निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की जारी की अधिसूचना

राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। इस बार हरिद्वार जनपद को छोड़कर प्रदेश के अन्य 12 जनपदों में पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। आयोग ने पूरी चुनावी प्रक्रिया की रूपरेखा तय कर दी है।

चुनाव की शुरुआत नामांकन प्रक्रिया से होगी, जो 25 जून से 28 जून तक चलेगी। नामांकन पत्र प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक दाखिल किए जा सकेंगे। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच 29 जून से 1 जुलाई तक की जाएगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 2 जुलाई निर्धारित की गई है।

निर्वाचन दो चरणों में संपन्न होगा। पहले चरण के लिए चुनाव चिन्ह 3 जुलाई को वितरित किए जाएंगे और मतदान 10 जुलाई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। वहीं, दूसरे चरण में चिन्हों का वितरण 8 जुलाई को होगा और मतदान 15 जुलाई को कराया जाएगा।

चुनाव परिणामों की मतगणना 19 जुलाई को की जाएगी। जिलों में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी स्थानीय स्तर पर विस्तृत सूचना जारी करेंगे।

मुख्यमंत्री ने राज्य में योग नीति का किया औपचारिक शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण, गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण एवं 8 देशों के डेलिगेट्स के साथ योग किया। योग कार्यक्रम का शुभारंभ शंखनाद एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने योग नीति पर आधारित पुस्तिका का विमोचन करते हुए राज्य में योग नीति का औपचारिक शुभारंभ भी किया। उन्होंने “एक वृक्ष, योग के नाम“ कार्यक्रम के अंतर्गत विधानसभा परिसर में सेब का पौधा भी लगाया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा हम राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में दो नए नगर बसाने जा रहे हैं, जो योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के केंद्र बनकर वैश्विक मानचित्र पर राज्य की विशेष पहचान स्थापित करेंगे। जिसमें सम्पूर्ण विश्व से वेलनेस के क्षेत्र में काम करने वाले बड़े ग्रुप्स, आध्यात्मिक गुरुओं, संस्थानों को यहाँ आमंत्रित किया जायेगा।

सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र है भराड़ीसैंण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी विदेशी मेहमानों के सान्निध्य ने इस आयोजन को वैश्विक पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा भराड़ीसैंण, ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र भी है। उन्होंने कहा 8 मित्र राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के साथ किया गया सामूहिक योगा- अभ्यास, देवभूमि उत्तराखंड को योग और अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाएगी योग नीति

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड देवभूमि के साथ योग और अध्यात्म की भूमि भी है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार ने देश की पहली योग नीति 2025 को राज्य में लागू किया है। योग नीति उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। जिसके तहत प्रदेश में योग एवं ध्यान केंद्र विकसित करने पर अधिकतम 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। प्रदेश में योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने हेतु 10 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार का संकल्प है कि 2030 तक राज्य में पाँच नए योग हब की स्थापना की जाए और मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में योग सेवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी।

योग करता है एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग हमारे मन, आत्मा और शरीर के बीच पूर्ण सामंजस्य स्थापित करता है। योग हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ मानव जीवन को आंतरिक शांति, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक स्थिरता प्रदान करता है। योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम से शरीर और मन को तनाव से मुक्त कर सकते हैं। योग मन की एकाग्रता बढ़ाने के साथ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है।

योग ने किया विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा विश्व, योग को जीवन दर्शन के रूप में भी अपना रहा है। योग ने पूरे विश्व में जाति, भाषा, धर्म और भौगोलिक सीमाओं को पार कर मानव समाज को जोड़ने का काम किया है। योग वैश्विक एकता, समरसता और बंधुत्व का सेतु बनकर समस्त विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच और प्रेरणादायक नेतृत्व ने योग को ग्लोबल कनेक्टिविटी और मानवता की सेहत का मंत्र बनाकर विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाई है।

पलायन की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है राज्य सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में रोजगार सृजन और पलायन की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अधिक से अधिक साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी कमेटी का भी गठन किया है। ये कमेटी प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। हम युवाओं को उनके कौशल के अनुरूप पहाड़ में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं।

विद्यार्थियों से मिलने उनके बीच पहुंचे मुख्यमंत्री

भराड़ीसैंण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होने से पहले मुख्यमंत्री विद्यार्थियों और स्थानीय लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने लोगों से संवाद कर उनका हालचाल जाना और छात्रों से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर छात्रों में विशेष उत्साह और उमंग देखने को मिला । मुख्यमंत्री ने सभी को योग के महत्व से अवगत कराया और स्वस्थ जीवन के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संदेश दिया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास में आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डाे डेनियल डेलगाडो, भारत में फिजी उच्चायोग के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, भारत में नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, भारत में सूरिनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, भारत में मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, भारत में लातविया दूतावास में डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, भारत के श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास में प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना एवं तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा, विधायक अनिल नौटियाल, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. विनय रुहेला, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

राष्ट्रपति ने योग को भारत की सॉफ्ट पावर का एक सशक्त उदाहरण बताया

11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देहरादून रेस कोर्स स्थित पुलिस लाइन में भव्य योग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम में भाग लिया और योग को भारत की सॉफ्ट पावर का एक सशक्त उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन का माध्यम है। भराड़ीसैंण से लेकर देहरादून तक योग दिवस की धूम देखने को मिली। कार्यक्रम में हजारों लोगों ने एक साथ योग कर विश्व को भारत का शांति संदेश दिया।

राष्ट्रपति मूर्मु दून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में हुई शामिल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि किसी देश या समाज की प्रगति का असली पैमाना यह है कि वहां दिव्यांगजनों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। भारत का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता के प्रेरक प्रसंगों से भरा पड़ा है। हमारी संस्कृति में करुणा और प्रेम के भाव सदैव से शामिल रहे हैं। राष्ट्रपति देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुईं।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के सामने कई बाधाएं रही हैं, जिन्हें दूर करने के लिए समावेशी दृष्टिकोण और निरंतर प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि ‘सुगम्य भारत अभियान’ के माध्यम से सरकार दिव्यांगजनों के लिए सुलभ वातावरण, परिवहन और सूचना तंत्र विकसित कर रही है, ताकि वे समान भागीदारी कर सकें। उन्होंने कहा कि आज का युग विज्ञान और तकनीक का है। उन्नत तकनीक की सहायता से दिव्यांगजन भी देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर देकर दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना बेहद जरूरी है। राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं ताकि वे भी समान अवसरों के साथ आगे बढ़ सकें। इस दौरान राष्ट्रपति ने संस्थान परिसर में माडल स्कूल की विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। इसके साथ ही दिव्यांगजनों की प्रतिभा को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी भी देखी।

राष्ट्रपति ने छात्रों से संवाद कर उनकी पढ़ाई-लिखाई और प्रशिक्षण के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन परिसर में दिव्यांगजनों द्वारा संचालित कैफे इसका उदाहरण है कि अवसर मिलने पर दिव्यांगजन किसी से पीछे नहीं हैं। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने श्पर्पल फेस्टश् का भी जिक्र किया, जिसमें दिव्यांगजनों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि समाज को चाहिए कि वह जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों को समान अवसर दे, ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े और वे देश के विकास में सहभागी बन सकें। राष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांगजन अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे देश का गौरव बन सकते हैं।

राष्ट्रपति ने बच्चों के बीच जन्मदिन मना कर दिया संदेश रू केंद्रीय मंत्री केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दृष्टिबाधित बच्चों के बीच अपना जन्मदिन मना कर समाज को प्रेरणादायी संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि जनप्रतिनिधि वंचित बच्चों के बीच जाकर अपना जन्मदिन मनाएं तो बच्चों में ऊर्जा का संचार होता है और वे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं। मंत्री ने बताया कि संस्थान में अब दृष्टिबाधित बच्चे विज्ञान और गणित की पढ़ाई कर रहे हैं। पिछले वर्ष दो और इस वर्ष पांच छात्रों ने विज्ञान वर्ग में दाखिला लिया है।

यह संस्थान देशभर में एक आदर्श माडल बन रहा है और आगे मंत्रालय के सभी नौ संस्थानों में भी इसे शुरू किया जाएगा। दृष्टिबाधित बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध रू मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने ‘विकलांग’ के स्थान पर ‘दिव्यांग’ शब्द देकर समाज में सकारात्मक सोच विकसित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हम दृष्टिबाधित बच्चों की आंखों की रोशनी तो नहीं लौटा सकते, लेकिन उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। समर्थता दृष्टि में नहीं, संकल्प में होती है रू राज्यपाल राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने दृष्टिबाधित बच्चों की प्रतिभा और आत्मविश्वास की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन बच्चों ने यह साबित कर दिया है कि समर्थता दृष्ट में नहीं, बल्कि संकल्प में होती है।

बच्चों ने जिस आत्मविश्वास, सृजनशीलता के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, वह राष्ट्र की नई चेतना व आत्मनिर्भर भारत के भाव को व्यक्त करता है। कहा कि इन बच्चों में वही ऊर्जा, वहीं क्षमता और वही जुनून है, जो एक सशक्त व विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं। आज का भारत एक परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत-2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। आप सभी से अनुरोध है कि आप राष्ट्र सर्वाेपरी के मंत्र को आत्मसात करें।

नैनीताल राजभवन का भवन ब्रिटिश काल की गोथिक स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरणः मूर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति निकेतन में आयोजित कार्यक्रम में नैनीताल स्थित राजभवन के 125 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने इस ऐतिहासिक धरोहर को राष्ट्रीय स्मृति में स्थान दिलाने के लिए राष्ट्रपति के प्रति आभार जताया।

नैनीताल स्थित राजभवन का भवन ब्रिटिश काल की गोथिक स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। राजभवन की भव्य वास्तुकला, भू-संरचना और इसके आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य इस धरोहर स्थल को विशिष्ट बनाते हैं। राजभवन पर विशेष डाक टिकट जारी करने के अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रपति को एक भारत-श्रेष्ठ भारत काफी टेबल बुक भेंट की।

यह काफी टेबल बुक राजभवन में मनाए जाने वाले प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना दिवस पर केंद्रित है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, राज्यपाल के सचिव रविनाथ रमन, उत्तराखंड की चीफ पोस्टमास्टर जनरल शशि शालिनी उपस्थित रहे।

आत्मीयता से मिलीं राष्ट्रपति

नए कलेवर में निखरे राष्ट्रपति निकेतन में आयोजित एट होम रिसेप्शन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सभी अतिथियों से बेहद आत्मीयता से मुलाकात की। उन्होंने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व तीरथ सिंह रावत, विधायक खजानदास, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, प्रेमचंद शर्मा, बसंती बिष्ट व डा बीकेएस संजय, मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी, राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार के साथ ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारी, सैन्य अधिकारी और प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।

बार बार दिन ये आए, गीत को जन्मदिन पर सुनकर भावुक हुईं राष्ट्रपति मूर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने उत्तराखंड प्रवास के दौरान शुक्रवार को उस वक्त भावुक हो गईं, जब दृष्टिबाधित बच्चों ने उन्हें गीत गाकर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। बच्चों ने जैसे ही बार बार दिन ये आए, बार बार दिल ये गाए, तू जिए हजारों साल… गीत गाना शुरू किया तो पूरा माहौल भावनाओं में डूब गया।

गीत खत्म होते-होते राष्ट्रपति की आंखों से अश्रुधारा छलक उठी। मंच पर मौजूद सभी लोग इस दृश्य को देखकर गहरे भावनात्मक क्षण में डूब गए। कार्यक्रम देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टिहीन दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआइईपीवीडी) में आयोजित किया गया था।

बच्चों की मधुर आवाज में गीत सुनकर राष्ट्रपति खुद को रोक नहीं सकीं और उनकी आंखें भर आई। वह आंखें पोंछने लगीं तो एडीसी ने तुरंत उन्हें रुमाल दिया। इन भावुक क्षणों के बीच जब बच्चों ने राष्ट्रपति को जन्मदिन की बधाई दी तो पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।

राष्ट्रपति के साथ मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार और राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की आंखें भी नम हो गईं। राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब मैं इन बच्चों को गाते हुए देख रही थी तो मेरी आंखें आंसुओं से भर आईं। यह बच्चे गले से नहीं, दिल से गा रहे थे। लगता है मां सरस्वती इनके कंठ में विराजमान हैं।

उन्होंने कहा कि भगवान जब किसी से कुछ लेता है तो बदले में उसे ऐसी विशेष प्रतिभा देता है, जो उसे बाकी लोगों से अलग बनाती है। मैं अपने जन्मदिन पर यहां आकर बेहद खुश हूं। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने दिव्यांग बच्चों के आत्मविश्वास और प्रतिभा की सराहना की।

योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहार है जो मनुष्य की मानसिक व शारीरिक शक्ति में वृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने में सहायता करता है। नियमित योग अभ्यास तनाव कम करने, जीवन को संतुलित बनाए रखने तथा असंभव लक्ष्य को पाने में विशेष भूमिका निभाता है। योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की एक पहचान है। पूरी मनुष्यता को हमारे ऋषि-मुनियों की यह महत्वपूर्ण देन है। योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। योग से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक प्रक्रिया है। यह हमारे मन को स्थिर कर चेतना की गहराइयों तक पहुँचाने का माध्यम है। हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग है। यही कारण है कि आज योग दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन गया है जो भारतीय जीवन शैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग और आयुष की भूमि है। उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए नई योग नीति लाई गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ है। अनेकों वैश्विक चुनौतियों और षड्यंत्रों का सामना करने के बावजूद भारत ने कभी भी मानवीय मूल्यों से हटकर आचरण नहीं किया और हमारी इस लोक कल्याणकारी अवधारणा का आधार हमारी संस्कृति है, जिसके मुख्य स्तंभों में एक योग भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश के लिये सम्मान की बात है कि पुलिस लाईन देहरादून में आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु उपस्थित रहेंगी। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राज्य में मुख्य कार्यक्रम ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित किया जायेगा। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करेंगे।

विधायक अग्रवाल ने किया पूर्व संध्या पर योगाचार्यों का सम्मान

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर क्षेत्रीय विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने योगाभ्यास किया। इस अवसर पर योग के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले योगाचार्यों को भी सम्मानित किया। साथ ही डा. अग्रवाल ने योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।

बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में डा. अग्रवाल ने श्रीदेव सुमन विवि के योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. जयप्रकाश कंसवाल, एसजीआरआर विवि के योग विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा. सुरेंद्र प्रसाद रयाल, प्रवक्ता डा. चंद्रेश्वरी नेगी, योगाचार्य दिवाकर व्यास, उषा दवाण, स्वाति बंधानी, डा. पूजा नौटियाल, मंगलेश बिजल्वाण, अजय बैलवाल, डा. ममता रयाल को पुष्प गुच्छ व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

डा. अग्रवाल ने कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक प्रक्रिया है। यह हमारे मन को स्थिर कर चेतना की गहराइयों तक पहुँचाने का माध्यम है। उन्होंने भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने सदैव मानवीय मूल्यों को सर्वाेपरि रखा है और हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग है। यही कारण है कि आज योग दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन गया है और भारतीय जीवन शैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग और ऋषि मुनियों की भूमि है। ग्राम स्तर तक सभी लोग योग से जुड़े, सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। योग से रोजगार के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं। उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए नई योग नीति लाई गई है।

इस अवसर पर मंडल महामंत्री पुनीता भंडारी, पूनम डोभाल, शकुंतला कुकरेती, सुमित पंवार, शिव कुमार गौतम, अखिलेश मित्तल, विवेक चतुर्वेदी, दीपक नेगी, हर्ष पाल आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने विदेशी मेहमानों का भराड़ीसैंण में किया स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण, गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सभी विदेशी राजनयिकों और सुप्रसिद्ध योगाचार्य का स्वागत किया। उन्होंने इस दौरान सभी को प्रतीक चिन्ह और उत्तराखंडी टोपी देकर सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के उपस्थित राजदूत व अन्य उच्चधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड योग और आयुष की वैश्विक राजधानी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और आग्रह पर पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। 2014 में प्रधानमंत्री जी के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र संघ में 177 से ज्यादा देशों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की धरती से यह दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। उन्होंने कहा उनके शब्द हमारे लिए प्रेरणा, दिशा और संकल्प का उदघोष है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री का आयुष और वेलनेस सेक्टर के प्रति विशेष दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड को योग के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड का हिमालयी वातावरण, शुद्ध जलवायु, और आध्यात्मिक ध्यान और योग के लिए उपयुक्त है। हमारा राज्य वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन बनने की संपूर्ण क्षमता रखता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में सदियों से योग और आयुर्वेद गहराई से समाहित है। यह धरती ऋषियों, योगियों और वैद्यों की साधना स्थली रही है। उत्तराखण्ड से औषधियों कच्चे जड़ी-बूटियों की आपूर्ति देश के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी की जा रही है। दुनिया के प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि निर्माता भी उत्तराखण्ड में अपने निर्माण कार्य कर रहे हैं। यहाँ की जैव विविधता में कुटकी, जटामांसी और तिमूर जैसी दुर्लभ और विशिष्ट औषधीय वनस्पतियों पाई जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड में 100 वर्ष से भी अधिक पुराने आयुर्वेदिक संस्थान संचालित है, जैसे ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेद महाविद्यालय, जिनके माध्यम से हम पीढ़ियों से आयुर्वेदिक ज्ञान का विस्तार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद, योग और पंचकर्म के क्षेत्र में उत्तराखण्ड के पास अत्यंत प्रशिक्षित मानव संसाधन है। हमारा राज्य गुणवत्ता युक्त हिमालयी जड़ी-बूटियों की आपूर्ति एवं उनके एक्सट्रैक्ट का उत्पादन, प्रसंस्करण और साझा व्यापार किया जा सकता है। उत्तराखण्ड के पारंपरिक सुपर फूड्स जैसे मंडुवा, झंगोरा, भट्ट, बिच्छुघास, किलमोडा आदि का मूल्य वर्धन, पैकेजिंग कर वैश्विक आदान किया जा सकता है। उन्होंने कहा जीवनशैली जनित विकारों, रोग निवारण और स्वास्थ्य संरक्षण पर संयुक्त अनुसंधान एवं नवाचार कार्य हम मिलकर कर सकते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिखी पूरे उत्तराखंड की झलक
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में संपूर्ण उत्तराखंड की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम की शुरुआत नंदा देवी राज जात से हुई, इसके बाद उत्तराखंड की विभिन्न लोकनृत्य प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। इनमें झोड़ा-छपेली लोकनृत्य, नाटी व अन्य लोकप्रिय नृत्य रहे, जिन्होंने गढ़वाली, कुमाऊनी, व जौनसारी संस्कृतियों से सभी को रूबरू कराया।

इस अवसर पर भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास में आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डाे डेनियल डेलगाडो, भारत में फिजी उच्चायोग के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, भारत में नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, भारत में सूरिनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, भारत में मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, भारत में लातविया दूतावास में डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, भारत के श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास में प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना एवं तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा, योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण, विधायक अनिल नौटियाल, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. विनय रुहेला, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

भाजपा नेता के उपचार को सरकार देगी मदद, उपचार के लिए सीएम ने फौरी तौर पर दी 50 हज़ार रुपये की धनराशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा की चमोली जिला ईकाई के नेता आशीष थपलियाल के उपचार के लिए 50 हज़ार की तत्कालिक धनराशि स्वीकृत की है। थपलियाल गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने थपलियाल की धर्मपत्नी से फोन पर बात की और उनसे कहा कि उपचार की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठायेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज भराड़ीसैंण में मौजूद हैं। कल उन्हें विश्व योग दिवस के अवसर पर भराड़ीसैंण में आयोजित योग अभ्यास कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करना है। चमोली जिला ईकाई के नेता आशीष थपलियाल के बीमारी की जानकारी मिलते ही धामी ने उनकी धर्मपत्नी से फोन पर बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से पूछा। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वसत किया कि उनके पति के उपचार में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी और इसकी पूरी व्यवस्था सरकार करेगी। फौरी तौर पर मुख्यमंत्री ने उनके उपचार के लिए 50 हज़ार की धनराशि भी स्वीकृत की है।