सीएम ने गूंजी का निरीक्षण कर की घोषणा, बोले बनाएंगे मास्टर प्लान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदिकैलाश में आयोजित योग कार्यक्रम में योग कर देश व दुनिया को योग का संदेश दिया। योग के महत्व पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि योग में मानव जीवन को सुखमय बनाने की ताकत है। योग तन, मन और आत्मा का संगम है। मुख्यमंत्री ने आदिकैलाश क्षेत्र में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि भगवान भोलेनाथ की इस पावन धरा पर आने वाले पर्यटक, श्रद्धालु बन कर आयें। इससे उन्हें आत्मिक शान्ति का आभास होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में बडी संख्या में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के आगमन से स्थानीय लोगों को रोजगार व स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। स्थानीय खानपान को बढावा देने से स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा। ऊनी कालीन उद्योग भी यहां की आर्थिकी का आधार रहा है, इसे बढ़ावा देने के प्रयास हों। उन्होंने इस क्षेत्र में नगरीकरण में निर्मित होने वाले भवनों के निर्माण में स्थानीय वास्तुकला का ध्यान रखते हुए शत-प्रतिशत होमस्टे पर आधारित पर्यटन विकसित किये जाने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में परिवहन सुविधा के मानकीकरण तथा इनर लाईन परमिट निर्गत करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किये जाने पर ध्यान देने को कहा। इस दिशा में संवेदनशीलता एवं पारदर्शिता का ध्यान रखना होगा इससे यहां आने वाले लोगों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में देश व दुनिया से आने वाले लोगों को बिचौलियों के माध्यम से कोई परेशानी न उठानी पड़े तथा इस संवेदनशील सीमांत क्षेत्र में किसी प्रकार की अशान्ति न हो इस पर भी ध्यान देने की उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक जल श्रोत सूखने के साथ ही पर्यावरण दूषित हो रहा है। इस दिशा में परंपरागत धारे, नौले, गधेरों को पुनर्जीवित करने के लिये कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें सभी को सहयोगी बनना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आदर्श राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाते हुए जल और जंगल के संरक्षण एवं संवर्द्धन में देश को दिशा देने का कार्य कर सके इसमें भी हम सबको योगदान देना होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिये अधिक से अधिक वृक्षारोपण की भी मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आने वाले समय मे गुंजी को मास्टर प्लान के माध्यम से शिवधाम बनाया जायेगा जिसमे स्थानीय लोगो के भी सुझाव लिये जायेंगे। गुंजी, नाबी, कुटी, नौटी, बूँदी के व्यक्तियों को विकास कि मुख्य धारा से जोड़ा जायेगा, जिसके लिए केंद्र व राज्य सरकार प्रयासरत हैं

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पार्वती सरोवर के निकट शिव मंदिर पहुंच कर कुटी समाज के रीति रिवाज़ से मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए उत्तराखंड की सुख समृद्धि तथा खुशहाली की प्रार्थना की।

केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी योग दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी। इस अवसर मे विधायक धारचूला हरीश धामी, ब्लॉक प्रमुख धन सिंह धामी, दायित्वधारी गणेश भंडारी, सचिव लोक निर्माण विभाग ड़ॉ पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त कुमाऊ दीपक रावत, डीआईजी योगेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी रीना जोशी, मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, आयुष योग प्रशिक्षक एवं जनप्रतिनिधि आदि मौजूद थे।

आदि कैलाश में सीएम ने मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 15 हजार फीट की ऊंचाई से दिय संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समुद्रतल से लगभग 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश में योग कर पूरे विश्व के शिवभक्तों को आदि कैलाश दर्शन का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से आज सीमांत के गांवों की तस्वीर बदल रही है। प्रधानमंत्री मोदी के पार्वतीकुण्ड आदि कैलाश के दर्शन के बाद व्यास घाटी में आदि कैलाश, ओम पर्वत, कैलाश दर्शन, काली मंदिर, व्यास गुफा आदि तीर्थ स्थलों के दर्शन को हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भगवान शिव की प्रवास स्थली में योग कर दुनिया के सैलानियों और तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश के साथ ही इस समूची व्यास घाटी की यात्रा का न्योता देने के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत द्वारा विश्व को दी गई ‘योग’ रूपी अमूल्य धरोहर से आज करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शक्ति हेतु योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने एवं अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने की भी अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के सुदूर क्षेत्र में स्थित देवाधिदेव महादेव को समर्पित श्री आदि कैलाश और ओम पर्वत का अद्भुत वातावरण मन में भक्ति, शक्ति और असीम ऊर्जा का संचार करता है। पर्वत राज हिमालय की गोद में बसे गुंजी, कुटी और नाभीढाँग गाँव जहां व्यास घाटी की संस्कृति, परंपरा और विरासत को अपने आँचल में समेटे हुए हैं तो वहीं शिव-पार्वती मंदिर, गौरीकुंड, पार्वती सरोवर, व्यास गुफा और पाण्डव पर्वत सनातन धर्म की अनंत ऊर्जा का परिचय कराते हैं।

योग दिवस पर मुख्यमंत्री ने आदि कैलाश में योग कर देश दुनिया के तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश, ओम पर्वत और पार्वती सरोवर के दर्शन का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री का यह आह्वान मानसखण्ड मन्दिरमाला मिशन अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

प्रधानमंत्री की यात्रा से आदिकैलाश क्षेत्र को मिली अन्तरराष्ट्रीय पहचान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते वर्ष 12 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए थे। तब प्रधानमंत्री ने ज्योलिंगकोंग पहुंचकर आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन किए थे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने आदि कैलाश धाम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देने के साथ ही मानसखण्ड में धार्मिक पर्यटन को नए आयाम प्राप्त हुए है। यहां पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी बढोत्तरी हुई है। इन दिनों हर रोज एक हजार से लेकर डेढ़ हजार तक की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन को पहुंच रहे हैं।

पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से अब यह भी स्पष्ट है कि आगामी कुछ वर्षों में ही पिथौरागढ़ का यह सीमांत क्षेत्र बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। है। इससे इस क्षेत्र के चतुर्दिक विकास और स्थानीय कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।

पर्यटकों से गुलजार चीन बॉर्डर से सटे इलाके

पिथौरागढ़ के सीमांत इलाके इन दिनों देश दुनिया के सैलानियों से गुलजार हैं। आदि कैलाश, पार्वती सरोवर और ओम पर्वत के दर्शन को हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। पिथौरागढ़ से लेकर ज्योलिंगकांग तक होटल और होम स्टे यात्रियों और पर्यटकों से पैक हैं। आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, गौरी कुंड, ओम पर्वत देखकर यात्री अभिभूत हैं। हर रोज बस, टैक्सी और निजी वाहनों से ही नहीं बल्कि दोपहिया वाहनों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री धारचूला पहुंच रहे हैं।

ऑनलाइन उपलब्ध है इनर लाइन परमिट

कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद होने से शिवभक्तों का आदि कैलाश यात्रा के प्रति रुझान बढ़ा है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन सरकार का वीजा लेना पड़ता है, जबकि आदि कैलाश के भारत की सीमा में ही होने से मात्र इनर लाइन परमिट पर ही यह यात्रा हो जाती है। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को इनरलाइन परमिट के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए आनलाइन परमिट की व्यवस्था की गई है।

यह है आदि कैलाश यात्रा का रूट

आदि कैलाश की यात्रा के लिए सबसे पहले टनकपुर या हल्द्वानी होकर पिथौरागढ़ पहुंचना होगा। दिल्ली से बस या ट्रेन से आप हल्द्वानी या टनकपुर पहुंच सकते हैं। इसके बाद पिथौरागढ़ की यात्रा बस या टैक्सी से तय कर सकते हैं। पिथौरागढ़ से धारचूला तक की 90 किमी की दूरी टैक्सी से तय करने के बाद आगे के सफर के लिए इनर लाइन परमिट लेना अनिवार्य है। धारचूला से आदि कैलाश पहुंचने के लिए 80 किमी का सफर तय करना होगा। इसके लिए धारचूला में टैक्सियां उपलब्ध हैं।

विदेशी महिला सिमोना ने केदारनाथ गुफा में साधना कर बनाया रिकॉर्ड

केदारनाथ धाम देश ही नही दुनियाभर के शिवभक्तों की आस्था का केंद्र है। केदारनाथ मंदिर के ऊपर गरुड़चट्टी में बनी जिस गुफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साधना की थी, वो अब देश के ही नहीं, विदेशी भक्तों के लिए भी ध्यान साधना का प्रमुख केंद्र बन रही है। इसी कड़ी में अमेरिकी नागरिक सिमोना स्टेंस बीते दिनों केदारनाथ धाम पहुंची और ध्यान गुफा में दो दिन तक साधना की। इस गुफा में साधना करने वाली वो पहली विदेशी शिवभक्त हैं।

जानकारी के अनुसार अमेरिका की सिमोना स्टेंस गौरीकुंड से पैदल ही 19 किमी की दूरी तय कर केदारनाथ धाम पहुंची थी। सिमोना पहली बार केदारनाथ धाम पहुंची और यहां पहुंचने के बाद वे सीधे ध्यान गुफा गईं। सिमोना ने इस ध्यान गुफा में साधना के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराई थी।ध्यान साधना के बाद सिमोना काफी खुश नजर आई। उनके मुताबिक भगवान शिव की भूमि में आकर उन्हें अपार शांति की अनुभूति हुई है। शिमोना ने कहा 19 किमी की खड़ी पैदल यात्रा करने के बाद जो दृश्य सामने नजर आता, उससे मन में शिव के प्रति एक भाव जागृत होता है। शिमोना ने कहा कि केदारनाथ धाम में साक्षात शिव का वास है। उन्होंने बताया कि ध्यान गुफा में दो दिनों तक रहकर ऊं नमः शिवाय मंत्र का निरंतर जाप किया।

गढ़वाल मंडल विकास निगम के मुताबिक इस ध्यान गुफा के लिए जून महीने तक की बुकिंग फुल हो चुकी है। ध्यान गुफा में पहुंचने वाले साधकों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। जहां ध्यान करने के लिए प्रति व्यक्ति 3500 रुपए किराया एक रात का चुकाना होता है। गढ़वाल मंडल विकास निगम की वेबसाइट https://gmvnonline.com पर जाकर इसके लिए बुकिंग करवा सकते हैं।

केदारनाथ कपाट खुलने के सीएम धामी सहित अन्य बने साक्षी

विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उदघोष तथा सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच इस यात्रा वर्ष आज 10 मई को ठीक 7 बजे विधि- विधान से खुल गये है। इस अवसर पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर विशेष रूप से मौजूद रहे उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी देश एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनायेगी प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु प्रतिबद्ध है। इस दौरान सात हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया था साथ ही कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर आकाश से हैलीकाप्टर द्वारा फूल वर्षा हुई। तथा श्रद्धालुओं के लिए जगह – जगह भंडारे आयोजित किये गये थे। मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम समिति ने भी भंडारे आयोजित किये।

आज केदारनाथ में मौसम साफ रहा। आस-पास तथा दूर बर्फ होने से सर्द बयारें चलती रही। कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत कल बृहस्पतिवार 9 मई शाम को भगवान केदार नाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी, फाटा,गौरीकुंड से होते हुए श्री केदारनाथ धाम पहुंच गयी थी।

आज शुक्रवार प्रातः चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था उसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय रावल भीमांशंकर लिंग, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह पुजारी धर्माचार्य वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी तथा जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गये उसके पश्चात रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की भगवान भैरवनाथ तथा भगवान शिव का आव्हान कर ठीक सुबह सात बजे बजे श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया। उसके पश्चात श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किये।

कपाट खुलने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शुभकामनाएं दी कहा कि बीते यात्राकाल में रिकार्ड तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार तथा मंदिर समिति यात्री सुविधाओं हेतु प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ जी की पूजा हुई थी भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 9 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी 10 मई ठीक प्रातः7 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलने के पश्चात भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप् से श्रृंगार रूप् दिया गया। तथा तीर्थ यात्रियों ने दर्शन करने शुरू किये।

जारी प्रेस विज्ञप्ति बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया गया कि कल शनिवार 11 मई को श्री केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ श्री केदारनाथ मंदिर में नित्य प्रति आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जायेगी।

आज कपाट खुलने के समय हक-हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भटृट मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,वीरेंद्र असवाल, , मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह,कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी स्वयंबंर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, देवानंद गैरोला आदि मौजूद रहे।

10 मई को प्रातः सात बजे खुलेंगे श्री केदारनाथ धाम के कपाट

आज रविवार शाम को श्री पंचकेदार शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में कुछ देर में भैरव नाथ की पूजा शुरू हो जायेगी। शाम को शुरू हुई पूजा अर्चना देर रात तक चलेगी। पुजारीगण पूजा संपन्न करेंगे। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने भैरवनाथ पूजा तथा पंचमुखी डोली यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली है। कल पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम प्रस्थान कर प्रथम पड़ाव गुप्तकाशी पहुंचेगी।

कल सोमवार पूर्वाह्न भगवान श्री केदारनाथ की चल विग्रह पंचमुखी डोली पंचकेदार गद्दी श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी तथा यहां रात्रि प्रवास करेगी तथा मंगलवार 7 मई को पंचमुखी डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से चलकर फाटा प्रवास करेगी। बुद्धवार 8 मई को गौरीकुंड तथा बृहस्पतिवार 9 मई को गौरा माता मंदिर गौरीकुंड से चलकर शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंचेगी। शुक्रवार 10 मई को प्रातः सात बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थियों के दर्शनार्थ खुल जायेंगे।

भैरवनाथ जी की पूजा के समय श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, सहित कार्याधिकारी आरसी तिवारी, पुजारी शिवशंकर लिंग, बागेश लिंग, टी गंगाधर लिंग सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस पुष्पवान एवं यदुवीर पुष्पवान, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, देवानंद गैरोला, कुलदीप धर्म्वाण, विदेश शैव आदि मौजूद रहे।

संतों से सदैव देश की सामाजिक, सांस्कृतिक व्यवस्था से संजोए रखा, तभी हम संस्कृति पर करते हैं गर्वः राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कनखल स्थित श्री हरिहर आश्रम में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के आचार्य पीठ पर पदस्थापन के 25 वर्ष पूर्ण होने एवं श्री दत्त जयंती के अवसर पर आयोजित आध्यात्मिक महोत्सव में प्रतिभाग किया।
आध्यात्मिक महोत्सव में सभी सन्तजनों को प्रणाम करते हुये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के आचार्य पीठ पर पदस्थापन के 25 वर्ष पूर्ण होने के दायित्व निर्वहन कार्यकाल पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जिसका मन बड़ा होता है, वही आध्यात्मिक होता है। यह कार्य छोटे मन का नहीं कर सकता है तथा जो बड़ा मन का है, वही समाज को दिशा दे सकता है एवं यहां सब बड़े मन के व्यक्ति बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मन जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है, उसका आनन्द भी बढ़ता जाता है तत्पश्चात वह धीरे-धीरे परमानन्द की प्राप्ति करता है।
रक्षा मंत्री ने आध्यात्मिक महोत्सव में बैंकिंग चन्द्र चटर्जी के उपन्यास आनन्द मठ का उल्लेख करते हुये कहा कि किस प्रकार से संन्यासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया था। उन्होंने कहा कि संन्यासियों का देश की सामाजिक, सांस्कृतिक व्यवस्था से हमेशा जुड़ाव रहा है तथा जब भी आवश्यकता पड़ी उन्होंने इनके उत्थान में बड़ा योगदान दिया। उसी की वजह से हम अपनी संस्कृति पर गर्व करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मान-सम्मान हमारी संस्कृति से जुड़े रहने पर ही है, जिसके लिये हमारे सन्तों का हमें पूरा सहयोग मिलता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि राजा अपना काम ठीक से करे, इसकी समीक्षा करने का अधिकार साधु-सन्तों को ही है। उन्होंने कहा कि जब कोई संत बनता है तो वह सबसे पहले अहम को त्यागते हुए वयम् को अपनाता है तथा वह जो भी कार्य करता है चराचर जगत के लिये करता है तथा पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है। इसलिये बसुधैव कुटुम्बकम की भावना को देने का श्रेय संन्यासियों को है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये राजनाथ सिंह ने कहा कि उनके नेतृत्व में भारतीय सांस्कृतिक विरासत के उन्नयन एवं समृद्धि के लिये निरन्तर कार्य किये जा रहे हैं, जिनमें काशी कॉरिडोर, उज्जैन, अयोध्या में राम मन्दिर, केदारनाथ मन्दिर परिसर में कार्य कराया जाना आदि प्रमुख हैं।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आध्यात्मिक महोत्सव में सभी को नमन करते हुये कहा कि जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने तप, तपस्या तथा आध्यात्मिक मूल्यों का संरक्षण करते हुये लाखों सन्तों को दीक्षा दी तथा देश व दुनिया में वे संस्कृति के वाहक के रूप में प्रख्यात हैं तथा उनका ज्ञान दिव्य अनुभूति देता है। उन्होंने कहा कि जितने भी सन्त यहां विराजमान हैं, उन्होंने अपने जीवन को समर्पित करते हुये चुनौतियों व कठिनाइयों से लड़ने का ज्ञान दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोस्वामी तुलसीदास जी के रामचरितमानस की पंक्ति-सन्त समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ होय…. का उल्लेख करते हुये दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में सभी सन्तों आदि को नमन किया। उन्होंने जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का उल्लेख करते हुये कहा कि उनके व्यक्तित्व में चुम्बकीय तत्व हैं, जो भी उनके सम्पर्क में आता है, तो वह उनकी ओर खींचा चला जाता है। उन्होंने कहा कि आज यहां समृद्ध सन्त परम्परा का एक साथ दर्शन हो रहे हैं, जो वसुधैव कुटुम्बकम् को चरितार्थ कर रहा है। उन्होंने कहा कि आचार्य जूनापीठाधीश्वर भारत को विश्वगुरु के पद पर प्रतिस्थापित करने के लिये निरन्तर प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह उत्सव आध्यात्मिक जागरण के क्षेत्र में नई पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज अनेकों जन-कल्याणकारी कार्य पूरी निष्ठा व लगन से करते चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपका ज्ञान, राष्ट्र निर्माण में मार्गदर्शन तथा आपकी प्रेरणा हमें हमेशा मिलती रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये कहा कि उनके नेतृत्व में निरन्तर सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। अयोध्या में राम मन्दिर का निर्माण प्रगति पर है, काशी कारीडोर के साथ ही उज्जैन भव्य स्वरूप ले चुका है, केदारनाथ धाम एक नये कलेवर में निखर रहा है, बद्रीनाथ में अनेकों कार्य कराये जा रहे हैं। केदारनाथ रोपवे तथा हेमकुण्ड रोपवे का कार्य प्रगति पर है, मानस खण्ड में जितने भी मन्दिर हैं, उनका सर्किट बनाने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आदि कैलाश तथा पार्वती कुण्ड के दर्शन भी किये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व का परिणाम है कि आज पूरा विश्व मार्गदर्शन के लिये भारत की ओर देखता है।
मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा लिये गये ठोस कदमों का जिक्र करते हुये कहा कि हमारी सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून राज्य में लागू किया है, धर्मान्तरण के लिये 10 साल की सख्त सजा का प्राविधान किया गया है, देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे, इसके लिये काफी जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गयी है, सरकारी नौकरियों में मातृशक्ति को 30 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिये जो कमेटी गठित की गयी थी, उसने अपना कार्य पूर्ण कर लिया है, जिसे नये साल में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमने उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये विकल्प रहित संकल्प लिया है तथा आप लोगों के आशीर्वाद से उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनायेंगे।
आध्यात्मिक महोत्सव को महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि, पूज्य स्वामी चिदानन्द मुनि, स्वामी रामदेव, सुधांशु त्रिवेदी, सुरेश चौहान आदि ने भी सम्बोधित किया।
मंच का संचालन स्वामी हरिचेतनानन्द जी ने किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला का हरिद्वार पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विशिष्ठजनों ने भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया।
इस अवसर पर जगत गुरू स्वामी राजराजेश्वराश्रम, निर्वाणी पीठाधश्वर, अटल पीठाधीश्वर, स्वामी अपूर्वानन्द जी महाराज, दिनेश, पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड एवं सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद महेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल, गणेश जोशी, नगर विधायक मदन कौशिक, आचार्य बाल कृष्ण, डॉ0 प्रणव पाण्डया, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, राजेश अग्रवाल, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री महेन्द्र सिंह, अशोक चौहान, अजय कुमार, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, सुरेश राठौर, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, शोभाराम प्रजापति, उपाध्यक्ष लव शर्मा, आशू चौधरी, मैत्रेय पाणी, सुश्री मालिनी अवस्थी, देश-विदेश से आये हुये साधु-सन्त, आध्यात्मिक जगत से जुड़े हुये विशिष्ठजन सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री से लिया आशीर्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को परेड ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम में शामिल हुये। उन्होंने पं0 धीरेन्द्र शास्त्री से आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हे सनातन संस्कृति का संरक्षक बताया। वे हमारी सनातन संस्कृति के संरक्षक के रूप में भारत की सही पहचान को भावी पीढी तक पहुंचाने का दायित्व निर्वहन कर रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने ठीक ही लिखा है कि बिनु सत्संग विवेक न होई, रामकृपा बिनु सुलभ न सोई। अथार्तः सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और श्री रामजी की कृपा के बिना सत्संग सहज नहीं मिलता। ठीक उसी प्रकार संपूर्ण विश्व को ज्ञान, दर्शन, आध्यात्म और संस्कृति से परिचित कराने वाले पूजनीय धीरेंद्र शास्त्री जी के माध्यम से आज उन्हें इस दिव्य दरबार में बालाजी महाराज के प्रति अपनी आस्था को साझा करने का एक अप्रतिम अवसर प्राप्त हुआ है। ऐसे पावन दरबार में हाजिरी लगाने का सौभाग्य विरले लोगों को ही प्राप्त होता है और इसमें भी यदि महाराज श्री का आशीर्वाद मिले तो इसका आशीष कई गुना बढ़ जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी कम आयु में बजरंग बली ने महाराज जी पर कृपा की यह किसी दैवीय चमत्कार से कम नहीं है। महाराज जी के पास हमेशा बजरंगबली की प्रतिमा होती है, यह इस बात का प्रमाण है कि जिसके पास भगवान श्रीराम की भक्ति की शक्ति होगी उस पर हमेशा बजरंगबली का आशीर्वाद रहेगा। उन्होंने कहा कि हनुमान जी चिरंजीवी हैं और जहां भी उनका दिव्य दरबार लगता है वहां हनुमान जी का वास स्वतः ही हो जाता है। आज दुनियाभर में दिव्य दरबार लगाकर महाराज जी, भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रहे हैं और भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए सभी से एकजुट होने का आह्वान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए एकजुट होना ही होगा और इसका अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करना होगा जिससे आने वाली पीढ़ी सनातनी मूल्यों से परिचित हो सके। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अभूतपूर्व रूप से सनातन संस्कृति का परचम पुनः संपूर्ण विश्व में लहरा रहा है। हमारी आस्था के केन्द्रों का इतिहास और महत्व उसी गौरव के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है, जिसके साथ इसे किया जाना चाहिए था। अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बन कर तैयार होने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह स्वर्णिम कालखंड भारत की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक चेतना के पुनरोत्थान का कालखंड है। आज भारत पुनः विश्वगुरु के पद पर आरूढ़ होकर समूचे विश्व का मार्गदर्शन करने के लिये तत्पर है। आज प्रधानमंत्री जी, के महान विचारों पर चलकर ही उत्तराखण्ड विकास की राह पर अग्रसर है मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में शीघ्र ही हम उत्तराखंड को भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने में सभी के सहयोग से अवश्य सफल होंगे।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं0 धीरेन्द्र शास्त्री का मुख्यमंत्री आवास आगमन पर उनका स्वागत कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

हमें तुष्टिकरण करने वालों से सतर्क रहना है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज मायापुर में विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्गत बजरंग दल के नेतृत्व में आयोजित विगत 19 सितम्बर से बद्रीनाथ के माणा गांव से प्रारम्भ हुई ’’शौर्य जागरण यात्रा’’ के समापन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि ’’शौर्य जागरण यात्रा’ नाम से ही, उसका उद्देश्य स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज जो भी फैसले होते हैं, वे न्याय व संतुष्टि करण के आधार पर होते हैं, हमें तुष्टिकरण करने वालों से सतर्क रहना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर जल्दी ही बनकर तैयार हो जायेगा। काशी कॉरिडोर अपना भव्य स्वरूप प्राप्त कर चुका है। राज्य सरकार उत्तराखंड को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्कृष्ट उत्तराखंड बनाने के लिए वचनबद्ध है। आज केदारनाथ का पुनर्निर्माण तथा बदरीनाथ के मास्टर प्लान का कार्य चल रहा है। रोपवे परियोजनाओं-केदारनाथ रोपवे, हेमकुण्ड रोपवे पर तेजी से कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में सुरक्षा का माहौल है। आज भारत विश्व की पांचवी आर्थिक शक्ति बन गया है। भारत आर्थिक रूप से महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है तथा लोगों की आस्था का केन्द्र है। राज्य सरकार इसके मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये कृत संकल्पित हैं। समान नागरिक संहिता का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि जल्दी ही इस कार्य के लिये गठित कमेटी सारा संकलन करके ड्राफ्ट देने वाली है, जिसे जल्दी ही लागू किया जायेगा।
’’शौर्य जागरण यात्रा’’ के समापन कार्यक्रम को श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी, केन्द्रीय संगठन मंत्री विनायक, देवशरण आनन्द ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, सुरेश राठौर, भाजपा जिला अध्यक्ष रूड़की व हरिद्वार शोभाराम प्रजापति, संदीप गोयल, उपाध्यक्ष विकास तिवारी, आशु, लव शर्मा, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन उपस्थित रहे।

भूपतवाला में श्रीमद्भागवत कथा में शामिल हुए सीएम, संत्संग की महिमा का किया बखान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में भूपतवाला स्थित वेद निकेतन धाम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। रामचरित मानस की चौपाई-बिन सत संग विवेक न होई, राम कृपा बिनु सुलभ न सोई का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री ने सत्संग की महिमा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा हमें जीवन में नई ऊर्जा देने का कार्य करती है।

मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म का उल्लेख करते हुये कहा कि आज सनातन धर्म की पताका पूरे विश्व में फैल रही है तथा पूरा विश्व इससे परिचित होते हुये हमारी संस्कृति को किसी न किसी रूप में अपना रहा है। कोरोना काल का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में योग व आयुर्वेद को हमने काफी निकट से महसूस किया है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। हमारी इस विरासत को आज पूरा विश्व अपना रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज पूरा देश चहुंमुखी विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर जल्दी ही बनकर तैयार हो जायेगा। वर्ष 2013 की भयंकर त्रासदी में केदारनाथ परिसर को काफी नुकसान पहुंचा था, जिसको दिव्य व भव्य बनाने का कार्य प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में प्रारम्भ करवाया था। आज उस स्थान पर भव्य व दिव्य केदारपुरी अपना स्वरूप ले चुकी है। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ को संवारने का कार्य भी काफी तेजी से किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ व हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिये रोपवे की आधारशिला रखी जा चुकी है। आने वाले समय में श्रद्धालुओं की केदारनाथ व हेमकुंड साहिब की यात्रा काफी सुगम होने वाली है। उन्होंने कहा कि जिस यात्रा को करने में तीन से चार दिन लगते थे, वह यात्रा अब कुछ ही घण्टों में सम्पन्न हो जायेगी। उन्होंने कहा कि ये सभी कार्य प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में आगे बढ़ाये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था आज ग्यारहवें से पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गयी है तथा भविष्य में यह तीसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बने इसके लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने हरिद्वार व ऋषिकेश कॉरिडोर विकसित करने का संकल्प लिया है जो शीघ्र ही मूर्त रूप में साकार होगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पूर्णता की ओर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मानस खण्ड के अन्तर्गत 60-65 मन्दिरों का एक कॉरिडोर विकसित करने जा रही है, जिसके प्रथम चरण में 16 मन्दिरों को विकसित करने का कार्य हाथ में लिया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है तथा यहां लोग श्रद्धा व आस्था से आते हैं, आप जिधर जायेंगे, वहां पर्वत, मन्दिर आदि दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन व फिल्म निर्माण की दृष्टि से आप जिधर भी दृष्टि डालेंगे, पूरा उत्तराखण्ड ही डेस्टिनेशन है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये हमने कठोर कदम भी उठाये हैं तथा जहां पर भी अवैध अतिक्रमण किया गया था, उसे कठोरता से हटाया गया है। इसके अलावा धर्मान्तरण और अतिक्रमण को रोकने एवं समान नागरिक संहिता के लिये भी हमने कठोर निर्णय लिये हैं तथा समान नागरिक संहिता पर जल्दी ही कानून बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि हम देवभूमि उत्तराखण्ड को देश का नम्बर-1 राज्य बनाने के लिये विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे है।

श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम के आयोजक भरत सिंह रहेवर तथा रजनी भाई पटेल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में हो रहे चहुंमुखी विकास कार्यों की प्रशंसा की।

इस अवसर पर महानिर्वाणी के सचिव महन्त रविन्द्रपुरी, महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द, महामण्डलेश्वर हरिचेतनानन्द, हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, रूड़की विधायक श्री प्रदीप बत्रा, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, भाजपा जिला अध्यक्ष शोभाराम प्रजापति सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

मंत्री डा. अग्रवाल ने भारत गौरव ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

देशभर के 11 ज्योतिर्लिंग की रामकथा यात्रा का शुभारंभ आज योगनगरी रेलवे स्टेशन से हुआ। 1008 श्रद्धालु कैलास और चित्रकूट ट्रेनों में सवार होकर तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए रवाना हुए। इन ट्रेनों को कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू और मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल नेभगवान श्रीराम के जयकारों के बीच हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

योगनगरी रेलवेस्टेशन पर भारतीय रेलवे कैटरिंग एंडएं टूरिज्म कॉरपोरेशन नेट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान मोरारी बापू ने कहा कि भगवान श्रीराम ने सेतु बनाकर सभी को जोड़ा। जगद्गुरू शंकराचार्य ने पूरे भारत को जोड़ा। ऐसेही यह उत्तर, पूर्व और पश्चिम तथा दक्षिण को आध्यात्म द्वारा जोड़नेका पवित्र प्रयास है। कहा कि उत्तराखंड मेंगंगा का उद्गम स्थल हैऔर गंगा ऊपर से नीचे की ओर बहती है, इसके चलते रामकथा यात्रा को यहां से शुरू करने का फैसला लिया गया। यह यात्रा सनातन धर्म के प्रति लोगों को बड़ा संदेश देगी।

मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल नेकहा कि इस यात्रा के कार्यक्रम का हिस्सा बनकर उन्हे ंबेहद खुशी महसूस हुई। भारतीय संस्कृतिकी समृद्ध विरासत के संवर्द्धन में रेल यात्रा बेहतर कदम है। मौके पर रेलवेके मुरादाबाद मंडल के डीआरएम राजकुमार सिंह, एडीआरएम निर्भय नारायण सिंह, कविता शाह, सुमित पंवार, इंद्रकुमार गोदवानी, दिनेश सती, पवन शर्मा आदि मौजूद रहे।