वित्त मंत्री के प्रबंधन से बाजार में आई तेजी, राहत मिलने की उम्मीद

सुस्ती की शिकार अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए केन्द्र सरकार ने एक महीने के भीतर पांच बड़े कदम उठाए। सुधार के इन कदमों की शुरुआत बीती 23 अगस्त को हुई थी, जबकि देशी-विदेशी निवेशकों को राहत देते हुए कर उपकर में बढ़ोतरी का फैसला वापस लिया था। बीती 23 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी और घरेलू निवेशकों पर उपकर में बढ़ोतरी का फैसला वापस लेने की घोषणा की थी। उसी दिन बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की नई पूंजी देने, रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को तुरंत देने जैसी घोषणा की गई थी।
28 अगस्त को वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था से जुड़ी दूसरी बड़ी घोषणा की थी। सीतारमण ने कोयला खदान और कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दी थी। यही नहीं, गन्ना किसानों और चीनी मिलों को राहत देने के लिए चीनी के निर्यात पर 6,268 करोड़ की सब्सिडी का ऐलान भी किया। डिजिटल मीडिया में भी प्रिंट मीडिया की तरह 26 फीसदी एफडीआई को मंजूरी मिली थी। 30 अगस्त को ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को मिला कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। उस समय कहा गया था कि विलय के बाद ये बैंक न सिर्फ आकार में बड़े होंगे बल्कि इनका कुल कारोबार भी बढ़ कर 55.81 लाख रुपए करोड़ का हो जाएगा। बड़े बैंक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विदेशी बैंकों से मजबूती से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
बीते 19 सितंबर को वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंक अभी से अक्टूबर तक 400 जिलों में लोन बांटने के लिए शामियाना बैठक का आयोजन करेंगे। इन बैंठकों में खुदरा ग्राहक के साथ साथ नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) की भी उपस्थिति होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को घरेलू कंपनियों और नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए अध्यादेश के जरिए कॉरपोरेट कर घटाने की घोषणा की।

बिना लाइसेंस ठेली नहीं लगा सकेंगे वेंडर्स

शहर में फेरी नीति लागू करने के लिए गठित कमेटी की बैठक नगर निगम में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि क्षेत्र में नगरीय फेरी नीति लागू होने के बाद परिवार के एक सदस्य को ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। साथ ही इनकी जगह, समय और दूूरी भी निश्चित की जाएगी। इन्हें निगम की ओर से पथ प्रकाश, पानी और शौचालय की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। बैठक में मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान ने फेरी संगठनों के नामित सदस्यों को 20 दिन के भीतर निगम क्षेत्र के वेंडर्स की सूची उपलब्ध कराने को कहा।

सूची में वेंडर्स का नाम, फोटो, मोबाइल और पता भी उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि 20 दिनों के बाद किन जगहों पर आपत्ति है, यह समिति के सभी सदस्य निश्चय करेंगे। एनएनए ने बताया कि वेंडर्स को लेकर तीन क्षेत्र चयनित किए जाएंगे। इसमें पहला गैर प्रतिबंधित ठेली क्षेत्र (बिना रोक टोक वेडर्स ठेली लगा सकते है), दूसरा नियंत्रित ठेली क्षेत्र (कुछ ही लोगों को ठेली लगाने की परमिशन दी जाएगी, इसमें दिन, दूरी और समय निश्चित किया जाएगा) और तीसरा ठेली रहित क्षेत्र (इस क्षेत्र में कोई भी ठेली खड़ी नहीं हो पाएगी)। इस दौरान सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी, डॉ. संतोष पंत, सब इंस्पेक्टर कुलदीप, ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर राजेंद्र, राजू गुप्ता, राहुल पाल, मुसाफिर साहनी, कुसुम गुप्ता, लता देवी आदि उपस्थित रहे।

एक साल के लिए होगा पंजीकरण
एमएनए चतर सिंह चौहान ने बताया कि वेंडर्स के लिए पंजीकरण एक साल के लिए ही मान्य होगा। हर साल पंजीकरण को नवीनीकरण कराना होगा। उन्होंने बताया कि पंजीकरण का शुल्क वेंडर्स की सूची आने के बाद ही तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो वेंडर्स इस सूची से वंचित रह जाएगा। उसका नाम अगले पांच साल बाद ही जुड़ सकेगा।

बैठक में यह भी तय हुआ
– जिस स्थान का लाइसेंस वेंडर्स को मिलेगा, वह उसी स्थान पर ठेली लगाएगा।
– एक स्थान पर सीमित संख्या से ज्यादा आवेदन आने पर, लॉटरी से चयन किया जाएगा।
– स्थिर, चलायमान और साइकिल से वस्तु विक्रय करने वालों को भी लाइसेंस दिया जाएगा।
– जिसके नाम लाइसेंस उपलब्ध होगा, वही व्यक्ति कार्य करेगा।
– एक व्यक्ति एक से ज्यादा ठेली नहीं लगा सकेगा।
– ठेली और फड़ के आसपास गंदगी करने पर पेनल्टी लगेगी।
– वेंडर्स को कूड़ा उठान की सुविधा, पथ प्रकाश, शौचालय, पानी आदि की सुविधा निगम उपलब्ध कराएगा।
– शर्तों का उल्लंघन करने पर शुरूआती दो चरणों में चालान वसूला जाएगा, तीसरे चरण में लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

निवेश के लिए उत्तराखंड सबसे उपयुक्त राज्य, तेजी से बढ़ रही उत्तराखंड की अर्थव्यवस्थाः त्रिवेन्द्र रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बैंगलोर में आयोजित आठवें इनवेस्ट नाॅर्थ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखण्ड में निवेश के लिए उद्यमियों को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सेवा क्षेत्र विशेष तौर पर पर्यटन, बायो टेक्नोलाॅजी, नवीकरणीय ऊर्जा, फिल्म शूटिंग व सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश की काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड सरकार, निवेशकों को आवश्यक सुविधायें प्रदान करने के लिए तत्पर है। गत दो वर्षों राज्य में निवेश के लिए सुनियोजित प्रयास किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हुआ है। यह देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। राज्य सरकार ने डीपीआईआईटी और विश्व बैंक द्वारा प्रस्तावित विभिन्न व्यावसायिक सुधार किए हैं। पर्वतीय राज्यों द्वारा किए गए व्यापार सुधारों के मामले में उत्तराखण्ड अग्रणी है। लाॅजिस्टिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अनेक बुनियादी अवसंरचनात्मक परियोजनाएं प्रारम्भ की हैं। राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आईसीडी और एलसीएस की स्थापना की गई हैं। आल वेदर रोड़ व जौलीग्रांट एयरपोर्ट की क्षमता विस्तार का काम प्रगति पर है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड में स्थित उद्योगों को लाॅजिस्टिक्स के लिए सुगमता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में अक्टूबर, 2018 में प्रथम इन्वेस्टर्स समिट ‘‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड’’ का आयोजन किया गया था, जिसमें देश व विदेश के 4000 से अधिक प्रतिनिधियों, निवेशकों, उद्योगपतियों ने प्रतिभाग किया था। शिखर सम्मेलन के दौरान 600 से अधिक निवेशकों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश के लिए रू. 1,24,000 करोड़ (एक लाख चैबिस हजार करोड़) से अधिक के प्रस्तावों के एमओयू किये गये। इन एमओयू के क्रियान्वयन के लिए ठोस पहल की गई है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद के 10 माह में लगभग रू. 17 हजार करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश के प्रस्तावों की ग्राउण्डिंग की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का ध्यान ऐसी परियोजनाओं पर भी केंद्रित है, जिससे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिकी को मजबूत किया जा सके। पाइन निडिल से ऊर्जा उत्पादन इनमें से एक है, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को रोजगार के अवसर सुलभ हो सकें। राज्य सरकार ने अब तक 20 परियोजनाआं की स्थापना के लिए विकासकर्ताओं का चयन किया है, जो लगभग 675 किलोवाट की बिजली उत्पादन कर सकेंगे और आने वाले समय में इस परियोजना की क्षमता को 5 मेगावाट तक बढ़ाये जाने की योजना है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नयी पर्यटन नीति-2018 लागू की गयी है, जिसका मुख्य उद्देश्य रिवर्स माइग्रेशन को सुगम बनाने, ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने और पारिस्थितिक पर्यटन, वैलनेस व साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। राज्य के प्रत्येक जनपद में एक नया थीम बेस्ड डेस्टिनेशन विकसित किया जा रहा है। राज्य में पर्यटक रोप-वे निर्माण की व्यापक सम्भावनायें हैं, जिनमें से कुछ चिन्हित परियोजनायें देहरादून-मसूरी, जानकी चट्टी-यमुनोत्री, गोविन्दघाट-हेमकुण्ड साहिब, भैरव गढ़ी, देव का डाण्डा, बिनसर प्रमुख हैं। हाल ही में देहरादून को मसूरी से जोड़ने वाले रोप-वे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया है, जिससे सड़क मार्ग से यात्रा मंे लगने वाला समय एक घण्टा तीस मिनट से घटकर केवल 15-20 मिनट हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा 66 वें राष्ट्रीय फिल्म फेयर अवाड्र्स में उत्तराखण्ड का चयन मोस्ट फिल्म फेंडली स्टेट के लिए किया गया है। राज्य सरकार की फिल्म नीति के कारण ही पिछले वर्ष 180 से अधिक फिल्मों की शूटिंग राज्य में की गईं, जो एक समर्पित क्षेत्र नीति का ही परिणाम है। उत्तराखण्ड, सूचना प्रौद्योगिकी एवं समर्थित सेवाओं के क्षेत्र के विकास पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष पहल की है। राज्य ने अपनी सूचना प्रौद्योगिकी नीति को अधिसूचित कर दिया है। इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी सम्बोधित किया।

पार्क की सौंदर्यता देख सीएम बोले, प्रकृति को संरक्षित करने का बेहतर प्रयास

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को कुठाल गेट के समीप स्थित आनन कानन एजुकेशनल एम्यूजमेंट पार्क का भ्रमण किया। डॉ. योगी एरन द्वारा विकसित किये गये इस पार्क को उन्होंने प्रकृति को संरक्षित करने का बेहतर प्रयास बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पार्क में प्रकृति से जुड़ कर जिस प्रकार तालाबों, गुफाओं व म्यूजियम के साथ ही बड़ी संख्या में बरगद के पेड़ो को संजोकर उन्हें आकर्षक स्वरूप प्रदान करने का कार्य भी निश्चित से सराहनीय है। पार्क में बरगद के पेड़ पर कमरो के निर्माण को भी उन्होंने नया प्रयोग बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्क विद्यार्थियों को प्रकृति एवं पर्यावरण को संरक्षित करने की प्रेरणा प्रदान करने के साथ ही प्रकृति विज्ञान से भी उन्हें परिचित कराने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने ऐसे प्रयासों को समाज के लिए भी हितकर बताया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पार्क को देखने आये स्कूली छात्रों से भी बातचीत की।

डॉ योगी ऐरन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि 5 एकड़ में निर्मित यह पार्क स्कूली छात्रों के आकर्षण का केन्द्र बना है। इस पार्क में शारारिक व मानसिक रूप से कमजोर छात्रों के लिये विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़ा यह पार्क छात्रों को प्रकृति से जोड़ने तथा पर्यावरण के प्रति जागरूक करने में भी मदद करता है।

डायरेक्ट सेलिंग के लिए प्रदेश में निर्धारित की जायेगी गाईड लाइनः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के मध्य बेहतर तालमेल पर बल दिया है। उन्होंने उपभोक्ता एवं उत्पादकों को और अधिक नजदीक लाने के प्रयास किये जाने तथा उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए व्यापार में किस प्रकार बिचैलियों की भूमिका को कम किया जाय इस पर भी चिन्तन करने की जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भी प्रत्यक्ष बिक्री (डायरेक्ट सेलिंग) के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के दृष्टिगत समिति का गठन किया जायेगा। उन्होंने बदलते दौर में विकसित हो रही नई सोच के साथ इसके लिये प्रभावी तंत्र विकसित करने पर भी बल दिया।
राजपुर रोड स्थित एक होटल में पी.एच.डी चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री से सम्बन्धित सेमिनार को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ता एवं उत्पादकों को और अधिक नजदीक लाने के प्रयास किये जाने तथा व्यापार में किस प्रकार बिचैलियों की भूमिका को कम किया जाय इस पर भी चिन्तन की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादकों द्वारा व्यापार में नई-नई विद्याओं के साथ अवस्थापना सुविधाओं के विकास में किये जा रहे व्यय के दृष्टिगत भी इसे नियमित करने के लिये तंत्र विकसित करने की प्रक्रिया पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग की दिशा में उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो, उन्हें धोखाधड़ी जैसी घटनाओं का सामना न करना पड़े, उत्पादक के प्रति उपभोक्ता का विश्वास बना रहे, इसके कारगर प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की प्रक्रिया में भी उपभोक्ताओं को फायदा होगा तथा इससे किसानों को भी अच्छा मूल्य मिलेगा। मुख्यमंत्री ने प्रोसेसिंग की दिशा में भी विशेष ध्यान देने की जरूरत बतायी, उनका कहना था कि पश्चिम के तौर-तरीकों को आज का युवा अपनाने लगा है अतः जरूरी है कि इसकी व्यवस्था में सुधार लाया जाय। बाजार की गुणवत्ता, उपभोक्ता की सन्तुष्टि व विश्वास के लिये जरूरी है कि इस दिशा में समग्र सोच के साथ हम आगे बढ़ें। उन्होंने पी.एच.डी चेम्बर से इस सम्बन्ध में सुझाव भी देने को कहा। सभी के सुझावों के आधार पर तैयार की गई नीति इस दिशा में सुधार लाने के साथ ही व्यापक व्यवस्था बनाने में मददगार रहेगी।
सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता मामले सुशील कुमार ने कहा कि प्रदेश में उपभोक्ताओं के व्यापक हित में राज्य सरकार द्वारा कारगर प्रयास किये हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण उपभोक्ताओं पर भी ध्यान दिये जाने एवं इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की बात कही।
इंटरनेशनल कंज्यूमर पॉलिसी एक्सपर्ट विजोन मिश्रा ने कहा कि डाइरेक्ट सेलिंग क्या है, इसकी जानकारी आम आदमी को होनी चाहिए। उन्होंने इसके लिये राज्य सरकार व पी.एच.डी चेम्बर को संयुक्त रूप से आगे आने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड मोस्ट कन्ज्यूमर फ्रेंडली स्टेट है। उपभोक्ताओं के व्यापक हित में राज्य सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। इस अवसर पर चेयरमैन उत्तराखण्ड पी.एच.डी चेम्बर वीरेन्द्र कालरा आदि ने भी अपने विचार रखे।

नेगी दा ने कहा, हिलटाॅप से किसानों को मिलेगा रोजगार

सरकार के लिए राहत की खबर है। हिलटाॅप शराब पर राज्य सरकार को अब लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी का साथ मिल गया है। नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा है कि जब राज्य में शराब की बिक्री और खपत बहुत ज्यादा है तो शराब की फैक्ट्री पर बैन क्यों लगना चाहिए? इस बयान के बाद राजनीतिक अर्थ निकाले जाने लगे है। सरकार के समर्थन में बयान देने के बाद सरकार के फैसले और बुलंद होने का अनुमान लगाए जाने लगे है।
दरअसल, आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी के आवास पर पहंुचे। उन्होंने श्री नेगी को साहित्य अकादमी के द्वारा सर्वोच्च सम्मान दिये जाने के लिए नामित होने पर बधाई दी। इसके बाद कुछ पत्रकारों ने श्री नेगी से सवाल किए। जिसमें उन्होंने हिलटाॅप शराब की फैक्ट्री पर उनकी राय जानी। जिस पर लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि क्या आपको पता है कि हमारे यहां शराब की खपत और बिक्री कितनी बढ़ गई है। ऐसे में हम बाहरी राज्यों से शराब मगांकर पी रहे है। या तो सरकार शराब पर पूर्ण पांबदी लगा दे। नही तो शराब फैक्ट्री लगाने का विरोध नही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में शराब बनेगी तो किसानों और काश्तकारों को भी फायदा पहुंचेगा। माल्टा और अन्य पहाड़ी उत्पादों को अच्छा दाम मिलेगा। सरकार राजस्व भी कमायेगी और राज्य की शराब राज्य में ही बिकेगी। उन्होंने अप्रत्यक्ष कहा कि ऐसे में शराब का गुण कम से कम रोजगार देने के काम तो आयेगा। वरना सभी जानते है कि शराब स्वास्थ के लिए हानिकारक है।
इस बयान के बाद नेगी दा के लिए आम लोगों की सोच कितनी बदलती है। यह तो समय ही बतायेगा। लेकिन अपनी स्पष्ट बात रखकर श्री नेगी ने सरकार को अप्रत्यक्ष रुप से बड़ी राहत दे दी है। कुछ लोग श्री नेगी के बयान को सही भी ठहरा रहे है। लोगों का कहना है कि उत्तराखंड केवल शराब का कंज्यूमर ही बन गया है। ऐसे में शराब से रोजगार और राजस्व बढ़ता है तो दिक्कत कहां है। या तो सरकार शराब राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा दे। नही तो शराब पर राजनीति नही होनी चाहिए।

आप भी सुनिए श्री नरेन्द्र सिंह नेगी ने क्या कहा…

फर्जी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी का शिकार होने से बचें, अपनाइए ये तरीके

देश में फर्जी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो सालों में 53.7 करोड़ रुपये की फर्जी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी बिकी हैं, वहीं ऐसे मामलों की संख्या 498 से बढ़ कर 1,192 तक पहुंच गई है।

नकली पाॅलिसी की संख्या बढ़ी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद सत्र की शुरुआत में बताया था कि इरडा की फ्रॉड मॉनिटरिंग सेल के आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 में 498 नकली पॉलिसी बिकीं, वहीं 2017-18 में ये संख्या बढ़ कर 823 हो गई। जबकि साल 2018-19 में यह संख्या बढ़ कर 1192 को पार गई है।

क्लेम की धनराशि में नही मिली
इनमें सबसे ज्यादा फर्जी पॉलिसी ट्रक वालों और दो-पहिया वाहन रखने वालों को दी गईं। वहीं ये पॉलिसी उन लोगों ने खरीदी, जो सड़क पर पुलिस की चेकिंग के दौरान जांच से बचना चाहते थे। एक असली मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी की कीमत जहां 10 हजार रुपये पड़ती है, वहीं नकली पॉलिसी 5 से 6 हजार रुपये में मिल जाती हैं। वहीं ग्राहक ये अच्छे से जानते हैं कि ऐसी पॉलिसी की मदद से आप केवल पुलिस चेकिंग से बच सकते हैं, लेकिन कोई दुर्घटना होने पर उससे कोई क्लेम नहीं ले सकते।

बिना इंश्योरेंस के चल रहे वाहन
वहीं देश में तकरीबन 70 फीसदी वाहन बिना इंश्योरेंस के चल रहे हैं। इरडा का कहना है कि उन्हें 2016 में ।ज्ञब्च्स् जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और 2019 में गोन जनरल और मैरींस टेक्नोलॉजी की फर्जी इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने की शिकायते मिलीं हैं। वहीं इनमें से ज्यादातर पॉलिसी सेकंड हैंड गाड़ियों के लिए खरीदी गई थीं, ताकि ट्रैफिक चालान वगैरहा से बचा जा सके।

अन्तरराष्ट्रीय गिरोह सक्रिय
इसके अलावा वाहन मालिकों को फंसाने के लिये बकायदा गैंग बना कर लोगों को ठगा जा रहा है। फरवरी में मुंबई पुलिस के हत्थे एक ऐसा गैंग चढ़ा था, जो दो सालों में 800 से अधिक नकली मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी टू-व्हीलर मालिकों को बेच चुका था। ये जालसाज कम कीमत वाली श्सस्तीश् पॉलिसी की पेशकश कर लोगों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते थे।

छूट का ऑफर देकर फंसाते है
ये लोग टू-व्हीलर मालिकों को फोन करके मोटर इंश्योरेंस एजेंट होने का दावा कर पॉलिसी रिन्यू कराने पर प्रीमियम और एड-ऑन कवर पर भारी छूट का वादा करते थे। प्रीमियम का चेक मिलने के बाद पॉलिसी जारी हो जाती थी, लेकिन जब बीमाधारक क्लेम दाखिल करता था, तो उसे इंश्योरेंस कंपनी से पता चलता है कि पॉलिसी नकली है और एजेंट लापता है।

पॉलिसी रिन्यू कराने वाले होते हैं टारगेट में
आमतौर पर ये फर्जीवाड़ा उन टू-व्हीलर मालिकों के साथ होता है, जिनकी पॉलिसी रिन्यू होने वाली होती है। आरटीओ के डेटाबेस के जरिये लोगों को फंसाते हैं और फेक पॉलिसी इश्यू करने के लिए जाली लेटर हेड और स्टैम्प का इस्तेमाल करते हैं।

ध्यान रखें कि पॉलिसी खरीदने के लिये चेक या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ही करें। केवल कंपनी के नाम पर ही चेक काटें, किसी निजी व्यक्ति के नाम पर चेक देने से बचें।
वहीं अगर आपने किसी थर्ड पाटी या व्यक्ति से पॉलिसी ली है, तो आपके ईमेल पर उसकी डिटेल आएंगी। यदि नहीं आई हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी के कॉल सेंटर पर फोन करके पॉलिसी को वेरिफाई करें।
किसी अंजान कंपनी से पॉलिसी खरीदने से बचें। अगर आपको कोई शक हो रहा है कि इरडा की वेबसाइट पर जाकर लाइसेंस वाली कंपनियों की लिस्ट में उस कंपनी का नाम चेक कर सकते हैं। साथ ही स्वीकृत पॉलिसी की डिटेल भी आपको वहीं मिल जाएगी।
प्त्क्।प् ने कुछ साल पहले बीमा कंपनियों के लिए वाहन बीमा पॉलिसी पर एक फत् कोड प्रिंट करना जरूरी कर दिया है, इससे आप पॉलिसी की डिटेल्स क्यूआर कोड के जरिये मोबाइल पर चेक सकते हैं। भारत में दिसंबर 2015 के बाद बिकने वाली मोटर बीमा पॉलिसियों में आम तौर पर एक क्यूआर कोड होता है।

चीन सरकार के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया

इंटरनेट सर्च इंजन गूगल पर चीन की सरकार के साथ मिलकर काम करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं। अमेरिकी सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उनका प्रशासन इस मामले की जांच करेगा। दरअसल, ट्रंप का बयान टेक अरबपति पीटर थील की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने भारतीय मूल के अमेरिकी सुंदर पिचाई की अगुआई वाली कंपनी गूगल पर देशद्रोह का आरोप लगाया है। ट्रंप ने ट्वीट किया, श्अरबपति टेक इन्वेस्टर पीटर थील का मानना है कि गूगल पर देशद्रोह के आरोप की जांच होनी चाहिए। उनका आरोप है कि गूगल कंपनी चीन की सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।श् उन्होंने आगे कहा कि वह (पीटर) एक महान और प्रतिभाशाली शख्स हैं, जो इस विषय को किसी से भी बेहतर तरह से जानते हैं। राष्ट्रपति ने आगे लिखा, ट्रंप प्रशासन इस मामले पर गौर करेगा।
इस बीच, गूगल ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। 2010 में इस टेक कंपनी ने अपने सर्च इंजन को चीन से बाहर कर लिया था। दरअसल, चीन सरकार उसके सर्च रिजल्ट्स को सेंसर करने की कोशिश कर रही थी। इसके विरोध में गूगल को यह कदम उठाना पड़ा। हालांकि हाल में खबरें आईं थीं कि इसने चीन के लिए अपने सर्च इंजन के एक संशोधित वर्जन पर काम करना शुरू किया है।
हालांकि कंपनी का कहना है कि उसका इरादा इसे लागू करने का नहीं है। ट्रंप पहले भी कई बार गूगल पर अपने और समर्थकों के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का आरोप लगाते रहे हैं। उधर, पीटर थील के बारे में बताया जा रहा है कि वह गूगल के कई प्रतिस्पर्धियों से जुड़े हुए हैं।

टिहरी के नैनबाग में भी शराब की बॉटलिंग करने की तैयारी

देवप्रयाग के निकटवर्ती इलाके डडुवा भंडाली के बाद अब टिहरी जिले के ही नैनबाग में भी शराब की बॉटलिंग करने की तैयारी की जा रही है। हाइलैंड बॉटलस नाम के इस प्लांट को स्थापित करने की अनुमति मिल चुकी है। अब केवल बॉटलिंग की अनुमति मिलनी बाकी है। इसके वजूद में आने के बाद टिहरी जिले में यह दूसरा बॉटलिंग प्लांट होगा।
डडुआ भंडाली में बॉटलिंग प्लांट लगाने की अनुमति वर्ष 2016 में दी गई थी और इसी साल जून में प्लांट में बॉटलिंग का लाइसेंस जारी किया गया। यहां बॉटलिंग की गई शराब की पहली खेप बाजार में पहुंचने पर यह बात सार्वजनिक हुई। स्थानीय लोग बॉटलिंग प्लांट का विरोध कर रहे हैं। इस बीच, इसी जिले के जौनपुर ब्लाक के नैनबाग में एक और बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने की तैयारी का पता चला है।
आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार हाइलैंड बाटलस के नाम इस प्लांट को स्थापित करने की प्रक्रिया भी वर्ष 2016 में शुरू की गई थी। अगस्त 2018 में यहां प्लांट स्थापित करने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन अभी बॉटलिंग का लाइसेंस नहीं दिया गया है। संपर्क करने पर जिला आबकारी अधिकारी रेखा जुयाल भट्ट ने पुष्टि की कि नैनबाग में बॉटलिंग प्लांट की स्थापना के लिए अनुमति दी गई है, लेकिन अभी बॉटलिंग की अनुमति नहीं दी गई है।

एसडीएम ने किया प्लांट का निरीक्षण
एसडीएम अनुराधा पाल ने बुधवार को डडुवा भंडाली पहुंचकर बॉटलिंग प्लांट का निरीक्षण किया। प्लांट के दस्तावेजों के का अवलोकन करने साथ ही प्लांट में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी जुटाई। प्लांट में काम कर रहे स्थानीय लोगों से सुविधाओं के बारे में जानकारी जुटाई। एसडीएम ने बताया कि प्लांट के दस्तावेज सही पाए गए हैं। यहां पर बॉटलिंग की गई शराब का एक बैच की पिछले महीने बाजार में आपूर्ति की गई।

बीयर और मिनरल वाटर प्लांट तैयार
डडुवा भंडाली में एक ही कैंपस में तीन फैक्ट्री खोलने की तैयारी है। बॉटलिंग प्लांट के अलावा यहां पर एक बीयर प्लांट और एक मिनरल वाटर प्लांट भी बनाया गया है। हालांकि, बीयर और मिनरल वाटर प्लांट अभी संचालित नहीं हो रहे हैं। बॉटलिंग प्लांट की अनुमति मिल गई है, लेकिन यहां बीयर बनाने के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया है। बताया गया कि बॉटलिंग प्लांट संचालकों ने बीयर प्लांट और मिनरल वाटर प्लांट बनाने के लिए भी वर्ष 2016 में आवेदन कर दिया था, लेकिन अभी इनका लाइसेंस नहीं मिल पाया है।

स्वरोजगार की दिशा में सार्थक प्रयास है ‘‘पहाड़ी रसोई‘‘

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महिला सशक्तिकरण के साथ ही प्रदेश के परम्परागत व्यंजनों को बढ़ावा देने तथा देश व दुनिया में पर्यटकों के माध्यम से इसकी पहचान बनाने के लिए पहाड़ी रसोई योजना को कारगर प्रयास बताया है। राजपुर रोड स्थित अनिकेत पैलेस में सरस्वती जागृति महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित ‘‘पहाड़ी रसोई‘‘ का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला समूह द्वारा किया गया यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की भी मजबूत पहल है। उन्होंने इसे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायी भी बताया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि समाज में महिला व पुरुष दोनों पक्ष यदि सशक्त होंगे तो हमारा समाज भी आगे बढ़ेगा तथा समाज का कल्याण भी होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारा प्रदेश पर्यटन प्रदेश है। यहां आने वाले पर्यटकों को पर्वतीय व्यंजनों की चाहत रहती है। इससे हमारे उत्पादों को देश व दुनिया में पहचान मिलने के साथ ही पारम्परिक खेती के उत्पादन के प्रति हमारे लोग प्रेरित होंगे। इससे पारम्परिक उत्पादों व खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे उत्पाद पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने, इसके भी प्रयास किए जाने चाहिए। इस अवसर पर विधायक खजान दास, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार के.एस.पवार, सरस्वती जागृति महिला स्वयं सहायता समूह की सुश्री पूजा तोमर, सुषमा शालिनी आदि उपस्थित थे।