स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यों की गति में तेजी लाई जाएः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत किए जा रहे निर्माण कार्यों की गति में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री के सख्त रवैये के बाद लोक निर्माण विभाग ने मिशन मोड में निर्माण कार्य कर गति प्रदान की है। इसी क्रम में राजपुर क्षेत्र के विधायक खजान दास ने आज शहर के विभिन्न स्थानों में निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि तत्काल प्रभाव से सड़कों को ठीक करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।

जनप्रतिनिधियों से मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था से काम वापस लेकर लोक निर्माण विभाग को यह काम सौंप दिए थे। लोक निर्माण विभाग ने सड़कों के सुधारीकरण कार्य को प्राथमिकता देते हुए काम शुरू कर दिया है। सोमवार को विधायक खजानदास ने लोनिवि द्वारा शुरू किए गए कार्यों का लैंसडाउन चौक, नैनीज बेकरी चौक आदि क्षेत्रों में अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को उचित निर्देश दिए। इस दौरान खजान दास ने निर्माण कार्यों में तेजी लाए जाने के लिए सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर आभार जताया। उन्होनें जनमानस को आश्वस्त करते हुये कहा कि शीघ्र ही दूनवासियों को दून के सड़को की स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। इस अवसर पर स्मार्ट सिटी के एजीएम जगमोहन सिंह चौहान, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग डीसी नौटियाल अपने अधीनस्थ अधिकारियों सहित उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने दिये आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का विस्तृत विवरण तैयार करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में आपदा की स्थिति, आपदा तथा भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान तथा पुनर्वास आदि की समीक्षा की। इस उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी तथा सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी जनपदों की आपदा की स्थिति का पूरा विवरण तैयार किया जाय। जिन गांवों को आपदा से खतरा होने की संभावना है उनके पुनर्वास की भी योजना तैयार की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि नैनीताल के बलिया नाला, पिथौरागढ़ की एल धारा सहित अन्य स्थलों के स्थायी उपचार आदि के संबंध में भी राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के कन्सलटेंट की सेवायें लिये जाने पर ध्यान दिया जाय ताकि आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास एवं भूस्खलन प्रभावित स्थलों एवं क्षेत्रों का प्रभावी ट्रीटमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।

यूकेएसएसएससी के अधिकारी सरकार के रडार पर, विजिलेंस जांच के आदेश

सतर्कता विभाग ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी, आयोग के तीन अनुभाग अधिकारियों और आरएमएस कंपनी के मालिक सहित कुल छह के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश जारी किए हैं। विजिलेंस इनके खिलाफ जल्द मुकदमा दर्ज कर सकती है।
आयोग की एक के बाद एक कई परीक्षाओं पर सवाल उठने के बाद, सरकार ने एसटीएफ से इस मामले में आयोग के अधिकारियों की भूमिका पर रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें सामने आया कि परीक्षा आयोजित करवाने वाली कंपनी आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन का अनुबंध, अक्तूबर 2019 में ही समाप्त हो गया था। इसके बावजूद कंपनी से ना सिर्फ काम लिया गया बल्कि भुगतान भी किया गया। एसटीएफ ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी स्पष्ट की थी। अब शनिवार को इसी रिपोर्ट के आधार पर सीएम से अनुमोदन लेने के बाद सतर्कता विभाग ने आयोग के तत्कालीन सचिव, परीक्षा नियंत्रक सहित छह के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
आयोग के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी के साथ ही संतोष बडोनी को भी बतौर परीक्षा नियंत्रक इसके लिए जिम्मेदार माना गया है। डांगी इसी साल जनवरी में रिटायर हो गए थे, इसके बाद परीक्षा नियंत्रक की भूमिका भी बडोनी के पास थी। इसके साथ ही आयोग में गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी बृजलाल बहुगुणा, दीपा जोशी, कैलाश नैनवाल भी जांच के दायरे में आए हैं। कंपनी को किए गए भुगतान की फाइल में इन सभी के हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन के मालिक राजेश चौहान की भी विजिलेंस जांच होगी। इसमें से संतोष बडोनी को आयोग से हटाने के बाद सरकार निलंबित भी कर चुकी है। जबकि पीसीएस अधिकारी डांगी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बहुगुणा और दीपा जोशी की नियुक्ति मूल रूप से दूसरे विभागों में है, दो साल पहले ही उनका कैडर मर्जर किया गया।
भर्ती घपले में गिरफ्तार आरोपियों की कमाई अवैध संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई जल्द हो सकती है। एसटीएफ की टीमें सरगना सैयद सादिक मूसा समेत जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत, लखनऊ की निजी कंपनी के मालिक राजेश चौहान, धामपुर के माफिया केंद्रपाल, रामनगर के चंदन मनराल समेत तमाम आरोपियों की अवैध संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है।
वन दरोगा भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा में नकल माफिया के गठजोड़ का पर्दाफाश करने में एसटीएफ को समय लग रहा है। सूत्रों के मुताबिक, ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि एसटीएफ दिल्ली की भर्ती एजेंसी, परीक्षा सेंटरों और निरीक्षकों की सीडीआर का इंतजार कर रही है, जिससे पूरी सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।
एसटीएफ की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के साथ आयोग का अनुबंध अक्तूबर 2019 में समाप्त हो गया था। इसके बावजूद कंपनी से दो दर्जन परीक्षाएं आयोजित करवाई गईं। जिसके लिए 22 करोड़ रुपये का भुगतान अलग-अलग चरणों में किया गया। इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक सम्पत्ति की जांच के आदेश दिए गए हैं। नियमानुसार सरकारी कार्मिकों के खिलाफ जांच के लिए कार्मिक विभाग से अनुमति ली जाती है, अब अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस मुकदमा दर्ज करते हुए, जांच शुरू करेगी।

श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति ने सम्मानित किया

श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति ने रविवार को सम्मान समारोह आयोजित कर महाकुंभ के दौरान देवडोली शोभायात्रा और स्नान कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले 80 लोगों को सम्मानित किया।
रविवार को ढालवाला स्थित एक होटल में श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति ने सम्मान समारोह आयोजित किया। समारोह का शुभारंभ पूर्व मंत्री मोहन सिंह रावत गांववासी और शिक्षाविद समिति के संस्थापक विद्या दत्त रतूड़ी ने किया। दोनों अतिथियों ने बीते वर्ष हुए महाकुंभ के दौरान देवडोली शोभायात्रा व स्नान कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले ढालवाला, ऋषिकेश और टिहरी गढ़वाल क्षेत्र के लोागें को स्मृति चिह्न और देकर मानपत्र प्रदान किया। सम्मानित होने वालों में भगवान सिंह रांगड़, गजेंद्र सिंह कंडियाल, ऊषा भंडारी, द्वारिका बिष्ट,माधुरी चमोली, ज्योति सजवान, रतन सिंह पंवार, डॉ एस. एन. रतूड़ी, चंदन सिंह पोखरियाल, महिपाल बिष्ट, विजयपाल रांगड़, घनश्याम नौटियाल, सुरेंद्र भंडारी, रमेश पैन्यूली, भुवन चंद पंत, विनय उनियाल, धन सिंह रांगड़, राम सिंह सजवाण, माधवानंद रतूड़ी, सुनीता बिष्ट, उषा चमियाला, सरस्वती जोशी आदि सहित कुल 80 लोग शामिल रहे।
कार्यक्रम संचालक डॉ. धीरेंद्र रांगड़ ने बताया कि इन लोगों को संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रदत सम्मान पत्र व स्मृति चिह्न वितरित किए गए हैं। मौके पर समिति उपाध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल, सचिव द्वारिका प्रसाद भट्ट, शिवप्रसाद चमोली, हर्षमणि व्यास, स्वामी नागेंद्र पुरी महाराज, संजय शास्त्री, स्वामी मुकुंद दास कृष्ण महाराज, भोपाल सिंह चौधरी, आसाराम व्यास, पितांबर दत्त पैन्यूली आदि उपस्थित रहे।

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्री ने पतंजलि के साथ की बैठक

उत्तराखण्ड में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण और प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके निदान में पतंजलि की भूमिका एवं सहयोग पर चर्चा की गई। बैठक में जैविक कृषि को बढ़ाने पर जोर दिया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैविक कृषि के क्षेत्र में हमने काफी अग्रणी कार्य किया किन्तु उत्तराखण्ड में अभी और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि जैविक प्रमाणीकरण के लिए मान्यता प्राप्त है तथा पहली ऐसी संस्था है जिसने जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। ज्यादा उत्पादन के लालच में किसान परंपरागत कृषि को छोड़कर रसायनों की ओर चला गया।

कृषि मंत्री गणेश जोशी प्रदेश में पतंजलि एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं, मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि का संस्थान सौभाग्य से हमारे प्रदेश में है तो किस तरीके से हम पतंजलि के साथ मिलकर प्रदेश में एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में क्या बेहतर कर सकते हैं, बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि को दो तीन राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहें है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अगले 8 से 10 दिनों के भीतर एक विभागीय बैठक की जाएगी और जिसके बाद हम विचार विमर्श कर पतंजलि का अनुभव और उनका सहयोग लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है किसानों की आय दोगुनी करनी है, उसको हम पूरा करेंगे। साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी लगातार एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर पर विशेष फोकस है। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश में हमारे जितने भी गार्डन है, उसको हम हॉर्टिकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। बैठक में इस बारे में भी चर्चा की गई और निश्चित तौर पर इस प्रयास के सार्थक कदम निकल कर आएंगे।

इस अवसर पर आचार्य बाल कृष्ण, कृषि सचिव बी.वी.आरसी.पुरुषोत्तम, कृषि निदेशक गौरशंकर, निदेशक उद्यान हरमिंदर सिंह बवेजा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी को अर्पित की भावभीनी श्रद्धाजंलि

द्वारकापीठ के व हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का निधन 99 साल की उम्र में निधन पर ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनकी आत्मा की शान्ति हेतु मौन रखा।

पूर्णानंद घाट मुनी की रेती गंगा तट पर महिलाओं द्वारा होने वाली माँ गंगा की आरती द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को समर्पित की। वह आजादी की लड़ाई में भाग लेकर जेल भी गए थे। स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों का डटकर किया था मुकाबला। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी।

पंडित हरिओम शर्मा ज्ञानी ने कहा कि अद्भुत व्यक्तित्व, सरल हृदय और प्रभु के श्री चरणों में समर्पित जीवन था द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी का ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करे।

द्वारकापीठ के व हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को भावभीनी श्रद्धाजंलि ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे।

संस्कार भारती के कार्यक्रम से ललित कलाओं को मिला संरक्षण-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह में संस्कार भारती द्वारा स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित उत्तराखण्ड कला दर्शन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘, विधायक सविता कपूर, ओजस हिरानी, पंकज अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संस्कार भारती के प्रयास राष्ट्रप्रेम, साहित्य कला व पुरातन समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समर्पित भाव से बढ़ावा देने वाले रहे है। संस्कार भारती की ललित कलाओं के संरक्षण क्षेत्र में भी सबसे बड़े केन्द्र के रूप में पहचान बनी है। इस क्षेत्र के कलाकारों को संगठन से जोड़ कर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का भी कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड कला संस्कृति एवं साहित्य का संगम है, इसके उत्थान के लिये राज्य सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिये उपयुक्त स्थल की पहचान कर इसके लिये भवन बनाने के भी प्रयास किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में निराशा एवं मायूसी का वातावरण था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को नई पहचान मिली है। हमारे देश की कला, आध्यात्म व योग के साथ ही सांस्कृतिक पहचान भी बनी है। उन्होंने कहा कि पौराणिक कलाकृतियों एवं परम्पराओं के संरक्षण की दिशा में काशी विश्वनाथ कोरडोर का निर्माण सबके सामने है। उन्होंने कहा कि पहले काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिये एक पतला और संकरा रास्ता हुआ करता था, आज वह दिव्य एवं भव्य रूप ले चुका है। प्रधानमंत्री के दृढ़ निश्चय से हमारी समृद्ध संस्कृति को पूरा विश्व जानने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 90 के दशक में अयोध्या गये थे तो रामलला के टेन्ट में दर्शन होते थे, आज भव्य राममन्दिर का निर्माण प्रारम्भ हो चुका है। राममन्दिर के निर्माण से पूरी अयोध्या का महत्व देश व दुनिया में जा रहा है। इससे पूरे विश्व में हमारी कला व संस्कृति को नई पहचान मिलेगी तथा कला संस्कृति एवं आध्यात्म का समन्वय स्थल बनेगा। इसी प्रकार केदारनाथ मन्दिर परिसर के पुनर्निर्माण से लाखो श्रद्धालु वहां की दिव्यता से अविभूत है। बद्रीनाथ मन्दिर का भी सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है।

हरिद्वार घटना पर सख्त कार्रवाई, 9 कार्मिकों पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हरिद्वार के पथरी क्षेत्र में शराब के सेवन से हुई मृत्यु पर आबकारी निरीक्षक सहित आबकारी विभाग के नौ कार्मिकों को निलम्बित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस घटना में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग को निर्देश दिये कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसमें जो भी दोषी या लापरवाह पाया जाए उस पर कठोर कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने आबकारी विभाग के नौ कार्मिकों को निलम्बित करने का आदेश जारी कर दिया है।
आदेश मे कहा गया है कि दिनांक 09.09.2022 को जनपद हरिद्वार के क्षेत्र-3 लक्सर के अन्तर्गत ग्राम फूलगढ़ एवं शिवगढ़ थाना-पथरी में मंदिरा के सेवन से हुई जनहानि होना ज्ञात हुआ। इस सम्बन्ध में अपर आबकारी आयुक्त (ई०आई०बी०) मुख्यालय की प्राथमिक आख्या दिनांक 10.09.2022 में मृत व्यक्तियों द्वारा शराब सेवन की पुष्टि की गयी। उपरोक्त आख्या में क्षेत्र 3 लक्सर हरिद्वार एवं जनपदीय प्रवर्तन, हरिद्वार के स्टॉफ की लापरवाही एवं गम्भीर शिथिलता परिलक्षित हुई है। तदकम में क्षेत्र-3 लक्सर हरिद्वार एवं जनपदीय प्रवर्तन हरिद्वार में तैनात आबकारी निरीक्षक, उप आबकारी निरीक्षक, प्रधान आबकारी सिपाही एवं आबकारी सिपाहियों को उत्तराखण्ड कर्मचारी आचरण नियमावली-2002 के नियम-3 का व 2 में दिये गये प्राविधानों का स्पष्ट उल्लंघन का दोषी पाते हुए नौ कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए संयुक्त आबकारी गढ़वाल मण्डल, देहरादून के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है।

पंत ने कुली बेगार प्रथा और जमींदारी उन्मूलन के निर्णायक संघर्ष में निभाई अहम भूमिका-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत के 135 वें जन्मदिन समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पं. गोविन्द बल्लभ पंत के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी एवं कुशल प्रशासक थे। उन्होंने देश को नई दिशा देने के साथ ही कुली बेगार प्रथा तथा जमींदारी उन्मूलन के लिए निर्णायक संघर्ष कर समाज में व्याप्त बुराइयों को मिटाने में अहम भूमिका निभाई। देश की आजादी से पूर्व एवं देश की आजादी के बाद भी उन्होंने देश सेवा के लिए जो कार्य किये, वे सभी कार्य हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत का पहाड़ के प्रति विशेष लगाव था। जीवन में तमाम समस्याओं के बावजूद भी वे अपने कर्तव्य पथ से कभी पीछे नहीं हटे। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं भारत के गृह मंत्री के महत्वपूर्ण दायित्व उनके पास रहे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के ऐसे महान सपूत से प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड युवा राज्य है। 2025 में हम उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना की रजत जयंती मनायेंगे। तब तक उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में हो, इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। हमें विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि पं. गोविंद बल्लभ पंत ने देश की आजादी के लिए पूरा जीवन खपाया। उन्होंने पहाड़ के विकास एवं संस्कृति के संरक्षण का कार्य किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। पं. गोविंद बल्लभ पंत जैसे क्रांतिकारी इसी देवभूमि में पैदा हुए। डॉ. निशंक ने कहा कि भारत रत्न पं. गोविंद बल्लभ पंत ने जो रास्ता दिखाया, उससे प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। वे देवभूमि उत्तराखण्ड के गौरव एवं सम्मान हैं। उन्होंने कहा आज देश ज्ञान-विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, मैती आन्दोलन के प्रणेता पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, दीप्ति रावत भारद्वाज, श्री राकेश डोभाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट पर लोगों से मांगे गए हैं सुझाव, जानिए सरकार की ये खास पहल

उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए नई फिल्म नीति-2022 में सरकार कई प्रोत्साहन व वित्तीय सहायता देने जा रही है। नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। नीति में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसके अलावा राज्य की गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी बोलियों में बनने वाली फिल्मों पर 40 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम दो करोड़ का अनुदान दिया जाएगा।

उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी नितिन उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड फिल्म नीति-2022 का ड्राफ्ट लोगों के सुझाव के लिए विभागीय वेबसाइट http://www.uttarainformation.gov.in पर प्रकाशित किया गया।
उक्त प्रस्तावित फिल्म नीति-2022 पर यदि अभी भी कोई व्यक्ति सुझाव देने के इच्छुक हो तो दिनांक 15 सितम्बर, 2022 तक विभागीय Email- ufdc2015@gmail.com पर प्रेषित कर सकते हैं। 15 सितम्बर, 2022 तक प्राप्त सुझावों पर विचार करते हुए फिल्म नीति के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने की कार्यवाही की जायेगी।

उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी नितिन उपाध्याय ने बताया राज्य के नैसर्गिक सौंदर्य व लोक संस्कृति को विश्व पटल पर लाने के उद्देश्य से देश-विदेश से फिल्म निर्माताओं व निदेशक को शूटिंग के लिए नई नीति में प्रोत्साहन व वित्तीय लाभ देने का प्रावधान किया जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार व पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। नीति में फिल्मों को अनुदान, फिल्म पुरस्कार-सम्मान, उत्तराखंड की बोलियों में बनने वाली फिल्मों एवं कलाकारों को प्रोत्साहन के अलावा शूटिंग की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है।

सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, उत्तराखण्ड के अधीन गठित उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड फिल्म नीति-2022’’ का ड्राफ्ट तैयार कर लोगों के सुझाव प्राप्त करने हेतु दिनांक 20 जुलाई, 2022 का विभागीय वैबसाईट लिंकः
http:// www.uttarainformation.gov.in/images/download/filmpolicydraft2022.pdf पर अपलोड किया गया था। उक्त के क्रम में फिल्म पॉलिसी को लेकर कतिपय व्यक्तियों एवं संस्थाओं के सुझाव प्राप्त हुए है।

नीति में ये मिलेंगे लाभ
– पर्वतीय क्षेत्रों में सिनेमाघरों व स्टूडियो में उपकरण खरीदने पर 25 प्रतिशत या अधिकतम 25 लाख का अनुदान।
– पर्वतीय क्षेत्रों में मोबाइल थियेटर वाहन खरीदने पर 15 लाख का अनुदान।
– फिल्म प्रशिक्षण संस्थान के लिए 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख का अनुदान।
– स्थानीय बोली में बनने वाली फिल्मों की शूटिंग के दौरान किए गए व्यय पर 40 प्रतिशत अनुदान।
– स्थानीय व हिंदी में सर्वोत्तम फिल्म को 10 लाख का पुरस्कार
– शूटिंग के दौरान फिल्म यूनिटों को जीएमवीएन व केएमवीएन के रेस्ट हाउस में ठहरने पर 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी।