महार रेजीमेंट के सैन्य अधिकारियों एवं जवानों से मिले मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मध्य प्रदेश स्थित सागर में महार रेजिमेंट में आयोजित सैनिक सम्मेलन में प्रतिभाग किया। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल्यकाल में जब वे अपने (स्वर्गीय) पिताजी से महार रेजिमेंट के वीर सैनिकों की शौर्यगाथाओं के बारे में सुनते थे तो मन में उत्साह और उमंग की भावना हिलोरे लेने लगती थी। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे आप सभी वीर सैनिकों के बीच आने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इससे पूर्व वह यहां एक बालक के रूप में आये थे जिसके लिए ये पूरा परिवेश किसी स्वप्नलोक से कम नहीं था। बाल्यकाल में जिस दिन वह, सागर आये वो उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक दिन था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर हमारी यह रेजिमेंट विविधता में एकता की भावना का बोध कराती है वहीं इसका प्रत्येक सैनिक भारत की महान संस्कृति व गौरवशाली सैन्य परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। आज आदरणीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सेना के मान और सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे वीर सैनिक दुश्मन को उसके घर में घुस कर जवाब दे रहे हैं। जब भी दुश्मन ने ललकारा है भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब देते हुए दिखा दिया है कि उसके पास ताकत भी है और उचित जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है। भारत वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता और अपने हितों को सर्वाेपरि रखते हुए अपनी बात रख रहा है। आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने वाला है। आज सेना के आधुनिकीकरण को भी एक नया आयाम दिया जा रहा है और डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और उनके द्वारा सैनिकों को दिए जा रहे प्रोत्साहन के कारण ही आज हमारी सेना पहले से कई गुना अधिक सशक्त है और सीमाएं पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हैं। सैनिकों द्वारा किए जाने वाले त्याग और उनकी राष्ट्र सेवा के ऋण को हम कभी नहीं चुका सकते।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सागर मध्य प्रदेश के सदर कैंट में महार रेजीमेंट के कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने महार रेजिमेंट के वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वार मेमोरियल का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री महार रेजीमेंट के सैन्य अधिकारियों एवं जवानों से भी मिले। मुख्यमंत्री ने महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता को याद कर, भावुक हुए। पिता स्व. शेर सिंह धामी महार रेजीमेंट में दे चुके हैं देश को अपनी सेवाएं। उन्होंने कहा कि सेना हमारी रक्षक, हमारा मस्तक।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वह सेना में तो नही हैं परन्तु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। देश की पहली मशीनगन रेजीमेंट होने के साथ साथ देश को दो सेना प्रमुख देने का गौरव भी इस रेजिमेंट के साथ जुड़ा हुआ है। सीमाओं की सुरक्षा करने से लेकर युद्ध के मैदान तक महार रेजिमेंट का एक-एक सैनिक अपना सर्वाेच्च बलिदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहा है। 1962 का युद्ध हो या 1971 का… हमारे वीर जवानों ने हमेशा अपनी वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन को मात दी है।
मुख्यमंत्री ने ‘ऑपरेशन पवन’ के नायक रहे महार रेजिमेंट के अमर शहीद मेजर रामास्वामी परमेश्वरन तथा देश के भीतर आतंकियों से लोहा लेते हुए अमर बलिदान देने वाले सूबेदार मेजर सुरेश चंद यादव को नमन करते हुए कहा कि महार रेजिमेंट में ऐसे वीरों की लंबी श्रृंखला है, जिन्होंने मां भारती के यश को अक्षुण्ण रखने हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया और तिरंगे की आन-बान और शान को फीका नहीं पड़ने दिया। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्येक सैनिक की वीरता, साहस और बलिदान पर हर एक नागरिक को गर्व है। आप सभी हमारे आदर्श हैं और आपकी वीरता,साहस और अपराजेयता पर इस राष्ट्र को अभिमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आप सभी हैं, आपका ये हौंसला है, आपका ये त्याग और तपस्या है। कोई मां भारती के गौरव को हानि नहीं पहुंचा सकता। आप वीरों की कीर्ति गाथा के बारे में जितना भी बोलूं वो कम होगा। उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर सभी वीर शहीदों के माता पिताओं को भी वह प्रणाम करते हैं जिन्होंने ऐसे वीर योद्धाओं को जन्म दिया और उनका पालन पोषण किया साथ ही वह उन सभी सैन्य परिवारों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने स्वयं से पहले राष्ट्र सेवा को स्थान दिया।

मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में सीएम ने कई ज्वलंत मुद्दों पर रखी अपनी राय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में भोपाल में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने केंद्र के सहयोग से पर्वतीय क्षेत्र में प्राकृतिक जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण हेतु एक विशेष अभियान प्रारम्भ किये जाने और राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इको सिस्टम सेवाओं को महत्ता दिये जाने और केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय संसाधनों के आवंटन में फ्लोटिंग पॉपुलेशन को ध्यान में रखे जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में एक सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना तंत्र के लिये सहयोग किये जाने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने मध्य क्षेत्रीय परिषद की आगामी बैठक देवभूमि उत्तराखण्ड में आयोजित करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में मिल रहे केंद्र सरकार के सहयोग के लिये आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में श्री केदारपुरी का पुनर्निर्माण, पावन बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर गतिमान है। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं के निर्धारण में राज्य की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वन स्किम फिट ऑल के स्थान पर राज्य के अनुकूल टेलर मेड स्कीम तैयार करने पर भारत सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। पर्यटन, हॉर्टिकल्चर तथा सगंध पौध आधारित केन्द्रीय योजनाओं से राज्य को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने बरसाती नदियों को वैज्ञानिक आधार से ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़े जाने का सुझाव देते हुए कहा कि इसका लाभ उत्तराखण्ड राज्य को ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र को होगा। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार के सहयोग से पर्वतीय क्षेत्र में प्राकृतिक जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण हेतु एक विशेष अभियान को भी प्रारम्भ किये जाने का सुझाव दिया। उन्होंने उत्तराखण्ड की बाधित जल विद्युत परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार से सहयोग का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य अपने वनों, बुग्यालों, ग्लेशियरों का संरक्षण करके राष्ट्र को महत्वपूर्ण इको सिस्टम सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। भोपाल के ही प्रतिष्ठित भारतीय वन प्रबन्धन संस्थान के एक अध्ययन के अनुसार इन पारिस्थितिकी सेवाओं का वार्षिक मूल्य न्यूनतम रू. 95,000 करोड़ आंका गया है। मुख्यमंत्री ने राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इन पारिस्थितिकी सेवाओं को महत्ता दिये का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश-विदेश से बहुत अधिक संख्या में तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों का आवागमन राज्य में होता है। उत्तराखण्ड की जनसंख्या लगभग सवा करोड़ है किन्तु प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड में लगभग छः करोड़ लोगों का फ्लोटिंग पॉपुलेशन के रूप में आगमन होता है। इस प्रकार राज्य सरकार को लगभग सवा सात करोड़ लोगों हेतु अवस्थापना सुविधाओं की व्यवस्था करनी पड़ती है। अतः राज्य के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय संसाधनों के आवंटन में फ्लोटिंग पॉपुलेशन के इस महत्त्वपूर्ण तथ्य को भी ध्यान में रखा जाना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के सीमान्त क्षेत्रों को सड़क, रेलवे व वायु मार्ग से जोड़ना अत्यावश्यक है। ऑल वेदर रोड का विस्तार सीमान्त क्षेत्र तक किया जाना चाहिए। राज्य के कुमाऊँ मण्डल में टनकपुर से बागेश्वर रेलवे लाइन का निर्माण किया जाए। सीमित संसाधनों के कारण उत्तराखण्ड राज्य को रेलवे परियोजनाओं के लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी की शर्त पर छूट मिलनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में नैनी सैनी, गौचर, चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टियां विद्यमान हैं। सामरिक दृष्टि से इनके विस्तारीकरण और अन्य हैलीपोर्ट्स का भी निर्माण किये जाने की आवश्यकता है। कुमाऊँ एवं गढ़वाल क्षेत्र के मध्य तथा राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी के निकट स्थित चौखुटिया क्षेत्र में एक नये एयरपोर्ट की स्थापना किया जाना आर्थिक एवं सामरिक दृष्टि से अत्यन्त आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आपदा के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य को एक सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना तंत्र की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने भारत नेट-2 परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के मोबाइल एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी विहीन 5942 ग्राम पंचायतों में कनेक्टिविटी प्रदान किये जाने हेतु भारत नेट-2 परियोजना के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्य शीघ्र स्वीकृत किये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कैम्पा के तहत राष्ट्रीय प्राधिकरण के खाते में रखे जाने वाली 10 प्रतिशत की धनराशि को घटाकर 2 प्रतिशत करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस शेष 8 प्रतिशत धनराशि को राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत कैम्पा में अनुमन्य गतिविधियों के अन्तर्गत वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण व संवर्धन सम्बन्धी जनहित व कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु उपयोग में लाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सीमान्त जनपदों के हिमाच्छादित क्षेत्रों में हिम प्रहरी योजना लागू किया जाना प्रस्तावित है। हिम प्रहरी दल द्वारा दैवीय आपदाओं के समय सूचना, राहत एवं बचाव कार्य, ग्राम वासियों को सीमा सुरक्षा सम्बन्धी प्रशिक्षण, जागरूकता, आत्म-रक्षा का प्रशिक्षण का कार्य किया जायेगा। उन्होंने भारत सरकार से इसके लिये आर्थिक सहायता का अनुरोध किया।

एमपी के सीएम भी पहुंचे, धामी के साथ घटनास्थल का भी किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के रिखाऊखड्ड डामटा के समीप बस दुर्घटना स्थल का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बस दुर्घटना में मृतक रामसजी एवं बांके बिहारी के रिश्तेदार कृष्ण बिहारी द्विवेदी से बातचीत की तथा वाहन दुर्घटना में मृतक सभी श्रद्धालुओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक अन्य बस में सवार मध्यप्रदेश के तीर्थ यात्रियों से भी बातचीत की।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। कल घटना की सूचना मिलते ही हम लगातार उत्तराखंड सरकार के सम्पर्क में थे। जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशन में राहत और बचाव कार्य तत्काल प्रारम्भ किए। रेस्क्यू ऑपरेशन में जितनी जल्दी हो सकता था सभी ने तेजी से काम किया। जिला प्रशासन और स्थानीय निवासियों द्वारा रात में ही पार्थिव शरीर को गहरी खाई से निकाला। पोस्टमार्टम व पंचनामा की कार्यवाही तेजी से की गई। यात्रियों के पार्थिव शरीर को जौलीग्रांट देहरादून भेजा गया है। यात्रियों के पार्थिव शरीर को सेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से खजुराहो (मध्यप्रदेश) पहुंचाया जाएगा। जहां से उनके पार्थिव शरीर को उनके घर भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हृदयविदारक बस दुर्घटना के मजिस्ट्रियल जाँच के आदेश दिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा करने आ रहें तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं सुगम व सुदृढ़ यात्रा को लेकर लगातार रजिस्ट्रेशन कि व्यवस्था कर रहे है उसके बावजूद यह घटना हुई जो बेहद दुःखद है इस घटना का संज्ञान प्रधानमंत्री ने भी स्वयं व्यक्तिगत रूप से लिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी लगातार पहले दूरभाष पर घटना की जानकारी लेते रहें और उसके बाद घटनास्थल पहुंचे है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस द्वारा तेजी से रेस्क्यू अभियान चलाया गया। तीर्थ यात्रियों के पार्थिव शरीर को खाई से निकाला। राज्य सरकार की यही कोशिश है की उनके पार्थिव शरीर जल्द उनके घरों को पहुंच जाएं। तीर्थ यात्रियों के पार्थिव शरीर को डामटा से सड़क के माध्यम से जॉली ग्रांट एयरपोर्ट के लिए भेजा गया है। प्रधानमंत्री राहत कोष और मध्य प्रदेश सरकार ने मृतक के परिजनों एवं घायलों को मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक परिजनों को 2 लाख एवं घायलों को 50 हजार एवं मध्यप्रदेश की सरकार मृतक के परिजनों को 5 लाख एवं घायलों को 50 हजार की राशि देगी। हमारी सरकार भी मृतक के परिजनों को 1 लाख एवं घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा राशि देगी।
इस दौरान गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, डीआईजी पुलिस करन सिंह नगन्याल, डीएम उत्तरकाशी अभिषेक रुहेला, डीएम टिहरी इवा आशीष श्रीवास्तव, एसपी अपर्ण यदुवंशी, पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल, जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश चौहान, प्रदेश मीडिया प्रभारी भाजपा मनबीर सिंह चौहान, एसडीएम चतर सिंह चौहान, शालिनी नेगी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की ली जानकारी

यमुनोत्री मार्ग पर डामटा के समीप रविवार को हुई बस दुर्घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे। उन्होंने बस दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्याे में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में मारे गये लोगों की आत्मा की शांति तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की भी ईश्वर से कामना की है। उन्होंने घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था के निर्देश भी जिलाधिकारी उत्तरकाशी को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने आपदा कंट्रोल के संचालन व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया तथा ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों से भी कंट्रोल रूम के संचालन से सम्बन्धित प्रक्रियाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में यात्रा अपने चरम पर है। यात्रा संचालन में व्यवस्थाओं के साथ ही किसी भी प्रकार की अनहोनी पर त्वरित राहत सम्बन्धी कार्य संचालित हो। इसके लिए कारगर व्यवस्था बनायी जाए। सभी जनपदों से आपदा कंट्रोल रूम को 24 घंटे सूचनाएं उपलब्ध कराये जाने के साथ ही जनपदों के आपदा कंट्रोल रूमों को भी और अधिक सक्रिय किये जाने के उन्होंने निर्देश दिए।
दुर्घटनाग्रस्त हुई बस में सवार लोग मध्यप्रदेश के होने के कारण मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दूरभाष पर वार्ता कर दुर्घटना की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समस्या में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किये जा रहे है।

शिवराज और धामी ने मिल पुराने दिनों को किया याद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से पौधा भेंट किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ व प्रतीक चिह्न भेंट किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर स्थित शौर्य दीवार पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में मौलश्री के पौधे का रोपण भी किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पाण्डया, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत उपस्थित रहे।

भारतीय साहित्य संगम ने ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का किया आयोजन

भारतीय सहित्य संगम के तत्वावधान में गूगल मीट पर ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेएमसी शासकीय महिला महाविद्यालय मंडला मध्य प्रदेश के प्राचार्य प्रोफेसर शरद नारायण खरे, विशिष्ट अतिथि शंखनाद वेब न्यूज़ उत्तराखंड के संपादक भारतेंदु शंकर पांडे तथा अध्यक्षता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद की संयुक्त सचिव मंजू पांडे ’महक जौनपुरी’ ने की।
देशभर से जुटे कवियों ने काव्य धारा बहाते हुए समसामयिक विषयों पर रचनाएं प्रस्तुत की।
भारतीय साहित्य संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक डॉ धीरेंद्र रांगड़ ने शब्दों का कारवां की 110वीं श्रंखला पर साहित्य मनीषियों को स्वागत किया तथा हिन्दी पखवाड़ा की शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम में अरुणा वशिष्ठ द्वारा सुमधुर वाणी में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।

आमन्त्रित रचनाकारों ने राष्ट्र भाषा हिंदी की महत्वता पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की। इस अवसर पर कवि डॉ अशोक गुलशन ने हिन्दी भाषा है सभी भाषाओं की जान, इसको पढ़ करके हुये, तुलसी-सूर महान। शम्भु प्रसाद भट्ट स्नेहिल ने भारतीयता की पहिचान, हिंदी बिना अधूरी है। इसीलिए हिंदी की शिक्षा, सबके लिए जरूरी है। डॉक्टर धीरेंद्र रांगड़ ने मैं दीवाना हिंदी का और तू दीवाना हिंदी का, ये जग दीवाना हिंदी का वो रब दीवाना हिंदी का की शानदार प्रस्तुति दी। महक जौनपुरी ने ग़ैर के ग़म से जो बाख़बर हो गया, जग में सच है वो आला बशर हो गया, मनोज कुमार गुप्ता आचार्य मनुश्री ने साहित्य से कैसी ढिढोली हो रही है, जिसे देख मेरी कलम रो रही है, राजेश डोभाल राज ने सब्र करता रहा मुद्दतों से यूं ही कागज, सब्र टूटा तो सरे बाजार फट गया कागज, अरुण कुमार शास्त्री ने कितनी हंसी है ये जिन्दगी के जबसे, तुमने ये कहा है तेरे होने से सब कुछ यहां है। कवि उमेश पटेल श्रीश ने खड़े हैं बीच चौराहे पर अपनी मंजिल की राह भूलकर, सोचते हैं इन राहों में से कोई राह मेरी मंजिल की भी होगी रचनाये प्रस्तुत की।
इसके अतिरिक्त आमंत्रित कविगणों में डॉ. बालकृष्ण पांडेय, प्रयागराज, डॉ वर्षा पुनवटकर, वर्धा महाराष्ट्र, बबिता शर्मा, कोटा, राजस्थान, डॉ. सत्यानन्द बडोनी, देहरादून, शिवकुमार चंदन, रामपुर उ.प्र., डॉ देवीदीन अविनाशी, हमीरपुर, नवीन डिमरी बादल, कर्णप्रयाग, शिव प्रसाद बहुगुणा आदि ने भी शानदार प्रस्तुति दी। कवि सम्मेलन का संचालन शंभू प्रसाद भट्ट ने किया।

मुनिकीेरेती पुलिस का पसीजा दिल, पर्यटकों को घर लौटने के लिए दिए सात हजार रूपए

मुनिकीरेती पुलिस ने मध्य प्रदेश के नागरिकों को घर जाने के लिए सात हजार रूपए की मदद की है। उक्त नागरिकों का पर्स व आवश्यक दस्तोवज गंगा स्नान के दौरान गायब हो गए थे। इसके उनके समक्ष घर जाने तक के रूपए नहीं थे।

दरअसल, हरिद्वार कुंभ मेला स्नान के लिए मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से घूमने पहुंचे रेखा बाई चैहान व उनके परिजन राहुल भूरी बाई, आलोक गंगाबाई, जिगर चैहान उस समय भारी मायूस हो गए। जब नाव घाट पर नहाते समय उनका पर्स कहीं गायब हो गया। पुलिस के अनुसार जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, एटीएम आदि थे। आज थाना प्रभारी राम किशोर सकलानी ने उन्हें घर उज्जैन तक जाने के लिए सात हजार रूपए की आर्थिक मदद प्रदान की। इसके लिए उक्त नागरिकों ने मुनिकीरेती पुलिस धन्यवाद अदा किया।

मुंबई से अरेस्ट कर ला रही यूपी पुलिस की गाड़ी एमपी में पल्टी, गैंगस्टर की मौत

मध्य प्रदेश के गुना में मुंबई से अरेस्ट कर ला रही यूपी पुलिस की गाड़ी पलट गई। इससे कार में सवार गैंगस्टर फिरोज उर्फ शमी की मौत हो गई। जबकि रिंगरोड चैकी प्रभारी जगदीश पांडेय सिपाही समेत चार लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए। इससे एक बार पुनः विकास दुबे की मौत की तस्वीर पुनः सामने आ गई।

पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के मुताबिक बहराइच निवासी फिरोज उर्फ शमी के खिलाफ ठाकुरगंज कोतवाली में छह मुकदमे दर्ज थे। इनमें तीन लूट के, दो चोरी और एक गैंगस्टर एक्ट का था। वर्ष 2014 से वह फरार चल रहा था। इसके बाद ही उस पर गैंगस्टर लगा था। तीन दिन पहले उसके मुंबई में होने की खबर मिलने पर ठाकुरगंज कोतवाली की रिंगरोड चैकी के प्रभारी जगदीश पांडेयए सिपाही संजीव सिंहए मुखबिर और ड्राइवर के साथ सड़क मार्ग से 25 सितंबर को मुंबई गए थे। शनिवार रात को इस टीम ने मुंबई पुलिस की मदद से फिरोज को गिरफतार कर लिया। फिरोज का गैरजमानती वारन्ट कोर्ट से जारी हुआ था।

पुलिस के मुताबिक रविवार तड़के तीन बजे उसे लेकर टीम लखनऊ के लिए निकली। करीब सात बजे गुना में चचोड़ा इलाके के पास कार के सामने अचानक नील गाय आ गई। उससे बचने के प्रयास में गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में कार सवार पांचों लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां फिरोज को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि जगदीशए सिपाहीए मुखबिर व ड्राइवर का इलाज चल रहा है।

टिकटॉक को आ गया बाय-बाय करने का समय, स्वदेशी एप मित्रों हो रहा पॉपुलर

भारत में टिकटॉक का बाय-बाय करने का वक्त आ गया है। भारत के युवाओं की जुबां पर अब टिकटॉक नहीं बल्कि स्वदेशी निर्मित एप मित्रों का नाम है। अभी तक इस एप को 50 लाख से ज्यादा युवा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर चुके है। इसे आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्रों ने बनाया है। इसे टिकटॉक का क्लोन भी कहा जा रहा है।

आईआईटी के पूर्व छात्रों का कहना है कि एप लांच करते समय हमें ऐसे ट्रैफिक की उम्मीद नहीं थी। इसे बनाने के पीछे लोगों को सिर्फ भारतीय विकल्प देना था। आईआईटी रुड़की में वर्ष 2011 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग ब्रांच से पासआउट छात्र शिवांक अग्रवाल ने अपने चार साथियों के साथ मित्रों एप बनाया है।

11 अप्रैल को हुआ था मित्रों एप लांच
पेटीएम के पूर्व सीनियर वाइस प्रेजिडेंट दीपक के ट्वीट के बाद इसकी चर्चा हर किसी की जुबान पर है। अचानक बड़ी संख्या में लोगों के एप डाउनलोड करने से नेटवर्क ट्रैफिक भी प्रभावित होने लगा। टीम मेंबर ने बताया कि वास्तव में 11 अप्रैल को एप लांच करते समय यह नहीं सोचा था कि इसे इतनी सफलता मिलेगी। टिकटॉक को पीछे छोड़ना जैसी कोई बात नहीं है। हमारा उद्देश्य लोगों को सिर्फ एक भारतीय विकल्प देना था। लोग इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे या नहीं यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हमें लोगों से जो आशीर्वाद मिला, उससे हम बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि हमें किसी ने फंड नहीं दिया है, उनका फंड लोगों का प्यार ही है।

मित्रों स्वदेशी नाम, इसलिए देना उचित
टीम मेंबर ने बताया कि मित्रों का अर्थ मित्र ही है। एक तो यह भारतीय उपभोक्ताओं को भारतीय मंच के जरिए सेवा देने के लिए है। हम स्वदेशी नाम देकर भारतीय नामों के खिलाफ पूर्वाग्रहों को भी दूर करना चाहते हैं।

बहुमत का आंकड़ा दूर, कमलनाथ दे सकते है इस्तीफा

मध्यप्रदेश की सियासत के ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने स्वीकार कर लिया है कि अब उनकी सरकार सुरक्षित नहीं है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पैसे और सत्ता के दम पर बहुमत वाली सरकार को अल्पमत में लाया गया है। वहीं राज्य के सियासी गलियारों से खबर है कि कमलनाथ बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं। यह संकट कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कांग्रेस के सभी बागी 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद और पुख्ता हो गया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कल देर रात कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए। इन सभी विधायकों ने छह अन्य विधायकों के साथ 10 मार्च को अपना इस्तीफा दिया था लेकिन प्रजापति ने इनके इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं लिया था। हालांकि उन्होंने छह अन्य के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। ये सभी 16 विधायक अभी बंगलूरू में ठहरे हुए हैं।
कांग्रेस के बागी 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने के बाद विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति का दर्द छलक गया है। स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि वे दुखी हैं। कहा कि और उन्होंने भारी मन से ये इस्तीफे इसलिए स्वीकार किए क्योंकि बागी विधायक मेरे खिलाफ ही कोर्ट में खड़े हो गए… ये लोकतंत्र की बिडंबना है।
इससे पहले के घटनाक्रम में मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल ने कल को अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया। इसमें कहा गया है कि वे सभी 20 मार्च को विधानसभा में मौजूद रहें और बहुमत परीक्षण के दौरान कमलनाथ सरकार के पक्ष में मतदान करें। वहीं दूसरी ओर, भाजपा ने भी अपने विधायकों को व्हिप जारी कर कमलनाथ सरकार के खिलाफ मतदान करने को कहा है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान समेत अन्य भाजपा विधायकों की कमलनाथ सरकार के बहुमत परीक्षण की मांग वाली याचिकाओं पर दो दिन से सुनवाई कर रही थी। पीठ ने विधानसभा के स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने और राज्य सरकार को सदन में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया।
पीठ ने विधायकों से अपना हाथ उठाकर मत प्रकट करने का निर्देश दिया। विधानसभा की पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग का भी आदेश दिया गया है। पीठ ने यह भी साफ किया, विधानसभा सत्र बुलाने का एकमात्र एजेंडा बहुमत परीक्षण कराना होगा। संबंधित अथॉरिटी यह सुनिश्चित करेगी कि बहुमत परीक्षण के दौरान सदन में कानून व्यवस्था कायम रहे।