भारत के उच्चतम न्यायालय के 45वें मुख्य न्यायधीश के रूप में जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपने पद व गोपनीयता की शपथ ले ली है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस मिश्रा मुख्य न्यायाधीश के रूप में करीब 14 महीने तक बने रहेंगे, क्योंकि अक्टूबर 2018 में उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। देश के 44वें चीफ जस्टिस जेएस खेहर 27 अगस्त को रिटायर हो गए हैं।
जस्टिस मिश्रा ओडिशा से तीसरे ऐेसे जज है, जो मुख्य न्यायाधीश बन गए है। जस्टिस दीपक मिश्रा ने साल 1977 में ओडिशा हाईकोर्ट से अपनी वकालत शुरू की थी और साल 1996 में ओडिशा हाईकोर्ट में जज बने थे। 1977 से 1996 तक वो उड़ीसा हाईकोर्ट के कामयाब वकीलों में से एक थे। वो साल 1997 में एमपी हाईकोर्ट के जज बने थे। जस्टिस मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा के भतीजे हैं। जस्टिस मिश्रा मुख्य न्यायाधीश के पद पर 2 अक्टूबर, 2018 तक बने रहेंगे। इससे पूर्व जस्टिस दीपक मिश्रा पटना हाईकोर्ट के भी मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। 24 मई 2010 को वो दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे और 10 अक्टूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर प्रमोट हुए थे। सीजेआई के तौर पर दीपक मिश्रा का कार्यकाल 28 अगस्त, 2017 से 2 अक्टूबर, 2018 तक रहेगा।