नगर निगम में मेयर अनिता देशभक्ति के रंग से रंगी नजर आईं, ध्वजारोहण के बाद किया पौधारोपण

नगर निगम ऋषिकेश में मेयर अनिता ममगाईं देशभक्ति के रंग से रंगी नजर आईं। तिरंगा रंग के परिधान पहने मेयर अनिता ममगाईं ने ध्वजारोहण को सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। इसके बाद पौधारोपण कर शहीदों को नमन भी किया।

नगर निगम ऋषिकेश में मेयर अनिता ममगाईं ने आन, बान और शान के साथ तिरंगा लहराया। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को नमन करते हुए परेड की सलामी ली। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने देशभक्ति पर आधारित अपनी नृत्य कला का मनोहारी प्रदर्शन किया। रविवार की सुबह साढे नौ बजे ’नगर निगम प्रांगण में मेयर अनिता ने ’ध्वजारोहण’ किया। इससे पूर्व उन्होंने निगम के स्वर्णजयंती सभागार’ के समीप स्थित ’शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण’ कर आजादी के महानायक को अपने श्रद्वा सुमन अर्पित किए।

इस अवसर पर शहरवासियों को ’गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए मेयर ममगाई ने कहा’ कि आज के दिन ही हमारा गौरवशाली संविधान अस्तित्व में आया। संविधान ने हमें मौलिक अधिकार देने के साथ ही कर्तव्य भी निर्धारित किए हैं। ये हमारी जिम्मेदारी हैं कि हम केवल अधिकारों की बात न कर अपनी क्षमता और योग्यता के मुताबिक राष्ट्र निर्माण और समाज की उन्नति के लिए कर्तव्यों का गंभीरता से निर्वहन करें।

इस मौके पर महापौर’ ने शहर के विकास के लिए किए जा रहे विकास कार्यों सहित विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी। समारोह के प्रश्चात निगम प्रांगण में पौधरोपण भी किया गया। नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल के संचालन में चले कार्यक्रम में तमाम पार्षद एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

तीर्थ पुरोहितों के हकहकूकों के साथ नहीं होगी छेड़छाड़ः सीएम

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड राज्य के धार्मिक स्थलों को बुनियादी सुविधाएं देगा। इससे किसी भी तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी के अधिकारों के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और इनके आसपास के मंदिरों का प्रबंधन चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के नियंत्रण में रहेगा। लेकिन, इनसे जुड़े पुजारी, न्यासी, तीर्थ, पुरोहितों, पंडों और हकहकूकधारियों को वर्तमान में प्रचलित देव दस्तूरात और अधिकार यथावत रहेंगे।

उन्होंने कहा कि कहा कि जब हम कोई भी सुधार करते हैं तो उसकी प्रतिक्रिया होती ही है। सीएम ने साफ अल्फाज में कहा कि तीर्थ पुरोहितों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जायेगा। प्रदेश के चार धाम सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर देश-विदेश से के श्रद्धालु आना चाहते हैं। उत्तराखंड को अच्छे आतिथ्य के रूप में जाना जाता है। देश-विदेश के श्रद्धालुओं को उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर आने का मौका मिले और उन्हें अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हों इसके लिए यह विधेयक लाया गया है। मालूम हो कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दे दी है।

छह मिनट के वीडियो गीत में दिखेगी उत्तराखंड की सौंदर्यता, सीएम ने किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में रमेश भट्ट द्वारा गाए उत्तराखंडी वीडियो गीत ‘जै जै हो देवभूमि’ को रिलीज किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ छह मिनट में देवभूमि उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य को प्रस्तुत करने का प्रयास रमेश भट्ट ने अपने इस वीडियो गीत में किया है। उनका यह प्रयास उत्तराखण्ड को नई पहचान दिलाने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि इस वीडियो गीत के माध्यम हम समूचे उत्तराखण्ड का सिंहावलोकन कर सकते हैं।

यह गीत प्राकृतिक सौन्दर्य एवं सांस्कृतिक विरासत व लोक संस्कृति को भी बढ़ावा देने में सहायक होगा। उनकी भावनायें उत्तराखण्ड से जुड़ी हैं, उनके इस गीत में गीत संगीत अभिनय की व्यापक झलक मिलती है।

रमेश भट्ट बहुमुखी प्रतिभा के धनीः त्रिवेन्द्र
सीएम ने रमेश भट्ट को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए राज्य के प्रति उनके लगाव एवं समर्पण की भी सराहना की। उन्होंनें कहा कि समाज में छिपी प्रतिभाओं को निखारने तथा उन्हें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किये जाने के प्रयास किये जाने चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा जागर गायिका पद्म बसंती बिष्ट, शिक्षक प्रोफेसर के.डी. सिंह आदि को सम्मानित भी किया गया।

विस अध्यक्ष और सांसद ने की सराहना
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल तथा सांसद अजय भट्ट ने भी रमेश भट्ट के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारी लोक संस्कृति हमारी पहचान है। यह वीडियो देश व दुनिया के लोगों को उत्तराखण्ड आने का भी आमन्त्रण देता है। रमेश भट्ट के गुरू श्री के.डी.सिंह ने कहा कि इस अवसर पर उन्हें सम्मान देकर श्री भट्ट ने गुरू शिष्य परम्परा को जीवन्तता प्रदान की है। उन्होंने इस प्रयास को मिट्टी के ऋण से उऋण होने जैसा प्रयास बताया।

गीत से राज्य की अदभुत संुदरता के होंगे दर्शनः रमेश भट्ट
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने कहा कि इस गीत में उत्तराखंड की सुंदरता के अद्भुत दृश्य दिखाने के प्रयास किये गये हैं। इसमें उत्तराखंड के उच्च हिमालयी चोटियों, आध्यात्मिक- धार्मिक स्थलों, सांस्कृतिक मेलों, पहाड़ की संस्कृति और जैव विविधता के दर्शन होंगे। इस गीत के बोल स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी ने लिखे हैं। इस गीत को नए कलेवर में पेश करने का उन्होंने प्रयास किया है।

वृद्धावस्था पेंशन में चयन प्रक्रिया गलत होने से साढ़े दस लाख की वित्तीय हानि

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने समाज कल्याण विभाग की करोड़ों रूपए की वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा किया है। कैग के अनुसार विभाग ने वृद्धावस्था पेंशन योजना की चयन प्रक्रिया में कई गलतियां की है। इससे साढ़े 10 लाख रूपए की वित्तीय हानि हुई है।

कैग ने राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के डेटा बेस की जांच में पाया कि 1,17,454 लाभार्थियों में से केवल 49,924 के मामलों में ही बीपीएल पहचान संख्या अंकित थी। शेष 67,530 लाभार्थियों ने बीपीएल पहचान संख्या नहीं दी। इनमें से 8,134 लाभार्थियों के अभिलेखों की जांच में 76 प्रतिशत यानी 6184 ऐसे लोगों को भी पेंशन बांट दी गई, जो बीपीएल की श्रेणी में नहीं थे। इससे विभाग को 7.25 करोड़ की चपत लगी। 614 प्रकरणों में विभाग ने 17 लाख रुपये अधिक भुगतान किया, जबिक 85 लाभार्थियों को डबल पेंशन देकर 21 लाख रुपये की वित्तीय हानि की।

लाभार्थियों के गलत आकलन से विभाग पर 87.89 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा। वर्ष 2015-16 से 2017-18 के दौरान सरकार ने 7,65,599 लाभार्थियों के लिए 235.08 करोड़ की मांग की। इसके सापेक्ष उसे 180.48 करोड़ रुपये मिले। लेकिन विभाग ने 6,46,687 लाभार्थियों को 268.37 करोड़ वितरित किए। इसके चलते राज्य सरकार पर 87.89 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा। ऐसा 33.29 करोड़ रुपये केंद्र से कम मांग के कारण हुआ।

विभाग में पेंशन भुगतान के लिए 12.36 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई थी। ये धनराशि न तो बांटी गई न सरकार को समर्पित की गई। इसमें राज्यांश 11.08 करोड़ रुपये और केंद्राश 1.28 रुपये था। कैग को विभाग ने जवाब नहीं दिया कि पांच जिला कोषागारों में यह धनराशि क्यों पड़ी रही।

कैग ने पाया कि वर्ष 2017-18 में चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और यूएस नगर में 34,551 लाभार्थियों को धन की कमी के चलते 15.25 करोड़ रुपये की बकाया पेंशन का भुगतान नहीं किया गया। वर्ष 2016 में 6,703 बुजुर्गों की पेंशन रोक दी गई। आधार कार्ड की अवधि बढ़ाए जाने के बावजूद बकाया पेंशन 7.79 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया।

ये कमियां भी आईं सामने
1. पेंशन मामलों के अनुश्रवण व मूल्यांकन के लिए राज्य और जिलास्तर पर समितियां नहीं बनाई गई। राज्य स्तरीय समिति मुख्य अधिकारी की अध्यक्षता में गठित होनी है, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति का गठन होना था। लेकिन लेखा अवधि में ये दोनों समितियां नहीं बनीं।
2. कैग ने पाया कि विकास खंड, जनपद, नगर पालिका स्तर पर शिकायत निवारण प्रणाली का गठन नहीं किया गया। जबकि एनएसएपी के इसे लेकर दिशा-निर्देश हैं।
3. एनएसएपी की गाइडलाइन के हिसाब से विभाग में सोशल ऑडिट की भी व्यवस्था नहीं थी। कैग ने भौतिक सत्यापन की भी कमी पकड़ी।

हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।

बाल विधानसभा के सीएम मिले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र से, नेता प्रतिपक्ष ने भी की मुलाकात

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से सोमवार को विधानसभा में उत्तराखण्ड बाल विधानसभा के सदस्यों ने शिष्टाचार भेंट की। बाल अधिकारों के संरक्षण, बच्चों से संबंधित मुद्दों को विधानसभा में उठाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड में बाल विधानसभा बनाई गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि बच्चों का अपने अधिकारों के प्रति सचेत होना जरूरी है। इस तरह की प्रक्रियाओं से इन बच्चों को काफी सीखने को मिलेगा।

इस विधानसभा में प्रदेश के सभी 13 जनपदों से 70 सदस्य हैं। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष नमन जोशी, मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी एवं नेता प्रतिपक्ष आसिफ हसन हैं। प्लान इण्डिया के प्रोजक्ट मैनेजर गोपाल थपलियाल ने बताया कि 2014 में पहली बाल विधानसभा का आयोजन देहरादून में किया गया। 2018 में तीसरी बाल विधानसभा का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि इस बार बच्चों में नशे की प्रवृत्ति को रोकने एवं बालिका सुरक्षा को फोकस किया जा रहा है। इन बच्चों ने सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही को देखा।

इस अवसर पर विधायक गोपाल रावत, देशराज कर्णवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर भुवनेश्वरी महिला आश्रम गिरीश डिमरी, बाल विधानसभा से सृष्टि गोस्वामी, काजल, प्राची, आसिफ हसन आदि उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को सीएम ने महिला सशक्तिकरण के लिए प्रभावी बताया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से सम्बन्धित पोस्टर लॉन्च कर इस योजना का शुभारंभ किया, उन्होंने नव नियुक्त ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, जिला पंचायत सदस्यों एवं एसएसजी को संबोधित पत्र को भी हस्ताक्षरित किया।

इस योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिला को गर्भावस्था में ही 5000 की धनराशि सरकार द्वारा बचत खाते में जमा की जायेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को महिला सशक्तिकरण के लिये भी प्रभावी पहल बताया है। इस योजना का उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल और संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना है। महिलाओं को पहले छह महीनों के लिए प्रारंभिक और विशेष स्तनपान और पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

डोईवाला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को उच्चीकृत करने की मुख्यमंत्री ने की घोषणा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को डोईवाला में उत्तराखण्ड सरकार एवं हंस फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में डोईवाला क्षेत्र के विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन हेतु थालियों एवं गिलास का वितरण किया। हंस फाउण्डेशन के सहयोग से प्रदेश के 2197 विद्यालयों में 02 लाख विद्यार्थियों को थालियों एवं गिलास का वितरण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने हंस फाउण्डेशन द्वारा मसूरी, ऊखीमठ और पिथौरागढ़ के लिए 03 एम्बुलेंस एवं पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विद्या मन्दिर स्कूल, नैनीताल को प्रदान की गई 01 स्कूल बस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा भानियावाला में निर्मित सामुदायिक शौचालय कॉम्प्लेक्स का भी लोकापर्ण किया। मुख्यमंत्री ने डोईवाला क्षेत्र के अन्तर्गत 03 विद्यालयों के लिए वर्चुअल रियलटी लैब को भी लांच किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घोषणा की कि डोईवाला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को उच्चीकृत किया जायेगा। डोईवाला नगर में सीवरलाईन बनाई जायेगी। रेशम माजरी में टेक्निकल इंस्टीट्यूट के लिए प्रशिक्षण संस्थान बनाया जायेगा। भोगपुर पेयजल योजना के तहत अल्ट्रा फिल्ट्रेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायोगा। डोईवाला, भानियावाला एवं दुर्गा चौक पर 03 वाटर एटीएम लगाये जायेंगे। डोईवाला में प्रेस क्लब के लिए विधायक निधि से प्रेस क्लब भवन बनाने की भी बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट अथॉरिटी का भानियावाला में लगभग 22 लाख रूपये की लागत से दो शौचालयों के निर्माण, एम्स ऋषिकेश में लैब के लिए 10 करोड़ रूपये एवं देहरादून में सेंट्रल लाईब्रेरी के लिए 7.5 करोड़ रूपये प्रदान करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी का आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हंस फाउण्डेशन के संस्थापक भोले महाराज एवं मंगला माता ने उत्तराखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है। स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी हर सम्भव मदद का आश्वासन हंस फाउण्डेशन के द्वारा दिया गया। कम्यूनिटी किचन के लिए हंस फाउण्डेशन द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है। बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं समाज के विकास में हंस फाउण्डेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

एकसमान शिक्षा के लिए किया गया है एनसीईआरटी सिलेबस लागूः अरविंद पांडेय
शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि हंस फाउण्डेशन ने शिक्षा के क्षेत्र में राज्य को भरपूर सहयोग दिया है। 07 कम्यूनिटी किचन बनाने के लिए हंस फाउण्डेशन ने सहमति दी है। अगले वर्ष मार्च-अप्रेल तक 02 कम्यूनिटी किचन प्रारम्भ हो जायेंगे। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास के माध्यम से पढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में सभी को एक जैसी शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए एनसीईआरटी का सिलेबस लागू किया गया है।

हंस फाउण्डेशन की अध्यक्ष माता मंगला ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हंस फाउण्डेशन का विशेष ध्यान है। बच्चों के लिए भोजन एवं स्वच्छता पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। इसी उद्देश्य से बच्चों को भोजन पात्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं। बच्चों को पौष्टिक आहार एवं स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराना आवश्यक है। हंस फाउण्डेशन का प्रयास बच्चों के शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए हर सम्भव मदद करना है।

ओबीसी प्रमाण पत्र को हर तीन साल में नवीनीकरण को लेकर समाज कल्याण विभाग को मिले निर्देश

राज्य में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के जाति प्रमाण पत्र के हर तीन साल में नवीनीकरण (रिन्यू) कराने की बाध्यता हटाने की तैयारी चल रही है। शासन स्तर पर इस प्रस्ताव पर मंथन शुरू हो गया है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग को निर्देश मिले है कि वह प्रस्ताव बनाकर शासन को रिपोर्ट भेजे। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
जानकारी के मुताबिक राज्य में पूर्व में ओबीसी जाति प्रमाण पत्र के नवीनीकरण की अवधि छह महीने थी। विजय बहुगुणा सरकार ने इस अवधि को बढ़ाकर तीन साल कर दिया था। मगर, अब जाति प्रमाण पत्र से समय सीमा हटाने की मांग हो रही है।

यह भी है वजह
ओबीसी जाति प्रमाण पत्र की तीन साल की बाध्यता के पीछे की सबसे प्रमुख वजह केंद्र व प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति व अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लाभ और सरकार नौकरियों में आवेदन व साक्षात्कार से जुड़ी है। इस वर्ग से जुड़े लोगों का तर्क है कि प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में जुटे अभ्यर्थी कई बार प्रमाणपत्र का समय पर नवीनीकरण कराना भूल जाते हैं।

इससे कई बार उनका चयन इस आधार पर लटक जाता है कि उन्होंने ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को रिन्यू नहीं कराया। इसके अलावा यही समस्या अन्य योजनाओं में आ रही है। इस मामले में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि ओबीसी जाति प्रमाण पत्र की तीन साल की बाध्यता समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। इसमें चूंकि क्रीमिलेयर की बात आती है। इसे देखना आवश्यक होता है। इसी वजह से इसमें रेगुलर इंटरवल पर सर्टिफिकेट बनवाने की जरूरत होती है। इस बारे में विचार हो रहा है। हम चाहते हैं कि कोई ऐसा हल निकले कि ओबीसी के अभ्यर्थियों को कम से कम परेशानी हो।

पर्वतीय समाज के मेलों का स्वरूप अपने में ही एक आकर्षण का केंद्रः त्रिवेन्द्र सिंह

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र लोहाजंग में पूर्व विधायक स्व. शेर सिह दानू की स्मृति में सांस्कृतिक एवं औद्योगिक पर्यटन विकास मेले का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने पूर्व विधायक स्व. शेर सिंह दानू को याद करते हुए कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है इसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेले हमारी संस्कृति एवं सभ्यता के प्रतीक है। पर्वतीय समाज के मेलों का स्वरूप अपने में ही एक आकर्षण का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि मेले लोगों को आपसी मिलन के अवसर प्रदान करने के साथ ही अपनी संस्कृति, विचारों एवं आवश्यकताओं के भी साधन स्थल रहे है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्व विधायक स्व. शेर सिंह दानू के गांव पिनाऊ तक सड़क, महाविद्यालय तलवाडी को 10 लाख रुपये देने, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवाल में रेडियोलॉजी व टेलीमेडिसिन सेवा शुरू करने, लोहाजंग में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, थराली व देवाल बाजार में स्ट्रीट लाईट एवं बाढ सुरक्षात्मक कार्य करवाने, लोहाजंग में टैक्सी स्टैण्ड बनाने तथा काण्डई से बमनबेरा तक 3 किलोमीटर सड़क निर्माण की घोषणा भी की।