मुख्यमंत्री ने किया लक्सर क्षेत्र के जलभराव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को जनपद हरिद्वार की तहसील लक्सर के विभिन्न क्षेत्रों-लक्सर बजार मदारपुर, शाहपुर बस्ती, प्रहलादपुर, हस्तमौली में अतिवृष्टि एवं सोनाली नदी के कारण हुये जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का रेस्क्यू बोट एवं ट्रैक्टर में बैठकर स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना तथा राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने लक्सर क्षेत्र में सोनाली एवं अन्य नदियों से होने वाले जलभराव की स्थिति के प्रभावी रोकथाम के लिये फ्लड मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो। पेयजल के साथ ही बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए। जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यस्थाएं की जाय।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुयी हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाय। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के साथ ही उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
निरीक्षण के दौरान पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सीएम धामी ने प्रभावितों के लिए सभी जरुरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के दिये निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति और आपदा राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो। फूड पैकेट की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए। पेयजल के साथ ही बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। आवश्यकता पड़ने पर हेलीकॉप्टर से भी खाद्य सामग्री भेजी जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए। जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यस्थाएं की जाय। सभी संबंधित विभाग प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन कर लें। बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुए हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाय।
सभी विभागीय सचिव अपने अपने विभागों से संबंधित व्यवस्थाएं देखें और अपने जिला स्तरीय अधिकारियों के निरंतर संपर्क में रहें। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के साथ ही उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग से भी लगातार संपर्क में रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों के लिए पर्याप्त बजट है। संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, विनय शंकर पांडेय, विभिन्न विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

आपदा राहत व बचाव कार्यों में सभी विभाग समझे अपनी जिम्मेदारीः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों में आपदा की स्थिति तथा राहत एवं बचाव कार्यों की जनपदवार समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से नदियों के जलस्तर, लैंडस्लाइड, बन्द सड़कों, जानमाल की क्षति मुआवजा वितरण आदि की गहनता से समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि राजमार्गों के साथ ग्रामीण सड़कों को खोलने की सुचारू व्यवस्था के साथ आवश्यक उपकरणों की प्रभावित स्थलों पर व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से जनपदों के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थित चिकित्सालयों में डॉक्टरो, पैरामेडिकल स्टॉफ की रोटेशन के आधार पर व्यवस्था के साथ पर्याप्त मात्रा में दवाईयों की व्यवस्था तथा खाद्यान आपूर्ति बनाये रखने पर ध्यान देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा काल के दौरान हमें हर साल आपदा का सामना करना पडता है। उन्होंने सभी विभागीय प्रमुखों से ऐसे कठिन समय में लोगों की सहायता के लिये उनके साथ खड़े होने की अपेक्षा करते हुये जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को राहत एवं बचाव कार्यों में लीड लेकर फील्ड में उतरने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत एवं बचाव कार्यों में सभी विभाग टीम भावना एवं सकारात्मक ऊर्जा के साथ कार्य करें तथा इसे अपनी जिम्मेदारी समझे। यह समय पीड़ितों के साथ खडे होने का है। उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय एवं सहयोग से ही हम आपदा की चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर पायेंगे। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार सहित अन्य मैदानी जनपदों के ड्रेनेज एवं फ्लड मैनेजमेंट की प्रभावी दीर्घकालीन योजना बनाये जाने पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि प्रदेश में अभी स्थिति नियन्त्रण में है किन्तु चुनौती बनी हुई है। इसके लिये हर समय एलर्ट व एक्टिव मोड में रहने की जरूरत है। उन्होंने चारधाम एवं कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं को भी व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी लोग यात्रा से सुरक्षित लौटें उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। सड़क बंद होने की स्थिति में यात्रियों के आवास आदि की सन्तोषजनक व्यवस्था हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आगामी तीन दिन कांवड़यात्रा के दृष्टि से भी चुनौतीपूर्ण रहेंगे। इसके लिये भी यातायात, पार्किंग, आवास एवं स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष भौगोलिक दृष्टि से आपदा के स्वरूप में भी बदलाव हो रहा है। इस दृष्टि से भी कार्य योजना तैयार करने पर ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत कार्यों के लिये धनराशि की कमी नहीं होने दी जायेगी। सभी जिलाधिकारियों को उनकी अपेक्षा के अनुरूप धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। आगे भी जरूरत के दृष्टिगत धनराशि की व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से स्कूल भवनों की आवश्यक मरम्मत के भी निर्देश दिए हैं इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को पृथक से धनराशि उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री ने जलभराव वाले क्षेत्रों में जल निकासी की भी कारगर योजना बनाने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए।
सचिव आपदा प्रबंधन डा0 रंजीत सिन्हा द्वारा प्रदेश में आपदा से उत्पन्न स्थित तथा राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दी गई।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरूगेशन, आई जी एस.डी.आर.एफ रिद्धिम अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त कुमाऊं एवं सभी जनपदों के जिलाधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने 17 जुलाई को किया हरेला पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए प्रदेश में हरेला पर्व के सार्वजनिक अवकाश 16 जुलाई के स्थान पर 17 जुलाई को घोषित किये जाने के निर्देश दिये थे। प्रदेश में हरेला का पर्व भी 17 जुलाई को मनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन द्वारा इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया है। जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में हरेला पर्व हेतु दिनांक 16 जुलाई, 2023 (रविवार) को अवकाश घोषित किया गया था। विभिन्न माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि हरेला पर्व दिनांक 16 जुलाई, 2023 के स्थान पर दिनांक 17 जुलाई 2023 को मनाया जा रहा है।

इस सम्बन्ध में सम्यक विचारोपरान्त उक्त विज्ञप्ति में आंशिक संशोधन करते हुए हरेला पर्व हेतु दिनांक 16 जुलाई 2023 (रविवार) के स्थान पर दिनांक 17 जुलाई 2023 (सोमवार) को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। उक्त तिथि को बैंक/कोषागार तथा उप कोषागारों में भी अवकाश रहेगा।

विधानसभा में पुस्तकालय और वेबसाईट का राज्यपाल ने किया लोकार्पण

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने विधानसभा में उत्तराखण्ड विधानसभा के नवनिर्मित पुस्तकालय एवं नवीन वेबसाइट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे। नवनिर्मित पुस्तकालय में लगभग 20 हजार से ऊपर पुस्तकों का समावेश किया गया है। इस विशिष्ट पुस्तकालय में संविधान एवं कानून, लोक प्रशासन और सामान्य ज्ञान सहित विभिन्न विषयों से संबंधित महत्वपूर्ण पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। इसके साथ-साथ देश-विदेश के प्रमुख लेखकों की पुस्तकों का भी समावेश किया गया है जो ई-लाइब्रेरी के रूप में डिजिटल और प्रिंट दोनों रूपों में उपलब्ध रहेगी। राज्यपाल ने अपनी ओर से विधानसभा पुस्तकालय हेतु 108 पुस्तकें देने की घोषणा की।
पुस्तकालय एवं वेबसाइट के लोकार्पण के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में माँ सरस्वती के मंदिर की स्थापना किया जाना अपने आप में अलग है। उन्होंने कहा कि पुस्तकों में माँ सरस्वती का वास होता है। पुस्तकालय एक प्रकार से ज्ञान के मंदिर ही हैं और यह ज्ञान का मंदिर हमारी सोच, विचार और धारणा को निरंतर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है। हमें हर एक जिज्ञासा और हर एक प्रश्न का उत्तर पुस्तकों से प्राप्त होता है। राज्यपाल ने पुस्तकालय की स्थापना के लिए विधानसभा अध्यक्ष को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा के विधायकगणों को जहां एक ओर संसदीय कार्यों में सहायता मिलेगी वहीं दूसरी ओर पुस्तकालय में उपलब्ध विशिष्ट पुस्तकों के अध्ययन से उन्हें सामाजिक कार्यों में भी लाभ होगा।
राज्यपाल ने कहा कि इसके साथ-साथ टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए नवीन वेबसाइट को अपडेट और आधुनिक बनाया है। तकनीकी का विकास बहुत बड़े स्तर पर प्रारंभ हो गया है, हमें आधुनिक तकनीक को मानवता की सेवा, देश की प्रगति और लोगों की भलाई के लिए हर क्षेत्र में लागू करना होगा। वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजीटाइजेशन, सोशल मीडिया और मास मीडिया के साथ जुड़ना बहुत जरूरी है। आधुनिक भारत, विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के सपनों को पूरा करने के लिए नवीन तकनीकों का अपनाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा में नवनिर्मित पुस्तकालय के लोकार्पण एवं नवीन वेबसाइट लांच होने से यहां पर संसदीय परंपराओं के ज्ञान एवं अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक जानकारियों के लिए विधानसभा में लोगों को एक ऐसा स्थान मिल गया है, जहां पर ज्ञान वर्द्धन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इस पुस्तकालय के माध्यम से सभी निर्वाचित सदस्य अपनी संसदीय समस्याओं के समाधान के साथ ही संसदीय परंपराओं एवं सदन के भीतर होने वाली कार्यवाहियों की बारीक से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विधानसभा में पुस्तकालय की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण का आभार व्यक्त किया। संसदीय परंपराओं एवं ज्ञान पर आधारित पुस्तकों का समावेश इस पुस्तकालय में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से नियमित तरीके से अध्ययन करने की आदत सभी की होनी चाहिए। पुस्तकें हमारे दिमाग के लिए खुराक का कार्य भी करती हैं। उलझनों को सुलझाने में भी पुस्तकें अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों से कार्यसूची के अनुसार सदन की कार्यवाही की जानकारियां एवं पुराने अभिलेखों से अनेक लोगों का मार्गदर्शन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज शैक्षिक सुविधाओं के विस्तार और साक्षरता की उच्च दर से समाज में सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर परिवर्तन आया है।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि पुस्तकालय की स्थापना की प्रेरणा उन्हें अपनी माँ से मिली। चरित्र के निर्माण में पुस्तकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि विधानसभा स्थित पुस्तकालय में अभी 20 हजार से अधिक पुस्तकों का संग्रहण किया गया, इसे और बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय के माध्यम से लोगों को संसदीय परंपराओं की जानकारी एवं संविधान की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने में बहुत मदद मिलेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारा प्रयास है कि यहां पर पुस्तकों का संकलन इतना बढ़ाया जाय कि, शोधकर्ताओं को भी यहां पर बुला सकें। उन्होंने कहा कि विधानसभा स्थित पुस्तकालय के लिए जो लोग भी पुस्तकें दान करना चाहते हैं, कर सकते हैं।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधानसभा में एक अच्छे पुस्तकालय की जरूरत काफी समय से महसूस हो रही थी। उन्होंने बेहतर पुस्तकालय की व्यवस्था के लिए विधानसभा अध्यक्ष के प्रयासों की सराहना की। पुस्तकें मानवीय मूल्यों की धरोहर है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं राज्य आन्दोलनकारियों के देश एवं प्रदेश के योगदान की जानकारी भी लोगों को मिले। इन महानुभावों के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तकों का समावेश भी पुस्तकालय में होना चाहिए।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, सभापति पुस्तकालय समिति शहजाद सहित अनेक विधायकगण, उच्चाधिकारी एवं विधानसभा के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।

भारी बारिश के दृष्टिगत राज्य सरकार ने जारी किए आपदा राहत दूरभाष नम्बर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में बीते दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के विभिन्न स्थानों एवं हिमाचल प्रदेश में फंसे उत्तराखण्ड के नागरिकों की सहायता के लिए राज्य सरकार द्वारा आपदा राहत नम्बर जारी किए गए हैं।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में रविवार से हो रही भारी बारिश के चलते कई जिलों में नुकसान हुआ है और जगह-जगह पर लोग फंसे हुए हैं। सीमावर्ती हिमाचल प्रदेश में भी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हुआ है। हिमाचल में भी उत्तराखंड के तमाम लोग फंसे हुए हैं। इन परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए उत्तराखंड सरकार की ओर से आपदा राहत नंबर जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आमजन से अपील और अनुरोध किया है कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के दृष्टिगत समस्त प्रदेशवासियों एवं तीर्थयात्री अनावश्यक यात्रा करने से बचें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं राज्य आपदा कंट्रोल रूम तथा जिलाधिकारियों से सभी जनपदों से सड़क मार्ग एवं बारिश की स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं। इसके अलावा, समस्त जनपदों में ज़िला प्रशासन एवं एसडीआरएफ को हाई-अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
सहायता हेतु निम्न नंबरों पर लोग कर सकते हैं संपर्क
9411112985, 01352717380, 01352712685, इसके अतिरिक्त व्हाट्सएप नंबर- 9411112780 पर भी लोग मैसेज कर सकते हैं।

मौन सत्याग्रह पर कांग्रेस स्थिति करे स्पष्ट, राहुल का गुणगान या यूसीसी विरोध?

भाजपा ने कांग्रेस के प्रस्तावित गांधी स्मारक पर मौन सत्याग्रह पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे स्पष्ट करना चाहिए कि वह अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का गुणगान के लिए मौन सत्याग्रह कर रही है अथवा यूसीसी का विरोध कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस दुविधा की स्थिति मे है और विकास कार्यों के जरिये खुद को साबित कर रही भाजपा की उपलब्धियां पच नही रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भाजपा के निशाने पर नही, बल्कि जनता ने उन्हे माफ नही किया है। उन्होंने कहा कि विदेशों मे भारत की छवि को धक्का पहुंचाने की उनकी नाकाम कोशिश को पूरे देश और दुनिया ने देखा। देश मे लोकतंत्र को लेकर जब लोगों ने तवज्जो नही दी तो वह विदेश यात्रा पर निकल गए। कांग्रेस कभी सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये सैनिकों के मनोबल पर प्रहार करती रही तो कभी संविधान को लेकर अनाप शनाप कथन अथवा हर उस कार्य की अगुवाई करती रही है जो देश के खिलाफ हो। वहीं कांग्रेस नेताओं के बेतुके बोल जो कि देश कि अस्मिता पर चोट करती है। भट्ट ने कहा कि राहुल गांधी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी सविधान से ही मिली और उन्हे सजा भी संविधान के दायरे मे मिली है। उन्हें जो भी सजा मिली वह उनके और अदालत के बीच का विषय है, लेकिन सार्वजनिक जीवन मे संसदीय भाषा और आचरण जरूरी होता है और उनसे यह चूक बार बार होती रही है। कांग्रेस उनके प्रति सहानुभूति बटोरने की फिराक मे है, लेकिन इससे उसे कुछ हासिल नही होने वाला है। सनातनी आवरण और आडंबर से कुछ हासिल नही होने वाला, क्योंकि जनता सब जानती और समझती है।

एनआरसी बिल को लेकर भी कांग्रेस खलनायक की भूमिका मे रही है और अब समान नागरिक कानून को लेकर वह विरोध का वातावरण बना रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए यूसीसी को लेकर नही लायी, बल्कि यह भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा भी है। वैश्विक महंगाई और कोरोना की चुनौतियों के बावजूद देश की अर्थ व्यवस्था पर असर न पड़ना और 80 करोड़ जनता को मुफ्त राशन देना बड़ी उपलब्धि है। आज देश मे तरक्की और रोजगार के अवसर खुल रहे है तो विदेशों मे भारत की साख पहले की तुलना मे बढ़ी है। कांग्रेस को अपने नेता के गुणगान के बजाय बेहतर कार्याे को प्रोत्साहन और अपनी नाकामयाबियों से बचने के लिए दुसरो पर दोष मढ़ने से बचना चाहिए। खुद को पीड़ित दिखाना आज कांग्रेस मे एक दौर शुरू हो गया है।

जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक में शामिल हुए मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल


जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल द्वारा किया गया। बैठक में विभिन्न विषयों यथा विधि समिति द्वारा संस्तुत विषयों तथा फिटमेंट समिति द्वारा संस्तुत विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी।

बैठक में राज्य द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए रु0 2 करोड़ तक के वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में छूट दिए जाने, जीएसटीआर 3 बी तथा जीएसटीआर 2 ए में अंतर होने पर आईटीसी दिए जाने की सुविधा वर्ष 2017-18 तथा वर्ष 2018-19 की भांति एक निश्चित सीमा के अधीन दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से दिनांक 31 दिसम्बर, 2021 तक के लिए जारी रखने तथा जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन से सम्बंधित कार्यवाही प्रारम्भ किये जाने के परिप्रेक्ष्य में ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तों से सम्बंधित नियमों पर सहमति व्यक्त की गयी।

बैठक में फिटमेंट समिति द्वारा की गई संस्तुतियों के अंतर्गत कर दरों के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किए जाने तथा कतिपय विसंगतियों को दूर किये जाने पर विचार विमर्श किया गया, जिसका राज्य द्वारा समर्थन किया गया।

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा जीएसटी सम्बन्धी विवादों के निपटारे के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए माननीय वित्त मंत्री महोदया, भारत सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया तथा जीएसटी परिषद को यह अवगत कराया गया कि राज्य में जीएसटी ट्रिब्यूनल की राज्य पीठ का गठन देहरादून में प्रस्तावित किया गया है।

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में छूट प्राप्त करने वाली इकाइयों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति करने सम्बन्धी मामले में माननीय वित्त मंत्री महोदय द्वारा यह अवगत कराया गया कि अवशेष 42 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा किये जाने की दशा में राज्य पर रू० 2376 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा तथा राज्य द्वारा ऐसी धनराशि की प्रतिपूर्ति करनी होगी, जो राज्य के राजकोष में प्राप्त ही नही हुई है। इस परिप्रेक्ष्य में उनके द्वारा उक्त प्रतिपूर्ति राज्य स्तर से सम्भव नहीं हो पाने के विषय में अवगत कराया गया।

बैठक में श्री दिलीप जावलकर सचिव वित्त तथा डा0 अहमद इकबाल आयुक्त राज्य कर सहित अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध मामलों की जांच के आंकड़ों को तरीके से करें तैयारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये है। उन्होंने इस संबंध में सही तथ्यों से आम जनता को अवगत कराने तथा इन मामलों की जांच एवं सजा आदि के आंकड़ों को भी सही ढंग से तैयार किये जाने के निर्देश दिये है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डे, अपर सचिव न्याय सुधीर कुमार सिंह, सहित पुलिस एवं गृह विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश में महिलाओं एवं बाल अपराध की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों में अपराधी को समय पर सजा मिले इसके लिये ऐसे प्रकरणों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाये जाने की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने अभियोजन विभाग की मजबूती के लिये अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस जांच त्वरित और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित की जाए। ऐसे मामलों की विवेचना में किसी प्रकार की कमी न रहने पाए। साथ ही न्यायालयों में भी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए। ताकि अपराधी किसी दशा में बचने न पाएं। प्रदेश में ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने की सोच भी न पाएं। शिकायतकर्ता महिलाओं से भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए। महिला अपराधों से संबंधित मामलों की जनपदों में जिलाधिकारी स्तर पर लगातार समीक्षा की जाए। विवेचना और पैरवी में कमी पाए जाने पर तत्काल उन कमियों को दूर करने के प्रयास किये जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने के लिए जन सहभागिता भी जरूरी है। इस संबंध में महिलाओं एवं बच्चों से जुड़े संगठनों से भी नियमित सम्पर्क रखा जाए। सिस्टम इस प्रकार का हो कि महिलाओं का इसके प्रति विश्वास बढ़े और वे अपनी शिकायतें बिना संकोच के दर्ज करा सकें।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गौरा शक्ति योजना के तहत थाना स्तर पर महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। जनपद व राज्य स्तर पर महिला काउंसिल सेल गठित किया गया है। प्रत्येक थाने में एक महिला उपनिरीक्षक तथा चार महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है। साथ ही महिला अपराधों की विवेचना महिला अधिकारी द्वारा किये जाने की व्यवस्था है।
प्रदेश में बाल अपराधों पर नियंत्रण हेतु प्रत्येक जनपद में विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी प्रत्येक जनपद में बाल मित्र थाने की स्थापना तथा पॉक्सो के पर्यवेक्षण हेतु स्पेशल टास्क फोर्स गठित की गई है। ऑपरेशन मुक्ति के तहत 2017 से अब तक प्रदेश में 7670 बच्चों का सत्यापन तथा 3603 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किया गया है। जबकि ऑपरेशन स्माइल के तहत 2015 से 2021 के मध्य 2221 बच्चे तथा 604 महिलायें बरामद की गई।

सीएम ने बरसात से प्रभावित क्षेत्रों का किया औचक निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरसात से प्रभावित क्षेत्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आई.एस.बी.टी देहरादून में सड़क पर जल भराव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि जल भराव के कारणों की जाँच की जाय एवं जो भी अधिकारी इसमें दोषी पाये जाते हैं, उन पर सख्त कारवाई की जाए। ड्रेनेज की समस्या का शीघ्र समाधान करवाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।

मुख्यमंत्री ने इसके बाद चन्द्रबनी देहरादून का स्थलीय निरीक्षण किया। चन्द्रबनी में एक कॉलोनी में जंगल से पानी आने की वजह से जलभराव की स्थिति आई। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर सुरक्षा दीवार का काम पूरा न होने के कारण यह समस्या आ रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए। यदि लोगों को खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की जरूरत पड़ेगी, तो इसकी समुचित व्यवस्था की जाय।

निरीक्षण के दौरान आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।