयास रहता है। उन्होंने कहा कि मैं कल से उत्तराखण्ड में हूं, नीति एवं मलारी गांव में भ्रमण के दौरान इन गांवों में जनता के साथ संवाद स्थापित करने का अवसर मिला। मलारी गांव के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर ने कहा कि यहां बड़े अस्पताल नहीं है, फिर भी यहां बड़े डॉक्टर की सुविधा मिलती है।

हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों से ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रही है स्वास्थ्य सेवा
राज्य सरकार ने प्रदेश में 02 हजार हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर स्थापित किये हैं। इन सेंटर में दक्ष कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर होते हैं। गांवों से मरीज जब यहां आते हैं, तो भारत सरकार के ई संजीवनी प्लेटफार्म के द्वारा हम टेलीकन्सल्टेंट से डिस्ट्रिक के हॉस्पिटल से जुड़ जाते हैं। जब मरीज के चेकअप की आवश्यकता लगती है तो उसे कहीं और भेजने के बजाय ई संजीवनी के माध्यम से सीनियर डॉक्टर्स या एक्सपर्ट से टेलीकन्सल्टेंट करते हैं। स्पेशलिस्ट डॉक्टर मरीज से भी बात करते हैं। मरीज के ईलाज के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर से जो भी निर्देशन मिलता है, इसके हिसाब से हम इलाज करते हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गांव में काम करने वाले किसान एवं गरीब लोग जब ईलाज के लिए हेल्थ और वेलनेस सेंटर में जाते हैं, स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह उनको मिल जाती है, तो उन्हें जिला अस्पताल या अन्य अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।

स्वस्थ समाज से ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण संभव
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश का हेल्थ सेक्टर बदल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अमृत काल में देश को विकसित राष्ट्र बनायेंगे। इसके लिए हमारी प्राथमिकता है कि देश के नागरिक स्वस्थ रहें। स्वस्थ समाज ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। देश के हेल्थ सेक्टर को पहली बार विकास के साथ मोदी जी ने जोड़ा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर सेक्टर में होलिस्टिक एप्रोच के साथ कार्य किये जा रहे हैं। 2014 से अब तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में तेजी से सुधार हुआ है। उत्तराखण्ड में होलिस्टिक हेल्थ कवरेज के लिए राज्य को एम्स के साथ ही एम्स का सेटेलाइट सेंटर भी दिया गया है। देश में 1 लाख 56 हजार हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में आज मुफ्त इलाज हो रहा है। देश में टर्सरी हेल्थ केयर, सेकेण्डरी हेल्थ केयर एवं प्रायमरी हेल्थ केयर को सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर खड़ा करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए देश में आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर मिशन चलाया जाता है। देश में क्रिटिकल हेल्थ केयर के लिए 64 हजार करोड़ रूपये 05 साल में खर्च किये जायेंगे। 01 जनपद में औसतन 100 करोड़ रूपये हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर के लिए खर्च किया जा रहा है। भारत में ब्रेन पॉवर एवं मेन पॉवर की कभी कमी नहीं थी। भारत सामर्थ्यवान देश है, सवाल था देश के नागरिक को अवसर देने का, जब अब देश के नागरिक को अवसर मिल रहा है, तो नतीजा हमेशा बेहतर होता है।

टी.बी मुक्त उत्तराखण्ड के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की भी की सराहना
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चार दिन पूर्व वाराणसी में विश्व के 40 देशों के प्रतिनिधि टी.बी समिट के लिए आये थे। यूनाइटेड नेशन ने स्टॉप टी.बी अभियान चलाया है। विभिन्न देशों से आये प्रतिनिधियों को हम हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में ले गये। जिसमें कई देशों के स्वास्थ्य मंत्री भी थे। इन सेंटरों में हमारी आशा बहने, ए.एन.एम., डॉक्टर्स, टी.बी. के मरीज और निक्षय मित्र उनसे संवाद कर रहे थे, तो उन्होने विदेशी प्रतिनिधियों को हेल्थ सिस्टम से संबंधित अनेक जानकारियां दी। केन्द्र सरकार ने सभी जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं एवं अधिकारियों को क्षय रोगियों को गोद लेने का आह्वान किया है। इसमें सबका पूरा सहयोग मिला। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तराखण्ड में जितने भी टी.बी. के मरीज हैं, उनको किसी न किसी ने गोद लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखण्ड सरकार पर भरोसा है कि उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य बने जो सबसे पहले टी.बी मुक्त हो। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में हमें घोषणा करने का अवसर मिले कि उत्तराखण्ड पहला राज्य बना है, जो टी.बी. मुक्त हो गया। उन्होंने कहा कि जो कार्य राज्य सरकार ने आज हाथ में लिया है, इस पर कार्य तेज गति से हां। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा पूरी मदद दी जायेगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश की जनता की आस्था से जुड़े चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार अच्छा कार्य कर रही है। आगामी चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो अपेक्षा रखी गई है, हेल्थ सेक्टर में चारधाम के लिए राज्य को उनकी अपेक्षा से भी अधिक सहयोग मिलेगा।

वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे हैं कार्य
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश के सामर्थ्य से हमने कोविड क्राइसिस से लड़ाई की। हम वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा को मानने वाले लोग हैं। हम केवल अपने बारे में नहीं सोचते, सम्पूर्ण विश्व के बारे में सोचते हैं। स्वास्थ्य हमारे लिए बिजनेस नहीं है, सेवा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि हमारा दायित्व है कि हम दुनिया की मदद करें। उस वक्त भारत ने दुनिया के 150 देशों को दवाई उपलब्ध कराई। 78 देशों को कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई है। हम संस्कार के वाहक हैं। हमारे देश के साथ दुनिया का भी भला हो हम ये भी सोचते हैं। भारत में दुनिया से सबसे अच्छे कोविड मैनेजमेंट का उदाहरण प्रस्तुत किया।

उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के लिए 182 करोड़ रुपए से अधिक की चार परियोजनाओं का शिलान्यास कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतनी बड़ी सौगात देने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर जीवन का मुख्य ध्येय होना चाहिए यह हमारी संस्कृति मानती है। सबसे पहले शरीर का ध्यान रखें तभी कोई कार्य ठीक से होगा। इसी मूलमंत्र को ध्यान में रखकर सरकार ने राज्य में जन-स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दिशा निर्देशन में अन्य क्षेत्रों की भांति स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश निरंतर आगे बढ़ रहा है। आज विकास का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसको प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजनाओं से लाभ न मिल पाया हो। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास एवं सभी को प्रभावी ईलाज हमारी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में चार मोर्चों पर काम करने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। पहला मोर्चा है, बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरुकता का। दूसरा मोर्चा है, गरीबों को सस्ता और प्रभावी इलाज देने का है। तीसरा मोर्चा है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की क्वान्टिटी और क्वालिटी में बढ़ोतरी करना। चौथा मोर्चा है, समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना। केंद्र सरकार द्वारा बच्चों के संपूर्ण वेक्सिनेशन के लिए प्रारंभ की गई मिशन इंद्रधनुष योजना, आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाओं का विस्तार प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों तक करने का प्रयास किया गया है। आज पूरे विश्व में भारत के हेल्थ सेक्टर की प्रतिष्ठा और भारत के हेल्थ सेक्टर के प्रति भरोसा, एक नए स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार स्वास्थ्य समस्याओं को टुकड़ों के बजाय समग्र रूप से देखती है, इसलिए हमने भी प्रदेश में सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि वेलनेस पर भी फोकस करना शुरु किया है। इसका ही परिणाम रहा कि कोरोना काल में आयुष से जुड़े हमारे नेटवर्क ने बेहतरीन काम किया। ह्यूमन रिसर्च से लेकर इम्यूनिटी और साइंटिफिक रिसर्च तक हमारे आयुष नेटवर्क का इंफ्रास्ट्रक्चर देश के बहुत काम आया।

प्रदेश में योग, आयुर्वेद एवंज ड़ी-बूटी कृषिकरण को दिया जा रहा है बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की दवाओं और वैक्सीन के साथ-साथ हमारे मसालों और हमारे काढ़े का भी वेलनेस के क्षेत्र में कितना बड़ा योगदान है, ये दुनिया ने कोरोना काल में अनुभव किया। योग,प्राणायाम,आयुर्वेद सहित भारत के जड़ी बूटी ज्ञान ने विश्व को चमत्कृत किया। इसलिए राज्य सरकार ने प्रदेश में योग व आयुर्वेद को बढ़ावा देने के साथ – साथ “मेडिसनल प्लांट“ की खेती पर भी ध्यान दिया है। हमारे देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ चलाई जा रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ के क्षेत्र में “निःशुल्क जांच योजना“ जैसी एक प्रमुख योजना भी प्रारम्भ की है, जिसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में “किफायती स्वास्थ्य सेवा“ पर ध्यान केंद्रित करने से वंचित तथा मध्यम वर्ग को काफी लाभ होता है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 5 सालों में जितने काम हो सकते थे उनको धरातल पर उतारने का काम किया गया है। आगे भी हम उत्तराखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अच्छा क्या हो सकता है, इसके लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से राज्य को 01 लाख 24 हजार लोगों से ब्लड डोनेशन कराने का लक्ष्य दिया गया था। राज्य में एक लाख 01 लाख 67 हजार लोगों ने ब्लड डोनेशन किया है। उत्तराखंड भारत का पहला राज्य है जिसने सबसे ज्यादा ब्लड डोनेशन किया है और ई रक्तकोश में 80 हजार लोग अभी तक रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। देश में आयुष्मान भारत योजना लॉन्च हुई तो हमारे राज्य में अटल आयुष्मान योजना लॉन्च की गई। राज्य में अभी तक 50 लाख 24 हजार अटल आयुषमन कार्ड बनाये जा चुके हैं। 07 लाख से ज्यादा लोगों का इस योजना के तहत ईलाज हो चुका है, जिसमें 13 सौ करोड़ से अधिक खर्चा हो चुका है। अब राज्य में किडनी ट्रांसप्लांट भी आयुष्मान कार्ड में कवर कर दिया है। प्रदेश में 91 प्रतिशत संस्थागत डिलीवरी हो रही है। प्रदेश में सरकार ने ईजा बोई योजना शुरू की है। जिसमें गर्भवती महिलाओं को 2000 रूपये पौष्टिक आहार के लिए दिया जाएगा। राज्य में 32 लाख लोगों की आभा आईडी बनकर तैयार हो चुकी है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, प्रदीप बत्रा, सरिता आर्य, रेनू बिष्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य, भारत सरकार विशाल चौहान, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत कर रही धामी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं निदेशक कार्पाेरेट अफेयर एण्ड सी.एस.आर. हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के मध्य 50 हेल्थ ए.टी.एम. को गढ़वाल मण्डल के चिन्हित चिकित्सा इकाईयों में स्वास्थ्य स्क्रीनिंग हेतु अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा में हेल्थ ए.टी.एम. की सुविधा होने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। चारधाम यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधाओं के सुदृढीकरण के लिए यह एक अच्छा कदम होगा। मुख्यमंत्री ने मानस खण्ड स्थित पवित्र स्थानों मानसरोवर यात्रा, बैजनाथ धाम, कैंची धाम, पूर्णागिरी, चितई धाम के लिए भी हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज हेल्थ ए.टी.एम. सुविधा प्रदान करने की अपेक्षा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केदारखण्ड की तर्ज पर मानस खण्ड हेतु भी सी.एस.आर. के अन्तर्गत ये सेवायें हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज जनहित में प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां न हो, इसके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है।
हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के निदेशक अंकुर मल्होत्रा ने कहा कि सी.एस.आर. के अन्तर्गत उपलब्ध कराये जा रहे हेल्थ ए.टी.एम. द्वारा 70 से अधिक परीक्षण किये जा सकेंगे एवं टेली मेडिसिन सेवायें भी प्रदत्त की जायेंगी। हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के द्वारा 24 घण्टे ये सेवायें प्रदान की जायेंगी। सभी उपकरण स्थापित होने से आगामी 03 माह तक हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के इंजीनियरों द्वारा हेल्थ ए.टी.एम. की देखरेख की जायेगी। अद्यतन हेल्थ ए.टी.एम. हेतु 01 वर्षीय सी.एम.सी. सेवायें भी हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज द्वारा प्रदान की जायेंगी। हेल्थ ए.टी.एम. का शुभारम्भ 24 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डा. आर.राजेश कुमार, अपर सचिव अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय जैन, संयुक्त सचिव महावीर सिंह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रतिनिधि डा. अजय नागरकर, हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के कार्पाेरेट अफेयर हेड सुशील भाट्ला, सीनियर प्रोग्राम मैनेजर ईशान अग्रवाल, सी.एस.आर. एवं विवेक अग्रवाल उपस्थित रहे।

अपर सचिव स्वास्थ्य ने मौसमी इन्फ्लुएंजा की रोकथाम को लेकर बैठक ली

प्रदेश में मौसमी इन्फ्लुएंजा के नियंत्रण एवं रोकथाम की तैयारियों की जनपद स्तरीय समीक्षा अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर द्वारा वर्चुअल बैठक के माध्यम से ली गई। बैठक में इन्फ्लूएंजा के संक्रमण को फैलने से रोकने की तैयारियों पर चर्चा की गई।
अपर सचिव द्वारा इन्फ्लूएंजा वायरस के मद्देनजर सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। जिसपर मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा जैसे एच3एन2 इन्फ्लुएंजा, एच1एन1 इन्फ्लुएंजा, इन्फ्लुएंजा बी आदि के बचाव हेतु स्वास्थ्य इकाइयों में समय रहते दवा, आईसोलेसन सुविधा, बैड, ऑक्सीजन, मास्क और अन्य जरूरतों के इंतजाम कर लिए गये हैं।
अपर सचिव ने बताया की राज्य स्तर से जनपदों द्वारा मौसमी इन्फ्लुएंजा के संबंध में किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा के अधिकांश रोगियों में बुखार व खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं, जो कि स्वतरू ही ठीक हो जाते हैं। वर्चुअल बैठक के दौरान अन्य रोगों जैसे, मधुमेह, हृदय रोग, क्रोनिक रीनल और लीवर डिजीज आदि से ग्रसित लोग एवं अति संवेदनशील वर्ग जैसे वृद्ध लोग, गर्भवती महिलाएं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों आदि में विशेष सावधानियां बरतने पर भी बल दिया गया।
मौसमी इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के बारे मे जनमानस में व्याप्त भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जागरूकता एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मौसमी इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) से बचाव संबंधित जागरूकता के लिए आम जनमानस में क्या-करें, क्या ना करें पर आधारित सन्देशों को प्रसारित किया जाए।
बैठक के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सामुदायिक जागरूकता जैसे- हाथ धोना, खांसी या छींक आने पर अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढकना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचना, भीड़भाड़ वाले वातावरण में मास्क का उपयोग करना आदि को आम जनमानस के बीच बढावा दिए जाने पर बल दिया गया।
साथ ही बैठक के दौरान सभी 13 जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों से अपेक्षा की गई कि इन्फ्लुएन्जा रोकथाम एवं बचाव हेतु जुड़ी जानकारियों को समय-समय पर अपने स्तर से मीडिया के माध्यम से जनमानस तक पुहंचाए जिससे सही सूचना सही समय पर समुदाय तक पहुंचे ताकि किसी भी प्रकार की भ्रांती न फैले।
वर्चुअल बैठक के दौरान एन.एच.एम. निदेशक डॉ सरोज नैथानी, राज्य नोडल अधिकारी आई.डी.एस.पी. डॉ. पकंज कुमार सिंह, जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी, आई.डी.एस.पी. यूनिट के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।