पूर्ण मकान क्षति एवं मृतकों को सीएम राहतः 5-5 लाख की सहायता राशि वितरित

जनपद पौड़ी गढ़वाल में आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा घोषित राहत राशि बाँट दी गयी है। प्रभावितों ने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए इसे संकट की घड़ी में बड़ी राहत बताया है।

मुख्यमंत्री धामी ने 26 अगस्त की शाम को घोषणा की थी कि धराली और थराली के अतिरिक्त पौड़ी में भी आपदा से पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त आवासीय भवनों के स्वामियों तथा मृतकों के परिजनों को ₹5-5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें से एक हिस्सा एसडीआरएफ मद से तथा शेष राशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से उपलब्ध करायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि राहत राशि शीघ्रता एवं पारदर्शिता के साथ लाभार्थियों तक पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है।

शनिवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के त्वरित निर्देशन पर कार्यवाही करते हुए तहसीलदार पौड़ी दीवान सिंह राणा के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राहत राशि के चेक वितरित किये। उन्होंने बताया कि आपदा से आवासीय भवन ध्वस्त होने से प्रभावित ग्रामीणों और मृतकों के वारिसों को राहत राशि के चेक सौंपे गये हैं।

गौरतलब है कि भारी बारिश और भूस्खलन से तहसील पौड़ी के ग्राम सैंजी, बुराँसी, रैदुल, फलद्वाड़ी, क्यार्द, कलूण एवं मणकोली में कुल 22 आवासीय भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे, जबकि 6 लोगों की मृत्यु हुई थी। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने 7 अगस्त को स्वयं आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था तथा प्रशासन को त्वरित राहत पहुंचने के निर्देश दिए थे।

प्रभावितों ने राहत राशि मिलने पर कहा कि यह सहायता उन्हें नए सिरे से जीवन स्थापित करने में मददगार साबित होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार ने कठिन परिस्थिति में त्वरित कार्रवाई कर हर स्तर पर सहयोग सुनिश्चित किया।

मुख्यमंत्री ने आपदा राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों एवं खतरे की संभावना वाले क्षेत्रों में जान-माल की सुरक्षा के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाने और आपदा प्रभावितों को तत्परता से हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य में अगले कुछ दिनों के लिए मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र निरंतर तैयार रहे।

मुख्यमंत्री ने बैठक में उत्तराखंड आपदा परिचालन केंद्र से जुड़े शासन के उच्चाधिकारियों और सभी जिलों के जिलाधिकारियों से आपदा प्रभावित इलाकों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि आपदा पर किसी का जोर नहीं है, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव टीमें तुरंत ग्राउंड जीरो पर पहुंच कर सराहनीय कार्य कर रही हैं। सभी विभाग निरंतर इसी तरह की तत्परता एवं बेहतर समन्वय के साथ प्रभावितों की मदद में जुटे रहें।

उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी क्षेत्र की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मलवे के कारण वहां नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। नदी के प्रवाह को बनाए रखने के लिए निकाले गए मलवे को नदी किनारे से हटाकर अन्यत्र कहीं सुरक्षित स्थान में डंप किया जाए। ताकि बारिश होने पर यह मलवा पुनः नदी में जाकर अवरोध न पैदा कर सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश कम होने के बाद चार धाम यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। साथ ही त्योहारों का मौसम भी आ रहा है। इसे देखते हुए सड़कों के सुधार एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को दुरस्त किया जाने पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए की सड़कों की मरम्मत हेतु टेंडर सहित अन्य औपचारिकताएं तुरंत पूरा कर समय से आवश्यक कार्य संपन्न करा लिए जाए।

मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों ने विगत दिनों में घटित आपदा में क्षति की जानकारी ली। उन्होंने अवरुद्ध सड़कों को जल्द खोलने, पानी तथा विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने विगत दिवस घटित आपदा में घायल पशुओं के उपचार के लिए पशुपालन विभाग को सभी गांव में डॉक्टरों की टीम भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि राहत व बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए शासन स्तर से अपेक्षित किसी भी प्रकार के सहयोग की शासन से बेझिझक मांग करें। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को निर्देश दिए कि आपदा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जनपदों से की जाने मांग पर तुरंत कार्रवाई करते हुए आवश्यक धनराशि जारी कर दें।

मुख्यमंत्री ने नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि नदियों के जल स्तर पर लगातार निगरानी रखी जाए। खतरे की आशंका होने पर नदी के आसपास रहने वाले लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी-नालों के किनारों पर किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने राज्य में स्थित बांधों पर हर समय सिंचाई विभाग के अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित किए जाने के देते हुए कहा कि बांध से यदि पानी छोड़े जाने की पूर्व सूचना नियमित तौर पर जिला प्रशासन को दी जाए। अपरिहार्य परिस्थिति में बांध से अधिक पानी छोड़े जाने की दशा में जान-माल की सुरक्षा के लिए समय रहते इंतजाम कर लिए जाएं।

बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव गृह शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव डॉ.पंकज पांडे, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत के साथ ही सभी जिलों के जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षकों ने बैठक में प्रतिभाग किया।

दून पुस्तकालय में नियमित रूप से विदेशी भाषा सीखने को संभावनाएं तलाशेंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की चतुर्थ जनरल बॉडी मीटिंग आयोजित हुयी। बैठक के दौरान दून पुस्तकालय से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुयी। मुख्य सचिव ने कहा कि रविवार को दून पुस्तकालय खुला रखा जा सकता है जिससे अधिक से अधिक बच्चे इसका लाभ उठा सकते हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि दून पुस्तकालय में नियमित रूप से विदेशी भाषा सीखने हेतु कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं। उन्होंने इसके लिए सम्भावनाएं तलाशे जाने की बात कही। कहा कि राज्य सरकार द्वारा लगातार राज्य के युवाओं के लिए विदेशों में रोजगार की दिशा में कार्य किया जा रहा है। दून पुस्तकालय द्वारा प्रदेश के युवाओं के लिए विदेशी भाषाओं को सिखाने की दिशा में प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने दून पुस्तकालय में प्रदेश के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर 1 से 9 नवम्बर तक रजत जयंती सप्ताह के दौरान विशेष कार्यक्रम संचालित किए जाने की भी बात कही।

बैठक के दौरान बताया गया कि बाल वर्ग के लिए भाषा ज्ञान, नाटक, कहानी, पर्यावरण, संस्कृति जैसे विषयों पर एवं युवाओं के लिए पर्यावरण, साहित्य, भाषा, इतिहास और संस्कृति जैसे विषयों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके साथ ही, आम जनता के लिए समाज और मानसिक स्थिति, महिला सशक्तिकरण, उपभोक्ता संरक्षण और कानून, वास्तुकला और परिवर्तन, पहाड़ों में खेती का उजाड़ होना आदि विषयों पर भी कार्यक्रम आयोति किए गए हैं।

इस अवसर पर प्रो. बी. के. जोशी, सुभाष कुमार, एस. के. मट्टू एवं एन. रविशंकर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

जन्म और मृत्यु पंजीकरण से सम्बन्धित पुराने दस्तावेजों का भी डिजीटाईजेशन करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में जन्म-मृत्यु पंजीकरण के सम्बन्ध में राज्य स्तरीय अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने जन्म-मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया एवं समस्याओं के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जन्म-मृत्यु का पंजीकरण निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत अनिवार्य रूप से कर लिया जाए। उन्होंने जन्म-मृत्यु पंजीकरण से सम्बन्धित पुराने दस्तावेजों का भी डिजीटाईजेशन किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार कार्यालयों के बाहर सूचना पट पर रजिस्ट्रार कार्यालय के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी अनिवार्य रूप से लगायी जाए।

मुख्य सचिव ने जनपद स्तर पर जिला रजिस्ट्रार/जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति (डीएलसीसी) की बैठक का आयोजन वर्ष में कम से कम एक बार अनिवार्य रूप से किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य में फर्जी पोर्टल/वेबसाइटों के माध्यम से जन्म-मृत्यु पंजीकरण के कार्य को रोकने हेतु व्यापक प्रचार सहित आवश्यक कार्यवाही किए जाने की भी बात कही।

इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, डॉ. आर. राजेश कुमार, निदेशक जनगणना कार्य निदेशालय ईवा आशीष श्रीवास्तव, अपर सचिव रंजना राजगुरू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अवैध निर्माण व अतिक्रमण के विरुद्ध एमडीडीए की सख्त कार्रवाई, बहुमंजिला भवन किया सील

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) द्वारा प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जनहित और सुव्यवस्थित शहरी विकास को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने आज कई स्थानों पर अवैध प्लॉटिंग और निर्माण कार्यों को ध्वस्त कर दिया।

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत सहस्त्रधारा रोड निकट हैली पैड देहरादून में किये गये बहुमंजिला अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्यवाही की गयी। विक्रान्त कुमार एवं अन्य द्वारा आई.टी. पार्क, हैली पैड रोड, विनायक हिल्स, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में अवैध बहुमंजिला निर्माण पर कार्यवाही करते हुए सीलिंग की कार्यवाही की गयी। इस कार्यवाही में सहायक अभियंता शैलेन्द्र सिंह रावत, अवर अभियंता गौरव तोमर, सुपरवाइजर तथा पुलिस बल मौके पर मौजूद रहे।

उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग और अतिक्रमण के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। हमारा उद्देश्य लोगों को सुरक्षित, व्यवस्थित और स्वच्छ शहरी वातावरण उपलब्ध कराना है। जो लोग नियमों का उल्लंघन कर अवैध निर्माण कर रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। एमडीडीए ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे केवल स्वीकृत और वैध नक्शों के आधार पर ही निर्माण कार्य करें।

जर्मनी में उत्तराखंड के युवाओं को मिलेगा स्टार्टअप क्षेत्रों में मौका, हुआ एमओयू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड सरकार और जर्मन स्थित इनोवेशन हब राइन-माइन, के मध्य लेटर ऑफ इन्टेन्ट (एल.ओ.आई) पर हस्ताक्षर किये गये। इसका उद्देश्य उत्तराखण्ड को कुशल युवाओं को जर्मनी में स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, व्यावसायिक प्रशिक्षण, हाइड्रोजन एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी, नवाचार आधारित स्टार्टप जैसे क्षेत्रों से जोड़ना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में यह एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। राज्य सरकार द्वारा युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विभिन्न देशों की मांग के आधार पर भी राज्य के युवाओं को कौशल विकास से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं के कौशल विकास के साथ ही विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा कराई गई है। युवाओं को रोजगार से जोड़ने की सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। कौशल विकास और विदेशी भाषा का प्रशिक्षण दिये जाने के बाद राज्य के कई युवा विदेशों में नौकरी कर रहे हैं।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पाण्डेय, सी. रविशंकर, जर्मन प्रतिनिधिमंडल में राउनहाइम शहर के मेयर डेविड रेंडल,जर्मनी के विदेशी निवेश प्रकोष्ठ के सलाहकार सौरभ भगत तथा इनोवेशन हब राइन-माइन के सीईओ स्टीफन विट्टेकिंड मौजूद थे।

राष्ट्रीय खेल दिवस पर सीएम ने 3,900 खिलाड़ियों के खाते में डीबीटी से डोले 1500 रूपये

मेजर ध्यानचंद जयंती के अवसर पर बहुउद्देश्यी क्रीड़ा हाल परेड ग्राउंड में आयोजित राष्ट्रीय खेल दिवस 2025, समारोह को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि खेल और खेल भावना समाज को ऊर्जा, अनुशासन और प्रेरणा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि मेजर ध्यानचंद ने अपनी स्टिक के जादू से पूरी दुनिया को भारत की खेल शक्ति से परिचित कराया। उन्होंने हिटलर तक को ये बता दिया कि देश भक्ति आखिर क्या होती है। उन्हीं के आदर्शों पर चलकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश भी एक वैश्विक खेल शक्ति बन रहा है, इसमें उत्तराखंड भी अपनी भूमिका निभाने के लिए कमर कस चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं। आज हमारे खिलाड़ी केवल किसी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ही नहीं खेलते बल्कि जीतने और तिरंगा लहराने के संकल्प के साथ मैदान में उतरते हैं। हाल के वर्षों के उदाहरण देखें तो जहां, 2020 के टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा वहीं पुरुष हॉकी टीम ने 41 वर्षों बाद कांस्य पदक हासिल किया। इसी तरह पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने रजत पदक, मनु भाकर ने दो कांस्य पदक, स्वप्निल कुसले व अमन सेहरावत ने एक- एक कांस्य पदक जीतकर और पुरुष हॉकी टीम ने लगातार अपना दूसरा कांस्य पदक जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया। हाल ही में हुई एशियाई एथलेटिक्स चौम्पियनशिप में ज्योति याराज्जी, गुलवीर सिंह और अविनाश सबले ने स्वर्ण पदक जीतकर भारत का परचम बुलंद किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल बजट तीन गुना बढ़ा दिया है।

देवभूमि बनी खेलभूमि

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन ने उत्तराखंड को “देवभूमि के साथ ही “खेलभूमि” के रूप में भी स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस बार के राष्ट्रीय खेलों में हमारे खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर पहली बार राष्ट्रीय खेलों में 7वां स्थान प्राप्त कर इतिहास रचने का कार्य किया।

अब राज्य में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो गया है।
उत्तराखंड राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन करने में भी सक्षम बना है। हाल ही में देश की एकमात्र ओलंपिक स्टैण्डर्ड हिमाद्रि आइस रिंक का जीर्णाेद्धार किया गया है। जिसके फलस्वरूप इस आइस रिंक में इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की जा चुकी है, जो न केवल हमारे राज्य के लिए गौरव का विषय है, बल्कि भारत में शीतकालीन खेलों के एक नए युग का सूत्रपात करने में भी मील का पत्थर सिद्ध हुई है।

आठ शहरों में बनेगी खेल अकादमियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही एक स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान भी लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। इन अकादमियों में प्रत्येक वर्ष 920 विश्वस्तरीय एथलीट और 1000 अन्य खिलाड़ी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। राज्य सरकार हल्द्वानी में उत्तराखंड के प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित कर रही है। नई खेल नीति के तहत राष्ट्रीय और इंटरनेशनल स्तर पर पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों में अध्ययनरत खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण एवं शिक्षा, तथा प्रतिभावान युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए खेल-छात्रवृत्ति जैसी सुविधाएँ भी प्रदान की जा रही हैं।

राज्य सरकार मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना तथा खेल किट योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का भी काम कर रही है।

खिलाड़ियों को किया सम्मानित
इस अवसर पर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत करते हुए, मख्यमंत्री ने कहा कि खेल दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा कुल 250 से अधिक खिलाड़यों एवं उनके प्रशिक्षकों को लगभग 16 करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जा रही है। सम्मानित हो रहे खिलाड़ियों में पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी मनदीप कौर, अमीषा रावत और मनोज सरकार को 50-50 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की गई है। इसी प्रकार, अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाने वाले शौर्य सैनी और अभिनव देशवाल को 30-30 लाख रुपये की सम्मान राशि से पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के अंतर्गत 3,900 खिलाड़ियों तथा मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 2,199 खिलाड़ियों को प्रतिमाह मिलने वाली उनकी छात्रवृत्ति की लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपये की राशि भी प्रदान की गई।

दो घोषणाएं की
सीएम ने कहा कि भारत ने वर्ष 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं, इसलिए खेल विभाग और युवा खिलाड़ियों को अभी से इसकी तैयारियों में जुटना होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने परेड ग्राउंड में एथलेटिक सिंथेटिक ट्रैक बनाने और पवेलियन फुटबाल ग्राउंड में सिंथेटिक फुटबाल टर्फ लगाने की घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने खेल स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों

मानसी नेगी को खेल विभाग और मोहम्मद अरशद को पुलिस विभाग में
आउट ऑफ टर्न नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए।

खेल मंत्री रेखा आर्या ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों के जरिए हर क्षेत्र में मानक स्थापित किए हैं। राज्य सरकार उत्तराखंड में खेल सुविधाओं का विकास करने में कामयाब रही है, इससे आने वाले समय में राज्य के हर घर से खिलाड़ी निकलेगा।

समारोह को सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय खेल परिषद हेमराज बिष्ट, विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, निदेशक खेल आशीष चौहान एवं खेल विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में अतिवृष्टि की जानकारी जुटाई

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से विभिन्न जनपदों में अतिवृष्टि की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जनपदों में हुई वर्षा की विस्तृत जानकारी लेते हुए सम्बन्धित जिलाधिकारियों से क्षेत्रवार हालात के बारे में जानकारी प्राप्त की।

संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से हों आवश्यक प्रबन्धः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आने वाले दिनों में मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों और पूर्वानुमानों पर पूरी गंभीरता और सतर्कता के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा और भूस्खलन की सम्भावनाओं को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से ही आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों में किसी प्रकार का विलम्ब न हो। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित परिवारों को निर्धारित मानकों के अनुसार शीघ्र मुआवजा उपलब्ध कराया जाए तथा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक संसाधन तुरंत उपलब्ध कराए जाएं।

मूलभूत सेवाएं तत्काल की जाए सुचारू

मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क, पेयजल और विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सेवाओं के बाधित होने की स्थिति में इन्हें तत्काल सुचारू किया जाए। उन्होंने सभी विभागों के बीच समन्वय बनाते हुए प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री समय पर पहुँचाना सुनिश्चित किया जाए। राज्य और जिला स्तर के आपदा नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने जनसामान्य को समय पर सूचनाएं उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया है। इस संदर्भ में उन्होंने अधिकारियों को ’सचेत एप’ के प्रचार-प्रसार के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक लोग मौसम से जुड़ी अद्यतन जानकारी समय रहते प्राप्त कर सकें।

इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

गढ़वाल से लेकर कुमायूं तक दैवीय आपदा, बादल फटने की सूचना पर सीएम ने जिलाधिकारियों से राहत कार्यों की जानकारी ली

जनपद रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी और बागेश्वर के कुछ क्षेत्रों में बादल फटने की सूचना प्राप्त होते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से फोन पर वार्ता कर राहत एवं बचाव कार्यों को त्वरित गति से संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और किसी भी प्रकार की देरी न हो।

मुख्यमंत्री धामी ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित आपदा प्रबंधन की उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं। सड़क, विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में उन्हें तत्काल सुचारू किया जाए। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी और बागेश्वर के जिलाधिकारियों से बादल फटने की घटनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा राहत एवं बचाव कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी नैनीताल से भी मुख्यमंत्री ने बारिश और सड़कों की स्थिति की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पूरे मानसून सीजन तक शासन और प्रशासन अलर्ट मोड पर रहे। जिलाधिकारियों द्वारा आपदा राहत कार्यों के लिए जो भी आवश्यक संसाधन और सुविधाएं अपेक्षित हों, उन्हें तत्काल उपलब्ध कराया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रभावित परिवारों को निर्धारित मानकों के अनुसार मुआवजा शीघ्र उपलब्ध हो।

बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख सचिव शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक ए. पी. अंशुमान, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय तथा विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते उपस्थित रहे।

मां नंदा देवी मेले के शुभारंभ पर सीएम ने जागेश्वर धाम सौंदर्यीकरण को 146 करोड़ की स्वीकृति दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज वर्चुअल माध्यम से अल्मोड़ा के मां नंदा देवी मेला-2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने अल्मोड़ा वासियों सहित समूचे प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह मेला हमारी लोक आस्था, संस्कृति और पहचान का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सशक्तिकरण का भी मंच है। उन्होंने यह भी कहा कि 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा राजजात यात्रा को भव्य रूप में मनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 12 वर्ष में एक बार आयोजित होने वाली इस यात्रा को दिव्य और भव्य बनाने में हमारी सरकार कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत के पुनरुत्थान का अमृतकाल चल रहा है। आज हमारी धार्मिक धरोहरों को जिस प्रकार संवारा जा रहा है, उसे शब्दों में प्रकट करना कठिन है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड के समग्र विकास के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और हमारी पहचान को सुरक्षित रखने हेतु दृढ़ संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मानसखंड पर्वत माला मिशन के अंतर्गत हमारे कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण हेतु प्रयास कर रहे हैं। इस परियोजना के अंतर्गत जागेश्वर में मंदिर परिसर के मूल स्वरुप को संरक्षित रखते हुए मास्टर प्लान के अनुसार सौंदर्यीकरण हेतु विभिन्न कार्य गतिमान हैं। इसके लिए जहां एक ओर प्रथम चरण में हमारी सरकार द्वारा 146 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है, वहीं दूसरे चरण के विकास कार्यों की भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा जहां एक ओर बेस अस्पताल के नए भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, वहीं सोमेश्वर में 100 बेड के उपजिला चिकित्सालय में प्रथम चरण में 50 बेड के अस्पताल का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके साथ ही, गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज हेतु 50 बेड के अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना भी की जा रही है। लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से अल्मोड़ा महिला चिकित्सालय का अपग्रेडेशन भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में अल्मोड़ा जनपद में 248 किमी सड़कों का निर्माण करने के साथ ही लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत भी करोड़ों रुपए की लागत से विभिन्न मोटरमार्गों का निर्माण एवं नवीनीकरण कार्य किया है। इसी क्रम में, जहां एक ओर लगभग 400 करोड़ रूपए की लागत से अल्मोड़ा-पौड़ी गढ़वाल-रुद्रप्रयाग को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण करवाया गया है। वहीं लगभग 922 करोड़ रुपए की लागत से अल्मोड़ा-बागेश्वर सड़क के चौड़ीकरण को भी मंजूरी प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ’’उड़ान योजना’’ के अंतर्गत अल्मोड़ा में पर्यटन को बढ़ावा देने और आवागमन सुगम बनाने के उद्देश्य से हेली सेवाएं भी प्रारंभ की हैं। इसके अतिरिक्त, सदी महर गाँव में 12 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लिफ्ट पंपिंग योजना के साथ ही जनपद में 25 से अधिक स्थलों पर पार्किंग निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में प्रशासनिक भवन का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके साथ ही, डोल आश्रम के निकट चौखुटिया में हेलीपैड निर्माण की योजना पर भी हम कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ‘नशा मुक्त उत्तराखंड’ के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में हमारी सरकार ने अल्मोड़ा में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना भी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण परियोजनों पर कार्य कर रहे हैं। ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से हमने स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया है, जबकि हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड ने हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का काम किया है। इसके अलावा हम स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे, और वेड इन उत्तराखंड जैसी योजनाओं के माध्यम से अपनी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए ’’स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ’’ के मंत्र को अपनाकर हम न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं, बल्कि स्थानीय उत्पादकों, शिल्पकारों और छोटे उद्यमियों को भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। हमने जहां एक ओर प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है। हमने प्रदेश में लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है। इसके साथ ही करीब 250 अवैध मदरसों को सील करने के साथ ही 500 से अधिक अवैध संरचनाओ को भी हटाया है। इसके अलावा ये हमारी ही सरकार है, जो प्रदेश में पहली बार सख्त भू- कानून लेकर आई है, जिससे हमारे किसानों की जमीनों को अब लैंड माफिया नहीं हड़प पाएंगे,इसके साथ ही अब हम प्रदेश में मदरसा बोर्ड को भी खत्म करने जा रहे हैं। इसके लागू होने के पश्चात 1 जुलाई 2026 के बाद हमारे प्रदेश में वे मदरसे बंद हो जाएंगे जिनमें हमारे सरकारी बोर्ड का सेलेबस नहीं पढ़ाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि माँ नंदा देवी के ऐतिहासिक मंदिर का पुनर्निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य पारंपरिक पर्वतीय शैली के अनुरूप वृहद रूप से किया जाएगा। सरकार विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से डीनापानी में नंदादेवी हस्तशिल्प ग्राम की स्थापना भी करेगी। इस क्राफ्ट विलेज द्वारा मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के अंतर्गत स्थानीय महिला उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों सहित विभिन्न ताम्र वस्तुओं, ऐपण कला, काष्ठशिल्प और अन्य पारंपरिक हस्तशिल्प को भी बढ़ावा मिलेगा साथ ही इन उत्पादों को देश-विदेश के बाजार से भी जोड़ा जा सकेगा।