सीएम धामी की धुंआधार पारी से विपक्ष चारों खाने चित, जिपंस की 12 में से 10 सीट भाजपा की

उत्तराखंड की राजनीति में पिछले चार वर्षों में एक बात लगातार साफ होती जा रही है सीएम पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व न केवल सशक्त है, बल्कि भाजपा के लिए लगातार जीत की गारंटी भी बन चुका है। विधानसभा उपचुनाव से लेकर लोकसभा, नगर निकाय और अब पंचायत चुनाव तक, धामी की धुंआधार पारी ने विपक्ष को चारों खाने चित कर दिया है। गुरुवार को जब जिला पंचायत चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए, तो पहाड़ से लेकर मैदान तक भाजपा के कमल ने जीत का परचम लहराना शुरू कर दिया।

इस बार हुए 12 जिला पंचायत सीटों के चुनाव में भाजपा ने 10 सीटों पर विजय हासिल की, जिनमें से 5 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके थे। गुरुवार को हुए चुनाव में रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा में भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की जबकि, उत्तरकाशी, चंपावत, टिहरी, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर में भाजपा उम्मीदवार पहले ही जीत दर्ज कर चुके थे, इसके साथ ही नैनीताल पर अभी दुबारा मतगणना होनी है, जिस कारण इस सीट का रिजल्ट होल्ड पर रखा गया है। वहीं हरिद्वार जिला पंचायत सीट पहले से ही भाजपा के कब्जे में है। देहरादून में भी भाजपा की कांटे की टक्कर दी।

यही नहीं, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधान के चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा, हरिद्वार की छह सीटों को छोड़कर प्रदेश की 89 ब्लॉक प्रमुख सीटों पर चुनाव हुए, जिनमें भाजपा ने 75 प्रतिशत से अधिक सीटों पर कब्जा जमाया। चुनाव के बाद जैसे ही नतीजे आने शुरू हुए तो, भाजपा की आंधी के सामने कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार कहीं ठहर नहीं पाए। जबकि ग्राम प्रधान की 85 प्रतिशत सीट पर भाजपा का कब्जा है।

इस जीत का सबसे बड़ा पहलू पहाड़ी अंचलों में भाजपा का जबरदस्त दबदबा रहा। धामी के करिश्माई नेतृत्व और जनकल्याणकारी नीतियों ने गाँव-गाँव में विकास की नई कहानी लिखी। सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और रोजगार३ हर क्षेत्र में धामी सरकार के काम ने जनता का भरोसा मजबूत किया है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा की यह विराट जीत 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल है। यह साफ संकेत है कि उत्तराखंड की जनता सीएम धामी के नेतृत्व पर न केवल भरोसा करती है, बल्कि भाजपा की नीतियों को ही प्रदेश के विकास की राह मानती है। यह परिणाम विपक्ष के लिए स्पष्ट चेतावनी है कि आने वाले चुनावी महासंग्राम में मुकाबला आसान नहीं होगा।

सीएम धामी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जनसेवा, विकास और पारदर्शी शासन ही उनकी प्राथमिकता है, और यही उनकी जीत की सबसे बड़ी ताकत है। 2027 की राह में यह विजय पताका भाजपा के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दे रही है और विपक्ष के लिए यह एक गंभीर संदेश है। उत्तराखंड में नेतृत्व की पसंद पहले से तय है।

आदर्श ग्राम सारकोट का अध्ययन करने आएंगे सभी मुख्य विकास अधिकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले में गैरसैंण के निकट सारकोट ग्राम पंचायत की नवनिर्वाचित प्रधान 21 वर्षीय प्रियंका नेगी को बधाई दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर रही है, अन्य जिलों में भी इसी तरह आदर्श ग्राम बनाए जाएंगे। जल्द ही सभी मुख्य विकास अधिकारी सारकोट का अध्ययन करने के लिए आएंगे।

मुख्यमंत्री ने फोन पर प्रियंका नेगी को बधाई देते हुए कहा कि, जिस तरह सारकोट के ग्रामीणों ने एक पढ़ी लिखी युवा लड़की को अपना प्रधान चुना है, उसके लिए सभी ग्रामीण बधाई के पात्र हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रियंका से कहा कि अब हमें सारकोट को और विकसित करना है, गांव में कृषि, पशुपालन के साथ ही महिला स्वरोजगार से जुड़े सभी कार्य तेजी से आगे बढ़ाए जाएंगे। सरकार सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर रही है। इसी की तर्ज पर अन्य जिलों में भी आदर्श ग्राम विकसित किए जाएंगे। जल्द सभी सीडीओ सारकोट के दौरे पर आएंगे। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रियंका को देहरादून आने का भी निमंत्रण देते हुए, गांव के विकास पर मंथन करने का भी आश्वासन दिया। प्रियंका नेगी ने सारकोट को गोद लिए जाने के लिए का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, आदर्श ग्राम सारकोट में पहले के मुकाबले अब सभी जन सुविधाएं उपलब्ध हैं, गांव में कई विकास कार्य सम्पन्न हुए हैं। वो सरकार के सहयोग से गांव के विकास में योगदान देंगी।

सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। हम सभी जिलों में ऐसे आदर्श ग्राम विकसित करेंगे। जहां रोजगार, स्वरोजगार के अवसरों साथ ही सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों। इस बार के पंचायत चुनाव में कई युवा और पढ़े लिखे प्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं, जो त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए एक शुभ संकेत है, सरकार पंचायतों को पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

दूसरी बार महेंद्र भट्ट सर्व सम्मति से बने उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

ओम के उच्चारण के साथ भाजपा प्रदेश परिषद में प्रदेशाध्यक्ष के लिए महेंद्र भट्ट भट्ट का सर्वसम्मिति से अनुमोदन किया है। वहीं राष्ट्रीय परिषद के लिए भी 8 सदस्यों के निर्वाचन की घोषणा की गई। इस मौके पर एकसुर में पंचायत के साथ 27 के विधानसभा और 29 के लोकसभा चुनाव में भी प्रचंड जीत दर्ज करने का आह्वाहन किया गया।

इस अवसर पर केंद्र से आए परिवेक्षक केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा, विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन भारतीय जनता पार्टी यूं ही नहीं है। क्योंकि लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ कहने सुनने तक सीमित नहीं है, बल्कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय के दर्शन के कारण, लोकतंत्र हमारी पार्टी के आचार, व्यवहार, संस्कार, विचार में बसता है। आज देश में कहने को तो 2.5 हजार राजनैतिक दल हैं लेकिन संगठन में आंतरिक चुनाव केवल भाजपा में होता है। यहां 17 करोड़ सदस्यों वाली पार्टी में बूथ से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का चुनाव शांति और अनुशासन से संपन्न हो जाते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी की तारीफ करते हुए कहा, जहां-जहां भाजपा की सरकार होती है वहां-वहां अंतोदय के सिद्धांत पर चलकर विकास नीचे तक पहुंचता है जिसका उदाहरण है उत्तराखंड की सरकार।

उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश में संगठन पर्व के क्रम में चल रही चुनावी प्रक्रिया के समाप्त होने की घोषणा की। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेशाध्यक्ष के नामांकन में प्रदेश के शीर्ष नेताओं ने सर्वसम्मिति से नाम प्रस्तुत किया। पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत समस्त शेष नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने ओम के उच्चारण के साथ पूरी प्रांतीय परिषद से प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चुनाव का अनुमोदन लिया। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत सांसद महारानी माला राज्यालक्ष्मी शाह, कल्पना सैनी, अजय भट्ट, केंद्रीय मंत्री और सांसद अजय टम्टा के नाम शामिल हैं।

वही इस मौके पर अपने उद्बोधन में प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने नए प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चयन पर समस्त कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा, आप सभी कार्यकर्ताओं ने अथक प्रयासों से प्रदेश में लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार लाकर नई परिपाटी लागू की। और अब इसी नई परिपाटी को संगठन में लागू करते हुए अपने प्रदेश अध्यक्ष पद पर महेंद्र भट्ट को दोहराया है। इसी तरह आप हम सबको मिलकर राज्य में तीसरी बार सरकार लेकर आनी है। उन्होंने भरोसा जताया कि मौसम को देखकर विपक्ष पंचायत चुनाव से भाग रही है लेकिन हमारे कार्यकर्ता जनता के सहयोग से इस आंधी तूफान में भी भारी विजय हासिल करके दिखाएंगे।

वही नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने अपने चयन के लिए राज्य के सभी देवदुर्लभ कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, पहले कार्यकाल में पार्टी ने लोकसभा चुनाव से लेकर हरिद्वार पंचायत चुनाव विधानसभा उपचुनाव समेत निकाय चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की है। यह सब पीएम मोदी समेत केंद्रीय नेतृत्व के आशीर्वाद और मुख्यमंत्री धामी, कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों,विधायक, सभी जनप्रतिनिधियों एवं लाखों कार्यकर्ताओं के दम पर संभव हुआ है। आज हम राज्य में 22 लाख से अधिक सदस्य और 15 हजार से अधिक सक्रिय सदस्य वाले दल बन गए हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा सरकार के कामों और पार्टी की सक्रियता के चलते इनमें जीतना हमारे लिए कोई बड़ा लक्ष्य नहीं है। बल्कि हमारी कोशिश है कि कोई भी प्रधान क्षेत्र पंचायत पद पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं की चुनावी कोशिश से अछूता न रहें। क्योंकि हमारा उद्देश्य है कि हमारी डबल इंजन सरकार के विकास और कल्याणकारी कार्य गांव में भी नीचे तक पहुंचे। जिसके धरातल में उतरने में कोई भी नकारात्मक और भ्रष्ट जनप्रतिनिधि बाधा नहीं बन सके।

उन्होंने आह्वाहन किया कि हम सबको एकजुट होकर 27 में जीत की हैट्रिक लगानी है, वो भी 60 पार के लक्ष्य के साथ। जिसके लिए मुझे आप सभी लोगों से बधाई के बजाय आपकी 100 फीसदी प्रयासों के रूप में शुभकामनाएं चाहिए। यह जो लक्ष्य हम तय कर रहे हैं यह संभव नहीं है क्योंकि प्रदेश की जनता, केंद्र की मोदी और राज्य की धामी सरकार के विकास कार्यों को खुली आंखों से देख रही है। आज हमारे संगठन के कार्यकर्ताओं के सामर्थ्य और कर्मठ था का कोई सानी नहीं है उसे पर सरकार के काम सोने पर सुहागा बन गया है।

वहीं विनम्र आग्रह किया कि हम सब, अब न रुकेंगे, न थकेंगे। हम अटल जी की पंक्तियां में काल के कपाल पर भाजपा के जीत की गाथा लिखेंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों को शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने कहा भाजपा में सामान्य कार्यकर्ता कहां से कहां पहुंच जाता है इसका उदाहरण मुझे और महेंद्र भट्ट को देखकर महसूस किया जा सकता है। उन्होंने महेंद्र भट्ट की प्रशंसा करते हुए कहा कि सहज सरल और मेहंदी स्वभाव के चलते हुए प्रदेश में कार्यकर्ताओं का मनोबल आसमान पर पहुंचने तक सफल हुए हैं। यही वजह है कि उनके नेतृत्व में हम एक के बाद एक लगातार सभी चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने में सफल हुए हैं। जीत का सिलसिला और सबके सुख-दुख का सहभागी होने की प्रवृति के चलते हासिल, कार्यकर्ता के विश्वास ने उन्हें दोबारा अपना अध्यक्ष चुना है।

उन्होंने कहा मेरा भी विश्वास है कि काम को बोलना चाहिए, कम दिखाई देगा तो जनता का विश्वास स्वयं आपको आशीर्वाद के रूप में प्राप्त हो जाएगा। वही उम्मीद जताई कि आने वाले पंचायत और विधानसभा चुनाव में केंद्र और राज्य की योजनाओं को हम प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में नीचे तक ले जाने में सफल होंगे।

उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए में कहा कि जो कल आरोप लगाते थे, हार के डर से हम चुनाव नहीं कर रहे हैं, जब हमने घोषणा की तो वही कोर्ट चले गए, जब न्यायालय में मजबूत पैरवी करके पुणे चुनाव की घोषणा करवाई तो अब वहीं कांग्रेस मौसम खराब होने का हवाला देकर चुनाव से भाग रही है। दरअसल सच्चाई यह है कि कांग्रेस शुरुआत से ही पंचायत चुनाव के पक्ष में नहीं रही है वह जानती है कि निकायों और हरिद्वार पंचायत चुनाव की तरह वह इसमें भी करारी हार का मुंह देखने वाली है।

उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार के ऐतिहासिक निर्णय का जिक्र करते हुए कहा धारा 370, श्री राम मंदिर का निर्माण, तीन तलाक की समाप्ति, वक्फ संशोधन बिल जैसे साहसिक फैसलों ने देश का माहौल बदल दिया है। 2014 से पहले देश की दब्बू और पिछले लोगों की छवि को बदलते हुए, पीएम मोदी के नेतृत्व में देश वैश्विक स्तर पर लीडर के रूप में उभर रहा है। उनकी इच्छा शक्ति और साहस का परिणाम है कि देश की बहादुर सैन आतंकवाद का मुंह तोड़ जवाब दे रही है। अब हम आतंकवादियों को उनके बिलों से ही साफ करने का काम करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर में हमारे जांबाज जवानों ने पाकिस्तान को चार दिन में ही घुटने पर ला दिया था।
प्रदेश में भी केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के कारण चौमुखी विकास की गति लगातार तेज हो रही है। हम सब के प्रयासों का नतीजा है कि नीति आयोग की सतत विकास के इंडेक्स पर हम पहले स्थान पर आए, ईज ऑफ डूइंग में हमने सुधार किया, बेरोजगारी की दर में हम राष्ट्रीय औसत से आगे रहे। हमने सख्त धर्मांतरण, दंगा रोधी कानून लागू किया और लव जिहाद लैंड जिहाद और थूक जिहाद पर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की। प्रदेशवासियों की भावनाओं के अनुरूप हमारी सरकार सख्त भू कानून लेकर आई जिसका नतीजा है कि 65 हजार एकड़ जमीन अतिक्रमण से अब तक हम मुक्त करा चुके हैं। 27 जनवरी 2025 को समान नागरिक संहिता लागू करने वाला हम पहला राज्य बने। कठोरता नकल विरोधी कानून लेकर हम आए जिसके संरक्षण में 23 हजार युवाओं को पूर्ण पारदर्शिता और ईमानदारी प्रक्रिया से सरकारी नौकरी देने में हम सफल रहे हैं।

हमारी सरकार राज्य में भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में जुटी है, जिसके क्रम में 200 से अधिक छोटे बड़े भ्रष्टाचारियों को हम सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। यह आम धारणा थी कि भ्रष्टाचार निवारण कार्यवाही में छोटी मछलियां ही पकड़ी जाती है लेकिन आज हम बड़ी मछली भी पकड़ रहे हैं और मगरमच्छों को भी नहीं छोड़ रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस लाख झूठ और भ्रम फैलाएं लेकिन हम उत्तराखंड का विकास विकल्परहित संकल्प के साथ करते रहेंगे। पार्टी में भी हम इसी संकल्प पर आगे बढ़ते हुए पंचायत चुनाव के बाद 27 के विधानसभा और फिर 29 के लोकसभा चुनाव में भी प्रचंड विजय हासिल करेंगे।

प्रांतीय परिषद की बैठक में सभी पदों पर अनुमोदन के बाद प्रदेश चुनाव अधिकारी श्री खजान दास ने राज्य में संगठन पर्व के संपन्न होने की घोषणा की। प्रांत परिषद में प्रदेश चुनाव अधिकारी खजान दास के साथ सह चुनाव अधिकारी मीरा रतूड़ी, राकेश गिरी, पुष्कर काला भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर प्रदेश सह प्रभारी रेखा वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, विजय बहुगुणा, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा सांसद अजय भट्ट, नरेश बंसल, महारानी माला राज्यालक्ष्मी शाह, कल्पना सैनी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विशन सिंह चुफाल, मदन कौशिक ने भी अपने विचार रखें। वहीं बैठक में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, सौरभ बहुगुणा, गणेश जोशी, सतपाल महाराज, रेखा आर्य, विधायक सहदेव पुंडीर अरविंद पांडे भोपाल राम, अनिल नौटियाल बृजभूषण गैरोला, प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, मुकेश कोली, प्रदेश कार्यालय सचिव कस्तूभानंद जोशी, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान समेत बड़ी संख्या में विधायक एवं पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य सरकार प्रदेश के अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने का कर रही कार्यः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान सभा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा हम सबने मिलकर बाबा साहब के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए जाति, भाषा और क्षेत्र के भेदभाव को मिटाकर एक समरस, संगठित और सशक्त भारत का निर्माण करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के समान अधिकार की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में आयोजित सम्मान अभियान बाबा साहब के राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान को स्मरण करने , उनके विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बना है। इस अभियान के तहत प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों और संवाद-गोष्ठियों का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता जैसे मूल्यों पर आधारित है। बाबा साहेब द्वारा समाज के वंचित, शोषित और उपेक्षित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया संघर्ष हमेशा अमर रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का सर्वाेच्च संवैधानिक पद तक पहुँचना अंत्योदय के स्वप्न को साकार करता है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहब की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व घोषित, बाबा साहब की पुण्य स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहेब के विचारों और योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के लिए कार्य किया है। उनके कल्याण के लिए आम बजट में विशेष वृद्धि एवं आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जा रहे हैं। दलित उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून को और अधिक सख्त बनाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं में गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने कार्य कर रही है। सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ उनके लिए प्रदेश में निःशुल्क 15 छात्रावासों, 5 आवासीय विद्यालयों और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। अनुसूचित वर्ग के आवासहीन परिवारों को घर बनाने हेतु 1 लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान कर रही है। राज्य सरकार ने हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण कराये जाने की घोषणा की है।

इस अवसर पर पहलगाम में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री ने कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना को राष्ट्रीय एकता पर हमला बताते हुए कहा कि इस घिनौनी वारदात ने हम सभी को एक साथ आने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा जब तक हम सभी एक नहीं होंगे, तब तक ऐसी ताकतें हमें निशाना बनाती रहेंगी।

इस दौरान भाजपा सहप्रभारी (उत्तराखंड) रेखा वर्मा, विधायक डा. प्रेमचंद्र अग्रवाल, मेयर शंभु पासवान, विधायक ब्रजभूषण गैरोला, सुरेंद्र, प्रदीप एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

बड़ी संख्या में सीएम से मिले विधायक, जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विधानसभा परिसर में विधानसभा बजट सत्र में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 ध्वनि मत से पारित होने पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, महंत दिलीप रावत, प्रमोद नैनवाल, रेणु बिष्ट, सुरेश चौहान, राम सिंह कैड़ा, महेश जीना, राजकुमार, अनिल नौटियाल सहित विभिन्न विधायकों ने भेंट कर इस ऐतिहासिक कार्य के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

हमारा संकल्प उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों, को भू माफियाओं से बचाए रखना है-मुख्यमंत्री

विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान कहा कि यह संशोधन भू सुधारों में अंत नहीं अपितु एक शुरुआत है। राज्य सरकार ने जन भावनाओं के अनुरूप भू सुधारों की नींव रखी है। भू प्रबंधन एवं भू सुधार पर आगे भी अनवरत रूप से कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की जनता की जनभावनाओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लिया है। सरकार कई नए महत्वपूर्ण मामलों पर ऐतिहासिक निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा हम उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों को भूमाफियाओं से बचाने का संकल्प है। जिन उद्देश्यों से लोगों ने जमीन खरीदी है, उसका उपयोग नहीं दुरुपयोग हुआ, ये चिंता हमेशा मन में थी। उन्होंने कहा उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों के साथ मैदानी इलाके भी हैं। जिनकी भौगोलिक परिस्थिति एवं चुनौतियां अलग-अलग है। उन्होंने कहा जब से स्व. श्री अटल जी ने उत्तराखंड राज्य के लिए औद्योगिक पैकेज दिया तब से राज्य सरकार बड़ी संख्या में औद्योगीकरण की ओर जा रही है। ऐसे में राज्य में आने वाले असल निवेशकों को कोई दिक्कत न हो, निवेश भी न रुके। उसके लिए इस नए संशोधन/कानून में हमने सभी को समाहित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सबकी जन भावनाओं के अनुरूप कार्य कर रही है। हम लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास रखते हैं। बीते कुछ वर्षों में देखा जा रहा था कि प्रदेश में लोगों द्वारा विभिन्न उपक्रम के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर जमीनें खरीदी जा रही थी। उन्होंने कहा भू प्रबंधन एवं भू सुधार कानून बनने के पश्चात इस पर पूर्ण रूप से लगाम लगेगी। इससे असली निवेशकों और भू माफियाओं के बीच का अंतर भी साफ होगा। राज्य सरकार ने बीते वर्षों में बड़े पैमाने पर राज्य से अतिक्रमण हटाया है। वन भूमि और सरकारी भूमियों से अवैध अतिक्रमण हटाया गया है। 3461.74 एकड़ वन भूमि से कब्जा हटाया गया है। यह कार्य इतिहास में पहली बार हमारी सरकार ने किया। इससे इकोलॉजी और इकॉनमी दोनों का संरक्षण मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि एवं औद्योगिक प्रयोजन हेतु खरीद की अनुमति जो कलेक्टर स्तर पर दी जाती थी। उसे अब 11 जनपदों में समाप्त कर केवल हरिद्वार और उधम सिंह नगर में राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लिए जाने का प्रावधान किया गया है। किसी भी व्यक्ति के पक्ष में स्वीकृत सीमा में 12.5 एकड़ से अधिक भूमि अंतर्करण को 11 जनपदों में समाप्त कर केवल जनपद हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर में राज्य सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा आवासीय परियोजन हेतु 250 वर्ग मीटर भूमि क्रय हेतु शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। शपथ पत्र गलत पाए जाने पर भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत थ्रस्ट सेक्टर एवं अधिसूचित खसरा नंबर भूमि क्रय की अनुमति जो कलेक्टर स्तर से दी जाती थी, उसे समाप्त कर, अब राज्य सरकार के स्तर से दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा इसके साथ की नए कानून में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा सरकार ने गैरसैंण में भी हितधारकों, स्टेकहोल्डर से विचार लिए थे। इस नए प्रावधानों में राज्यवासियों के विचार लिए गए हैं, सभी के सुझाव भी लिए गए हैं। सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं तहसील स्तर पर भी अपने जिलों में लोगों से सुझाव लिए गए। सभी के सुझाव के अनुरोध ये कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य मूल स्वरूप बना रहे, यहां का मूल अस्तित्व बचा रहे। इसके लिए इस भू सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा राज्य की डेमोग्राफी बची रहे इसका विशेष ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक, पर्यटन, शैक्षणिक, स्वास्थ्य तथा कृषि एवं औद्यानिक प्रयोजन आदि हेतु आतिथि तक राज्य सरकार एवं कलेक्टर के स्तर से कुल 1883 भूमि क्रय की अनुमति प्रदान की गयी। उक्त प्रयोजनों/आवासीय प्रयोजनों हेतु क्रय की गयी भूमि के सापेक्ष कुल 599 भू-उपयोग उल्लंघन के प्रकरण प्रकाश में आये हैं, जिनमें से 572 प्रकरणों में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश-2001) की धारा 166/167 के अन्तर्गत वाद योजित किये गये हैं तथा 16 प्रकरणों में वाद का निस्तारण करते हुए 9.4760 हे० भूमि राज्य सरकार में निहित की गयी है। अवशेष प्रकरणों में कार्यवाही की जा रही है।

अपनी स्थापना से लगातार विश्वविद्यालय खेती में नए-नए प्रयोग कर कीर्तिमान स्थापित कर रहा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित ‘17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन’ में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण एवं कृषकों का उत्थान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस प्रतिष्ठित सम्मेलन को देवभूमि उत्तराखंड की पुण्य धरा में आयोजित किया जा रहा है। ऐसे सम्मेलनों के द्वारा जहां एक ओर किसान भाईयों को कृषि से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, शोध परिणामों एवं उत्तम बीज-खाद आदि के विषय में जानने का अवसर प्राप्त होता है, वहीं दूसरी ओर यहां पर लगे विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से उन्हें औद्यानिकी, पशुपालन एवं जैविक खेती जैसी कृषि की अन्य विधाओं के बारे में भी विषय विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण मार्गदर्शन भी मिलता है। उन्होंने कृषि जगत के इतने महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज उत्तराखंड को कुशल एवं समृद्ध बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। आज मोदी सरकार द्वारा जहां एक ओर देश में विभिन्न योजनाओं, अभियान के माध्यम से कृषि उपज बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं, वहीं किसानों की आय में बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार भी प्रदेश के किसानों की उत्थान एवं समृद्धि हेतु संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के देने के साथ ही फार्म मशीनरी बैंक योजना के अंतर्गत कृषि उपकरण खरीदने एवं एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब के बागान लगाने पर 80 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। चाय बागान धौला देवी, मुनस्यारी एवं बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप परिवर्तित किये जाने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सगंध खेती को भी बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। 6 एरोमा वैली विकसित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं, नवाचारों एवं प्रशिक्षणों के माध्यम से उत्तराखंड के किसानों को प्रशिक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। इस बार के बजट में किसानों एवं पशुपालकों के उत्थान के लिए 463 करोड़ का रूपये का अलग से प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं का उत्थान सुनिश्चित करने कि दिशा में गोविन्द बल्लभ कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर लम्बे समय से कार्य कर रहा है। 1960 से लेकर लगातार यह विश्वविद्यालय न केवल कृषि एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर नए-नए शोध कार्य कर रहा है, बल्कि देश में प्रतिभावान वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की नई पौध को भी विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। इसी क्रम में यहां आयोजित हो रहा ये कृषि विज्ञान सम्मेलन उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश के कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को और अधिक समृद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस सम्मेलन में आए किसानों से आह्वान किया कि यहां लगाए गए विभिन्न स्टॉलों को देखने के साथ-साथ इस सम्मेलन के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार, डिजिटल कृषि, जलवायु परिवर्तन और स्मार्ट पशुधन पालन जैसे विभिन्न विषयों पर आयोजित होने वाली पैनल चर्चाओं एवं सेमिनार में भी अवश्य प्रतिभाग करें। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन से नई-नई तकनीकों के साथ-साथ कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र के प्रति एक नया विजन सामने आयेगा।
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम एस चौहान ने सम्मेलन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सम्मेलन में 16 देशों के वैज्ञानिक इस कृषि महाकुम्भ में प्रतिभाग कर रहे हैं, साथ ही 500 से अधिक प्रगतिशील कृषक भी प्रतिभाग कर रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग व प्रेरणा से इस कृषि सम्मेलन का आयोजन संभव हो पाया है।
इस दौरान मेयर विकास शर्मा, मेयर गजराज बिष्ट, दर्जामंत्री अनिल कपूर डब्बू, आईजी डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकान्त मिश्रा, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक और कृषक उपस्थित रहे।

नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री को धामी ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से भेंट कर उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल हेतु शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेखा गुप्ता के कुशल नेतृत्व में दिल्ली विकास के नए आयाम स्थापित करेगी और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में सरकार सफल रहेगी। निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और डबल इंजन सरकार के समर्पित प्रयासों से राजधानी समृद्धि और प्रगति की दिशा में निरंतर आगे बढ़ेगी।

बजट के खास प्रावधानों पर एक नजर…

बजट केवल एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा, नीतियों और सामाजिक कल्याण पहलों को आकार देने का एक शक्तिशाली साधन है।

बजट 2025-26 का आकार लगभग ₹1,01,175.33 करोड़ है। यह 2024-25 के अनुमान ₹89,230.07 करोड़ से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। पहली बार ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट प्रस्तुत करने का सौभाग्य हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है। राज्य गठन के उपरान्त 2001-02 में ₹4,506 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इस प्रकार 24 वर्षों में लगभग 24 गुना बजट हमने आज प्रस्तुत किया है।

लगभग 16.68 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इस बजट में ₹16,961.32 करोड़ का प्रावधान जेंडर बजट में किया गया है।

इकॉलोजी, इकोनामी, इनोवेशन, टेक्नालॉजी, सस्टेनेबल व इन्क्लूजिव डेवलवपमेंट तथा एकाउन्टेबिलिटी के व्यापक फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए हम कार्य कर रहे हैं।
सरलता, समाधान और निस्तारीकरण द्वारा विकास के अवरोध दूर कर रहे हैं।
हम ध्येय पथ पर बढ़ रहे हैं।

इस बजट में हम नई अनेक नई योजनाएं लेकर आये हैंः-

वेंचर फंड की स्थापना
रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट परियोजना
प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद
यू.आई.आई.डी.बी. को परामर्शी सेवाओं एवं सर्विस सेक्टर सब्सिडी
रेणुका जी बांध परियोजना मे राज्य की अंशपूंजी
स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन
खेल विश्वविद्यालय की स्थापना
होमगार्ड कल्याण कोष
मादक पदार्थों से सम्बन्धित अभियोग में कार्यवाही के लिए पुलिस कर्मियों आदि के उत्साहवर्धन हेतु रिवाल्विंग फंड की स्थापना,
सैनिक विश्राम गृहों की साज सज्जा
यह बजट N, A, M, O (नमो) यानि नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है।

नमो का प्रथम बिन्दु N अर्थात नवाचार के प्रतीक अनेक बिन्दु जैसे परिवार पहचान पत्र, पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण, फायर हाइड्रेन्ट मशीन, स्मार्ट मीटर, साईंस सॅन्टर, स्मार्ट क्लास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

नमो के दूसरे बिन्दु Aअर्थात आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए बजट में “सप्तऋषि“ की अवधारणा दी गयी हैः कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसरंचना, संयोजकता, पर्यटन तथा आयुष। ये ’सप्तऋषि आधुनिक उत्तराखण्ड के हमारे ग्रोथ इंजन हैं।

नमो के तीसरे बिन्दु M अर्थात महान विरासत के संरक्षण के लिए अनेक पहल हमारी सरकार ने की हैः-

शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश, ओम पर्वत आदि पवित्र स्थानों के लिए सड़क संयोजकता को सुगम बनाना, गोविंद घाट से घांघरिया मार्ग का नाम साहिबजादे जोरावर सिंह, बिडौरा छेवी पातशाही गेट से धूमखेड़ा मार्ग का नाम साहिबजादे फतेह सिंह मार्ग किए जाने की स्वीकृति आदि।

हरिद्वार और ऋषिकेश के पुनर्विकास, शारदा रिवर फ्रंट और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों का विकास, कांवड़ मेले के आयोजन, अर्द्धकुम्भ मेले की प्रारम्भिक तैयारी, ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय की स्थापना हेतु विभिन्न मेलों के आयोजन, संस्कृत पाठशालाओं व विश्वविद्यालय को अनुदान आदि हेतु बजट प्रावधान किये गये हैं।

संस्कृति के पावन मूल्यों की रक्षा,
प्रदेश का भविष्य उज्जवल करना
तथा विकास भी और विरासत भी
के सिद्धांत पर अडिग रहना
यह हमारी कार्यनीति है।
इसका परिलक्षण इस बजट में होता है।

नमो के चौथे बिन्दु O अर्थात ओजस्वी मानव संसाधन के लिए हमारी पहल –

उत्तराखण्ड वेंचर फंड की स्थापना, उद्यमिता को प्रोत्साहन, कृषकों को प्रोत्साहन, खेल सुविधाओं का विकास, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, देवभूमि उद्यमिता योजना, छात्रवृत्तियां, शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम, प्रशिक्षण तथा साइंटिफिक टेम्परामेंट को प्रोत्साहन आदि।

केवल सरकार के प्रयास से नहीं, जागृत जनता और ओजस्वी जनता से बनेगा विकसित उत्तराखण्ड ।
इस बजट में समावेशी व समग्र विकास के दृष्टिकोण से ज्ञान (GYAN) अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केन्द्र में रखा गया है।

गरीब कल्याण हेतु बजटीय प्रावधानः-

सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत विभिन्न पेंशन योजनाओं हेतु लगभग ₹1,811.86 करोड़
विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी हेतु लगभग ₹918.92 करोड़
अन्नपूर्ति योजना ₹600.00 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु लगभग ₹207.18 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु लगभग ₹54.12 करोड़
EWS आवासों हेतु अनुदान ₹25.00 करोड़
परिवहन निगम की बसों में निर्धारित श्रेणी के यात्रियों हेतु निःशुल्क यात्रा की सुविधा हेतु ₹40.00 करोड़
राज्य खाद्यान योजना हेतु ₹10.00 करोड़
सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने हेतु लगभग ₹34.36 करोड़
निर्धन परिवारों हेतु रसोई गैस पर अनुदान हेतु ₹55.00 करोड़

“युवा शक्ति“ हेतु महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधानः-

टाटा टैक्नोलॉजी मॉडल के अनुसार आईटीआई का उन्नयन हेतु कुल ₹63.00 करोड़
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रतिपूर्ति हेतु लगभग ₹178. 83 करोड़
9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक हेतु लगभग ₹59.41 करोड़
कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु ₹23.00 करोड़
विद्यालयी शिक्षा छात्रवृत्ति हेतु ₹15.00 करोड़
उच्च शिक्षा छात्रवृति हेतु ₹15.00 करोड़
उदीयमान खिलाडियों को छात्रवृत्ति हेतु ₹10.00 करोड़
बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साईकिल) योजना हेतु ₹15.00 करोड़
साइन्स सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों हेतु लगभग ₹26.64 करोड़
विज्ञान केन्द्र चम्पावत हेतु ₹10.00 करोड़
खेल महाकुम्भ के आयोजन हेतु ₹15.00 करोड़
युवा महोत्सव के आयोजन हेतु रू0 5.00 करोड़
मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलम्बन योजना हेतु रू0 5.00 करोड़
अन्नदाता हेतु प्रमुख बजटीय प्रावधानः-
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत समग्र रूप से ₹85.00 करोड़
किसान पेंशन योजनान्तर्गत समग्र रूप से लगभग ₹4218 करोड़
हाउस ऑफ हिमालयाज के अन्तर्गत ₹15.00 करोड़
मिशन एप्पल योजना अन्तर्गत ₹35.00 करोड़
साईलेज आदि हेतु समग्र रूप से ₹40.00 करोड
दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना हेतु समग्र रूप से ₹30.00 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत ₹25.00 करोड़
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना हेतु समग्र रूप से ₹12.43 करोड़
मिलेट मिशन योजना के प्रोत्साहन हेतु ₹4.00 करोड़
स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम हेतु लगभग ₹5.75 करोड़
नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना हेतु समग्र रूप से लगभग ₹3.22 करोड़

नारी कल्याण को समर्पित प्रमुख बजटीय प्रावधान-
नन्दा गौरा योजनान्तर्गत लगभग ₹157.84 करोड़
मुख्यमंत्री बाल पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹29.91 करोड़
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजनान्तर्गत लगभग ₹22.82 करोड़
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत लगभग ₹18.88 करोड़
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹13.96 करोड़
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत ₹14.00 करोड़
मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि हेतु ₹8.00 करोड़
निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु ₹5.00 करोड़
मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजनान्तर्गत लगभग ₹3.76 करोड़
मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना हेतु ₹5.00 करोड़
महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनांतर्गत ₹5.00 करोड़
ईजा-बोई शगुन योजना हेतु लगभग ₹14.13 करोड़

अक्सर बढ़ते हुए ऋण बोझ के कारण सरकार निशाने पर रहती थी। हमने वित्तीय प्रबन्धन पर जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि राज्य के स्वंय के संसाधनों से आय बढे तथा केन्द्र पोषित योजनाओं तथा बाड्य सहायतित योजनाओं में निर्वाध रूप से भारत सरकार से धनराशि प्राप्त की जा सके। इस हेतु लगातार समीक्षाए की जा रही हैं। समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं तथा सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हो रही है।

हम उत्तराखण्ड के सुनहरे भविष्य के लिए जहा एक ओर निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं वहीं इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि राज्य अनावश्यक ऋण के बोझ से न दबे।
पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में अभिवृद्वि राज्य की शीर्ष प्राथमिकता है। पहली बार हमारी सरकार की कार्यकाल में ₹10 हजार करोड से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हुआ है। पूंजीगत परिव्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वर्ष 2023-24 में ₹10982 करोड़ के रिकार्ड को प्राप्त किया था।
इस वर्ष अभी तक ₹7 हजार करोड़ से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हो गया है।

वर्ष 2025-26 के लिए बजट में लगभग 7 प्रतिशत वृद्धि करते हुए ₹4,763.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

आधारभूत अवसंचना को समर्पित अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान इस बजट में हैं-
जमरानी बांध परियोजना हेतु ₹625.00 करोड़
सौंग परियोजना हेतु ₹75.00 करोड़
लखवाड़ परियोजना हेतु ₹285.00 करोड़
राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता (SASCI ₹1,500.00 करोड़
जल जीवन मिशन हेतु समग्र रूप से ₹1,843.44 करोड़
नगरीय पेयजल / जलोत्सारण योजना का निर्माण हेतु ₹100.00 करोड़
अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजनार्न्न्तगत ₹60.00 करोड़
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में विकास सम्बन्धी निर्माण कार्य हेतु ₹8.00 करोड़
लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत पूंजीगत मद में लगभग ₹1,268.70 करोड़ तथा अनुरक्षण के लिए लगभग ₹900 करोड़
ग्राम्य विकास के अन्तर्गत पीएमजीएसवाई हेतु ₹1,065.00 करोड़

अन्य प्रमुख योजनाओं में बजटीय प्रावधानः-
यूनीफार्म सिविल कोड(UCC) हेतु ₹30.00 करोड़
परिवार पहचान पत्र योजना हेतु लगभग ₹10.28 करोड़
राज्य आन्दोलनकारियों को पेंशन हेतु ₹48.00 करोड़
गौ सदनों एवं निराश्रित पशुओं हेतु ₹70.00 करोड़
गैरसैंण में अवस्थापना कार्य हेतु ₹20.00 करोड तथा गैरसैंण विकास परिषद को अनुदान हेतु ₹5.00 करोड़
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना हेतु ₹550.00 करोड़
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम व राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन हेतु समग्र रूप से लगभग ₹989.74 करोड़
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना अन्तर्गत ₹150.00 करोड़
स्प्रिंग एण्ड रिवर रेजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) के अन्तर्गत कुल ₹127. 00 करोड़
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु ₹60.00 करोड़
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु ₹10.00 करोड़

सतत और समावेशी विकास करना हमारी प्राथमिकता है। आदरणीय प्रधानमंत्री ने यह कहा है कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उनके प्रेरणादायी शब्द हमें निरन्तर और बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।

हमने यह निश्चय किया है कि हम देवभूमि उत्तराखण्ड को एक प्रगतिशील, उन्नत एवं हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनायेंगें। गत 24 वर्षों में राज्य ने कई उपलब्धिया प्राप्त की है. किन्तु अभी हमें बहुत आगे जाना है तथा इस प्रदेश को अग्रणी प्रदेश बनाना है। मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग एवं विकल्प रहित संकल्प से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगें।

हम राजनीति नहीं अपितु राष्ट्रनीति को सर्वोपरि मानते हैं। इसीलिए राजनीतिक रूप से लाभ-हानि की चिंता किये बगैर हम प्रदेश के विकास को गति देने के लिए अथक कार्य कर रहे हैं। बड़े स्केल व अधिक स्पीड पर काम कर रहें हैं। जनता की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। जनता के आदेश को शिरोधार्य कर रहें हैं।

विकसित उत्तराखण्ड तथा इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रयासों को इस बजट से गति मिलेगी।

निर्मल पावन भावना है
देवभूमि की समृद्धि की कामना है।

बजट, राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में बजट पेश होने के उपरान्त मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री और पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बजट राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है। जो सरकार की भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट के आकार ने 1 लाख करोड़ को पार किया है। पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम बजट से इस बार का बजट 24 गुना अधिक है। बजट इकोलॉजी, इकोनोमी, इनोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउंटेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना जैसी अनेक नए पहलुओं को इसमें सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट (नमो) अर्थात नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के समावेशी एवं समग्र विकास के लिए (ज्ञान) अर्थात गरीब कल्याण, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केंद्र में रखा गया है। राज्य सरकार ने इस बजट में वित्तीय प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहा हम अपने संसाधनों से राज्य की आय बढ़ाने का प्रयास करेंगे। बजट में शिक्षा, ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, उद्योग आदि क्षेत्रों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के अनुरूप बजट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा केदार के धाम से कहा था कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी को ध्येय लेकर बजट में इस संकल्प की प्राप्ति के लिए प्रयास किए गए हैं, जो आने वाले समय में राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह बजट आदर्श उत्तराखंड बनाने तथा उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के संकल्प को पूरा करेगा।