सचिवालय में खुली पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेंटर, एसीएस राधा रतूड़ी ने किया शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय कार्मिकों के हित में सचिवालय परिसर में स्थित डिस्पेन्सरी में पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर की स्वीकृति देने के साथ ही इसे जल्द से जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए थे।

जिस क्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय स्थित राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में निःशुल्क पैथोलॉजीकल परीक्षण हेतु पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर का शुभारम्भ किया। इस पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर में सभी आवश्यक मूलभूत पैथोलॉजीकल जाँचें जिसमें ब्लड, यूरीन, सीबीसी, ब्लड शुगर, किडनी, लीवर, कॉलेस्ट्रोल, थॉयरायड सहित लगभग 270 प्रकार की जाँचें निःशुल्क की जायेगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय कार्मिकों के हित में सचिवालय परिसर में स्थित डिस्पेन्सरी में पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर की स्वीकृति देने के साथ ही निर्देश दिए थे कि इसे जल्द से जल्द शुरू करवाया जाय।

एसीएस राधा रतूड़ी ने इसे सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने बताया कि सरकार की इस पहल से राज्य सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कार्मिकों को लाभ मिलेगा, उनके समय की बचत होगी तथा कार्यस्थल पर ही आवश्यक चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। सरकार ने अपने कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता दी है तथा प्रदेशभर में अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और पहुंच को सरल बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

इस अवसर पर अपर सचिव डा0 अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा0 विनीता शाह तथा सचिवालय के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।

एसीएस ने मुख्यमंत्री कार्यालय हेतु गठित समन्वय समिति की बैठक

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में ग्लोबल इनवेस्टर समिट के आयोजन हेतु मा0 मुख्यमंत्री कार्यालय हेतु गठित समन्वय समिति की बैठक ली।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन तथा रोजगार सृजन के उद्देश्य से ‘उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023’ माह दिसम्बर 2023 में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए समस्त सम्बंधित विभागों को प्रभावी समन्वय के साथ मिशन मोड पर कार्य करना होगा।

बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक ए पी अंशुमान, विशेष आमंत्रित सदस्य पराग गुप्ता (सेवानिवृत आईएएस ), सौजन्या, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक आशिष त्रिपाठी व मुख्यमंत्री कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव ने समस्त कार्यदायी संस्थाओं की बैठक ली

चमोली जैसे हादसों की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए प्रदेश में कार्यरत समस्त कार्यदायी संस्थाओं की एक उच्च स्तरीय बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में ली। बैठक में यह तथ्य संज्ञान में आया कि कार्यदायी संस्थाएं इलैक्ट्रिकल वर्क को सिविल वर्क के साथ जोड़ देती हैं। जबकि कार्यदायी संस्थाओं के पास इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए पृथक से इंजीनियर उपलब्ध रहते हैं। एक ही एस्टीमेट बनाने तथा एक साथ कार्य कराने से इलेक्ट्रिकल वर्क के लिए अच्छे से कार्य करने तथा सुरक्षा के मानकों का पालन करने में समझौते की स्थिति आती है। सिविल कॉन्ट्रैक्टर्स ही इलेक्ट्रिकल कार्य को करवाते है। बैठक में इस व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए समस्त कार्यदायी संस्थाओं से सुझाव लिये गए।
कार्यदायी संस्थाओं से सुरक्षा मानकों पर चर्चा करते हुए एसीएस राधा रतूड़ी ने सख्त हिदायत दी कि सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदंड हैं, उन मानदण्डों के अनुसार ही उपकरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए। एसीएस ने कड़े निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट या कार्य पूर्ण होने के उपरान्त भी सुरक्षा मानक निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप बने रहने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान में कार्यरत मजदूरों के अलावा उस भवन, प्रोजेक्ट या मशीनरी में कार्य पूर्ण होने के बाद लगाये जाने वाले श्रमिकों या कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना तथा सुरक्षा मानकों का समय समय पर परीक्षण करवाया जाना आवश्यक है। बैठक में इसे सुनिश्चित किये जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि सिविल और इलैक्ट्रिकल वर्क का एक ही एस्टीमेट बन जाने से इलैक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर्स जो छोटे ठेकेदार है या अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ है, उनके कार्य से वंचित होने की भी समस्या आती है। इस व्यवस्था में परिवर्तन से उनकी दक्षताओं का उपयोग भी इलैक्ट्रिकल कार्यों में किया जा सकेगा। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश में कार्यदायी संस्थाओं के लिए सिविल वर्क एवं इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए स्पष्ट अलग अलग व्यवस्था, सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदण्डों का पालन, मजदूरों व कार्मिकों के प्रशिक्षण एवं सुरक्षा मानकों के परीक्षण से सम्बन्धित नई नीति तैयार करते हुए उसे समस्त कार्यदायी संस्थाओं पर लागू किया जाने का उच्च स्तरीय निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में सचिव वी षणमुगम, अपर सचिव जगदीश कांडपाल तथा विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री आवास से मौखिक निर्देश के लिए अधिकारी नियुक्त

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से आकस्मिकता एवं अपरिहार्य परिस्थितियों में दूरभाष या मौखिक रूप से दिए जाने वाले निर्देशों हेतु अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से किसी भी प्रकार के निर्देश- अनुदेश सामान्यतः लिखित रूप से प्रसारित किए जाते हैं। अपरिहार्य परिस्थितियों में एवं आकस्मिकता की स्थिति में उक्त कार्यालयों से मुख्यमंत्री के किसी भी निर्देश को दूरभाष के माध्यम से या मौखिक रूप से अवगत कराए जाने की आवश्यकता पड़ने पर, इस हेतु अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त जिन अधिकारियों/महानुभावों को प्राधिकृत किये जाने के निर्देश हैं, इनमें सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, अपर सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, दिवस अधिकारी ( जिस तिथि/दिवस को दिवस अधिकारी के रूप में दायित्वों का निवर्हन किया जा रहा हो। ) तथा मुख्यमंत्री द्वारा प्राधिकृत अन्य सामाजिक व्यक्ति (जिसके सम्बन्ध में पृथक से अवगत कराया जाएगा।)

अधिकारी कार्यशैली सुधारें, आपत्ति की जगह निराकरण पर करें फोकसः राधा रतूड़ी

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चम्पावत हेतु की गई 91 घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को स्पष्ट किया कि अधिकारी माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जनहित में की गई घोषणाओं एवं विकास कार्यों को समयबद्धता से पूरा करें। जिला प्रशासन एवं सचिवालय स्तर पर जनहित की योजनाओं को पूरा करने के लिए औपचारिक प्रक्रियाओं को त्वरित किया जाय। शिक्षा और स्वास्थ्य से सम्बधित योजनाओं पर संवेदनशीलता से कार्य किया जाय। सभी विभाग विकास कार्यों के लिए बनने वाले वर्किंग प्लान को औपचारिकताओं में उलझाने के स्थान पर जनहित एवं राज्य हित को सर्वोपरि स्थान दें। शासकीय औपचारिकताओं को जनहित में लचीला किया जा सकता है। एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने कहा कि अधिकारी फाइलों पर आपत्तियां लगाने के स्थान पर अनौपचारिक तरीके से उनका त्वरित निराकरण करें। अधिकारी सरकारी कार्यों को परम्परागत तरीके से करने स्थान पर प्रो-एक्टिव अप्रोच के साथ कार्य करें। विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए सचिवालय का प्रत्येक विभाग अपने सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विडियों कांफ्रेसिंग करें। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय कार्यों में जनहित हेतु सरलीकरण का मार्ग अपनाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। एसीएस रतूड़ी ने कहा कि अधिकारी जनहित से जुड़े विकास कार्यों में पर कार्य करते हुए आने वाली चुनौतियों एवं समस्याओं पर चर्चा करने के स्थान पर समाधान निकालने का प्रयास करें।

बैठक में चम्पावत जिला प्रशासन एवं सचिवालय के सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा चम्पावत विधानसभा क्षेत्र हेतु की गई घोषणाओं पर गम्भीरता से कार्य किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा कुल 08 घोषणाओं में से 07 घोषणाओं का शासनादेश एक माह के भीतर जारी कर दिया जाएगा। ग्राम्य विकास के तहत बनबसा-टनकपुर-चम्पावत-घाट तक राष्ट्रीय राजमार्ग में 07 स्थानों में हिलांस आउटलेट के निर्माण की कार्यवाही गतिमान है। इनमें से 01 हिलांस आउटलेट तैयार हो चुका है। पुलिस क्षेत्राधिकारी, टनकपुर में स्मार्ट कन्ट्रोल रूम का निर्माण की कार्यवाही गतिमान है। पर्यटन विभाग के तहत चम्पावत को अखिल भारतीय स्तर पर पर्यटन मानचित्र में लाने के लिए पर्यटन विभाग की विशेष कार्ययोजना फरवरी माह के अन्त तक तैयार हो जाएगी। कुमाऊं क्षेत्र के प्रमुख 17 मन्दिरों को मानसखण्ड कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के सम्बन्ध में 17 फरवरी तक ई टेण्डर खुल जाएंगे। अपर मुख्य सचिव ने जिले के सभी होटलों, रेस्टोरेंट, ढाबों में स्थानीय अन्न मंडुआ एवं झंगौरा से बने उत्पादों को प्रोत्साहित करने के निर्देश जिलाधिकारी चम्पावत को दिए। चम्पावत के डांडा ककनई क्षेत्रों में संचार व्यवस्था को मजबूत करने हेतु टावर हेतु भूमि चिह्नित कर दी गई है तथा आगे की कार्यवाही गतिमान है। चम्पावत में जमीन की व्यवस्था हो जाने पर बनबसा एवं अन्य स्थानों पर सिडकुल का निर्माण के सम्बन्ध में एक सप्ताह में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। चम्पावत में बनबसा में गैस एजेंसी खोलने हेतु तेल कम्पनी द्वारा सैद्धान्तिक सहमति दे दी गई है। बनबसा में सैनिक स्मारक के निर्माण हेतु भूमि चिह्नित हो गई है, शासनादेश जारी हो गया है। इस सम्बन्ध में आगे की कार्यवाही गतिमान है। चम्पावत में शूटिंग रेंज के निर्माण हेतु प्रस्ताव जिलाधिकारी द्वारा एक सप्ताह में प्रेषित कर दिया जाएगा।

बैठक में सचिव डा0 बी वी आर सी पुरुषोत्तम, सचिव मुख्यमंत्रीएस एन पाण्डेय, अपर सचिव विनीत कुमार, जगदीश प्रसाद काण्डपाल, पूजा गर्ब्याल, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चम्पावत नरेन्द्र सिंह भण्डारी मौजूद रहे।

वित्तीय अपराधों की रोकथाम को पुलिस और कमर्शियल बैंकों को एक साझा प्रोग्राम करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नकली नोटों के मामलों को भी ई एफआईआर के माध्यम से दर्ज किए जाने हेतु परीक्षण पर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। वित्तीय अपराधों की रोकथाम के लिए उन्होंने उत्तराखण्ड पुलिस अधिकारियों तथा कमर्शियल बैंकों के एक साझा ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने के निर्देश दिए। एसीएस राधा रतूड़ी ने बैंकों को उत्तराखण्ड के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन रोकने तथा चारधाम यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों की वितीय सुविधाओं को पूरा करने में बैंक अहम भूमिका निभा सकते है। साथ ही राज्य में फाइनेशियल लिटरेसी बढ़ाने में बैंकों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा उत्तराखण्ड राज्य हेतु आयोजित बैंको की 17वीं राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा आरबीआई तथा बैंकों के सुरक्षा कर्मियों को अग्निशमन, सुरक्षा आदि में प्रशिक्षण एवं सहायता हेतु यथासंभव सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बैंकों को भी निर्देश दिए कि बैंक अपने परिसरों में पूर्णतः सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करे। बैंकों में करेंसी चेस्टस (मुद्रा की तिजौरियों) का नियमित फायर ऑडिट सुनिश्चित करवाया जाए। एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने कहा कि समस्त बैंक शाखाओं व एटीएम की सीसीटीवी कैमरों के साथ ही सिक्योरिटी गेजेट्स जैसे बर्गलरी अलार्म विद ऑटो डायलर, फायर अलार्म, बायोमेट्रिक एक्सेस तथा टाइम लॉक की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आमजन को नकली नोटों के प्रति जागरूक करने हेतु बैंकों को जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।

बैठक में बैंक अधिकारियों ने करेंसी चेस्टस, आरबीआई परिसरों तथा कोष के आवागमन के दौरान सुरक्षा हेतु डेडीकेटेड सुरक्षा बल बढ़ाये जाने का मुद्दा रखा। उन्होंने कहा कि राज्य में कुशल मुद्रा प्रबन्धन हेतु डेडीकेटेड सुरक्षा टास्क फोर्स का गठन अति आवश्यक है। गौरतलब है कि वर्तमान में राज्य में 17 करेंसी चेस्टस की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य पुलिस तथा 22 करेंसी चेस्टस की जिम्मेदारी बैकों द्वारा नियुक्त किए गए सुरक्षा गार्डाे द्वारा की पूरी की जा रही है।

बैठक में अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, आरबीआई सुरक्षा सलाहकार प्रभात रंजन, आरबीआई डा. इशान शुक्ला, सीजीएम एसबीआई दिल्ली सर्कल कल्पेश अवासिया, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई देहरादून ललिता विश्वनाथन सहित विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों ने मांगे अधिकार

अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री व गृह विभाग राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में शुक्रवार को आजादी के अमृत महोत्सव के पावन काल में उत्तराखण्ड राज्य के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारीगणों की विभिन्न मांगो के संबंध में विचार विमर्श किये जाने हेतु बैठक आयोजित की गई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने समीक्षा करते हुए स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारीगणों के विभिन्न प्रकरणों के संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये, जिसके क्रम में परिवहन निगम की बसों में ऑनलाइन टिकट बुक किये जाने की व्यवस्था की एक सप्ताह के भीतर पूर्ण किये जाने एवं अन्य प्रकरणों पर प्रस्ताव प्राप्त होने पर यथाशीघ्र कार्यवाही किये जाने का सचिव, परिवहन विभाग की ओर से आश्वासन दिया गया। उन्होंने शहरी विकास विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में सड़कों, चौराहों एवं द्वारों का नामकरण एवं शिलापट्ट स्थापित किये जाने संबंधी लंबित प्रकरणों को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाय। बैठक में विभिन्न जनपदों में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के उत्तराधिकारीगणों से संबंधित विभिन्न प्रकरणों के त्वरित एवं नियमानुसार निस्तारण हेतु वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित जिले के अधिकारीगणों को निर्देशित किया गया, जिसके क्रम में जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये कि प्रत्येक तहसील में एक नोडल अधिकारी नामित किया जाय तथा उनके नाम एवं मोबाईल नम्बर की सूचना अविलम्ब शासन को उपलब्ध करायी जाय साथ ही जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये कि यदि किसी कार्यक्रम/समारोह में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी अथवा उनकी पत्नी अथवा विधवा पत्नी को आमंत्रित किया जाता है तो उन्हें यथोचित सत्कार एवं सम्मान प्रदान किया जाय।
बैठक में प्रतिभाग कर रहे स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों द्वारा राजकीय सेवा में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों का क्षैतिज आरक्षण बढ़ाये जाने, सम्मान पेंशन की धनराशि में वृद्धि किये जाने, राज्य के चिकित्सालयों में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों हेतु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा के विस्तार के संबंध में विभिन्न प्रत्यावेदनों के माध्यम से सुझाव प्रस्तुत किये गये, जिसके क्रम में अपर मुख्य सचिव द्वारा आश्वासन दिया गया कि प्राप्त सुझावों पर परीक्षण कराते हुए आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री ने ली सीएम कार्यालय से सम्बद्ध अधिकारियों की बैठक

अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से सम्बद्ध सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों से समय पर कार्यालय आने तथा आगुन्तकों से प्रति सम्यक व्यवहार अपनाये जाने की अपेक्षा की। अपर मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये हैं कि सीएम हेल्प लाइन 1905 का प्रभावी अनुश्रवण के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में आने वाले दैनिक पत्रों को भी इसमें अपलोड कर इसकी भी नियमित समीक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय से सम्बद्ध सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों की परिचयात्मक बैठक के दौरान सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर कार्यों का निस्तारण समय बद्धता, पारदर्शिता एवं सत्य निष्ठा के साथ सुनिश्चित हो, यह सभी की जिम्मेदारी है।

अपर मुख्य सचिव ने कार्यों की प्रक्रिया की सरलता, विभिन्न अनुभागों एवं कार्यालयों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करने पर भी बल दिया। पत्रावलियों के समुचित रखरखाव एवं उनके त्वरित निस्तारण प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी उन्होंने दिये। मुख्यमंत्री कार्यालय की कार्य प्रणाली को ऑन लाइन प्रक्रिया के तहत संचालित करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे कार्यों के त्वरित निस्तारण में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव एमएम सेमवाल, उप सचिव एचएस बसेड़ा, अनिल जोशी के साथ ही सभी अनुसचिव, अनुभाग अधिकारी, प्रमुख निजी सचिव आदि उपस्थित थे।

उपनल कर्मचारियों की काम पर होगी वापसी, सीएस ने दिया आश्वासन

राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थानों में लंबे समय से कार्य कर रहे उपनल के आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किए जाने को लेकर प्रदेश सरकार हिमाचल की तर्ज पर नियमावली बनायेगी। प्रदेश सरकार ने हिमाचल सरकार में लागू नियमावली मंगाई है, जिसका अध्ययन करने के बाद एक प्रस्ताव तैयार होगा और इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। यह आश्वासन मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने उपनल कर्मचारियों के समर्थन में आये प्रतिनिधिमंडल को दिया। 
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ विधायक पुष्कर सिंह धामी और स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात की। उन्होंने मुख्य सचिव को बताया कि प्रदेश में करीब 20 हजार उपनल कर्मचारी आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। न्यायालय से भी उनके चरणबद्ध नियमितीकरण का आदेश हो चुका है। उन्हें नियमित करने पर विचार होना चाहिए।
मुख्य सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। हिमाचल में लागू नियमावली को मंगाया गया है। नियमावली का अध्ययन करने के बाद सरकार नियमावली का प्रस्ताव तैयार करके कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करेगी। दोनों विधायकों ने उपनल कर्मियों का वेतन बढ़ाये जाने पर सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उपनल की महिला कार्मिकों को (सीसीएल) बाल्य देखभाल अवकाश तथा पितृत्व अवकाश देने का अनुरोध किया। 
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव को उन उपनल कर्मचारियों के नामों की सूची भी सौंपी, जिन्हें नौकरियों से हटाया गया है। सीएस ओम प्रकाश ने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार के शासनादेश के तहत हटाए गए उपनल कर्मचारियों को वापस लिया जा रहा है।
वहीं, प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण राधा रतूड़ी से भी मुलाकात की। उनसे शिकायत की गई कि 10 अगस्त के आदेश के बाद भी विभाग हटाए गए कर्मचारियों की बहाली नहीं कर रहे हैं। एसीएस ने कहा कि शासनादेश का कड़ाई से पालन कराने को लेकर जल्द ही विभागाध्यक्ष को एक पत्र जारी किया जाएगा। सदस्यों ने एसीएस को उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति उपलब्ध कराई।