टोल दिए बिना ही अखिलेश ने काफिले को कराया पार!

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव बुधवार को उस वक्त विवादों में घिर गए जब बाराबंकी के एक टोल प्लाजा मैनेजर ने आरोप लगाया कि अखिलेश के काफिले की लगभग 175 गाड़ियां टोल का भुगतान किए बिना ही निकल गईं।
टोल प्लाजा के मैनेजर ने एक विडियो मीडिया के सामने जारी किया। इस विडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से समाजवादी पार्टी के बैनर और झंडे वाली गाड़ियों का काफिला टोल प्लाजा पर रुके बिना ही तेजी से निकलता है। इस काफिले में लग्जरी गाड़ियों के अलावा बाइकें भी शामिल थीं।
सबसे पहले इस विडियो में लाल रंग का समाजवादी पार्टी के बैनर-झंडे से सजा एक रथ निकलता है और उसके पीछे गाड़ियों का काफिला। हालांकि, विडियो में अखिलेश यादव कहीं दिख नहीं रहे हैं लेकिन दावा किया जा रहा है कि इस काफिले की ही किसी गाड़ी में अखिलेश बैठे थे। यह पहली बार नहीं है जब अखिलेश के काफिले पर टोल नहीं देने का आरोप लगा है, इससे पहले भी नवंबर में विकास यात्रा के दौरान उनके काफिले की गाड़ियों पर टोल न चुकाने के आरोप लगे थे।

किचन में जाते साथ ही चोटी से हाथ गवां बैठी पत्नी

परिवार के सारे लोग आंगन में बैठे थे। इस बीच महिला कमरे में गई और जोरदार चीख मारकर बेहोश हो गई। चीख सुनकर परिजन जब वहां पहुंचे तो महिला की चोटी कटी मिली। इस घटना से रुड़की में भी भय का माहौल पैदा हो गया है।
उत्तराखंड में सहसपुर के बाद अब रुड़की में भी चोटी काटने का मामला सामने आया। यह ताजा मामला गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के तेलीवाला गांव का है। बताया जा रहा है कि जावेद का के घर के सभी लोग रात करीब नौ बजे आंगन में बैठे टेलीविजन देख रहे थे। घर का मेनगेट बंद था। इस बीच जावेद की पत्नी खुशनुमा (21) किसी काम से कमरे में गई। कमरे में जाते ही उसकी चीख सुनाई दी। इस पर परिवार के लोग जब वहां पहुंचे तो खुशनुमा बेहोश मिली। उसकी चोटी कटी हुई थी।
होश में आने के बाद महिला ने परिजनों को बताया कि उसे एक साया नजर आया। इसके बाद क्या हुआ, उसे पता नहीं चला। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। वहीं पुलिस भी मौके पर गई और मामले की जानकारी ली। वहीं, गांव में एक ओर महिला की चोटी काटे जाने की अफवाह उड़ी। गंगनहर कोतवाली प्रभारी अमर चंद शर्मा ने बताया कि मामले कि जांच की जा रही है। पुलिस घटना को संदिग्ध मान रही है।

देश में बैंकिंग महंगी होने के पीछे नोटबंदी और जीएसटी का असर!

कई दशकों से बैकों के कर्ज और कर्ज माफी से उनकी सेहत खराब हो चुकी है। सरकारी बैंकों का इंफ्रा और पॉवर सेक्टर में निवेश डूबा है जिसके चलते उन्हें 6.1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस नुकसान से बैंकों की कारोबारी तेजी लाने के लिए नया कर्ज देने की क्षमता को भी नुकसान हुआ है। वहीं सबसे ज्यादा डूबा कर्ज स्टील, टेक्सटाइल, पॉवर और इंफ्रा क्षेत्र में रहा है। गौरतलब है कि इन क्षेत्रों को दिए गए कर्ज यदि सही कंपनियों को दिए गए होते तो आज बैंकों को सबसे बड़ा मुनाफा इन्ही कर्ज के ब्याज पर होती और ग्राहकों को अच्छी से अच्छी सुविधा सस्ती दरों पर दी जा सकती थी, लेकिन अब बीमार पड़े बैंकों के पास ग्राहकों से धनउगाही कर अपनी लागत घटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
नोटबंदी और जीएसटी ने देश में बैंकिंग को महंगा कर दिया। नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद बैंकों द्वारा मिलने वाली कई मुफ्त सेवाओं पर चार्ज लगा दिया गया था। फिर जुलाई से लागू जीएसटी ने इन चार्जेस पर टैक्स लगाकर आम आदमी के लिए बैंकिंग सेवा को महंगा कर दिया। देश में बैंकों ने बढ़े हुए बैंकिग चार्जेस को अच्छी सुविधा देने क लिए जरूरी बताया तो रिजर्व बैंक ने कहा कि इससे बैंक को चलाने का खर्च कम किया जा सकेगा।
लेकिन अब बैंक ग्राहकों को केन्द्र सरकार और आरबीआई की दलील रास नहीं आ रही है जिसके चलते अलग-अलग फोरम पर बैंकों द्वारा वसूले जा रहे चार्जेस को मनमाने ढंग के उगाही तक कहा जा रहा है। लगातार बढ़ती शिकायतों के चलते केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक भी अब मामले पर गंभीरता से विचार कर रही है।

कैसे चार्ज वसूल रहा बैंक
– बैंक ब्रांच और एटीएम से सीमित मुफ्त निकासी के बाद खाताधारकों से ट्रांजैक्शन चार्ज वसूला जा रहा है
– इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर जैसे नेफ्ट, आरटीजीएस और यूपीआई सेवाओं का इस्तेमाल करने के चार्ज में इजाफा
– एक फ्री चेकबुक के बाद नई चेकबुक लेने पर बैंक द्वारा फीस ली जा रही है
– ग्राहकों द्वारा मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करने पर बैंक फीस ले रही है
– इन सभी चार्जेस पर बैंक द्वारा जीएसटी के नाम पर भी ग्राहकों से पैसा वसूला जा रहा है

ये है बैंकों की सफाई
अब बैंक में पैसा रखने पर ग्राहकों को मिलने वाले ब्याज दर में भी कटौती कर बैंकों ने अपनी कमाई बढ़ा ली है। इन सभी कदमों को जायज ठहराने के लिए बैंक की दलील है कि इस कदम से उनके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर कॉस्ट में लगातार इजाफा हो रहा है। बैंकों को अपनी सेवाओं का विस्तार करने की लागत और मौजूदा ब्रांचेस को चलाने का खर्च बढ़ रहा है। इसके अलावा बैंकों की दलील है कि पहले के मुकाबले देश में बैंकिंग सुविधा में बड़ा सुधार दर्ज हुआ है। इस सुधारी हुई बैंकिंग की लागत को ग्राहकों को भी वहन करने की जरूरत है। वहीं बैंकों की यह भी दलील है कि ट्रांजैक्शन चार्ज केवल भारत में नहीं लिया जा रहा है। दुनियाभर के बैंकों में ग्राहकों से ऐसे चार्ज वसूले जाते है।

हिन्दू है जिम्मेदार तो जिन्ना ने पाकिस्तान की क्यों की थी मांग

पाकिस्तान अपने राष्ट्रवादी नजरिए के मुताबिक इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का काम कर रहा है। इसके लिए इतिहास की किताबों को हथियार बनाते हुए यह बताया जाता है कि जब 70 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान हुए खून-खराबे के लिए हिंदू जिम्मेदार हैं।
पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली सरकारी मान्यता प्राप्त ग्रेड पांच की इतिहास की किताबों में हिंदुओं को ‘हत्यारा’ बताया गया है, जिन्होंने मुसलमानों का नरसंहार किया, उनकी संपत्ति जब्त कर ली और उन्हें भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के 17 साल के नोमान अफजल ने अपनी इतिहास की किताब में लिखे एक उत्तर का जिक्र करते हुए कहा, वे हमें नीचा समझते थे, इसलिए हमने पाकिस्तान बनाया।
महात्मा गांधी के अध्याय, इस बात का साफ उदाहरण है कि सीमा के दोनों और बंटवारे को कितना अलग-अलग तरीके से पेश किया गया है। पाकिस्तान में आजादी के लिए गांधी के संघर्ष का कुछ खास जिक्र नहीं किया गया है, जबकि भारत में उन्हें ‘वन मैन आर्मी’ के तौर पर पेश किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दी राहत, शराब की दुकानें होंगी बहाल

राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में हाईवे पर शराब के ठेके और बार खुल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने नौ पहाड़ी जिलों में हाईवे पर 500 और 220 मीटर दूरी की बाध्यता खत्म कर दी है। देहरादून और नैनीताल की सात तहसीलों को भी इस छूट का लाभ दिया गया है।
शुक्रवार को इसके आदेश मिलने के बाद आबकारी विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने सिक्कम में हाईवे पर दुकान खोलने के लिए दूरी में दी जा रही छूट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। जिसमें कहा गया था कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों की परिस्थितियां भी सिक्किम की तरह हैं। ऐसे में यहां भी उसी आधार पर हाईवे में शराब की दुकानें, ठेके और बार खोलने में दूरी की छूट दी जाए।
इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार के पक्ष में फैसला दिया। जिसमें कहा गया कि सिक्कम के लिए मार्च में दी गई छूट के आधार पर ही उत्तराखंड के नौ पहाड़ी जिलों में दुकानें या बार खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर और 220 मीटर दूरी की बाध्यता नहीं रहेगी। आबकारी आयुक्त युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की है।

इन जिलों में मिलेगी छूट
कोर्ट के इस फैसले से चमोली, चंपावत, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में अब ठेके खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर या 220 मीटर की दूरी नहीं रखनी पड़ेगी। इससे विभाग को राजस्व का भी फायदा होगा।

बेटी की चींख सुनकर आयें परिजनों के उड़े होश

देशभर से आ रही चोटी कटने की तमाम खबरों के बीच अब बिहार और उत्तराखंड से भी चोटी काटे जाने की खबरें आ रही हैं। बिहार में पिछले 24 घंटे के अंदर चोटी कटने के दो मामले और उत्तराखंड से भी एक मामला सामने आया है। राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, एमपी और यूपी के बाद अब बिहार और उत्तराखंड का नाम भी इन घटनाओं से जुड़े राज्यों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है।
पहली घटना बिहार के मोतिहारी जिले की है। जहां राधिका नाम की लड़की बीती रात घर के बाहर सो रही थी। उसी बीच रहस्यमय तरीके से उसकी चोटी कट गई। सुबह राधिका ने अपनी चोटी कटी हुई देखी और शोर मचाना शुरू किया। इस घटना के बाद राधिका का परिवार और पूरा गांव दहशत में है।
उत्तराखंड के सहसपुर में भी फरजाना नाम की एक लड़की की चोटी कटने का मामला सामने आया है। बीती रात लगभग 12 बजे फरजाना की चीख सुनकर घर वालों की आंख खुल गई। परिजन फरजाना के पास पहुंचे तो देखा कि उसकी कटी हुई चोटी बिस्तर पर ही पड़ी थी। इस घटना से फरजाना काफी डरी हुई है।
शनिवार को एक बार फिर दिल्ली से चोटी काटे जाने की दो खबरें आईं हैं। चंदर विहार में बीती रात नीरज नामक महिला तेज सिरदर्द के बाद बेहोश हो गई। सुबह जब उसे होश आया तो उसकी चोटी कटी हुई थी। वहीं जामिया नगर इलाके में एक 13 साल की बच्ची की भी बीती रात चोटी कट गई।

ताकुला मोटर मार्ग में केएमओयू की बस मलबे की चपेट आई

बागेश्वर जिले में बारिश से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। कांडा में एक छात्र गधेरे में बह गया है। एक चरवाहा भी नाले की चपेट में आने से बह गया है। वहीं बागेश्वर-अल्मोड़ा वाया ताकुला मोटर मार्ग में केएमओयू की बस मलबे की चपेट में आने से 50 मीटर खाई में गिर गई है। बारिश से 24 सड़कें आवागमन के लिए बंद हो गई हैं। सरयू व गोमती नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है।


बागेश्वर से हल्द्वानी को जा रही केएमओयू की बस रेखोली के पास भूस्खलन के चपेट में आ गई। मलबे ने बस को करीब 50 मीटर नीचे खाई में धकेल दिया। बस चीड़ के पेड़ पर अटक गई। ड्राइवर ने सूझबूझ का परिचय दिया। गाड़ी में बैठी 20 सवारियां पहले उतार दी। जिससे बड़ा हादसा टल गया। वहीं बीते दिन कांडा में प्राथमिक विद्यालय पंक्चौड़ा से लौट रहा पांचवीं का छात्र स्थानीय नाले में बह गया है। बनेगांव में मवेशियों को चूंगाने जंगल गया युवक भी गधेरे में बह गया है। जिसका शव पिथौरागढ़ जिले के सिमखेत में रेस्क्यू टीम को मिला। वहीं जिले में 24 सड़कों पर मलबा भर गया है। जिससे आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। देवतोली में भारी भूस्खलन से गांव को खतरा पैदा हो गया है। बारिश से सरयू व गोमती नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है।

लगातार बारिश से बीन नदी का जलस्तर बढ़ा

लगातार हो रही बारिश से बीन नदी उफान पर है। ऐसे में बीन नदी में वाहन चालक जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं। यहां उफनती नदी में कई बार वाहन फंसने से यात्रियों की जान मुसीबत में फंस चुकी है। पर्वतीय क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे गंगा भोगपुर से आगे बैराज चीला-हरिद्वार मार्ग के बीच में पड़ने वाली बीन नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने पर हरिद्वार से ऋषिकेश आ रहे वाहन बमुश्किल पार हो सके।
खतरे की आशंका को देखते हुए लक्ष्मणझूला थाना पुलिस ने हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच आवाजाही करने वाले वाहनों को रोक दिया। यातायात बाधित होने पर नदी के इस पार और उस पार वाहन खड़े गए और जलस्तर कम होने का इंतजार करने लगे। करीब 11 बजे नदी का जलस्तर घटा तब जाकर मार्ग पर बाधित यातायात सुचारू होने पर रास्ते में फंसे यात्रियों ने राहत महसूस की। लक्ष्मणझूला थाना प्रभारी प्रदीप कुमार राणा ने बताया कि बीन नदी के उफनाने से बैराज चीला-हरिद्वार मार्ग पर करीब दो घंटे यातायात अवरुद्ध रहा। जलस्तर कम होने पर वाहनों को गंतव्य की ओर रवाना किया। सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर आपदा प्रबंधन की टीम भी तैनात की गई है।

भारी बारिश से कोटद्वार में तबाही, 6 की मौत

कोटद्वार में बारह घंटे की भारी बारिश ने बड़ी तबाही मचाई है। जिसमें 6 लोगों की जान चली गई है। जबकि दुकानों से लेकर घरों तक को भारी नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश के कारण सुबह 9 बजे तक राष्ट्रीय राज्य मार्ग कोटद्वार-दुगड्डा के बीच में अवरूद्ध रहा। जिसके चलते कोटद्वार का अन्य पर्वतीय क्षेत्रों से संपर्क कट गया।
आपदा परिचालन केन्द्र कोटद्वार से मिल रही जानकारी के अनुसार, रिफ्यूजी कालोनी में पनियाली नाले का पानी आने से रिफ्यूजी कालोनी निवासी सीपी अरोड़ा के बेटे लक्ष्य और दर्शन अरोड़ा की पत्नी ज्योति अरोडा की मौत हो गयी। जबकि मानपुर में सुरक्षा दीवार ढहने से राम सिंह रावत की पत्नी शान्ति देवी की मौत हुई है। मानपुर में ही बालक राम के पुत्र अजय की घर में पानी घुसने से मौत हुई है। कोटद्वार तहसील के अन्तर्गत भारी बारिश से रामागांव निवासी मौ0 इदरीश का मकान ढह गया है। जिसमें दबकर उसकी 16 वर्षीय पुत्री मुस्कान बानो की मौत हो गयी, जबकि पत्नी और बेटा घायल हो गये है।
बलभद्रपुर निवासी हरेन्द्र सैनी ने बताया की उसके 65 वर्षीय पिता राजे सिंह खेती करने के लिए दिल्ली फार्म के पास गये थे, जहां नाला पार करते हुए उनकी मौत हो गयी है। वहीं, भारी बारिश के कारण रिफ्यूजी कालोनी में जलभराव के दौरान हुए शॉट सर्किट से एक मकान में आग लग गयी। जिसके कारण रसोई में रखा गैस सिलेण्डर फटने से हरेन्द्र भाटिया पुत्र ओम प्रकाश, हरेन्द्र भाटिया का 19 वर्षीय पुत्र राहुल तथा सुरेन्द्र भाटिया की 42 वर्षीय पत्नी रेनू भाटिया झुलस गये जिनका उपचार स्थानीय राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में किया जा रहा है।
भारी बारिश और बादल फटने की घटना से लोग डरे हुए है। जिसके चलते कोटद्वार के कई क्षेत्रों में बिजली भी गुल है। ओएफसी केबिल के कार्य नही करने से इंटरनेट सेवा भी सुचारु नही हो पाई है। प्रशासन और सामाजिक संस्थायें क्षेत्र में राहत कार्य कर रही है। लोगों में बारिश को लेकर डर बना हुआ है।

टमाटर के बाद अब प्याज की कीमतें भी रुलायेंगी

टमाटर की कीमतों के बाद प्याज की कीमतें भी आम आदमी को परेशान कर सकती है। पिछले एक महीने में प्याज की कीमतों में तीन गुना वृद्धि हुई है और आने वाले दिनों में ये कीमतें और भी बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है। इसके पीछे नासिक में प्याज की थोक मंडियों में प्याज की कीमतों में लगभग 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल है। नासिक के लासलगांव मे प्याज के प्रति कुंतल दाम 1,240 रू से बढ़कर 2,340 रू प्रति कुंतल तक पहुंच गए हैं।
एशिया की सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी आजादपुर मंडी में पिछले एक महीने में प्याज की कीमतें तिगुनी हो चुकी हैं। व्यापारियों का कहना है कि सबसे अधिक प्याज नासिक से आता है। लेकिन इस बार ये प्याज बाढ़ग्रस्त इलाको में और दक्षिण भारतीय राज्यों में चला गया है। जिस वजह से वहां पर भी दाम बढ़ गए हैं और आने वाले वक्त में आम आदमी को प्याज की दोगुनी कीमत चुकानी पड़ सकती है।