विसिल ब्लोअर के इनपुट की प्रतीक्षा न करते हुए प्रोएक्टिव होकर रैंडमली छापेमारी करेंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में संबंधित अधिकारियों के साथ एंटी ड्रग्स कैंपेन अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

मुख्य सचिव ने कहा कि राजधानी देहरादून में विभिन्न तकनीकी, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों में नशा मुक्ति अभियान के तहत की जा रही एनफोर्समेंट की कार्रवाई से संतोष व्यक्त नहीं किया जा सकता।

उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसे सभी शैक्षणिक संस्थानों तथा उसके सराउंडिंग स्थित रेस्टोरेंट, ढाबों इत्यादि पर रैंडमली छापेमारी करें। ड्रग लेने के वाले व्यक्ति की सैंपलिंग करें और उनका मेडिकल भी करें।

उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों को एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत उनकी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने को निर्देशित करने को कहा। साथ ही निर्देशित किया कि जो शैक्षणिक संस्थान एंटी ड्रग कैंपेन में लापरवाही दिखाते हैं उन पर एक्ट के अंतर्गत सख्त वैधानिक कार्रवाई करें।

मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ड्रग्स से संबंधित विसिल ब्लोअर्स की सूचना पर ही डिपेंड ना रहें बल्कि प्रोएक्टिव होकर औचक छापेमारी करते हुए ड्रग्स पैडलर और यूजर को धर दबोचें।

मुख्य सचिव ने सख्त एनफोर्समेंट की कार्रवाई करने के अतिरिक्त सभी शैक्षणिक संस्थानों में सिविल सोसाइटी के सदस्यों, इस क्षेत्र में सक्रिय छळव्, महिला और युवा मंगल दलों के समन्वय से जागरूकता कैंपेन भी निर्देश दिए।

उन्होंने अवेयरनेस कैंपेन के लिए प्रचार प्रसार हेतु सोशल मीडिया का भी अधिक -से -अधिक उपयोग करने के निर्देश भी दिए।

इस दौरान बैठक में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार, उप महानिरीक्षक निवेदिता कुकरेती, जिलाधिकारी देहरादून सबिन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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एमपीएसीएस को ग्रोथ सेंटर और एनआरएलएम से कनेक्ट करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि डच्।ब्ै को ग्रोथ सेंटर और एनआरएलएम से कनेक्ट करें। जिससे लाभार्थियों को अधिक विकल्प मिले। कहा कि लोगों को सहकारिता विभाग से संबंधित सभी प्रकार की योजनाओं और सेवाओं का लाभ एक ही प्लेटफार्म पर मिले इसके लिए कंप्यूटरीकरण और अन्य इंप्रूवमेंट के किया जा रहे कार्यों के टारगेट को शीघ्रता से पूरा करें।

उन्होंने कहा कि संचालित योजनाओं में नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही एमपीएसीएस को एपीओ के रूप में संयोजित करने हेतु नाबार्ड का सहयोग प्राप्त करें।

उन्होंने 672 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों एवं 331 राज्य/जिला सहकारी बैंक की शाखाओं के माध्यम से अल्पकालीन ऋण तथा कृषि एवं इससे जुड़े लाभार्थियों एवं स्वयं सहायता समूह को मध्यकालीन ऋण वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए।

बैठक में विभागीय अधिकारियों ने विभाग में चल रही योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति से अवगत कराया तथा विभाग द्वारा किए जा रहे इन्नोवेटिव प्रयासों की भी जानकारी साझा की।
विभागीय अधिकारियों ने अवगत कराया कि विभाग के अधीन दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना, स्टेट मिलेटस मिशन योजना, मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना, मोटर साईकिल टैक्सी इत्यादि योजना संचालित की जा रही है।

दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत योजनारम्भ (अक्टूबर 2017) से अब तक कुल 1109389 लाभार्थियों एवं 6190 स्वंय सहायता समूहों को कुल रूपये 6747.64 करोड का ऋण वितरित किया गया है।

इस वर्ष अल्पकालीन 170600 लाख एवं मध्यकालीन ऋण 44500 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जबकि एमपैक्स के माध्यम से कृषक सदस्यों को उनकी कृषि उत्पादन बढाने हेतु 13513.467 मी0टन रासायनिक/जैविक उर्वरक वितरण का लक्ष्य है। मूल्य समर्थन योजनान्तर्गत गेहूं खरीद के लिये इस वर्ष 266.3 मी0 टन का लक्ष्य है।

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के माध्यम से राज्य में संचालित राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अन्तर्गत चार क्षेत्रक सहकारिता, मत्स्य, भेड- बकरी पालन एवं डेयरी विकास के अन्तर्गत जनपदवार विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

स्टेट मिलेट मिशन योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ लि०, देहरादून द्वारा मिलेट्स फसलों की खरीद कर कृषकों को उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है।वित्तीय वर्ष 2024-25 में 239 क्रय केन्द्र के माध्यम से कुल 9499 कृषकों से 31716.877 कुन्तल मंडुवा (रागी) खरीदकर कुल रू0 13.59 करोड़ का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजनान्तर्गत अब तक कुल 60387 मी० टन सायलेज / पशुआहार वितरित कर 52273 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।

मोटर साईकिल टैक्सी योजना के अंतर्गत सहकारी बैंकों के माध्यम से वाहन क्रय किये जाने हेतु रू० 60 हजार से 01 लाख 25 हजार तक का 02 वर्षों तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था है। जिसके तहत योजनारम्भ से कुल 309 लाभार्थियों को कुल रू0 386.04 लाख का ऋण वितरित किया गया है।

इस दौरान बैठक में सचिव वी वी आर सी पुरुषोत्तम, अपर सचिव मेहरबान सिंह बिष्ट सहित संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

सीएम ने लोकसभा अध्यक्ष को राज्य में चल रहे विकास कार्यों की दी जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिड़ला को उत्तराखंड के चारधाम का प्रसाद भेंट किया और देवभूमि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए राज्य के विभिन्न स्थानीय उत्पाद भी उन्हें भेंट किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य चारधाम, प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का प्रतीक है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को राज्य में चल रहे विकास कार्यों, विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन, सड़क संपर्क, स्वास्थ्य, और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी।

गेम चेंजर योजनाओं की सीएम धामी ने की वर्चुअल समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यटन विभाग की ‘गेम चेंजर योजनाओं’ की वर्चुअल समीक्षा की। जिसमें पर्यटन नीति-2023 के तहत राज्य में हो रहे निजी निवेश, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों और स्वरोजगार से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पर्यटन नीति लागू होने के बाद हुए कुल निजी निवेश, एम.ओ.यू. की स्थिति एवं उनकी ग्राउंडिंग और विभिन्न पर्यटन योजनाओं में हुए निवेश का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटन केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का नहीं, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण, स्थानीय रोजगार सृजन और पलायन रोकने का माध्यम है। मुख्यमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन के प्रचार-प्रसार और यात्रियों की सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य का भविष्य पर्यटन आधारित समावेशी विकास में निहित है, जिसे सरकार प्राथमिकता से आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री ने मसूरी और नैनीताल सहित सभी बड़े टूरिस्ट स्पॉट की कैरिंग कैपेसिटी का आकलन किए जाने के साथ नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने पर ध्यान देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्थानीय परिवारों को होम स्टे से जोड़ने, तकनीकी व वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने तथा ट्रैकिंग रूट्स के निकट स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु ‘ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम-स्टे अनुदान योजना’ को तेजी से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ‘वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना’ की भी समीक्षा की और युवाओं को समयबद्ध ढंग से ऋण व अनुदान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने योजना से प्रेरित युवाओं, होम स्टे से जुड़े गांवों और पलायन में आई कमी का मूल्यांकन भी आवश्यक बताया।

मुख्यमंत्री ने ‘गोल्जू कॉरिडोर’ (अल्मोड़ा, चम्पावत, घोड़ाखाल) के मास्टर प्लान के अंतर्गत कार्य प्रारंभ करने एवं रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थलों को एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने के भी निर्देश देते हुए माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, एयरो स्पोर्ट्स, रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियों के नियमित संचालन हेतु योजना तैयार करने, प्रचार-प्रसार हेतु विशेष बजट प्रस्तावित करने एवं स्थलों की वहन क्षमता का आकलन करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने विवाह पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु संभावित स्थलों की पहचान एवं प्रचार-प्रसार के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। ‘स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन’ की अवधारणा को साकार करने हेतु गंगोत्री व ध्याणोत्थान क्षेत्र को वेलनेस एवं आध्यात्मिक हब के रूप में विकसित करने हेतु एक माह में कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गेम चेंजर योजनाएं’ न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि राज्य के नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं। उन्होंने सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, अनुदानों के पारदर्शी वितरण और प्राप्त निवेश को ज़मीनी लाभ में बदलने के निर्देश दिए। सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ के विस्तार की रणनीति तैयार करने एवं पंचायत स्तर पर थीम-आधारित ‘टूरिज्म विलेज’ विकसित करने पर भी बल दिया गया।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि ‘दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास योजना’ के अंतर्गत अब तक 1085 लाभार्थियों को लगभग 50 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है और 5331 होम स्टे पंजीकृत हो चुके हैं। जबकि वर्ष 2025-26 में 245 नए होम स्टे जोड़े जाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना को टिहरी, नैनीताल और चमोली जिलों में विशेष सफलता मिली है। इसी प्रकार, ‘ट्रैकिंग ट्रैक्शन योजना’ के माध्यम से 115 गांवों में 584 स्थानीय लाभार्थियों को जोड़ा गया है तथा 18 ट्रैकिंग सेंटर विकसित किए गए हैं। टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ इसके प्रमुख लाभार्थी क्षेत्र रहे हैं।

बैठक में बताया गया कि राज्य में 5 करोड़ रुपये से अधिक की उच्च मूल्य परियोजनाओं को आकर्षित करने और 1 करोड़ से 5 करोड़ रुपये तक के स्थानीय निवेशकों को सहयोग देने के लिए ‘पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना’ लागू की गई है। अभी तक एकल खिड़की प्रणाली के तहत 909 आवेदन पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें 70 प्रतिशत निवेशक 5 करोड़ रुपये से कम धनराशि वाले हैं।

बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, मीनाक्षी सुन्दरम, पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल, उत्तराखण्ड स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

केंद्रीय मंत्री नड्डा ने सीएम धामी को हर सम्भव सहयोग के प्रति किया आश्वस्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से उत्तराखण्ड में एम्स ऋषिकेश से संचालित एयर एम्बुलेंस सेवा के विस्तार के साथ ही राज्य के पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाओं के लिए एक अतिरिक्त हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति एसईसीसी परिवार केंद्रीय योगदान को ₹ 1,052 से बढ़ाकर ₹ 1,500 करने का आग्रह करने के साथ ही चार धाम यात्रा में एम्स के विशेषज्ञों के योगदान और स्नातकोत्तर डॉक्टरों के रेजिडेंसी (क्त्च्) में यात्रा ड्यूटी सम्मिलित करने के लिए आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में दो नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इसी क्रम में जगजीवन राम मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ और पं. राम सुमेर शुक्ल मेडिकल कॉलेज, रुद्रपुर, शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से शिक्षण कार्य प्रारंभ करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन/भारत सरकार के पास आवेदन करेंगे। मुख्यमंत्री ने इन दोनों मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए आवश्यक मंजूरी प्रदान करने के साथ ही टीएचडीसी के सहयोग से निर्माणाधीन टिहरी मेडिकल कॉलेज की भी आवश्यक अनुमतियां शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर की स्थापना और उसके सुचारू संचालन के लिए भारत सरकार से तत्काल सहायता का विनम्र अनुरोध है। उन्होने कहा कि यह पहल न केवल स्थानीय आबादी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि चार धाम यात्रा मागों और आसपास के पर्वतीय क्षेत्रों से गुजरने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए भी जीवन रक्षक साबित होगी।

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

राज्य में बालिका शिक्षा और स्मार्ट स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जाएः धामी

शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए समेकित प्रयास किए जाएं। पहली, छठी तथा नवीं कक्षा में विद्यार्थियों के अधिकाधिक प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए प्रवेशोत्सव पर विशेष ध्यान दिया जाए। विद्यालयों से बालिकाओं के ड्रॉपआउट को कम करने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं। जो बालिकाएं ड्रॉपआउट हो रही हैं, उनको शिक्षा की धारा से पुनः जोड़ने के प्रयास किए जाएं। इसके लिए व्यापक स्तर पर लोगों को जागरूक भी किया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की वर्चुअल समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों के कौशल विकास के साथ ही व्यावसायिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। नवाचार की दिशा में नियमित कार्य किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्र-छात्राओं को किताबें, नोटबुक और स्कूल ड्रेस समय पर मिले। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग की जो परिसंपत्तियां उपयोग में नहीं हैं, उनका सदुपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बालिकाओं के लिए अलग शौचालयों और सेनेटरी पैड की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। स्कूल भवनों के सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यालयों में किताबी ज्ञान के साथ ही कला, रंगमंच, खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए। फिट इंडिया के बारे में बच्चों को जागरूक किया जाए। परीक्षा प्रणाली के सुधार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द भरा जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि भारत दर्शन योजना के तहत 156 टॉपर्स को दिल्ली, हिमाचल, पंजाब और हरियाणा भेजा गया। छात्रों ने आईआईटी, आईआईएम और अन्य संस्थानों का भ्रमण किया। इस साल 1082 टॉपर्स को भारत दर्शन भ्रमण पर भेजा जाएगा। राज्य के 559 क्लस्टर विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल बनाया जाएगा, जिसके तहत 4019 स्मार्ट क्लास संचालित की जाएंगी।

बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

पीएम से सीएम ने किया 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति देने का आग्रह

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखण्ड विकसित भारत 2047 के विजन में अपनी प्रभावी भूमिका निभाने को तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के 27 देशों द्वारा प्रधानमंत्री को अपने देश का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए जाने से सभी भारतवासी गौरवान्वित हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर के प्रतिरूप और आदि कैलाश यात्रा पर कॉफ़ीटेबिल बुक के साथ ही उत्तराखण्ड के उत्पाद कनार (धारचूला) का घी, लाल (पुरोला) चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और स्थानीय शहद भेंट किये।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम की भांति ही हरिद्वार गंगा कॉरिडोर, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और चम्पावत में शारदा कॉरिडोर के मास्टर प्लान के अनुरूप अवस्थापना विकास के लिए सीएसआर के माध्यम से वित्त पोषण के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमी कन्डक्टर हब के रूप में विकसित करने लिए सेमी कन्डक्टर उद्योग लगाए जाने, दिल्ली व मेरठ के मध्य रीजनल रैपिड ट्रान्जिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तारित करने और टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण का प्रावधान भी शामिल किये जाने के लिए संबंधित मंत्रालयों को निर्देशित किये जाने का प्रधानमंत्री से आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में होने जा रही नंदा राजजात यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि इसके संचालन के लिए व्यापक रूप से पर्यावरण अनुकूल अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जानी हैं। मुख्यमंत्री ने अगस्त 2026 में आयोजित इस पर्वतीय महाकुंभ नंदा राजजात यात्रा के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया और साथ ही यात्रा में अवस्थापना सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने के लिए 400 करोड़ की धनराशि केंद्र से उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में दिव्य और भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जाना है। राज्य सरकार द्वारा इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इसके सफल आयोजन के लिए हरिद्वार में पुलों की मरम्मत, पार्किंग, विद्युत, पेयजल, शौचालय, परिवहन, श्रद्धालुओं के लिए पैदल मार्ग सहित अन्य कार्य कराए जाने हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 3500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दिये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश और हरिद्वार शहरों में एचटी व एलटी विद्युत लाईनों को भूमिगत करने के साथ ही विद्युत प्रणाली को स्वचालित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भेजी गई 1015 करोड़ की डीपीआर को आरडीएसएस योजना के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश के निकट स्थित अनोखी धरोहर चौरासी कुटिया को अपने पुराने रूप में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। इसके लिए अपेक्षित धनराशि की व्यवस्था भी कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के प्रस्ताव का अनुमोदन राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से कराए जाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने के लिए प्रथम चरण में पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना का प्रारम्भिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। ग्लेशियर आधारित पिंडर नदी के पानी को वर्षा आधारित कोसी, गगास, गोमती व गरूङ नदियों में मिलाया जाये तो बागेश्वर, अल्मोड़ा व नैनीताल जिलों के 625 गांवों की लगभग 2 लाख जनसंख्या पेयजल व सिंचाई से लाभान्वित होगी। साथ ही गरुड़, कौसानी, द्वाराहाट, रानीखेत और अल्मोड़ा नगरों की लगभग सवा लाख आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति बेहतर हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत लिये जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कैबिनेट सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के क्रम में कुल 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति प्रदान किये जाने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा, हरिद्वार में होने जा रहे कुम्भ के साथ ही प्रदेश में जल जीवन मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड के विकास के लिए केंद्र सरकार से हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

सभी विभाग अपने विभागीय कार्यों का आउटपुट इंडिकेटर तैयार करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने सभी सचिवों के साथ सचिव स्तर की समीक्षा बैठक आयोजित करते हुए संबंधित विभागों को विभिन्न मुद्दों के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को निर्देशित किया कि शहरी क्षेत्रों की ऐसी सभी बड़ी परियोजनाओं का विवरण तैयार करें जिनका अतिशीघ्र लोकार्पण अथवा शिलान्यास किया जाना हो।

उन्होंने भारत सरकार से साझा किए जाने वाले विभिन्न विभागीय प्रकरणों का स्टेटस तैयार करने तथा उसको भारत सरकार को प्रेषित करने को कहा।

मुख्य सचिव ने विभागों के आउटपुट इंडिकेटर की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने विभागीय कार्यों का आउटपुट इंडिकेटर तैयार करें।

विभागीय कार्यों में नई तकनीक का समावेश अथवा किसी अभिनव प्रयोग से कितना सुधार हुआ है, इसका तुलनात्मक विवरण तैयार करने को कहा।

उन्होंने सभी सचिवों को अपने विभागीय कार्यों का वर्क प्लान बनाते हुए उसका अनुमोदन करवाने के भी निर्देश दिए।

इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि जो विभाग कार्बन क्रेडिट का लाभ लेने की स्थिति में हैं वे अपने क्रियान्वयन में कार्बन क्रेडिट का लाभ लेने का प्रयास करें तथा इससे संबंधित विवरण भी तैयार करें।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु व एल एल फैनई, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, दिलीप जावलकर, डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. श्रीधर बाबू अद्यंकी, चंद्रेश यादव, डॉ आर राजेश कुमार, एस एन पांडेय, दीपेंद्र कुमार चौधरी, दीपक कुमार, वी षणमुगम, विनोद कुमार सुमन, सी रविशंकर, रणवीर सिंह चौहान, नीरज खैरवाल, युगल किशोर पंत, धीराज सिंह गबर्याल, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने बताया भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में जनता के समर्थन को अभियान की सबसे बड़ी ताकत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ भी दिलाई।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी और जनता के समर्थन को इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि यह अभिनंदन समारोह केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के सपने को साकार करने का उत्सव है। यह सम्मान उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता का है, जो ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही के मूल्यों के साथ राज्य के विकास की दिशा में अग्रसर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई व्यक्तिगत विजय नहीं, बल्कि यह जनता के विश्वास, ईमानदारी की ताकत और युवाओं की उम्मीदों की जीत है। राज्य सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तकनीक का व्यापक उपयोग किया है, जिसमें ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया, परीक्षा प्रणाली की निगरानी और जन शिकायत निवारण के लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 और भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए 1064 जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता, ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और योजनाओं में कमीशनखोरी जैसे मामलों में कठोर कार्रवाई की गई। पिछले तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है। पिछले चार वर्षों में राज्य में 24 हजार से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने, सख्त नकल विरोधी कानून बनाने, लैंड जिहाद व लव जिहाद के विरुद्ध कार्रवाई तथा धर्मांतरण और दंगारोधी कानूनों के माध्यम से शासन व्यवस्था को मज़बूती प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि इन कदमों ने यह प्रमाणित किया है कि यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो किसी भी चुनौती का सामना सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में छद्म वेशधारियों की मूल पहचान उजागर करने के लिए “ऑपरेशन कालनेमि” चलाया जा रहा है। अब तक 200 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा गया है, जिनमें कुछ बांग्लादेशी घुसपैठिए भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि ऐसे तत्वों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “ना खाऊँगा, ना खाने दूँगा” के मंत्र को अपनाते हुए राज्य सरकार पारदर्शी, जवाबदेह और जनहितकारी शासन व्यवस्था के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, स्वामी चिदानंद सरस्वती, किशन गिरी महाराज, राकेश ओबेरॉय, पंकज गुप्ता एवं विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

उत्तराखंडः परियोजना के तहत 5.60 लाख चिन्हित परिवारों की आजीविका संवर्द्धन का लक्ष्य

ग्रामोत्थान परियोजना (ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना) प्रदेश के 10 हजार निर्धनतम परिवारों की आजीविका को सहारा देने में कारगर साबित हुई है। परियोजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत कुल 5.60 लाख जरूरतमंद परिवारों की आजीविका में वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया है।

ग्राम्य विकास विभाग, अंतराष्ट्रीय कृषि विकास निधि की वित्तीय सहायता से इस परियोजना का संचालन कर रहा है। वर्ष 2023 से लागू यह योजना अब प्रदेश के सभी 13 जनपदो के 95 विकासखडों में लागू की जा चुकी है। परियोजना का लक्ष्य कृषि आधारित गतिविधियों में सक्रिय किसानों, उत्पादक समूहों, आजीविका संघों को बैंको के माध्यम से वित्तीय सहयोग प्रदान करते हुए ग्रामीण उद्यमशीलता को बढ़ावा देते हुए, जरूरतमंद परिवारों की आय को दोगुना करना है। इस परियोजना की कुल लागत 2789.27 करोड़ है। जिसमें अल्पआय वाले, 5.60 लाख परिवारों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 3.24 लाख से अधिक परिवारों को योजना से जोड़ दिया गया है। परियोजना के तहत अति गरीब 10 हजार परिवारों को विशेष पैकेज के जरिए आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, अच्छी बात यह है कि शुरुआती दो साल में योजना के तहत लक्ष्य से अधिक 10732 परिवारों को इसका लाभ मिल चुका है।

परियोजना के तहत दुग्ध उत्पदान, बकरी पालन, मुर्गीपालन, रिटेल रिपेयर शॉप आदि गतिविधियों के जरिए, कुल 7341 परिवारों की वार्षिक आय, में डेढ़ लाख रुपए से अधिक तक की वृद्धि हुई है। साथ ही इस परियोजना की विभिन्न गतिविधियों में शामिल 3751 महिलाओं की सालाना आय एक लाख से अधिक पहुंचा जा चुकी है।

सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त रोजगार के अवसर उपलब्ध हों, इसके लिए ग्रामोत्थान परियोजना संचालित की जा रही है। इसका लक्ष्य सीमित आय वाले परिवारों को उनके कौशल और आस पास मौजूद संसाधनों से जोड़ते हुए, आजीविका के अवसर प्रदान करना है। योजना निर्धनतम परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

सीएम के निर्देश पर राज्य के सेब को मिलने जा रही विशिष्ट पहचान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जनपद उत्तरकाशी एवं देहरादून के सेब उत्पादक किसानों को उत्तराखण्ड़ के सेब की विशिष्ट पहचान दिलाने तथा सेब की बेहतर पैकेजिंग के लिये कार्टन का वितरण शुरू कर दिया गया है।

कृषकों के सेब उत्पाद को उत्तराखण्ड ब्राण्ड के यूनिवर्सल कार्टन/कोरोगेटेड फाइबर बोर्ड बॉक्स (सी०एफ०बी०) मय एप्पल ट्रे में विक्रय करते हुए उत्तराखण्ड में उत्पादित सेब को विशिष्ट पहचान दिलाने तथा कृषकों को उनके उत्पाद का अधिक मूल्य प्रदान कराने के उद्देश्य से जनपद उत्तरकाशी के कृषकों की 3.85 लाख यूनिवर्सल कार्टन की मांग तथा जनपद देहरादून के कृषकों की 0.75 लाख यूनिवर्सल कार्टन की मांग सूचीबद्ध फर्मों/कम्पनियों को उपलब्ध कराते हुए उद्यान सचल दल केन्द्रों के माध्यम से कृषकों में वितरण का कार्य प्रारम्भ किया गया है।

प्रदेश के कृषकों/सेब उत्पादक अब उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संचालित राज्य सैक्टर की उत्तर फसल प्रबन्धन योजनान्तर्गत 50 प्रतिशत राजसहायता पर यूनिवर्सल कार्टन प्राप्त कर अपने उत्पाद का अधिक मूल्य प्राप्त करेंगे तथा उत्तराखण्ड के सेब उत्पाद को विशिष्ट पहचान दिलाने में अपना अहम सहयोग प्रदान कर सकेंगे।

उत्तराखण्ड में जैविक कृषि तथा बागवानी की अपार संभावनाएं हैं, राज्य में बागवानी के समुचित विकास के लिये नीति बनाई गई है, सरकार बागवानी को निरंतर बढ़ावा दे रही है। राज्य सरकार द्वारा बागवानी के क्षेत्र में सेब की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में सेब उत्पादन तथा सेब उत्पादक किसानों को सेब के उत्पादन तथा सेब के उचित मूल्य प्राप्त कराये जाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड़