अमन शाह के डांस के चलते देश में हो रहा तीर्थनगरी का नाम

ऋषिकेश को डांस के मंच पर पहली बार पहचान दिलाई है ऋषिकेश पंचकुटी निवासी बीस वर्षीय अमन शाह ने। डांसर अमन शाह टीवी रियलिटी डांस शो इंडियाज बेस्ट डांसर के मंच पर लगातार धूम मचा रहा है। डांस रियलिटी शो में वाइल्डकार्ड एंट्री पाने के बाद से अमन एक के बाद एक बेहतरीन प्रदर्शन कर शो के निर्णायक कोरियोग्राफर टेरेंस लुइस, गीता कपूर एवं अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा के साथ ही देशभर के दर्शकों के दिलो में जगह बनाता जा रहा है। बचपन से ही डांस के प्रति अमन की दीवानगी एवं दिन रात लगातार प्रेक्टिस के बलबूते आज उसे इंडिया के सबसे बड़े डांस के मंच तक पहुचाने में मदद की है।

अंतर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष डा. राजे सिंह नेगी ने बताया कि अमन को डांस शो के फिनाले तक पहुँचने के लिए अब सबलोगों के वोट की आवश्यकता है। हर सप्ताह शनिवार एवं रविवार को सोनी टीवी पर रात आठ बजे से प्रसारित होने वाले रियलिटिशो इंडियाज बेस्ट डांसर में सबसे बेहतर डांसर के लिए पब्लिक वोटिंग शुरू हो चुकी है। अमन शाह को वोट करने के लिए शनिवार को रात आठ बजे से लेकर रात बारह बजे तक ही वोट किया जा सकेगा। ऑनलाइन वोटिंग सोनी लिव एप पर होगी। एक व्यक्ति एकबार में पचास वोट कर सकता है अमन के पिता प्रकाश शाह एवं भाई कुनाल शाह ने अमन को फिनाले में पहुचाने एवं शो का विजेता बनाने हेतु अधिक से अधिक वोट करने की अपील की है।

सृष्टि लखेड़ा की आंचलिक फिल्म मुंबई एकेडमी आफ मूविंग इमेज में गोल्ड श्रेणी में पहुंची

उत्तराखंड की टिहरी जिले की निवासी सृष्टि लखेड़ा की आंचलिक फिल्म ‘एक था गांव’ को मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (मामी) फिल्म महोत्सव के इंडिया गोल्ड श्रेणी में जगह मिली है। घोस्ट विलेज पर बनी यह फिल्म गढ़वाली, हिंदी के साथ चार अलग-अलग भाषाओं में हैं। मूल रूप से विकास खंड कीर्तिनगर के सेमला गांव की रहने वाली सृष्टि का परिवार ऋषिकेश में रहता है। वह पिछले 10 सालों से फिल्म लाइन के क्षेत्र में हैं। उत्तराखंड में पलायन की पीड़ा को देखते हुए सृष्टि ने पावती शिवापालन के साथ (सह निर्माता) फिल्म बनाने का निर्णय लिया।

अपने गांव सेमला पर फिल्म के लिए चुना
इस फिल्म में दो पात्र अहम हैं। जिसमें 80 वर्षीय लीला देवी और 19 वर्षीय किशोरी गोलू। लीला गांव में अकेली रहती है। इकलौती बेटी की शादी हो चुकी है। बेटी साथ में देहरादून चलने के लिए जिद करती है, लेकिन लीला हर बार मना कर देती है। वह गांव नहीं छोड़ना चाहती है। क्योंकि उसे गांव का जीवन अच्छा लगता है।

हालांकि गांव का जीवन बहुत कठिन है। वहीं दूसरी पात्र गोलू को गांव के जीवन में भविष्य नहीं दिखता है। वह भी अन्य लड़कियों की तरह अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है। एक दिन ऐसी परिस्थिति आती है, कि दोनों को गांव छोड़ना पड़ता है। लीला देवी अपनी बेटी के पास देहरादून चली जाती है। जबकि गोलू उच्च शिक्षा के लिए ऋषिकेश चली जाती है।

…तो क्या महात्मा गांधी के सपनों को संवार रही त्रिवेंद्र सरकार

गांधी ने अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान की थी प्रशंसा, बताया था फिल्म शूटिंग के लायक
वर्तमान की त्रिवेंद्र सरकार ने इस महत्वता को न सिर्फ समझा बल्कि फिल्म निर्माताओं को किया आमंत्रित

महात्मा गांधी अक्सर कहा करते थे कि धरती में यदि कहीं स्वर्ग हैं तो वह उत्तराखंड के कौसानी में है। इस बात को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने न सिर्फ अच्छे से समझा, बल्कि मुंबई में बैठे फिल्म निर्माताओं को भी समझा पाने में कामयाबी हासिल अर्जित की। त्रिवेंद्र सरकार की यह कामयाबी ही हैं, कि अब तक बत्ती गुल मीटर चालू, कबीर सिंह, केदारनाथ, जर्सी, कुतुबमीनार आदि करीब 200 से ज्यादा बाॅलीवुड की छोटी-बड़ी फिल्में, टीवी सीरियल, दक्षिण भारतीय फिल्में, वेब सीरिज की शूटिंग हो चुकी है और आगे भी शूटिंग के लिए निर्माता उत्तराखंड का रूख कर रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार की ही बदौलत राज्य को द मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार भी मिला है। जो वाकई में उत्तराखंड और त्रिवेंद्र सरकार की उपलब्धि को दर्शाता है।

एक नजर त्रिवेंद्र सरकार के फैसले पर
त्रिवेंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक उत्तराखंड में शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक अनुमति को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत आॅनलाइन आवेदन से किया जाएगा। राज्य सरकार के विभागों के स्तर पर कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। साथ ही सुरक्षा के लिए पुलिस की उपलब्धता भी त्रिवेंद्र सकरार सुनिश्चित कराएगी। राज्य में फिल्म निर्माण के लिए अनुदान के संबंध में सरकार एक प्राथमिकता सूची तैयार करेगी। इसमें फिल्म की 75 प्रतिशत शूटिंग का उत्तराखंड में किया जाना अनिवार्य होगा। वित्त पोषण फिल्म निर्माण की लागत का 30 प्रतिशत या डेढ़ करोड़ रूपये, जो भी कम हो रहेगा।

जिन फिल्मों की 75 प्रतिशत शूटिंग या कुल आउटडोर शूटिंग की आधे से अधिक शूटिंग उत्तराखंड में होगी, एसजीएसटी लागू होने की तिथि से जमा किए गए एसजीएसटी के 30 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

फिल्म शूटिंग होने से राज्य को क्या फायदा
त्रिवेंद्र सरकार का यह मानना है कि राज्य की प्राकृतिक सौंदर्यता कैमरे में कैद होगी तो निश्चित तौर पर विश्व पटल पर उत्तराखंड का कद बढ़ेगा। यही नहीं, राज्य के ऐसे युवा जो फिल्मी दुनिया में अपना कैरियर देखते हैं या इस क्षेत्र का शौक भी रखते हैं। उन्हें शूटिंग में काम मिलेगा। उन्होंने मानना है कि उत्तराखंड के युवाओं ने बाॅलीवुड में मेहनत के बल पर मुकाम हासिल किया है, इनमें हिमानी शिवपुरी, हेमंत पांडेय, उर्वशी रौतेला सहित तमाम लोग शामिल है।

इससे इतर शूटिंग होने से यहां होटल, ढाबों, हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े कामगारों को काम मिलेगा। तमाम हस्तियों के यहां पहुंचने से राज्य के हथकरघा वस्तुओं को भी बढ़ावा मिलेगा और अहम बात यह है कि टूरिज्म को बहुत बढ़ावा मिलेगा। यहां के चार धाम के अलावा अन्य कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनका वर्णन पुराणों में भी वर्णित हैं।

फिल्म सिटी बनने से राज्य का टैलेंट निकलकर आएगा
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के सानिध्य में ही फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव अब जोर पकड़ने लगा हैं। पूर्व में निर्माता निर्देशक राजकुमार संतोषी फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव दे चुके है। इसके बाद राज्य में जमीन तलाशने का काम भी जोर पकड़ चुका है। फिल्म सिटी के लिए काफी ज्यादा जमीन की आवश्यकता है साथ ही उस जगह से एयरपोर्ट नजदीक ही होना आवश्यक है। इसके लिए ऋषिकेश के श्यामपुर क्षेत्र में गंगा नदी से सटा इलाके को भी फिल्म सिटी के नजरिए से देखा जा चुका है।

ताजा जानकारी के मुताबिक फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री एवं उनके पति हिमालय दासानी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की है। उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखण्ड में फिल्मी हस्तियों का रूझान बढ़ा है। राज्य में युवाओं को फिल्म के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण दिये जाय तो युवा इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं।

फिल्म निर्माताओं की पसंद उत्तराखंड ही क्यों
सवाल यह उठता है कि फिल्म निर्माताओं की पंसद उत्तराख्ंाड क्यों बना हुआ है। इसका जवाब भी साफ है, त्रिवेंद्र सरकार निर्माताओं और निर्देशकों को राज्य की नैसर्गिक सौंदर्यता के बारे में बताने में कामयाब रही है। इसके चलते राज्य में अब निर्माताओं का रूख बढ़ रहा है। राज्य की सुंदरता, खास तौर पर प्राकृतिक झरने, वाटर फाॅल, गंगा नदी, खूबसूरत पहाड़, मंसूरी, देहरादून, ऋषिकेश, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, नैनीताल, नैनी झील, टिहरी झील, कौसानी, बर्फ से ढ़की चोटियां आदि तमाम वह चीजें जो एक फिल्म की लोकेशन के लिए चाहिए। उत्तराखंड में सहज ही मिल जाती है।

एक रूपये प्रति टिकट से भरेगा फिल्म विकास कोष
सिनेमा टिकटों पर एक रुपये प्रति टिकट की दर से फिल्म विकास निधि के रूप में सिनेमा मालिक दर्शकों से वसूलेंगे और इस राशि को कोषागार में जमा कराएंगे। इसका इस्तेमाल क्षेत्रीय, हिंदी और अन्य भाषा की फिल्मों को अनुदान उपलब्ध कराने में किया जाएगा। इससे अवस्थापना सुविधाओं के लिए भी धनराशि दी जाएगी।

क्षेत्रीय फिल्म प्रमाणीकरण परिषद
फिल्मों को प्रोत्साहन देने के लिए क्षेत्रीय फिल्म प्रमाणीकरण परिषद बनाई जाएगी। उत्तराखंड में बनने वाली फिल्मों और क्षेत्रीय भाषाओं में बनने वाली फिल्मों के प्रमाणीकरण की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

क्षेत्रीय फिल्म के प्रति त्रिवेंद्र सरकार
उत्तराखंड की क्षेत्रीय फिल्मों को सेंसर सर्टिफिकेट मिलने के बाद प्रदेश के सभी सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स स्वामियों को क्षेत्रीय फिल्म को एक सप्ताह तक प्रतिदिन प्रदर्शित करने की अनिवार्यता होगी।

उत्तराखंड में फिल्म सिटी बनाने में अभिनेत्री भाग्यश्री ने जताई इच्छा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री एवं उनके पति हिमालय दासानी ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मी हस्तियों का रूझान बढ़ा है। राज्य में युवाओं को फिल्म के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण दिये जाय तो युवा इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म क्षेत्र के साथ ही आर्गेनिक उत्पादों के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड में काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड में ऑर्गनिक नेचर को बढ़ावा देना जरूरी है। ऑर्गेनिक उत्पादों की डिमांड बहुत अधिक है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी बनाने के लिए भूमि तलाशी जा रही है। फिल्म सिटी के लिए भूमि अधिक चाहिए एवं इसके लिए स्थान भी एयरपोर्ट से कम दूरी पर तलाशने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड के युवाओं को सही दिशा देने की जरूरत है। यदि उन्हें यहां पर फिल्म के क्षेत्र में प्रशिक्षण मिलता है, तो वे इस क्षेत्र में अच्छा भविष्य बना सकते हैं। उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी बनने से लोगों की आर्थिकी में भी सुधार होगा। इस अवसर पर विधायक गोपाल रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव आशीष चैहान आदि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री आवास में फिल्म कुतुब मीनार का हुआ मुहूर्त शाॅट

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में इंडियन सिनेफिले, फिल्म एवं मेन स्ट्रीम प्रोडक्शन के बेनर तले बन रही फिल्म ‘‘कुतुब मीनार’’ का मुहूर्त शॉट लिया। फिल्म डायरेक्टर राज आशू, प्रोड्यूसर पंचम सिंह, निर्मला सिंह एवं मनोज वोहरा तथा प्रमुख कलाकार संजय मिश्रा, करनवीर बोहरा, मनीषा लाम्बा हैं। इस फिल्म की अधिकांश शूटिंग उत्तराखण्ड में होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मांकन के लिए फिल्म निर्माताओं का ध्यान उत्तराखण्ड की ओर बढ़ा है। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य फिल्मकारों को आकर्षित करता है। राज्य सरकार ने भी राज्य में सरल फिल्म नीति बनाई है। फिल्मों के फिल्मांकन के लिए तीन दिन के अन्दर अनुमति दी जा रही है। फिल्मांकन के दौरान राज्य वासियों क सहयोग को भी फिल्मकारों ने सराहा है। पिछले तीन साल में राज्य में बॉलीवुड के अलावा अनेक दक्षिण भारतीय फिल्मों की भी शूटिंग हुई है।

अभिनेत्री कंगना के दफ्तर तोड़फोड़ मामले में संजय राउत को पार्टी बनाने पर कोर्ट से मिली सहमति

अभिनेत्री कंगना रौनत के दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले के बांबे हाईकोर्ट ने शिवसेना प्रवक्ता व सामना के संपादक संजय राउत को अभियोजित पार्टी बनाने की इजाजत दी हैं। अभिनेत्री को कोर्ट ने बीएमसी के अधिकारी भाग्यवंत लाते को भी पार्टी बनाने के लिए सहमति दी है।

बता दें कि संजय राउत ने कथित तौर पर अभिनेत्री को उखाड़ के रख दूंगा और उखाड़ दिया जैसे वाक्य कहे थे और कंगना ने इसे उन्हें धमकाने की कोशिश बताया था। पिछले नौ सितंबर को बीएमसी ने कंगना के बांद्रा स्थित ऑफिस के कुछ हिस्सों को अवैध बताकर तोड़ दिया था। हाई कोर्ट में कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई को रोकने की मांग की थी, लेकिन यथास्थिति बनाए रखने का फैसला आने से पहले ही उनके ऑफिस में तोड़फोड़ की कार्रवाई कर दी गई। इसलिए कंगना ने अपनी याचिका में संशोधन करके बीएमसी से 2 करोड़ रुपये के मुआवजा की मांग की। इसके बाद बीएमसी ने अपने जवाब में दावा किया कि कंगना की याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है, इसीलिए अभिनेत्री की याचिका खारिज करके उन पर जुर्माना लगाना चाहिए।

हाई कोर्ट की डिविजन बेंच में सुनवाई के दौरान मंगलवार को बीएमसी के वकीलों ने कहा कि अभिनेत्री ने बीएमसी के हलफनामे के जवाब में जो प्रत्यत्तर (रिजॉइन्डर) दिया है, उसका जवाब देने की हमें मोहलत दी जाए। बीएमसी की वकीलों की अपील को जस्टिस एस जे कथावाला और जस्टिस आर आई चागला की बेंच ने स्वीकार कर लिया। कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी और बीरेंद्र सराफ ने हालांकि बीएमसी के वकीलों द्वारा अतिरिक्त समय मांगे जाने का विरोध किया। सराफ ने कहा कि तोड़फोड़ में शामिल अधिकारियों ने कथित अवैध निर्माण की कुछ और फोटो मंगलवार को कोर्ट में जमा किए हैं, यह केस को लटकाने की रणनीति है।

अपने रिजॉइन्डर में कंगना ने कहा कि नोटिस में बीएमसी ने उनके बंगले में चल रहे हुए कथित अवैध निर्माण की एक ही तस्वीर दी थी, जिससे साफ है कि बीएमसी का आरोप झूठा है। संजय राउत द्वारा मौखिक रूप से श्धमकानेश् के सबूत जो कंगना ने कोर्ट में जमा किए थे, उसकी ओर इशारा करते हुए जस्टिस कथावाला ने पूछा कि क्या वह शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता को भी अभियोजित करना चाहती हैं?

शुरू में सराफ, संजय राउत को अभियोजित करने को लेकर इच्छुक नहीं दिखे और कहा कि वह चाहते हैं कि शिवसेना प्रवक्ता को आरोपों पर खुद को डिफेंड करने का मौका मिलना चाहिए, पर बाद में उन्होंने सहमति दे दी। इसके बाद कोर्ट ने बीएमसी अधिकारी भाग्यनवंत लाते को भी पार्टी बनाने की इजाजत दे दी, जिन्होंने बीएमसी की तरफ से हलफनामा दाखिल किया था। कोर्ट ने बीएमसी से यह भी पूछा कि तोड़फोड़ के लिए वर्ष 2012 का सर्कुलर लागू करने की जरूरत क्यों पड़ी। इस सर्कुलर के मुताबिक, 24 घंटे में किसी अवैध निर्माण में तोड़फोड़ तभी की जा सकती है, जब इसमें रहने वाले या किसी अन्य की जिंदगी खतरे में हो।

हाई कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में किसकी जिंदगी खतरे में थी, जो 8 सितंबर को नोटिस भेजने के बाद बीएमसी के अधिकारियों ने 9 सितबंर को तोड़फोड़ की कार्रवाई कर दी। कोर्ट ने बीएमसी से पूछा कि डिजायनर मनीष मल्होत्रा को भी उसी दिन मुंबई नगरपालिका कानून के 354(ए) के तहत नोटिस भेजा गया था, उस मामले की क्या स्थिति है। दरअसल, कंगना ने अपने रिजॉइन्डर में कहा था कि मनीष मल्होत्रा को जवाब देने के लिए सात दिनों की मोहलत दी गई, जबकि उनके साथ ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि बीएमसी की कार्रवाई दुर्भावना से ग्रसित थी।

सोनू सूद के आग्रह पर एम्स ऋषिकेश में हुआ महिला का सफल आॅपरेशन, एक्टर ने लिखा थैंक्स

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के चिकित्सकों ने बीते डेढ़ साल से पेट में तेज दर्द और उल्टी की गंभीर समस्या से ग्रसित एक 26 वर्षीया महिला के पेट के ट्यूमर के सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है। बिहार मूल की उक्त महिला को उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश तक पहुंचाने में फिल्म अभिनेता सोनू सूद की अहम भूमिका रही है। एम्स के कोरोना नोडल अधिकारी डा. मधुर उनियाल ने इसे अपनी फेसबुक पेज पर साझा किया था।

बिहार के आरा जिला निवासी 26 वर्षीय इस महिला को पिछले डेढ़ साल से उल्टी के साथ पेट में अत्यधिक दर्द से पीड़ित थी। महिला का पहले एम्स पटना और उसके बाद दिल्ली एम्स में सघन स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें चिकित्सकों ने पाया कि महिला के पेन्क्रियाज में काफी बड़े आकार का ट्यूमर बन चुका है। जिसकी वजह से उक्त महिला को पिछले डेढ़ साल से लगातार पेट में असहनीय दर्द की शिकायत रहने लगी थी। इसके अलावा वह लगातार उल्टी होने की समस्या से भी ग्रसित थी।

गंभीर बीमारी के बावजूद पटना और दिल्ली एम्स में महिला के उपचार में हो रहे विलंब के चलते एक्टर सोनू सूद ने उसके त्वरित इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स से संपर्क साधा। जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने महिला रोगी की गहनता से जांच की। उन्होंने पाया कि महिला के पेट में बना ट्यूमर बड़ी ही जटिल स्थिति में है, जिसमें अधिक विलंब होने पर उसकी जान को खतरा भी हो सकता है। लिहाजा उसकी तत्काल सर्जरी का निर्णय लिया गया, एम्स के सर्जीकल गैस्ट्रो विभाग के विशेषज्ञों की टीम ने इस महिला के ट्यूमर का सफलतापूर्वक आपरेशन को अंजाम दिया। सफल सर्जरी करने वाली टीम में शल्य चिकित्सा के डा. मधुर उनियाल, डा. अभिषेक अग्रवाल और एनेस्थिसिया विभाग के डा. वाईएस पयाल व डा. अजीत कुमार शामिल थे।

निदेशक प्रो. रविकांत ने इस सफलता के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है। कहा कि एम्स ऋषिकेश में जटिलतम बीमारियों के उपचार के लिए वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि सभी रोगियों को आधुनिकतम व बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए।

इस बाबत जानकारी देते हुए डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने बताया कि महिला का यह ऑपरेशन बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। अग्नाशय के बिल्कुल नजदीक बन चुके ट्यूमर की वजह से उसकी स्थिति काफी जटिल हो चुकी थी। लेकिन एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपने अनुभव से इस जटिल सर्जरी में सफलता प्राप्त की है। डीन प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि महिला रोगी के ट्यूमर का ऑपरेशन बीती 11 सितंबर-2020 को किया गया, जबकि रविवार 20 सितंबर को महिला को एम्स अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

गौरतलब है कि इस महिला का संस्थान में हुए सफल ऑपरेशन के लिए फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने अपने ट्यूटर एकाउंट और फेस बुक में एम्स ऋषिकेश का विशेष आभार व्यक्त किया है। उन्होंने उल्लेख किया है कि जब पटना और दिल्ली एम्स में उक्त महिला के उपचार की व्यवस्था नहीं हो पाई, तो ऐसे में ऋषिकेश एम्स ने न केवल महिला की जान बचाई है, बल्कि निहायत कम समय में उसे ठीक कर डिस्चार्ज भी कर दिया है। इसके लिए एक्टर सूद ने निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत सहित ऑपरेशन टीम के विशेषज्ञ चिकित्सकों का भी विशेष आभार जताया है।

रूद्रप्रयाग की तान्या पुरोहित करेंगी आईपीएल 2020 में एंकरिंग

आईपीएल-2020 में उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले की तान्या पुरोहित एंकरिंग करती दिखाई देंगी। तान्या को यह जिम्मेदारी मिलने पर उत्तराखंड वासियों में खुशी की लहर है। वह मैच के दौरान खिलाड़ी, कोच, दर्शकों आदि का साक्षात्कार करती दिखाई देंगी।

रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लॉक की क्वीली गांव की मूल निवासी तान्या के पिता डा. डीआर पुरोहित गढ़वाल विवि के रिटायर्ड अंग्रेजी प्रोफेसर हैं और संस्कृति विशेषज्ञ हैं। तान्या के पति दीपक डोभाल जी-बिजनेस में एंकर हैं, वह राज्य सभा टीवी में एंकरिंग कर चुके हैं। तान्या ने गढ़वाल विवि से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। तान्या के चयन पर उत्तराखंड के लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। तान्या ने सीपीएल (कैरेबियन प्रीमियर लीग) में भी एंकरिंग की हुई हैं।

शिवतंत्र डाॅक्यूमेंट्री की शूटिंग को सीएम त्रिवेन्द्र ने दी हरी झंडी, पंचकेदार में से किसी एक पर शूटिंग जल्द

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्देशक एवं लेखक करण राजदान ने मुकालात की। उन्होंने कहा सीएम त्रिवेन्द्र से राज्य में बाॅलीवुड फिल्म ‘हिन्दुत्व’ की शूटिंग करने की इच्छा जताई। उन्होंने बताया कि फिल्म की 90 प्रतिशत शूटिंग वे उत्तराखण्ड में करना चाहते हैं। इस फिल्म की शूटिंग जनवरी-फरवरी 2021 में होगी। इसके अलावा उन्होंने उत्तराखण्ड में एक डॉक्यूमेंट्री ‘शिवतंत्र’ की शूटिंग करने की इच्छा जताई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग के लिए सरल फिल्म नीति बनाई गई है। अब एक दिन में भी फिल्म शूटिंग की ऑनलाईन अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य एवं प्राकृतिक वातावारण फिल्म की शूटिंग के लिए अनुकूल है। इसलिए फिल्मकारों का रूझान उत्तराखण्ड के प्रति बढ़ा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने फिल्म निर्देशक करण राजदान को उत्तराखण्ड में फिल्म की शूटिंग की इच्छा पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री ‘शिवतंत्र’ पर पंच केदार में से किसी भी स्थान पर शूटिंग की जा सकती है।

वाइल्ड कार्ड से इंडियाज बेस्ट डांसर में पहुंचे ऋषिकेश के अमन शाह

सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले रियलिटी शो इंडियाज बेस्ट डांसर में ऋषिकेश के अमन शाह की धमाकेदार एंट्री हुई हैं। अमन शाह को इंडियाज बेस्ट डांसर शो में वाइल्ड कार्ड के जरिए टाॅप-12 में जगह मिली है। शनिवार और रविवार को रात्रि आठ बजे प्रसारित होने वाले रियलिटी शो में ऋषिकेश के अमन शाह ने अपना लोहा मनवाया है। इनकी एंट्री से न सिर्फ नगर के लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है, बल्कि उत्तराखंड के युवा भी इसे राज्य की काबलियत मान रहे है।

समाजसेवी डा. राजे सिंह नेगी ने बताया कि अमन शाह ने जबरदस्त प्रस्तुति दी, इसके बावजूद उन्हें टाॅप-12 में जगह नहीं मिल पाई। बताया कि जनता की डिमांड पर निर्णायक मंडल ने उन्हें पुनः वाइल्डकार्ड से टाॅप-12 में जगह दे दी गई है। बताया कि अमन के पिता प्रकाश शाह मुनिकीरेती में टूरिस्ट गाइड का काम करते हैं एवं उनकी माता गीता शाह एक गृहणी हैं। उनका छोटा भाई कुणाल शाह भी डांस में रूचि रखता है।