जीएसटी ने देश को सिंगल मार्केट में बदल दियाः मोदी

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इंवेस्टर्स समिट का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में टैक्स व्यवस्था में बहुत सुधार किए गए हैं। टैक्स से जुड़े मामलों के समाधान को और पारदर्शी और तेज करने का प्रयास किया जा रहा है। इन्सॉल्लवॅन्सि और बैंकरपटीस कोड से आज कारोबार आसान हुआ है, बैंकिंग सिस्टम को भी ताकत मिली है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तौर पर भारत ने स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा टैक्स रीफॉर्म किया है। जीएसटी ने देश को सिंगल मार्केट में बदल दिया है और टैक्स बेस बढ़ाने में भी मदद की है।

विदेशी निवेशकों के लिये भी भारत में बना सर्वोत्म माहौल

देश विदेश से निवेशकों के लिए भारत में सर्वोत्म माहौल बना है। हाल ही में शुरू आयुष्मान योजना से भारत में मेडिकल सेक्टर में निवेश की संभावना बढ़ी है। आने वाले दिनों में टायर टू टायर थ्री शहरों में मेडिकल कालेज बनेंगे, नए अस्पताल बनेंगे। देश के 50 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को इस योजना के तहत इंश्योरेंस एश्योरेंस मिल रहा है। अमेरिका कनाडा मैक्सिको से ज्यादा आबादी को लाभ मिलेगा।

विकास की पटरी में तेज गति से आगे दौड़ रहा उत्तराखंड
उत्तराखंड देश के उन राज्यों में हैं, जो न्यू इंडिया डेमोग्राफिक रिपर्जेंट करता है। सरकार की तारिफ करते हुए उन्होंने कहा कि असीम संभावनाओं को अवसर में बदलने में उत्तराखंड त्रिवेंद्र सरकार प्रयासरत है। उत्तराखंड के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार की संभावनाएं जगेंगी। निवेशकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें, इसके लिए प्रक्रिया को आनलाइन किया गया है।
फूड प्रोसेसिंग को आगे बढ़ाने के लिए हो रहा काम

चार साल के दौरान कनेक्टीविटी बढ़ाने के लिए उत्तराखंड में प्रयास किए गए हैं। गांव गांव सड़कें, चारधाम आल वेदररोड, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम हुआ है। इससे पर्यटन उद्योग को लाभ मिलेगा। एडवेंचर, मेडिशन, योगा को इसका लाभ मिलेगा। अब तो उत्तराखंड सरकार ने अलग उद्योग पालिसी बनाकर पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया। 18 साल में पहली बार जिलों में टूरिज्म डेस्टीनेशन बनाकर अच्छी पहल। राज्य को आर्गेनिक स्टेट बनाने में काम हो रहा है। केंद्र भी काम कर रही है।

दुनियां की सबसे बड़ी मोबाइल मेन्यूफेक्चरिंग यूनिट भारत में काम कर रही है। दुनियां के बड़े ब्रांड मेक इन इंडिया का हिस्सा है। इस इवेंट में जापान उत्तराखंड के साथ है। उत्तराखंड न्यू इंडिया की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए आमंत्रित कर रहा हूं। भारत की प्रगति हमारे राज्यों की पोटेंशियल को चेनलाइज करें तो इस देश की विकास यात्रा को दुनियां में कोई नहीं रोक सकता है।
18 साल की उम्र का महत्व होता है

हमारे नौजवानों में ताकत है। 18 साल की उम्र का महत्व होता है। उत्तराखंड की उम्र 18 साल है। इन 18 साल को बेकार न जाने दें। औषधियों के कारण, मां गंगा के कारण, तपस्या के कारण ऐसी जड़ है। उत्तराखंड में ऐसी जड़ है। विश्वास है रावत के नेतृत्व में 18 साल की उम्र में राज्य ऐसा कार्य करेगा। इसकी शुभ शुरुआत भगीरथ प्रयास से हुई।

इससे पूर्व, पीएम मोदी ने रिबन काटकर कार्यक्रम का उद्धाटन किया। इसके बाद पीएम को उत्तराखंड की खूबसूरती की तस्वीरें दिखाई गई। वीडियो क्लीपिंग के जरिये पीएम को राज्घ्य में संभावनाएं बताई गईं। वन, पर्यटन, बागवानी, धर्म और संस्कृति के नजारे दिखाए गए। प्रदर्शनी देखने के दौरान पीएम मोदी ने फूड प्रोसेसिंग के स्टाल पर जानकारी ली। उद्घाटन के अवसर पर पारंपरिक मांगल गीत दैंणा हुंय्या, खोलि का गणेशा.. की प्रस्तुति दी गई। यह प्रस्तुति देने वाले 30 कलाकारों का दल उत्तराखंड के पारंपरिक परिधानों में सजा हुआ था।

गढ़वाली बोली से सीएम ने किया निवेशकों का स्वागत

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार, देहरादून के अलावा नये निवेशकों नये हिल स्टेशन के दिए प्रस्ताव। साढ़े तीन हजार एनएच, 35 हजार किमी सड़कें हैं। सड़कों के जाल उधगों में मिलेगा लाभ। उड़ान योजना का मिलेगा लाभ। आल वेदर रोड का काम चल रहा है। दिल्ली और दून की नजदीकियां बढ़ी। मेट्रो और सड़क मार्ग में कई योजनाओं पर चल रहा काम। पुराने पर्यटन स्थलों के साथ साथ नये 13 डेस्टिनेशन पर चल रहा काम। 4000 मेगावाट की रिन्यूवल ऊर्जा की जरूरत।पिरूल की पत्तियों से ऊर्जा उत्पादन की योजना। ऑर्गनिक खेती पर 10 हजार क्लस्टर बनाये जा रहे हैं। गढ़वाली बोली के साथ सीएम ने किया निवेशकों का स्वागत।

वीडियो क्लीपिंग के जरिये दिखाई गई उत्तराखंड की खूबसूरती

इसके बाद निवेशकों को शार्ट वीडियो क्लीपिंग के जरिये उत्तराखंड की खूबसूरती दिखाई गई। यहां पूर्व में निवेश कर चुके निवेशकों ने अपने अनुभव शेयर किए। अमूल डेयरी के निदेशक आरएस सोढ़ी ने समिट को संबोधित किया।

अमूल डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर आरएस सोढ़ी ने कहा कि उत्तराखंड में जितने दूध की खपत है उसका केवल 15 प्रतिशत ही यहां उत्पाद होता है। बाकी 85 फिसदी दूध बाहर से आता है। आने वाले समय में उत्तराखंड दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकता है।

चेक रिपब्लिक के राजदूत मिलॉन होवार्का ने नमस्कार कहकर अपना संबोधन शुरू किया और योगा को सराहा। उत्तराखंड की तेज गति से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि चेक गणराज्य राज्य के विकास के लिए तत्पर है। कहा कि बायोमास, सोलर एनर्जी और ऑटो मोबाइल के क्षेत्र में चेक गणराज्य और उत्तराखंड के बीच में बेहतर तालमेल हो सकता है। इसके बाद उन्होंने समिट का बुलावा देने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को धन्यवाद कहा।

जापान सैनिटेशन और एग्रीकल्चर के क्षेत्र में देंगे सहयोग

जापान के उच्चायुक्त ने कहा कि जापान और भारत के बीच हमेशा से अच्छे संबंध रहे हैं। इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी को जापान आने का निमंत्रण दिया। कहा कि हम उत्तराखंड को सैनिटेशन और एग्रीकल्चर के क्षेत्र में सहयोग देंगे।

यहां निवेश की हैं अपार संभावनाएंः प्रणव अडानी
अडानी ग्रुप के प्रणव अडानी के कहा कि हम उत्तराखंड ऑर्गेनिक कमॉडिटी मोड में निवेश कर रहे हैं। यहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं।

12 हजार से ज्यादा जड़ी बूटियां उत्तराखंड में उपलब्धः आचार्य बालकृष्ण

पतंजलि की ओर से समिट में शिरकत कर रहे आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि 12 हजार से ज्यादा जड़ी बूटियां उत्तराखंड में उपलब्ध हैं। इनमें कई दुर्लभ जड़ी बूटियां भी हैं। पतंजलि ने 30 हजार लोगों को रोजगार दिया है। देश का पहला फूड पार्क उत्तराखंड में पतंजलि द्वारा संचालित है।

महिंद्रा ने उत्तराखंड के विकास में योगदान दिया

महिंद्रा ग्रुप की ओर से पवन कुमार गोयंका ने पीएम मोदी, उत्तराखंड की राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रियों, अधिकारियों और निवेशकों का अभिवादन किया। कहा कि यहां का चारधाम दुनिया भर में प्रसिद्ध है। राज्य की स्थापना से लेकर अभी तक महिंद्रा ने उत्तराखंड के विकास में योगदान दिया। अभी तक महिंद्रा ने राज्य में 16 लाख गाड़िया और ट्रैक्टर बनाए हैं। राज्य की प्रगति की मनोकामना करते हुए उन्होंने उपस्थित निवेशकों से यहां निवेश करने का आग्रह किया।

सीएम ने इन्वेस्टर्स समिट के तहत नौ नीतियों का विमोचन किया

राज्य में सरकार की ओर से इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने के प्रयास सफल होते दिख रहे है। विभिन्न औद्योगिक घरानों से राज्य में इन्वेस्ट के लिये 74 हजार करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हुये है। साथ ही 61 हजार करोड़ के प्रस्तावों पर निवेश के लिए समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर (एमओयू) किए जा चुके हैं।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा तैयार की गई नौ नीतियों का विमोचन किया। इनमें वृहद औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, उत्तराखंड सौर ऊर्जा नीति, उत्तराखंड आयुष नीति, बायोटेक्नोलॉजी नीति, पिरुल व अन्य प्रकार के बायोमास से विद्युत उत्पादन नीति, उत्तराखंड एरोमा नीति, राइट ऑफ वे नीति, उत्तराखंड इलेक्टिक वाहन विनिर्माणक ई वी उपयोग संवर्धन और संबंधित अवसंरचना नीति तथा उत्तराखंड पर्यटन नीति शामिल हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि के मद्देनजर उद्योग व अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन करने के साथ ही बाजार को देखकर नीतियां बनाई गई हैं। इनका मकसद यह है कि राज्य में उद्योग और बेहतर निवेश करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि से पहले सरकार 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगा रही थी लेकिन विभिन्न स्थान पर किए गए रोड शो से काफी सकारात्मक रुझान मिले हैं।

पर्वतीय क्षेत्रों का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। सौर ऊर्जा, फूड प्रोसेसिंग, हर्बल, ऑर्गेनिक, आयुष व पर्यटन में होने वाले निवेश का लाभ राज्य को मिलेगा। सोलर पावर नीति में पांच मेगावाट प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक ईकाइयों की स्थापना के लिए प्रदेश के पास पर्याप्त भूमि है कुछ और क्षेत्रों का चयन किया गया है। पर्वतीय जिलों में लघु औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं और जिलाधिकारियों को भी नए स्थान चिह्नित करने को कहा गया है।

उत्तराखंड पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्णः अडाणी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी से शिष्टाचार भेंट की। इस दोनों के बीच राज्य में ऊर्जा के अलावा कृषि, संचार एवं पर्यटन से सम्बन्धित अवस्थापना योजनाओं में निवेश से सम्बन्धित प्रस्तावों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अडाणी के प्रस्तावों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य में निवेश की पहल को देश विदेश के उद्यमियों द्वारा सराहा गया है, जो राज्य के आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्यमियों को अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा व्यापक पहल व व्यवस्थायें भी सुनिश्चित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने अडाणी से बेमौसमी खाद्य उत्पादों, एरोमेटिक प्लान्ट तथा फलोत्पादन की दिशा में भी सहयोग की अपेक्षा की।

इस दौरान अडाणी ने देहरादून, मसूरी, नैनीताल, हेमकुण्ड साहिब, यमुनोत्री व केदारनाथ में रोपवे के निर्माण के प्रति दिलचस्पी दिखायी। इसके अलावा स्मार्टसिटी योजना, ऋषिकेश में स्थापित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय कन्वेंसन सेन्टर, टिहरी लेक में होने वाली पर्यटन गतिविधियों, वेलनेस सेन्टर, सौर ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पाद एवं कृषि से सम्बन्धित विभिन्न निवेश योजनाओं पर भी व्यापक चर्चा की।

अडाणी ने कहा कि उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत पर्यटन गतिविधियों पर विशेष फोकस किये जाने की जरूरत है। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के प्रोसेसिंग व पैकेजिंग पर भी ध्यान दिये जाने की बात कही तथा कृषि उत्पादों के बेहतर प्रसंस्करण के लिये अपनी टीम उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया।

सीएम त्रिवेन्द्र ने की राज्य में फार्मा उद्योग की प्रगति पर समीक्षा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को कहा कि महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये सेलाकुई चौकी को थाना बनाया जायेगा। साथ ही यहां महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई जायेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में राज्य में फार्मा उद्योग की प्रगति की समीक्षा के दौरान उक्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने युवाओं में नशे के बढ़ते प्रचलन पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि जल्द से जल्द दवाईयों की जांच व नशे के व्यापार करने वालो पर कड़े नियन्त्रण हेतु पर्याप्त संख्या में ड्रग्स इन्सपेक्टरों की व्यवस्था की जाए।

सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी दी कि राज्य की स्थापना के समय मात्र 1500 मेडिकल स्टोर थे जिनकी वर्तमान में संख्या 15000 तक पहुंच गई है। राज्य में 80 ड्रग्स इन्सपेक्टरों की आवश्यकता है। जबकि वर्तमान में मात्र चार ड्रग्स इन्सपेक्टर कार्यरत है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य की दुर्गम पहाड़ी स्थिति को ध्यान में रखते हुए फार्मा उद्योग हेतु मशीनरी, कच्चा माल एवं पैकिंग के कारण दवाईयंो की लागत बढ़ने की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए फार्मा इकाईयों को माल भाडे में अनुदान के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने सचिव ऊर्जा तथा ऊर्जा निगमों के अधिकारियो को फार्मा उद्योगो को अबाधित बिजली आपूर्ति पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने हरिद्वार में एक्सपोर्ट हब स्थापित करने की संभावनाओं पर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्यात की जाने वाली दवाईया अर्न्तराष्ट्रीय गुणवता मानकों पर खरी उतरे इसके लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाए स्थापित करने हेतु प्रस्ताव पर विचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि फार्मा उद्योग तथा बायो डायवर्सिटी बोर्ड के मध्य समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु शीघ््रा बैठक आयोजित की जाए। देहरादून के सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र व फार्मासिटी होने के कारण यहां पर महिला श्रमिकों की संख्या बहुत अधिक हैं।

सेलाकुई फार्मासिटी में महिला सुरक्षा के मुद्ये पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने वरिष्ठ पुलिस अघीक्षक देहरादून को निर्देश दिए कि सेलाकुई चौकी को थाने में तब्दील किया जाय तथा थाने में पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि दवा निर्यात बढाने तथा अत्याध्ुानिक इकाईयो, प्रयोगशालाओं व अन्य सुविधाओं की स्थापना हेतु औद्योगिक भूमि की आवश्यकता को देखते हुए अन्य ऐसे उद्योग या अस्पताल जिन्हें सरकार द्वारा पूर्व में भूमि आवटित की गई थी। परन्तु जिसका उपयोग पिछले 10 वर्ष से नही हुआ, ऐसे खाली पडे भूखण्डों की सूचना एकत्र की जाए।

जानिए आखिर कैसे दो गुने आकार के साथ बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक दोगुनी हो जाएगी. मंत्रालय के मुताबिक 2025 तक इकोनॉमी पांच हजार अरब डॉलर की हो जाएगी।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक दोगुनी होगी। यह तेज रफ्तार से बढ़ते हुए 5,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। मंत्रालय ने इसके साथ ही कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर कोई खतरा नहीं है।

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सात से आठ फीसदी की दर से बढ़ने के प्रति अग्रसर है। स्टार्टअप, एमएसएमई और बुनियादी ढांचे के निवेश पर ध्यान दिए जाने से इकोनॉमी की रफ्तार और भी बढ़ेगी। इसमें लगातार तेजी आ सकती है।

गर्ग भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसमें उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अगर अगले 7-8 सालों के भीतर वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन बढ़ता है और मांग का सृजन होता है, तो हम 2025 तक अर्थव्यवस्था के आकार को 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचा सकेंगे। यह एक उचित लक्ष्य है।

बता दें कि फिलहाल भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 2,500 अरब डॉलर का है। यह दुनिया की 6वीं छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मुद्रास्फीति को लेकर गर्ग ने कहा कि यह काफी हद तक रिजर्व बैंक के लक्ष्य चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में है।

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 2.48 फीसदी पर आ गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में चार महीने के निचले स्तर 4.44 प्रतिशत पर रही है। रिजर्व बैंक ने अपनी फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया था।

अब गाड़ियों में बीएस-6 पेट्रोल डलेगा, फायदे जानने के लिए अधिक पढ़े

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से देश के 13 मेट्रो शहरों में माह अप्रैल 2019 से बीएस-6 फ्यूल उपलब्ध कराने पर विचार करने को कहा है। इससे पहले भी बीएस-6 पेट्रोल-डीजल उपलब्ध करवाने के बारे में कहा गया है।

आखिर ये बीएस-6 क्या है?
बीएस का अर्थ भारत स्टेज है और यह वायु प्रदूषण फैलाने वाले मोटर गाड़ियों सहित सभी इंजन वाले उपकरणों के लिए मानक है। बताया जा रहा है कि बीएस-6 ग्रेड के ईंधन से प्रदूषण में कमी होगी।

बीएस-6 नियम आने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। बीएस-6 फ्यूल आने से पर्टिकुलेट मैटर में इनकी 20 से 40 एमजीसीएम तक ही हिस्सेदारी रहेगी।

जानकारी के अनुसार बीएस-6 फ्यूल से सल्फर की मात्रा बीएस-4 से 5 गुना तक कम होगी। यह काफी क्लीन फ्यूल होता है। इस फ्यूल के इस्तेमाल से सड़कों पर चल रही पुरानी गाड़ियों में भी फैल रहा प्रदूषण कम होगा। बीएस-6 गाड़ियों में भी एडवांस एमिशन कंट्रोल सिस्टम फिट होगा। हालांकि इसके लिए गाड़ियों के ईंजन को भी इसके अनुसार ही होना चाहिए।

क्या हैं बीएस (भारत चरण) के नॉर्म्स
वायु प्रदूषण फैलाने वाले मोटर गाड़ियों सहित सभी इंजन वाले उपकरणों के लिए भारत चरण उत्सर्जन मानक (बीएस) की शुरुआत केंद्र सरकार ने वर्ष 2000 में की थी। इसके विभिन्न मानदंडों को समय और मानकों के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर लाया जाता है। भारत चरण (बीएस) मानदंड यूरोपीय नियमों पर आधारित हैं।

कितना महंगा होगा
वर्ष 2020 की डेडलाइन के मुताबिक ज्यादा स्वच्छ पेट्रोल-डीजल बनाने के लिए ऑयल रिफाइनरियों को 28000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। हालांकि, फ्यूल कितना महंगा होगा या नहीं होगा। यह उस वक्त क्रूड (कच्चा तेल) की कीमतों पर निर्भर करेगा। आम आदमी पर सीधा असर ये होगा कि अब उन्हें किसी भी कंपनी का एंट्री मॉडल पहले की तुलना में महंगा मिलेगा।
वहीं स्वास्थ्य के तौर पर ये गाड़ियां पहले की अपेक्षा बेहतर साबित होंगी। हालांकि सरकार का लक्ष्य बीएस-6 मॉडल को देश में लागू करवाना है, जिसमें अभी वक्त लगेगा।

देश की नजर आज उत्तराखंड परः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता मिलन हॉल में उत्तराखण्ड सरकार एवं वर्ड हिन्दू इकोनॉमिक फोरम के तत्वावधान में उद्यमियों एवं विषय विशेषज्ञों के साथ आयोजित आर्थिक परिचर्चा में प्रतिभाग किया। उन्होंने उद्यमियों का आभार व्यक्त कर कहा कि इस परिचर्चा से प्रदेश में पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, आईटी, कृषि आदि के क्षेत्र में हुए मंथन का लाभ प्रदेश को मिलेगा तथा विकास के प्रति हमारी सोच को नया दायरा मिलेगा।

मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्री केदारनाथ के कपाट खुलने व बन्द होने के समय दो बार श्री केदारनाथ आये। उनकी सोच स्पष्ट है कि दुनिया के 120 करोड़ हिन्दू उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा पर आना चाहते है। इसके लिये इस देवभूमि में सड़क, रेल व वायु परिवहन सेवाओं का बेहतर होना आवश्यक है, इसी दिशा में उन्होंने 12 हजार करोड़ रूपये ऑल वेदर रोड, 13 हजार करोड रूपये भारतमाला योजना तथा 1600 करोड रूपये ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिये स्वीकृत किये है, जिस पर कार्य तेजी से किया जा रहा है।
जॉलीग्रांट हवाई अड्डे को एलीवेटेड रूप में विस्तार कर इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके साथ ही पंतनगर हवाई अड्डे, चिन्यालीसौड, नैनी सैनी हवाई पट्टियों के विस्तारीकरण के साथ ही चौखुटिया में नई हवाई पट्टी बनायी जायेगी। उत्तराखण्ड में भविष्य के पर्यटन का आधार तैयार किया जा रहा है।

कई फिल्मों का फिल्मांकन यहां पर किया जा रहा है। इसके लिये सूटिंग फीस को माफ किया गया है। जनपद चमोली के सीमांत गांव घेस व हिमनी को वाई-फाई सुविधा से जोडा गया है। 36 अस्पताल व ब्लड बैंको, दवा स्टोरों को ऑनलाइन किया गया है। टेली मेडिसिन से जुडे अस्पतालो को अपोलो अस्पताल से जोडा गया है। जहां से विशेषज्ञ डॉक्टरो का परामर्श प्राप्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के 144 ई-अस्पतालों में से 47 उत्तराखण्ड में है। उन्होंने कहा कि नई तकनीकि के माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र की कमियों को दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 03 साल के अन्दर प्रदेश के सभी गांवों को ऑप्टीकल फाइवर से जोडने का हमारा प्रयास है, इससे प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग देश व दुनिया को देख सकेंगे।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड सदियो से साधको मनीषियों व पर्यटको के आर्कषण का केन्द्र रहा है। प्रदेश में गढवाल व कुमाऊं में 24 धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाये जा रहे है। चारधाम पैदल यात्रा मार्ग की हजारों साल पुरानी परम्परा की शुरूआत की जा रही है। इससे हमारे पड़ाव व चट्टियों को पुनर्जीवित करने तथा पलायन रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोकल खान-पान व ट्राईवल दूरिज्म को भी बढ़ावा दिये जाने की योजना हमारी है।

छापेमारी में नीरव मोदी के ठिकानों से हुयी 5100 करोड़ की संपत्ति जब्त

पंजाब नेशनल बैंक में हुये महाघोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी का भारत को छोड़ अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप व दुनिया के कई जगहों में कारोबार है। पीएनबी महाघोटाला प्रकाश में आने पर प्रवर्तन निदेशालय ने गुरूवार को अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के भारतीय ठिकानों पर छापेमारी की गयी।


एक्शन में आने के बाद ईडी ने बताया कि इस घोटाले की रकम हांगकांग से निकाली गई थी। अब ईडी हांगकांग के अधिकारियों के साथ संपर्क कर जानने की कोशिश कर रही है कि इस रकम का क्या हुआ। ईडी ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी समेत इस घोटाले के चार आरोपियों को पूछताछ के लिए समन भी जारी किया है।

गुरुवार को ईडी ने नीरव मोदी के जयपुर, सूरत, दिल्ली समेत कुल 17 स्थानों पर छापेमारी की। नीरव मोदी के दफ्तरों, शोरूम और वर्कशाप पर छापेमारी के दौरान करीब 5,100 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की।

पीएनबी में 11,360 करोड़ रुपये के घपले में नीरव मोदी की कंपनियों और बैंक की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा के कुछ अन्य खातों की संलिप्तता उजागर होने के एक दिन बाद बड़े स्तर कार्रवाई शुरू की गई है। पीएनबी के कम से कम 10 बैंक कर्मियों को निलंबित किया गया है, लेकिन पीएनबी की कर्ज अनुमति कमेटी या निदेशक मंडल से कोई इनमें शामिल है या नहीं, यह अभी साफ नहीं हुआ है।

सीबीआई ने पिछले सप्ताह मोदी और उनकी पत्नी एमी और भाई निशाल व मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इससे पहले पीएनबी ने 29 जनवरी को 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर इन चारों के खिलाफ शिकायत की थी।

यह धोखाधड़ी का मामला साल 2011 का है. बताया जाता है कि नीरव मोदी ने पीएनबी और अन्य बैंकों को लिखा था कि वह बकाए की वापसी कर देंगे। मालूम हो कि नीरव मोदी का कारोबार भारत के अलावा यूरोप, अमेरिका, ब्रिटेन, मध्यपूर्व और सुदूर पूर्व में भी है।

आपको बता दें कि इस घोटाले की रकम विजय माल्या के 9,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने से मुकरने से बड़ी है। बैंकों को चूना लगाने के ये मामले तब उजागर हो रहे हैं जब बैंकों के डूबे हुए कर्ज को लेकर भारतीय बैंकिंग प्रणाली सवालों के दौर से गुजर रही है।

बजट के बाद बाजार में देखी गयी गिरावट

बजट के बाद से शेयर बाजार की गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को बाजार बंद होने से पहले सेंसेक्स और निफ्टी में 2.5-2.5 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। सेंसेक्स 888 अंक गिरकर 35,018 पर पहुंच गया था और निफ्टी 275.40 अंक की गिरावट के बाद 10,741 पर जा गिरा था। अगस्त 2017 के बाद से ये बाजार का सबसे निचला स्तर है।

क्यों आई बाजार में गिरावट
बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्टॉक्स की कमाई पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाया है जिसके तहत आपको 1 साल से ज्यादा समय तक रखे गए शेयरों से हुई 1 लाख रुपये तक की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा। वहीं बजट में एसटीटी (सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स) को भी हटाया नहीं गया। जिससे निवेशकों में दोहरा टैक्स देने की खबर से घबराहट है।

बाजार बंद होने पर
बाजार बंद होते समय बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स 839.91 अंक आनी 2.34 फीसदी की गिरावट के साथ 35,066.75 पर जाकर बंद हुआ और एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 256.30 अंक यानी 2.33 फीसदी की गिरावट के साथ 10,760.60 पर जाकर बंद हुआ है।

सेक्टरवार प्रदर्शन
सबसे ज्यादा 6.17 फीसदी की गिरावट रियलटी शेयरों में देखी गई है और मीडिया शेयर 3.53 फीसदी टूटे हैं। ऑटो शेयरों में 3.35 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार बंद हुआ है। एनर्जी शेयरों में 3.43 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार बंद हुआ है।

निफ्टी के सबसे ज्यादा चढ़ने वाले गिरने वाले शेयर
शुक्रवार को निफ्टी के 50 में से सिर्फ 5 शेयरों में तेजी के साथ कारोबार बंद हुआ है और बाकी 45 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए हैं। चढ़ने वाले 4 शेयरों में आईटी शेयर हैं। इनमें टेक महिंद्रा करीब 1 फीसदी की तेजी के साथ, एचसीएल टेक 0.64 फीसदी, टीसीएस 0.46 फीसदी और इंफोसिस 0.06 फीसदी की मामूली तेजी के साथ बंद हुए हैं।

इस नियम को फॉलो करने से ही कमा सकेंगे यूटयूब से पैसा

यू-टयूब से पैसा कमाना अब और मुश्किल होने जा रहा है। कंपनी ने अपने पार्टनर प्रोग्राम को अपडेट किया है। इसके मुताबिक अब चैनल या क्रिएटर को पैसा कमाने के लिए ज्यादा सब्सक्राइबर्स चाहिए होंगे। अब उन्हीं चैनलों को विज्ञापन मिल सकेंगे जिनके पास कम से कम 1000 सब्सक्राइबर्स हों और 12 महीने में कम से कम 4,000 घंटे वीडियो चैनल पर देखें गए हों।

बता दें इससे पहले कंपनी ने मिनिमम व्यूज 10 हजार रखा था, यानी अब तक 10 हजार व्यूज पूरे होने पर विज्ञापन मिलते थे। यूट्यूब ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि 20 फरवरी अंतिम तारीख होगी। यानी जिस चैनल के वीडियो को 4 हजार घंटे के व्यूज नहीं मिलेंगे और 1,000 सब्सक्राइबर्स पूरे नहीं होंगे उन्हें 20 फरवरी के बाद से विज्ञापन नहीं मिलेंगे।

यूट्यूब ने ये कदम लोगल पॉल की हालिया घटना के बाद उठाया है। कुछ समय पहले यू-ट्यूबर और क्रिएटर लोगन पॉल ने एक सुसाइड वीडियो पोस्ट कर दिया था, जिसमें डिस्टर्ब करने वाले कंटेट थे। इस वीडियो में जापान के एक फॉरेस्ट में डेड बॉडी दिखाई गई थी।

हजारों लोग यूट्यूब के पार्टनर प्रोग्राम के जरिए हर साल ढेरों पैसे कमाते हैं, लेकिन यूट्यूब के इस नए नियम के बाद काफी क्रिएटर्स को पैसे कमाने में दिक्कत होगी। साथ ही नए क्रिएटर्स को भी अपना चैनल शुरू करने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी।

यूट्यूब के मुताबिक, कंपनी ने ये प्रतिबंध इसलिए लगाया है ताकी कंपनी क्रिएटर्स पर निगरानी रख सके, कि क्या क्रिएटर्स कंपनी के गाइडलाइन को फॉलो करते हैं या नहीं?