आईएसबीटी से मालदेवता और आईएसबीटी से सहसपुर रोड में चलेंगी 10 इलैक्ट्रिक बसें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से देहरादून स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत 10 इलैक्ट्रिक बसों का विस्तारित मार्ग आई०एस०बी०टी० से मालदेवता एवं आई०एस०बी०टी० से सहसपुर रोड के संचालन का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने टिकट लेकर घंटाघर तक बस में यात्रा भी की। स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत 20 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन देहरादून में पहले से ही किया जा रहा है। उन्होंने सी.ई.ओ. स्मार्ट सिटी/जिलाधिकारी देहरादून सोनिका को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाये कि इन बसों के आने-जाने की समयावधि की आम जन को जानकारी हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत अब जो 30 इलैक्ट्रिक बसें संचालित की जा रही है। इससे देहरादून के विभिन्न यात्रा मार्गों पर जाने के लिए यात्रियों को काफी सुविधा होगी। यात्रियों को आवागमन के लिए सहज एवं सरल सुविधा मिलेगी। इलैक्ट्रिक बसों के संचालन से पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा। ग्रीन एवं क्लीन सिटी के लिए भी इन बसों के संचालन से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बस के संचालन का मुख्य उद्देश्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना है। इन बसों के संचालन से वायु एवं ध्वनि प्रदूषण कम होगा।
देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की दून कनैक्ट सेवा के अंतर्गत 20 बसों का संचालन देहरादून शहर के 4 मार्गों आई०एस०बी०टी से राजपुर, आई०एस०बी०टी० से रायपुर- सेलाकुई, आई०एस०बी०टी० से सहस्त्रधारा एवं आई०एस०बी०टी० से एयरपोर्ट तक पहले से ही संचालन किया जा रहा है। इनमें अभी तक कुल 12.47 लाख यात्रियों द्वारा सफर किया जा चुका है तथा कुल 2 करोड़ 41 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। पहले से चल रही बसों में यात्रियों की अधिक संख्या एवं स्थानीय निवासियों एवं यात्रियों के द्वारा अतिरिक्त बसों की इस रूट पर मांग के दृष्टिगत स्थानीय जनता को अधिकतम लाभ पहुचाने के लिए आई0एस0बी0टी0 से रायपुर रूट को विस्तारित कर मालदेवता तथा आई०एस०बी०टी० से सेलाकुई रूट को विस्तारित कर सहसपुर तक नई बसों को संचालित किया जा रहा है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक सविता कपूर, सुरेश गड़िया, सीईओ स्मार्ट सिटी सोनिका उपस्थित रहे।

पुलिस नार्कों टेस्ट के लिए देगी कोर्ट में अर्जी, 10 दिन में दाखिल होगी चार्जशीट

वनंतरा प्रकरण में बड़ी अपडेट सामने आई है। युवती की हत्या करने वाले तीनों आरोपितों का नार्काे टेस्ट होगा। इस बात का खुलासा एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने किया है। टेस्ट के लिए पुलिस जल्द कोर्ट में प्रार्थना पत्र जारी करेगी। वहीं रिसॉर्ट में कार्यरत युवती की हत्या के मामले में एसआइटी 10 दिन के अंदर आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर सकती है।
पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एडीजी ने बताया कि 10 दिन के अंदर-अंदर चार्जशीट जारी कर दी जाएगी। हत्या, साक्ष्य मिटाने, आपराधिक षड्यंत्र, अनैतिक कार्य के लिए दबाव डालने के तहत चार्जशीट दाखिल की जाएगी। रिसॉर्ट में वीआईपी के मामले में एडीजी ने दोहराया कि वहां पर वीआइपी रूम है। उसमें ठहरने वालों को ही वीआइपी कहा जाता है। घटना वाले दिन उस कमरे में कोई नहीं ठहरा था। घटना के पहले व बाद कमरे में जो भी ठहरा था उनसे पूछताछ कर ली गई है। वहीं, इस मामले में एसआइटी ने काफी इलेक्ट्रानिक व फोरेंसिक साक्ष्य जुटा लिए हैं। हालांकि, चंडीगढ़ लैब भेजे गए साक्ष्यों में से एक-दो की रिपोर्ट अब तक एसआइटी को नहीं मिल पाई हैं। आरोप पत्र दाखिल करने के लिए एसआइटी इन्हीं रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। सूत्रों की मानें तो सीएम की नाराजगी के बाद पुलिस विभाग हरकत में आ गया है। बताया जा रहा कि सीएम ने टो टूक कहा है कि पुलिस अधिकारी अगर अपना कार्य ठीक से नही कर पा रहे है तो पुलिस विभाग बड़े फेरबदल और कार्रवाई के लिए तैयार रहे।

तीर्थनगरी के संत समाज ने धर्मान्तरण कानून बनाने पर सरकार को दिया साधुवाद

उत्तराखंड विधानसभा में धर्मांतरण पर सख्त कानून बनने से तीर्थनगरी के संत-समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई है। साधु-संतों की ओर से इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को शुभकामनाएं दी हैं।
बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में श्री राम तपस्थली आश्रम ब्रम्हपुरी के महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कानून से पूरे देश का संत समाज आनंदित और आह्लादित है। धर्मांतरण रोकने के लिए मुख्यमंत्री धामी एक कठोर कानून लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में धामी जी ने यह बहुत सुंदर निर्णय लिया है। यह उत्तराखंड सरकार की बहुत अच्छी पहल है।
स्वामी जगन्नाथ आश्रम के महंत लोकेश दास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है यह देश एवं समाज हेतु बेहद हितकारक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी और मंत्री डॉ अग्रवाल को हम हृदय से धन्यवाद देते हैं और प्रभु से प्रार्थना करते हैं वे समाज हित में इसी प्रकार से कार्य करते रहें।
स्वामी धर्मदास महाराज ने कहा कि जो लोग बल से या कपट से धर्मांतरण करते हैं वह सबसे बड़ा पाप है। उत्तराखंड सरकार ने यह कानून पास करके नया उदाहरण दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री धामी और मंत्री डॉ अग्रवाल को साधुवाद। कहा कि मुख्यमंत्री धामी के दूरदर्शी कदम की सराहना करता हूं।
इस मौके पर मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को संत समाज ने आशीर्वाद देकर शुभकामनाएं दी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा, ब्रम्हपुरी आश्रम से प्रमोद दास, मण्डल अध्यक्ष ऋषिकेश भाजपा दिनेश सती, मंडल अध्यक्ष श्यामपुर भाजपा गणेश रावत आदि उपस्थित रहे।

प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यालयों में न्यूनतम दो शिक्षकों की होगी तैनाती-शिक्षा मंत्री

शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिये सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी के तहत प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एकल अध्यापक व्यवस्था को समाप्त करते हुये न्यूनतम दो शिक्षकों की तैनाती की जायेगी ताकि एक शिक्षक के अवकाश पर रहने के दौरान विद्यालय का संचालन निरंतर चलता रहे। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में बेहत्तर प्रदर्शन के लिये माध्यमिक विद्यालयों में नई कार्ययोजना लागू की जा रही है जिसके तहत बोर्ड छात्र-छात्राओं को प्रत्येक 15 दिन में आंतरिक परीक्षा देने होगी, ताकि छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षाओं में बेहत्तर प्रदर्शन कर सके। इसके साथ ही विद्यालयों का भवन एवं संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिगत चार श्रेणियों में वर्गीकरण किया जायेगा।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने आज राजीव नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा स्थित आईसीटी केन्द्र में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एकल अध्यापकीय व्यवस्था को समाप्त करते हुये प्रत्येक विद्यालय में कम से कम दो शिक्षक तैनात करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एक अध्यापक वाले विद्यालयों में देखा गया है कि वहां तैनात शिक्षक के अवकाश पर चले जाने के बाद कई दिन तक विद्यालय बंद रहता है, जिससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में व्यवधान आता है। जबकि कई विद्यालय ऐसे हैं जहां पर मानक से अधिक शिक्षक तैनात हैं।
विभागीय मंत्री ने कहा कि जिन विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक तैनात हैं उन्हें ब्लॉक स्तर पर ही एकल अध्यापक वाले विद्यालयों में तैनात किया जायेगा। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत 10वी एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षाओं के मध्यनजर विशेष तैयारी कराई जायेगी। इसके लिये बोर्ड परीक्षा वाले छात्र-छात्राओं को प्रत्येक 15 दिन में आंतरिक परीक्षा दिलाई जायेगी ताकि उनकी बोर्ड परीक्षा के तैयारी बेहत्तर हो सके। इससे जहां एक ओर छात्र-छात्राओं का बोर्ड परीक्षाओं के प्रति मनोबल बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर बोर्ड परीक्षाफल भी बेहत्तर रहेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि राजकीय विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के दृष्टिगत सभी विद्यालयों का सर्वे करा उन्हें उपलब्ध भवन एवं संसाधनों के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा जायेगा, ताकि आगामी वित्तीय वर्ष हेतु विद्यालयों के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत के साथ ही फर्नीचर, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, चारहदीवारी, विद्युत, पेयजल, शौचालय आदि व्यवस्थाओं के लिये डीपीआर तैयार करा कर शासन से बजट की मांग की जा सके।
बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुंवर, अपर निदेशक आरके उनियाल, संयुक्त निदेशक एसपी जोशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

वित्त मंत्री बोले-आम जन मानस के हित को देखते हुए बनाना है अगला बजट

शीतकालीन विधानसभा सत्र में वर्ष 2022-23 का प्रथम अनुपूरक और जनहितकारी बजट बनाने को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट निदेशालय के अधिकारियों से मुलाकात कर बधाई दी।
गुरुवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में अग्रवाल ने बजट अधिकारियों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट जनहितकारी हैं, इसे सभी वर्ग को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसका लाभ राज्य की जनता को सीधा मिलेगा। कहा कि बजट को बनाने में बजट निदेशालय के अधिकारियों की अहम भूमिका हैं।
अग्रवाल ने कहा कि बजट को कम समय के भीतर बेहतर बनाया गया, इसके लिए अधिकारियों की कार्यशैली प्रशंसनीय है। उन्होंने अधिकारियों की मेहनत की सराहना करते हुए हौसला अफजाई भी की। उन्होंने कहा कि सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण हमारा ध्येय था, ध्येय है और सदैव रहेगा। उन्होंने कहा कि बजट में सुदृढ़ वित्तीय अनुशासन और राजकोषीय प्रबंधन को पहली प्राथमिकता का आधार बनाया गया है, जो कि प्रशंसनीय है। कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता, सर्वे भवन्तु सुखिनः के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए सामाजिक न्याय के लिये सबका साथ सबका विकास किया गया है।
अग्रवाल ने कहा कि अधिकारियों के द्वारा ही बजट को नए विचारों का, नए संकल्पों का, सुराज के सपनों को पूरा करने का, विकास का और सेवा सुशासन, और गरीब कल्याण का जीवंत दस्तावेज बनाया जा सका। मौके पर अग्रवाल ने आगामी बजट को ओर भी बेहतर बनाने के लिए पूर्व से ही तैयारी करने को कहा।
इस मौके पर सचिव वित्त दिलीप जावलकर सहित बजट निदेशालय के अधिकारी मौजूद रहे।

दून मेडिकल कॉलेज का मंत्री ने किया औचक निरीक्षण

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज दून मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। रावत ने विभागीय अधिकारियों को कहा कि मेडिकल छात्र-छात्राएं भविष्य के चिकित्सक हैं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहत्तर सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाय। मेडिकल कॉलेज में व्याप्त अव्यवस्था पर विभागीय मंत्री ने कॉलेज प्रशासन को जमकर फटकार लगाई और व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत गुरुवार अचानक राजकीय दून मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां उन्होंने कॉलेज की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान उन्होंने छात्रावास एवं मैस का निरीक्षण करते हुए वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में भी मेडिकल छात्र-छात्राओं से जानकारी ली। जिस पर छात्र-छात्राओं ने उन्हें तमाम असुविधाओं से अवगत कराया। बताया कि दून मेडिकल कॉलेज के औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने कॉलेज की गतिविधियों, शैक्षणिक कार्यक्रमों सहित तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली मेडिकल छात्र-छात्राएं भविष्य की डॉक्टर हैं लिहाजा उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहत्तर सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों एवं कॉलेज प्रशासन को दे दिये गये हैं।
विभागीय मंत्री ने कहा कि कॉलेज परिसर एवं छात्रावासों में साफ-सफाई, मैस में ताजा एवं पौष्ठिक भोजन उपलब्ध कराने सहित शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों को दुरूस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। इससे पहले रावत ने श्रीनगर एवं हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के छात्रावासों की व्यवस्थाओं को भी परखा चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कॉलेज प्रशासन को सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने निर्देश दिये।

लाइसेंस ट्रांसफर करने के एवज में मांगी रिश्वत, रंगे हाथ गिरफ्तार

उत्तराखंड में अधिकारियों के द्वारा रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। उत्तराखंड विजिलेंस टीम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मंडी निरीक्षक को 30 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। आरोपी ने आरा मिल और लकड़ी मंडी के व्यापारी से लाइसेंस ट्रांसफर करने के नाम पर रिश्वत ली है। विजीलेंस टीम से मिली जानकारी के अनुसार शिकायकर्ता द्वारा भ्रष्टाचार की रोकथाम हेतु दिनांक 29.11.2022 को हैल्प लाईन न0 1064 पर शिकायत दर्ज कराने के उपरान्त दिनांक 01.12.22 को पुलिस अधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर, देहरादून के कार्यालय में आकर एक शिकायती पत्र दिया गया, जिसमें उल्लेख किया गया है कि “अपनी आरा मिल व लकडी के थोक व्यापारी का लाइसेस पुत्र के नाम पर करवाने के एवज मे कृषि उत्पादन मण्डी समिति रूड़की के मण्डी निरीक्षक शिवमूर्ति सिंह द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है। पुलिस अधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर, देहरादून द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र में अंकित आरोपो पर संज्ञान लेते हुए गोपनीय रूप मे जाँच करायी गयी। जांचोपरान्त शिकायती पत्र में लगाये गये आरोप प्रथम दृष्टया सही पाये गये। जिस पर त्वरित एक ट्रैप टीम का गठन किया गया।
गुरुवार को ट्रैप टीम द्वारा अभियुक्त मण्डी निरीक्षक शिवमूर्ति सिंह पुत्र श्री जयनारायण सिंह निवासी ग्राम खपटिहा, थाना हड़िया, जिला प्रयागराज उ0प्र0 हाल निवासी मण्डी समिति कालोनी ज्वालापुर, को मण्डी समिति कार्यलय रूड़की से शिकायतकर्ता से 30000/रू0-( तीस हजार रूपये) की रिश्वत ग्रहण करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। थाना सर्तकता अधिष्ठान, सैक्टर देहरादून में आरोपी के विरूद्व धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधित 2018) का अभियोग पंजीकृत किया जा रहा है तथा इस प्रकरण में संलिप्त अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। ट्रैप टीम के उत्साहवर्धन हेतु निदेशक सतर्कता ने नगद पारितोषिक से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देशभर के साधु-संतों से मिल रही शुभकामनाएं

उत्तराखंड विधानसभा में धर्मांतरण पर सख्त कानून बनने से देश के संत-समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई है। तमाम साधु-संतों की ओर से इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शुभकामनाएं प्राप्त हो रही हैं। यही नहीं ट्वीटर पर भी आज देश में धर्म रक्षक धामी नंबर एक पर ट्रेंड हुआ।
धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाने की प्रतिबद्धता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही जता चुके थे। हाल ही में हुई मंत्रिमंडल बैठक में धर्मांतरण पर कानून बनाने के प्रस्ताव को पास किया गया था जिसके बाद बुधवार को राज्य सरकार की ओर से विधानसभा के पटल पर धर्मांतरण कानून को प्रस्तुत किया गया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा लाए गए इस कानून को लेकर अब देश भर में साधु-समाज आनंदित है।
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य एवं अयोध्या राम मंदिर के मुख्य ट्रस्टी स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने उत्तराखंड में धामी सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए पूरे देश के राज्यों को ऐसी पहल करने की अपील की है और धामी सरकार की पीठ थपथपाई।
स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि धामी के इस कानून से पूरे देश का संत समाज आनंदित और आह्लादित है। धर्मांतरण रोकने के लिए मुख्यमंत्री धामी एक कठोर कानून लेकर आए हैं। वासुदेवानंद महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है यह देश एवं समाज हेतु बेहद हितकारक है।
स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि जो लोग बल से या कपट से धर्मांतरण करते हैं वह सबसे बड़ा पाप है। उत्तराखंड सरकार ने यह कानून पास करके नया उदाहरण दिया है। इसके लिए धामी को साधुवाद।
साध्वी प्राची ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में धामी ने यह बहुत सुंदर निर्णय लिया है। यह उत्तराखंड सरकार की बहुत अच्छी पहल है। बालकानंद महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी को हम हृदय से धन्यवाद देते हैं और प्रभु से प्रार्थना करते हैं वे समाज हित में इसी प्रकार से कार्य करते रहें। योगाचार्य बिपिन जोशी ने कहा कि धर्मांतरण पर बना कानून जरूरी और ऐतिहासिक है।
स्वामी रविन्द्र पूरी ने कहा कि इस कार्य के लिए मोदी और धामी को साधुवाद। धामी ने यह कानून बनाकर ऐतिहासिक कदम उठाया है। अन्य राज्यों को भी ऐसा कानून बनाना चाहिए। राज राजेश्वरानंद महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के दूरदर्शी कदम की सराहना करता हूं।

धामी ने उत्तराखंड में सामाजिक बदलाव के नए अध्याय की शुरुआत की-महेन्द्र भटट

भाजपा ने विधानसभा में पास महिला आरक्षण व धार्मिक स्वतंत्रता संसोधन विधेयक के पास होने पर खुशी जताते हुए इसे प्रदेश में सामाजिक बदलाव के नए अध्याय की शुरुआत बताया है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने प्रदेशवासियों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की तरफ से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत समूचे सदन को इस ऐतिहासिक कदम के लिए धन्यवाद दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य आंदोलन एवं विकास में मातृ शक्ति के अमिट योगदान के मद्देनजर, भाजपा सरकार का महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी क्षेतिज आरक्षण देने का यह कदम, समाज मे बड़ा बदलाव लाने वाला साबित होगा। यह कदम भाजपा सरकार की मातृ शक्ति के सम्मान, स्वभिमान और सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, इसी तरह जबरन या प्रलोभन से धर्मान्तरण करने वालों पर लगाम कसने के उद्देश्य से धार्मिक स्वतंत्रता कानून को अधिक सख्त बनाने वाला संसोधन विधेयक भी पार्टी के जनता से किये संकल्पों को पूरा करने वाला है। उन्होंने सदन में पास सभी विधेयकों को जनसरोकारों से जुड़ा हुआ बताते हुए स्वागत किया है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूरा किया वायदा, सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि इतिहास में दर्ज

उत्तराखंड में विधानसभा अनुपूरक बजट सत्र के दूसरे दिन दो महत्वपूर्ण विधेयक विधानसभा में ध्वनिमत से पास हो गए हैं। उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के पास होने के बाद प्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर कठोर कानून का प्राविधान हो गया है। इसके अलावा उत्तराखण्ड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 से प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था एक बार फिर से लागू हो जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। कुछ दिन पूर्व राज्य सरकार ने इन दोनों विधेयकों को कैबिनेट से मंजूरी दी थी। बुधवार को विधानसभा में इन विधेयकों के पास होने से प्रदेश में इसे लागू करने की जल्द अधिसूचना जारी हो जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभमि है यहां पर धर्मान्तरण जैसी चीजें हमारे लिए बहुत घातक है इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया था कि प्रदेश में धर्मान्तरण पर रोक के लिए कठोर से कठोर कानून बने। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि इस कानून को पूरी दृढ़ता से प्रदेश में लागू किया जाएगा। वहीं उत्तराखण्ड में महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड निर्माण में मातृशक्ति का बहुत बड़ा योगदान है और सरकार ने यह पहले ही तय किया था कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस प्रदेश में मातृशक्ति का सम्मान करते हुए उन्हें इस क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिले। महिलाओं के लिए राज्याधीन सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था देने करने यह अधिनियम मातृ शक्ति को समर्पित है।