गैरजरूरी विभागों के कार्मिक घर से करेंगे काम, जरूरत पड़ी तो आना होगा

तीन मई तक उत्तराखंड में सिर्फ आवश्यक सेवाएं देने वाले शासकीय कार्यालय ही खोले जाएंगे। यह आदेश मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने जारी किए है। आदेश के अनुसार केवल अति आवश्यक सेवाओं से संबंधित अफसर और कार्मिक कार्यालयों में आएंगे। अन्य विभागों के कार्मिक घर से ही काम करेंगे। जरूरत पड़ने पर उन्हें बुलाया जा सकता है।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से रविवार को सरकारी कार्यालयों को खोलने के संबंध में आदेश जारी किया गया। उन्होंने आदेश में लिखा है कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाया है। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर 18 मार्च को शासनादेश जारी किया था। इस शासनादेश को सरकार ने 19 मई से 25 मई तक के लिए प्रभावी किया था।

इसके अनुसार सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, प्रभारी सचिव, विभागाध्यक्षों तथा कार्यालय अध्यक्षों को निर्देशित किया था कि केवल उन्हीं कार्मिकों को कार्यालय में बुलाया जाना है, जिसकी अति आवश्यकता है। शेष कार्मिकों को घर से ही काम करने की अनुमति रहेगी। सभी कर्मचारियों को दूरभाष पर उपलब्ध रहने के निर्देश दिए थे। आपात स्थिति में किसी भी कर्मचारी को बुलाने का प्रावधान भी था।

इसी आदेश को शासन ने 20 अप्रैल से तीन मई तक के लिए दोबारा प्रभावी कर दिया है। इसके अनुसार केवल आवश्यक सेवाओं के कर्मचारी ही कार्यालयों में आएंगे। सचिवालय सहित वही अन्य कार्यालय खुलेंगे जो सीधे आवश्यक सेवाओं से जुड़े हैं।
यह रहेगा प्रावधान
– केवल आवश्यक सेवाएं पुलिस, स्वास्थ्य, परिवहन, खाद्य आपूर्ति, विद्युत, पेयजल, सफाई व्यवस्था आदि से संबंधित दफ्तर खुलेंगे।
– शेष विभागों के कार्मिकों को आफिस आने पर रहेगी रोक।
– दूरभाष पर सभी कर्मिक अपने उच्च अधिकारियों से संपर्क में रहेंगे।
– आवश्यकता पड़ने पर किसी भी कार्मिक को आना पड़ेगा दफ्तर।
– जिलाधिकारी किसी भी विभाग के कार्मिक को कोविड-19 की रोकथाम से संबंधित ड्यूटी में
कर सकते हैं तैनात।

अवैध मार्गों पर एसएसबी ने जवान दिन-रात कर रहे निगरानी

नेपाल के रास्ते भारत में कोरोना संक्रमितों को भेजने की साजिश की खुफिया रिपोर्ट के बाद प्रशासन, पुलिस व एसएसबी अलर्ट हो गई है। सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी ने भारत-नेपाल सीमा पर चैकसी बढ़ा दी है। दोनों देशों के मध्य आवाजाही के सात मार्ग वैध हैं, परंतु एक दर्जन से अधिक संदिग्ध रास्तों से अवैध आवाजाही का संभावना रहती है। ऐसे रास्तों पर एसएसबी के जवान दिन-रात निगरानी में लग गए हैं। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे के मुताबिक भारत-नेपाल सीमा 30 अप्रैल तक सील कर दी गई है।
उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के कालापानी से लेकर पंचेश्वर तक भारत और नेपाल की लंबी सीमा है। इस सीमा के भीतर झूलाघाट, ड्यौड़ा, जौलजीवी, बलुवाकोट, धारचूला, ऐलागाड़ और उच्च हिमालय में गब्र्याग में भारत-नेपाल के बीच वैध मार्ग हैं। दोनों देशों के बीच आवाजाही के लिए झूला पुल बने हैं। मध्य अवैध तरीके से टायर ट्यूब से नदी पार की जाती है। झूलाघाट से पंचेश्वर के मध्य तो दस स्थानों पर नेपाल की तरफ से नावें चलती हैं। इनमें पांच स्थानों पर नेपाल सरकार ने मान्यता दे रखी है और पांच स्थल अवैध हैं। नेपाल सरकार ने जिन स्थानों पर मान्यता दी है, भारत उसमें भी सहमत नहीं रहा है। लॉकडाउन के बाद दोनों देशों के बीच नाव से आवाजाही बंद है।
नेपाल से भारत में प्रवेश करने के लिए केवल काली नदी पार करनी है। काली नदी का जलस्तर अधिक होने तथा इसका प्रवाह तेज होने से इसे तैर कर पार करना काफी कठिन है। हालांकि तल्लाबगड़ से लेकर पंचेश्वर तक कुछ स्थानों पर तैराकी में पारंगत लोग नदी को तैर कर पार कर लेते हैं। अवैध कार्यों के लिए टायर ट्यूब का सहारा लिया जाता है। यहां तक कि टायर ट्यूब के सहारे सामान भी पार किया जाता है। इसमें भारत और नेपाल दोनों देशों के लोग शामिल रहते हैं। ऐसे में किसी के भी नेपाल से भारत में प्रवेश करना सरल है। आमतौर पर अप्रैल में गर्मी बढने से ग्लेशियरों के पिघलने से नदी का जलस्तर बढ़ जाता था। इस वर्ष मौसम अधिक गर्म नहीं है। जिससे ग्लेशियरों के नहीं पिघलने से नदी का जलस्तर उस तेजी के साथ नहीं बढ़ा है। जिले में भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसबी के पास है। सीमा पर एसएसबी की बीओपी चैकियां हैं। इसके अलावा सीमा पर झूलाघाट, अस्कोट, जौलजीवी, बलुवाकोट, धारचूला और पांगला थाने हैं। खुफिया सूचना के बाद एसएसबी और पुलिस सतर्क है। सीमा पर अभी सभी स्थानों पर सड़क नहीं है, जिसका फायदा उठाया जा सकता है।

एसपी सिटी मरीज बनकर पहुंचे बॉर्डर, दारोगा ने की लापरवाही, हुए सस्पेंड

लॉकडाउन में अभी तक लोगों की ओर से उल्लंघन का मामला सामने आने के बाद अब पहला मामला पुलिस विभाग की ओर से आया है। इसमें एक दारोगा को बिना चेकिंग के वाहनों को जाने दिए जाने की कीमत सस्पेंड होकर चुकानी पड़ी।

जानकारी के अनुसार, रूद्रपुर के एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा निजी कार में सवार होकर स्वयं मरीज बनकर बॉर्डर पर जांच के लिए पहुंचे थे। मगर, यहां तैनात दरोगा संजीव कुमार ने मरीज को लेकर जाने की बात कहने पर कार चालक व उसमें सवार लोगों के दस्तावेज नहीं जांचे। दारोगा रामपुर बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे थे। देर रात एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने तत्काल प्रभाव से दरोगा संजीव कुमार को संस्पेंड कर दिया है।

पर्वतीय जिलों का विकास सरकार की प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

चंपावत जिले के भ्रमण पर पंहुचे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चंपावत जिले को कई सौगातें दी। इस अवसर पर उन्होंने जिला मुख्यालय के गोल्ज्यू मैदान में तीन दिवशीय चंपावत महोत्सव में प्रतिभाग किया गया। इस दौरान उन्होंने जिले के विकास हेतु 116 करोड़ 26 लाख रुपये की लागत के कुल 33 कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। जिसमें 64 करोड़ 21 लाख 17 हजार की कुल 17 योजनाओं का शिलान्यास तथा 52 करोड़ 4 लाख 63 हजार रुपये की लागत के 16 कार्यों का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा जनपद के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं की जिसमें चम्पावत मुख्यालय में पार्किंग का निर्माण, विकास खण्ड लोहाघाट के विसुंग के टाड़ खेल मैदान में चहार दीवारी का निर्माण, पाटी के राजकीय इंटर कॉलेज मुलाकोट व लोहाघाट के राजकीय इंटर निडिल में दो दो अतिरिक्त कक्षा कक्ष्यों का निर्माण, स्यामलाताल का सौंदर्यीकरण किए जाने, सुखी ढांग डांडामिनार सड़क में 30 किलोमीटर सड़क का डामरीकरण कराए जाने के साथ की चम्पावत को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किए जाने की घोषणाएं की गईं। इसके अतिरिक्त माननीय मुख्यमंत्री ने जनपद चम्पावत जो लिगांनुपात में पूरे देश में पिछड़ा हुवा था इन वर्षों में जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान चलाकर सभी के सहयोग से वर्तमान में लिंगानुपात प्रति हजार 974 हो जाने पर बधाई देते हुए इस सराहनीय व उल्लेखनीय कार्य करने वाले सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, महिलाओं को 10 -10 हजार रुपये पुरुस्कार की घोषणा देते हुए जिलाधिकारी चम्पावत व टीम को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में विभिन्न विभागों आदि के द्वारा जो भी स्टाल लगाए गए हैं उससे जिले के विकास की झलक दिखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि मेलों का स्वरूप बदलना चाहिए मेले में ग्रामीण क्षेत्र के जो उद्यमी हैं विभिन्न पैदावार कर रहे हैं उनके उत्पाद मेले में प्रदर्शित हों,ताकि मेले में आने वाले युवाओं को वह दिखे ओर उससे प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि मेलों के माध्यम से लोगों को विशेष रूप से युवाओं को इन उत्पादों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि युवाओं में जो ब्यवसायिकता की कमी व अभाव है इस प्रकार के मेलों के आयोजन से युवाओं में ब्यवसायिकता के गुण सीख सकते हैं, यहां के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है।
कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री विगत दिनों जनपद के जी.आई.सी रोड निवासी शहीद राहुल रैंसवाल के घर गए जहां उन्होंने उनके परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र ने देश की सेवा में अपना जो योगदान दिया उससे सम्पूर्ण राज्य उन्हें हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा कि वीर सहीद की धर्मपत्नी को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नोकरी प्रदान की जाएगी। इससे पूर्व जनपद आगमन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा न्याय के देवता गोल्ज्यू के मंदिर जाकर पूजा अर्चना कर ईश्वर से प्रदेश की खुशहाली की कामना कर आशीर्वाद लिया ।
इस अवसर पर विधायक चंपावत कैलाश गहतोड़ी, लोहाघाट पूरन फर्त्याल, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, दर्जा राज्य मंत्री हयाद माहरा, जिलाधिकारी सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

खटीमा विधायक को मिला ’’भारत के आदर्श युवा विधायक का सम्मान’’

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित दसवीं छात्र संसद में भारत के आदर्श युवा विधायक का सम्मान उत्तराखंड खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी को दिया गया। धामी ने यह सम्मान उत्तराखंड की जनता को समर्पित करते हुए कहा कि यह सम्मान उन्हें और अधिक समर्पण के साथ जनसेवा के लिए प्रेरित करेगा।
एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नेंस पुणे, युवा एवं खेल मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से आयोजित चार दिनी छात्र संसद में यह सम्मान विधायक और उत्तराखंड डेवलपमेंट एंड रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष पुष्कर सिंह धामी को दिया गया। बतातें चले कि पुष्कर सिंह धामी लगातार दो बार से विधायक है। धामी की संगठन में मजबूत पकड़ है। वह पूर्व में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे है। उत्तराखंड में सांस्कृतिक और युवाओं के कार्यों के लिए पुष्कर धामी काफी लोकप्रिय है। उन्होंने बताया कि दसवीं छात्र संसद 20 फरवरी को शुरू हुए कार्यक्रम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने किया था। कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु रविशंकर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा महामंत्री राम माधव, जनरल जीडी बख्शी आदि थे। 23 फरवरी को कार्यक्रम का पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने समापन किया। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल से सांसद अजय भटट ने कहा कि विधायक को सम्मान मिलने से उत्तराखंड का गौरव बढ़ा है।

दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून के लिए चलेगी तेजस ट्रेन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट कर उत्तराखण्ड में रेल सुविधाओं के विस्तार पर चर्चा की। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड की रेल परियोजनाओं के लिए बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर नई दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून के लिए समस्त आधुनिक सुविधाओं से युक्त तेजस ट्रेन को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। पाथ-वे उपलब्ध होते ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। उत्तराखण्ड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम दिखने लगा है। इसके लिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री और उनकी टीम की प्रशंसा की जानी चाहिए। हमें दूसरे राज्यों में जो समस्याएं आती है, उत्तराखण्ड में नहीं आई। पूरा प्रयास रहेगा कि अगले ढ़ाई वर्ष में श्रीनगर गढ़वाल तक रेल पहुंचा दी जाए। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में इनोवेटिव काम किया जाएगा। वर्ष 2021 मे हरिद्वार में होने वाले कुम्भ मेले के लिए रेलवे विभाग, प्रयागराज की भांति ही पूरी तैयारी करेगा। देहरादून, हरिद्वार स्टेशनों की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।दून रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण इस वर्ष नवम्बर तक कर दिया जाएगा। जल्द ही रेलवे के उच्च अधिकारियों के दल को उत्तराखण्ड भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से सम्भावित यातायात के लिए मजबूत तंत्र जरूरी
इससे पूर्व बैठक में मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन परियोजना की वर्तमान प्रगति से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 126 किमी0 लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के अन्तर्गत फॉरेस्ट लैंड को नॉन फॉरेस्ट लैंड में परिवर्तन को स्वीकृति मिल गयी है। उन्होंने कहा कि 167 हेक्टेयर प्राईवेट रेवेन्यू लैंड का अधिग्रहण कर लिया गया है। परियोजना के लिए जियो टैक्नीकल इन्वेस्टीगेशन भी पूर्ण हो गयी है। इसके अन्तर्गत एक आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) एवं एक आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) को तैयार कर लिया गया है, जिन्हें नियमित यातायात के लिए खोल दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में रेल यातायात में वृद्धि होना स्वाभाविक है। इसे देखते हुए हरिद्वार-रायवाला अथवा हरिद्वार-देहरादून के मध्य रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाना चाहिए, साथ ही, पुराने ऋषिकेश में भारी माल लादने व उतारने एवं कंटेनरों से लदे रेल वैगनों के रूकने के लिए एक रेल कंटेनर डिपो स्थापित किए जाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देहरादून व योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन के मध्य सीधी रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए लक्सर की भांति रायवाला स्टेशन से पहले डाइवर्जन लाइन का निर्माण किये जाने की भी जरूरत है।

रूड़की-देवबंद रेल परियोजना
मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री को बताया कि देवबन्द-रूड़की रेल लाईन परियोजना को विशेष रेल प्रोजेक्ट का दर्जा प्रदान किया गया है। उक्त योजना को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में 50ः50 प्रतिशत के रेलवे एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य अंशदान के रूप में स्वीकृत दी गयी है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा परियोजना हेतु राज्य सरकार का अंशदान के रूप में वर्तमान तक कुल रू0 261.61 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा अब तक अवमुक्त धनराशि को पर्याप्त मानते हुए परियोजना की अवशेष धनराशि का वित्त पोषण रेल मंत्रालय अथवा भारत सरकार द्वारा वहन किए जाने का अनुरोध किया।

नई रेल लाईनों की स्वीकृति का अनुरोध
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रेल मंत्री से लालकुंआ-खटीमा, टनकपुर-बागेश्वर और काशीपुर-धामपुर नई रेल लाईनों की स्वीकृति का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उक्त तीनों रेल लाईनों का पर्वतीय क्षेत्र के विकास और सामरिक दृष्टि से काफी महत्व है। लालकुआं-शक्तिफार्म-सितारगंज-खटीमा नई रेल परियोजना को स्वीकृति देते हुए इसका शत प्रतिशत वित्त पोषण केंद्र द्वारा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ व बागेश्वर क्षेत्र में आर्थिक विकास की गति को तेज करने, पर्यटक के विकास और सस्ती परिवहन सुविधा के लिए टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन की नितांत आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने काशीपुर से धामपुर वाया जसपुर नई रेल लाइन का भी शत प्रतिशत वहन केंद्र सरकार से करने का आग्रह किया। बैठक में रेल मंत्रालय और उत्तराखण्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

पहाड़ों में बर्फबार से बढ़ी परेशानी, पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराना बना चुनौती

मौसम विभाग ने आज देहरादून सहित राज्य के कई हिस्सों में बारिश के साथ ओले और भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी में स्थानीय लोगों और पर्यटकों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने सभी विभागों को सतर्क कर दिया है।
प्रदेश भर में आज सुबह से ही अधिकांश जगह बादल छाये रहने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसके बाद दून में बूंबाबांदी शुरू हो गई। वहीं, बर्फबारी के बाद अब पहाड़ी इलाकों में खून जमाने वाली ठंड पड़ रही है। कुमाऊं में आज काशीपुर, रामनगर में धूप खिली है। पंतनगर, अल्मोड़ा, लोहाघाट, चंपावत और रुद्रपुर में बादल छाए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग की मानें तो मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट के हिसाब से जिले में सभी विभागों को सतर्क कर दिया है। इसके लिए यदि किसी विभाग के पास संसाधनों की कमी है तो वह जिला प्रशासन से संपर्क कर सकता है। लोक निर्माण विभाग, जल संस्थान आदि विभागों के कर्मचारियों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जेसीबी, चूना और नमक आदि के साथ तैनात रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
लोनिवि और राजमार्ग को बर्फबारी वाले स्थानों पर जेसीबी की तैनाती, चूना आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये है। वैकल्पिक मार्गों से यातायात सुचारु कराना। अपने-अपने विभागीय गेस्ट हाउस को अलर्ट मोड पर रखना जिससे किसी भी स्थिति में पर्यटकों और स्थानीय जनता को इनमें शिफ्ट करने में दिक्कत न हो।
जल संस्थान व पेयजल निगम को बर्फबारी के कारण पानी जमने और पाईप लाइन क्षतिग्रस्त होने की दशा में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया है।
विद्युत विभाग से विद्युत आपूर्ति बाधित होने के तत्काल बाद स्थिति को सामान्य बनाने काम प्रमुख रूप से करने के निर्देश दिये गये है।
गौरतलब है कि पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद रविवार को मौसम साफ हुआ तो बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए ऊंची चोटियों पर पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में पर्यटकों ने लोखंडी, धारना धार, देववन, बुधेर पहुंच बर्फबारी का लुत्फ उठाया। दिनभर ऊंची चोटियां पर्यटकों से गुलजार नजर आई हालांकि, शाम चार बजे बाद चलने वाली ठंडी हवाओं ने लोगों को सिहरन का एहसास करा दिया।
शाम को चली ठंडी हवाओं के चलते तापमान माइनस में चला गया। रविवार को चकराता का अधिकतम तापमान छह डिग्री और न्यूनतम -01 डिग्री रहा। शाम ढलते ही लोगों के घरों और दुकानों में अलाव जल उठे।बर्फबारी के चलते होटल मभी फुल हो गए। सोमवार को भी बड़ी संख्या में पर्यटकों के चकराता और आसपास की ऊंची चोटियों का रुख करने का अनुमान है।
गोपेश्वर जिले में हो रही बर्फबारी ने दूरस्थ गांव के लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। जिले में 30 से अधिक गांवों में इस समय बर्फ की चादर बिछी हुई है। अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में घरों के ऊपर तक कई फीट बर्फ जमी हुई है।
चारों तरफ बर्फ पड़ने से मवेशियों के लिए चारा पत्ती की समस्या आ गई है। ठंड के कारण नलों में पानी जम रहा है, जिससे लोग प्राकृतिक स्रोत का सहारा ले रहे हैं। पाणा गांव की बीना देवी, शांति देवी, सीमा देवी, अनीता देवी सहित अन्य लोगों ने बताया कि पिछले बर्फबारी से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। बर्फबारी का नजारा देखने के लिए रविवार को पर्यटन नगरी धनोल्टी और काणाताला क्षेत्र बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे, लेकिन पर्यटकों को चंबा-धनोल्टी मार्ग पर सुबह से लेकर अपराह्न तक जाम की समस्या से जूझना पड़ा। बर्फ के ऊपर पाला गिरने से वाहन रपटने के कारण बार-बार मार्ग पर जाम लगता रहा। जाम को देखते हुए पुलिस प्रशासन को बुरांशखंडा और कद्दूखाल में बैरियर लगाकर वाहनों को रोकना पड़ा।

बर्खास्त सिपाही करवाता था वाहन की चोरी, पुलिस की दबिश में हुआ खुलासा

एएसपी राजीव मोहन, सीओ सिटी विजय थापा ने पत्रकारों को बताया कि तीन दिसंबर को मुक्तेश्वर के आर्चेड रिसॉर्ट व हाल तल्लीताल निवासी विक्रम बिष्ट की तल्लीताल क्षेत्र में पार्क स्कार्पियो यूके-04 वी, 1177 चोरी हो गई थी। यह वाहन बरामद नहीं हुआ था कि 17 दिसंबर को पूर्व पुलिस अधीक्षक आरएस नयाल निवासी सिपाहीधारा की यूके-04 एए, 4256 आई-20 कार चोरी हो गई। चोरी के इन मामलों के खुलासे के लिए एसएसपी के निर्देश पर एएसपी राजीव मोहन द्वारा सीओ के नेतृत्व में एसओजी का गठन किया। एसओजी की टीमों को वाहनों की सुरागकशी के लिए उत्तर प्रदेश के बरेली, शाहजहांपुर, कानपुर, झांसी रवाना किया गया।
एसओजी प्रभारी अबुल कलाम, एसआइ दिलीप कुमार की टीम ने परवेज अहमद (45) पुत्र सलीम अहमद निवासी शिया मस्जिद के पास नई बस्ती, कोतवाली झांसी तथा रियासत अली पुत्र आले मोहम्मद निवासी 101 सूर्यनगर, एचएमटी जीटर ट्रैकर कंपनी के पीछे पोस्ट उरई थाना कोतवाली जिला जालौन उत्तर प्रदेश को शनिवार को बरेली से गिरफ्तार किया है। इनके पास से नैनीताल निवासी पूर्व पुलिस अधीक्षक आरएस नयाल की यूके-04 एए, 4256 आई-20 कार बरामद हुई है। पकड़े गए गिरोह की निशानदेही पर ही नैनीताल, झांसी तथा कानपुर से चोरी कई स्कार्पियो भी बरामद की गई हैं। यह स्कार्पियो किसकी हैं, नंबरों के आधार पर उनका पता लगाया जा रहा है। पकड़े गए आरोपितों में कुछ और लोग भी शामिल हैं, पुलिस इनसे पूछताछ कर उनकी तलाश कर रही है। कार चोर गिरोह का मास्टर माइंड परवेज है। इसने पुलिस को पूछताछ में बताया कि विभिन्न राज्यों से वाहन चोरी कर नेपाल में बेचते थे। अभियुक्त परवेज उत्तर प्रदेश पुलिस का बर्खास्त सिपाही है। नैनीताल से चोरी दोनों वाहनों को फर्जी नंबर प्लेट लगाकर उपयोग में लाया जा रहा था।
अपराध के दलदल में फंस चुके उत्तर प्रदेश पुलिस का बर्खास्त सिपाही वाहन चोर गिरोह का मास्टर माइंड बन गया। बर्खास्त सिपाही पर हत्या के दो, हत्या के प्रयास के चार मुकदमे दर्ज हैं। चोर गिरोह घटना को अंजाम देने से पहले वाहन का बोनट खोलते थे, उसके बाद स्टेङ्क्षरग का लॉक तोड़ते थे। यहीं नहीं गाड़ी के बैक लाइट तोड़कर पूरी गाड़ी की लाइटिंग सिस्टम को ध्वस्त कर अपना सॉफ्टवेयर स्टॉल कर देते थे। फिर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर बेरोकटोक ले जाते थे। दरअसल गिरोह का सरगना परवेज निवासी नई बस्ती, कोतवाली झांसी 1995 बैच का सिपाही था। राज्य बनने के बाद 2000 से 2009 तक नैनीताल पुलिस लाइन में टेलीफोन ड्यूटी पर तैनात रहा, फिर उत्तर प्रदेश के लिए रिलीव हो गया। आपराधिक घटनाओं में शामिल होने की वजह से परवेज को उप्र में नौकरी से बर्खास्त कर दिया। परवेज पर झांसी कोतवाली में हत्या के दो व हत्या के प्रयास के चार मुकदमे दर्ज हैं। हाल ही में उसने वाहनों को उड़ाने का गिरोह बना लिया। सूत्रों के अनुसार नैनीताल में सेवारत रहने के दौरान उसे शहर का पूरा अनुभव था। पहले उसने तल्लीताल क्षेत्र से स्कार्पियो उड़ाई, फिर सिपाहीधारा में अक्सर पार्क रहने वाली आइ-20 उसके निशाने पर थी। उसे भी उड़ा लिया। आरोपित परवेज ने पूछताछ में बताया कि गाड़ी का सिस्टम 15 मिनट में बदल देते थे। नेपाल में गाड़ी को 80-85 हजार में बेच देते थे। पुलिस गिरफ्त में आया परवेज नैनीताल में पुलिस ड्यूटी के दौरान खुद के कारनामे भी गिनाता रहा।

कार्बेट पार्क में पर्यटकों की सुविधाएं बढ़ायेगी सरकार

कार्बेट टाइगर रिजर्व में प्रायोगिक तौर पर गैण्डे का रिइन्ट्रोडक्शन किया जाए। मानव वन्य जीव संघर्ष से प्रभावित गांवों में वॉलण्टरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स की स्थापना जल्द से जल्द की जाए। कॉर्बेट व राजाजी पार्क में टाइगर व हाथी की अधिकतम धारण क्षमता का अध्ययन कराया जाएगा। हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर बंदरों को पीड़क घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में गरतांग गली ट्रेल में मार्ग निर्माण, उसके प्राचीन स्वरूप को बनाए रखते हुए किया जाए। प्रदेश में संरक्षित क्षेत्रों के निकट स्थित टोंगिया व अन्य ग्रामों में सोलर लाईट, शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं नियमानुसार उपलब्ध करवाने के काम को प्राथमिकता से लिया जाए। मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित राज्य वन्य जीव बोर्ड की 14 वीं बैठक में उक्त निर्णय लिए गए।
गैण्डे के रिइन्ट्रोडक्शन के संबंध में प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की भौगोलिक व पर्यावरणीय परिस्थितियां गैण्डे के अनुकूल है। गैण्डे द्वारा मानव के साथ संघर्ष की जीरो सम्भावना होती है और यह अन्य जीवों के लिए भी सहायक होता है। इससे राज्य में पर्यटन गतिविधियां भी काफी बढ़ेंगी। इस पर बोर्ड द्वारा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में प्रायोगिक तौर पर गैण्डे का रिइन्ट्रोडक्शन पर सहमति दी गई।
मछलियों को पकड़ने में अवैधानिक तरीकों के प्रयोग को रोकने के लिए युवक मंगल दलों, महिला मंगल दलों, वन पंचायतों का सहयोग लिया जाए। प्रदेश में संरक्षित क्षेत्रों के निकट स्थित टोंगिया व अन्य ग्रामों में सोलर लाईट, शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं नियमानुसार उपलब्ध करवाने के काम को प्राथमिकता से लिया जाए। संरक्षित क्षेत्रों से दूसरे स्थानों पर बसाए जाने पर वन्य ग्रामों के लोगों भूमि संबंधी वही अधिकार मिलने चाहिए जो कि उन्हें अपनी पहले की भूमि पर प्राप्त थे। इसके लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए।
राज्य वन्य जीव बोर्ड द्वारा संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत व संरक्षित क्षेत्रों के 10 किमी परिधि में आने वाली वन भूमि हस्तांतरण व अन्य प्रकरणों पर स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण के लिए अधिग्रहीत भूमि की राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजने, रूद्रप्रयाग के उखीमठ नगर पंचायत में पेयजल योजना के लिए पाईप लाईन बिछाने की अनुमति, जनपद अल्मोड़ा में एनटीडी-कफड़खान मोटरमार्ग के 2 किमी से ग्राम भूल्यूड़ा सब्जी उत्पादन क्षेत्र हेतु मोटरमार्ग का नवनिर्माण, रामनगर-लालढांग मोटर मार्ग के 9 किमी व 13 किमी में सेतु का निर्माण, सोनप्रयाग से त्रिजुगीनारायण व कोठियालसैण से ऊषाड़ा तक मोटरमार्ग के किनारे ओएफसी लाईन बिछाए जाने की अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजना प्रमुख हैं।
बैठक में वन मंत्री डा.हरक सिंह रावत, विधायक सुरेश राठौर, दीवान सिंह बिष्ट, प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन, मुख्य वन संरक्षक जयराज, डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार सहित वन विभाग के अधिकारी और राज्य वन्य जीव परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

एनएच-74 मामले में ईडी की कार्रवाई से हड़कंप

रुद्रपुर-बाजपुर-सितारगंज राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-74) के चैड़ीकरण कार्य में जमीन अधिग्रहण में किए गए खेल से सरकार को 215.11 करोड़ रुपये की चपत लगाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21.96 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर दी है। इस कार्रवाई में ऊधमसिंह नगर के तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलओ) व वर्तमान में रुद्रप्रयाग के उपजिलाधिकारी डीपी सिंह समेत 23 लोगों की संपत्ति अटैच की गई है।
संपत्ति अटैचमेंट की यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत ईडी के उपनिदेशक (उत्तराखंड) रवींद्र जोशी के नेतृत्व में की गई। कुल 21.96 करोड़ रुपये की संपत्ति में 36 अचल संपत्तियां (फ्लैट, कृषि, औद्योगिक, वाणिज्यिक भूखंड) व चल संपत्ति में 11 बैंक खातेध्म्यूचुअल फंड के खाते शामिल हैं। यह संपत्तियां देहरादून, उधमसिंह नगर व उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में हैं। जिनमें उप जिलाधिकारी डीपी सिंह का भूखंड भी शामिल है। अटैच की गई संपत्ति से संबंधित 23 लोगों में से चार दलाल व शेष ऊधमसिंह नगर के कृषक हैं। इन सभी की संपत्ति ऊधमसिंह नगर में है। बताया जा रहा है कि जांच अभी जारी है और ईडी के राडार पर अभी कई और लोग हैं। जल्द इनकी भी चल-अचल संपत्ति अटैच की जाएगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तत्कालीन एसएलओ व रुद्रप्रयाग के एसडीएम (उपजिलाधिकारी) की जो संपत्ति अटैच की है, उसमें राजपुर रोड पर एक बेहतरीन फ्लैट भी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के रामपुर में चार अलग-अलग जगह खरीदे गए चार भूखंड को (2.25 हेक्टेयर) को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग में अटैच किया गया। ईडी सूत्रों ने बताया कि जमीन अधिग्रहण में फर्जीवाड़ा कर भू-स्वामियों को जो अतिरिक्त मुआवजा बांटा गया, उससे राजस्व व अन्य अधिकारियों को मोटा कमीशन दिया गया।
इसके अलावा किसानों ने अतिरिक्त राशि का प्रयोग अचल संपत्ति खरीदने में किया। बड़ी राशि बैंकों में जमा कराई गई और कुछ ने म्यूचुअल फंड में भी निवेश किया। ईडी ने घपले के बाद अर्जित की गई संपत्ति का आकलन उनके आयकर रिटर्न व बैंक स्टेटमेंट से किया। स्पष्ट हो गया कि वास्तविक मुआवजे के अतिरिक्त जो रकम जमा की गई है या संपत्ति खरीदी गई है, उसका माध्यम ब्लैक मनी है। ऐसी संपत्ति की पूरी सूची तैयार करने के बाद ईडी ने सभी को अटैच कर दिया। अब आरोपित इन संपत्ति की किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त नहीं कर पाएंगे।