राज्य सरकार प्रदेश के अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने का कर रही कार्यः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान सभा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा हम सबने मिलकर बाबा साहब के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए जाति, भाषा और क्षेत्र के भेदभाव को मिटाकर एक समरस, संगठित और सशक्त भारत का निर्माण करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के समान अधिकार की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में आयोजित सम्मान अभियान बाबा साहब के राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान को स्मरण करने , उनके विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बना है। इस अभियान के तहत प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों और संवाद-गोष्ठियों का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता जैसे मूल्यों पर आधारित है। बाबा साहेब द्वारा समाज के वंचित, शोषित और उपेक्षित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया संघर्ष हमेशा अमर रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का सर्वाेच्च संवैधानिक पद तक पहुँचना अंत्योदय के स्वप्न को साकार करता है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहब की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व घोषित, बाबा साहब की पुण्य स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहेब के विचारों और योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के लिए कार्य किया है। उनके कल्याण के लिए आम बजट में विशेष वृद्धि एवं आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जा रहे हैं। दलित उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून को और अधिक सख्त बनाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं में गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने कार्य कर रही है। सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ उनके लिए प्रदेश में निःशुल्क 15 छात्रावासों, 5 आवासीय विद्यालयों और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। अनुसूचित वर्ग के आवासहीन परिवारों को घर बनाने हेतु 1 लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान कर रही है। राज्य सरकार ने हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण कराये जाने की घोषणा की है।

इस अवसर पर पहलगाम में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री ने कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना को राष्ट्रीय एकता पर हमला बताते हुए कहा कि इस घिनौनी वारदात ने हम सभी को एक साथ आने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा जब तक हम सभी एक नहीं होंगे, तब तक ऐसी ताकतें हमें निशाना बनाती रहेंगी।

इस दौरान भाजपा सहप्रभारी (उत्तराखंड) रेखा वर्मा, विधायक डा. प्रेमचंद्र अग्रवाल, मेयर शंभु पासवान, विधायक ब्रजभूषण गैरोला, सुरेंद्र, प्रदीप एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

बड़ी संख्या में सीएम से मिले विधायक, जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विधानसभा परिसर में विधानसभा बजट सत्र में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 ध्वनि मत से पारित होने पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, महंत दिलीप रावत, प्रमोद नैनवाल, रेणु बिष्ट, सुरेश चौहान, राम सिंह कैड़ा, महेश जीना, राजकुमार, अनिल नौटियाल सहित विभिन्न विधायकों ने भेंट कर इस ऐतिहासिक कार्य के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

हमारा संकल्प उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों, को भू माफियाओं से बचाए रखना है-मुख्यमंत्री

विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान कहा कि यह संशोधन भू सुधारों में अंत नहीं अपितु एक शुरुआत है। राज्य सरकार ने जन भावनाओं के अनुरूप भू सुधारों की नींव रखी है। भू प्रबंधन एवं भू सुधार पर आगे भी अनवरत रूप से कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की जनता की जनभावनाओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लिया है। सरकार कई नए महत्वपूर्ण मामलों पर ऐतिहासिक निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा हम उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों को भूमाफियाओं से बचाने का संकल्प है। जिन उद्देश्यों से लोगों ने जमीन खरीदी है, उसका उपयोग नहीं दुरुपयोग हुआ, ये चिंता हमेशा मन में थी। उन्होंने कहा उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों के साथ मैदानी इलाके भी हैं। जिनकी भौगोलिक परिस्थिति एवं चुनौतियां अलग-अलग है। उन्होंने कहा जब से स्व. श्री अटल जी ने उत्तराखंड राज्य के लिए औद्योगिक पैकेज दिया तब से राज्य सरकार बड़ी संख्या में औद्योगीकरण की ओर जा रही है। ऐसे में राज्य में आने वाले असल निवेशकों को कोई दिक्कत न हो, निवेश भी न रुके। उसके लिए इस नए संशोधन/कानून में हमने सभी को समाहित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सबकी जन भावनाओं के अनुरूप कार्य कर रही है। हम लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास रखते हैं। बीते कुछ वर्षों में देखा जा रहा था कि प्रदेश में लोगों द्वारा विभिन्न उपक्रम के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर जमीनें खरीदी जा रही थी। उन्होंने कहा भू प्रबंधन एवं भू सुधार कानून बनने के पश्चात इस पर पूर्ण रूप से लगाम लगेगी। इससे असली निवेशकों और भू माफियाओं के बीच का अंतर भी साफ होगा। राज्य सरकार ने बीते वर्षों में बड़े पैमाने पर राज्य से अतिक्रमण हटाया है। वन भूमि और सरकारी भूमियों से अवैध अतिक्रमण हटाया गया है। 3461.74 एकड़ वन भूमि से कब्जा हटाया गया है। यह कार्य इतिहास में पहली बार हमारी सरकार ने किया। इससे इकोलॉजी और इकॉनमी दोनों का संरक्षण मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि एवं औद्योगिक प्रयोजन हेतु खरीद की अनुमति जो कलेक्टर स्तर पर दी जाती थी। उसे अब 11 जनपदों में समाप्त कर केवल हरिद्वार और उधम सिंह नगर में राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लिए जाने का प्रावधान किया गया है। किसी भी व्यक्ति के पक्ष में स्वीकृत सीमा में 12.5 एकड़ से अधिक भूमि अंतर्करण को 11 जनपदों में समाप्त कर केवल जनपद हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर में राज्य सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा आवासीय परियोजन हेतु 250 वर्ग मीटर भूमि क्रय हेतु शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। शपथ पत्र गलत पाए जाने पर भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत थ्रस्ट सेक्टर एवं अधिसूचित खसरा नंबर भूमि क्रय की अनुमति जो कलेक्टर स्तर से दी जाती थी, उसे समाप्त कर, अब राज्य सरकार के स्तर से दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा इसके साथ की नए कानून में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा सरकार ने गैरसैंण में भी हितधारकों, स्टेकहोल्डर से विचार लिए थे। इस नए प्रावधानों में राज्यवासियों के विचार लिए गए हैं, सभी के सुझाव भी लिए गए हैं। सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं तहसील स्तर पर भी अपने जिलों में लोगों से सुझाव लिए गए। सभी के सुझाव के अनुरोध ये कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य मूल स्वरूप बना रहे, यहां का मूल अस्तित्व बचा रहे। इसके लिए इस भू सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा राज्य की डेमोग्राफी बची रहे इसका विशेष ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक, पर्यटन, शैक्षणिक, स्वास्थ्य तथा कृषि एवं औद्यानिक प्रयोजन आदि हेतु आतिथि तक राज्य सरकार एवं कलेक्टर के स्तर से कुल 1883 भूमि क्रय की अनुमति प्रदान की गयी। उक्त प्रयोजनों/आवासीय प्रयोजनों हेतु क्रय की गयी भूमि के सापेक्ष कुल 599 भू-उपयोग उल्लंघन के प्रकरण प्रकाश में आये हैं, जिनमें से 572 प्रकरणों में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश-2001) की धारा 166/167 के अन्तर्गत वाद योजित किये गये हैं तथा 16 प्रकरणों में वाद का निस्तारण करते हुए 9.4760 हे० भूमि राज्य सरकार में निहित की गयी है। अवशेष प्रकरणों में कार्यवाही की जा रही है।

अपनी स्थापना से लगातार विश्वविद्यालय खेती में नए-नए प्रयोग कर कीर्तिमान स्थापित कर रहा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित ‘17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन’ में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण एवं कृषकों का उत्थान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस प्रतिष्ठित सम्मेलन को देवभूमि उत्तराखंड की पुण्य धरा में आयोजित किया जा रहा है। ऐसे सम्मेलनों के द्वारा जहां एक ओर किसान भाईयों को कृषि से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, शोध परिणामों एवं उत्तम बीज-खाद आदि के विषय में जानने का अवसर प्राप्त होता है, वहीं दूसरी ओर यहां पर लगे विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से उन्हें औद्यानिकी, पशुपालन एवं जैविक खेती जैसी कृषि की अन्य विधाओं के बारे में भी विषय विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण मार्गदर्शन भी मिलता है। उन्होंने कृषि जगत के इतने महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज उत्तराखंड को कुशल एवं समृद्ध बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। आज मोदी सरकार द्वारा जहां एक ओर देश में विभिन्न योजनाओं, अभियान के माध्यम से कृषि उपज बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं, वहीं किसानों की आय में बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार भी प्रदेश के किसानों की उत्थान एवं समृद्धि हेतु संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के देने के साथ ही फार्म मशीनरी बैंक योजना के अंतर्गत कृषि उपकरण खरीदने एवं एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब के बागान लगाने पर 80 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। चाय बागान धौला देवी, मुनस्यारी एवं बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप परिवर्तित किये जाने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सगंध खेती को भी बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। 6 एरोमा वैली विकसित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं, नवाचारों एवं प्रशिक्षणों के माध्यम से उत्तराखंड के किसानों को प्रशिक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। इस बार के बजट में किसानों एवं पशुपालकों के उत्थान के लिए 463 करोड़ का रूपये का अलग से प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं का उत्थान सुनिश्चित करने कि दिशा में गोविन्द बल्लभ कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर लम्बे समय से कार्य कर रहा है। 1960 से लेकर लगातार यह विश्वविद्यालय न केवल कृषि एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर नए-नए शोध कार्य कर रहा है, बल्कि देश में प्रतिभावान वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की नई पौध को भी विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। इसी क्रम में यहां आयोजित हो रहा ये कृषि विज्ञान सम्मेलन उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश के कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को और अधिक समृद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस सम्मेलन में आए किसानों से आह्वान किया कि यहां लगाए गए विभिन्न स्टॉलों को देखने के साथ-साथ इस सम्मेलन के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार, डिजिटल कृषि, जलवायु परिवर्तन और स्मार्ट पशुधन पालन जैसे विभिन्न विषयों पर आयोजित होने वाली पैनल चर्चाओं एवं सेमिनार में भी अवश्य प्रतिभाग करें। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन से नई-नई तकनीकों के साथ-साथ कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र के प्रति एक नया विजन सामने आयेगा।
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम एस चौहान ने सम्मेलन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सम्मेलन में 16 देशों के वैज्ञानिक इस कृषि महाकुम्भ में प्रतिभाग कर रहे हैं, साथ ही 500 से अधिक प्रगतिशील कृषक भी प्रतिभाग कर रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग व प्रेरणा से इस कृषि सम्मेलन का आयोजन संभव हो पाया है।
इस दौरान मेयर विकास शर्मा, मेयर गजराज बिष्ट, दर्जामंत्री अनिल कपूर डब्बू, आईजी डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकान्त मिश्रा, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक और कृषक उपस्थित रहे।

नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री को धामी ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से भेंट कर उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल हेतु शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेखा गुप्ता के कुशल नेतृत्व में दिल्ली विकास के नए आयाम स्थापित करेगी और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में सरकार सफल रहेगी। निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और डबल इंजन सरकार के समर्पित प्रयासों से राजधानी समृद्धि और प्रगति की दिशा में निरंतर आगे बढ़ेगी।

बजट के खास प्रावधानों पर एक नजर…

बजट केवल एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा, नीतियों और सामाजिक कल्याण पहलों को आकार देने का एक शक्तिशाली साधन है।

बजट 2025-26 का आकार लगभग ₹1,01,175.33 करोड़ है। यह 2024-25 के अनुमान ₹89,230.07 करोड़ से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। पहली बार ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट प्रस्तुत करने का सौभाग्य हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है। राज्य गठन के उपरान्त 2001-02 में ₹4,506 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इस प्रकार 24 वर्षों में लगभग 24 गुना बजट हमने आज प्रस्तुत किया है।

लगभग 16.68 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इस बजट में ₹16,961.32 करोड़ का प्रावधान जेंडर बजट में किया गया है।

इकॉलोजी, इकोनामी, इनोवेशन, टेक्नालॉजी, सस्टेनेबल व इन्क्लूजिव डेवलवपमेंट तथा एकाउन्टेबिलिटी के व्यापक फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए हम कार्य कर रहे हैं।
सरलता, समाधान और निस्तारीकरण द्वारा विकास के अवरोध दूर कर रहे हैं।
हम ध्येय पथ पर बढ़ रहे हैं।

इस बजट में हम नई अनेक नई योजनाएं लेकर आये हैंः-

वेंचर फंड की स्थापना
रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट परियोजना
प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद
यू.आई.आई.डी.बी. को परामर्शी सेवाओं एवं सर्विस सेक्टर सब्सिडी
रेणुका जी बांध परियोजना मे राज्य की अंशपूंजी
स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन
खेल विश्वविद्यालय की स्थापना
होमगार्ड कल्याण कोष
मादक पदार्थों से सम्बन्धित अभियोग में कार्यवाही के लिए पुलिस कर्मियों आदि के उत्साहवर्धन हेतु रिवाल्विंग फंड की स्थापना,
सैनिक विश्राम गृहों की साज सज्जा
यह बजट N, A, M, O (नमो) यानि नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है।

नमो का प्रथम बिन्दु N अर्थात नवाचार के प्रतीक अनेक बिन्दु जैसे परिवार पहचान पत्र, पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण, फायर हाइड्रेन्ट मशीन, स्मार्ट मीटर, साईंस सॅन्टर, स्मार्ट क्लास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

नमो के दूसरे बिन्दु Aअर्थात आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए बजट में “सप्तऋषि“ की अवधारणा दी गयी हैः कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसरंचना, संयोजकता, पर्यटन तथा आयुष। ये ’सप्तऋषि आधुनिक उत्तराखण्ड के हमारे ग्रोथ इंजन हैं।

नमो के तीसरे बिन्दु M अर्थात महान विरासत के संरक्षण के लिए अनेक पहल हमारी सरकार ने की हैः-

शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश, ओम पर्वत आदि पवित्र स्थानों के लिए सड़क संयोजकता को सुगम बनाना, गोविंद घाट से घांघरिया मार्ग का नाम साहिबजादे जोरावर सिंह, बिडौरा छेवी पातशाही गेट से धूमखेड़ा मार्ग का नाम साहिबजादे फतेह सिंह मार्ग किए जाने की स्वीकृति आदि।

हरिद्वार और ऋषिकेश के पुनर्विकास, शारदा रिवर फ्रंट और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों का विकास, कांवड़ मेले के आयोजन, अर्द्धकुम्भ मेले की प्रारम्भिक तैयारी, ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय की स्थापना हेतु विभिन्न मेलों के आयोजन, संस्कृत पाठशालाओं व विश्वविद्यालय को अनुदान आदि हेतु बजट प्रावधान किये गये हैं।

संस्कृति के पावन मूल्यों की रक्षा,
प्रदेश का भविष्य उज्जवल करना
तथा विकास भी और विरासत भी
के सिद्धांत पर अडिग रहना
यह हमारी कार्यनीति है।
इसका परिलक्षण इस बजट में होता है।

नमो के चौथे बिन्दु O अर्थात ओजस्वी मानव संसाधन के लिए हमारी पहल –

उत्तराखण्ड वेंचर फंड की स्थापना, उद्यमिता को प्रोत्साहन, कृषकों को प्रोत्साहन, खेल सुविधाओं का विकास, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, देवभूमि उद्यमिता योजना, छात्रवृत्तियां, शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम, प्रशिक्षण तथा साइंटिफिक टेम्परामेंट को प्रोत्साहन आदि।

केवल सरकार के प्रयास से नहीं, जागृत जनता और ओजस्वी जनता से बनेगा विकसित उत्तराखण्ड ।
इस बजट में समावेशी व समग्र विकास के दृष्टिकोण से ज्ञान (GYAN) अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केन्द्र में रखा गया है।

गरीब कल्याण हेतु बजटीय प्रावधानः-

सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत विभिन्न पेंशन योजनाओं हेतु लगभग ₹1,811.86 करोड़
विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी हेतु लगभग ₹918.92 करोड़
अन्नपूर्ति योजना ₹600.00 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु लगभग ₹207.18 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु लगभग ₹54.12 करोड़
EWS आवासों हेतु अनुदान ₹25.00 करोड़
परिवहन निगम की बसों में निर्धारित श्रेणी के यात्रियों हेतु निःशुल्क यात्रा की सुविधा हेतु ₹40.00 करोड़
राज्य खाद्यान योजना हेतु ₹10.00 करोड़
सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने हेतु लगभग ₹34.36 करोड़
निर्धन परिवारों हेतु रसोई गैस पर अनुदान हेतु ₹55.00 करोड़

“युवा शक्ति“ हेतु महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधानः-

टाटा टैक्नोलॉजी मॉडल के अनुसार आईटीआई का उन्नयन हेतु कुल ₹63.00 करोड़
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रतिपूर्ति हेतु लगभग ₹178. 83 करोड़
9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक हेतु लगभग ₹59.41 करोड़
कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु ₹23.00 करोड़
विद्यालयी शिक्षा छात्रवृत्ति हेतु ₹15.00 करोड़
उच्च शिक्षा छात्रवृति हेतु ₹15.00 करोड़
उदीयमान खिलाडियों को छात्रवृत्ति हेतु ₹10.00 करोड़
बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साईकिल) योजना हेतु ₹15.00 करोड़
साइन्स सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों हेतु लगभग ₹26.64 करोड़
विज्ञान केन्द्र चम्पावत हेतु ₹10.00 करोड़
खेल महाकुम्भ के आयोजन हेतु ₹15.00 करोड़
युवा महोत्सव के आयोजन हेतु रू0 5.00 करोड़
मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलम्बन योजना हेतु रू0 5.00 करोड़
अन्नदाता हेतु प्रमुख बजटीय प्रावधानः-
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत समग्र रूप से ₹85.00 करोड़
किसान पेंशन योजनान्तर्गत समग्र रूप से लगभग ₹4218 करोड़
हाउस ऑफ हिमालयाज के अन्तर्गत ₹15.00 करोड़
मिशन एप्पल योजना अन्तर्गत ₹35.00 करोड़
साईलेज आदि हेतु समग्र रूप से ₹40.00 करोड
दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना हेतु समग्र रूप से ₹30.00 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत ₹25.00 करोड़
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना हेतु समग्र रूप से ₹12.43 करोड़
मिलेट मिशन योजना के प्रोत्साहन हेतु ₹4.00 करोड़
स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम हेतु लगभग ₹5.75 करोड़
नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना हेतु समग्र रूप से लगभग ₹3.22 करोड़

नारी कल्याण को समर्पित प्रमुख बजटीय प्रावधान-
नन्दा गौरा योजनान्तर्गत लगभग ₹157.84 करोड़
मुख्यमंत्री बाल पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹29.91 करोड़
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजनान्तर्गत लगभग ₹22.82 करोड़
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत लगभग ₹18.88 करोड़
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹13.96 करोड़
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत ₹14.00 करोड़
मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि हेतु ₹8.00 करोड़
निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु ₹5.00 करोड़
मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजनान्तर्गत लगभग ₹3.76 करोड़
मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना हेतु ₹5.00 करोड़
महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनांतर्गत ₹5.00 करोड़
ईजा-बोई शगुन योजना हेतु लगभग ₹14.13 करोड़

अक्सर बढ़ते हुए ऋण बोझ के कारण सरकार निशाने पर रहती थी। हमने वित्तीय प्रबन्धन पर जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि राज्य के स्वंय के संसाधनों से आय बढे तथा केन्द्र पोषित योजनाओं तथा बाड्य सहायतित योजनाओं में निर्वाध रूप से भारत सरकार से धनराशि प्राप्त की जा सके। इस हेतु लगातार समीक्षाए की जा रही हैं। समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं तथा सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हो रही है।

हम उत्तराखण्ड के सुनहरे भविष्य के लिए जहा एक ओर निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं वहीं इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि राज्य अनावश्यक ऋण के बोझ से न दबे।
पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में अभिवृद्वि राज्य की शीर्ष प्राथमिकता है। पहली बार हमारी सरकार की कार्यकाल में ₹10 हजार करोड से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हुआ है। पूंजीगत परिव्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वर्ष 2023-24 में ₹10982 करोड़ के रिकार्ड को प्राप्त किया था।
इस वर्ष अभी तक ₹7 हजार करोड़ से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हो गया है।

वर्ष 2025-26 के लिए बजट में लगभग 7 प्रतिशत वृद्धि करते हुए ₹4,763.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

आधारभूत अवसंचना को समर्पित अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान इस बजट में हैं-
जमरानी बांध परियोजना हेतु ₹625.00 करोड़
सौंग परियोजना हेतु ₹75.00 करोड़
लखवाड़ परियोजना हेतु ₹285.00 करोड़
राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता (SASCI ₹1,500.00 करोड़
जल जीवन मिशन हेतु समग्र रूप से ₹1,843.44 करोड़
नगरीय पेयजल / जलोत्सारण योजना का निर्माण हेतु ₹100.00 करोड़
अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजनार्न्न्तगत ₹60.00 करोड़
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में विकास सम्बन्धी निर्माण कार्य हेतु ₹8.00 करोड़
लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत पूंजीगत मद में लगभग ₹1,268.70 करोड़ तथा अनुरक्षण के लिए लगभग ₹900 करोड़
ग्राम्य विकास के अन्तर्गत पीएमजीएसवाई हेतु ₹1,065.00 करोड़

अन्य प्रमुख योजनाओं में बजटीय प्रावधानः-
यूनीफार्म सिविल कोड(UCC) हेतु ₹30.00 करोड़
परिवार पहचान पत्र योजना हेतु लगभग ₹10.28 करोड़
राज्य आन्दोलनकारियों को पेंशन हेतु ₹48.00 करोड़
गौ सदनों एवं निराश्रित पशुओं हेतु ₹70.00 करोड़
गैरसैंण में अवस्थापना कार्य हेतु ₹20.00 करोड तथा गैरसैंण विकास परिषद को अनुदान हेतु ₹5.00 करोड़
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना हेतु ₹550.00 करोड़
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम व राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन हेतु समग्र रूप से लगभग ₹989.74 करोड़
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना अन्तर्गत ₹150.00 करोड़
स्प्रिंग एण्ड रिवर रेजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) के अन्तर्गत कुल ₹127. 00 करोड़
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु ₹60.00 करोड़
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु ₹10.00 करोड़

सतत और समावेशी विकास करना हमारी प्राथमिकता है। आदरणीय प्रधानमंत्री ने यह कहा है कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उनके प्रेरणादायी शब्द हमें निरन्तर और बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।

हमने यह निश्चय किया है कि हम देवभूमि उत्तराखण्ड को एक प्रगतिशील, उन्नत एवं हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनायेंगें। गत 24 वर्षों में राज्य ने कई उपलब्धिया प्राप्त की है. किन्तु अभी हमें बहुत आगे जाना है तथा इस प्रदेश को अग्रणी प्रदेश बनाना है। मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग एवं विकल्प रहित संकल्प से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगें।

हम राजनीति नहीं अपितु राष्ट्रनीति को सर्वोपरि मानते हैं। इसीलिए राजनीतिक रूप से लाभ-हानि की चिंता किये बगैर हम प्रदेश के विकास को गति देने के लिए अथक कार्य कर रहे हैं। बड़े स्केल व अधिक स्पीड पर काम कर रहें हैं। जनता की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। जनता के आदेश को शिरोधार्य कर रहें हैं।

विकसित उत्तराखण्ड तथा इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रयासों को इस बजट से गति मिलेगी।

निर्मल पावन भावना है
देवभूमि की समृद्धि की कामना है।

बजट, राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में बजट पेश होने के उपरान्त मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री और पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बजट राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है। जो सरकार की भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट के आकार ने 1 लाख करोड़ को पार किया है। पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम बजट से इस बार का बजट 24 गुना अधिक है। बजट इकोलॉजी, इकोनोमी, इनोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउंटेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना जैसी अनेक नए पहलुओं को इसमें सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट (नमो) अर्थात नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के समावेशी एवं समग्र विकास के लिए (ज्ञान) अर्थात गरीब कल्याण, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केंद्र में रखा गया है। राज्य सरकार ने इस बजट में वित्तीय प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहा हम अपने संसाधनों से राज्य की आय बढ़ाने का प्रयास करेंगे। बजट में शिक्षा, ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, उद्योग आदि क्षेत्रों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के अनुरूप बजट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा केदार के धाम से कहा था कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी को ध्येय लेकर बजट में इस संकल्प की प्राप्ति के लिए प्रयास किए गए हैं, जो आने वाले समय में राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह बजट आदर्श उत्तराखंड बनाने तथा उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के संकल्प को पूरा करेगा।

प्रदेश के विभिन्न विकास कार्यों के लिए सीएम ने दी वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत राज्य पुलिस बलों का आधुनिकीकरण के मानक मद 40 में प्राविधानित ₹2.00 करोड़ धनराशि की स्वीकृत करने हेतु अनुमोदन किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र मसूरी के वार्ड संख्या 5 धोरणखास के विभिन्न मार्गो का डी.बी.एम.बी.सी द्वारा सतह लेपन एवं साइनेज का कार्य हेतु ₹243.91 लाख की धनराशि स्वीकृत करने हेतु अनुमोदन किया है।

मुख्यमंत्री ने गढ़वाल में चलकुड़िया-मसमोली-सकनोली-नौखोली मोटर मार्ग के प्रस्तावित नाम को शहीद मंदीप सिंह नेगी मोटर मार्ग, सिसल्डी-मंझोला मोटर मार्ग के प्रस्तावित नाम को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोटर मार्ग, बाडियूँकैंण्डूल तल्ला-कैण्डूल मल्ला उतिण्डा (मस्टखाल-पुलासूं-उतिण्डा मोटर मार्ग के प्रस्तावित नाम को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तुला सिंह रावत मोटर मार्ग के नाम किये जाने के प्रस्ताव पर अनुमोदन किया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र-लालकुआं के वनभूलपुरा रेलवे कसिंग से गौलापुल तक गौला नदी के अत्यधिक पानी के बहाव के कारण क्षतिग्रस्त मार्ग का पुनः निर्माण एवं सतह सुधार का कार्य हेतु ₹148.48 लाख की धनराशि स्वीकृत करने, जनपद अल्मोडा के विधानसभा क्षेत्र सोमेश्वर के अन्तर्गत गोलूछीना-गल्ली-वस्यूरा-गोविन्दपुर मोटर मार्ग को जोड़ने हेतु चीनूना गाड के ऊपर 15 मी० विस्तार के आर.सी.सी पुल का निर्माण कार्य हेतु ₹ 121.83 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन किया गया।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कारागार / सम्पूर्णानन्द शिविर, सितारगंज के द्वितीय चरण में टाईप-II के 30 आवासों का निर्माण कार्यों हेतु ₹929.12 लाख एंव जिला कारागार, अल्मोड़ा में टाईप IV के 02, टाईप III के 04 एवं टाईप II के 24 आवासीय भवनों के निर्माण कार्यों हेतु 997.41 लाख की धनराशि स्वीकृत करने पर अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत जनपद हरिद्वार के अन्नेकीपुर-हेत्तमपुर में निर्माणाधीन आवासीय परियोजना हेतु सिडकुल की ओर से परियोजना स्थल तक के मार्ग एवं नाली निर्माण हेतु ₹ 336.60 लाख की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत जनपद चमोली के विकासखण्ड गैरसैंण में सारकोट भराडीसैंण मोटर मार्ग के कि.मी. 6 से 11 में सुधारीकरण एवं डामरीकरण का निर्माण कार्य हेतु ₹ 403.41 लाख की धनराशि स्वीकृत पर अपना अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने टनकपुर बस टर्मिनल निर्माण परियोजना निर्माण कार्य हेतु ₹ 23774.45 लाख (पूर्व स्वीकृत लागत ₹ 5590.70 लाख को शामिल करते हुए) की धनराशि स्वीकृत करने हेतु अनुमोदन किया है। मुख्यमंत्री ने ’स्वान उत्तराखण्ड क्षेत्रीय विस्तार नेटवर्क के संचालन एवं रख-रखाव के कार्य हेतु ₹ 5238.15 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने नाबार्ड से नई परियोजनाओं के वित्तपोषण के क्रम में राज.पाली. द्वाराहाट, राज.पाली गंणाई-गंगोली तथा राज०पाली० पोखरी में भवन निर्माण कार्यों हेतु सकल धनराशि ₹ 1982.795 लाख अवमुक्त किये जाने हेतु अपना अनुमोदन किया है।

मुख्यमंत्री ने जनपद चमोली के अंतर्गत कर्णप्रयाग में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के निर्माण कार्य हेतु ₹ 453.63 लाख की धनराशि स्वीकृत करने हेतु अनुमोदन किया है। मुख्यमंत्री ने जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड मोरी के कासला स्थल पर हेलीपैड का निर्माण किये जाने हेतु अनुमोदन किया है।

सेना और एसएसबी के साथ भी खाद्यान्न, सब्जियों एवं मीट की आपूर्ति के सम्बन्ध में एमओयू होगा

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के स्थानीय अनाज मंडुआ की भांति झंगौरा के लिए भी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही वॉकल फॉर लोकल के विजन को प्रोत्साहित करते हुए मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग को एसएसबी तथा सेना के साथ भी खाद्यान्न, सब्जियों, दूध एवं मीट की आपूर्ति के सम्बन्ध में एमओयू की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीमान्त जनपदों के डीएम को बॉर्डर एरिया में खाली कृषि योग्य भूमि पर मिलेट्स के खेती के विस्तार को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों को राज्यभर के सभी जिलों में 601 एमपीएसीएस (New Multipurpose Primary Agriculture Cooperatives)/डेरी/फिशरीज सोसाइटी के गठन के लक्ष्य को प्राथमिकता पर लेते हुए समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सचिवालय में आज राज्य में धरातल स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से आयोजित करने को लेकर स्टेट कॉओपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी की बैठक ले रही थी।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को राज्यभर में वर्ष 2025 में अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से मनाए जाने हेतु अधिकाधिक जनमानस को इसके आयोजनों से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपदों में अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत आयोजित किए जाने वाले सम्मेलनों, प्रदशर्नी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना, क्रियान्वयन तथा मॉनिटरिंग में धरातल स्तर पर स्थानीय सहकारिता समितियों की सहभागिता सुनिश्चिति करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव डा0 बी वी आर सी पुरूषोतम, अपर सचिव सोनिका, मनुज गोयल सहित सहकारिता, वित्त, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

राज्य सरकार, प्रदेश के विकास में समर्पित होकर नवाचार के साथ आगे बढ़ेगी-धामी

विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया है। माननीय राज्यपाल जी ने अपने अभिभाषण में राज्य को लेकर जो भी रोडमैप रखा है। उस पर राज्य सरकार प्राथमिकता से कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, प्रदेश के विकास में समर्पित होकर नवाचार के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य अपनी रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है। राज्य की विकास यात्रा अनवरत जारी रहे, इसके लिए बजट में प्रावधान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था, जिस संकल्प को आत्मसार करने हेतु राज्य सरकार संकल्पित हैं। उन्होंने कहा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए उत्तराखंड राज्य भी अपना योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार हर दृष्टि से उत्तराखंड को आगे बढ़ा रही है। राज्य में 38वे राष्ट्रीय खेल सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं। जो हमारे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। देश में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने का सौभाग्य हमारे राज्य को प्राप्त हुआ है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। उत्तराखंड द्वारा लिए जा रहे अनेक ऐतिहासिक निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी आदर्श उदाहरण बन रहे हैं। आज उत्तराखंड भारत का श्रेष्ठ राज्य बनने की ओर अग्रसर है। हमारा संकल्प है कि हम उत्तराखंड को भारत सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जन भावनाओं के अनुरूप ही कार्य करेगी। उन्होंने कहा पक्ष विपक्ष सभी ने मिलकर सदन को चलाना है। सदन सही प्रकार से चले यह सबकी जिम्मेदारी है।