मुख्यमंत्री ने सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा के दौरान दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्पलाइन 1905 के सम्बंध में समीक्षा बैठक कर निर्देश दिए कि लोगों की शिकायतों का अधिक से अधिक समाधान हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी 60 प्रतिशत शिकायतों का समाधान हो रहा है। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि मार्च 2024 तक हम 80 प्रतिशत शिकायतों का समाधान कर सकें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएम दर्पण डैशबोर्ड 2 का भी शुभारंभ किया।
सोमवार को सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि 9 मई 2023 से 22 जनवरी 2024 तक कुल 95573 शिकायतें पंजीकृत हुई, जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत शिकायतों का समाधान संतोषजनक रूप से किया गया। मुख्यमंत्री ने इस पर संतुष्टि जताते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि मार्च 2024 तक हमारा लक्ष्य 80 प्रतिशत शिकायतों के समाधान का होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ शिकायतें ऐसी भी होती हैं जिनका कई बार व्यवहारिक रूप से समाधान तलाशने के बावजूद निस्तारण नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में संबंधित विभाग शिकायतकर्ता से संवाद अवश्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी शिकायत को एकतरफा बंद न किया जाए। किसी भी शिकायत को बंद करने से पहले शिकायतकर्ता को पूरी तरह से संतुष्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लगे सभी कार्मिकों को ओनरशिप लेकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में जो भी लोग कार्य कर रहे हैं वे शिकायतकर्ता को अच्छी तरह से अटेंड करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के सचिव नियमित रूप से सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिन जनपदों द्वारा जनता से सर्वाधिक संवाद शिकायतों के संबंध में किया गया, इस पर उनकी प्रसन्नता करते हुए अन्य जनपदों को उनसे प्रेरित होने की बात कही।
देहरादून जनपद द्वारा सर्वाधिक 52.93 प्रतिशत जबकि चमोली जनपद में 35.06 प्रतिशत एवं हरिद्वार में 34.77 प्रतिशत लोगों से संवाद किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि सीएम हेल्पलाइन पर अब अधिकारियों द्वारा जनता से संवाद हेतु क्लिक टू कॉल की सुविधा के अतिरिक्त समीक्षा बैठक कार्यवृत्त को सीएम हेल्पलाइन पर अपलोड करने की सुविधा, मुख्यमंत्री संदर्भ पोर्टल के प्रयोग के लिए आईडी एवं पासवर्ड का निर्माण एवं प्रशिक्षण का कार्य कर दिया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री जन समर्पण तहसील दिवस पोर्टल को शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कुछ शिकायतकर्ताओं से भी फोन मिलाकर बात की। शिकायतकर्ता रुड़की निवासी अमित द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उन्होंने दाखिल-खारिज न होने की शिकायत हेल्पलाइन पर की थी, जिसका अब निस्तारण हो गया है। देहरादून निवासी महावीर द्वारा बताया गया कि उन्होंने स्ट्रीट लाइट न लगाए जाने की शिकायत की थी, जिसका 4-5 दिन में समाधान कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन भी लोगों की शिकायतों का निस्तारण सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से हो रहा है उनके वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित व प्रसारित किए जाएं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आंनद वर्धन, राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पांडेय, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगोली, राधिका झा, पंकज पांडेय, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी जनपदों के जिलाधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े रहे।

सरकारी कार्यालयों व व्यावसायिक भवनों में अनिवार्य किए जाएं सोलर पैनल
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 करोड़ लोगों के लिए सोलर पैनल योजना शुरू करने का जिक्र करते हुए निर्देश दिए कि राज्य सचिवालय से लेकर तमाम सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल को अनिवार्य करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही बड़े व्यावसायिक भवनों में भी इसकी अनिवार्यता के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए समस्त प्राधिकरणों को निर्देश दिए कि नक्शा पास करते समय इसका बखूबी पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हम काफी ऊर्जा की बचत कर सकेंगे।

वर्ष 2025 में राज्य की सिल्वर जुबली तक हर विभाग अपनी एक मॉडल योजना धरातल पर उतारे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य में शामिल करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी उत्तराखंड दौरे पर आते हैं तो यह जिक्र करते हैं 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उनके यह शब्द न केवल हमें प्रेरणा देते हैं बल्कि यह हमारे अंदर जिम्मेदारी का भी भाव लाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में जब राज्य अपनी सिल्वर जुबली मना रहा होगा तो हर विभाग को इससे पहले अपनी एक मॉडल योजना जरूर धरातल पर उतारनी चाहिए।

आसान शब्दों में निकालें सरकारी आदेश
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि जितने भी सरकारी आदेश निकाले जाते हैं, उस समय यह जरूर सुनिश्चित किया जाए कि यह सरल शब्दों में हों ताकि आमजन को इन्हें समझने में दिक्कत न हो।

पहली बार घाटे से उभरी रोडवेज, रिकॉर्ड 56 करोड़ मुनाफे की कमाई की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के गुड गवर्नेंस को उत्तराखंड रोडवेज (परिवहन निगम) ने धरातल पर उतारकर राज्य में नई नजीर पेश की हैं। निगम ने धामी सरकार के ढाई साल में न केवल 20 साल के घाटे को मात दी, बल्कि रिकॉर्ड 56 करोड़ का मुनाफा कमाकर रोडवेज की बसों को नई रफ्तार दी हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री ने आज सचिवालय में परिवहन निगम के सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी एवं प्रबंध निदेशक डॉ आनद श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
राज्य बनने के करीब तीन साल बाद यानी 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम उत्तर प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। इस दौरान रोडवेज के हिस्से यूपी से नई, पुरानी करीब 957 बसें आईं। नए राज्य में नई व्यवस्था से रोडवेज का संचालन शुरू हुआ। लेकिन खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और यूपी की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में चलता गया। इससे परिवहन निगम के सामने नई बसों की खरीद, संचालन और कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए। इस बीच मार्च 2020-21 में तो कोरोना संक्रमण काल ने निगम की कमर तोड़ कर रख दी। इस दौरान निगम का घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ तक पहुंच गया। इससे निगम की हालत खराब होती गई। इसी दौरान राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कमान संभाली और सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के साथ काम करने का फरमान दिया। चूंकि परिवहन निगम आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवा थी, मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी दी गई। नतीजन 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे और सभी खर्चों को पूरा कर रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया। निगम की यह रफ्तार यहीं नहीं अटकी और धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी निगम ने करीब 27 करोड़ का मुनाफा कमाते हुए राज्य में गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण पेश कर दिखाया। अब धामी सरकार के ढाई साल में निगम ने सभी खर्चों की पूर्ति कर करीब 56 करोड़ की कमाई की है, जो उत्तराखंड के इतिहास में बड़ा रिकॉर्ड है। अब निगम की इस सफलता से राज्य के दूसरे विभाग को भी प्रेरणा मिलेंगी और वो भी नई नजीर पेश करेंगे।

जल्द निगम के बेड़े में जुड़ेंगी 330 नई बसें
उत्तराखंड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 1350 बसें हैं। इनका संचालन राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में किया जा रहा है। खासकर 151 सीएनजी युक्त बसें दिल्ली रूट पर चल रही हैं। निकट भविष्य में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन के लिए खरीदने की योजना हैं। जबकि पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसों को खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में चल रही हैं। इससे काफी हद तक राज्य की परिवहन व्यवस्था पटरी पर आ जाएंगी।

राज्य में 8 स्टेशन तैयार, 13 पर चल रहा कार्य
उत्तराखंड में बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए निगम लगातार सुधार कर रहा है। खासकर घाटे से उभरने के बाद निगम ने 8 बस स्टेशन तैयार कर दिए हैं। जबकि 13 बस स्टेशन का काम प्रगति पर हैं। इसके अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में 4 आईएसबीटी प्रस्तावित हैं। साथ ही श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत, काशीपुर में पांच वर्कशॉप बनाने के प्रस्ताव हैं।

राज्य में पहली बार परिवहन निगम घाटे से उभरा है। लगातार दो साल से निगम मुनाफे में है। इससे कर्मचारियों के वेतन से लेकर सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिल रही है। अब जल्द नए रूट और नई बसों को भी धरातल पर उतारा जाएगा-डॉ आनंद श्रीवास्तव, एमडी परिवहन निगम

सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं। 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम घाटे से उभरा है। यह गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण है। परिवहन निगम आमजनों से जुड़ा विभाग है। सरकार आमजनों की सुविधाओं को देखते हुए इसमें सुधार ला रही है।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

ड्रोन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी का प्रचार प्रसार करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश को ड्रोन पॉलिसी के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन क्षेत्र में नवोन्मेषी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इसके लिए देश के प्रौद्योगिकी संस्थानों से सहयोग लेने के लिए अनुबंध किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड मोस्ट हेलीकॉप्टर फ्रेंडली स्टेट है। इससे एक ओर हैली सेवा को अत्यधिक फायदे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन कॉरिडोर के लिए जीरो रिस्क एरिया पर फोकस किया जाए। कहा कि पिटकुल और यूपीसीएल की बहुत सी हाई टेंशन और लो टेंशन लाइन्स को ध्यान में रखते हुए यूपीसीएल और पिटकुल से आपसी सामंजस्य स्थापित किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी का प्रचार प्रसार किया जाए। साथ ही प्रदेश के युवाओं को ड्रोन के क्षेत्र में प्रशिक्षण और रोजगार की दिशा में भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है। कहा कि प्रदेश के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों से ड्रोन के विभिन्न प्रकार के कोर्स कराए जा सकते हैं।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, निदेशक आईटीडीए विनीत कुमार एवं आईजी (सुरक्षा) राजीव स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के प्रथम चरण में 241 विद्यार्थियों को प्रदान की गई 33 लाख 51 हजार रुपये की धनराशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के प्रथम चरण में 241 विद्यार्थियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 33 लाख 51 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की। राज्य के विश्वविद्यालय परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाले छात्र-छात्राओं को यह धनराशि प्रदान की गई। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाले इन छात्र-छात्राओं को 12वीं के परीक्षा फल में न्यूनतम 80 प्रतिशत प्राप्तांक और महाविद्यालय स्तर पर तैयार संकायवार मेरिट लिस्ट अनुसार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय को क्रमशः 03 हजार, 02 हजार एवं 1500 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। अन्य कक्षाओं हेतु छात्रवृत्ति वितरण संबंधित संस्थान स्तर से समर्थ पोर्टल पर वेरिफिकेशन के उपरान्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों से जुड़े विद्यार्थियों के साथ संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित होने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सामान्य परिवारों के छात्र-छात्राओं की प्रतिभाओं को आगे लाना है। गरीब परिवारों के बच्चों को भी उच्च शिक्षा में किसी प्रकार की रूकावट न हो, इसके लिए राज्य सरकार सदैव उनके साथ खड़ी है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा परिश्रम और एक धैर्य बनाकर जीवन में आगे बढ़ें। हमें अपने जीवन में कौन सा क्षेत्र चुनना है, कॉलेज स्तर पर आने के बाद ही इसके लिए दिशा मिलती है। जीवन में जब हम किसी लक्ष्य को लेकर पूरे मनोयोग से लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्य करते हैं, तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि जिस समय जो कार्य करें, उसको पूरी एकाग्रता से करें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इतिहास बनाया है, उनमें से अधिकांश का प्रारंभिक जीवन कठिन परिस्थितियों में गुजरा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। दुनिया का भारत के प्रति सम्मान और विश्वास बढ़ा है। भारत की आर्थिकी तेजी से बढ़ रही है। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उनके ये शब्द हमें राज्य के विकास के लिए प्रेरणा देते हैं। हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने और देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करना हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत टॉपर बच्चों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उच्च शिक्षा के तहत अनेक सराहनीय कार्य हुए हैं। इस छात्रवृत्ति योजना के शुरू होने से उच्च शिक्षा के लिए बच्चों में प्रतिस्पर्धा तो बढ़ेगी ही, साथ ही विद्यार्थियों की उपस्थिति में भी वृद्धि होगी। इस योजना में राज्य के शासकीय महाविद्यालयों/राज्य विश्वविद्यालय परिसरों में नियमित पाठ्यक्रम में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं लाभार्थी होगे। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत सवा चार सौ असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो जायेगी। 01 लाख 27 हजार बच्चों को उच्च शिक्षा के तहत टेबलेट प्रदान किये गये। उच्च शिक्षा में प्रचार्यों की व्यवस्था के लिए 75 प्रतिशत प्रमोशन से और 25 प्रतिशत सीधी भर्ती की प्रक्रिया की व्यवस्था लोक सेवा आयोग से की गई है। राज्य के सभी विकासखण्ड में डिग्री कॉलेज खोले गये हैं। 25 डिग्री कॉलेजों को मॉडल डिग्री कॉलेज बनाकर, छात्राओं के लिए हॉस्टल की व्यवस्था भी की गई है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेन्द्र भसीन, सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. चन्द्र दत्त सूठा एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने किया युवा आइकॉन स्वामी विवेकानंद का स्मरण, गिनाईं उपलब्धियां

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ’राष्ट्रीय युवा दिवस’ के अवसर पर हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र निम्बुवाला गढ़ी कैंट देहरादून में “यूथ एज जॉब क्रियेटर“ थीम पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश के युवाओं को खेलों के प्रति जागरूक करने तथा नशामुक्त अभियान से जोड़ने के लिए प्रदेश के सभी स्कूलों एवं महाविद्यालयों के खेल मैदानों को सुदृढ़ किया जाएगा। स्कूलों/महाविद्यालय के शैक्षणिक समय के पश्चात इन खेल मैदानों का उपयोग खेल प्रेमियों द्वारा किया जाएगा।

राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में सराहनीय कार्य करने वाले युवक और महिला मंगल दलों को विवेकानन्द यूथ अवार्ड से सम्मानित किया। जिसमें युवक मंगल दल जांगलियागांव, भीमताल, को एक लाख युवक मंगल दल नागल ज्वालापुर, डोईवाला को 50 हजार युवक मंगल दल डांडा जलालपुर को 25 हजार की धनराशि क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिये प्रदान किया जबकि महिला मंगल दलों में महिला मंगल दल हरिपुर कला, डोईवाला को एक लाख महिला मंगल दल दोगडा, भीमताल को 50 हजार तथा महिला मंगल दल मुड़यानी, चम्पावत को 25 हजार की धनराशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के नेश्नल यूथ अवार्ड प्राप्तकर्ताओं और अन्य लोगों को रोजगार से जोड़ने वाले युवाओं को भी सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने सनातन संस्कृति और हिन्दू दर्शन का विश्व भर में प्रचार प्रसार करने वाले महान संत, आध्यात्मिक गुरु और युवाओं के प्रेरणास्त्रोत, इतिहास पुरूष स्वामी विवेकानंद का स्मरण करते हुए कहा कि वे भारतवर्ष के महान ज्योतिपुंज थे। उन्होंने अपने छोटे से जीवनकाल में संपूर्ण विश्व में भारत की धर्म ध्वजा को फहराने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि हमारे संस्कारों में वसुधैव कुटुंबकम की भावना है। स्वामी विवेकानंद द्वारा दिखाये गये रास्ते का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भारत को विकसित भारत की और ले जाने के लिए प्रयासरत है। कोरोना काल में सभी देशवासियों को मुफ्त की वैक्सीन मिली, इतना ही नहीं दुनियां के अनेक देशों को भारत ने कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध कराई। वसुधैव कुंटंबकम की भारत की यह भावना पूरी दनिया ने देखी। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को आज वैश्विक स्तर पर अलग पहचान मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने युवाओं को श्रेष्ठ कार्य करने के लिए हमेशा प्रेरित किया। आज हमारी युवा शक्ति ही है जो देश और प्रदेश के भाग्य को बदलने का कार्य कर रही है। हमारे युवाओं का परिश्रम, सक्रियता और समर्पण ही हम सभी में ऊर्जा भरने का कार्य करता है। स्वामी विवेकानंद का अध्यात्मिक रिश्ता हमारी देवभूमि से भी रहा है, मायावती आश्रम, लोहाघाट में वो लंबे समय तक रहे। स्वामी विवेकानंद जी के विचारो को अपनाकर ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने करोड़ों भारतीयों के जीवन को सार्थक करने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम ’’यूथ एज जॉब क्रियेटर्स ’’ रखी गई है, ओर यह थीम हमारे उत्तराखंड के युवाओं पर सटीक भी बैठती है, क्योंकि हमारे उत्तराखंड के युवा अब रोजगार पाने के साथ-साथ रोजगार देने वाले भी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमों को विकसित करने के लिए तीन मुख्य तत्वों की आवश्यकता होती है- पूंजी, साहस और लोगों से जुड़ाव। आपके पास पूंजी, साहस और लोगों से जुड़ाव होगा तो आप नौकरी पाने के साथ-साथ नौकरी देने वाले भी बन सकेंगे।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने शिकागों धर्म सम्मेलन में भारत का नेतृत्व करते हुए विश्व को भारत के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि युवावस्था जोश और महत्वाकांक्षा से परिपूर्ण होती है। उत्तराखण्ड की 30 प्रतिशत आबादी युवा है। उत्तराखण्ड प्राकृतिक रूप से भी और युवा शक्ति से भी परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में भारत का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है, इसमें युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव सचिव अमित सिन्हा, निदेशक युवा कल्याण जितेन्द्र सोनकर एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

सीएम धामी ने विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने वाले लोगों से बातचीत की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत जनपद चम्पावत के लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने वाले लोगों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े नौ साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनहित में बड़े निर्णय लिये गये हैं और समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई गई हैं। समाज के अन्तिम छोर के लोगों तक योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इसके लिए लगातार प्रयास किये गये हैं। 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य भी समाज के गरीब और वंचित लोगों तक योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाना है। राज्य की 7795 ग्राम पंचायतों में विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रम किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा से केंद्र व राज्य सरकार की अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं का लोगों को तेजी से लाभ मिला है। केंद्र एवं राज्य सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में नई कार्य संस्कृति बनी है। लोगों को योजनाओं का लाभ उनके घरों पर जाकर दिया जा रहा हैं उन्होंने केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लोगों से आह्वान किया कि अन्य पात्र लोगों को भी इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही हैं। दिव्यांग पेंशन प्रतिमाह 1200 रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपये की है। अब प्रत्येक पात्र पति-पत्नी को वृद्धावस्था पेंशन भी बढ़ाकर प्रतिमाह 1500 रूपये की गई है। पहले यह धनराशि परिवार में केवल एक को मिलती थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हर व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का कार्य हुआ है। राज्य में भी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में मातृशक्ति द्वारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। राज्य की महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे अनेक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। हमें उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में और कार्य करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को लांच किया। इसके माध्यम से उत्तराखण्ड के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। आदर्श चंपावत से आदर्श उत्तराखण्ड का मॉडल बनेगा।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान चम्पावत के लक्ष्मी दत्त ने बताया कि उन्होंने पीएम स्वनिधि के तहत पहले 10 हजार और फिर 20 हजार का लोन लिया। वे इस लोन को पूरा कर चुके हैं, अब 50 हजार का लोन लेने वाले हैं। लक्ष्मी दत्त ने बताया कि वे विकलांग हैं, विकलांग पेंशन के साथ पी.एम स्वनिधी योजना का लाभ मिलने से उन्हें बहुत मदद मिली है। एनआरएलएम से जुड़ी श्रीमती कविता ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के जरिये वे पिरूल के गुलदस्ते, टोकरी, राखी तथा आवंले और अदरक की कैंडी बना रही हैं, जिससे उनको अच्छी आय प्राप्त हो रही है। रोहित सिंह मेहर ने बताया कि उनके द्वारा मत्स्य पालन के लिए 8 तालाबों को निर्माण किया जा रहा है, इसके लिए उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के बाद 60 हजार रूपये की सब्सिडी मिली है। इस अवसर पर उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना एवं केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने वाले लोगों ने मुख्यमंत्री से संवाद कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, आनन्द स्वरूप, वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चम्पावत नवनीत पाण्डे और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्वतीय क्षेत्रों के सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज करना जरुरी-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण (SARRA) की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय प्रदेश होने के कारण मानसून सीजन के 3 महीनों में प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली वर्षा का लगभग 90 प्रतिशत जल नदियों में बह जाने के कारण किसी भी प्रयोग में नहीं आ पाता और पर्वतीय क्षेत्रों में बाकी महीनों में पानी की कमी बनी रहती है।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के जल को लाखों की संख्या में चेकडैम बनाकर संग्रहित कर भूजल को बढ़ाया जा सकता है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज किए जाने में सहायता मिलेगी, साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों के जल स्रोतों एवं नदियों में वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भूभाग का 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र है, इसलिए वन विभाग को इसके लिए महत्त्वपूर्ण एवं एक्टिव भूमिका निभानी होगी।
मुख्य सचिव ने SARRA को चेक डैम बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि मास्टर प्लान में प्राथमिकता को पहले से निर्धारित किया जाए। बिना समस्या वाले ऐसे स्थान जहां कम से कम तैयारी में तुरन्त कार्य शुरू किया जा सकता उनको प्राथमिकता में रखा जाए। उन्होंने कहा कि अगले 1 साल, 2 साल, 5 साल और 10 साल के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए लक्ष्य के अनुसार योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा प्रत्येक नदी के लिए अधिकारी नियुक्त कर ऐसे स्थानों को चिन्हित कर प्रदेश को सैचुरेट किया जाए जहां नदी की स्प्रिंग में चेक डैम बनाकर पानी का संग्रहण किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि SARRA के कुल बजट का 70-80 प्रतिशत खर्च चेक डैम पर खर्च किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, जलागम प्रबन्धन से नीना ग्रेवाल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मानसखण्ड मंदिर माला मिशन, अप्रोच सड़क के चौड़ीकरण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत आने वाले मंदिरों से़ अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को जोड़ने के लिए 15 अप्रैल से एक रेल सेवा मानसखण्ड एक्सप्रेस प्रारम्भ किये जाने पर कार्य चल रहा है। यह रेल सेवा कोलकाता से टनकपुर तक संचालित की जाएगी। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए टनकपुर से पूर्णागिरी, हाटकालिका, पाताल भुवनेश्वर, जागेश्वरधाम, गोल्ज्यू देवता मंदिर, नन्दा देवी, कैंची धाम आदि मानसखण्ड मंदिर माला के अन्य मंदिरों तक स्थानीय बस व अन्य परिवहन सेवाओं को संचालित किया जाएगा। केएमवीएन के अतिथि गृह, होम स्टे, स्थानीय होटल आदि तथा हुनर योजना के तहत प्रशिक्षित स्थानीय गाइड्स पर्यटकों के आतिथ्य में सहयोग करेंगे। पर्यटकों की वापसी के लिए काठगोदाम से कलकता के लिए रेल सेवा उपलब्ध रहेगी। सचिवालय में मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत मंदिरों को जोड़ने वाली अप्रोच रोड्स के चौड़ीकरण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में एसीएस राधा रतूड़ी को पर्यटन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत चिहिन्त कुमाऊँ मण्डल के सभी 16 मंदिरों के अलग-अलग मास्टर प्लान अनुमोदित हो चुके हैं। इनमें से 9 मंदिरों की डीपीआर तैयार हो चुकी है। इनमें से अधिकांश मंदिरों का शिलान्यास जल्द हो जाएगा। मंदिरों के सौन्दर्यीकरण एवं विकास का कार्य कलस्टर अप्रोच के साथ किया जा रहा है। एसीएस रतूड़ी ने मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत आने वाले सभी मंदिरों सौन्दर्यीकरण के साथ ही इनसे जोड़ने वाली अप्रोच रोड के चौड़ीकरण के कार्याे को भी साथ-साथ जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग को सिंगल लाइन सड़कों को डबल लाइन में बदलने के कार्याे को जल्द समाप्त करने के निर्देश जारी हुए हैं।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संस्कृति विभाग को राज्य की ऐतिहासिक विरासतों, मंदिरों आदि के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु हेरीटेज एक्ट पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव सचिन कुर्वे सहित संस्कृति, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।

केन्द्र सरकार ने राज्य की दो निकायों को दिया राष्ट्रीय पुरस्कार

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में नगर निगम देहरादून और नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढ़ालवाला को प्रथम स्थान मिलने पर भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। इसके लिए शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अधिकारियों को प्रोत्साहित किया है।
नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यह पुरस्कार दोनों निकायों के अधिकारियों को निर्वतान महापौर/अध्यक्ष की मौजूदगी में दिया गया। विभागीय मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम देहरादून को राज्य के नगर निगम की श्रेणी में क्लीन सिटी के रूप में प्रथम पुरस्कार मिला है, जबकि नॉर्थ जोन में 68वीं रैंक हासिल हुई है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में नगर निगम देहरादून को नॉर्थ जोन में 69वीं रैंक मिली थी, इस वर्ष नगर निगम देहरादून ने अपनी रैंक में सुधार किया है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि वहीं नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला को राज्य की नगर पालिकाओं की श्रेणी में क्लीन सिटी के रूप में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, बताया कि पिछले वर्ष भी नगर पालिका मुनिकीरेती को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के बाद विभागीय मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अधिकारियों को प्रोत्साहित किया। इस मौके पर महापौर देहरादून सुनील उनियाल गामा, पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, कमिश्नर नगर निगम देहरादून गौरव कुमार, अधीक्षण अभियंता शहरी विकास निदेशालय रवि पांडेय, सहायक नगर आयुक्त एसपी जोशी, अधिशासी अभियंता मुनिकीरेती तनवीर मारवाह, मनोज बिष्ट, दीपक कुमार, नरेश, रंजीत सिंह, दिग्विजय सेमवाल आदि उपस्थित रहे।
बता दें कि राष्ट्रीय स्तरीय पुरस्कार निकायों के प्रदर्शन जैसे घरों से नियमित कूड़ा उठान, कूड़ा निस्तारण, रात्रिकाल में सफाई व्यवस्था, निकाय क्षेत्र के अंतर्गत शौचायलयों की सफाई, पर्यावरण मित्रों की सुरक्षा आदि के मानकों के आधार पर दिया जाता है।

देश के 500 जिलों के बीच उत्तरकाशी ने खेती के लिए बेहतर प्रयासों हेतु जीता ईनाम

नई दिल्ली में आयोजित नेशनल वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) अवार्ड में उत्तरकाशी जिले को दूसरा पुरस्कार मिला है। देशभर के लगभग पांच सौ जिलों के बीच उत्तरकाशी को कृषि की श्रेणी में यह सम्मान मिला है। जबकि राज्य अवार्ड में भी उत्तराखंड को दूसरा स्थान मिला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हासिल इस उपलब्धि से राज्य एवं जिले में खेती-किसानी को लाभदायक व्यवसाय में बदलने की सरकार की मुहिम को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और सम्मान मिलने से राज्य में आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें आजीविका के नए अवसर प्रदान कराने के सरकार के अभिनव और प्रतिबद्ध प्रयाद फलीभूत हो रहे हैं। कुछ समय पहले ही उत्तराखंड के लाल धान को जीआई टैग और अब राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है।
नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आत्म निर्भर भारत उत्सव का आयोजन हुआ। उत्सव का उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर ने किया। इस दौरान देशभर के जिलों के बीच कृषि की श्रेणी में उत्तरकाशी जिले ने लाल धान की खेती को लेकर दूसरा स्थान हासिल किया है। इस दौरान मुख्य अतिथि केंद्रीय विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर ने हाथों जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला ने जिलों की श्रेणी में प्रथम रनर अप का नेशनल ओडीओपी पुरस्कार ग्रहण किया। इस मौके पर जिले के मुख्य कृषि अधिकारी जे.पी तिवारी के साथ ही महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र उत्तरकाशी शैली डबराल भी उपस्थित रही। जबकि ओडीओपी अवार्ड में राज्यों के बीच उत्तराखंड राज्य को भी दूसरा स्थान मिला है। जिलों की श्रेणी में उत्तरकाशी जिले को नेशनल ओडीओपी अवार्ड प्रदान करते हुए केन्द्र सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य व जिले में कृषि के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों को सराहा गया है। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय स्तर पर मिले सम्मान की सराहना की। कहा कि टीम वर्क से आगे भी इस तरह के नए उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएं। मुख्यमंत्री ने राज्य और जिले की टीम को बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने की मुहिम शुरू की, डीएम खुद लाल धान की रोपाई को उतरे
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में विशिष्ट गुणों वाले लाल धान का उत्पादन होता है। जिले के पुरोला क्षेत्र सहित रवांई घाटी में परंपरागत रूप से बड़े पैमाने पर लाल धान की खेती होती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पारम्परिक खेती के क्षेत्र में विद्यमान सम्भावनाओं को देखते हुए लाल धान और अन्य पारम्पारिक फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने की हिदायत देते हुए अधिकारियों को इस दिशा में प्रतिबद्ध प्रयास करने की अपेक्षा की थी। मुख्यमंत्री श्री धामी के विजन और मिशन पर अमल करते हुए जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के द्वारा जिले में लाल धान की पारंपरिक खेती का संरक्षण व संवर्द्धन के लिए बहुआयामी प्रयास करने के साथ ही गंगा घाटी के इलाकों में भी इसकी पैदावार करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर पिछले वर्ष से लाल धान की खेती शुरू करवाई गई। इस मुहिम में स्वयं डीएम अभिषेक रुहेला और अन्य अधिकारी खुद खेतों में उतर कर रोपाई की थी।

किसानों को दी मदद और महत्वपूर्ण जानकारी
जिला प्रशासन ने किसानों को लाल धान के बीज, खाद व अन्य तकनीकी जानकारी देने के साथ ही कृषि विभाग की टीम निरंतर लाल धान की खेती को बढावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों को जमीन पर उतारने में जुटी रही।जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने किसानों को तकनीकी जानकारी और अन्य मदद उपलब्ध कराई। उत्साहित किसानों ने बड़े पैमाने पर लाल धान की खेती को अपनाया।

ऐसा हुआ ओडोओपी पुरस्कार हेतु चयन
वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत उत्तरकाशी जिले सेे लाल धान को पूर्व नामित किया गया था। जिला प्रशासन, कृषि विभाग एवं उद्योग विभाग ने राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु के लिए गत अगस्त माह में भारत सरकार से आवेदन किया था। जिसके बाद भारत सरकार के दल ने बीते अक्टूबर व नवंबर माह में जिले का दौरा कर जिले के दावे की पड़ताल की और तय मानकों पर जिले के दावे को उपयुक्त पाया।

नेशनल वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) अवार्ड में लाल धान और उत्तरकाशी जिला देश भर से दावेदार लगभग 500 जिलों के बीच सराहना और सम्मान का पात्र बना। इस उपलब्धि पर जिले में हर्ष की लहर है।