400 करोड़ के केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का प्रधानमंत्री ने किया लोकार्पण व शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ धाम में गोवर्धन पूजा के अवसर पर को बाबा केदार की पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक किया। उन्होंने लगभग 400 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें आदि गुरू शंकराचार्य के पुनर्निर्मित समाधि स्थल और नई प्रतिमा का अनावरण के साथ तीर्थ पुरोहितों के आवास, सरस्वती नदी के तट पर बाढ़ सुरक्षा तथा घाटों का निर्माण, मन्दाकिनी नदी तट पर बाढ़ सुरक्षा हेतु भार वाहक दीवार, गरुड़ चट्टी के लिये मन्दाकिनी नदी पर पुल के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री द्वारा जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें श्री केदारनाथ धाम में संगम घाट का पुनर्विकास एवं रेन शैल्टर शेड, प्राथमिक चिकित्सा एवं पर्यटक सुविधा केन्द्र, मन्दाकिनी आस्था पथ पंक्ति प्रबन्धन, मन्दाकिनी वाटर एटीएम एवं मन्दाकिनी प्लाजा, प्रशासनिक कार्यालय एवं अस्पताल भवन, केदारनाथ तीर्थ स्थल में संग्रहालय (म्यूजियम) परिसर, सरस्वती सिविक एमेनिटी भवन का निर्माण कार्य शामिल है। इस अवसर पर राज्यपाल ले.ज.(से.नि) गुरमीत सिंह, कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विधायक एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु आदि भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास था कि आपदा के बाद केदारनाथ धाम पूरी आन बान और शान के साथ फिर से खड़ा होगा। केदारनाथ पुनर्निर्माण को उन्होंने ’ईश्वरी कृपा’ बताया और इसमें योगदान देने वाले प्रत्येक व्यक्ति का आभार प्रकट किया।

उन्होंने कहा कि केदारनाथ में भारत की संस्कृति की व्यापकता का अलौकिक दृश्य दिखाई देता है। यहां आकर महसूस होता है कि भारत की ऋषि परंपरा कितनी महान है। मैं यहां जब भी आता हूं कण-कण से जुड़ जाता हूं। उन्होंने कहा कि गरुड़चट्टी से मेरा पुराना नाता है। मेरा सौभाग्य है कि गोवर्धन पूजा के दिन उन्हें केदारनाथ दर्शन का सौभाग्य मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केदारनाथ में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। 2013 की आपदा के दौरान मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। इस दौरान केदारनाथ आपदा को याद कर प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आपदा में जो नुकसान यहां हुआ, वो अकल्पनीय था। हर कोई सोचता था कि क्या ये हमारा केदारनाम धाम फिर से उठ खड़ा हो पाएगा, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास था कि यह धाम पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने केदारनाथ के पुनर्निर्माण का जो सपना देखा था वो आज पूरा हो रहा है। इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों में तत्परता दिखाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। उन्होंने इन पुनीत प्रयासों के लिए मंदिर के रावल, पुजारियों और इन निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों को भी धन्यवाद दिया। खासतौर पर उन्होंने पुनर्निर्माण कार्य करने वाले श्रमिकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि बर्फबारी और कड़कड़ाती ठंड के बीच यहां निर्माण का काम करना बेहद मुश्किल था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य ने पवित्र मठों की स्थापना की और द्वादश ज्योतिर्लिंगों के पुनर्जागरण का काम किया। बाल्यावस्था में ही उन्होंने सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की है। आदि गुरु शंकराचार्य को शंकर का अवतार बताते हुए उन्होंने कहा कि ’शं करोति सः शंकरः’ का तात्पर्य है, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन जन-साधारण के कल्याण में खपा दिया। आज हम सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनः स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था। लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ समग्र तरीके में देखता है। आदि शंकराचार्य ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया है।

कहा कि हमारे यहां सदियों से चारधाम यात्रा का महत्व रहा है। तीर्थाटन हमारे यहां जीवन काल का हिस्सा माना गया है। अब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को, आस्था के केंद्रों को उसी गौरव भाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए। उन्होंने देशवासियों का आह्वान किया कि वे तीर्थ और धार्मिक स्थलों का भ्रमण जरूर करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है। अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा। भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है। विश्वनाथ धाम का कार्य बहुत तेज गति से पूर्णता की तरफ आगे बढ़ रहा है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश अब गौरव के साथ अपने लिए बड़े लक्ष्य तय कर रहा है। देश कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि इतने कम समय में ये सब कैसे होगा, होगा भी या नहीं होगा। तब मैं कहता हूं कि समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है।

उत्तराखण्ड के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम सुरक्षित हाईवे से जुड़ रहे हैं। भविष्य में यहां केदारनाथ तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं। हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि चारधाम यात्रा आने वाले भक्तों की संख्या लगातार रिकॉर्ड बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में यहां पिछले 100 वर्षों से अधिक श्रद्धालु यात्रा के लिए पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने कोरोना संक्रमण में साहस का परिचय दिया। कोरोना टीकाकरण की पहली डोज में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है। पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी अब उसी के काम आएगी, पलायन रुकेगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री धामी को धन्यवाद भी दिया। कहा कि मुझे पूरा विश्वास है जितनी ऊंचाई पर उत्तराखंड है भविष्य में वह उतनी ही ऊंचाई हासिल करेगा।

उत्तराखण्ड के प्रति प्रधानमंत्री का है विशेष लगाव- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का हिमालय तथा यहां पर स्थित मंदिरों से विशेष लगाव रहा है। चाहे कैलाश मानसरोवर की यात्रा हो अथवा केदारपुरी में तप एवं ध्यान साधना हो, यहां की भूमि से आपने सदैव एक असीम आध्यात्मिक दिव्य ऊर्जा प्राप्त की है, जिसने आपको निरंतर भारत वर्ष के समग्र कल्याण का कार्य करने की शक्ति दी है। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म संस्कृति में आदि गुरु शंकराचार्य जी को कौन नहीं जानता। वे भारत की राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक चेतना के सूत्रधार थे। भारत की गौरवशाली संस्कृति, परंपराओं, वेदों एवं उपनिषेदों के असीम ज्ञान के संरक्षण व संवर्धन का श्रेय आदिगुरू शंकराचार्य को ही जाता है। उनकी इसी महान परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य आज हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है।

भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के इतिहास का महत्वपूर्ण अवसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारधाम के पुनर्निर्माण एवं आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि की पुनर्स्थापना के लिए आदि गुरु जैसी ही जिजीविषा, संकल्प और धैर्य की आवश्यकता थी, जो प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में परिलक्षित होती है। आज का दिन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी के निर्देशन में केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान है। इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए जहां 245 करोड़ रूपये से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं। वहीं गंगोत्री व यमनोत्री के लिए भी करोड़ों रूपये के कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री जो कहते हैं, जो सोचते हैं, वही अन्तोत्गत्वा करते हैं।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सम्पूर्ण विश्व में बढ़ रहा है भारत तथा भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भारत एवं भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान, स्वाभिमान संपूर्ण विश्व में बढ़ रहा है तथा भारत विश्व गुरू के पद पर पुनः आरूढ़ होने के लिए तैयार हो रहा है। देश में जो कार्य कभी नामुमकिन से प्रतीत होते थे वे आज पूर्णता की ओर बढ़ रहे हैं। चाहे वो राम मंदिर का मुद्दा हो, धारा 370 का मुद्दा हो, तीन तलाक का मुद्दा हो या शक्तिशाली भारत के सम्पूर्ण विकास की बात हो। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धाम ने राज्य में चल रही केन्द्र की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।


राज्य के विकास में मिल रहा है केन्द्र सरकार का भरपूर सहयोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जो पहले नामुमकिन लग रहे थे। पिछले पांच वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा करीब एक लाख करोड़ रूपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिये स्वीकृत हुई है। जिनमें से बहुत सी योजनाएं पूर्ण हो चुकी है और अन्य पर कार्य चल रहा है। हम पहाड़ में रेल का सपना देखते थे। मोदी ने इस सपने को साकार किया है। आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तथा सामरिक दृष्टि एवं भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसी प्रकार चार धाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट पर भी तीव्र गति से काम किया जा रहा है। चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड के लिए लाइफ लाईन है और ये परियोजनाएं जहां चारधाम यात्रा को सुगम बनाएंगी, पर्यटन को बढ़ावा देगी वहीं हमारी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन भी लाएगी।

प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में संचालित हो रहा सबसे बड़ा ’सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’ अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों से हम कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। परन्तु प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने जहां एक ओर इस महामारी से डटकर मुकाबला किया है, वहीं विकास की गति को भी आगे बढ़ाया है। यह माननीय प्रधानमंत्री जी का ही नेतृत्व है कि देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीनेशन अभियान ’सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’ चल रहा है। पूरी दुनिया में इसकी सराहना की जा रही है। प्रदेश सरकार ने भी सफलतापूर्वक कोविड की प्रथम डोज को लगाने का लक्ष्य समय से पूर्व ही शत प्रतिशत प्राप्त कर लिया है। साथ ही दूसरी डोज भी करीब 50 प्रतिशत लोगों को लगाई जा चुकी है। कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, क्षेत्रों के लिये 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती एवं इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन हेतु 205 करोड़ तथा महिला सशक्तिकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये 118 करोड़ का राहत पैकेज प्रदान किया जा रहा है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लोगों के खातों में भेजी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, जन-स्वास्थ्य, बिजली, पानी, कनेक्टिविटी, रोजगार, महिला एवं बाल विकास, खेती-किसानी, सिंचाई हर क्षेत्र में उत्तराखंड ने पिछले पांच वर्षों में अभूतपूर्व तरक्की की है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी सरकार उत्तराखंड में जो विकास कार्य कर रही है वे ’’न भूतो न भविष्यति’’ हैं।
हमारी सरकार ने जहां 24 हजार सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है, वहीं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो उद्यम योजना के द्वारा हम लाखों को स्वरोजगार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ रहे हैं।

25 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे अनुराग रमोला

दून के अनुराग रमोला प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 के लिए चुने गए हैं। महिलाएं बाल विकास मंत्रालय ने उनका चयन किया है। उत्तराखंड से वह इकलौता छात्र है। जिन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। 25 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे संवाद करेंगे।

दून निवासी अनुराग रमोला के पिता सीएस रमोला नगर निगम में कार्यरत हैं। इस अवार्ड के लिए केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी में 16 वर्षीय 10वीं के छात्र अनुराग का चयन कला एवं संस्कृति की श्रेणी में किया गया है। मंत्रालय की संयुक्त सचिव आस्था सक्सेना खटवानी ने राज्य की सचिव महिला एवं बाल विकास सौजन्य को पत्र लिखकर अनुराग के चयन की सूचना दी है। उन्होंने लिखा है कि अवार्ड विजेताओं के साथ 25 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉलिंग से बात करेंगे।

सीएम ने दिया निर्देश 100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन दें

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करना सुनिश्चित करें। हर जिलाधिकारी के पास शाम को यह सूचना होनी चाहिए कि उनके जिले में उस दिन कितने घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया। इस सूचना से जिलाधिकारी, शासन को भी नियमित रूप से अवगत कराएं। रोजाना के टार्गेट तय कर मिशन मोड में काम किया जाए।

जल जीवन मिशन के लिए पूरे कमिटमेंट से काम हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री का प्रमुख कार्यक्रम है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों में पानी का कनेक्शन के साथ ही समुचित पेयजल की उपलब्धता और इसकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित करनी है। इसमें सभी को मिलकर अधिक मेहनत और कमिटमेंट के साथ काम करना होगा। जल्द से जल्द विलेज एक्शन प्लान तैयार कर उसके अनुरूप काम किया जाए। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 1 रूपए में पानी का कनेक्शन दिए जाने की प्रशंसा कर हम सभी का उत्साह बढ़ाया है। अब हमें दोगुने उत्साह से काम करना है।

100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुसार 2 अक्टूबर से 100 दिनों के अंदर सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दिसम्बर 2021 तक हर ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन
सचिव पेयजल नीतेश झा ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत चार माईलस्टोन निर्धारित किए गए हैं। पहले माईल स्टोन के तहत लक्ष्य को और भी कम समय में हासिल करने की योजना है। अब प्रत्येक ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन दिसम्बर 2021 तक पहुंचाना है। इस वित्तीय वर्ष में कोरोना जैसी विषम परिस्थितियां होने पर भी 30 सितम्बर तक 61 हजार से अधिक पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। प्रदेश में कुल गांव 15218 हैं। इनमें से 623 गांव ऐसे हैं जहां पानी की लाइन नहीं गई है। जबकि कुल 14 लाख 61 हजार 910 घरों में से 2 लाख 78 हजार 124 घरों में पानी का कनेक्शन है। देहरादून और बागेश्वर के जिन गांवों में पानी की लाइन पहुंची हुई है, वहां इस वर्ष 25 दिसम्बर सुशासन दिवस तक सभी ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन सुनिश्चित किया जाना है। अल्मोड़ा, चम्पावत, चमोली, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में पानी की लाइन वाले गांवों में 26 जनवरी 2021 तक सभी घरों को पानी का कनेक्शन उपलब्ध करवा देना है। हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिले को यह लक्ष्य 31 मार्च 2021 तक पूरा कर लेना है। सभी एससी व एसटी गांवों को मार्च 2021 तक कवर करना है। जिन गांवों में पानी की लाइन नहीं है, वहां 30 सितम्बर 2021 तक लक्ष्य हासिल करना है।

प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी
दूसरे माईल स्टोन के तहत पर्याप्त मात्रा में पेयजल की उपलब्धता के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी सुनिश्चित किया जाएगा।

पेयजल की क्वालिटी बीआईएस रू 10500 मानक के अनुरूप
तीसरे माईल स्टोन के तहत पेयजल की क्वालिटी सुनिश्चित की जाएगी। इसमें भारत सरकार के पानी की गुणवत्ता के बीआईएस रू 10500 मानक को पूरा किया जाएगा। इसके लिए वाटर क्वालिटी लैब स्थापित कर उनकी मान्यता एनएबीएल से ली जाएगी। सभी वाटर लैब आम जन के लिए खुली रहेंगी। इनमें कोई भी व्यक्ति आकर अपने पानी के सैम्पल की गुणवत्ता की जांच करा सकेगा। ग्रामीण स्तर पर फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए कुछ ग्रामीणों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

चैथे माईल स्टोन के तहत प्रधानमंत्री के दिए गए लक्ष्य के अनुरूप 2 अक्टूबर से 100 दिनों के भीतर सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही ग्रे वाटर मैनेजमेंट और स्प्रिंग शैड मैनेजमेंट भी किया जाएगा।

किसी तीसरे के खिलाफ नहीं होता है भारत का दोस्ती का हाथः मोदी

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। उन्होंने यूएन के स्वरूप को आज के बदलते युग में बदलने की मांग की। उन्होंने कहा कि यूएन में भारत अपनी व्यापक भूमिका देख रहा है। कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष आॅनलाइन आयोजन किया गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी भाषा में अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत जब किसी भी देश से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वह किसी तीसरे देश के खिलाफ बिल्कुल नहीं होती है। भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती। हम विकास की अपनी यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहंीं रहते हैं।

उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ की प्रथम बैठक आयोजित की गई। राज्य में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने ‘‘स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता पर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’’ स्थापित किया है। राज्य में स्टार्टअप ईकोसिस्टम विकसित करने के लिए इस समूह द्वारा नवाचार और उद्यमिता के लिए राज्य में एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने, अनुसंधान और नये उत्पादों, सेवाओं, व्यापार मॉडल के विकास को प्रोत्साहित करने, उपयुक्त पॉलिसी योजनाओं और आवश्यक समर्थन प्रणाली को विकसित करने हेतु परामर्श देना है। इसके अलावा पाठ्यक्रम, मॉड्यूल प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में नवाचार और उद्यमशीलता के बारे में जागरूकता, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निकायों और एजेंसियों के साथ आवश्यक साझेदारी हेतु सलाह देना है। बनाए गए ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ में 07 सरकारी एवं 06 गैर सरकारी सदस्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकल के लिए वोकल बनने की जो बात कही गई यह उस दिशा में प्रयास है। उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल की जा रही है। जिसमें सरकारी के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के गैर सरकारी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इन विशेषज्ञों की सलाह से राज्य के औद्योगिक विकास एवं हिमालयी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विविध जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां कि जैव विविधता का फायदा लेते हुए इस दिशा में अनेक कार्य हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे नवोदित राज्य में औद्योगिक विकास की बहुत संभावनाएं हैं। राज्य में इन्वेस्टर समिट के दौरान सवा लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। जिसमें से 25 हजार करोड़ के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड 19 के जिस दौर से हम गुजर रहे हैं, उससे औद्योगिक गतिविधियां जरूर प्रभावित हुई हैं। इस दौर दिक्कतें भी आई हैं और नई संभावनाएं भी विकसित हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस समूह के विशेषज्ञों द्वारा उत्तराखण्ड में मेडिकल एवं मेंटल हेल्थ को लेकर क्या कार्य हो सकते हैं, इस पर जरूर सुझाव दें। उन्होंने कहा कि ग्रुप के सभी सदस्यों के सुझावों पर गम्भीरता से कार्य किया जायेगा।

वीडियो कांफ्रेंस से विशेषज्ञों के सुझाव
वीडियो कांफ्रेंस से कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों और अवसरों, नवाचार और उद्यामिता को बढ़ावा देने के लिए नई पहलों पर चर्चा की गई। इंडियन एंजल नेटवर्क के फाउण्डर डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि राज्य में उद्यमिता के विकास के लिए जो भी योजना बने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से बने। स्टार्टअप के तहत जॉब क्रियेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। उत्तराखण्ड के उत्पादों की अलग ब्रांडिंग हो, वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। नैना लाल किदवई ने कहा कि रूरल टूरिज्म एवं होम स्टे को बढ़ावा दिया जाय। एग्रो प्रोसेसिंग एवं फोरेस्टरी सेक्टर में अनेक कार्य किये जा सकते हैं। विनीत नायर ने कहा कि मेंटल हेल्थ के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं। हमें सबसे पहले बच्चों के मेंटल हेल्थ पर फोकस करना होगा। स्टार्टअप का भविष्य साइंस और तकनीक पर आधारित है। इस दिशा में पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। रमन रॉय ने कहा कि लाईवलीहुड बिजनेस पर ध्यान देने की जरूरत है। राज्य बिजनेस के कल्चर को प्रमोट करने की जरूरत है। विभिन्न सेक्टर में कार्य करने के लिए प्रत्येक सेक्टर के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने होंगे। संजीव बिखचंदानी ने कहा कि राज्य में कुछ बड़े उद्योग स्थापित करने होंगे। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अनेक कार्य किये जा सकते हैं।

तीन सप्ताह में टिहरी डीएम होगें रिलीव, नई नियुक्ति पीएमओ कार्यालय में होगी

जनपद टिहरी के जिलाधिकारी व आईएएस अफसर मंगेश घिल्डियाल को नई जिम्मेदारी मिली है। उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में अंडर सेक्रेटरी के पद पर चार वर्ष के लिए नई जिम्मेदारी मिली है। इसकी पुष्टि स्वयं डीएम मंगेश घिल्डियाल ने की है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें जिम्मेदारी मिली है। मैं पूरी निष्ठा के साथ जिम्मेदारी निभाऊंगा।

केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग के निदेशक जे श्रीनिवासन ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश से उन्हें रिलीव करने को कहा है। डीएम घिल्डियाल को तीन सप्ताह के भीतर नई जिम्मेदारी को ग्रहण करना होगा।

जब सही नीयत हो तो कोई भी योजना लाभार्थी तक जरूर पहुंचती हैः पीएम

मध्य प्रदेश में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पौने दो लाख आवासों को वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए हितग्राहियों को सौंपा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री आवास योजना का काम तीव्र गति से हुआ। कहा कि आमतौर पर जो प्रधानमंत्री आवास 125 दिन में बनता था, वह कोरोना काल में मात्र 45 से 60 दिन में बनाया गया है। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम के दौरान गरीबों के घर के लिए बनने वाली पुरानी योजनाओं की कमियों को रखते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना की खूबियों को गिनाया।

पीएम बोले, जब सही नीयत से कोई योजना बनती है तो उसका लाभ लाभार्थी तक पहुंचता है। कहा कि जिन्हें घर मिला, अब वे बेहतर भविष्य के लिए बच्चों को पढ़ाएं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को हितग्राही नरेंद्र नामदेव की पत्नी ने आशीर्वाद देते हुए उन्हें घर आमंत्रित किया। जिसे प्रधानमंत्री ने सहर्ष स्वीकार भी किया।

अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी बदरीनाथ के मास्टर प्लान में शामिल किया जाएः मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। साथ ही श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव दिलीप जावलकर आदि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिये कि श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। मिनी स्मार्ट, स्पिरीचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए। होम स्टे भी विकसित जा सकते हैं। निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोङा जाए। बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था हो जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो। बद्रीनाथ का मास्टर प्लान का स्वरूप पर्यटन पर आधारित न हो बल्कि पूर्ण रूप से अधात्मिक हो। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की।

बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में स्थानीय लोगों को मिल रहा सहयोग
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी 12 महीने कार्य किए जाएंगे।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी।

बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। नर्सरी के लिए बीज एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है।

एनआईटी के स्थाई कैंपस के निर्माण से प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सुमाङी में एनआईटी के स्थाई केम्पस के लिए 909.85 करोङ रूपए की स्वीकृति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने व्यय पर संस्थान के लिए बिजली व पानी की व्यवस्था करेगी और सङक का निर्माण करेगी। प्रदेशवासियों की लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है। एनआईटी के स्थाई कैम्पस के निर्माण से प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन को बढावा मिलेगा। साथ ही क्षेत्रवासियों की आर्थिकी भी मजबूत होगी।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी प्रसन्नता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का धन्यवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और वे स्वयं भी इसके लिए प्रयासरत थे और केंद्र सरकार से अनुरोध किया था। अब संस्थान के लिये धनराशि की मंजूरी से राज्य की बङी मांग पूरी हुई है। कुल 909.85 करोङ रूपए में से 78.81 करोङ रूपए वर्तमान के अस्थायी कैम्पस के सुदृढ़ीकरण के लिए स्वीकृत किए गए हैं।